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Malaria Home Remedy: पपीते के पत्ते से लेकर फिटकरी तक ये 5 चीजें हैं मलेरिया के दुश्मन, बस ऐसे करें सेवन
बारिश के दिनों में पानी जनित बीमारियों की संख्या बढ़ जाती है। इनमें से कुछ बीमारियां ऐसी होती है जिसका समय पर सही उपचार न मिलने पर जानलेवा बन जाती है। इनमें मलेरिया भी शामिल है। 2022 में जारी की गई विश्व मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर पर में लगभग 241 मिलियन मामले और 627000 मौतें दर्ज की गईं हैं। हालांकि, किसी समय मलेरिया के महामारी से जूझ रहे भारत में अब मलेरिया के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है। 2001 से 2020 के दौरान मलेरिया के मामले लगातार 2.09 मिलियन से घटकर 0.19 मिलियन हो गए हैं। सुबह खाली पेट Garlic खाने से सेहत को मिलेंगे ये चमत्कारी लाभ, जानें एनसीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में सबसे अधिक मलेरिया के मामले मिलते हैं। इसमें विशेष रूप से उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के पूर्वी राज्यों, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के मध्य राज्यों, गुजरात, कर्��ाटक और राजस्थान के पश्चिमी राज्य शामिल हैं। कैसे होता है मलेरिया, माना जाता है कि मलेरिया विशेष प्रकार के मच्छर के काटने से होता है। इसमें मरीज को तेज बुखार होता है। यह बुखार 4 प्रकार के होते हैं। जिसमें भारत में दो प्रकार प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम प्लाज्मोडियम वैवाक्स मलेरिया पाया जाता है। दोनों खतरनाक होते हैं। यह मच्छर सूर्यास्त के बाद काटता है। मलेरिया का बुखार दो से तीन दिन तक रहता है। सही समय पर उपचार मिल जाने पर मलेरिया का मरीज 2 हफ्तें में पूरी तरह ठीक हो सकता है। यह जानलेवा बीमारी होती है, फिर भी आप इसके खतरे को घरेलू नुस्खों से कम कर सकते हैं।
मलेरिया की पहचान कैसे करें
- ठंड लगना - तेज बुखार - सिरदर्द - गले में खराश - पसीना आना - थकान - बैचेनी होना - उल्टी आना
अदरक पाउडर+पानी
एक स्टडी के ��नुसार, मलेरिया में अदरक का उपयोग फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद जिन्जेरॉल में एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते है, जो मलेरिया के दौरान होने वाले दर्द व मतली से राहत दिलाने का काम करते हैं। इसके अलावा, अदरक में एंटी-मलेरिया गुण भी होते हैं, जिस कारण मलेरिया से बचाव हो सकता है। कैसे करें इस्तेमाल आधा चम्मच सूखे अदरक का पाउडर लें और इसे आधे गिलास पानी में अच्छी तरह से मिला लें। इस तैयार मिश्रण को दिन में तीन बार पिएं।
पपीता का पत्ता+शहद
एक स्टडी के अनुसार, पपीता के पत्तों को मलेरिया के उपचार में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह एंटी-मलेरिया की तरह काम करता है। इसके अलावा मलेरिया में खून की कमी होने पर भी पपीते का सेवन फायदेमंद होता है। कैसे करें इस्तेमाल 4-6 ताजा पत्तियों को तोड़ लें। इसे पानी में 15-20 मिनट तक उबलने के लिए रख दें। फिर इसे छानकर स्वादानुसार शहद मिलाकर दिन में दो से तीन बार रोज पिएं।
मेथी बीज+पानी
मेथी के बीजों को लेकर हुए एक स्टडी के अनुसार, मलेरिया में होने वाली कमजोरी से निपटने के लिए मेथी के दाने एक अच्छा प्राकृतिक उपचार साबित हो सकते हैं। मेथी के बीजों में एंटी-प्लाज्मोडियल प्रभाव पाया जाता है। जो ये इम्यून सिस्टम को बढ़ाकर मलेरिया फैलाने वाले परजीवियों से लड़ने का काम कर सकते हैं। कैसे करें इस्तेमाल थोड़ी मात्रा में मेथी के बीजों को रातभर पानी में भिगोकर रख दें। फिर सुबह पानी को छानकर खाली पेट इसका सेवन करें। इसका सेवन तब तक करें जब तक मलेरिया ठीक न हो जाए।
फिटकरी+चीनी
एक स्टडी के अनुसार, फिटकरी में मॉस्किटो लार्विसाइडल गुण होता है, जो मलेरिया फैलाने वाले मच्छर एनोफीलज के काटने से होने वाले संक्रमण से लड़कर मलेरिया से छुटकारा दिला सकती है। कैसे करें इस्तेमाल एक ग्राम फिटकरी का पाउडर और दो ग्राम चीनी को मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें। मलेरिया का बुखार होने पर हर दो घंटे में आधा चम्मच इस मिश्रण का सेवन करें। डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। Read the full article
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