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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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बजट 2021: जानें इस बार क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा
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चैतन्य भारत न्यूज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट 2021-22 पेश कर दिया है। आइए जानते हैं इस बार क्या महंगा और क्या सस्ता हुआ है। ये चीजे हुई महंगी शराब पीना होगा महंगा सरकार ने घोषणा की है कि नया एग्री इन्फ्रा डेवलपमेंट सेस कल से ही लागू हो जाएगा। इस हिसाब से कल से शराब पीना भी महंगा होगा, क्योंकि बजट में एल्कोहॉलिक बेवरेज पर 100 प्रतिशत एग्री इन्फ्रा सेस लगाया है। पेट्रोल-डीजल भी महंगे बजट में पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से एग्री इन्फ्रा सेस लगाया गया है। ऐसे में इनकी कीमत कल से ही बढ़ने की संभावना है। खाने के तेल पर सेस, पर महंगाई का असर नहीं सरकार ने कच्चे पाम तेल पर 17.5% एग्री इन्फ्रा सेस, कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर 20% का सेस लगाया है। लेकिन ग्राह��ों पर इससे कीमतों का अतिरिक्त भार ना पड़े इसके लिए इन पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी) में कटौती की गई है। सेब, खाद, चमड़ा भी महंगा सरकार ने चमड़ा पर सीमाशुल्क को 10% कर दिया है। यह पहले शून्य था। वहीं सेब पर 35% और खाद पर 5% का एग्री इन्फ्रा सेस लगाया है। मोबाइल, रेफ्रिजरेटर, चार्जर भी महंगे बजट में मोबाइल से जुड़े विभिन्न कलपुर्जों पर सीमाशुल्क को शून्य से बढ़ाकर 2.5% किया गया है। वहीं प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, चार्जर निर्माण के उपकरण, लीथियम आयन बैटरी, रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशन के कंप्रेसर, एलईडी बल्ब, सोलर इल्वर्टर, सोलर लालटेन पर भी सीमाशुल्क में बढ़ोत्तरी हुई है। सूती कपड़े महंगे बजट प्रावधान लागू होने के बाद आपका कपड़े खरीदने का शौक महंगा हो सकता है। सरकार ने कपास पर सीमाशुल्क को शून्य से बढ़ाकर 5% और कच्चे रेशम पर 10% से 15% कर दिया है। हालांकि नायलॉन के धागे पर उत्पाद शुल्क 7.5% से घटकर 5% रह गया है। ये चीजे हुई सस्ती अप्रैल से सस्ता हो सकता है सोना-चांदी बजट में सोने और चांदी पर उत्पाद शुल्क दरों में कटौती की गई है। इसे 12.5% से घटाकर 7.5% कर दिया गया है। वहीं सोने-चांदी के बिस्कुटों पर भी सीमाशुल्क घटाया गया है। ऐसे में सोने चांदी के सस्ते होने की संभावना है। हालांकि सरकार ने इसी के साथ सोने और चांदी पर 2.5 प्रतिशत का एग्री इन्फ्रा सेस लगाया गया है। इससे तत्काल आधार पर सोने-चांदी की कीमतें बढ़ने की उम्मीद है। इसी के साथ रत्न और नग इत्यादि पर भी सीमाशुल्क को बढ़ाकर 15% किया गया है। ऑटो पार्ट्स महंगे, सस्ते हो सकते हैं वाहन सरकार ने बजट में चुनिंदा ऑटो पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी 7.5% और 10% से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दी है। वहीं नट-बोल्ट्स पर भी सीमाशुल्क को 10% से बढ़ाकर 15% कर दिया गया है। इससे वाहनों के महंगे होने की संभावना कम ही है। इसकी वजह सरकार ने स्टील सेक्टर के लिए कस्टम ड्यूटी को घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही वाहन स्क्रैप पॉलिसी भी घोषित की है जिससे वाहनों की कीमत घट सकती है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए बढ़ा सीमाशुल्क सरकार ने आम बजट 2021-22 को आत्मनिर्भर भारत पर केंद्रित रखा है। इसलिए विभिन्न वस्तुओं पर सीमाशुल्क दरों में परिवर्तन किया गया है। इससे घरेलू उद्योग को बढ़ावा मिलने और आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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पीएम मोदी ने दी बजट पर अपनी प्रतिक्रिया, कहा- बजट के दिल में गांव-किसान, ऐसे बजट कम ही देखने को मिलते हैं
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चैतन्य भारत न्यूज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में बजट पेश किया। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी ने कहा कि ये बजट नए भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला बजट है। बजट देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव लाएगा, साथ ही युवाओं को कई मौके देने का काम करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि इस बजट के दिल में गांव और किसान हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे बजट कम ही देखने को मिलते हैं, जिसकी शुरुआत में अच्छे रिस्पॉन्स आए। बजट को लेकर पीएम मोदी बोले कि चुनौतियों के बावजूद हमारी सरकार ने बजट को ट्रांसपेरेंट बनाने पर ज़ोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत कोरोना काल में काफी प्रो-एक्टिव रहा है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने बजट के जरिए देश के सामने प्रो-एक्टिव होने का संकेत दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि इस बजट में जान भी और जहान भी पर जोर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार के बजट में दक्षिण से लेकर उत्तर और पूर्व के सभी राज्यों पर जोर दिया गया, समुद्र से लगे राज्यों को इकॉनोमिक रूप से मजबूत करने का फैसला किया गया है। बजट में ऐसे कई फैसले लिए गए हैं, जिनसे रोजगार देने वाले अवसर पैदा किए गए हैं और किसानों की आय बढ़ाने में मदद की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के इस शानदार बजट के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनकी टीम को बधाई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सोमवार को बजट की तारीफ की, उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में इस वर्ष का बजट बनाना निश्चित रूप से एक जटिल काम था। पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक सर्वस्पर्शी बजट पेश किया है। यह आत्मनिर्भर भारत, 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था, किसानों की आय दो गुना करने के संकल्प का मार्ग प्रशस्त करेगा। बता दें सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया, जिसमें मुख्य रूप से स्वास्थ्य सेक्टर पर जोर दिया गया। हालांकि, इस बार टैक्स स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में मिडिल क्लास को जैसी उम्मीद थी, वैसा कुछ देखने को नहीं मिला है। बजट 2021: वित्त मंत्री ने किए ये बड़े ऐलान, आम आयकरदाता को टैक्स में रा��त नहीं, इलेक्ट्रॉनिक सामान होंगे महंगे भारत का बजट होता है 30 लाख करोड़ का, जानिए सरकार के पास कहां से आता है इतना पैसा बजट 2021: टिकरी बॉर्डर पर की गई ऐसी सुरक्षा जैसी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी नहीं है, बनाई गई आठ लेयर की सुरक्षा दीवार Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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भारत का बजट होता है 30 लाख करोड़ का, जानिए सरकार के पास कहां से आता है इतना पैसा
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चैतन्य भारत न्यूज देश का आम बजट आज पेश हो रहा है। यह बजट केंद्र की मोदी सरकार का नौवां बजट होगा। बजट से हर किसी को उम्मीदें रहती हैं। कोई टैक्स में छूट की उम्मीद करता है, तो कोई अन्य तरीके से मदद की आस करता है। हर बार की तरह इस बार भी बजट में विभिन्न सेक्टर्स के लिए कई घोषणाएं रहेंग���। जिनपर एक तय धनराशि खर्च की जाएगी। जानकारी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में स्वीकृत बजट का आकार करीब 30 लाख करोड़ रुपए का था। इसी में से विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए भी बजट आवंटन होगा, जो पूरे वित्त वर्ष के दौरान विभिन्न खर्चों और योजनाओं में इस्तेमाल होगा। लेकिन एक ऐसा सवाल हैं जो हर आम आदमी के मन में जरूर आता ही है कि सरकार जो बजट में बड़े-बड़े ऐलान करती हैं, उसके लिए पैसे कहां से आते हैं? सरकार के पास आमदनी का जरिया क्या है? आइए हम आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं। टैक्स और राजस्व (Revenue) सरकार की आमदनी का सबसे बड़ा जरिया होता है। उदाहरण के लिए एक रुपए की आमदनी में मुख्यतौर पर सरकार के पास इन रास्तों से पैसे आते हैं:- उधार और अन्य देयताएं- 20 पैसे निगम कर- 18 पैसे इनकम टैक्स- 17 पैसे सीमा शुल्क- 4 पैसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क- 7 पैसे जीएसटी एंव अन्य कर- 18 पैसे विभिन्न राजस्व से कर- 10 पैसे कर्ज से इतर कैपिटल इनकम- 6 पैसे (कुल 1 रुपए का हिसाब किताब है) अब इसी रकम को सरकार बजट में लोककल्याण योजनाओं से लेकर दूसरे मदों पर खर्च करती है। अर्थशास्त्रियों की मदद से एक रूप-रेखा तैयार की जाती है, किस सेक्टर और किस मंत्रालय को कितने फंड की जरूरत है। आइए जानते हैं सरकार जमा राशि को कहां-कहां खर्च करती है। ब्याज अदायगी- 18 पैसे केन्द्रीय क्षेत्र की योजनाएं- 13 पैसे वित्त आयोग और अन्य अंतरण- 10 पैसे करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्सा- 20 पैसे केन्द्रीय प्रायोजित योजनाएं- 9 पैसे आर्थिक सहायता- 6 पैसे रक्षा- 8 पैसे पेंशन- 6 पैसे अन्य व्यय- 10 पैसे (कुल 1 रुपये की आदमनी का हिसाब किताब है।) हालांकि खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह चुकी हैं कि कोरोना महामारी की वजह से इस बार का बजट पिछले 100 साल के बजट की तुलना में बिल्कुल अलग रहने वाला है, इसलिए बजट में आय-व्यय के जरिये में फेरबदल भी हो सकता है। Read the full article
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