अल्लाह का आदेश मांस खाने का नहीं है ,कुरआन मजीद में माँस खाने की आज्ञा है, परंतु सृष्टि की उत्पत्ति करने वाले कादर अल्लाह ने बाईबल ग्रंथ में उत्पत्ति विषय के अध्याय में मनुष्यों के खाने के लिए बीज
वाले छोटे—छोटे पेड़ (पौधे) तथा फलदार वृक्षों के फल बताए हैं। मांस खाने के लिए नहीं।
On this auspicious month of Muharram, May your hearts be filled with hope, your prayers be answered and your days be blessed with peace and abundance. Happy Muharram.
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🍀अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज से एक बहन ने प्रश्न पूछा की पिंड दान या श्राद्ध कर सकते हैं या नहीं? वह बोले की कर सकते हैं। संत रामपाल महाराज जी का उत्तर, प्रमाण सहित-
पवित्र गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में स्पष्ट प्रमाण है कि भूतों को पूजने वाले भूतों को प्राप्त होंगे, अर्थात श्राद्ध करवाना वा पिंड भरवाना व्यर्थ की साधना है। इससे यह पता चलता है कि अनिरुद्ध आचार्य जी को भी ज्ञान नहीं गीता जी का तथा जो साधना अनिरुद्ध आचार्य जी बताते हैं वह शस्त्रविरूद्र साधना है।
जगत कल्याण हेतु वर्तमान समय में केवल सतगुरु रामपाल जी महाराज ही सनातन शास्त्रों (गीता वेद पुराणों) के गूढ़ रहस्यों को उजागर कर पूर्ण मोक्ष की यथार्थ भक्ति विधि प्रदान कर रहे है, सनातन धर्म को पुनर्स्थापित कर रहे है जिससे कलियुग में सतयुग की परिकल्पना साकार सिद्ध होगी।
कुरआन मजीद का ज्ञान नाजिल करने वाले खुदा ने अपने नबी-ए-करीम मुहम्मद (सल्लम) को सृष्टि की उत्पत्ति करने वाले अल्लाह के विषय में सम्पूर्ण जानकारी नहीं दी है।प्रमाण :— सूरः फुरकानि—25 आयत नं. 59 में लिखा है कि (हे मुहम्मद) अल्लाह ने सारी कायनात को छः दिन में उत्पन्न किया। फिर आसमान में तख्त (सिंहासन) पर जा बैठा। उसकी (खबर) सम्पूर्ण जानकारी किसी (बाखबर) जानकार यानि तत्त्वदर्शी संत से पूछो।(जानो)
मुहर्रम के महीने को इस्लाम धर्म में गम का महीना माना जाता है। लेकिन वह कादर अल्लाह कौन है जो हमारे सभी गमों को खत्म कर सकता है? जिसके बारे में कुरआन मजीद, सूर: अस् सज्दा-32 आयत नं. 4 में कहा गया है कि जिसने आसमानों और जमीन को और उन सारी चीजों को जो इनके बीच है, छः दिन में पैदा किया और उसके बाद तख्त पर विराजमान हुआ। उसके सिवा न तुम्हारा कोई अपना है, न मददगार है और न कोई उसके जैसा है।