Tumgik
#guruteghbahadurdeath
chaitanyabharatnews · 5 years
Text
शहीदी दिवस: धर्म की रक्षा करते हुए ऐसे शहीद हुए थे गुरु तेग बहादुर, जानिए उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज सिखों के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर की पुण्यतिथि को शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। गुरु तेग बहादुर आज के दिन यानी 24 नवंबर 1675 को शहीद हुए थे। प्रेम, त्याग और बलिदान के प्रतीक गुरु तेग बहादुर ने धर्म की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था। विश्व इतिहास में धर्म और मानवीय मूल्यों, आदर्शों एवं सिद्धांत की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादुर साहब का स्थान अद्वितीय रहा है। आइए जानते हैं गुरु तेगबहादुर के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
Tumblr media
गुरु तेगबहादुर सिंह का जन्म पंजाब के अमृतसर में हुआ था। वे सिक्खों के नौवें गुरु थे। उनके पिता का नाम गुरु हरगोबिंद सिंह था। गुरु तेगबहादुर सिंह का बचपन का नाम त्यागमल था। वे बाल्यावस्था से ही संत स्वरूप गहन विचारवान, उदार चित्त, बहादुर व निर्भीक स्वभाव के थे। उन्हें 'करतारपुर की जंग' में मुगल सेना के खिलाफ अतुलनीय पराक्रम दिखाने के बाद तेग बहादुर नाम मिला। 16 अप्रैल 1664 को वो सिखों को नौवें गुरु बने थे।
Tumblr media
मुगल बादशाह औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर का सिर कटवा दिया था। औरंगजेब चाहता था कि सिख गुरु इस्लाम स्वीकार कर लें लेकिन गुरु तेग बहादुर ने इससे इनकार कर दिया था। गुरु तेग बहादुर के त्याग और बलिदान के लिए उन्हें 'हिंद दी चादर' कहा जाता है। मुगल बादशाह ने जिस जगह पर गुरु तेग बहादुर का सिर कटवाया था दिल्ली में उसी जगह पर आज शीशगंज गुरुद्वारा स्थित है।
Tumblr media
धर्मविरोधी और वैचारिक स्वतंत्रता का दमन करने वाली नीतियों के विरुद्ध गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान एक अभूतपूर्व ऐतिहासिक घटना थी। यह उनके निर्भय आचरण, धार��मिक अडिगता और नैतिक उदारता का उच्चतम उदाहरण था। वे शहादत देने वाले एक क्रांतिकारी युग-पुरुष थे। तेग बहादुर को ‘भारत की ढाल’ भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने दूसरों को बचाने के लिए अपनी कुर्बानी दे दी। ये भी पढ़े... शौर्य और साहस के प्रतीक गुरु हर गोबिंद सिंह की जयंती, जानिए सिखों के छठें गुरु के बारे में कुछ खास बातें जयंती : गुरु नानक देव ने रखी थी करतारपुर साहिब की नींव, जानिए उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें और मूल मंत्र करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का क्‍या है इतिहास? जानें बंटवारे से लेकर अब तक की कहानी  Read the full article
0 notes