Tumgik
#pitrpuja
astrovastukosh · 1 year
Text
Tumblr media
💥बुद्धिमान, धनवान, धर्मात्मा व दीर्घजीवी संतान हेतु💥
👉मनु महाराज कहते हैं कि किसी स्त्री को दीर्घजीवी, यशस्वी, बुद्धिमान, धनवान, संतानवान ( पुत्र-पौत्रादि संतानों से युक्त होनेवाला), सात्त्विक तथा धर्मात्मा पुत्र चाहिए तो श्राद्ध करे और श्राद्ध में पिंडदान के समय बीच का ( पितामह संबंधी) पिंड उठाकर उस स्त्री को खाने को दे दिया । ‘आधत्त पितरो गर्भ कुमारं पुष्करस्त्रजम ।’ (पितरो ! आप लोग मेरे गर्भ में कमलों की माला से अलंकृत एक सुंदर कुमार की स्थापना करें ।) इस मंत्र को प्रार्थना करते हुए स्त्री पिंड को ग्रहण करे श्रद्धा-भक्तिपूर्वक यह विधि करने से उपरोक्त गुणोंवाला बच्चा होगा ।*
👉(इस प्रयोग हेतु पिंड बनाने के लिए चावल को पकाते समय उसमें दूध और मिश्री भी डाल दें । पानी एवं दूध की मात्रा उतनी ही रखें जिससे उस चावल का पिंड बनाया जा सके । पिंडदान – विधि के समय पिंड को साफ़-सुथरा रखें ।👇
🚩Hearty welcome to our social channel Jyotish With Akshay G.🚩
ज्योतिष, वास्तु एवं अंकशास्त्र से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हमसे जुड़ें l नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें 👇 👉Whatsapp Link
https://chat.whatsapp.com/BsWPoSt9qSj7KwBvo9zWID
👉Telegram Link
https://t.me/JyotishWithAkshayG
👉INSTAGRAM Link
https://www.instagram.com/jyotishwithakshayg/
👉Whatsapp Channel Link:
https://whatsapp.com/channel/0029Va51s5wLtOj7SaZ6cL2E
☎️👇
9837376839
0 notes
astrovastukosh · 1 year
Text
Tumblr media
💥महालय श्राद्ध💥
👉पितृपक्ष : 29 सितम्बर से 14 अक्टूबर 2023*
👉01 अक्टूबर 2023, रविवार - तृतीया का श्राद्ध*
👉उत्तम अर्थ की प्राप्ति के अभिलाषी को तृतिया विहित है। यही तृतिया शत्रुओं का नाश करने वाली और पाप नाशिनी है ।*
👉जिन पूर्वजों ने हमें अपना सर्वस्व देकर विदाई ली, उनकी सद्गति हो ऐसा सत्सुमिरन करने का अवसर यानी 'श्राद्ध पक्ष' ।*
👉श्राद्ध पक्ष का लम्बा पर्व मनुष्य को याद दिलाता है कि 'यहाँ चाहे जितनी विजय प्राप्त हो, प्रसिद्धि प्राप्त हो परंतु परदादा के दादा, दादा के दादा, उनके दादा चल बसे, अपने दादा भी चल बसे और अपने पिताजी भी गये या जाने की तैयारी में हैं तो हमें भी जाना है।'*
💥श्राद्ध हेतु आवश्यक बातें💥
👉जिनका श्राद्ध करना है, सुबह उनका मानसिक आवाहन करना चाहिए । और जिस ब्राह्मण को श्राद्ध का भोजन कराना है उसको एक दिन पहले न्योता दे आना चाहिए ताकि वह श्राद्ध के पूर्व दिन संयम से रहे, पति-पत्नी के विकारी व्यवहार से अपने को बचा ले । फिर श्राद्ध का भोजन खिलाते समय -*
👉देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च ।*
*नमः स्वधायै स्वाहायै नित्यमेव नमो नमः ॥*
*( अग्नि पुराण : ११७.२२)*
👉यह श्लोक बोलकर देवताओं को, पितरों को, महायोगियों को तथा स्वधा और स्वाहा देवियों को नमस्कार किया जाता है और प्रार्थना की जाती है कि 'मेरे पिता को, माता को... (जिनका भी श्राद्ध करते हैं उनको) मेरे श्राद्ध का सत्त्व पहुँचे, वे सुखी व प��रसन्न रहें ।'*
👉श्राद्ध के निमित्त गीता के ७वें अध्याय का माहात्म्य पढ़कर पाठ कर लें और उसका पुण्य जिनका श्राद्ध करते हैं उनको अर्पण कर दें, इससे भी श्राद्धकर्म सुखदायी और साफल्यदायी होता है ।*
💥श्राद्ध करने से क्या लाभ होता है ?💥✍🏻
👉आप श्राद्ध करते हैं तो (१) आपको भी पक्का होता है कि 'हम मरेंगे तब हमारा भी कोई श्राद्ध करेगा परंतु हम वास्तव स में नहीं मरते, हमारा शरीर छूटता शरीर के मरने के बाद भी हमारा अस्तित्व रहता है इसका आपको पुष्टीकरण होता है ।*
👉देवताओं, पितरों, योगियों और स्वधा-स्वाहा देवियों के लिए सद्भाव होता है ।*
👉भगवद्गीता का माहात्म्य पढ़ते हैं, जिससे पता चलता है कि पुत्रों द्वारा पिता के लिए किया हुआ सत्कर्म पिता की उन्नति करता है और पिता की शुभकामना से पुत्र-परिवार में अच्छी आत्माएँ आती हैं ।*
👉ब्रह्माजी ने सृष्टि करने के बाद देखा कि 'जीव को सुख-सुविधाएँ दीं फिर भी वह दुःखी है' तो उन्होंने यह विधान किया कि एक-दूसरे का पोषण करो । आप देवताओं-पितरों का पोषण करो, देवता पितर आपका पोषण करेंगे । आप सूर्य को अर्घ्य देते हैं, आपके अर्घ्य के सद्भाव से सूर्यदेव पुष्ट होते हैं और यह पुष्टि विरोधियों, असुरों के आगे सूर्य को विजेता बनाती है । जैसे रामजी को विजेता बनाने में बंदर, गिलहरी भी काम आये ऐसे ही सूर्य को अर्घ्य देते हैं तो सूर्य विजयपूर्वक अपना दैवी कार्य करते हैं, आप पर प्रसन्न होते हैं और अपनी तरफ से आपको भी पुष्ट करते हैं ।*
👉देवान्भावयतानेन ते देवा भावयन्तु वः । परस्परं भावयन्तः श्रेयः परमवाप्स्यथ ॥*
👉'तुम इस यज्ञ (ईश्वरप्राप्ति के लिए किये जानेवाले कर्मों) के द्वारा देवताओं को तृप्त करो और (उनसे तृप्त हुए) वे देवगण तुम्हें तृप्त करें । इस प्रकार (निःस्वार्थ भाव से) एक-दूसरे को तृप्त या उन्नत करते हुए तुम परम कल्याण को प्राप्त हो जाओगे ।'* (गीता : ३.११)
👉देवताओं का हम पोषण करें तो वे सबल होते हैं और सबल देवता वर्षा करने, प्रेरणा देने, हमारी इन्द्रियों को पुष्ट करने में लगते हैं । इससे सबका मंगल होता है ।*
💥 रविवार विशेष💥
👉रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
👉रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
👉रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
👉रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*
👉रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*
👉स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*
👉रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*
👉 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।✍🏻
🚩Hearty welcome to our social channel Jyotish With Akshay G.🚩
ज्योतिष, वास्तु एवं अंकशास्त्र से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हमसे जुड़ें l नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें 👇 👉Whatsapp Link
https://chat.whatsapp.com/BsWPoSt9qSj7KwBvo9zWID
👉Telegram Link
https://t.me/JyotishWithAkshayG
👉INSTAGRAM Link
https://www.instagram.com/jyotishwithakshayg/
👉Whatsapp Channel Link:
https://whatsapp.com/channel/0029Va51s5wLtOj7SaZ6cL2E
9837376839
1 note · View note
astrovastukosh · 1 year
Text
Tumblr media
💥🌹महालय श्राद्ध🌹*💥
🚩पितृपक्ष : 29 सितम्बर से 14 अक्टूबर 2023
👉30 सितम्बर 2023, शनिवार - द्वितीय का श्राद्ध*
👉श्राद्धयोग्य तिथियाँ (भाग -२)
👉द्वितिया को श्राद्ध करने वाला व्यक्ति राजा होता है ।*
👉उत्तम अर्थ की प्राप्ति के अभिलाषी को तृतिया विहित है। यही तृतिया शत्रुओं का नाश करने वाली और पाप नाशिनी है ।*
👉जो चतुर्थी को श्राद्ध करता है वह शत्रुओं का छिद्र देखता है अर्थात उसे शत्रुओं की समस्त कूटचालों का ज्ञान हो जाता है ।*
👉पंचमी तिथि को श्राद्ध करने वाला उत्तम लक्ष्मी की प्राप्ति करता है ।*
👉जो षष्ठी तिथि को श्राद्धकर्म संपन्न करता है उसकी पूजा देवता लोग करते हैं ।*
👉जो सप्तमी को श्राद्धादि करता है उसको महान यज्ञों के पुण्यफल प्राप्त होते हैं और वह गणों का स्वामी होता है ।*
👉जो अष्टमी को श्राद्ध करता है वह सम्पूर्ण समृद्धियाँ प्राप्त करता है ।*
👉नवमी तिथि को श्राद्ध करने वाला प्रचुर ऐश्वर्य एवं मन के अनुसार अनुकूल चलने वाली स्त्री को प्राप्त करता है ।*
👉दशमी तिथि को श्राद्ध करने वाला मनुष्य ब्रह्मत्व की लक्ष्मी प्राप्त करता ह�� ।*
👉एकादशी का श्राद्ध सर्वश्रेष्ठ दान है। वह समस्त वेदों का ज्ञान प्राप्त कराता है । उसके सम्पूर्ण पापकर्मों का विनाश हो जाता है तथा उसे निरंतर ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है ।*
👉द्वादशी तिथि के श्राद्ध से राष्ट्र का कल्याण तथा प्रचुर अन्न की प्राप्ति कही गयी है ।*
👉त्रयोदशी के श्राद्ध से संतति, बुद्धि, धारणाशक्ति, स्वतंत्रता, उत्तम पुष्टि, दीर्घायु तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है ।*
👉चतुर्दशी का श्राद्ध जवान मृतकों के लिए किया जाता है तथा जो हथियारों द्वारा मारे गये हों उनके लिए भी चतुर्दशी को श्राद्ध करना चाहिए ।*
👉अमावस्या का श्राद्ध समस्त विषम उत्पन्न होने वालों के लिए अर्थात तीन कन्याओं के बाद पुत्र या तीन पुत्रों के बाद कन्याएँ हों उनके लिए होता ह । जुड़वे उत्पन्न होने वालों के लिए भी इसी दिन श्राद्ध करना चाहिए ।*
👉सधवा अथवा विधवा स्त्रियों का श्राद्ध आश्विन (गुजरात-महाराष्ट्र के मुताबिक भाद्रपद) कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि के दिन किया जाता है ।*
👉बच्चों का श्राद्ध कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है ।*
👉दुर्घटना में अथवा युद्ध में घायल होकर मरने वालों का श्राद्ध कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है ।*
👉जो इस प्रकार श्राद्धादि कर्म संपन्न करते हैं वे समस्त मनोरथों को प्राप्त करते हैं और अनंत काल तक स्वर्ग का उपभोग करते हैं । मघा नक्षत्र पितरों को अभीष्ट सिद्धि देने वाला है । अतः उक्त नक्षत्र के दिनों में किया गया श्राद्ध अक्षय कहा गया है । पितृगण उसे सर्वदा अधिक पसंद करते हैं ।*
👉जो व्यक्ति अष्टकाओं में पितरों की पूजा आदि नहीं करते उनका यह जो इन अवसरों पर श्राद्धादि का दान करते हैं वे देवताओं के समीप अर्थात् स्वर्गलोक को जाते हैं और जो नहीं करते वे तिर्यक्(पक्षी आदि अधम) योनियों में जाते हैं ।*
👉रात्रि के समय श्राद्धकर्म निषिद्ध है । (वायु पुराणः 78.3)*
👉💥शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 💥
👉शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*
👉हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*
👉आर्थिक कष्ट निवारण हेतु
👉एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*👇
🚩Hearty welcome to our social channel Jyotish With Akshay G.🚩
ज्योतिष, वास्तु एवं अंकशास्त्र से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हमसे जुड़ें l नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें 👇 👉Whatsapp Link
https://chat.whatsapp.com/BsWPoSt9qSj7KwBvo9zWID
👉Telegram Link
https://t.me/JyotishWithAkshayG
👉INSTAGRAM Link
https://www.instagram.com/jyotishwithakshayg/
👉Whatsapp Channel Link:
https://whatsapp.com/channel/0029Va51s5wLtOj7SaZ6cL2E
9837376839
0 notes
astrovastukosh · 1 year
Text
*🍁 श्राद्ध में कौओं को भोजन कराने का रहस्य 🍁*
सनातन धर्म जो कि पूर्णतः वैज्ञानिक है ये पूरा विश्व मान चुका है हमारे ऋषि मुनियों ने बहुत शोध किये हैं,,, और अब विश्व उन पर शोध कर रहा है,,,ऋषि मुनियों ने बहुत सी बातें धर्म से इसलिए जोड़ दी जिससे अनन्त काल तक बिना तर्क के चलती रहे..
जैसे कि श्राद्ध में कौओं को भोजन कराना इसके पीछे भी वैज्ञानिक रहस्य है पीपल और बरगद ये 2 वृक्ष ऐसे है प्रकृति में जिनके बीज नही मिलते न इनकी कोई कलम रोप सकता है जितनी मर्जी कलम रोपने की कोशिश कर लो नही लगेगी।
कारण प्रकृति ने यह दोनों उपयोगी वृक्षों को लगाने के लिए अलग ही व्यवस्था कर रखी है।
यह दोनों वृक्षों के टेटे कौवे खाते हैं और उनके पेट में ही बीज की प्रोसेसींग होती है और तब जाकर बीज उगने लायक होते हैं। उसके पश्चात कौवे जहां-जहां बीट करते हैं, वहां वहां पर यह दोनों वृक्ष उगते हैं इसलिए कई बार आपने देखा होगा घरों की दीवारों पर भी पीपल उग जाता है,,उसका कारण वही है कि कौए ने उस दीवार पर बीट की होगी जिससे वँहा पौधा निकल आया।
पीपल जगत का एकमात्र ऐसा वृक्ष है जो round-the-clock ऑक्सीजन O2 छोड़ता है और बरगद के औषधि गुण अपरम्पार है।
देखो अगर यह दोनों वृक्षों को उगाना है तो बिना कौवे की मदद से संभव नहीं है इसलिए कौवे को बचाना पड़ेगा।
और यह होगा कैसे?
मादा कौआ भादो महीने में अंडा देती है और नवजात बच्चा पैदा होता है।
तो इस नयी पीढ़ी के उपयोगी पक्षी को पौष्टिक और भरपूर आहार मिलना जरूरी है इसलिए ऋषि मुनियों ने कौवों के नवजात बच्चों के लिए हर छत पर श्राद्ध के रूप मे पौष्टिक आहार
की व्यवस्था कर दी।
जिससे कि कौवों की नई जनरेशन का पालन पोषण हो सके......
इसलिए श्राद्ध करना प्रकृति के रक्षण के लिए नितांत आवश्यक है।
घ्यान रखना जब भी बरगद और पीपल के पेड़ को देखो तो अपने पूर्वज तो याद आएंगे ही क्योंकि उन्होंने श्राद्ध दिया था इसीलिए यह दोनों उपयोगी पेड़ हम देख रहे हैं।
हमारे सनातन धर्म की प्रत्येक रीति पूर्णतः वैज्ञानिक है,,इसलिए किसी भी तर्क वाद-विवाद में न पड़के अपनी रीतियों को निभाते रहिए,,इसी में प्रकृति और लोक कल्याण है !
#vastu #astrology #remedy #numerologist #luckycolor #tarotreading #tarotcard #luckynumber #numerology #horoscope #tarotcardreading #astrologer
#akshayjamdagni #hindidiwas #hindi #hindiwriters #hindiquotesindia #hindiquotes
0 notes
astrovastukosh · 1 year
Text
youtube
0 notes
astrovastukosh · 1 year
Text
Tumblr media
पितृ दोष निवारण मंत्र 'ॐ श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः', ॐ प्रथम पितृ नारायणाय नमः, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ये सभी मंत्र आपको पितृ दोष से मुक्ति दिलाने में मदद करते हैं और यदि आप इन मंत्रों का जाप विधि-विधान से करते हैं तो पितरों को मुक्ति मिलती है और उनका आशीर्वाद मिलता है.
इसके लिए आपको कुश, अक्षत्, जौ और काला तिल का उपयोग करना चाहिए। तर्पण करने के बाद पितरों से प्रार्थना करनी चाहिए, ताकि वे संतुष्ट हों और आपको आशीर्वाद दें। जब आप देवताओं के लिए तर्पण करें तो उस समय आप पूर्व दिशा में मुख करके कुश लेकर अक्षत् से तर्पण करें। इसके बाद जौ और कुश लेकर ऋषियों के लिए तर्पण करें। #akshayjamdagni #pitrapaksha
🚩Hearty welcome to our social channel Jyotish With Akshay G.🚩
ज्योतिष, वास्तु एवं अंकशास्त्र से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हमसे जुड़ें l नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें 👇 👉Whatsapp Link
https://chat.whatsapp.com/BsWPoSt9qSj7KwBvo9zWID
👉Telegram Link
https://t.me/JyotishWithAkshayG
👉INSTAGRAM Link
https://www.instagram.com/jyotishwithakshayg/
👉Whatsapp Channel Link:
https://whatsapp.com/channel/0029Va51s5wLtOj7SaZ6cL2E
9837376839
0 notes
astrovastukosh · 1 year
Text
Tumblr media
🌹महालय श्राद्ध🌹*
👉पितृपक्ष : 29 सितम्बर से 14 अक्टूबर 2023*
👉जिनके कुल खानदान में श्राद्ध नहीं होते हैं उनके कुल खानदान में दीर्घजीवी, बुद्धिमान एवं माता-पिता की आदर करनेवाली संतानें नहीं होती । विष्णु पुराण में कहा कि पितृगणहीन जो पितृगण की पूजन या पितरों को नहीं मानता वो पितृगणहीन ब्रह्मा, इन्द्र, रुद्र, अश्विनीकुमार, सूर्य, अग्नि और अष्टवसु, वायु, ऋषि, मनुष्य पशु-पक्षी, सरीसृप समस्त प्राणी उसके सत्कृत्यों से संतुष्ट नहीं होते, स्वीकार नहीं करते हैं । लेकिन जो पितृ पूजन आदि करता हैं उनपर इन सभी की प्रसन्न दृष्टि रहती है ।*
💥कैसे हो पितृदोष का निवारण ?💥
👉मृतक का विधिवत् अंतिम संस्कार व श्राद्ध न करने से, पितरों का अपमान करने से, पीपल आदि देववृक्षों को काटने या कटवाने से, किसी निर्दोष जानवर को सताने आदि से पितृदोष होता है । इससे पारिवारिक कलह, अशांति और विघ्न- बाधाएँ आती हैं । इन उपायों को करने से आप पितृदोष का निवारण कर सकते हैं :*
👉देवी भागवत में आता है कि भगवान नारायण नारदजी से कहते हैं: 'जो स्वधा देवी की उपासना न करके श्राद्ध करता है उसके श्राद्ध और तर्पण सफल नहीं होते।' तो श्राद्ध के दिनों में शांति से बैठकर पितृदोष-निवृत्ति के लिए स्वधा देवी को प्रार्थना करें और इस मंत्र का जप करें:*
💥*ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं स्वधादेव्यै स्वाहा ।*💥
👉पितृपक्ष में एक लोटे में पानी, थोड़ा-सा गंगाजल व गाय का दूध ले के उसमें फूल, तुलसी के पत्ते तथा काले तिल डालकर दोपहर के समय मन-ही-मन भगवन्नाम-उच्चारण करके पितरों के कल्याण का चिंतन करते हुए पीपल के पेड़ में चढ़ायें ।*
👉 श्राद्धपक्ष के दिनों में शाम के समय दक्षिण दिशा की ओर तिल के तेल का अथवा गाय के घी का दीपक जलायें । थोड़ी देर शांत बैठकर गुरुमंत्र या इष्टमंत्र का जप करें और उसका पुण्यफल पितरों को अर्पण करें ।*
💥 त्रिकाल संध्या में गौ-चंदन धूपबत्ती जलाकर अथवा गौ-गोबर के कंडों पर गूगल का धूप (गूगल धूप ) करके ध्यान, जप करें । बीच- बीच में बूंद-बूंद घी डालते रहें । आरती के समय कपूर जलायें । इससे घर का वातावरण शुद्ध रहता है और पितृदोष का शमन होता है (अन्य दिनों में भी इस प्रकार त्रिकाल संध्या करने से घर का वातावरण सात्त्विक होगा, रोजी-रोटी की चिंता नहीं करनी पड़ेगी)।💥
👉ज्योतिषशास्त्र, वास्तुशास्त्र, अंकविज्ञान के उपाय, आध्यात्मिक की रोचक जानकारियां जानने के लिए हमसे जुड़े
Whatsapp Link
https://chat.whatsapp.com/BsWPoSt9qSj7KwBvo9zWID
#vastu #astrology #remedy #numerologist #luckycolor #tarotreading #tarotcard #luckynumb
1 note · View note