Tumgik
#raghuveer singh meena
newshindiplus · 4 years
Text
रघुवीर सिंह मीणा ने फेसबुक पेज पर फोटो अपलोड कर लिखा ये स्लोगन, निकाले जा रहे कई मतलब
रघुवीर सिंह मीणा ने फेसबुक पेज पर फोटो अपलोड कर लिखा ये स्लोगन, निकाले जा रहे कई मतलब
[ad_1]
Tumblr media
कांग्रेस नेता रघुवीर सिंह मीणा ने अपने फेसबुक पोस्ट में इस तस्वीर को अपलोड किया रघुवीर सिंह मीणा (Raghuveer Singh Meena) के फेसबुक पोस्ट (Facebook Post) में, ‘वक्त है बदलाव का, वक्त है आपका’ स्लोगन लिखा है, जिसकी मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में…
View On WordPress
0 notes
doonitedin · 5 years
Text
CWC rejects Congress president Rahul Gandhi's resignation
CWC rejects Congress president Rahul Gandhi’s resignation
Hours after rejecting reports of Congress president Rahul Gandhi offering to resign from his post, the grand old party confirmed that the party chief requested to step down but the Congress Working Committee (CWC) rejected it. Addressing the media on Saturday afternoon in New Delhi, Congress leader Randeep Singh Surjewala read a statement issued by the CWC in which the party said that the…
View On WordPress
0 notes
meenasamaj-blog · 7 years
Photo
Tumblr media
पाँचना बाँध जीवन रेखा पाँचना बाँध जीवन रेखा । पाँचना बाँध के बारे में कई बार लिखा गया है । Raghuveer Prasad Meena ji Dr Bhoor Singh ji , Chhagan Lal Meena ji एवं मेरे द्वारा कई बार इस बिषय पर सोशलमीडिया के माध्यम से जागरूकता के लिये मुहिम चलाई । गंगापुर सिटी में कुछ युवाओं द्वारा आमरण अनशन किया था । उनकी भी माँगो में पाँचना बाँध की नहर शामिल थी । शायद 2008 के बाद नहरों में पानी नही नही छोड़ा जा रहा है । गुर्जर मीना आरक्षण के बाद बाँध की डूब क्षेत्र के लोगो ने माँग रखी कि उन्हें पानी दिया जाए । गुड़ला लिफ़्ट पर क़रीब काम पूरा हो गया है फ़िर भी कमांड क्षेत्र को पानी नहीं है । इस बार तो कमांड क्षेत्र में मवेशियों के लिये भी पानी नही है। मैने Dr Bhoor Singh Meena, Chhagan Lal जी ने एक वाट्सएप ग्रुप बनाकर जनप्रतिंनिधि वरिष्ठ अधिकारी एवं जुझारू युवाओं के सहयोग से किसानों को इस मुद्दे से जोड़ने की मुहिम चलाई थी । अभी तक राजनेताओ ने इस मुद्दे पर सिर्फ़ राजनीति की है। जनता हताश है और सोचती है कोई राजनेता नहर खुलबायेगा लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ । सरकार जनप्रतिंनिधि एवं किसानों के बीच सेतू की ज़रूरत थी ताकि एक संवाद बन सके । जनता को अपने हक़ के लिये स्वयं लड़ना होगा परन्तु कौन आगे आये । ड़र रहता था कि कोई पीछे भी आयेगा या उपहास होगा । ग्रुप पर ज़ोश देखकर निर्णय किया कि सभी गाँवो को जोड़कर एक संस्था क्यों नही बनाये . ताकि सरकार जनप्रतिंनिधि और किसानो के बीच एक संवाद बना सके । हताश किसानों को अपने हक़ के लिये लड़ने को प्रेरित कर सके । हम एक संस्था पंजीकरण करवा रहे हैं । उसी को अमलीजामा पहनाने के लिये के लिये 13 जनवरी 2 बजे को हनुमानजी की बगीची पीलोदा स्टेशन पर मीटिंग रखी है। प्रत्येक गाँव से किसानों को एकत्रित किया जायेगा । संस्था का स्वरूप उसका संविधान सदस्यों का चयन आदि विषयों पर चर्चा होगी । कुछ सदस्य फ़ेसबुक पर बढ़िया बात करते हैं परन्तु हमारे ग्रुप में शांत है । कुछ जनप्रतिंनिधि एव अधिकारी ग्रुप भी छोड़े बिना कुछ कारण बताये । इस मुहिम को फ़ेसबुक से दूर ही रखना चाहते थे। परंतु कुछ मित्रों का सुझाब था कि ग्रुपों पर भी शेयर करे हो सकता है कुछ साथी और मिले इस मुहिम में जुड़ने के लिये।
0 notes