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Here we talk about how, who and why cyclones are named.
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बांग्लादेश ने दिया तूफान को 'निसर्ग' नाम, आप भी जानिए कैसे होता हैं तूफानों का नामकरण
चैतन्य भारत न्यूज अरब सागर में चक्रवाती तूफान निसर्ग महाराष्ट्र और गुजरात के तटों से टकराने वाला है। तूफान को देखते हुए भारतीय मौसम विभाग ने मुंबई के अलावा महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। बता दें चक्रवाती तूफान को निसर्ग नाम बांग्लादेश ने दिया है। इस शब्द का मतलब ब्रह्माण्ड ह��ता है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में आने तूफानों को 2004 से नाम दिया गया चक्रवातों को नाम देना सबसे पहले अटलांटिक सागर के आस-पास के देशों ने 1953 में शुरू किया। वर्ल्ड मीटिरियोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन ने सिस्टम बनाया है कि जिस क्षेत्र में चक्रवात उठ रहा है, उसके आसपास के देश ही उसे नाम देते हैं। 16 साल पहले यानी 2004 में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में आने वाले समुद्री तूफानों के नाम रखने का सिलसिला शुरू हुआ था। तूफानों के नाम के लिए एक सूची तैयार की गई है। आठ देशों को तूफान के नाम देने पड़ते हैं। जब जिस देश का नंबर आता है तो उस देश की सूची में दिए गए नाम के आधार पर उस तूफान का नामकरण कर दिया जाता है। अप्रैल में जारी हुई 160 नामों की लिस्ट, निसर्ग पहला नाम अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बनने वाले तूफानों के नाम बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड देते हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अप्रैल 2020 में चक्रवातों की नई सूची जारी की। नई सूची में निसर्ग, अर्नब, आग, व्योम, अजार, तेज, गति, पिंकू और लूलू जैसे 160 नाम शामिल हैं। इस तरह बनता है चक्रवाती तूफान चक्रवाती तूफान गर्मियों के आते ही शुरू हो जाते हैं। समुद्र में इक्वेटर के पास जब सूरज की गर्मी बढ़ती है तो समुद्र का पानी 27 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गर्म हो जाता है। इससे भाप बनती है और गर्म हवा तेजी से ऊपर उठती है। ऊपर की नमी वाष्प से मिलकर बादल बनाती है। जब गर्म हवा उठती है तो वहां कम वायु दाब का क्षेत्र बनता है। गर्म हवा के तेजी से उठने पर नीचे की खाली जगह भरने ठंडी हवा तेजी से आ जाती है। इससे हवा चक्कर काटने लगती है और नमी से भरे बादल बादल भी घूमने लगते हैं। इससे तूफान उठता है। गर्मी और नमी जितनी ज्यादा होती है, तूफान उतना ही खतरनाक होता है। इक्वेटर के ऊपर (उत्तरी गोलार्ध में) तूफान बाईं तरफ घूमते हैं और नीचे (दक्षिणी गोलार्ध में) तूफान दाईं तरफ घूमते हैं। भारत के कौन से इलाके ज्यादा प्रभावित भारत के तटवर्ती इलाकों ओडिशा, गुजरात, आंध्र प्रदेश ,पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा चक्रवाती तूफान से ज्यादा प्रभावित होते हैं। Read the full article
#arabianseastorm#BayOfBengalCylone#cyclonename#cyclonenamedecisionprocess#Cyclonenisargmaharashtra#Heavywind#HowAreStormsNamed#howtodecidecyclonename#rainlashCoimbatorecity#storm#StormInarabiansea#WhatIsTheMeaningOfnisarg#WhatIsTheMeaningOfTheNamenisarg#WhoDecidesCyloneName#WhoGaveTheNamenisarg#तूफ़ान#तूफानकानामकैसेतयहोताहै#तूफाननेमचाईतबाही#तूफानोंकेनाम#तूफानोंकेनामकैसेरखेजातेहै#निसर्गकामतलब#निसर्गतूफान#महाराष्ट्रतूफान
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बांग्लादेश ने दिया तूफान को 'निसर्ग' नाम, आप भी जानिए कैसे होता हैं तूफानों का नामकरण
चैतन्य भारत न्यूज अरब सागर में चक्रवाती तूफान निसर्ग महाराष्ट्र और गुजरात के तटों से टकराने वाला है। तूफान को देखते हुए भारतीय मौसम विभाग ने मुंबई के अलावा महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। बता दें चक्रवाती तूफान को निसर्ग नाम बांग्लादेश ने दिया है। इस शब्द का मतलब ब्रह्माण्ड होता है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में आने तूफानों को 2004 से नाम दिया गया चक्रवातों को नाम देना सबसे पहले अटलांटिक सागर के आस-पास के देशों ने 1953 में शुरू किया। वर्ल्ड मीटिरियोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन ने सिस्टम बनाया है कि जिस क्षेत्र में चक्रवात उठ रहा है, उसके आसपास के देश ही उसे नाम देते हैं। 16 साल पहले यानी 2004 में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में आने वाले समुद्री तूफानों के नाम रखने का सिलसिला शुरू हुआ था। तूफानों के नाम के लिए एक सूची तैयार की गई है। आठ देशों को तूफान के नाम देने पड़ते हैं। जब जिस देश का नंबर आता है तो उस देश की सूची में दिए गए नाम के आधार पर उस तूफान का नामकरण कर दिया जाता है। अप्रैल में जारी हुई 160 नामों की लिस्ट, निसर्ग पहला नाम अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बनने वाले तूफानों के नाम बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड देते हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अप्रैल 2020 में चक्रवातों की नई सूची जारी की। नई सूची में निसर्ग, अर्नब, आग, व्योम, अजार, तेज, गति, पिंकू और लूलू जैसे 160 नाम शामिल हैं। इस तरह बनता है चक्रवाती तूफान चक्रवाती तूफान गर्मियों के आते ही शुरू हो जाते हैं। समुद्र में इक्वेटर के पास जब सूरज की गर्मी बढ़ती है तो समुद्र का पानी 27 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गर्म हो जाता है। इससे भाप बनती है और गर्म हवा तेजी से ऊपर उठती है। ऊपर की नमी वाष्प से मिलकर बादल बनाती है। जब गर्म हवा उठती है तो वहां कम वायु दाब का क्षेत्र बनता है। गर्म हवा के तेजी से उठने पर नीचे की खाली जगह भरने ठंडी हवा तेजी से आ जाती है। इससे हवा चक्कर काटने लगती है और नमी से भरे बादल बादल भी घूमने लगते हैं। इससे तूफान उठता है। गर्मी और नमी जितनी ज्यादा होती है, तूफान उतना ही खतरनाक होता है। इक्वेटर के ऊपर (उत्तरी गोलार्ध में) तूफान बाईं तरफ घूमते हैं और नीचे (दक्षिणी गोलार्ध में) तूफान दाईं तरफ घूमते हैं। भारत के कौन से इलाके ज्यादा प्रभावित भारत के तटवर्ती इलाकों ओडिशा, गुजरात, आंध्र प्रदेश ,पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा चक्रवाती तूफान से ज्यादा प्रभावित होते हैं। Read the full article
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चक्रवात 'अम्फान' के जाने के बाद दिखा तबाही का ऐसा भयावह मंजर, 10-12 लोगों की मौत
चैतन्य भारत न्यूज पश्चिम बंगाल और ओडिशा में महातूफान अम्फान (Super Cyclone Amphan) ने बुधवार को जमकर तबाही मचाई है। यहां पर तूफानी हवा��ं के साथ मूसलाधार बारिश हुई। दोनों ही राज्यों के कई इलाकों में पेड़ और दीवारें गिर गई हैं। तूफान के चलते दोनों राज्यों में 10 से 12 लोगों की मौत हो चुकी है। कुछ ऐसा नजारा था जब अम्फान बर्बादी करने पर उतारू था। As Cyclone Amphan hit eastern India and Bangladesh, evacuation of millions were complicated by the coronavirus pandemic https://t.co/SE1czVDnJ7 pic.twitter.com/xwUmuiZYc3 — Reuters (@Reuters) May 20, 2020 बंगाल और ओडिशा में 130 से 185 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चली हैं। पेड़ उखड़ गए। बिजली के पोल जमीन पर आ गिरे। चीजें हवा में उड़ रही थी। कारें पानी में तैर रही थीं।
तूफान से बिगड़े हालात पर केंद्र लगातार नजर बनाए हुए है। हालात की समीक्षा के लिए दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक हो रही है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपने ट्विटर हैंडल से कुछ तस्वीरें साझा की हैं। इसमें तूफान से तबाही का मंजर साफ देखा जा सकता है। राज्यपाल ने वीडियो के साथ लिखा है, 'अम्फान के कारण हुई जान माल का हानि से व्यथित हूं। मैं पिछले कुछ दिनों से लगातार एजेंसियों के ��ंपर्क में था। उनकी प्रतिबद्धता ने नुकसान को कम किया है।' আমফানের প্রকোপে যে প্রাণহানি ঘটেছে বা সম্পত্তি নষ্ট হয়েছে তার জন্যে আমি মর্মাহত । আমি গত কয়েকদিন ধরে ক্রমাগত বিভিন্ন এজেন্সির সাথে সম্পর্ক রেখে চলেছিলাম। তাদের দায়িত্ববোধ ফলে ন্যুনতম ক্ষতি হয়েছে। (1/2) pic.twitter.com/99vYqP2OXh — Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) May 21, 2020 पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि, 'ऐसा तूफान 283 साल पहले 1737 में आया था। पश्चिम बंगाल में 10-12 और ओडिशा में 3 लोगों के मारे जाने की खबर है। हम मौतों की कोई गिनती नहीं कर पा रहे हैं। कई लोग घायल हो गए हैं। ज्यादातर लोग पेड़ गिरने से मर गए हैं और हमने बार-बार कहा है कि पेड़ नीचे गिर जाएगा, घर से बाहर मत निकलना। बिजली और पानी का कनेक्शन नहीं है, हम 5 लाख लोगों को निकालने में सफल रहे हैं।' ये भी पढ़े... सदी का सबसे बड़ा तूफान Amphan हो रहा और ज्यादा ताकतवर, तेज हवाएं और बारिश शुरू, टूटकर गिर रहे पेड़ थाईलैंड ने रखा चक्रवाती तूफान का नाम अम्फान, आप भी जानिए कैसे तय किए जाते हैं तूफानों के नाम अम्फान तूफान ने आने से पहले ही मचाई तबाही Read the full article
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महाचक्रवात अम्फान की भयानक तस्वीर आई सामने, उफान पर पहुंचकर मचा सकता है तबाही
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. सुपर साइक्लोन अम्फान तेजी से भारत की ओर बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि यह ओडिशा और बंगाल के इलाकों तक दोपहर 2 बजे के आसपास पहुंचेगा। इस दौरान 155 से 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक हवाएं चलने और भारी बारिश का अनुमान है। जानकारों का कहना है कि उफान पर पहुंचकर सुपर साइक्लोन अम्फान तबाही मचा सकता है। इसी बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने बंगाल की खाड़ी में चक्रवात अम्फान की स्थिति को लेकर एक तस्वीर जारी की है। More Amphan imagery here: https://t.co/3ugU5s53T9 pic.twitter.com/AaC6bLpJ7K — NASA Earth (@NASAEarth) May 19, 2020 नासा के मुताबिक, महाचक्रवात अम्फान की तीव्रता हरीकेन के श्रेणी-5 स्तर की है। बता दें नासा के सैटेलाइट जो कि भारतीय समुद्र तट के पास से होकर गुजरा था, उसी ने इस तूफान की तस्वीर भेजी है। इस तस्वीर के जरिए ही अम्फान तूफान की तीव्रता का अंदाजा लग रहा है। नासा के मुताबिक यह तूफान 16 मई को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व से उठा है, उष्णकटिबंधीय चक्रवात था जिसने रात में हरीकेन जैसा रूप ले लिया। Millions of people are evacuating as Tropical Cyclone #Amphan approaches eastern #India and #Bangladesh. This image shows the storm at 16:15 Universal Time (9:45 p.m. India Standard Time) on May 19. https://t.co/MB8hZwx12M pic.twitter.com/8kwHT2OxUT — NASA Earth (@NASAEarth) May 19, 2020 अम्फान इस सदी का सबसे बड़ा तूफान है। इसी वजह से इसके रास्ते में आने वाले सभी राज्य अलर्ट पर हैं। बता दें 15 मई को विशाखापट्टनम से 900 किलोमीटर दूर दक्षिणी बंगाल की खाड़ी की कम दबाव और गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बननाा शुरू हुआ। 17 मई को जब अम्फान दीघा से 1200 किलोमीटर दूर था, तब यह तूफान में बदल गया। फिर 18 मई की शाम तक अम्फान महा तूफान यानी सुपर साइक्लोन में तब्दील हो गया। मंगलवार दोपहर को इसकी गति 200-240 किमी प्रतिघंटा की हवाओं के साथ चरम तक पहुंच गई है। किसी के साथ यह सदी का सबसे बड़ा और भयानक तूफान बन गया। Read the full article
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सदी का सबसे बड़ा तूफान Amphan हो रहा और ज्यादा ताकतवर, तेज हवाएं और बारिश शुरू, टूटकर गिर रहे पेड़
चैतन्य भारत न्यूज चक्रवाती तूफान अम्फान (Amphan Cyclone) आज यानी 20 मई 2020 की दोपहर को भारत के कई तटीय राज्यों से टकरा सकता है। माना जा रहा है कि यह ओडिशा और बंगाल के इलाकों तक दोपहर 2 बजे के आसपास पहुंचेगा। इस दौरान 155 से 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक हवाएं चलने और भारी बारिश का अनुमान है। भारत मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, तूफान के कारण ओडिशा और बंगाल के तटीय जिलों में भारी बारिश होगी और समुद्र में चार-पांच मीटर ऊंची लहरें उठेंगी। #WATCH Digha in East Medinipur witnesses high tide and strong winds as #CycloneAmphan is expected to make landfall today. #WestBengal pic.twitter.com/sxmX9Jt3Yw — ANI (@ANI) May 20, 2020 जानकारी के मुताबिक, अम्फान इस सदी का सबसे बड़ा तूफान है। इसी वजह से इसके रास्ते में आने वाले सभी राज्य अलर्ट पर हैं। इसके आने से पहले ही बंगाल और ओडिशा में तेज हवाएं और बारिश शुरू हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार यह चक्रवात उत्तर और उत्तर पश्चिम दिशा में काफी रफ्तार में आगे बढ़ रहा है। अनुमान है कि इसकी गति अभी और बढ़ेगी। साइक्लोन अम्फान आज दोपहर तक पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हादिया में टकरा सकता है। तूफान के खतरे को देखते हुए ओडिशा में 1704 कैम्प बनाए गए हैं। साथ ही 1,19,075 लोगों को तटिए इलाके से दूर ले ��ाया गया है। बुधवार सुबह ही ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में तेज हवाएं चल रही है, जहां पेड़ों को उखड़ते हुए भी देखा जा रहा है। इसके अलावा समुद्र के पास ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं। #WATCH Strong winds at Chandipur in Balasore district, as #CycloneAmphan is expected to make landfall today. #Odisha pic.twitter.com/O87dN6mWnd — ANI (@ANI) May 20, 2020 बता दें 15 मई को विशाखापट्टनम से 900 किलोमीटर दूर दक्षिणी बंगाल की खाड़ी की कम दबाव और गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बननाा शुरू हुआ। 17 मई को जब अम्फान दीघा से 1200 किलोमीटर दूर था, तब यह तूफान में बदल गया। फिर 18 मई की शाम तक अम्फान महा तूफान यानी सुपर साइक्लोन में तब्दील हो गया। मंगलवार दोपहर को इसकी गति 200-240 किमी प्रतिघंटा की हवाओं के साथ चरम तक पहुंच गई है। किसी के साथ यह सदी का सबसे बड़ा और भयानक तूफान बन गया। Odisha: Fire Services team clearing road blockage near R&B office in Bhadrak to facilitate the movement of vehicles, essential commodities, and emergency service personnel. #CycloneAmphan pic.twitter.com/jE2P9eAtqz — ANI (@ANI) May 20, 2020
बता दें तूफानों के रिकॉर्ड 1890 से जमा किए जा रहे हैं। 130 वर्षों में केवल चार बार (1893, 1926, 1930, 1976) में 10 बार चक्रवाती तूफान आए। सबसे ज्यादा 66 तूफान 70 के दशक में आए। 1967 के बाद सबसे ज्यादा 9 तूफान पिछले साल आए थे।
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थाईलैंड ने रखा चक्रवाती तूफान का नाम 'अम्फान', आप भी जानिए कैसे तय किए जाते हैं तूफानों के नाम
चैतन्य भारत न्यूज हर बार जब बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से कोई तूफान उठता है त�� उसके अजीबोगरीब नाम सामने आते हैं। अब अम्फान (Amphan) बंगाल की खाड़ी के ऊपर भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है जिससे ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल के कई तटीय जिलों में तेज रफ्तार हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना है। चक्रवाती तूफान अम्फान की रफ्तार बेहद खतरनाक होती जा रही है। यह तूफान लाखों लोगों के लिए यह बड़ा संकट बन गया है। ज्यादातर लोगों की ये जिज्ञासा रहती है कि इन तूफानों के नाम आखिरकार तय कैसे ��िए जाते हैं? आपके मन में भी कभी न कभी ये सवाल तो आया ही होगा। तो हम आपके इस सवाल का जवाब आज देने वाले हैं। 2004 से शुरू हुआ तूफान को नाम देने का सिलसिला सभी तूफानों को नाम देने का सिलसिला करीब 15 साल पहले यानी साल 2004 में शुरू हुआ था। तूफान का नाम तय करने के लिए आठ देशों की एक समिति बनाई गई थी। इन सभी आठ देशों को क्रमानुसार आठ नाम देने थे। इस बार आए अम्फान तूफान का नाम थाईलैंड ने दिया है। अम्फान तूफान साल 2004 में तैयार की गई तूफान की लिस्ट का आखिरी नाम है। 8 देशों ने 64 नाम दिए तूफान के नाम देने वाले आठ देशों में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड का नाम शामिल हैं। इन सभी देशों ने आठ-आठ तूफान के नाम दिए हैं और इस प्रकार अब तक कुल 64 नाम तय किए गए हैं। अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार सभी देशों को बारी-बारी से नाम देने थे। ऐसे में सबसे पहले बांग्लादेश को मौका मिला। उसने तूफान को 'ओनिल' नाम दिया। भारत और पाकिस्तान ने दिए ये नाम तूफान के नाम के लिए एक 8×8 की टेबल बनाई गई है। अब इस टेबल की आठवीं पंक्ति पूरी होने वाली है। आंठवे कॉलम का पहला नाम 'फैनी' था और आखिरी नाम 'अम्फान'। भारत ने इस सूची के लिए अग्नि, आकाश, बिजली, जल, लेहर, मेघ, सागर और वायु जैसे नाम दिए थे। वहीं, पाकिस्तान ने 'निलोफर', 'बुलबुल' और 'तितली' जैसे नाम दिए। Read the full article
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थाईलैंड ने रखा चक्रवाती तूफान का नाम 'अम्फान', आप भी जानिए कैसे तय किए जाते हैं तूफानों के नाम
चैतन्य भारत न्यूज हर बार जब बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से कोई तूफान उठता है तो उसके अजीबोगरीब नाम सामने आते हैं। अब अम्फान (Amphan) बंगाल की खाड़ी के ऊपर भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है जिससे ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल के कई तटीय जिलों में तेज रफ्तार हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना है। चक्रवाती तूफान अम्फान की रफ्तार बेहद खतरनाक होती जा रही है। यह तूफान लाखों लोगों के लिए यह बड़ा संकट बन गया है। ज्यादातर लोगों की ये जिज्ञासा रहती है कि इन तूफानों के नाम आखिरकार तय कैसे किए जाते हैं? आपके मन में भी कभी न कभी ये सवाल तो आया ही होगा। तो हम आपके इस सवाल का जवाब आज देने वाले हैं। 2004 से शुरू हुआ तूफान को नाम देने का सिलसिला सभी तूफानों को नाम देने का सिलसिला करीब 15 साल पहले यानी साल 2004 में शुरू हुआ था। तूफान का नाम तय करने के लिए आठ देशों की एक समिति बनाई गई थी। इन सभी आठ देशों को क्रमानुसार आठ नाम देने थे। इस बार आए अम्फान तूफान का नाम थाईलैंड ने दिया है। अम्फान तूफान साल 2004 में तैयार की गई तूफान की लिस्ट का आखिरी नाम है। 8 देशों ने 64 नाम दिए तूफान के नाम देने वाले आठ देशों में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड का नाम शामिल हैं। इन सभी देशों ने आठ-आठ तूफान के नाम दिए हैं और इस प्रकार अब तक कुल 64 नाम तय किए गए हैं। अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार सभी देशों को बारी-बारी से नाम देने थे। ऐसे में सबसे पहले बांग्लादेश को मौका मिला। उसने तूफान को 'ओनिल' नाम दिया। भारत और पाकिस्तान ने दिए ये नाम तूफान के नाम के लिए एक 8×8 की टेबल बनाई गई है। अब इस टेबल की आठवीं पंक्ति पूरी होने वाली है। आंठवे कॉलम का पहला नाम 'फैनी' था और आखिरी नाम 'अम्फान'। भारत ने इस सूची के लिए अग्नि, आकाश, बिजली, जल, लेहर, मेघ, सागर और वायु जैसे नाम दिए थे। वहीं, पाकिस्तान ने 'निलोफर', 'बुलबुल' और 'तितली' जैसे नाम दिए। Read the full article
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