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32 Including #BJP Leaders Acquitted Of Demolishing Babri Mosque An Indian court has acquitted 32 people including four BJP for their alleged role in the demolition of Babri mosque in 1992. Former Deputy Prime Minister LK Advani, and BJP leaders MM Joshi and Uma Bharti, have been accused of inciting Hindu mobs to demolish the 16th Century Babri mosque in the town of #Ayodhya. Wednesday's verdict acquitted 32 of the 49 people charged - 17 had died while the case was under way. The court said there was ‘insufficient evidence’ to prove the demolition had been planned. The All India Muslim Personal Law Board said it would appeal against the ruling in the high court. 28 years, 850 witnesses, more than 7,000 documents, as well as 100 reports, photographs and video tapes of the incident, 49 accused, several courts. No punishment. Credit: @doamuslims #India #Islamophobia #BabriMosque #BabriMasjid #Islam #Ummah #Muslims #Islamophobie #Muslim #narendramodi #India🇮🇳 https://www.instagram.com/p/CFyrfinldpC/?igshid=15v1j8jv8c21h
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#BlackDays #6thdecemberblackday #BabriMasjid #BabriMosque #BabriMasjidDemolition #WeNeverForgetbabrimasjid #BabriZindahai https://www.instagram.com/p/Cl08xfjrtOP/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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کاشی کی گیان واپی مسجد، متھرا کی عیدگاہ اور بابری مسجد
کاشی کی گیان واپی مسجد، متھرا کی عیدگاہ اور بابری مسجد
کاشی کی گیان واپی مسجد، متھرا کی عیدگاہ اور بابری مسجد ——- ازقلم:ڈاکٹ�� سلیم خان ——- آج 6؍دسمبر ہے۔ 29؍ سال قبل اسی دن بابری مسجد کو شہید کیا گیا تھا۔ اس دوران کوئی ایک بھی دن ایسا نہیں گزرا جب مسلمانانِ عالم نے اپنی اس مسجد کو بھلا یا ہو ۔یہ دن بابری مسجد کی ازسرِ نوتعمیر تک یاد رکھا جائے گا۔ مسجد کی تعمیر کو جو لوگ ناممکن سمجھتے ہیں وہ آیہ صوفیہ کی مسجد کے بارے میں بھی یہی خیال کرتے تھے لیکن…
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#BREAKING: #India's #SupremeCourt rules in favour of handing over the site of #BabriMosque to #Hindus for construction of temple https://www.instagram.com/p/B4pQBllg3RV/?igshid=l0poqu3pntm9
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अयोध्या में बनेगा मस्जिद
बुधवार को, यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के ट्रस्टियों के नाम जारी किए है, जो नवंबर 2019 में बुधवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा अनिवार्य किए गए पांच एकड़ वैकल्पिक भूमि पर एक मस्जिद और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं के निर्माण की देख-रेख के लिए बनाई गई थी।
राज्य सरकार ने अयोध्या में ध्वस्त बाबरी मस्जिद के एवज में अयोध्या में विवादित स्थल पर खड़े होने के एवज में अयोध्या जिले के धनीपुर गांव में, बोर्ड को ज़मीन दी थी। वक्फ बोर्ड ने 24 फरवरी को अपनी ���ैठक में ज़मीन को स्वीकार कर लिया था और बाद में आईआईसीएफ का गठन किया था। ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे, कोई भी नौकरशाह नहीं होगा, लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधि होंगे।
बोर्ड चेयरपर्सन फारूकी ने बताया, “छह सदस्यों को अयोध्या जिले से स्थानीय प्रतिनिधित्व मिलेगा और वे भी जो परियोजना में मदद कर सकते हैं, क्योंकि समुदाय के भीतर से धन उत्पन्न करना होगा।” अन्य सदस्य ट्रस्टियों में मोहम्मद जुनैद सिद्दीकी, मोहम्मद राशिद और लखनऊ के इमरान अहमद और बांदा के शेख सौदुज़मन शामिल हैं। इमरान अहमद ने 2012 के राज्य चुनाव में लखीमपुर से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था।
https://kisansatta.com/mosque-will-built-in-ayodhya/ #Masjidwahibanega, #RamMandir, #AlottedLand, #Ayodhya, #BabriMosque, #SupremeCourt #masjidwahibanega, #ram mandir, alotted land, Ayodhya, babri mosque, Supreme Court National, Top, Trending #National, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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بابری مسجد: بھارتی سپریم کورٹ نے مسلمانوں کے خلاف فیصلہ سنا دیا #BabriMosque #Court #BabriMasjid #AYODHYAVERDICT #AyodhyaCase #aajkalpk بھارتی سپریم کورٹ نے بابری مسجد کیس کا فیصلہ سناتے ہوئے مسجد کی زمین ہندوؤں کے حوالے کرتے ہوئے مرکزی حکومت کو مندر تعمیر کرنے کا حکم دیا ہے۔
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32 Including #BJP Leaders Acquitted Of Demolishing Babri Mosque An Indian court has acquitted 32 people including four BJP for their alleged role in the demolition of Babri mosque in 1992. Former Deputy Prime Minister LK Advani, and BJP leaders MM Joshi and Uma Bharti, have been accused of inciting Hindu mobs to demolish the 16th Century Babri mosque in the town of #Ayodhya. Wednesday's verdict acquitted 32 of the 49 people charged - 17 had died while the case was under way. The court said there was ‘insufficient evidence’ to prove the demolition had been planned. The All India Muslim Personal Law Board said it would appeal against the ruling in the high court. 28 years, 850 witnesses, more than 7,000 documents, as well as 100 reports, photographs and video tapes of the incident, 49 accused, several courts. No punishment. Credit: @doamuslims #India #Islamophobia #BabriMosque #BabriMasjid #Islam #Ummah #Muslims #Islamophobie #Muslim #narendramodi #India🇮🇳 https://www.instagram.com/p/CFyrfinldpC/?igshid=15v1j8jv8c21h
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Curiocity: Mike’s Mix — Solstice | minnesota.allembru.com
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25 मार्च से नए स्थान पर विराजमान होंगे रामलला, नजदीक से दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु, जानें अन्य खासियत
चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या. रामलला राम जन्मभूमि पर नई जगह 25 मार्च से विराजमान होंगे। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने नए ढांचे के निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया है। अब भक्तों को रामलला के दर्शन करने के लिए पहले की तुलना में बहुत ही कम चलना पड़ेगा। जानकारी के मुताबिक, अब श्रद्धालु महज 26 फुट की दूरी से ही प्रभु श्रीराम के दर्शन कर सकेंगे। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); रामलला के चारों ओर लगेंगे बुलेट प्रूफ ग्लास जानकारी के अनुसार, राम मंदिर का नया ढांचा मानस मंदिर के करीब बनाया जा रहा है। बता दें यह मंदिर राम जन्मभूमि क्षेत्र में ही है। मंदिर के ढांचे के निर्माण का कार्य दिल्ली की एक कंपनी को मिला है। ढांचा पूर्ण रूप से बुलेटप्रूफ होगा। रामलला के चारों ओर बुलेट प्रूफ ग्लास लगाए जाएंगे। इससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में कोई परेशानी नहीं होगी। बार-बार नहीं ली जाएगी तलाशी इसके अलावा नई जगह पर भक्तों को और भी कई सुविधाएं मिलेंगी। सुरक्षा व्यवस्था सख्त रहेगी। हालांकि, पहले के मुकाबले अब बैरिकेड्स कम कर दिए जाएंगे। इसके अलावा भक्तों की बार-बार तलाशी भी नहीं ली जाएगी। स्कैनिंग मशीनें भी लगाईं जाएंगी। क्लॉक रूम की भी सुविधा उपलब्ध रहेगी। बुजुर्गों के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी। बैठकर पूजा कर सकेंगे भक्त भक्त रामलला की पूजा-पाठ के लिए मंदिर में पूजन सामग्री भी ले जा सकेंगे। यानी भक्तों को प्रसाद और फूल-माला ले जाने की अनुमति मिलेगी। भक्तों को कोई परेशानी न हो और वे विश्राम कर सके इसके लिए अंदर शेड भी बनाया जाएगा, जहां बैठने की व्यवस्था तो होगी ही, साथ ही पीने के पानी की व्यवस्था भी होगी। इसके अलावा अब राम भक्त खड़े होकर नहीं बल्कि बैठकर पूजा कर सकेंगे। इसके लिए मंदिर निर्माण के समय ही पूरी व्यवस्था बनाई जाएगी। दान की विशेष व्यवस्था ट्रस्ट सूत्रों के मुताबिक, रामनवमी 2020 के अवसर पर विशेष व्यवस्था की जा रही है जिससे कि भक्तों को रामलला के दर्शन अच्छी तरह हो सकें। साथ ही दान की भी व्यवस्था की जाएगी। मंदिर में छोटी रकम दान करने के लिए हुंडी की व्यवस्था होगी और बड़ी रकम के लिए बैंक ड्राफ्ट, चेक और दूसरे विकल्प की व्यवस्था की जा रही है। ये भी पढ़े... बैठक में तय हुआ प्लान, 25 मार्च के बाद दिल्ली में तय हो सकती है राम मंदिर निर्माण की तारीख लार्सन एण्ड टुब्रो कंपनी करेगी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण, बिना कॉन्ट्रैक्ट लिए सेवाभाव से करेगी काम महंत नृत्य गोपाल दास बने राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष तो चंपत राय महासचिव, मंदिर निर्माण के लिए मिला लाखों का दान Read the full article
#amitshahrammandir#AnnouncementOfRamTempleBhumiPoojan#ayodhya#ayodhyagrandtemple#ayodhyarammandir#AyodhyaRamTemple#babrimasjid#babrimasjidplace#babrimosque#BhumiPoojanOfRamTemple#budgetsession2020#congress#dhannipur#HomeMinistry#indoislamicculturetrust#l&T#larsenandtoubro#larsenandtoubrorammandir#loksabha#mahantnrityagopaldas#mahantnrityagopaldasnews#Modigovernment#pmmodirammandirtrust#rahulgandhi#rammandir#rammandirdonation#rammandirnirman#RamMandirTrust#rammandirtrustmember#rammandirtrustmembers
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29 फरवरी को राममंदिर ट्रस्ट की बैठक, हो सकता है राम मंदिर निर्माण की तारीख का ऐलान
चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या. उत्तरप्रदेश के अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की शनिवार को दूसरी अहम बैठक आयोजित होगी। इस बैठक में राममंदिर के भूमिपूजन का मुहूर्त निकलेगा। राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्रा ट्रस्ट के सदस्य बनने के बाद 28 फरवरी को बैठक में शामिल होने के लिए पहली बार अयोध्या और लखनऊ आ रहे हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); नृपेन्द्र मिश्रा इस दौरान लखनऊ और अयोध्या में लागातार दो बैठक कर मंदिर निर्माण का खाका तैयार करेंगे। बैठक में मंदिर के आकार के मुताबिक मॉडल में बदलाव, निर्माण का इंतजाम, लागत और कोष पर चर्चा भी शामिल है। लखनऊ में होने वाली बैठक में साधू संतों के साथ-साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हो सकते हैं। साथ ही अयोध्या के विकास के लिए बनी योजनाओं से जुड़े उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन, संस्कृति, लोनिवि, सिंचाई आदि विभागों के आला अफसर भी इस बैठक में शामिल होंगे। बैठक में यह भी तय होगा कि मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए भूमि पूजन आगामी 2 अप्रैल को राम नवमी के दिन करवाया जाए या फिर अप्रैल के अंत में पड़ने वाली अक्षय तृतीया के दिन करवाया जाए। बैठक के बाद सबसे पहले भूमि के सर्वेक्षण, माप और मिट्टी की गुणवत्ता जांचने के काम पूरे किए जाएंगे। फिर ही सक्षम निर्माण कंपनियों से नक्शे और डिजाइन के मुताबिक निविदा आमंत्रित की जाएगी। ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास, महामंत्री चंपत राय और ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान मंदिर निर्माण में भूमिका के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया गया। ट्रस्ट के सदस्यों ने पीएम मोदी को शिलान्यास के मुहूर्त पर अयोध्या आने का भी न्योता दिया था। ये भी पढ़े... सुन्नी वक्फ बोर्ड ने किया फैसला, अयोध्या में 5 एकड़ जमीन पर ही बनेगी मस्जिद राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर विवाद शुरू, अयोध्या के नाराज संत ने सरकार पर लगाया अन्याय का आरोप अमित शाह ने किया ऐलान- अगले 4 माह में अयोध्या में बनने जा रहा आसमान छूता भव्य राम मंदिर Read the full article
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राम मंदिर: ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा- मंदिर निर्माण के लिए सरकार से नहीं लेंगे कोई दान
चैतन्य भारत न्यूज ग्वालियर. राम मंदिर निर्माण के लिए गठित रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि, 'भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए कोई भी सरकारी दान या चंदा नहीं लिया जाएगा।' (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); महंत नृत्य गोपाल दास महाराज ने ग्वालियर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, 'मंदिर निर्माण में शामिल होने के लिए सभी राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों को अयोध्या आमंत्रित किया जाएगा।' उन्होंने आगे कहा कि, 'हम पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित कर चुके हैं, हमारे पास उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ हैं। अन्य सभी राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों, जिन्हें धर्म में रुचि है, उन्हें एक भव्य मंदिर के निर्माण में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।' ट्रस्ट के अध्यक्ष ने कहा कि, 'मंदिर के निर्माण के लिए सरकार से कोई अनुदान नहीं लिया जाएगा। मंदिर जनता के योगदान से बनाया जाएगा। सरकार के पास पहले से ही कई समस्याएं हल करने के लिए हैं, हमारे पास ज्यादा बोझ नहीं है।' बता दें इससे पहले गुरुवार को राम जन्मभूमि ट्रस्ट की पहली बैठक के बाद ट्रस्ट के चार प्रमुख पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की थी। इस बैठक में अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज के अलावा वीएचपी नेता चंपत राय, के पराशरन और स्वामी गोविंद गिरिजी महाराज भी शामिल थे। करीब 1 घंटे तक चली बैठक में पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री मोदी को ट्रस्ट के गठन और सरकार के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। बता दें राम मंदिर ट्रस्ट की अगली बैठक अयोध्या में 2-3 मार्च को हो सकती है जिसमें मंदिर निर्माण की तारीख का एलान किया जा सकता है। इसके लिए ट्रस्ट के पदाधिकारियों पीएम मोदी को आमंत्रित तो किया ही है और साथ ही उन्होंने पीएम मोदी से उनकी उपलब्धता के लिए समय भी देने के लिए कहा है। जिससे कि अगली बैठक में प्रधानमंत्री की उपलब्ध तारीखों के अनुरूप राम मंदिर के भूमि पूजन का कार्यक्रम निर्धारित किया जा सके। ये भी पढ़े... महंत नृत्य गोपाल दास बने राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष तो चंपत राय महासचिव, मंदिर निर्माण के लिए मिला लाखों का दान राम मंदिर ट्रस्ट: केंद्र सरकार ने इन 15 लोगों के कंधों पर दी राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर विवाद शुरू, अयोध्या के नाराज संत ने सरकार पर लगाया अन्याय का आरोप राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को मिला पहला दान, केंद्र सरकार ने दिया 1 रुपया नकद Read the full article
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राम मंदिर: ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा- मंदिर निर्माण के लिए सरकार से नहीं लेंगे कोई दान
चैतन्य भारत न्यूज ग्वालियर. राम मंदिर निर्माण के लिए गठित रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि, 'भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए कोई भी सरकारी दान या चंदा नहीं लिया जाएगा।' (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); महंत नृत्य गोपाल दास महाराज ने ग्वालियर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, 'मंदिर निर्माण में शामिल होने के लिए सभी राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों को अयोध्या आमंत्रित किया जाएगा।' उन्होंने आगे कहा कि, 'हम पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित कर चुके हैं, हमारे पास उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ हैं। अन्य सभी राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों, जिन्हें धर्म में रुचि है, उन्हें एक भव्य मंदिर के निर्माण में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।' ट्रस्ट के अध्यक्ष ने कहा कि, 'मंदिर के निर्माण के लिए सरकार से कोई अनुदान नहीं लिया जाएगा। मंदिर जनता के योगदान से बनाया जाएगा। सरकार के पास पहले से ही कई समस्याएं हल करने के लिए हैं, हमारे पास ज्यादा बोझ नहीं है।' बता दें इससे पहले गुरुवार को राम जन्मभूमि ट्रस्ट की पहली बैठक के बाद ट्रस्ट के चार प्रमुख पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की थी। इस बैठक में अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज के अलावा वीएचपी नेता चंपत राय, के पराशरन और स्वामी गोविंद गिरिजी महाराज भी शामिल थे। करीब 1 घंटे तक चली बैठक में पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री मोदी को ट्रस्ट के गठन और सरकार के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। बता दें राम मंदिर ट्रस्ट की अगली बैठक अयोध्या में 2-3 मार्च को हो सकती है जिसमें मंदिर निर्माण की तारीख का एलान किया जा सकता है। इसके लिए ट्रस्ट के पदाधिकारियों पीएम मोदी को आमंत्रित तो किया ही है और साथ ही उन्होंने पीएम मोदी से उनकी उपलब्धता के लिए समय भी देने के लिए कहा है। जिससे कि अगली बैठक में प्रधानमंत्री की उपलब्ध तारीखों के अनुरूप राम मंदिर के भूमि पूजन का कार्यक्रम निर्धारित किया जा सके। ये भी पढ़े... महंत नृत्य गोपाल दास बने राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष तो चंपत राय महासचिव, मंदिर निर्माण के लिए मिला लाखों का दान राम मंदिर ट्रस्ट: केंद्र सरकार ने इन 15 लोगों के कंधों पर दी राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर विवाद शुरू, अयोध्या के नाराज संत ने सरकार पर लगाया अन्याय का आरोप राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को मिला पहला दान, केंद्र सरकार ने दिया 1 रुपया नकद Read the full article
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महंत नृत्य गोपाल दास बने राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष तो चंपत राय महासचिव, मंदिर निर्माण के लिए मिला लाखों का दान
चैतन्य भारत न्यूज अयोध्या. अयोध्या में भव्य mahant nritya gopal dasनिर्माण के लिए बुधवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक हुई। दिल्ली में हुई इस अहम बैठक में रामजन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ट्रस्ट के अध्यक्ष चुने गए। इनके अलावा विश्व हिंदू परिषषद यानी विहिप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंपत राय को ट्रस्ट का महासचिव बनाया गया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); ट्रस्ट में शामिल वरिष्ठ वकील के. परासरन के आवास पर यह बैठक हुई थी। बता दें नृत्य गोपालदास पहले ट्रस्ट के सदस्य नहीं थे। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की मंदिर निर्माण समिति का प्रमुख बनाया गया है। स्वामी गोविंद देव जी गिरी महाराज को कोषाध्यषक्ष चुना गया। दिल्ली की फर्म शंकर अय्यर एंड कंपनी रंजीत नगर, पटेल नगर नई दिल्ली को ट्रस्ट के चार्टर्ड एकाउंटेंट (CA) की जिम्मेदारी सौंपी गई। बता दें ट्रस्ट के एकाउंट से संबंधित सभी कार्यों को यह यह कंपनी देखेगी। भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अतिरिक्त सचिव गृह विभाग ज्ञानेश कुमार बैठक में शामिल हुए। बैठक में ट्रस्ट के पदाधिकारियों के चयन के तुरंत बाद मंदिर निर्माण को लेकर चंदा देने का सिलसिला भी शुरू हो गया। मंदिर निर्माण के लिए पहला चंदा पेजावर मठ द्वारा दिया गया। बुधवार को ट्रस्ट की पहली बैठक में ट्रस्टी उडुपी के पेजावर मठ के स्वामी विश्वप्रसन्नतीर्थ जी महाराज ने मंदिर निर्माण के लिए पांच लाख का चेक सौंपा। जानकारी के मुताबिक, पिछले करीब 10 दिनों में वरिष्ठ वकील व ट्रस्टी के. परासरन के घर मंदिर निर्माण के लिए दान के रूप में आए लाखों रुपए के 10 से 15 चेक भी ट्रस्ट को सौंपे गए। बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि राम मंदिर निर्माण के लिए जो भी दान आएगा उसके लिए एक बैंक खाता अयोध्या की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में खुलवाया जाएगा। मंदिर निर्माण कब से शुरू होगा इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है। ट्रस्ट की अगली बैठक अयोध्या में 2-3 मार्च को हो सकती है जिसमें मंदिर निर्माण की तारीख का एलान किया जा सकता है। ये भी पढ़े... राम मंदिर ट्रस्ट: केंद्र सरकार ने इन 15 लोगों के कंधों पर दी राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर विवाद शुरू, अयोध्या के नाराज संत ने सरकार पर लगाया अन्याय का आरोप राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को मिला पहला दान, केंद्र सरकार ने दिया 1 रुपया नकद Read the full article
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राम मंदिर को लेकर 19 फरवरी को होगी अहम बैठक, हो सकता है मंदिर निर्माण की तारीख का ऐलान
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. केंद्र सरकार के द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने के बाद हलचल तेज हो गई है। हर किसी की उम्मीद है कि अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर भव्य और दिव्य होगा। हाल ही में खबर आई कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक 19 फरवरी को दिल्ली में होगी। इस बैठक में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की तिथि पर फैसला हो सकता है। रविवार को तीर्थ ट्रस्ट के सदस्य विमलेंद्र मोहन मिश्र ने इसकी पुष्टि की। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); सूत्रों का कहना है कि राम मंदिर का निर्माण 2 अप्रैल (रामनवमी के दिन) या फिर 26 अप्रैल (अक्षय तृतीया) के दिन शुरू किया जा सकता है। हालांकि इस मामले में अंतिम फैसला ट्रस्ट की पहली बैठक में लिया जाएगा। गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार ने ट्रस्ट का ऐलान कर दिया था। ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य हैं, जिसमें एक दलित समुदाय से है। ट्रस्ट का ट्रस्टी वरिष्ठ वकील के. पारासरन को बनाया गया है। के. पारासरन ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राम मंदिर का पक्ष रखा था। इसके अलावा ट्रस्ट में परमानंद जी महाराज, कामेश्वर चौपाल, ज्योतिर्मण शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरी, स्वामी गोविंददेव गिरि और पेजावर पीठाधीश स्वामी विश्वप्रसन्न तीर्थ, माधवाचार्य स्वामी, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा, डॉक्टर अनिल मिश्र, बोर्ड ऑफ ट्रस्टी से नामित दो सदस्य, अयोध्या के डीएम, के���्द्र सरकार के प्रतिनिधि, राज्य के प्रतिनिधि और ट्रस्टी द्वारा नामित एक चेयरमैन शामिल हैं। ये भी पढ़े... राम मंदिर ट्रस्ट: केंद्र सरकार ने इन 15 लोगों के कंधों पर दी राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर विवाद शुरू, अयोध्या के नाराज संत ने सरकार पर लगाया अन्याय का आरोप राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को मिला पहला दान, केंद्र सरकार ने दिया 1 रुपया नकद Read the full article
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राम मंदिर ट्रस्ट: केंद्र सरकार ने इन 15 लोगों के कंधों पर दी राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट की घोषणा कर दी है। इस ट्रस्ट का नाम 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट' है जिसमें 15 सदस्य होंगे। इन 15 में से एक सदस्य हमेशा दलित समाज से रहेगा। आइए जानते हैं श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों के बारे में- (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); के पाराशरण के पाराशरण सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं। उन्होंने 9 साल तक अयोध्या मामले में हिंदू पक्ष की पैरवी की थी। के पाराशरण इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सरकार के कार्यकाल में अटॉर्नी जनरल भी रह चुके हैं। के पाराशरण को पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित क��या जा चुका है। जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वतीजी महाराज (प्रयागराज) स्वामी वासुदेवानंद सरस्वतीजी महाराज बद्रीनाथ स्थित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य हैं। इनके शंकराचार्य बनाए जाने को लेकर काफी विवाद भी हुआ था। ज्योतिष मठ की शंकराचार्य की पदवी को लेकर द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने हाई कोर्ट में केस दाखिल किया था। जगतगुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज कर्नाटक के उडुपी स्थित पेजावर मठ के 33वें पीठाधीश्वर हैं। स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज ने पिछले साल दिसंबर में पेजावर मठ के पीठाधीश्वर स्वामी विश्वेशतीर्थ के निधन के बाद यह पदवी संभाली। युगपुरुष परमानंद जी महाराज परमानंद जी महाराज अखंड आश्रम हरिद्वार के प्रमुख हैं। वेदांत पर उनकी 150 से ज्यादा किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। परमानंद जी महाराज ने साल 2000 में संयुक्त राष्ट्र में आध्यात्मिक नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था। स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज का जन्म महाराष्ट्र के अहमद नगर में सन 1950 में हुआ था। स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज रामायण, श्रीमद्भगवद्गीता, महाभारत और अन्य पौराणिक ग्रंथों का दुनियाभर में प्रवचन करते हैं। वह महाराष्ट्र के विख्यात आध्यात्मिक गुरु पांडुरंग शास्त्री अठावले के शिष्य हैं। विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा अयोध्या राजपरिवार के वंशज हैं। साथ ही वे रामायण मेला संरक्षक समिति के सदस्य और समाजसेवी भी हैं। साल 2009 में विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा ने बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वह कभी राजनीति में नहीं आए। डॉ. अनिल मिश्र, होम्पयोपैथिक डॉक्टर डॉ. अनिल मूलरूप से अंबेडकरनगर के निवासी हैं। वह अयोध्या के प्रसिद्ध होम्योपैथी डॉक्टर हैं। साथ ही डॉ. अनिल होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार भी हैं। डॉ. अनिल ने साल 1992 में राम मंदिर आंदोलन में पूर्व सांसद विनय कटियार के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अभी संघ के अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह भी हैं। श्री कामेश्वर चौपाल, पटना (एससी सदस्य) संघ ने कामेश्वर चौपाल को पहले कारसेवक का दर्जा दिया है। साल 1989 में कामेश्वर चौपाल ने ही राम मंदिर में शिलान्यास की पहली ईंट रखी थी। कामेश्वर चौपाल को राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने और दलित होने के नाते यह मौका दिया गया। 1991 में रामविलास पासवान के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था। महंत दिनेंद्रदास अयोध्या जिले के ग्राम रामपुर बैहारी में पैदा हुए निर्मोही अखाड़ा के 50 व��्षीय महंत दिनेंद्रदास बाल्या��स्था में ही साधु बन गए थे। वाणिज्य से परास्नातक दिनेंद्रदास ने चार साल पहले निर्मोही अखाड़ा की महंती संभाली। इससे पहले उप सरपंच के तौर पर भी अखाड़ा में उनकी अहमियत रही। केंद्र सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा और केंद्र सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा। यह सदस्य भारत सरकार के संयुक्त सचिव के पद से नीचे नहीं होगा। यह एक पदेन सदस्य होगा। राज्य सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा और उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा। यह व्यक्ति राज्य सरकार के सचिव के पद से नीचे नहीं होगा। यह एक पदेन सदस्य होगा। अयोध्या जिले के कलेक्टर पदेन ट्रस्टी होंगे। वे हिंदू धर्म के होना चाहिए। यदि किसी कारण से मौजूदा कलेक्टर हिंदू धर्म के नहीं हैं, तो अयोध्या के एडिशनल कलेक्टर (हिंदू धर्म) पदेन सदस्य होंगे। राम मंदिर विकास और प्रशासन से जुड़े मामलों के चेयरमैन की नियुक्ति ट्रस्टियों का बोर्ड करेगा। उनका हिंदू होना जरूरी है। बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित एक ट्रस्टी, जो हिंदू धर्म का हो। बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित एक ट्रस्टी, जो हिंदू धर्म का हो। ये भी पढ़े... राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर विवाद शुरू, अयोध्या के नाराज संत ने सरकार पर लगाया अन्याय का आरोप राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को मिला पहला दान, केंद्र सरकार ने दिया 1 रुपया नकद अमित शाह ने की घोषणा- राम मंदिर ट्रस्ट में होंगे 15 सदस्य, एक सदस्य दलित समाज से रहेगा Read the full article
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