#paushtik bhojan for pregnancy
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ghareluayurvedicupay · 4 years ago
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गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक भोजन
डॉक्टर द्वारा महिलाओं के गर्भावस्था के दौरान बहुत खास ख्याल रखने के लिए कहा जाता है महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य दोनों के बारे में ख्याल रखना होता है इसके लिए महिलाओं को रहन-सहन और स्वस्थ भोजन करने की सलाह दी जाती है महिला को गर्भावस्था के दौरान अपने खानपान का खास तौर से ध्यान रखना होता है क्योंकि खान-पान का असर उसके बच्चे पर पड़ता है और उसका शारीरिक विकास में सुधार होता है सही खान-पान के नहीं होने से बच्चे की शारीरिक विकास पर असर पड़ सकता है।
इसके लिए महिलाओं को सभी उपयोगी और पोषक तत्व वाली चीजों का सेवन करना चाहिए।  महिलाओं को समय-समय पर खानपान में बदलाव करना चाहिए और उन्हें जरूरत वाली चीजों का सेवन करना चाहिए जिसमें बदाम प्रोटीन वाली चीजें दाल दूध वाली चीजें हैं। सब्जियां फल-फूल आदि का सेवन करना चाहिए। जो महिलाएं गर्भावस्था के समय अपना ख्याल नहीं रख पाते हैं, उसका परिणाम उसके बच्चे को भुगतना पड़ता है और प्रसव के दौरान बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।
गर्भावस्था में स्वस्थ भोजन क्या है?
गर्भावस्था के दौरान महिला और बच्चे के लिए शारीरिक विकास और मानसिक विकास के लिए मां को स्वस्थ भोजन करने की आवश्यकता होती है। स्वस्थ भोजन के अंदर विटामिन सी विटामिन डी कैल्शियम पोटेशियम वसा कार्बोहाइड्रेट आदि सभी प्रचुर मात्रा में दी जाती है ताकि बच्चा और मां दोनों स्वस्थ रहें और प्रसव के दौरान किसी की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
इसके लिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ भोजन करने की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के दौरान महिला को स्वस्थ भोजन करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ भोजन
गर्भावस्था के समय महिला को अपने होने वाले बच्चे के खास खयाल के लिए स्वस्थ भोजन करने की आवश्यकता होती है इससे उसके बच्चे को अच्छा पोषण मिलता है ताकि वह हष्ट पुष्ट पैदा हो। गर्भावस्था के दौरान यदि महिला द्वारा स्वस्थ भोजन का ध्यान नहीं रखा जाता है तो महिला को आयरन कैल्शियम जैसे बहुत से पोषक तत्व की कमी हो जाती है।
जिससे बच्चे की शारीरिक विकास में बाधा आती है। हमने नीचे कुछ चीजों का उल्लेख किया है जिसमें बताया गया है कि गर्भावस्था के समय महिला को क्या-क्या खाना चाहिए।
दूध से बनी चीजें
महिला के प्रेग्नेंट होने पर गर्भावस्था के समय महिला को ज्यादा से ज्यादा दूध से बनी चीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। दूध से बनी चीजें से दही इसके अंदर प्रोटीन विटामिन कैल्शियम आदि के अच्छे स्रोत पाए जाते हैं महिला गर्भावस्था के दौरान पनीर का सेवन भी कर सकती है क्योंकि इसके अंदर बड़ी म��त्रा में कैल्शियम होते हैं जो मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत ही जरूरी है इसे बच्चे का शारीरिक विकास होने में मदद मिलती है।
दालें
दाल शरीर के लिए बहुत ही जरूरी चीज है क्योंकि इसके अंदर प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है और एक गर्भावस्था के दौरान प्रोटीन की सही मात्रा मिलना जरूरी है जो महिला शाकाहारी है उन्हें मांसाहारी चीजों से दूर रहना चाहिए उसके लिए दालों का सेवन कर सकती है, क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन मिलता है खासकर महिला मसूर की दाल का भरपूर सेवन कर सकती है।  यह बच्चे और महिला के लिए अच्छा है।
मांस और मछली
जो महिलाएं मांस और मछली जैसी चीजों का सेवन करती है वह मांस और मछली का सेवन कर सकती है यह प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है जिस महिलाओं को दालों से प्रोटीन कब मिलता है वह मांस मछली खा सकती है।
अंडा सफेद होने के कारण इससे सफेदी प्रोटीन अच्छी मात्रा में मिल जाता है जबकि मटन के अंदर आयरन किसकी मात्रा होती है दो शिशु के लिए बहुत ही जरूरी है मछली का सेवन करने से बच्चे का शारीरिक विकास होता है।
बादाम
गर्भावस्था के दौरान महिला को स्वस्थ भोजन के अंदर मेवा और बादाम खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसके अंदर प्रोटीन की मात्रा होती है महिलाएं गर्भावस्था के दौरान मेले के साथ में बादाम पैसा खर्च आदि का सेवन कर सकती है यह बच्चे के लिए भी गुणकारी है।
सब्जियां
मनुष्य को शरीर में उर्जा प्रदान करने के लिए सब्जियों की बहुत जरूरत है क्योंकि सबसे के अंदर आयरन विटामिन बी विटामिन सी विटामिन फोलिक एसिड जैसे बहुत से तत्व पाए जाते हैं। गर्भावस्था के दौरान महिला को हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर बहुत से पोषक तत्व होते हैं।
महिला को खासतौर से पालक का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर आयरन की प्रचुर मात्रा होती है इसके अलावा विटामिन बी होता जो बच्चे के लिए अच्छा होता है। गर्भावस्था के दौरान महिला को टमाटर का सेवन करना चाहिए क्योंकि टमाटर के अंदर विटामिन सी होता है और साथ ही साथ मटर रोड डोकली जैसी चीजों का भी सेवन नंबर चाहिए हरे सलाद का सेवन महिलाएं कर सकती है क्योंकि इसके अंदर आयरन पोटेशियम कैल्शियम फाइबर आदि की प्रचुर मात्रा होती है जो शरीर के विकास के लिए बहुत ही जरूरी होती है।
फल फूल
शरीर में कमजोरी को दूर करने के लिए व्यक्ति फलों का सेवन करता है यहां तक कि फलों के जूस का भी इस्तेमाल करता है।  गर्भवती महिलाओं को कब्ज की समस्या हो जाती है इसके लिए महिला को फाइबर युक्त फलों का सेवन करना चाहिए जिससे एक कब्ज से परेशानी का सामना किया जा सकता है। इसके अलावा फलों के अंदर बहुत से खनिज तत्व पाए जाते हैं और विटामिन पाए जाते हैं महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान तरबूज का सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर मॉर्निंग सिकनेस जैसी समस्याओं को लड़ने की ताकत होती है आम संतरे नींबू जैसे फलों का सेवन करना चाहिए जिसके अंदर विटामिन सी की प्रचुर मात्रा पाई जाती है विटामिन सी के लिए पोषक तत्व है।
तरल पदार्थ
गर्भवती महिला को समय-समय पर जूस पीना चाहिए जो उसके अंदर महिलाओं को खनिज और विटामिन की प्रचुर मात्रा मिल जाती है महिलाएं ज्यादा पानी पीती है इससे महिलाओं हाइड्रेटेड जैसी परेशानी से लड़ लेती है।
फलों को अक्सर भिगोकर उसका पानी पीना चाहिए यह हाइड्रेटेड रहने का एक सबसे बेहतरीन तरीका है। इससे पानी का स्वाद भी कहीं हद तक बदल जाता हैं। ध्यान रहे महिलाओं को डिब्बाबंद फलों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर उच्च मात्रा में अप्राकृतिक मिठास होती है जो बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
वसा
गर्भवती महिला को आहार के अंदर वसा युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए यह बच्चे की विकास के लिए बहुत ही जरूरी है और प्रसव अच्छे से हो सके उसके लिए भी बहुत जरूरी है यह महिलाओं को प्रसव के लिए तैयार करने में मदद करता है। गर्भवती महिला को वनस्पति तेल जैसे वसायुक्त तत्वों का इस्तेमाल करना चाहिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मक्खन और घी जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए यह अतिरिक्त वसा पैदा कर सकता है जो गर्भावस्था के समय परेशानी पैदा कर सकता है।
गर्भावस्था के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर द्वारा महिलाओं को कुछ चीजें के लिए मना किया जाता है क्योंकि यह महिला और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक होते हैं। महिलाओं को पता होना चाहिए कि गर्भावस्था के दौरान किन चीजों को खाने से बचना चाहिए। क्योंकि कुछ खाते बताता है ऐसे होते हैं जो महिला को गर्भ अवस्था के दौरान परेशानी पैदा कर सकते हैं।
महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बैंगन खाने से बचना चाहिए क्योंकि यह है मासिक धर्म उत्तेजित करने का काम करता है और महिला को कच्चे अंडे नहीं खाने चाहिए क्योंकि इससे सालमोनेला नामक संक्रमण पैदा हो जाता है और  आंत पर प्रभाव पड़ता है जिससे महिलाओं को दस्त बुखार पेट दर्द जैसी परेशानियां हो सकती है।
गर्भावस्था के दौरान महिला को कुछ खाद्य पदार्थ जैसे तिल के बीज सॉफ और मेथी  आदि चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर फाइटोएस्ट्रोजन पाया जाता है जो गर्भाशय को खत्म कर सकता है।
गर्भावस्था के दौरान जरूरी विटामिन कौन से हैं?
गर्भवती महिला को गर्भावस्था के समय विटामिन की बहुत जरूरत होती है एक हष्ट पुष्ट बच्चे के लिए विटामिन की सही मात्रा होना जरूरी है सभी जानते हैं कौन-कौन से विटामिन जरूरी होते हैं।
गर्भवती महिला को विटामिन बी या फॉलिक एसिड जैसे महत्वपूर्ण विटामिन तत्वों की आवश्यकता होती है यह गर्भधान से पहले बहुत जरूरी होती है महिलाओं में विटामिन बी की कमी से बच्चे में न्यूरल ट्यूब का दोष हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं को प्रचुर मात्रा में विटामिन डी और कैल्शियम की आवश्यकता होती है इसकी कमी के कारण बच्चे की कंकाल प्रणाली मैं परेशानी आ सकती है और बच्चे और महा दोनों को खतरा हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं को विटामिन सी की प्रचुर मात्रा लेनी जरूरी है क्योंकि यह आयरन को अवशोषित कर लेता है और शरीर में खनिज तत्वों की कमी को पूरी करता है यह महिला के मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत जरूरी है।
गर्भावस्था के समय सावधानियां
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को वह सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि यह इसके बच्चे के जीवन का सवाल में हो सकता है महिलाओं को  गर्भावस्था के समय कुछ विशेष बातों को ध्यान रखना चाहिए हमने यह विशेष बातें नीचे एक ही करके बताइए चलिए जानते हैं।
धूम्रपान
गर्भवती महिला को धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए यह महिला और उसके बच्चे दोनों को चौकी में डाल सकता है और बच्चे का आंतरिक संरचना पर प्रभाव पड़ सकता है और इससे उसकी मृत्यु हो सकती है।
शराब
गर्भवती महिला यदि शराब का सेवन करती है तो उसका असर बच्चे भी पड़ता है और बच्चे की कोशिकाएं का विकास रुक जाता है जिससे बच्चे की मृत्यु हो सकती है इसलिए गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के समय शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
ज्यादा खाना
गर्भवती महिला को ज्यादा खाने से भी परेशानी हो सकती है महिला को अपना संतुलन बनाए रखने के लिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह खाने की मात्रा को निश्चित करें क्योंकि डिलीवरी के दौरान महिला का वजन सही होना चाहिए। ज्यादा खाने से गर्भवती महिला को डायबिटीज ��ी परेशानी हो सकती है जिसका असर महिला और बच्चे पर पड़ता है।
कच्चे मांस का सेवन
गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान ��च्चे मांस खाने से बचना चाहिए क्योंकि इसके अंदर परजीवी  होते हैं जो बच्चे के शारीरिक विकास को रोकने का काम करते हैं और भोजन में विष का कारण बन सकते हैं।
मछली का सेवन
महिलाओं के पास मांस और मछली का सेवन करने का विकल्प होता है परंतु इसके अंदर झींगा और कैंडल लाइट पूर्णा बहुत ही अच्छी फूड है महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए कि मछलियों के अंदर भी अलग-अलग प्रजातियां पाई जाती है जो गर्भावस्था के दौरान नहीं खानी चाहिए। महिलाओं को प्रतिदिन फिश लिवर ऑयल कैप्सूल का सेवन करना चाहिए यह महिला के गर्भ अवस्था के दौरान एक अच्छी खुराक है।
वजन
गर्भावस्था के दौरान महिला का वजन बढ़ जाता है जिसके कारण अशोक के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ता है महिला को अपने व्यवस्था के दौरान वजन को एक सही मात्रा में रखना चाहिए ताकि उसे किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
Calcium का सेवन
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कैल्शियम वाले पदार्थों का सेवन करना चाहिए यह अंतिम दो तिमाही में बच्चे की विकास को अच्छे से करने में मदद करता है। इसके बाद यह ओस्टियोपोरोसिस विकसित होने वाली जैसी परेशानी से लड़ने के लिए भी फायदेमंद है।
जिस प्रकार एक स्वस्थ व्यक्ति को जीने के लिए एक स्वस्थ भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार एक गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ भोजन की आवश्यकता होती है।  यह उसके और उसके बच्चे के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है।  महिला और अपने बच्चे के शारीरिक विकास हेतु महिला को स्वस्थ भोजन प्रणाली को अपनाना चाहिए। महिला को गर्भावस्था के दौरान बहुत ही सावधान रहना चाहिए क्योंकि यह मां और बच्चे दोनों का सवाल होता है।
Reference : https://www.ghareluayurvedicupay.com/paushtik-bhojan-for-pregnancy/
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