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chaitanyabharatnews · 6 years ago
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एग्जिट पोल 2019 : एक बार फिर जनता चुन सकती है मोदी सरकार, 2014 जैसी दिख रही लहर
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चैतन्य भारत न्यूज लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सातों चरणों का मतदान रविवार को संपन्न हो गया। 11 अप्रैल से शुरू होने वाला ये महापर्व 19 मई तक चला। इसके बाद एग्जिट पोल्स से एक तस्वीर सामने आ गई है, जिससे ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि जनता एक बार फिर नरेंद्र मोदी को अपना प्रतिनिधि चुन सकती है। 2014 की तर्ज पर मध्य प्रदेश, राजस्थान, गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में बीजेपी को भारी सीटें मिलने की उम्मीद है। पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी के गढ़ में इस बार बीजेपी सेंध लगाती दिख रही है। यहां की कुल 42 सीटों में से बीजेपी के पास 19 से 23 और टीएमसी को 19 से 22 सीटें मिलने का अनुमान है। बंगाल में कांग्रेस के पास सिर्फ एक सीट आ सकती है। असम असम में कुल 14 सीटों में से एनडीए को 12 से 14 सीटें और कांग्रेस को 2 सीटें मिल सकती हैं। ओडिशा एग्जिट पोल के मुताबिक ओडिशा में कुल 21 सीटों में से बीजेपी को 15 से 19, कांग्रेस को 1 और बीजेडी को 2 से 6 सीटें मिल सकती हैं। झारखंड यहां कुल 14 सीटों में से एनडीए के खाते में 12 से 14 सीटें आ सकती है। वहीं यूपीए के खाते में 2 सीटें आ सकती है। उत्तर प्रदेश योगी के गढ़ में 80 सीटों में से एनडीए को 62 से 68 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। वहीं यूपीए को सिर्फ 1 से 2 सीटें मिलती दिख रही हैं। साथ ही महागठबंधन को 10 से 16 सीटें मिलती दिख रही हैं। बिहार यहां की कुल 40 सीटों में से एनडीए को 38 से 40 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं यूपीए के खाते में 0 से 2 सीटें आ सकती हैं। जम्मू-कश्मीर यहां की बात करें तो 6 में से 2-3 सीटें बीजेपी के पास जा सकती हैं। वहीं कांग्रेस यहां सिर्फ एक सीट पाती दिख रही है। इसके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस को भी 2 से 3 सीटें मिल सकती हैं। इस बार यहां पीडीपी का खाता तक खुलता नहीं दिख रहा। उत्तराखंड यहां 5 की पांचों सीटें बीजेपी के पास जाती दिख रही हैं। यहां कांग्रेस को एक भी सीट मिलती नहीं दिख रही। हरियाणा हरियाणा की 10 सीटों में से बीजेपी को 8 से 10 सीट मिल सकती है। वहीं कांग्रेस यहां पर 2 सीटें ��पने नाम कर सकती है। पंजाब यहां की 13 में से 3 से 5 सीटें एनडीए के पास जा सकती है। तो वहीं कांग्रेस को 8 से 9 सीटें मिलती दिख रही हैं। इसके अलावा पंजाब में आम आदमी पार्टी को सिर्फ 1 सीट मिल सकती है। दिल्ली राजधानी में 7 की 7 सीट पर बीजेपी फिर आ सकती है। यहां बीजेपी को 6 से 7 सीटें, कांग्रेस को सिर्फ 1 सीट मिलने के आसार हैं। इसके अलावा आप गायब हो सकती है। तमिलनाडु यहां की 34 से 38 सीटें यूपीए को तो एनडीए को महज 4 सीटें मिलती दिख रही हैं। तेलंगाना इस प्रदेश में बीजेपी को 1 से 3 सीटें, कांग्रेस को भी 1 से 3 सीटें टीआरएस को सर्वाधिक 10 से 12 सीटें मिलती दिख रही हैं। कर्नाटक कर्नाटक में 28 सीटों में से बीजेपी को 21 से 25 सीटें, यूपीए को 3 से 6 सीटें और अन्य के खाते में 1 सीट जाती दिख रही है। आंध्र प्रदेश यहां पर वाईआरएस को सबसे ज्यादा 18 से 20 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। वहीं दूसरे नंबर पर 4 से 6 सीटें ही मिलती दिख रही हैं। जेएसपी को एक सीट मिलती दिख रही है। केरल यहां की 20 सीटों में एनडीए को 1 तो यूडीएफ को 15 से 16 सीटें मिलती दिख रही हैं। इसके अलावा एलडीएफ को 3 से 5 सीटें मिलती दिख रही हैं। गुजरात गुजरात में एक बार फिर पीएम मोदी का जादू दिख सकता है। यहां पर 25 से 26 सीटें मिलती दिख रही हैं। यहां कांग्रेस को सिर्फ 1 सीट आने का अनुमान है। गोवा यहां भी दोनों सीटें बीजेपी को जाती दिख रही हैं। यहां भी बीजेपी 2014 जैसा प्रदर्शन करती दिख रही है। महाराष्ट्र इस प्रदेश में 48 सीटों में से एनडीए को 38 से 42 सीटें, यूपीए को 6 से 10 सीटें मिलती दिख रही हैं। राजस्थान राजस्थान में 25 सीटों में से 23 से 25, वहीं कांग्रेस के पास 0 से 2 सीटें जाती दिख रही हैं। छत्तीसगढ इस प्रदेश में 11 सीटों में बीजेपी को 7 से 8 सीटें, कांग्रेस को 3 से 4 सीटें मिलती दिख रही हैं। मध्य प्रदेश मध्यप्रदेश में 29 सीटों में से बीजेपी की 26 से 28 और कांग्रेस की 1 से 3 सीटें दिख रही हैं। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 6 years ago
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लोकसभा चुनावः कितने सही साबित हुए एग्जिट पोल
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चैतन्य भारत न्यूज। चुनाव परिणाम से पहले और आखिरी चरण का मतदान खत्म होने के कुछ ही घंटों बाद मीडिया में अलग-अलग सर्वे एजेंसियों द्वारा किए गए एग्जिट पोल्स के अनुमान आना शुरू हो जाते हैं। इसके माध्यम से आधिकारिक परिणामों से पहले ही देश का मूड और मतदाताओं के रूख का संकेत मिलता है। आधिकारिक परिणाम की घोषणा होने तक एग्जिट पोल्स पर खूब राजनीतिक चर्चाएं होती हैं। हालांकि एग्जिट पोल्स के नतीजे आधिकारिक परिणामों जैसे ही हों यह जरूरी नहीं है। कई बार एग्जिट पोल्स पूरी तरह गलत साबित हुए हैं। लेकिन परिणाम के इंतजार में एग्जिट पोल के अनुमान चर्चाओं का एक विषय तो देते ही हैं। देखते हैं कि लोकसभा चुनाव में पुराने एग्जिट पोल कितने सही रहे। लोकसभा चुनाव- 2014 में अधिकांश एग्जिट पोल रहे सही लोकसभा चुनाव- 2014 को लेकर हुए ज्यादातर एग्जिट पोल्स के अनुमान सही निकले थे। ज्यादातर एग्जिट पोल्स में भाजपा की अगुआई में एनडीए को सरकार बनाने के करीब बताया गया था। चुनाव परिणाम में भाजपा को खुद के दम पर बहुमत मिल गया और एनडीए 336 सीटों पर विजयी रहा। कांग्रेस 44 सीटों पर सिमटकर रह गई थी। इसी तरह, 1998 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी ज्यादातर एग्जिट पोल्स के अनुमान सही थे। तब सभी एग्जिट पोल्स में भाजपा की अगुवाई वाले गठबंधन को 200 से ज्यादा सीटें व बहुमत के करीब बताया गया। जबकि कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन को 200 से कम सीटों का अनुमान लगाया गया था। जब नतीजे आएं तो भाजपा+ को 252, कांग्रेस+ को 166 और अन्य को 119 सीटें मिली थीं। इन चुनावों में पूरी तरह फेल हुए एग्जिट पोल्स पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान एग्जिट पोल्स के अनुमान बहुत हद तक सही रहे, लेकिन उससे पहले लगातार दो आम चुनावों में एग्जिट पोल्स सही भविष्यवाणी करने में नाकाम हुए थे। एग्जिट पोल्स की नाकामी का सबसे चर्चित वाकया लोकसभा चुनाव 2004 का है। उस वक्त ज्यादातर एग्जिट पोल्स में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के फिर सत्ता में आने की भविष्यवाणी की गई थी लेकिन नतीजे बिल्कुल उलट आए। एनडीए को 189 सीटें मिलीं और कांग्रेस की अगुआई वाले यूपीए को 222 सीटें मिलीं और डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने। 2004 के बाद अगले चुनाव यानी 2009 में भी एग्जिट पोल्स फेल हुए। ज्यादातर एग्जिट पोल्स में यह तो बताया गया कि यूपीए को एनडीए पर बढ़त मिलेगी लेकिन किसी ने भी यह अनुमान नहीं लगाया था कि कांग्रेस अकेले ही 200 के पार पहुंच जाएगी। परिणाम में कांग्रेस को अकेले 206 और यूपीए को 262 सीटें मिलीं। इसी तरह 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी एग्जिट पोल्स सही अनुमान लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए। सभी एग्जिट पोल्स में भाजपा+ को जेडीयू-आरजेडी गठबंधन पर बढ़त बताई गई थी लेकिन नतीजे ठीक उलट आए। भाजपा+ 58 सीटों पर सिमट गई, जबकि जेडीयू-आरजेडी गठबंधन ने 178 सीटों पर जीत का परचम लहराया। Read the full article
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