#http://shayariyaaa.blogspot.com/2019/05/blog-post_71.html
Explore tagged Tumblr posts
Quote
न जाने कैसे होगा मेरा गांव किया लिखू में मेरे गांव के बारे में..... ये लिखूं क्या जो बचपन मे ही उस गांव को छोड़ दिया, जो अपना बचपना हि मुकमल न करपाया! आज भी याद आता है मुझे मेरा गांव.... जब दूसरो के स्टोरी में उनकी गांव की कहानियां सुनता हु तो मुझे भी लगता है काश मेरा भी गांव ऐसा ही होगा! न जाने मेरे भी गांव में मेरा एक घर होगा, वोह मानव बस्तिया भी होगी क्या मेरे गांव में जो दूसरो के गांव में होती है एक सी हि, नह जाने मेरे भी गांव में वो डिजिटल साधन होगे जो आज बढ़लते दोर में दिखाए दे रहे है, वोह खेती.. गाय भेस , वोह किसान और उसका चोठा सा कुठीया, येतो में नहीं जानता कैसे होगा मेरा गांव लेकिन जैसे भी होगा मेरे सपनो सा होगा! वोह सपनें जिसमे न जातिप्रथा , न कोई लड़ाई , न कोई बॉल विवाह , बॉल मझुरी से कही दूर कुछ ऐसा होगा शायद मेरा गांव #wahshayar
http://shayariyaaa.blogspot.com/2019/05/blog-post_71.html
1 note
·
View note