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chaitanyabharatnews · 5 years
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बच्चों की मौत: कोटा से भी बुरा बीकानेर का हाल, अहमदाबाद-राजकोट में 1 महीने में 219 नवजातों की मौत
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. राजस्थान में कोटा के जेके लोन सरकारी अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला अब तक नहीं थमा। यहां दिसंबर से अब तक 110 बच्चों की मौत हो गई है। इसी बीच गुजरात के राजकोट, अहमदाबाद और राजस्थान के बीकानेर से भी बच्चों मौत के मामले सामने आए हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); राजकोट में हुई 134 बच्चों की मौत सूत्रों के मुताबिक, राजकोट के एक सरकारी अस्पताल में दिसंबर में 134 बच्चों की मौत हुई है। यहां बच्चों की मौत का कारण कुपोषण, जन्म से ही बीमारी, वक्त से पहले जन्म, मां का खुद कुपोषित होना बताया जा रहा है। कोटा: 107 मासूमों की मौत के बाद सरकार ने लिया एक्शन, अस्पताल में आएंगे 8 वेंटिलेटर अहमदाबाद में 85 बच्चों की मौत अहमदाबाद सिविल अस्पताल में पिछले महीने यानी दिसंबर में 85 बच्चों की मौत हो गई। इस मामले में अहमदाबाद सिविल अस्पताल के सुप्रीटेंडेंट डॉक्टर गुणवंत राठौर ने कहा कि, 'हर महीने 400 से ज्यादा बच्चे अस्पताल में दाखिल होते हैं, उस हिसाब से मृत्युदर 20 फीसदी जितना ही है। यहां सुविधाओं की कमी नहीं है, निजी अस्पतालों और बाकी सरकारी अस्पतालों से बच्चा क्रिटिकल कंडीशन में सरकारी अस्पताल भेजा जाता है। ऐसे में बच्चों की मौत पर आंकड़ा केवल सरकारी अस्पतालों में देखने को मिलता है।' कोटा में 104 बच्चों की मौत पर भड़कीं मायावती, की मुख्यमंत्री गहलोत को बर्खास्त करने की मांग बीकानेर में सबसे ज्यादा बच्चों की मौत बीकानेर की बात करें तो यहां के सबसे बड़े पीबीएम शिशु अस्पताल ने तो बच्चों की मौत के मामले में कोटा और राजकोट को भी पीछे छोड़ दिया है। इस अस्पताल में दिसंबर के 31 दिनों में 162 बच्चों की मौत हुई। जानकारी के मुताबिक, दिसंबर में इस अस्पताल में जन्मे और बाहर से आए 2219 बच्चे पीबीएम शिशु अस्पताल में भर्ती हुए। इन्हीं में से 162 यानी 7.3 फीसदी बच्चों की मौत हो गई। कोटा: बच्चों की मौत पर बवाल, सचिन पायलट ने किया अस्पताल का दौरा, सीएम गहलोत पर साधा निशाना कोटा में बच्चों की मौत का कारण 'हाइपोथर्मिया' गौरतलब है कि कोटा में लगातार बच्चों की हो रही मौतों के बाद यह मामला उजागर हुआ। जेके लोन अस्पताल में दिसंबर की शुरुआत से रविवार यानी आज तक 110 बच्चों की मौत हो गई है। जब इस मामले की जांच की गई तो विशेषज्ञों ने पाया कि हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान असंतुलित हो जाना) के कारण बच्चों की मौत हुई है। ऐसा अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण हो सकता है। ये भी पढ़े... कोटाः 104 मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन? आज जांच के लिए पहुंचेगी केंद्र की एक्सपर्ट टीम कोटा: नहीं थम रहा बच्चों की मौत का सिलसिला, 4 दिन में 11 नवजातों की मौत, 102 के पार पहुंचा आंकड़ा कोटा: 48 घंटे में 10 बच्चों की मौत, सीएम गहलोत बोले- हर रोज 3-4 मौतें होती हैं, कोई नई बात नहीं ऑक्सीजन पाइपलाइन नहीं होने के कारण इंफेक्‍शन फैलने और ठंड के चलते हुई 91 मासूमों की मौत   Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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बच्चों की मौत: कोटा से भी बुरा बीकानेर का हाल, अहमदाबाद-राजकोट में 1 महीने में 219 नवजातों की मौत
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. राजस्थान में कोटा के जेके लोन सरकारी अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला अब तक नहीं थमा। यहां दिसंबर से अब तक 110 बच्चों की मौत हो गई है। इसी बीच गुजरात के राजकोट, अहमदाबाद और राजस्थान के बीकानेर से भी बच्चों मौत के मामले सामने आए हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); राजकोट में हुई 134 बच्चों की मौत सूत्रों के मुताबिक, राजकोट के एक सरकारी अस्पताल में दिसंबर में 134 बच्चों की मौत हुई है। यहां बच्चों की मौत का कारण कुपोषण, जन्म से ही बीमारी, वक्त से पहले जन्म, मां का खुद कुपोषित होना बताया जा रहा है। कोटा: 107 मासूमों की मौत के बाद सरकार ने लिया एक्शन, अस्पताल में आएंगे 8 वेंटिलेटर अहमदाबाद में 85 बच्चों की मौत अहमदाबाद सिविल अस्पताल में पिछले महीने यानी दिसंबर में 85 बच्चों की मौत हो गई। इस मामले में अहमदाबाद सिविल अस्पताल के सुप्रीटेंडेंट डॉक्टर गुणवंत राठौर ने कहा कि, 'हर महीने 400 से ज्यादा बच्चे अस्पताल में दाखिल होते हैं, उस हिसाब से मृत्युदर 20 फीसदी जितना ही है। यहां सुविधाओं की कमी नहीं है, निजी अस्पतालों और बाकी सरकारी अस्पतालों से बच्चा क्रिटिकल कंडीशन में सरकारी अस्पताल भेजा जाता है। ऐसे में बच्चों की मौत पर आंकड़ा केवल सरकारी अस्पतालों में देखने को मिलता है।' कोटा में 104 बच्चों की मौत पर भड़कीं मायावती, की मुख्यमंत्री गहलोत को बर्खास्त करने की मांग बीकानेर में सबसे ज्यादा बच्चों की मौत बीकानेर की बात करें तो यहां के सबसे बड़े पीबीएम शिशु अस्पताल ने तो बच्चों की मौत के मामले में कोटा और राजकोट को भी पीछे छोड़ दिया है। इस अस्पताल में दिसंबर के 31 दिनों में 162 बच्चों की मौत हुई। जानकारी के मुताबिक, दिसंबर में इस अस्पताल में जन्मे और बाहर से आए 2219 बच्चे पीबीएम शिशु अस्पताल में भर्ती हुए। इन्हीं में से 162 यानी 7.3 फीसदी बच्चों की मौत हो गई। कोटा: बच्चों की मौत पर बवाल, सचिन पायलट ने किया अस्पताल का दौरा, सीएम गहलोत पर साधा निशाना कोटा में बच्चों की मौत का कारण 'हाइपोथर्मिया' गौरतलब है कि कोटा में लगातार बच्चों की हो रही मौतों के बाद यह मामला उजागर हुआ। जेके लोन अस्पताल में दिसंबर की शुरुआत से रविवार यानी आज तक 110 बच्चों की मौत हो गई है। जब इस मामले की जांच की गई तो विशेषज्ञों ने पाया कि हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान असंतुलित हो जाना) के कारण बच्चों की मौत हुई है। ऐसा अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण हो सकता है। ये भी पढ़े... कोटाः 104 मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन? आज जांच के लिए पहुंचेगी केंद्र की एक्सपर्ट टीम कोटा: नहीं थम रहा बच्चों की मौत का सिलसिला, 4 दिन में 11 नवजातों की मौत, 102 के पार पहुंचा आंकड़ा कोटा: 48 घंटे में 10 बच्चों की मौत, सीएम गहलोत बोले- हर रोज 3-4 मौतें होती हैं, कोई नई बात नहीं ऑक्सीजन पाइपलाइन नहीं होने के कारण इंफेक्‍शन फैलने और ठंड के चलते हुई 91 मासूमों की मौत   Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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कोटा: बच्चों की मौत पर बवाल, सचिन पायलट ने किया अस्पताल का दौरा, सीएम गहलोत पर साधा निशाना
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चैतन्य भारत न्यूज कोटा. राजस्थान के कोटा शहर में बच्चों की मौत का आंकड़ा 107 तक पहुंच चुका है। मामले की गंभीरता देख राज्य के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने शनिवार को जेके लोन अस्पताल का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि, हमें जिम्मेदारी तय करनी होगी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); कोटा: 107 मासूमों की मौत के बाद सरकार ने लिया एक्शन, अस्पताल में आएंगे 8 वेंटिलेटर मृत बच्चों के परिवार से की मुलाकात सचिन पायलट ने कहा कि, 'पहले क्या हुआ इस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। वसुंधरा को जनता ने हरा दिया लेकिन अब जिम्मेदारी हमारी है।' उन्होंने आगे कहा कि, 'सरकार आंकड़ों में फंसाकर जिम्मेदारी से बच नहीं सकती, जवाबदेही तय करनी होगी। सरकार को ऐसे मामलों में और अधिक संवेदनशील होना होगा। 13 महीने से सरकार में होने के बाद बच्चों की मौत के लिए पुरानी सरकार के रवैये को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं।' सचिन पायलट ने मृत बच्चों के परिवार से भी मुलाकात की। Rajasthan Deputy Chief Minister Sachin Pilot on #KotaChildDeaths: I think our response to this could have been more compassionate and sensitive. After being in power for 13 months I think it serves no purpose to blame the previous Govt's misdeeds. Accountability should be fixed. pic.twitter.com/kpD9uxMfUy — ANI (@ANI) January 4, 2020 NHRC ने सरकार को जारी किया नोटिस शिशुओं की लगातार हो रही मौत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए नोटिस भी जारी किया है। आयोग ने इस मामले में राज्य सरकार से चार सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। कोटा में 104 बच्चों की मौत पर भड़कीं मायावती, की मुख्यमंत्री गहलोत को बर्खास्त करने की मांग हाइपोथर्मिया के कारण हुई इतने मौतें बता दें बच्चों की मौत का कारण पता लगाने के लिए एक जांच समिति गठित की गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में मौत का मुख्य कारण हाइपोथर्मिया बताया है और इससे बच्चों को बचाने के लिए अस्पताल में मौजूद हर आवश्यक उपकरण खराब है। राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने शुक्रवार को जेके लोन अस्पताल का दौरा किया और उन्होंने अस्पताल में जरुरी उपकरण जैसे- 8 वेंटिलेटर, 28 रेग्यूलाईजर, 10 पल्स ऑक्सीमीटर भी खरीदने की अनुमति दी। ये भी पढ़े... कोटाः 104 मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन? आज जांच के लिए पहुंचेगी केंद्र की एक्सपर्ट टीम कोटा: नहीं थम रहा बच्चों की मौत का सिलसिला, 4 दिन में 11 नवजातों की मौत, 102 के पार पहुंचा आंकड़ा कोटा: 48 घंटे में 10 बच्चों की मौत, सीएम गहलोत बोले- हर रोज 3-4 मौतें होती हैं, कोई नई बात नहीं ऑक्सीजन पाइपलाइन नहीं होने के कारण इंफेक्‍शन फैलने और ठंड के चलते हुई 91 मासूमों की मौत Read the full article
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कोटा: बच्चों की मौत पर बवाल, सचिन पायलट ने किया अस्पताल का दौरा, सीएम गहलोत पर साधा निशाना
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चैतन्य भारत न्यूज कोटा. राजस्थान के कोटा शहर में बच्चों की मौत का आंकड़ा 107 तक पहुंच चुका है। मामले की गंभीरता देख राज्य के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने शनिवार को जेके लोन अस्पताल का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि, हमें जिम्मेदारी तय करनी होगी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); कोटा: 107 मासूमों की मौत के बाद सरकार ने लिया एक्शन, अस्पताल में आएंगे 8 वेंटिलेटर मृत बच्चों के परिवार से की मुलाकात सचिन पायलट ने कहा कि, 'पहले क्या हुआ इस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। वसुंधरा को जनता ने हरा दिया लेकिन अब जिम्मेदारी हमारी है।' उन्होंने आगे कहा कि, 'सरकार आंकड़ों में फंसाकर जिम्मेदारी से बच नहीं सकती, जवाबदेही तय करनी होगी। सरकार को ऐसे मामलों में और अधिक संवेदनशील होना होगा। 13 महीने से सरकार में होने के बाद बच्चों की मौत के लिए पुरानी सरकार के रवैये को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं।' सचिन पायलट ने मृत बच्चों के परिवार से भी मुलाकात की। Rajasthan Deputy Chief Minister Sachin Pilot on #KotaChildDeaths: I think our response to this could have been more compassionate and sensitive. After being in power for 13 months I think it serves no purpose to blame the previous Govt's misdeeds. Accountability should be fixed. pic.twitter.com/kpD9uxMfUy — ANI (@ANI) January 4, 2020 NHRC ने सरकार को जारी किया नोटिस शिशुओं की लगातार हो रही मौत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए नोटिस भी जारी किया है। आयोग ने इस मामले में राज्य सरकार से चार सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। कोटा में 104 बच्चों की मौत पर भड़कीं मायावती, की मुख्यमंत्री गहलोत को बर्खास्त करने की मांग हाइपोथर्मिया के कारण हुई इतने मौतें बता दें बच्चों की मौत का कारण पता लगाने के लिए एक जांच समिति गठित की गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में मौत का मुख्य कारण हाइपोथर्मिया बताया है और इससे बच्चों को बचाने के लिए अस्पताल में मौजूद हर आवश्यक उपकरण खराब है। राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने शुक्रवार को जेके लोन अस्पताल का दौरा किया और उन्होंने अस्पताल में जरुरी उपकरण जैसे- 8 वेंटिलेटर, 28 रेग्यूलाईजर, 10 पल्स ऑक्सीमीटर भी खरीदने की अनुमति दी। ये भी पढ़े... कोटाः 104 मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन? आज जांच के लिए पहुंचेगी केंद्र की एक्सपर्ट टीम कोटा: नहीं थम रहा बच्चों की मौत का सिलसिला, 4 दिन में 11 नवजातों की मौत, 102 के पार पहुंचा आंकड़ा कोटा: 48 घंटे में 10 बच्चों की मौत, सीएम गहलोत बोले- हर रोज 3-4 मौतें होती हैं, कोई नई बात नहीं ऑक्सीजन पाइपलाइन नहीं होने के कारण इंफेक्‍शन फैलने और ठंड के चलते हुई 91 मासूमों की मौत Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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कोटा: 107 मासूमों की मौत के बाद सरकार ने लिया एक्शन, अस्पताल में आएंगे 8 वेंटिलेटर
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चैतन्य भारत न्यूज कोटा. राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन सरकारी अस्पताल में दिसंबर से अब तक 107 बच्चों की मौत हो गई है। बच्चों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। बच्चों की मौत का कारण पता लगाने के लिए एक जांच समिति गठित की गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में मौत का मुख्य कारण हाइपोथर्मिया बताया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने शुक्रवार को जेके लोन अस्पताल का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि, 'चिकित्सा सुविधाओं के लिए बजट की कमी नहीं है, उसका सदुपयोग कर समय पर उपकरणों की मरम्मत एवं सुविधाओं को दुरूस्त रखा जाए ताकि अस्पताल में आने वाले मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो।' इसके अलावा रघु शर्मा ने अस्पताल के NICU वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए आवश्यक निर्माण कार्य 15 जनवरी तक पूरे कराने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि, 'जेके लोन अस्पताल में हाडौती के साथ मध्य प्रदेश से भी प्रसूताएं एवं शिशु आते हैं ऐसे में उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जाए।' चिकित्सा मंत्री ने इंफेक्शन को फैसले से रोकने के लिए अस्पताल में सफाई की उत्तम व्यवस्था रखने और साथ ही मरीजों के साथ आने वाले परिजनों के अलावा अनावश्यक भीड़ को अस्पताल में प्रवेश न देने के निर्देश दिए। साथ ही रघु शर्मा ने जिला कलेक्टर ओम कसेरा को अस्पताल की समय-समय पर जांच करने और वहां के उपकरणों की खरीद एवं साफ-सफाई व्यवस्था में सहायता के लिए मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। रघु शर्��ा ने एक बैठक भी की जिसमें उन्होंने अस्पताल प्रबंध द्वारा बताई गई आवश्यकताओं को मौके पर ही स्वीकृति दे दी। साथ ही चिकित्सा मंत्री ने अस्पताल में आवश्यक सुविधाओं के विस्तार के लिए भी प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होंने जरुरी उपकरणों में 8 वेंटिलेटर, 28 रेग्यूलाईजर, 10 पल्स ऑक्सीमीटर भी खरीदने की अनुमति दी। मीडिया से बातचीत के दौरान चिकित्सा मंत्री ने बच्चों की मौत को बेवजह तूल नहीं देने की बात कही। उन्होंने कहा कि, 'राजस्थान सरकार संवेदनशीलता के साथ इस मामले की लगातार निगरानी कर रही है।' वहीं जांच समिति का इस मामले में कहना है कि, अस्पताल में लगभग सभी तरह के उपकरण और व्यवस्था में बहुत सारी खामियां हैं। बच्चो की मौत का मुख्य कारण हाइपोथर्मिया है। सच्चाई यह है कि इससे बच्चों को बचाने के लिए अस्पताल में मौजूद हर आवश्यक उपकरण खराब है। बता दें अस्पताल में लगातार हो रही मासूमों की मौत के बाद जायजा लेने के लिए आज राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अस्पताल का दौरा करेंगे। क्या है हाइपोथर्मिया हाइपोथर्मिया उसे कहा जाता है, जब शरीर का तापमान 97 डिग्री फॉरेनहाइट से कम हो जाए। जब बाहर का तापमान बेहद कम हो जाए या शरीर में गर्मी पैदा होना कम हो तब ऐसा होता है। इस स्थिति में कई बार हाइपोथर्मिया जानलेवा भी हो सकता है। ये भी पढ़े... कोटा में 104 बच्चों की मौत पर भड़कीं मायावती, की मुख्यमंत्री गहलोत को बर्खास्त करने की मांग कोटाः 104 मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन? आज जांच के लिए पहुंचेगी केंद्र की एक्सपर्ट टीम कोटा: नहीं थम रहा बच्चों की मौत का सिलसिला, 4 दिन में 11 नवजातों की मौत, 102 के पार पहुंचा आंकड़ा कोटा: 48 घंटे में 10 बच्चों की मौत, सीएम गहलोत बोले- हर रोज 3-4 मौतें होती हैं, कोई नई बात नहीं ऑक्सीजन पाइपलाइन नहीं होने के कारण इंफेक्‍शन फैलने और ठंड के चलते हुई 91 मासूमों की मौत Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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कोटा: 107 मासूमों की मौत के बाद सरकार ने लिया एक्शन, अस्पताल में आएंगे 8 वेंटिलेटर
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चैतन्य भारत न्यूज कोटा. राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन सरकारी अस्पताल में दिसंबर से अब तक 107 बच्चों की मौत हो गई है। बच्चों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। बच्चों की मौत का कारण पता लगाने के लिए एक जांच समिति गठित की गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में मौत का मुख्य कारण हाइपोथर्मिया बताया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने शुक्रवार को जेके लोन अस्पताल का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि, 'चिकित्सा सुविधाओं के लिए बजट की कमी नहीं है, उसका सदुपयोग कर समय पर उपकरणों की मरम्मत एवं सुविधाओं को दुरूस्त रखा जाए ताकि अस्पताल में आने वाले मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो।' इसके अलावा रघु शर्मा ने अस्पताल के NICU वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए आवश्यक निर्माण कार्य 15 जनवरी तक पूरे कराने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि, 'जेके लोन अस्पताल में हाडौती के साथ मध्य प्रदेश से भी प्रसूताएं एवं शिशु आते हैं ऐसे में उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जाए।' चिकित्सा मंत्री ने इंफेक्शन को फैसले से रोकने के लिए अस्पताल में सफाई की उत्तम व्यवस्था रखने और साथ ही मरीजों के साथ आने वाले परिजनों के अलावा अनावश्यक भीड़ को अस्पताल में प्रवेश न देने के निर्देश दिए। साथ ही रघु शर्मा ने जिला कलेक्टर ओम कसेरा को अस्पताल की समय-समय पर जांच करने और वहां के उपकरणों की खरीद एवं साफ-सफाई व्यवस्था में सहायता के लिए मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। रघु शर्मा ने एक बैठक भी की जिसमें उन्होंने अस्पताल प्रबंध द्वारा बताई गई आवश्यकताओं को मौके पर ही स्वीकृति दे दी। साथ ही चिकित्सा मंत्री ने अस्पताल में आवश्यक सुविधाओं के विस्तार के लिए भी प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होंने जरुरी उपकरणों में 8 वेंटिलेटर, 28 रेग्यूलाईजर, 10 पल्स ऑक्सीमीटर भी खरीदने की अनुमति दी। मीडिया से बातचीत के दौरान चिकित्सा मंत्री ने बच्चों की मौत को बेवजह तूल नहीं देने की बात कही। उन्होंने कहा कि, 'राजस्थान सरकार संवेदनशीलता के साथ इस मामले की लगातार निगरानी कर रही है।' वहीं जांच समिति का इस मामले में कहना है कि, अस्पताल में लगभग सभी तरह के उपकरण और व्यवस्था में बहुत सारी खामियां हैं। बच्चो की मौत का मुख्य कारण हाइपोथर्मिया है। सच्चाई यह है कि इससे बच्चों को बचाने के लिए अस्पताल में मौजूद हर आवश्यक उपकरण खराब है। बता दें अस्पताल में लगातार हो रही मासूमों की मौत के बाद जायजा लेने के लिए आज राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अस्पताल का दौरा करेंगे। क्या है हाइपोथर्मिया हाइपोथर्मिया उसे कहा जाता है, जब शरीर का तापमान 97 डिग्री फॉरेनहाइट से कम हो जाए। जब बाहर का तापमान बेहद कम हो जाए या शरीर में गर्मी पैदा होना कम हो तब ऐसा होता है। इस स्थिति में कई बार हाइपोथर्मिया जानलेवा भी हो सकता है। ये भी पढ़े... कोटा में 104 बच्चों की मौत पर भड़कीं मायावती, की मुख्यमंत्री गहलोत को बर्खास्त करने की मांग कोटाः 104 मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन? आज जांच के लिए पहुंचेगी केंद्र की एक्सपर्ट टीम कोटा: नहीं थम रहा बच्चों की मौत का सिलसिला, 4 दिन में 11 नवजातों की मौत, 102 के पार पहुंचा आंकड़ा कोटा: 48 घंटे में 10 बच्चों की मौत, सीएम गहलोत बोले- हर रोज 3-4 मौतें होती हैं, कोई नई बात नहीं ऑक्सीजन पाइपलाइन नहीं होने के कारण इंफेक्‍शन फैलने और ठंड के चलते हुई 91 मासूमों की मौत Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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कोटाः 104 मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन? आज जांच के लिए पहुंचेगी केंद्र की एक्सपर्ट टीम
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चैतन्य भारत न्यूज जयपुर. राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में एक महीने में 100 से अधिक बच्चों की मौत हो गई है। साल 2020 के पहले दिन 3 बच्चों ने दम तोड़ा, जबकि गुरुवार को एक बच्चे की मौत हुई। इसी के साथ अब तक मरने वाले बच्चों का आंकड़ा 104 तक पहुंच गया है। इस मामले में अब केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को केंद्र की हाई लेवल टीम कोटा जाएगी। इस टीम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों सहित एम्स (AIIMS) जोधपुर के डॉक्टर भी मौजूद रहेंगे। यह टीम बाल चिकित्सा सेवाओं, कर्मचारियों और उपकरणों की उपलब्धता की समीक्षा करेगी। इसके अलावा राज्य के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा भी आज कोटा जाएंगे और लगातार हो रही मासूमों की मौत की समीक्षा करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दिलाया मदद का भरोसा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि, इस मामले को लेकर उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री से बात की है। साथ ही केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार को बच्चों के इलाज में हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है। डॉ. हर्ष वर्धन ने यह भी बताया कि, बाल रोग विशेषज्ञ की एक टीम को भी राजस्थान के लिए रवाना किया गया है, ताकि वहां बच्चों की मौत रोकी जा सके। यह है मौत की वजह! बच्चों के इलाज में लापरवाही के आरोपों के बाद यह अस्पताल चर्चा में आया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेके लोन अस्पताल में पिछले साल कुल 963 बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ा। लेकिन दिसंबर महीने में मौत का आंकड़ा अचानक बढ़ गया। इसके बाद जांच की गई तो पता चला कि इलाज में लापरवाही नहीं बल्कि ऑक्सीजन पाइप लाइन नहीं होना और ठंड के कारण बच्चों की मौत हो रही है। ये भी पढ़े... कोटा: नहीं थम रहा बच्चों की मौत का सिलसिला, 4 दिन में 11 नवजातों की मौत, 102 के पार पहुंचा आंकड़ा कोटा: 48 घंटे में 10 बच्चों की मौत, सीएम गहलोत बोले- हर रोज 3-4 मौतें होती हैं, कोई नई बात नहीं ऑक्सीजन पाइपलाइन नहीं होने के कारण इंफेक्‍शन फैलने और ठंड के चलते हुई 91 मासूमों की मौत   Read the full article
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कोटा: 48 घंटे में 10 बच्चों की मौत, सीएम गहलोत बोले- हर रोज 3-4 मौतें होती हैं, कोई नई बात नहीं
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चैतन्य भारत न्यूज कोटा. देश को सबसे ज्यादा डॉक्टर देने वाली कोचिंग सिटी के नाम से मशहूर 'कोटा' की चिकित्सा व्यवस्था इन दिनों सवालों के घेरे में है। दरअसल कोटा के जेके लॉन अस्पताल में महज 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत हो गई। लगातार हो रही नवजात बच्चों की मौत को लेकर सियासत भी गरमा गई है। इस मामले पर अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया सामने आई है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); मुख्यमंत्री गहलोत ने नवजात बच्चों की मौत को दुखद बताया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, 'पिछले 6 साल में सबसे कम जान इस साल गई हैं। एक बच्चे की मौत होना भी दुर्भाग्यपूर्ण होता है। लेकिन मौतें एक साल में 1500 भी हुईं हैं, 1400 भी हुई हैं और 1300 भी हुई हैं। इस साल 900 मौतें हुईं हैं, पर 900 क्यों हुईं हैं मौत तो एक भी नहीं होनी चाहिए।' Rajasthan CM on Kota child deaths: This year has least deaths in last 6 yrs. Even 1 child death is unfortunate.But thr hv been 1500,1300 deaths in a year in past,this year figure is 900.There are daily few deaths in every hospital in state&country,nothing new.Action being taken pic.twitter.com/86oSvPsGA3 — ANI (@ANI) December 28, 2019 हर रोज होती 3-4 मौतें : गहलोत इतना ही नहीं बल्कि गहलोत ने आगे कहा कि, 'पूरे देश/ प्रदेश के अंदर, हर अस्पताल के अंदर 3-4 मौतें हर रोज होती हैं कोई नई बात नहीं हैं, जयपुर में भी होती हैं। हमने पूरी तरह जांच करवाई है और कार्रवाई भी हम कर रहे हैं। क्या सुझाव हो सकता है। पिछले कार्यकाल में भी हमने लंबे अरसे के बाद पहली बार ऑपरेशन थियेटरों को अपग्रेड किया था।' एक महीने में 77 नवजात बच्चों की मौत बता दें कोटा के इस अस्पताल में पिछले करीब एक महीने के अंदर 77 नवजात बच्चों की मौत हो गई है। लगातार हो रही बच्चों की मौत के बाद सरकार भी सक्रिय हो गई है। प्रशासन ने इस मामले में डॉक्टरों की तरफ से किसी भी तरह की लापरवाही से इनकार किया है। इस मामले को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर हमला करना शुरू कर दिया है।   Read the full article
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