Tumgik
#Human papillomavarasi
kisansatta · 4 years
Photo
Tumblr media
सेक्सुअली ट्रांसमेटेड डिजीज क्या है, ,जानें इस बीमारी के लक्षण
सेक्‍सुअल एक्टिविटी से आप अच्‍छा महसूस करती है लेकिन अन्‍य बहुत सी चीजों की तरह अपने साथ जोखिम लेकर आता है। जी हां बहुत सी मजेदार चीजें जैसे साहसी खेल और जंक फूड मजेदार होने के बावजूद जोखिम से भरपूर होते हैं। ठीक वैसे ही प्रेग्‍नेंसी सेक्‍स का परिणाम है, जो आप पर निर्भर करता है कि आप उसका स्‍वागत करती है या नहीं। लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि इसके साथ यौन संचारित बीमारियां भी (एसटीडी) एक तरह का प्रभाव है जिसके बारे में शायद ही आप कभी बात करती हो। एसटीडी एक आम बीमारी है जो यौन संबंधों के दौरान होने वाले संक्रमण से होती है।
यानी की शारीरिक संबंध बनाने के दौरान यौन रोग, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं। हालांकि इसका मतलब यह भी नहीं है कि स्त्री और पुरुष के बीच बनने वाले यौन संबंधों से एसटीडी की ही बीमारियां फैलती हैं। लेकिन अगर एक व्यक्ति को एसडीटी की बीमारी है तो दूसरे को वो संक्रमित हो सकती है। एसटीडी को कभी-कभी यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के रूप में संदर्भित किया जाता है क्योंकि वे यौन गतिविधि के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बीमारी पैदा करने वाले जीव के संचरण को शामिल करते हैं। लेकिन यहां ये जानना महत्वपूर्ण है कि यौन संपर्क में केवल सेक्स ही नहीं आता, बल्कि किस, ओरल-जेनिटल कॉन्टैक्ट, सेक्सुअल खिलौने जैसे वाइब्रेटर का इस्तेमाल आदि से भी होता है।
महिलाओं में होने वाले ज्यादातर यौन संचारित रोग कोई खास लक्षण पैदा नहीं करते हैं।इसके अलावा, असुरक्षित यौन संबंध और अशिक्षा का अभाव यौन रोगों की सबसे बड़ी वजह बनते हैं। स्त्रियों और पुरुषों में सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज़ यानी यौन रोगों के लक्षण अलग-अलग होते हैं। यौन संचारित रोगों में सबसे आम और खतरनाक एचआईवी(HIV) है। जहां ज्यादातर यौन संचारित रोगों का इलाज संभव है वहीं एचआईवी का संभव होने के बावजूद पूरी तरह स्वस्थ्य और ठीक होने का रेशियो कम है।आइए जानते हैं यौन रोग किस तरह से हमारी जीवनशैली को प्रभावित करते हैं-
1.यह नीसेरिया गानोरिआ नाम के जीवाणु के कारण होता है। पुरुष और महिलाएं दोनों ही इससे संक्रमित हो सकते हैं। ये जीवाणु महिलाओं या पुरुषों के प्रजनन मार्ग या गीले क्षेत्र में आसानी से बढ़ता है। इसके जीवाणु मुंह, गला, आंख और गुदा में भी बढ़ते हैं। यह एक गर्भवती महिला से उसके बच्चे में भी ट्रांसफर हो सकता है।
2. क्लैमाइडिया एक एसटीडी है जो क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस नामक जीवाणु के कारण होता है। यह जीवाणु केवल मनुष्यों को संक्रमित करता है। क्लैमाइडिया विश्व स्तर पर जननांग और नेत्र रोगों का सबसे आम संक्रामक कारण है। क्लैमाइडिया पीडि़त होने पर महिलाओं में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते। वहीं, इसके लक्षणों में मूत्राशय के संक्रमण, योनि स्राव में परिवर्तन, पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द, दर्दनाक संभोग व पीरियड्स के बीच खून आना आदि शामिल हैं। यह बीमारी जन्म के समय मां से उनके बच्चे को भी लग सकता है। क्लैमाइडिया से ग्रस्त माताओं से उनके बच्चे को नेत्र संक्रमण और निमोनिया हो सकता है।
3. सिफलिस बहुत ही घातक यौन संचारित रोगों में से एक है। यह बीमारी ट्रीपोनीमा पैलिडम नामक जीवाणु के कारण फैलता है। इस यौन संचारित रोग का मुख्य कारण संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाना है। एक सर्वे के अनुसार भारत में सलाना एक लाख लोग सिफलिस से ग्रसित होते हैं।
4. ह्यूमन पैपीलोमावारसइ यानी एचपीवी एक यौन संक्रमित बीमारी है। एचपीवी का सबसे आम लक्षण जननांगों, मुंह या गले पर मस्सा है। एचपीवी संक्रमण होने पर व्यक्ति को मौखिक कैंसर, ग्रीवा कैंसर, वल्वर कैंसर, शिश्न कैंसर व मलाशय का कैंसर हो सकता है। एचपीवी के लिए कोई उपचार नहीं है। हालांकि, एचपीवी संक्रमण अक्सर अपने आप ही साफ हो जाता है। एचपीवी 16 और एचपीवी 18 सहित कुछ सबसे खतरनाक उपभेदों से बचाने के लिए एक वैक्सीन भी उपलब्ध है।
5.जेनिटल हर्पीस बीमारी बैक्टीरियल इन्फेक्शन से होती हैं। इसमें जननांगो के आस-पास बड़े-बड़े फफोले(द्रव-भरे हुए छाले) बनने लगते है। इन फफोलों के बनने के बाद इनमें से जो तरल पदार्थ निकलता है उससे यह और अधिक फैलता है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस (एचएसवी) के कारण जेनाईटल हर्पीस रोग फैलता है।
6. यह सबसे आम यौन संचारित संक्रमण(एसटीआई) है। यह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होता है जो यौन संबंध बनाने से फैलता है। हर साल लगभग 3,60,000 लोग जेनाइटल वर्ट्स से पीड़ित होते हैं। एचपीवी गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का मुख्य कारण होता है।
7. गोनोरिया नामक जीवाणु के कारण गोनोरिया नीसेरिया होता है। गोनोरिया एक अन्य आम जीवाणु एसटीडी है। इसे “क्लैप” के रूप में भी जाना जात��� है। गोनोरिया के लक्षणों में मुख्य रूप से लिंग या योनि से सफेद, पीला, बेज या हरे रंग का स्त्राव, सेक्स या पेशाब के दौरान दर्द या परेशानी, सामान्य से अधिक लगातार पेशाब, जननांगों के आसपास खुजली होना व गले में खराश आदि हो सकता है। बच्चे के जन्म के दौरान मां से नवजात शिशु में यह बीमारी हो सकती है। जब ऐसा होता है, तो गोनोरिया शिशु में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। गोनोरिया का आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज किया जा सकता है।
8. स्कैबीज घुन से होने वाली खुजली वाला त्वचा संक्रमण है. इसमें रोगी को दाने या मुंहासे होते हैं. यह बीमारी एक दूसरे के संपर्क में आने से होती है. स्‍कैबीज घुन के काटने से तो फैलती ही है साथ ही यह बीमारी संक्रमित व्‍यक्ति के साथ शारीरिक नजदीकी से भी हो सकती है.
9. यह भी एक यौन संचारित बीमारी है, जो आपके प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर करती है। यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो यह स्टेज 3 एचआईवी को जन्म दे सकता है, जिसे एड्स के रूप में जाना जाता है। इसके शुरूआती लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, दर्द एवं पीड़ा, सूजी हुई लसीका ग्रंथियां, गले में खराश, सिरदर्द, जी मिचलाना व चकत्ते आदि हो सकते हैं।
पुरुषों में यौन रोगों के लक्षण:-
पुरुषों में यौन रोगों के लक्षण आम तौर पर पेशाब में संक्रमण। पेशाब के दौरान दर्द होने, लिंग में सूजन, दाने और खुजली के रूप में हो सकते हैं। इसके अलावा अंडकोष में घाव और चकते होना भी एसटीडी के लक्षणों में शामिल हैं। अंडकोष में सूजन भी यौन रोगों के ही लक्षण हैं। इसके अलावा भी यौन रोगों के कई लक्षण हो सकते हैं। असुरक्षित यौन संबंधों की वजह से ही एड्स जैसी जानलेवा बीमारी भी होती है। कई बार यौन सबंधी रोगों के लक्षण कई हफ्ते बाद भी सामने आते हैं। एसटीडी की बीमारी को हम आम तौर पर दो बैक्टीरिया गानरीअ और क्लैमाइडिया के रूप में ही जानते हैं लेकिन सेक्शुअल कॉन्टेक्ट में आने की वजह से कई और तरह की बीमारियां भी हो सकती हैं। इनमें हेपेटाइटिस और एड्स भी शामिल है।
महिलाओं में यौन बीमारियों के लक्षण:-
महिलाओं में यौन बीमारियों के लक्षण दर्द और शारीरिक संबंध बनाने के दौरान असहजता, पेशाब में दर्द, जलन और सूजन के तौर पर दिखाई देते हैं। योनी के आसपास घाव, चकते और दाने भी यौन संक्रमित बीमारियों के लक्षण होते हैं। इसमें योनी के आसपास खुजली भी प्रमुख लक्षण है।भारत में सबसे ज्यादा यौन संक्रमण बीमारी एचपीवी है। यह संक्रमण त्वचा से त्वचा के स्पर्श से फैलता है। यह संक्रमण भी सौ से ज्यादा तरह का हो सकता है। जिनमें से 40 तरह का वीएचवी यौन संबंधों के दौरान फैलता हैं|
https://kisansatta.com/what-is-sexually-transmitted-disease-learn-the-symptoms-of-this-disease32158-2/ #HumanPapillomavarasi, #LearnTheSymptomsOfThisDisease, #Syphilis, #WhatIsSexuallyTransmittedDisease Human papillomavarasi, learn the symptoms of this disease, Syphilis, What is sexually transmitted disease Life, Trending #Life, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
0 notes