#Kubera Ashta Lakshmi Mantra
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digitalramsharma · 3 months ago
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कुबेर अष्टलक्ष्मी धनप्राप्ति मंत्र
कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र: समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए:-
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कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र हिन्दू धर्म में समृद्धि, ऐश्वर्य और धन के देवता कुबेर से संबंधित एक महत्वपूर्ण मंत्र है। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है। इस लेख में, हम कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र के महत्व, इसके लाभ और इसे सही तरीके से जपने की विधि के बारे में विस्तार से जानेंगे।
कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र का महत्व:- कुबेर, धन और संपत्ति के देवता हैं। उन्हें ‘धन के देवता’ के रूप में पूजा जाता है और उनके आशीर्वाद से जीवन में वित्तीय स्थिरता और समृद्धि आती है। कुबेर के साथ अष्ट लक्ष्मी का संबंध बहुत महत्वपूर्ण है। लक्ष्मी देवी के आठ रूप होते हैं, जिन्हें अष्ट लक्ष्मी कहा जाता है।
ये आठ रूप हैं:
1. धन लक्ष्मी - धन और समृद्धि की देवी
2. वीर लक्ष्मी - ��िजय और सामर्थ्य की देवी
3. संतान लक्ष्मी - संतान सुख की देवी
4. आयुष्मान लक्ष्मी - द���र्घायु और स्वास्थ्य की देवी
5. सर्वभौम लक्ष्मी - समस्त विश्व की माता
6. राज लक्ष्मी - राजसी सुख और वैभव की देवी
7. जल लक्ष्मी - जल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की देवी
8. श्री लक्ष्मी - सामान्य लक्ष्मी, सौभाग्य और संपत्ति की देवी इन आठ रूपों की पूजा से व्यक्ति को समृद्धि, ऐश्वर्य, सुख-शांति और सभी प्रकार की सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र:- कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र के रूप में, यह मंत्र अष्ट लक्ष्मी के सभी रूपों को समर्पित है और कुबेर की पूजा का हिस्सा होता है।
यह मंत्र है:
"ॐ श्री कुबेराय नमः,
ॐ धन लक्ष्मी नमः,
ॐ वीर लक्ष्मी नमः,
ॐ संतान लक्ष्मी नमः,
ॐ आयुष्मान लक्ष्मी नमः,
ॐ सर्वभौम लक्ष्मी नमः,
ॐ राज लक्ष्मी नमः,
ॐ जल लक्ष्मी नमः,
ॐ श्री लक्ष्मी नमः।"
इस मंत्र का जाप करते समय, व्यक्ति को विशेष ध्यान और श्रद्धा के साथ प्रत्येक लक्ष्मी के नाम का उच्चारण करना चाहिए।
कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र के लाभ:-
1. धन और समृद्धि की प्राप्ति: यह मंत्र धन, संपत्ति और समृद्धि को आकर्षित करने में मदद करता है। यदि किसी को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, तो इस मंत्र का नियमित जाप लाभकारी हो सकता है।
2. वित्तीय स्थिरता: यह मंत्र वित्तीय स्थिरता और सुरक्षित भविष्य का आश्वासन प्रदान करता है। यह व्यक्ति को अपने आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
3. सुख और शांति: मंत्र का जाप मानसिक शांति और संतोष को बढ़ावा देता है। यह व्यक्ति की आंतरिक स्थिति को सुधारने में भी सहायक होता है।
4. स्वास्थ्य और दीर्घायु: आयुष्मान लक्ष्मी के गुणों के कारण, यह मंत्र स्वास्थ्य और दीर्घायु में भी सुधार कर सकता है।
5. परिवार में सुख-शांति: संतान लक्ष्मी की कृपा से परिवार में सुख और शांति बनी रहती है। यह मंत्र परिवारिक रिश्तों को मजबूत बनाने में भी सहायक है।
कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र का जाप कैसे करें?
1. सही समय: मंत्र का जाप सूर्योदय के समय या रात्रि को शांति से करें। विशेषत: शुक्रवार और लक्ष्मी पूजा के दिन इस मंत्र का जाप अधिक फलदायी माना जाता है।
2. स्वच्छता: जाप के समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। स्नान करके, शुद्ध वस्त्र पहनकर और एक शांत स्थान पर बैठकर मंत्र का जाप करें।
3. माला का उपयोग: मंत्र का जाप जाप माला (108 दानों वाली माला) के साथ करें। प्रत्येक दाने पर एक बार मंत्र का जाप करें और पूरी माला पूरी करें।
4. ध्यान और श्रद्धा: मंत्र का जाप करते समय कुबेर और अष्ट लक्ष्मी के ध्यान में रहें। अपने मन में विश्वास और श्रद्धा बनाए रखें।
5. सच्ची निष्ठा: जाप करते समय निष्ठा और समर्पण का भाव रखें। मन को एकाग्र करके, मंत्र के अर्थ और प्रभाव को समझते हुए जाप करें।
निष्कर्ष:-
कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए एक प्रभावी साधन है। इसके नियमित जाप से व्यक्ति की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का अनुभव होता है। सही तरीके से इस मंत्र का जाप करने से, व्यक्ति को जीवन की सभी सुख-सुविधाएँ प्राप्त होती हैं और आर्थिक समस्याएँ दूर होती हैं। यह मंत्र न केवल धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए है, बल्कि यह मानसिक शांति और परिवारिक सुख के लिए भी लाभकारी होता है। इसलिए, इसे नियमित रूप से जपकर अपनी जीवन की परिस्थितियों में सुधार लाया जा सकता है।
इस मंत्र का जाप आप इस वीडियो के माध्यम से कर सकते हैं : https://www.youtube.com/watch?v=Zx4MKU-cZZo&t=271s
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There’s no end to her supply of wealth which keeps flowing incessantly.
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sanathanadharmasblog · 6 years ago
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ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
Om Yakshaya Kuberaya Vaishravanaya Dhanadhanyadhipataye
Dhanadhanyasamriddhim Me Dehi Dapaya Svaha॥
Meaning :
‘I bow down to Lord Kuber who is the custodian of all the wealth in the world and the Lord of success.
Benefit :
Chanting this mantra brings in a lot of prosperity within the family who always stay calm and amiable among themselves despite staying in the presence of of wealth. One must stay very down to earth and worship Him. This Mantra also gives one a lot of confidence and status in the society.
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
“Om Shreem Hreem Kleem Shreem Kleem Vitteshvaraya Namah॥”
Meaning :
‘I bow to the Lord Kuber who is the giver of wealth and fame and destroyer of all that is evil.’
Benefit :
This Kuber Mantra prevents any kind of financial losses and makes sure one only profits in business provided he chant the mantra carefully and with full conviction
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
Om Hreem Shreem Kreem Shreem Kuberaya Ashta-Lakshmi
Mama Grihe Dhanam Puraya Puraya Namah॥
Meaning :
‘Ode to the Superior Lord Kuber, the partner of Goddess Laxmi to bestow upon me all the wealth and happiness of the world.’
Benefit :
The Mantra develops devotion inside one for Lord Kubera who starts listening to the devotee after one achieves good levels of devotion. Worshipped together with Goddess Laxmi, Lord Kuber is known to give the best of blessings to the one who is really devoted to him.
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Hanuman Chalisa Lyrics in English (with Meaning)
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Doha
Shri Guru Charan Saroja-Raj Nija Manu Mukuru Sudhaari Baranau Rahubhara Bimala Jasu Jo Dayaku Phala Chari Budhee-Heen Tanu Jaanikay Sumirau Pavana Kumar Bala-Budhee Bidya Dehoo Mohee Harahu Kalesa Vikaar (Using the dust from the Lotus-like feet of the divine Guru, I clean my mirror-like mind, And describe the pure glory of Lord Rama of the Raghu dynasty – the allocator of the four types of outcomes – Dharma (Righteousness), Artha(Material wealth), Kama(Pleasure) and Moksha (Freedom from rebirth), Recognizing my ignorance, I remember you oh Lord Hanuman – the Son of Pavan (the God of Wind), Please bless me with strength, knowledge and wisdom and cure me of any diseases and scars.)
Chopai
Jai Hanuman Gyan Gun Saagar Jai Kapis Tihun Lok Ujaagar (Victory to you, oh Lord Hanuman, the ocean of Knowledge and wisdom, Victory to you, oh King of Monkeys, whose brightness illuminates all the three worlds.)
Ram Doot Atulit Bal Dhaama Anjani-Putra Pavan Sut Naama (You are the messenger of Lord Rama and the storehouse of infinite strength, You are the son of Anjana Devi, and are also referred to by the name Pavansut (the son of the Wind God, Pavan)
Mahabir Bikram Bajrangi Kumati Nivar Sumati Ke Sangi (You display great bravery, you are the doer of great deeds, and you possess a body as strong as a diamond, You cure one of destructive thoughts and your presence accompanies positive ideas.)
Kanchan Baran Biraj Subesa Kanan Kundal Kunchit Kesa (Your skin has a golden shade and you are dressed in impressive clothes, An ear-ring adorns your ears and you possess long and wavy hair.)
Hath Bajra Aur Dhvaja Virajae Kaandhe Moonj Janeu Sajae (A mace as powerful as a thunderbolt and a flag rest in your hands, Your shoulders are decorated by a sacred thread made from Munja grass.)
Sankar Suvan Kesri Nandan Tej Prataap Maha Jag Bandan (You are the incarnate form of Lord Shiva, you are the son of King Kesari, Your great glory is worshipped by the entire world.)
Vidyavaan Guni Ati Chaatur Ram Kaj Karibe Ko Aatur (You possess great knowledge, admirable qualities and the highest wisdom, You always attend to Lord Rama’s work with great enthusiasm.)
Prabu Charitra Sunibe-Ko Rasiya Ram Lakhan Sita Man Basiya (You are elated when you hear about the great glory of Lord Rama, You have a special place in the hearts of Lord Rama, his brother Lakshmana and his wife Sita.)
Sukshma Roop Dhari Siyahi Dikhava Bikat Roop Dhari Lank Jarava (Assuming a small form, you paid a visit to Mother Sita, Then transforming into a large form, you set Lanka on fire.)
Bheem Roop Dhari Asur Sanhare Ramachandra Ke Kaaj Sanvare (Assuming a terrifying form, you destroyed demons, And easily managed all the work of Lord Rama, a descendant of the Chandra dynasty.)
Laye Sanjivan Lakhan Jiyaye Shri Raghuvir Harashi Ur Laye (You brought the Sanjeevani herb to reanimate Lakshmana, And Shri Ram – the brave warrior of the Raghu clan – filled with joy and relief, embraced you.)
Raghupati Kinhi Bahut Badhai Tum Mam Priye Bharat-Hi-Sam Bhai (Lord Rama praised you relentlessly, And declared that you were as dear to him as his brother Bharata.)
Sahas Badan Tumharo Jas Gaavae Asa Kahi Shripati Kanth Lagaavae (May Seshnag sing your praises with all its thousand heads, Saying this, Lord Rama – an incarnation of the consort of Goddess Lakshmi – hugged you.)
Sankadhik Brahmaadi Muneesa Narad-Sarad Sahit Aheesa (Sage Sanaka, Lord Brahma and many other sages, Sage Narada, Goddess Saraswati along with Adisesha.)
Jam Kuber Digpaal Jahan Te Kavi Kovid Kahi Sake Kahan Te (Lord Yama, Lord Kubera (God of Treasures), The Dikpalas of the world (Guardians of different directions), Even poets and singers cannot do justice to the description of your glory.)
Tum Upkaar Sugreevahin Keenha Ram Milaye Raajpad Deenha (You did a favor to King Sugreev, You introduced him to Lord Rama and consequently helped him reacquire his kingdom.)
Tumharo Mantra Vibheeshan Maana Lankeshwar Bhaye Sab Jag Jaana (You suggestion was accepted by Vibheeshan – the brother of Ravana, As a result he succeeded his brother to become the King of Lanka as is known by the entire world.)
Jug Sahastra Jojan Par Bhanu Leelyo Tahi Madhur Phal Janu (The Sun which stands thousands of Yojanas (a unit of distance) away, Was swallowed by you with the assumption that it was a sweet fruit in the sky.)
Prabhu Mudrika Meli Mukh Mahee Jaladhi Langhi Gaye Achraj Nahee (Carrying Lord Rama’s ring in your mouth, You jumped over the ocean to reach Lanka in an unsurprising display of your power.)
Durgam Kaaj Jagath Ke Jete Sugam Anugraha Tumhare Tete (Whatever complex tasks exist in this world, Become easy with your grace.)
Ram Dwaare Tum Rakhvare Hot Na Aagya Binu Paisare (You secure and guard the door that leads to Lord Rama, And no one can pass through it without your permission.)
Sub Sukh Lahae Tumhari Sar Na Tum Rakshak Kaahu Ko Dar Naa (All happiness comes to those who seek your refuge, Those who are protected by you have nothing to fear.)
Aapan Tej Samhaaro Aapae Teenhon Lok Hank Te Kanpae (Only you can control your impeccable energy, Before which all the three worlds shiver in fear.)
Bhoot Pisaach Nikat Nahin Aavae Mahabir Jab Naam Sunavae (Ghosts and evil spirits do not come close, Whenever someone calls out your name.)
Nasae Rog Harae Sab Peera Japat Nirantar Hanumat Beera (All diseases are destroyed and all pain is dissolved, When a devotee relentlessly repeats the name of the brave Lord Hanuman.)
Sankat Te Hanuman Chudavae Man Kram Vachan Dhyan Jo Lavae (Lord Hanuman protects from all kinds of troubles… …those who meditate upon his form with their mind, actions and words.)
Sab Par Ram Tapasvee Raaja Tin Ke Kaj Sakal Tum Saaja (Lord Ram is the king of all, even the sages and saints, And all his work was taken care of by you, oh Lord Hanuman.)
Aur Manorath Jo Koi Lavae Sohi Amit Jeevan Phal Pavae (Whoever expresses their mind’s desires to you, oh Lord Hanuman, Is able to acquire infinite fruits for all the efforts in his life.)
Charon Jug Partap Tumhaara Hai Parsidh Jagat Ujiyaara (Your glory is spread throughout the four eras of time, And your fame lights up the entire world.)
Sadhu Sant Ke Tum Rakhwaare Asur Nikandan Ram Dulaare (You are the protector of saints and sages, You are the destroyer of demons and a loved one of Lord Rama.)
Ashta Sidhhi Nav Nidhi Ke Daata As Var Deen Janki Maata (You are the allocator of the eight forms of supernatural powers and nine types of treasures, You were blessed with those capabilities by Mother Janaki i.e. Sita – Lord Rama’s wife.)
Ram Rasayan Tumhare Paasa Sada Raho Raghupati Ke Daasa (You hold the keys to the devotion and prayer of Lord Rama, May you always be in service to him.)
Tumhare Bhajan Ram Ko Paavae Janam-Janam Ke Dukh Bisraavae (Songs sung in your praise please Lord Rama, And he removes all the pains of multiple lifetimes.)
Anth-Kaal Raghubar Pur Jayee Jahan Janma Hari-Bhakt Kahayee (Singing to you helps one find refuge in Lord Rama’s abode at the end of his life, And taking birth in that place, one is identified as a devotee of Hari (Lord Rama).)
Aur Devta Chit Na Dharayee Hanumath Se Hi Sarba Sukh Karayee (Even if one does not worship other Gods, He can acquire all happiness just by serving Lord Hanuman.)
Sankat Katae Mitae Sab Peera Jo Sumirae Hanumat Balbeera (Difficulties disappear and all pain is dissolved, For whosoever meditates on Lord Hanuman – the strong and brave one.)
Jai Jai Jai Hanuman Gosaai Kripa Karahu Gurudev Ki Naai (Victory, victory, victory to you, oh Lord Hanuman, Please show me your mercy, just like a teacher (guru) does.)
Jo Sat Baar Path Kar Koi Chutahi Bandhi Maha Sukh Hoi (Whosoever recites this prayer a hundred times, Is freed of all shackles and is blessed with great happiness.)
Jo Yah Padhe Hanuman Chalisa Hoye Siddhi Saakhi Gaureesa (Whoever reads this Hanuman Chalisa, Will attain perfection – the Husband of Goddess Gauri (Lord Shiva) is witness to this)
Tulasidas Sadaa Hari Chera Keejae Nath Hriday Mahan Dera (Tulsidas who is forever a devotee of Hari (Lord Rama), Pleads you to take residence in his heart.)
Doha
Pavan Tanay Sankat Haran Mangala Murati Roop Ram Lakhana Sita Sahita Hridaya Basahu Sur Bhoop (Oh Lord Hanuman – the Son of Pavan (the God of Wind) and the Remover of difficulties, Who has a form which is highly auspicious and divine, Along with Lord Rama, Lakshmana and Mother Sita, Please take residence in my heart.)
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sanathanadharmasblog · 6 years ago
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ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
Om Yakshaya Kuberaya Vaishravanaya Dhanadhanyadhipataye
Dhanadhanyasamriddhim Me Dehi Dapaya Svaha॥
Meaning :
‘I bow down to Lord Kuber who is the custodian of all the wealth in the world and the Lord of success.
Benefit :
Chanting this mantra brings in a lot of prosperity within the family who always stay calm and amiable among themselves despite staying in the presence of of wealth. One must stay very down to earth and worship Him. This Mantra also gives one a lot of confidence and status in the society.
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
“Om Shreem Hreem Kleem Shreem Kleem Vitteshvaraya Namah॥”
Meaning :
‘I bow to the Lord Kuber who is the giver of wealth and fame and destroyer of all that is evil.’
Benefit :
This Kuber Mantra prevents any kind of financial losses and makes sure one only profits in business provided he chant the mantra carefully and with full conviction
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
Om Hreem Shreem Kreem Shreem Kuberaya Ashta-Lakshmi
Mama Grihe Dhanam Puraya Puraya Namah॥
Meaning :
‘Ode to the Superior Lord Kuber, the partner of Goddess Laxmi to bestow upon me all the wealth and happiness of the world.’
Benefit :
The Mantra develops devotion inside one for Lord Kubera who starts listening to the devotee after one achieves good levels of devotion. Worshipped together with Goddess Laxmi, Lord Kuber is known to give the best of blessings to the one who is really devoted to him.
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