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samphirefoodandpharma · 4 years ago
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फेरीकोफ® कॅफ सिरप
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फेरीकोफ® कॅफ सिरप / फेरीकोफ® एस. एफ. कॅफ सिरप
                                                  सैमफायर कॅफ फार्मूला
                                                       जोशांदा दर्जा खास
फेरीकोफ® सैमफायर कॅफ फार्मूला सिरप 32 तरह की आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का मिश्रण है जो आपके श्वसन प्रणाली के साथ पाचन तंत्र पर भी प्रभाव डालता हैं। यह सभी प्रकार की खाँसी जैसे :- सुखी खाँसी या वलगमी खाँसी, एलर्जी से होने वाली खाँसी, गले में खराश की वजह से खाँसी, टी.बी. या दमे के कारण होने वाली खाँसी, धुम्रपान के कारण होने वाली खाँसी और मौसम के परिवर्तन के कारण हुई खाँसी में प्रभावी राहतकारी, छाती की समस्याओं से छुटकारा दिलाकर और साँस लेने की समस्याओं में सुधार करती है।
32 आयुर्वेदिक तत्व:-
मुलेठी अपने ब्रोन्कोडायलेटर गुणों के कारण खांसी, गले में खराश जैसी स्थितियों को ठीक करने में लाभदायक होता है और क्रोनिक अस्थमा के प्रभाव को भी कम करता है।
ऊनाब में ऊर्जा, विटामिन व खनिजों तत्व होता है यह आपको खांसी से बहुत राहत देता है जो आपके श्वसन तंत्र को शांत करने में मदद करता है व रोगप्रतिरोधक क्षमता ��ो भी मजबूत करता है।
भरिंगी गले में सूजन, अस्थमा, खांसी और हिचकी जैसी स्थितियों के प्रभाव को कम करता है।
बन्फाश आमतौर पर खांसी, गले में खराश और स्वर बैठना ,गला बैठना जैसी स्थितियों में लाभदायक होता है।
अडूसा वसा कफोत्सारक प्रभावों के कारण जमे हुए बलगम को कम करता है यह ब्रोन्कियल ट्यूबस को साफ करता है और खांसी, श्वास और ब्रोंकाइटिस से जुडी परेशानीयों को दूर करने में मदद करता है।
गुलाब फूल श्वसन तंत्र, अस्थमा और खांसी को दूर करने में मदद करता है।
बड़ी इलायची का उष्ना गर्म गुणों के कारण खांसी के उपचार में लाभदायक होता है। यह श्वसन मार्ग से अतिरिक्त बलगम को हटाने में मदद करता है और राहत प्रदान करता है।
तालीस पत्र खांसी, अस्थमा, सामान्य सर्दी, छींके, एलर्जी और ऊपरी श्वसन संक्रमण जैसे रोगों में उपचार के लिए लाभदायक होता है।
पिपला मूल आमतौर पर खांसी, अस्थमा, कब्ज, मधुमेह और जीभ के पक्षाघात को दूर करने में मदद करता है।
ककर सिंघी खांसी के उपचार लिए पारंपरिक आयुर्वेदिक के तौरपर उपयोग किया जाता है।
सोंठ में शक्तिशाली कफ दमनकारी गुण होते हैं इसके अलावा इस में कई उड़नषाील द्र्रव्य भी होते हैं जो खांसी के साथ-साथ सर्दी-जुकाम के उपचार में भी लाभदायक है।
पुदीने की पत्तियां आपको ठंड और अस्थमा से राहत देने में मदद करती है।
तुलसी के पत्ते खांसी, सर्दी-जुकाम और बुखार के उपचार में लाभदायक होता है।
जुफा बदलते मौसम में गले के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।
लौंग लंबे समय से खांसी और गले में खराश के उपचार में लाभदायक माना जाता है।
पीपल के फल खांसी, पित्त, रक्त संबंधी समस्याओं, जलन और उल्टी आदि के उपचार में लाभदायक होता है।
कायफल खांसी और गले के दर्द का उपचार करती है।
कासनी खांसी के लिए अत्यधिक प्रभावी व गले में खराश से राहत प्रदान करता है।
कूठ अस्थमा के उपचार में उपयोग किया जाता है। इसके निष्पादक गतिविधि के कारण यह हवा मार्ग से बलगम को हटाने में मदद करता है जिसे सांस लेने में आसानी होती है।
गिलोय का उपयोग श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे अक्सर होने वाली खांसी, सर्दी-जुकाम को कम करने के लिए किया जाता है।
आंवला खांसी में सुधार करता है और सर्दी का इलाज करता है।
सौंफ सर्दी, खांसी और फ्लू के खतरे को कम करने में मदद करता है और तुरंत राहत प्रदान करता है। यह कई मौसमी संक्रमणों को दूर रखने में मदद करता है और आपके शरीर को भीतर से गर्म रखने में मदद करता है।
कंटकारी सांस की तकलीफ, खांसी, बुखार आदि बिमारियों के उपचार में हितकारी होती है।
पुष्करमूल चरक-संहिता में सांस, बुखार, डायबिटीज, तपेदिक, खांसी, सिरदर्द, वातरोग, दमा और कफ आदि रोगों के उपचार में लाभदायक होता है।
अनन्तमूल दमा, खांसी, बुखार आदि रोगों के उपचार में उपयोग किया जाता है।
खातमी में खांसी, कफ और गले की जलन को कम करने वाले औषधीयां गुण होते है। यह श्वसन बिमारियों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
खुबजी बैक्टि��ियल इन्फेक्शन को रोकने और सीने में होने वाले जलन को ठीक करने में लाभकारी माना जाता है।
अमलतास सर्दी, जुकाम और बहती नाक के उपचार में भी लाभदायक है।
गाजवान एंटी-सेप्टिक और एंटी-फंगल गुणों के कारण इस का हलकी-फुलकी बुखार, गले की समस्या, खाँसी-निवारक और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपचार में उपयोग किया जाया है।
सत पुदीना सामान्य सर्दी-जुकाम, सिरदर्द और अन्य स्थितियों के उपचार में लाभदायक होता है।
नौसादर विभिन्न रोगों जैसेः- खांसी, जुकाम, अस्थमा एवं अपच आदि की उपचार में प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है।
शहद विभिन्न रोगाणुरोधी गुणों के कारण खांसी से राहत देने में मदद करता है।
फेरीकोफ सिरप की विशेषताएं :-
इस का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
इस को पीते ही तुरंत राहत महसूस होती है
इस को पीने से नींद नहीं आती है।
इस को पीने से कोई घबराहट नहीं  होती है।
यह बिल्कुल नशा मुक्त है।
इसमें 32 हर्बल (आयुर्वेदिक) तत्व हैं।
यह 100% आयुर्वेदिक तत्व से बना हुआ हैं। 
लाभकारी गुण
हर प्रकार की खाँसी में लाभकारी है।
वलगमी, एलर्जी या सूखी खाँसी में लाभकारी है।
टी.बी. या दमे के कारण होने वाली खाँसी में लाभकारी है।
धुम्रपान, Pollution या मौसम के परिवर्तन के कारण होने वाली खाँसी में भी लाभकारी है।
जो बच्चें Nebulizer का प्रयोग करते है अगर वह लगातार इसको इस्तेमाल करें तो Nebulizer से छुटकारा पाया जा सकता है।
 खुराक
बच्चों                :5-10 ml दिन में दो या तीन बार गर्म पानी के साथ लें या चिकित्सक के निर्देश अनुसार लें।
वयस्क व्यक्ति           :10-20 ml दिन में दो या तीन बार गर्म पानी के साथ लें या चिकित्सक के निर्देश अनुसार लें।
फेरीकोफ® एस.एफ कॅफ सिरप खास तौर पर मधुमेह की बिमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए तैयार किया गया है।
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जरुरी नोट:-
अगर FERIKOF/FERIKOF-SF Cough Syrup का इस्तेमाल 30 से 40 ml हर रोज दिन में 2 बार खाली पेट गर्म पानी के साथ चाय की तरह उपयोग किया जाये तो गले से होने वाले रोग खाँसी, नज़ला, जुकाम या Corona जैसे रोगों के बचाव हेतु यह जोशांदा काढ़ा बहुत ही लाभकारी दवाई है।
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