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agra24 · 3 days ago
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प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर चादर पेश करने की परंपरा और शिव मंदिर के दावे पर चर्चा
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अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मुईन उद्दीन चिश्ती की दरगाह केवल भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के लोगों के लिए आस्था का प्रतीक है। यह दरगाह हिंदू-मुस्लिम भाईचारे और प्रेम का संदेश देती है, जहां हर वर्ग और धर्म के लोग अपनी श्रद्धा व्यक्त करने आते हैं। लेकिन हाल ही में, दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे की याचिका अदालत द्वारा स्वीकार किए जाने से नई बहस छिड़ गई है। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया देश के प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित इस खबर के बाद, पूरे देश में हलचल मच गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर दोनों पक्षों के साथ-साथ अल्पसंख्यक मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से ��वाब मांगा है। हालांकि, कोर्ट के जवाब का इंतजार है, लेकिन इस मामले ने खासकर मुस्लिम समुदाय को चिंतन करने पर मजबूर कर दिया है। हिन्दुस्तानी बिरादरी संस्था के अध्यक्ष और भारत सरकार द्वारा कबीर पुरस्कार से सम्मानित डॉ. सिराज कुरेशी ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह याचिका मंजूर होने से सांप्रदायिक सौहार्द्र को कमजोर करने की कोशिश हो सकती है, जिसे रोकना आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सांप्रदायिक एकता को बढ़ावा देने वाली छवि डॉ. कुरेशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि उनका नेतृत्व केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई मुस्लिम देशों में भी मान्यता प्राप्त कर चुका है। कई मुस्लिम राष्ट्रों ने पीएम मोदी को अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर चादर पेश करना सांप्रदायिक सौहार्द्र और धार्मिक एकता का प्रतीक है। उनकी इस पहल को मुस्लिम समुदाय ही नहीं, बल्कि अन्य धर्मों के लोगों ने भी सराहा है। डॉ. कुरेशी ने कहा कि पीएम मोदी की कार्यशैली सभी वर्गों की उन्नति और सांप्रदायिक एकता को मजबूत करने की दिशा में प्रेरणादायक है। सांप्रदायिक एकता के लिए अपील डॉ. कुरेशी ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की कि वे इस मुद्दे पर विशेष ध्यान दें और समाज में विभाजनकारी सोच फैलाने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि भारत की गंगा-जमुनी तहजीब को बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि प्रेम, भाईचारा और एकता की मिसाल दुनिया के सामने पेश की जाए। दरगाह: धार्मिक सौहार्द्र का प्रतीक अजमेर स्थित ख्वाजा मुईन उद्दीन चिश्ती की दरगाह सदियों से धार्मिक सौहार्द्र का प्रतीक रही है। यहां पर हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदायों के श्रद्धालु आते हैं और अपनी मन्नतें मांगते हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दरगाह पर चादर भेजने की परंपरा ने इस स्थान की महत्ता को और अधिक बढ़ा दिया है। यह दर्शाता है कि भारत में धर्म और आस्था के बीच कोई दीवार नहीं है। कुरैशी ने कहा कि अजमेर की दरगाह पर शिव मंदिर होने के दावे और याचिका की मंजूरी ने भले ही बहस छेड़ दी हो, लेकिन इस मुद्दे को सुलझाने का काम संविधान और न्यायालय पर छोड़ देना चाहिए। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि किसी भी विवाद से भारत की सांप्रदायिक एकता और भाईचारा प्रभावित न हो। प्रधानमंत्री मोदी और उनके नेतृत्व में देश ने हमेशा इस दिशा में सकारात्मक पहल की है, और यह उम्मीद की जाती है कि आने वाले समय में भी ऐसा ही रहेगा। Read the full article
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sherekhudahazratali · 6 years ago
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Aala Hazrat Imam Ahmed Raza Khan Barelvi Rehmatullah Alaih Irshad Farmate Hain, "Hindustan Mein Maqaam E Mustajaab (Dua Qabool Hone Ki Jagah) Sultan Ul Hind Khwaja Garib Nawaz Ka Muqaddas Aastana Hai." - Fatawa E Razvia Read More @ https://www.sherekhudahazratali.com/2015/02/qaul-mubarak-buzurgan-e-deen-ke.html
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