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विश्व डाक दिवस: इंटरनेट के इस जमाने में भी लोगों को है डाक पर भरोसा, जानिए भारत में कब हुई थी डाक व्यवस्था की शुरुआत
चैतन्य भारत न्यूज पूरी दुनिया में आज यानी 9 अक्टूबर को 'विश्व डाक दिवस' (World Post Day) मनाया जा रहा है। इंटरनेट के इस जमाने में आज भी लोग डाक सेवा का प्रयोग कर रहे हैं। डाक पर लोगों का भरोसा आज भी उतना ही कायम है। इस खास मौके पर हम डाक विभाग से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं जिन्हें बहुत कम ही लोग जानते हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
डाक दिवस मनाने का मकसद डाक दिवस को मनाने का मकसद लोगों को डाक सेवाओं और डाक विभाग के बारे में जागरूक करना है। बता दें साल 1874 में आज ही के दिन यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) का गठन करने के लिए स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में 22 देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद साल 1969 में जापान के टोक्यो में हुए सम्मेलन में 'विश्व डाक दिवस' के रूप में 9 अक्टूबर को चयन किए जाने की घोषणा हुई। 9 से 15 तक विश्व डाक सप्ताह मनाया जाएगा। इस दौरान कई विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
डाक सप्ताह 9 अक्टूबर को 'विश्व डाक दिवस' 10 अक्टूबर को 'सेविंग बैंक दिवस' 11 अक्टूबर को 'डाक जीवन बीमा दिवस' 12 अक्टूबर को 'फिलेटली दिवस' 14 अक्टूबर को 'व्यवसाय विकास दिवस' 15 अक्टूबर को 'मेल दिवस'
भारत में डाक व्यवस्था की शुरुआत भारत में आधुनिक डाक व्यवस्था की शुरुआत 18वीं सदी से पहले हुई। वर्ष 1766 में लॉर्ड क्लाइव द्वारा स्थापित डाक व्यवस्था का विकास वारेन हेस्टिंग्स ने 1774 में कोलकाता जीपीओ की स्थापना करके किया। चेन्नई और मुंबई के जनरल पोस्ट ऑफिस साल 1786 और 1793 में अस्तित्व में आए। जानकारी के मुताबिक, आजादी के समय देशभर में 23,344 डाक घर थे। इनमें से 19,184 डाक घर ग्रामीण क्षेत्रों में और 4,160 शहरी क्षेत्रों में थे। देश भर में 31 मार्च, 2008 तक 1,55,035 डाक घर थे, जिनमें से 1,39,173 डाक घर ग्रामीण क्षेत्रों और 15,862 शहरी क्षेत्रों में थे।
बता दें पोस्टल नेटवर्क में इस सात गुने विकास के परिणामस्वरूप आज भारत में विश्व का सबसे बड़ा पोस्टल नेटवर्क है। एक आंकड़े के मुताबिक, देश में एक डाक घर 21.20 वर्ग किमी क्षेत्र और 7174 लोगों की जनसंख्या को अपनी सेवा प्रदान करता है। ये भी पढ़े... भारतीय डाक विभाग में 10066 पदों पर निकली भर्ती, 10वीं पास भी कर सकते हैं अप्लाई 10वीं पास लोगों के लिए सरकारी नौकरी का सुनहरा मौका, भारतीय डाक विभाग में निकली भर्तियां Read the full article
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आज है 'विश्व डाक दिवस', जानिए कब हुई थी अपने देश में डाक व्यवस्था की शुरुआत
चैतन्य भारत न्यूज पूरी दुनिया में आज यानी 9 अक्टूबर को 'विश्व डाक दिवस' (वर्ल्ड पोस्ट डे) मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर हम डाक विभाग से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं जिन्हें बहुत कम ही लोग जानते हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
डाक दिवस मनाने का मकसद डाक दिवस को मनाने का मकसद लोगों को डाक सेवाओं और डाक विभाग के बारे में जागरूक करना है। बता दें साल 1874 में आज ही के दिन यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) का गठन करने के लिए स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में 22 देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद साल 1969 में जापान के टोक्यो में हुए सम्मेलन में 'विश्व डाक दिवस' के रूप में 9 अक्टूबर को चयन किए जाने की घोषणा हुई। 9 से 15 तक विश्व डाक सप्ताह मनाया जाएगा। इस दौरान कई विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
डाक सप्ताह 9 अक्टूबर को 'विश्व ���ाक दिवस' 10 अक्टूबर को 'सेविंग बैंक दिवस' 11 अक्टूबर को 'डाक जीवन बीमा दिवस' 12 अक्टूबर को 'फिलेटली दिवस' 14 अक्टूबर को 'व्यवसाय विकास दिवस' 15 अक्टूबर को 'मेल दिवस'
भारत में डाक व्यवस्था की शुरुआत भारत में आधुनिक डाक व्यवस्था की शुरुआत 18वीं सदी से पहले हुई। वर्ष 1766 में लॉर्ड क्लाइव द्वारा स्थापित डाक व्यवस्था का विकास वारेन हेस्टिंग्स ने 1774 में कोलकाता जीपीओ की स्थापना करके किया। चेन्नई और मुंबई के जनरल पोस्ट ऑफिस साल 1786 और 1793 में अस्तित्व में आए। जानकारी के मुताबिक, आजादी के समय देशभर में 23,344 डाक घर थे। इनमें से 19,184 डाक घर ग्रामीण क्षेत्रों में और 4,160 शहरी क्षेत्रों में थे। देश भर में 31 मार्च, 2008 तक 1,55,035 डाक घर थे, जिनमें से 1,39,173 डाक घर ग्रामीण क्षेत्रों और 15,862 शहरी क्षेत्रों में थे।
बता दें पोस्टल नेटवर्क में इस सात गुने विकास के परिणामस्वरूप आज भारत में विश्व का सबसे बड़ा पोस्टल नेटवर्क है। एक आंकड़े के मुताबिक, देश में एक डाक घर 21.20 वर्ग किमी क्षेत्र और 7174 लोगों की जनसंख्या को अपनी सेवा प्रदान करता है। ये भी पढ़े... भारतीय डाक विभाग में 10066 पदों पर निकली भर्ती, 10वीं पास भी कर सकते हैं अप्लाई 10वीं पास लोगों के लिए सरकारी नौकरी का सुनहरा मौका, भारतीय डाक विभाग में निकली भर्तियां Read the full article
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आज है 'विश्व डाक दिवस', जानिए कब हुई थी अपने देश में डाक व्यवस्था की शुरुआत
चैतन्य भारत न्यूज पूरी दुनिया में आज यानी 9 अक्टूबर को 'विश्व डाक दिवस' (वर्ल्ड पोस्ट डे) मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर हम डाक विभाग से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं जिन्हें बहुत कम ही लोग जानते हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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डाक सप्ताह 9 अक्टूबर को 'विश्व डाक दिवस' 10 अक्टूबर को 'सेविंग बैंक दिवस' 11 अक्टूबर को 'डाक जीवन बीमा दिवस' 12 अक्टूबर को 'फिलेटली दिवस' 14 अक्टूबर को 'व्यवसाय विकास दिवस' 15 अक्टूबर को 'मेल दिवस'
भारत में डाक व्यवस्था की शुरुआत भारत में आधुनिक डाक व्यवस्था की शुरुआत 18वीं सदी से पहले हुई। वर्ष 1766 में लॉर्ड क्लाइव द्वारा स्थापित डाक व्यवस्था का विकास वारेन हेस्टिंग्स ने 1774 में कोलकाता जीपीओ की स्थापना करके किया। चेन्नई और मुंबई के जनरल पोस्ट ऑफिस साल 1786 और 1793 में अस्तित्व में आए। जानकारी के मुताबिक, आजादी के समय देशभर में 23,344 डाक घर थे। इनमें से 19,184 डाक घर ग्रामीण क्षेत्रों में और 4,160 शहरी क्षेत्रों में थे। देश भर में 31 मार्च, 2008 तक 1,55,035 डाक घर थे, जिनमें से 1,39,173 डाक घर ग्रामीण क्षेत्रों और 15,862 शहरी क्षेत्रों में थे।
बता दें पोस्टल नेटवर्क में इस सात गुने विकास के परिणामस्वरूप आज भारत में विश्व का सबसे बड़ा पोस्टल नेटवर्क है। एक आंकड़े के मुताबिक, देश में एक डाक घर 21.20 वर्ग किमी क्षेत्र और 7174 लोगों की जनसंख्या को अपनी सेवा प्रदान करता है। ये भी पढ़े... भारतीय डाक विभाग में 10066 पदों पर निकली भर्ती, 10वीं पास भी कर सकते हैं अप्लाई 10वीं पास लोगों के लिए सरकारी नौकरी का सुनहरा मौका, भारतीय डाक विभाग में निकली भर्तियां Read the full article
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