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टाइफाइड बुखार के लक्षण एवं उपचार - Symptoms and treatment of typhoid fever in Hindi
Symptoms and treatment of typhoid fever in Hindi :हम आपको अपने इस लेख के जरिए बताने वाले हैं कि कैसे आप टाइफाइड जैसी बड़ी बीमारी का पता कर समय पर इलाज करवा सकते हैं। साथ ही इसके कुछ घरेलू उपाय भी हम आपको अपने लेख के जरिए बताएंगे। जिससे आप टाइफाइड जो एक संक्रमण रोग है। उससे अपना और अपने परिजनों का ध्यान रख पाएंगे। साथ ही समय रहते इसके लक्षणों को जान कर डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं। इसलिए यह लेख ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़े और जाने टाइफाइड जैसी बीमारी के बारे में।
टाइफाइड बुखार:
टाइफाइड एक संक्रमित रोग है। जो एक से दूसरे में फैलता है। यह ज्यादा तर बसी चीजों या भोजन को खाने से होता है। टाइफाइड होने का मुख्य कारण वात, पित्त और कफ इन तीन चीजों की वजह से होता है। जैसा कि हम जानते हैं यह एक संक्रमण रोग है। जिस वजह से संक्रमित व्यक्ति से यह परिवार के अन्य लोगों को भी संक्रमित कर देता है। इसके फैलाव का कारण है। प्रदूषित जल या भोजन का ��सी होना जिसका सेवन अक्सर हम कर लेते हैं और टाइफाइड जैसी बीमारी को अपने अंदर पनपने देते हैं। टाइफाइड जो कि साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया से फैलने वाली बहुत ही खतरनाक बीमारी है। आपको यह भी बता दें कि यह बैक्टीरिया गंदे पानी और सूखे मल आदि में काफ़ी दिनों तक जिंदा रह सकता है। यह केवल प्रदूषित जल या भोजन खाने से नही अपितु संक्रमित व्यक्ति के या किसी और के जूठन खाने से भी होता है। टाइफाइड का बैक्टीरिया जब शरीर में खाने के द्वारा पाचनतंत्र में पहुँच जाता है। तो यह बढ़ जाता है और शरीर के एक अंग से दूसरे अंगों तक फैल जाता है।
टाइफाइड के लक्षण :
टाइफाइड जो कि तीव्र ज्वार के कारण होता है और इस बीमारी का मुख्य कारण भी यही होता है, किन्तु हम आपको आज इसके और भी लक्षण बताएं जैसे - इस बीमारी में भूख का न लगना। इस बीमारी में सिर दर्द हमेशा रहता है। इस बीमारी में शरीर दर्द बहुत होता है। इस बीमारी में सबसे ज्यादा पैर दर्द रहता है। इस बीमारी में उठते समय चक्कर आना। इस बीमारी में ठंड अधिक लगना। इस बीमारी में कमजोरी बहुत महसूस होना। इस बीमारी में दस्त अधिक मात्रा होना। इस बीमारी में सुस्ती और आलस अधिक होता है। इस बीमारी में ज्वार हमेशा 101 से 104 तक रहता है। इस बीमारी में कब्ज की भी शिकायत रहती है, कुछ लोगों को। टाइफाइड के उपचार :
इस बीमारी के दौरान इस के उपचार के कई प्रकार होते हैं जिससे यह जल्द से जल्द ठीक हो जाए और लोग डॉक्टर की सलाह के साथ साथ घरेलू उपाय भी अपनाते हैं। ताकि टाइफाइड से ग्रसित व्यक्ति जल्द ठीक हो सके जैसे - जीवन शैली में परिवर्तन : टाइफाइड जैसे संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपना जीवनशैली सर्वप्रथम बदल दे जैसे - अपनी साफ़ सफाई का उचित ध्यान रखें, कुछ भी खाने से पहले या कही बाहर से आने के बाद हाथों को अच्छे से साफ करें, साफ और उबल पानी पिये या फिर बंद बोतल वाला ही पानी पियें, बाहरी दुकानों से कुछ भी न लें और यदि लेते हैं तो बंद पानी वाली सामग्री को ले और अच्छे से हाथों को साफ कर खाएं, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं, उन से घर का कार्य न करवाएं, उसका ध्यान रखने के लिए केवल घर का एक ही सदस्य उसके पास खाना पानी लेकर जाएं, संक्रमित व्यक्ति के व्यक्तिगत वस्तुओं को अच्छे से साफ कर रखें, बेस्ट सामग्री या कूड़े कचड़े को अच्छे से साफ कर दस्त बिन में डालें, संक्रमित व्यक्ति को कच्चा आहार और फल न दे, न ही इनका जूठन कोई बाटे, ज्यादा तर गर्म खाघा पदार्थ का सेवन करें। आहार में परिवर्तन :
आहार में परिवर्तन बहुत जरूरी है क्योंकि खासतौर पर हमारे खान पान का ज्यादा असर हमारे शरीर और जीवन पर पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि आप कुछ अहम बातों का ध्यान रखें जैसे - ज्यादा मसालेदार भोजन न करना, तीव्र गंध वाली सब्जियों का सेवन न करें, गैस बनने वाले आहार से भी दूर रहे जैसे - कटहल, रेशेदार फल या सब्जी का भी सेवन न करें, तेल घी मखन से भी दूर रहें, मास मदिरा का सेवन न करें, पेट भर कर कुछ न खाएं, ऐसा भोजन भी न करे जो पचने में समय लगता है। केवल इस दौरान खिचड़ी का ही सेवन करें और नही तो रोटी का दाल के साथ चावल बिल्कुल न खाए , चाय कॉफ़ी का भी सेवन न करें। डॉक्टर की सलाह :
जैसे ही आपको टाइफाइड के किसी भी लक्षण का अनुभव हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं जैसे - पेट दर्द, कमजोरी महसूस होना, तीव्र ज्वार आदि। डॉक्टर की सलाह से टाइफाइड की दो वैक्सीन मार्किट में आई हुई है उसे लगवा ले। बिन ��ॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाई न दे रोगी को। यह तक भी घरेलू उपाय के ल��ए भी एक बार डॉक्टर से बात कर ले। आहार संबंधित जानकारी भी यदि अच्छे से समझ न आएं तो डॉक्टर से फिर से पूछें वैसे अक्सर किसी भी बीमारी का सही आहार खिचड़ी और दलिया ही होता है। घरेलू उपाय :
घरेलू उपाय जो आमतौर पर डॉक्टर भी कहते हैं करने को और लोग भी इसका प्रयोग सबसे पहले करते हैं। जब हल्का सा भी लक्षण दिखाई देता है। तो आइए जानते हैं वो क्या है - शहद टाइफाइड के लिए फायदेमंद होता है। फलों का रस भी टाइफाइड के लिए फायदेमंद होता है। ठंडे पानी की पट्टी टाइफाइड से ग्रसित व्यक्ति के लिए काफी लाभकारी होता है। समय पर डॉक्टर द्वारा बताया गया दवा ले। टाइफाइड की बीमारी के लिए लौंग काफी फायदेमंद होता है। बस आप एक कप पानी मे 5-7 लौंग ले और उबल ले। जब पानी आधा हो जाए उबल कर तो उसे दिन भर थोड़ा थोड़ा पियें। ऐसा केवल एक सप्ताह करें और देखिएगा आपका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक हो जाएगा। पपीते का पत्ता भी टाइफाइड के मरीज के लिए कभी लाभकारी होता है। बस पत्ते को पानी मे उबाल कर उसका कड़ा बना कर पिए दिन में एक दो बार असर अवश्य होगा। तुलसी भी इस बीमारी में काफी लाभकारी होता है। बस तुलसी और सूरजमुखी के फूल का रस निकाल कर पियें। सेब जो हर बीमारी में रामबाण का काम करती है। इस बीमारी में भी यह बहुत फायदेमंद है। बस सेवा के रस में अदरक का रस निकाल कर मिला दे फिर उसे रोजाना पीएं। इससे आपके बुखार में जल्द राहत मिलेगा। इस दौरान बरतें कुछ सावधानियां :
बीमारी व्यक्ति से कोई कार्य न करें। बीमारी व्यक्ति को चावल का सेवन न करने दे क्योंकि इससे दर्द बैठ जाता है और बाद में यह धीरे धीरे निकलता है। जो काफी परेशानी पैदा करता है। इसलिए अच्छे से बताए गए सभी नियम का पालन करें। बीमारी व्यक्ति की साफ सफा�� का जरूर ध्यान रखें। बीमारी व्यक्ति की सेवा के लिए एक ही घर का सदस्य उसके साथ रहे बाकी दूरी बनाएं। बीमारी का जूठा कोई भी ग्रहण न करें। अंततः आपको यह लेख कैसा लगा आप हमें हमारे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अवश्य बताए। मैं जैनब खान, Lifestylechacha.com पर हिंदी ब्लॉग/ लेख लिखती हूँ। मैं दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हूँ और मुझे लिखना बहुत पसंद है।
(जैनब खान) Read the full article
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