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मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामला : आरोपी ब्रजेश ठाकुर को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
चैतन्य भारत न्यूज पटना. बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एक आश्रय गृह में लड़कियों के साथ कथित दुष्कर्म एवं शारीरिक उत्पीड़न के मामले में मंगलवार को दिल्ली की साकेत कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आदेश के मुताबिक, ब्रजेश ठाकुर को अपना बचा हुआ जीवन जेल में गुजाराना होगा। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); बता दें, दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट ने 4 फरवरी को सजा पर बहस पूरी कर ली थी और उसके बाद 11 फरवरी सजा की तारीख तय की गई थी। इस पूरे मामले की जांच सीबीआई ने की थी और जांच की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी और दोषियों को अधिकतम सजा की गुहार लगाई थी। अदालत ने अपने फैसले में ब्रजेश ठाकुर को धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र), 324 (खतरनाक हथियारों या माध्यमों से चोट पहुंचाना), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), उकसाने, पॉक्सो कानून की धारा 21 (अपराध होने की जानकारी देने में विफल रहने) और किशोर न्याय कानून की धारा 75 (बच्चों के साथ क्रूरता) के तहत भी दोषी ठहराया है। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक, इस मामले में सुनवाई प्रतिदिन चली और 6 महीने के भीतर पूरी कर ली गई। अदालत ने 30 मार्च, 2019 को ठाकुर समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे। Muzaffarpur shelter home case: Delhi's Saket Court awards life term to accused Brajesh Thakur for the remainder of his life. pic.twitter.com/2YX9Ghpj8L — ANI (@ANI) February 11, 2020 बता दें यह मामला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) द्वारा 26 मई, 2018 को बिहार सरकार को एक रिपोर्ट सौंपने के बाद सामने आया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि बालिका गृह में करीब 40 से अधिक बच्चियों के साथ यौनशोषण किया गया था। नाबालिग बच्चियों ने जो बताया था वो बातें रोंगटे खड़े करने वाली थी। इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद तहलका मच गया था। ये भी पढ़े... मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: ब्रजेश ठाकुर समेत 19 दोषी करार, फैसले सुनते ही दोषी ने दी आत्महत्या की धमकी मुजफ्फरपुरः दुष्कर्म नहीं कर सका तो लड़की को जिंदा जलाया, पीड़िता की अस्पताल में मौत भारत में हर चौथी दुष्कर्म पीड़ित होती है नाबालिग, MP में सबसे ज्यादा दुष्कर्म, 94% आरोपी होते हैं परिचित Read the full article
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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: ब्रजेश ठाकुर समेत 19 दोषी करार, फैसले सुनते ही आरोपी ने दी आत्महत्या की धमकी
चैतन्य भारत न्यूज मुजफ्फरपुर. बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न (Muzaffarpur Shelter Home Case) मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 20 आरोपियों में से मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 को दोषी पाया, जबकि एक को आरोपमुक्त कर दिया गया है। इस मामले में आरोपियों की सजा का ऐलान 28 जनवरी को होगा। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); ये पूरा मामला बिहार के शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों और युवतियों से दुष्कर्म से जुड़ा हुआ है। ब्रजेश ठाकुर पर नाबालिग बच्चियों और युवतियों के यौन शोषण के आरोप थे। बता दें टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) की एक रिपोर्ट सामने आने के बाद यह मामला सुर्खियों में आया। रिपोर्ट में मुख्य आरोपी के तौर पर ब्रजेश ठाकुर का नाम आया था जो बिहार सरकार के बेहद करीब था। सीबीआई ने भी जांच में ब्रजेश को ही मुख्य आरोपी बताया है। सीबीआई ने कोर्ट में दाखिल अपनी चार्जशीट में बताया कि, जिस शेल्टर होम में 40 से अधिक बच्चियों के साथ दुष्कर्म होता रहा उसको ब्रजेश ठाकुर ही चला रहा था। Muzaffarpur shelter home case: A Delhi Court convicts 19 accused including NGO owner Brajesh Thakur in connection with sexual & physical assault of girls at a shelter home in Bihar's Muzaffarpur district. One accused acquitted. pic.twitter.com/n8ysX2D994 — ANI (@ANI) January 20, 2020 ये पाए गए दोषी ब्रजेश ठाकुर के अलावा कोर्ट ने इंदू कुमारी (बालिकागृह अधीक्षक), मीनू देवी (बालिकागृह में गृह माता), मंजू देवी (काउंसलर), चंदा देवी (बालिकागृह में गृह माता), नेहा कुमारी (नर्स), हेमा मसीह (केस वर्कर), किरण कुमारी (सहायक), रवि कुमार, विकास कुमार (सीडब्लूसी का सदस्य), दिलीप कुमार (सीडब्लूसी का अध्यक्ष), विजय तिवारी (चालक), गुड्डू पटेल, कृष्णा राम, रोजी रानी, रामानुज ठाकुर उर्फ मामू, रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर, डॉक्टर अश्विनी, नरेश प्रसाद और साइस्ता परवीन उर्फ मधु को दोषी करार दिया। दोषी ठहराए जाने के बाद रवि रोशन कोर्ट में ही रोने लगा और उसने खुदकुशी करने की भी धमकी दी। वहीं कोर्ट ने इस मामले में विक्की नाम के व्यक्ति को बरी कर दिया। तीन बार टल चुका है फैसला 7 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को बिहार से दिल्ली ट्रांसफर किया था। इसके बाद 23 फरवरी से इस मामले की साकेत कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। करीब सात महीने की सुनवाई के बाद 30 सितंबर को साकेत कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने 14 जनवरी 2020 को सभी आरोपियों के जमानती न होने के कारण ��ैसला टाल दिया था। इस मामले में विभिन्न कारणों से तीन बार फैसला टल चुका था। बिहार सरकार के अधिकारी भी आरोपी वहीं सीबीआई का आरोप था कि ब्रजेश ठाकुर के साथ शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण के अधिकारी भी इस मामले में आरोपी हैं। ब्रजेश ठाकुर समेत पांच को कोर्ट ने सामूहिक दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराया है। जबकि बाकी 14 में से 13 दोषियों को पोक्सो एक्ट और साजिश रचने का दोषी पाया गया है। इनमें 7 महिलाएं भी शामिल हैं। Read the full article
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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला: CBI का SC में दावा- शेल्टर होम में नहीं हुई किसी भी लड़की की हत्या
चैतन्य भारत न्यूज मुजफ्फरपुर. बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न (Muzaffarpur Shelter Home Case) मामले में बुधवार को नया खुलासा हुआ है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है। सीबीआई ने रिपोर्ट में दावा किया है कि किसी भी लड़की की हत्या शेल्टर होम में नहीं हुई, जो कंकाल और हड्डियां मिलीं उसमें कोई भी नाबालिग लड़की का ��हीं है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); सीबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने यह दावा किया है कि, 'वहां पर किसी भी लड़की की हत्या नहीं हुई है। जिनके मर्डर का शक था, वे सभी 35 लड़कियां बाद में जिंदा मिली हैं।' 14 जनवरी को आ सकता है कोर्ट का फैसला बता दें, बिहार के 17 शेल्टर होम में यौन शोषण के मामले में सीबीआई ने अपनी जांच पूरी करके सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी है। जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने 25 डीएम और 71 अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश की है। हालांकि अब तक इन अफसरों के नाम सामने नहीं आए हैं। इस मामले में 14 जनवरी को कोर्ट फैसला सुना सकता है। ब्रजेश ठाकुर है मुख्य आरोपी दिल्ली की एक कोर्ट ने दिसंबर में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम दुष्कर्म मामले का फैसला 14 जनवरी तक के लिए टाल दिया था। इस केस में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर है। ब्रजेश ठाकुर द्वारा संचालित किए जा रहे बालिका आश्रय गृह में 40 से अधिक नाबालिग लड़कियों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया था। ब्रजेश के अलावा बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी मामले में आरोपी है। पॉक्सो, रेप और अन्य मामलों में केस मामला सुर्खियों में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे बिहार से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया। इस मामले की सुनवाई साकेत कोर्ट में चल रही है। 20 मार्च 2018 को कोर्ट ने इस मामले में आरोप तय किए थे। आरोपियों में 8 महिलाएं और 12 पुरुष शामिल हैं। बता दें कोर्ट ने बृजेश ठाकुर समेत 21 आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट, दुष्कर्म, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए थे। 4 आश्रय गृहों के खिलाफ अपनी प्रारंभिक जांच में सीबीआई ने किसी भी अपराध के सबूत नहीं पाए और इनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। Read the full article
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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला: CBI का SC में दावा- शेल्टर होम में नहीं हुई किसी भी लड़की की हत्या
चैतन्य भारत न्यूज मुजफ्फरपुर. बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न (Muzaffarpur Shelter Home Case) मामले में बुधवार को नया खुलासा हुआ है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है। सीबीआई ने रिपोर्ट में दावा किया है कि किसी भी लड़की की हत्या शेल्टर होम में नहीं हुई, जो कंकाल और हड्डियां मिलीं उसमें कोई भी नाबालिग लड़की का नहीं है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); सीबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने यह दावा किया है कि, 'वहां पर किसी भी लड़की की हत्या नहीं हुई है। जिनके मर्डर का शक था, वे सभी 35 लड़कियां बाद में जिंदा मिली हैं।' 14 जनवरी को आ सकता है कोर्ट का फैसला बता दें, बिहार के 17 शेल्टर होम में यौन शोषण के मामले में सीबीआई ने अपनी जांच पूरी करके सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी है। जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने 25 डीएम और 71 अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश की है। हालांकि अब तक इन अफसरों के नाम सामने नहीं आए हैं। इस मामले में 14 जनवरी को कोर्ट फैसला सुना सकता है। ब्रजेश ठाकुर है मुख्य आरोपी दिल्ली की एक कोर्ट ने दिसंबर में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम दुष्कर्म मामले का फैसला 14 जनवरी तक के लिए टाल दिया था। इस केस में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर है। ब्रजेश ठाकुर द्वारा संचालित किए जा रहे बालिका आश्रय गृह में 40 से अधिक नाबालिग लड़कियों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया था। ब्रजेश के अलावा बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी मामले में आरोपी है। पॉक्सो, रेप और अन्य मामलों में केस मामला सुर्खियों में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे बिहार से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया। इस मामले की सुनवाई साकेत कोर्ट में चल रही है। 20 मार्च 2018 को कोर्ट ने इस मामले में आरोप तय किए थे। आरोपियों में 8 महिलाएं और 12 पुरुष शामिल हैं। बता दें कोर्ट ने बृजेश ठाकुर समेत 21 आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट, दुष्कर्म, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए थे। 4 आश्रय गृहों के खिलाफ अपनी प्रारंभिक जांच में सीबीआई ने किसी भी अपराध के सबूत नहीं पाए और इनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। Read the full article
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