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दक्षिण कोरिया के बारे में रोचक तथ्य - Help Hindi Me
दक्षिण कोरिया के बारे में रोचक तथ्य | Interesting & Amazing facts about South Korea
दक्षिण कोरिया, कोरियाई प्रायद्वीप का दक्षिणी हिस्सा है। यह पूर्वी एशिया में एक विकसित देश है। सियोल दक्षिण कोरिया की राजधानी है। यह दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा महानगरीय शहर है। दक्षिण कोरिया अपनी पॉप संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, विशेष रूप से संगीत, टीवी, नाटक और सिनेमा में। कोरियन दक्षिण कोरिया की आधिकारिक भाषा है।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति का नाम/South Korea president name
मून जे-इन(Moon Jae-in)
दक्षिण कोरिया की आबादी/South Korea population
5.16 crores (2018)
दक्षिण कोरिया की मुद्रा/South Korea currency
कोरियाई वॉन(Korean won)
दक्षिण कोरिया का झंडा कहा जाता है/South Korea flag is called
Taegeukgi (teh-GUK-key)
दक्षिण कोरिया की राजधानी/South Korea capital
सियोल(Seoul)
दक्षिण कोरिया का स्वतंत्रता दिवस/South Korea Independence Day
15 August
दक्षिण कोरिया धर्म/South Korea religion
दक्षिण कोरियाई (लगभग 56.1% लोग ) किसी धर्म को नहीं मानते हैं. कुछ लोग बौद्ध अन्य कुछ ईसाई धर्म को मानने वाले हैं।
कोरियाई कोरियाई भाषा/South Korean language
कोरियन
दक्षिण कोरिया का राष्ट्रीय खेल/South Korea national game
तायक्वोंडो(Taekwondo)
दक्षिण कोरिया के बारे में कुछ रोचक और मजेदार तथ्य इस प्रकार हैं:
01-10 Interesting & Amazing facts about South Korea in Hindi
दक्षिण कोरिया का राष्ट्र्रीय ध्वज ताओवाद और बुद्ध के प्रतीकों और ��र्शन को दर्शाता है।
दक्षिण कोरिया के झंडे में 4 प्रतीकों से घिरा लाल और नीला यिन-यांग है। चार प्रतीक स्वर्ग, पृथ्वी, अग्नि और जल का प्रतिनिधित्व करते हैं।
दक्षिण कोरिया की कुल जनसंख्या 51.4 मिलियन हैं।
शहर सियोल (Seoul), दक्षिण कोरिया का सबसे अधिक आबादी वाला शहर है जो सबसे बड़ा शहर भी है। सियोल की आबादी 10 मिलियन है।
कोरियाई भाषा में 14 व्यंजन और 11 स्वर हैं। कोरियाई लेखन प्रणाली को हंगुल के रूप में जाना जाता है।
2013-2017 में, Park Geun-hye (पार्क ग्युन-हे) दक्षिण कोरिया की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं थी।
दुनिया की सबसे पुरानी खगोलीय प्रयोगशाला दक्षिण कोरिया के Jiangsu (जिआंगसू) में स्थित है। इसे “चेमोसेन्गैडे वेधशाला” (Cheomseongdae) के रूप में जाना जाता है।
दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल है और कोरियाई भाषा में, सियोल का मतलब वास्तव में राजधानी शहर है।
दक्षिण कोरिया में प्लास्टिक सर्जरी का सबसे बड़ा बाजार है। वास्तव में, प्रत्येक 5 महिलाओं में से कम से कम 1 ने अपने जीवन में एक बार कॉस्मेटिक सर्जरी करवाई है।
टोक्यो के साथ, सियोल दुनिया में सबसे अधिक नींद से वंचित शहर है। 11-20 Interesting & Amazing facts about South Korea in Hindi
दक्षिण कोरिया का राष्ट्रीय व्यंजन “किमची” है। किमची की लगभग 100 किस्में हैं।
किमची दक्षिण कोरिया में इतनी लोकप्रिय है कि तस्वीरें लेते समय लोग “किम्ची” कहते हैं।
पलक की प्लास्टिक सर्जरी दक्षिण कोरिया में सबसे आम है।
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच का क्षेत्र दुनिया में सबसे अधिक सैन्यीकृत क्षेत्र है। इसे डिमिलिट्राइज़्ड ज़ोन के रूप में जाना जाता है।
तीन साल के कोरियाई युद्ध के बाद, 1.2 मिलियन लोगों की हत्या के बाद डिमिलिट्राइज़्ड ज़ोन बनाया गया था।
विखंडित क्षेत्र, दुनिया में सबसे अच्छी तरह से संरक्षित क्षेत्रों में से एक है। कोरियाई युद्ध के बाद, न तो उत्तरी कोरिया और न ही दक्षिण कोरिया ने इस क्षेत्र का विकास किया।
पुरातनपंथी के अनुसार, मानव ने 500 हजार साल पहले कोरियाई प्रायद्वीप में निवास किया था।
अमेरिका के न्यूयॉर्क, शिकागो और सिएटल शहरों में लगभग दक्षिण कोरिया के 2.1 मिलियन लोग रहते हैं।
दक्षिण कोरिया का 64 प्रतिशत हिस्सा पेड़ों से ढका है।
किम, ली और पार्क दक्षिण कोरिया में लोगों के बीच प्रसिद्ध सबसे आम नाम हैं। 21-30 Interesting & Amazing facts about South Korea in Hindi
दक्षिण कोरिया में दुनिया में सबसे अधिक अनुमानित ��ईक्यू है।
अधिकांश कोरियाई शब्दावली चीनी शब्दावली से ली गई है।
दक्षिण कोरियाई के 99.2 प्रतिशत में ब्रॉडबैंड का उपयोग करते हैं ।
दक्षिण कोरिया में एक अद्वितीय आपराधिक न्याय प्रणाली है जहां अपराधों के दृश्यों को फिर से बनाया जाता है और अभिनय किया जाता है ताकि जनता और मीडिया तस्वीरें और सार्वजनिक विवरण ले सकें।
दक्षिण कोरिया में केवल 3.2 प्रतिशत लोग अधिक वजन वाले हैं। इसलिए, यह दुनिया में सबसे कम मोटापे वाला देश है।
दक्षिण कोरिया में, सदियों से कुत्ते का मांस खाया जाता रहा है। और आज भी कुछ रेस्टोरेंट्स कुत्ते का मांस परोसते हैं।
2012 में, दक्षिण कोरिया का पोहांग (Pohang) रोबोट जेल गार्ड पेश करने वाला दुनिया का पहला शहर बना।
दक्षिण कोरियाई लोगों द्वारा माना जाने वाला एक अंधविश्वास यह है कि रात भर चलता पंखा छोड़ने से किसी की भी मौत हो जाएगी। हालांकि ऐसा कभी नहीं हुआ और इसका कोई प्रमाण भी नहीं है।
2012 में, “गंगनम स्टाइल” (Gang am Style) 1 बिलियन दर्शकों द्वारा देखा जाने वाला यूट्यूब पर पहला गीत बन गया। यह दक्षिण कोरिया में लिखा और प्रदर्शित किया गया था।
क्रिसमस दक्षिण कोरिया में एक आधिकारिक अवकाश है
31-40 Interesting & Amazing facts about South Korea in Hindi
दक्षिण कोरिया के लोगों का मानना है कि किसी व्यक्ति का रक्त प्रकार उसके चरित्र और सामाजिक संगतता के बारे में बता सकता है।
दक्षिण कोरि��ा में ग्रह पर सबसे तेज वायरलेस गति है। दक्षिण कोरिया में औसत डाउनलोडिंग गति 33.5 Mb प्रति सेकंड है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दक्षिण कोरिया में अन्य विकसित देशों में आत्महत्या की दर सबसे अधिक है।
दक्षिण कोरिया में दुनिया में सबसे ज्यादा स्मार्टफोन उपभोक्ता घनत्व हैं। स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की दर 78.5 प्रतिशत है।
दक्षिण कोरिया के पुरुष मेकअप का उपयोग करते हैं। दक्षिण कोरिया में, हर 5 में से 1 पुरुष नियमित रूप से मेकअप का उपयोग करते हैं।
दक्षिण कोरिया में 9-12 वर्ष की आयु के बच्चे इंटरनेट के आदी हैं। 2012 में, सरकार ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कुछ साइटों पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून पारित किया था ।
2015 में दक्षिण कोरिया में व्यभिचार को वैध किया गया था। इससे पहले, पति/पत्नी को धोखा देने के लिए 2 साल की सजा थी।
कोरिया का नाम “गोरियो” से लिया गया है। “गोरियो” कोरियाई प्रायद्वीप का एक शक्तिशाली प्राचीन साम्राज्य था जिसने 700 वर्षों तक शासन किया था।
दक्षिण कोरिया में देश के दक्षिणी तट पर स्थित 3000 द्वीप शामिल हैं।
दक्षिण कोरिया अमेरिक�� राज्य इंडियाना के समान आकार का है। 41-45 Interesting & Amazing facts about South Korea in Hindi
दक्षिण कोरिया में, नंबर चार को दुर्भाग्य माना जाता है।
दक्षिण कोरिया में, ऊर्ध्वाधर चॉपस्टिक को पकड़ना मृत्यु के साथ जुड़ा हुआ है, क्योंकि यह अंत्येष्टि के समय अगरबत्ती जैसा दिखता है।
दक्षिण कोरिया में अभिवादन करने का सबसे आम तरीका यह पूछना है कि क्या उन्होंने अच्छी तरह से खाना खाया था।
Hibiscus (गुड़हल) दक्षिण कोरिया का राष्ट्रीय फूल है और यह उनके राष्ट्रगान में भी वर्णित है।
दक्षिण कोरिया के लोग दुनिया में सबसे अधिक काम करने वाले लोग हैं। 2018 में, सरकार ने एक विधेयक पारित किया जिसमें अधिकतम काम का समय घटाकर 52 घंटे/week कर दिया गया था। इससे पहले, वह एक हफ्ते में 68 घंटे काम करते थे।
https://helphindime.in/interesting-amazing-facts-about-south-korea-in-hindi/
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भारतीय संविधान पर निबंध - Help Hindi Me
भारतीय संविधान पर निबंध | Essay on Constitution of India in Hindi
संविधान का अर्थ-
संविधान या Constitution एक प्रकार का नियम और कानूनों का दस्तावेज है जिसके अंतर्गत किसी भी देश की सरकार कार्य क��ती है। किसी भी देश का संविधान उस देश के आदर्श उद्देश और मूल्यों को दर्शाता है। संविधान शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है सम और विधान।
सम का अर्थ होता है बराबर या समान और विधान का अर्थ होता है नियम या कानून, अर्थात संविधान वह होता है जिसे जो हर नागरिक और व्यक्ति के लिए समान होता है।
संविधान दो प्रकार के होते हैं- लिखित और आलिखित।
लिखित संविधान वह होता है जिसका आधे से ज्यादा भाग लिखित रूप में हो। लिखित संविधान किसी भी देश का सर्वोच्च सम्मान कानून होता है।
अलिखित संविधान वह होता है जो लिखित रूप में न हो और जिसका केवल कुछ भाग ही लिखित हो। ऐसा संविधान निरंतर आवश्यकता के अनुसार बदलता रहता है।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के द्वारा बनाया गया भारत का संविधान भारत का सबसे सर्वोच्च कानून है। यह संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित कानून है। संविधान के अंतर्गत दिए गए नियम व कानून बड़े से बड़े और छोटे से छोटे व्यक्ति के लिए एक समान हैं।
कोई भी कार्य जो संविधान के बाहर जाकर किया जाए वह गैरकानूनी होता है। संविधान का निर्माण हर व्यक्ति को एक समान न्याय, समान अधिकार दिलाना व देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए किया गया था।
15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश राज्य के चंगुल से आजादी हासिल हुई थी।
आजादी के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई थी जिसका कार्य 9 दिसंबर 1947 से शुरू हो गया था।
इस संविधान को बनने में लगभग 2 वर्ष 11 महीने से अधिक लगे। भारतीय संविधान 26 नवंबर 1949 को जाकर स्वीकृत हुआ और 26 जनवरी 1950 को भारत में पूरी तरह लागू किया गया।
26 नवंबर यानी जब हमारा संविधान स्वीकृत हुआ, वह दिन संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है और 26 जनवरी जब हमारा संविधान पूरे देश में लागू हुआ, वह दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत संविधान के गठन की शुरुआत
ब्रिटिशर्स ने वर्ष 1946 में भारत को जब आजाद करने का सोचा तो उन्होंने भारत में संविधान के निर्माण के लिए एक कैबिनेट टीम भेजी। इस कैबिनेट मिशन को भारत के और ब्रिटिश सरकार के अलग-अलग प्रतिनिधियों से मिलना था और उनसे भारतीय संविधान को तैयार करने के लिए संविधान सभा के गठन के बारे में चर्चा करनी थी।
कैबिनेट मिशन प्लान के तहत संविधान सभा का गठन हुआ। इस सभा में कुल संख्या 389 निश्चित की गई थी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि के लिए, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्र के प्रतिनिधि के लिए और 93 देसी रियासतों के प्रतिनिधि के लिए रखी गई थी।
9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक हुई थी। जवाहरलाल नेहरु जी ने 13 दिसंबर 1946 को संविधान सभा में उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया और संविधान के निर्माण का कार्य शुरू हुआ। यह प्रस्ताव संविधान सभा के द्वारा 22 जनवरी 1947 को उत्तीर्ण हुआ।
संविधान के निर्माण के लिए बहुत सारी समितियों का निर्माण हुआ था जिसमें सबसे प्रमुख प्रारूप समिति (Drafting committee) थी, जिसके अध्यक्ष डॉक्टर बी आर अंबेडकर थे। इस समिति में कुल 7 सदस्य थे जिनमें-
अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, एन गोपाल स्वामी आयंगर, अल्लादी कृष्णस्वामी आयार, डॉक्टर के एम मुंशी, सैयद मोहम्मद सादुल्लाह, एन माधवराव और टीटी कृष्णमाचारी और बी एन राव को संवैधानिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था।
प्रारूप समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को हुआ था। 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की जब पहली बैठक हुई थी तब जिसमें मुस्लिम लीग ने हिस्सा नहीं लिया था। संविधान सभा की लगभग 165 दिनों की बैठक हुई।
संविधान सभा की आखिरी बैठक 24 जनवरी 1950 को पूरी हुई, और 2 वर्ष 11 महीने तथा 18 दिन के बाद संविधान बनके तैयार हुआ। संविधान सभा के 284 सदस्यों ने भारतीय संविधान पर हस्ताक्षर किए जिनमें 15 महिलाएं भी थी।
इसी दिन डॉ राजेंद्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। 26 जनवरी 1950 को यह भारत में पूरी तरह लागू हो गया और भारत को गणतंत्र देश घोषित किया गया।
भारत के संविधान के निर्माण में जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, आचार्य कृपलानी, डॉक्टर बी आर अंबेडकर, मौलाना अब्दुल कलाम और सरदार वल्लभभाई पटेल आदि मुख्य चेहरे थे।
जिस समय भारत के संविधान का निर्माण हुआ था उस समय इसमें 395 अनुच्छेद 12 अनुसूचियां वक्त 22 भाग में विभाजित था जो आज के समय में बढ़कर 465 अनुच्छेद 12 अनुसूचियां और 22 भागों में विभाजित है।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना- जवाहरलाल नेहरु के द्वारा बनाए गए भारतीय संविधान की प्रस्तावना उद्देश्य प्रस्ताव पर आधारित है। जिसे संविधान विशेषज्ञ नानी पालकिवाला ने संविधान का परिचय पत्र कहा था।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना (Constitution of India preamble)–
(Preamble of Indian Constitution)
“हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक, गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को:
न्याय, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक,
विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास धर्म और उपासना की स्वतंत्रता,
प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा, उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए,
दृढ संकल्प कर होकर अपनी इस संविधान में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई0 को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।“
भारतीय संविधान की प्रस्तावना हम भारत के लोग से शुरू होती है जिसका संबोधन भारत के हर नागरिक से है यानी संविधान की ताकत भारत की जनता से है। यह प्रस्तावना भारत के लोगों के लक्ष्यों को प्रस्तुत करती है। संविधान की प्रस्तावना ऑस्ट्रेलिया के संविधान से प्रेरित है और विश्व में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।
भारतीय संविधान की मूल प्रतिमा प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखी थी, यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हस्तलिखित है। यह टाइपिंग या प्रिंट के द्वारा नहीं बल्कि पेन से लिखी गई थी रायजादा जी ने नंबर 303 के 254 पेन होल्डर का इस्तेमाल करके अत्यंत सुंदर शब्दों में संविधान को लिखा था।
इसे लिखने में उन्हें 6 महीने लगे थे। संविधान को लिखने के लिए उन्होंने कोई शुल्क नहीं लिया था। उनकी बस यह शर्त थी कि संविधान के हर पृष्ठ पर उनका नाम हो और अंतिम पेज पर उनका और उनके दादा जी का भी नाम लिखा है।
संविधान के हर पृष्ठ को आचार्य नंदलाल बोस ने चित्रों से सजाया था और संविधान के प्रस्तावना पृष्ठ को राम मनोहर सिन्हा ने सजाया था।
भारतीय संविधान की मूल प्रति भारतीय संसद की लाइब्रेरी में हिलियम गैस से भरे केस में रखी हुई है।
मूल संविधान में दिए गए छह मौलिक अधिकार
पहले संविधान में 7 मौलिक अधिकार दिए गए थे परंतु 44वें संशोधन के बाद संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार की सूची से हटा कर, अनुच्छेद 300a के अंतर्गत कानूनी अधिकार में डाल दिया गया।
जो 6 मूल अधिकार भारत के नागरिकों को प्रदान किए गए हैं वह है-
समानता का अधिकार- अनुच्छेद 14 से 18
स्वतंत्रता का अधिकार- अनुच्छेद 19 से 22
शोषण के विरुद्ध अधिकार- अनुच्छेद 23 से 24
धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार- अनुच्छेद 25 से 28
संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार- अनुच्छेद 29 से 30
तथा संवैधानिक अधिकार- अनुच्छेद 32 हैं।
इन मौलिक अधिकारों में आवश्यकता अनुसार संशोधन करे जाने की सुविधा है।
भारत संविधान के बारे में कुछ रोचक तथ्य
•भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा और लंबा हस्तलिखित संविधान है।
•भारत के संविधान को बनाने में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का सबसे बड़ा योगदान है इसलिए उन्हें संविधान का निर्माता या पिता भी ��हा जाता है।
•भारत के संविधान को श्री श्याम बिहारी रायजादा ने पेन से लिखा था और हर पृष्ठ को शांति निकेतन ने सजाया था।
•भारत भारतीय संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे।
•भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था जिसे संविधान दिवस कहा जाता है।
•संविधान 26 जनवरी 1950 को भारत में लागू हुआ था क्योंकि इस दिन पूर्ण स्वराज दिवस की वर्षगांठ थी।
•भारत के संविधान में कुल 395 अनुच्छेद 8 अनुसूची और 22 भाग है।
•भारत के संविधान का पहला संशोधन 1951 में हुआ था।
•भारत का संविधान बहुत से अन्य देशों से प्रेरित है जैसे अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, आयरलैंड आदि।
•भारत में संविधान लागू होने से पहले ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाए गए एक्ट 1935 माना जाता था।
•संविधान की हिंदी व अंग्रेजी दोनों मूल प्रतिमा संसद भवन की लाइब्रेरी में हिलियम से भरे केस में रखी हुई है।
•भारतीय संविधान को बनाने में लगभग 6.3 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
•संविधान के निर्माण की पहली सभा 9 दिसंबर 1946 को हुई थी। जिसके अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद जी थे और कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी।
उधारी का थैला-
भारतीय संविधान को उधारी का थैला भी कहा जाता है क्योंकि यह बहुत से अन्य देशों के संविधान से प्रेरित हुआ है। जैसे-व्यापार और कॉमर्स प्रार्थना ऑस्ट्रेलिया के संविधान से प्रेरित है।
पंचवर्षीय योजना सोवियत संघ से ली गई थी।
जापान के संविधान से भारत जिस कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट काम करता है वह लिया गया था।
लिबर्टी, क्वालिटी, इनफर्टिलिटी शब्द फ्रांस के संविधान से प्रेरित है।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना अमेरिकी संविधान की प्रस्तावना से प्रेरित है।
https://helphindime.in/constitution-of-india-essay-in-hindi/
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क्रिसमस के बारे में रोचक तथ्य - Help Hindi Me
क्रिसमस के बारे में रोचक तथ्य | Interesting and Amazing facts about Christmas in Hindi
पूरी दुनिया में हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाता है। क्रिसमस को जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह दावतों का आयोजन करके और एक दूसरे को ��पहार देकर मनाया जाता है। यह मुख्य रूप से ईसाईयों द्वारा मनाया जाता है लेकिन गैर-ईसाई भी इसे मनाते हैं। हम सभी क्रिसमस मनाते हैं या हमारे आस-पास के लोगों को क्रिसमस मनाते हुए देखते हैं, लेकिन हम वास्तव में क्रिसमस को कितना जानते हैं? यहां क्रिसमस के बारे में अनसुने और दिलचस्प तथ्य हैं जो आपको आश्चर्यचकित कर सकते हैं।
क्रिसमस के बारे में रोचक और मजेदार तथ्य इस प्रकार हैं:
01-10 Interesting and Amazing facts about Christmas in Hindi
यीशु के जन्मदिन को क्रिसमस के दिन मनाया जो मूल रूप से ईशा मसीह के नाम से पुकारे जाते हैं।
ब्रिटेन में, एक औसत परिवार क्रिसमस पर 800 पाउंड खर्च करता है।
अमेरिका में, एक औसत परिवार हर साल क्रिसमस पर 700 डॉलर खर्च करता है।
क्रिसमस दुनिया में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा अवकाश है।
फिल्म “ए क्रिसमस स्टोरी” को अमेरिका के प्रत्येक क्रिसमस में एक परंपरा के रूप में देखा जाता है।
आयरिश कैथोलिक विश्वास के अनुसार, क्रिसमस के बाद ऑल सेंट डे नाम का एक और अवकाश है।
क्रिसमस ट्री का उपयोग सबसे पहले प्राचीन रोमन और मिस्र द्वारा किया गया था।
आधुनिक क्रिसमस ट्री का उपयोग सर्वप्रथम जर्मनी द्वारा 16 वीं शताब्दी में प्रारम्भ हुआ था।
मूल रूप से फलों और नट का उपयोग क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए किया जाता था।
‘एक्स-मस ’(X-Mas) शब्द में ‘एक्स’ प्राचीन ग्रीक से आता है। ग्रीक भाषा में ‘X’ का अर्थ है क्राइस्ट। तो, एक्स-मस शब्द का अर्थ है क्रिसमस। 11-20 Interesting and Amazing facts about Christmas in Hindi
डच में, सांता क्लॉस को सिन्टरक्लास(Sinterklaas) कहा जाता है।
सांता क्लॉज़ का चरित्र एक बिशप, सेंट निकोलस पर आधारित है।
सेंट निकोलस गरीब और जरूरतमंदों के लिए ��हायता प्रदान करते थे और बच्चों को उपहार देते थे।
सांता क्लॉस पूर्व में मूलरूप से हरे, बैंगनी या नीले रंग के कपड़े पहनते थे।
अपने ब्रांड का विज्ञापन करने के लिए, कोका कोला ने संता को लाल और काले रंग का ड्रेस पहनाया था। तब से सारी दुनिया में हर जगह के सेंटा लाल और काली ड्रेस पहनते हैं।
संता के आठ बारहसिंगों में कामदेव, डेनियर, विक्सेन, डंडर, धूमकेतु, डैशर, नर्तक और ब्लिक्सम हैं।
रूडोल्फ नौवें लाल-नाक वाला बारहसिंगा है जो संता की स्लेज खींचता है।
हर साल, स्वीडन में 13 मीटर की एक बकरी का निर्माण तिनके से किया जाता है, और क्रिसमस पर परंपरा के रूप में आग लगा दी जाती है।
पेरू का एक गाँव हर साल क्रिसमस पर मुट्ठी लड़ाई का आयोजन करता है। इसका उद्देश्य सभी नफरत को हटाना है।
“जिंगल बेल” मूल रूप से एक धन्यवाद गीत था।
21-30 Interesting and Amazing facts about Christmas in Hindi
जिंगल-बेल का प्रारंभिक नाम “वन हॉर्स ओपन स्लीघ” था।
आयरलैंड में, सातवीं और आठवीं सदी के लोग 20 अप्रैल से क्रिसमस की छुट्टियां मनाते हैं।
ब्रिटेन में, उपहारों को कवर करने के लिए हर साल 226800 मील के रैपिंग पेपर का उपयोग किया जाता है।
प्रशांत महासागर में “क्रिसमस द्वीप” नाम का एक द्वीप है।
अमेरिका में, सांता क्लॉस के नाम पर तीन शहर हैं।
क्रिसमस के दौरान हर ईसाई बरामदे पर मिस्टलेट्स/बंडा(mistletoe) होते हैं। जिसके नीचे चुंबन का आदान-प्रदान करने के लिए एक परंपरा है।
एक क्रिसमस का पेड़ लगभग 15 वर्षों तक बढ़ता है।
सांता का कनाडा में अपना खुद का ज़िपकोड है। बच्चे सांता को पत्र लिख सकते हैं और इसे एक ज़िप कोड पर भेज सकते हैं।
स्टॉकिंग की परंपरा तब शुरू हुई जब संता ने एक गरीब घर में सोने के सिक्कों को चिमनी के पास सूख रहे स्टॉकिंग में गिराया था।
1950 में सबसे लंबा क्रिसमस ट्री सिएटल में वॉशिंगटन में बनाया गया था, यह 221 फीट लंबा था। 31-40 Interesting and Amazing facts about Christmas in Hindi
1950 से पहले, ब्रिटेन में केवल अमीर लोग क्रिसमस मनाते थे। क्रिसमस ट्री बहुत दुर्लभ था।
संता क्लॉज के अन्य और नाम हैं: सैंट निकोलस, फादर क्रिसमस, ग्रैंडफादर फ्रॉस्ट और क्रिस क्रृंगल।
1870 तक क्रिसमस एक संघीय अवकाश नहीं था। 1870 में, अमेरिका ने क्रिसमस को एक संघीय अवकाश घोषित किया।
1836 में, Alabama (अलबामा) क्रिसमस को कानूनी अ��काश घोषित करने वाला पहला राज्य था।
लाल रंग मसीह के रक्त को इंगित करता है, हरा-पुनर्जन्म और सोना रॉयल्टी और प्रकाश को इंगित करता है।
अंतरिक्ष से प्रसारित होने वाला पहला गीत जिंगल-बेल था।
1659-1681 में बोस्टान में क्रिसमस मनाना गैरकानूनी था।
1947 के बाद से, हर साल नॉर्वे के लोग लंदन के लोगों को क्रिसमस ट्री गिफ्ट करते हैं।
संता की स्लेज उड़ाने वाली पहली तस्वीर वाशिंगटन इरविंग ने बनाया था।
स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी, यूएस द्वारा फ्रेंच को दिया गया सबसे बड़ा क्रिसमस उपहार है। 41-50 Interesting and Amazing facts about Christmas in Hindi
“व्हाइट क्रिसमस” गीत सभी समय का सबसे अधिक बिकने वाला क्रिसमस गीत है। क्रिसमस के लिए सबसे अधिक बिकने वाले गीत के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है।
अमेरिकी पोर्टल हर साल क्रिसमस पर 850 मिलियन तोहफे पहुंचाता है ।
“होम अलोन” क्रिसमस सीजन के दौरान सबसे अधिक कमाई वाली फिल्म है।
19 वीं शताब्दी में, चार्ल्स डिकेंस ने “क्रिसमस कैरोल” नामक एक उपन्यास जारी किया था। जिसके बाद, क्रिसमस की छुट्टियों को एक नया दृष्टिकोण मिला और क्रिसमस की छुट्टियों परिवार उन्मुख हो गई।
कविता “अ विजिट फ्रॉम सेंट निकोलस” ने क्रिसमस के दौरान उपहार देने की परंपरा को बढ़ावा दिया।
1776 में अमेरिकी रिवोल्यूशन के दौरान क्रिसमस नहीं मनाया जाता था यह मानकर की यह एक अंग्रेजी रिवाज है।
“मेरी क्रिसमस” 19 वीं सदी में एक कहानी से लोकप्रिय हुआ था।
14 शताब्दी में, राजा रिकर्ड-II ने एक क्रिसमस की दावत का आयोजन किया, जहां 28 ऑक्सेना और 300 भेड़ों को परोसा गया था।
क्रिसमस को पहले दूसरे दिन मनाया जाता था। बहुत से लोगों का मानना है कि यह पहले मार्च या अप्रैल में मनाया जाता था।
बहुत क्रिश्चियन का मानना है कि 25 मार्च को यीशु के जन्म और मरण दिवस होता है। 51-60 Interesting and Amazing facts about Christmas in Hindi
14 वीं शताब्दी में क्रिसमस कैरोल को भी लोकप्रिय बनाया गया था। तब एक गायक गाता था और एक समूह में लोग नृत्यकारी नृत्य करते थे।
यहूदी धर्म में भी यह माना जाता है की यीशु का जन्म और मृत्यु 25 मार्च को हुई थी।
क्रिसमस के 12 दिन बाद “बारह-टाइड” मनाया जाता है।
क्रिसमस के ठीक 1 दिन बाद “सेंट स्टीफेंस डे” मनाया जाता है।
26 या 27 दिसंबर को बॉक्सिंग दिन मनाया जाता है जिसमें नियोक्ता या ग्राहक व्यापारियों को तोहफा देते हैं।
न्यूजीलैंड, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में लोग उत्साह के साथ बॉक्सिंग दिवस मनाते हैं। वे एक दूसरे को क्रिसमस बॉक्स देते हैं।
नए साल को ईसाइयों में “सेंट सिल्वेस्टर” (Saint Sylvester) भी कहा जाता है।
“क्रिसमस का अष्टक” क्रिसमस के बाद के ��ठ दिन हैं। लोग इसे एक सप्ताह के लिए दावतों और उपहारों पर मनाते हैं।
यूरोपीय लोग क्रिसमस के दौरान बुराई को दूर रखने के लिए सदाबहार पेड़ों के साथ घरों और खलिहान को सजाते हैं।
जर्मनी में, क्रिसमस ट्री के रिवाज को एक विरोधाभासी रिवाज के रूप में देखा गया और कुछ समय तक इसका पालन नहीं किया गया था। 61-70 Interesting and Amazing facts about Christmas in Hindi
क्रिसमस मालाओं को क्रिसमस के ���िए दरवाजे पर लटका दिया जाता है। परंतु पहले ग्रीस में इससे साल भर दरवाजों पर लटकाया जाता था।
लाल, हरे और सुनहरे के अलावा, नीले और सफेद रंग भी क्रिसमस के दौरान उपयोग किया जाता है। सर्दियों को दर्शाने के लिए क्रिसमस में नीले और सफेद रंगों का उपयोग किया जाता है।
यहूदी धर्म में भी, क्रिसमस के रंगों का प्रयोग हनुक्काह (Hanukkah) को दर्शाने के लिए भी किया जाता है।
स्वीडन में लोग क्रिसमस के लिए अपने घरों को दिसंबर के पहले दिन से सजाने लगते हैं।
क्रिसमस का पेड़ मूल रूप से फलों और नट के आकार के बाउबल्स द्वारा सजाया जाता था।
अमेरीका में, वर्ष 2013 तक क्रिसमस के लिए 8 मिलियन क्रिसमस ट्री उगाए गए थे।
सांता की पत्नी की अवधारणा 19 वीं शताब्दी तक अमेरिकी लेखकों द्वारा बनाई गई थी।
सांता क्लॉज़ की अच्छी प्रकृति के अलावा, उसकी अन्य व्याख्याएँ भी हैं। ऐसा माना जाता है कि सांता बुरे बच्चों को सजा भी देता है।
चीन में क्रिसमस एक कानूनी अवकाश नहीं है। इसके बजाय यह सार्वजनिक अवकाश है।
बहुत कम ईसाई चीनी क्रिसमस सार्वजानिक रूप से मानते हैं। 71-80 Interesting and Amazing facts about Christmas in Hindi
जापान में क्रिसमस के दौरान तला हुआ चिकन खाने की परंपरा है।
क्रिसमस माला का निर्माण एवरग्रीन द्वारा यीशु के अनन्त जीवन का प्रतीक है।
चीन में हांगकांग में क्रिसमस बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
जापान में क्रिसमस के दौरान एक बार केएफसी (KFC) इतना भरा हुआ था कि केएफसी अध्यक्ष को भी इन दिनों में मदद करनी पड़ी थी।
वाशिंगटन इरविंग ने डच संस्कृति का मजाक उड़ाने के लिए सांता क्लॉस की पैरोडी के बारे में लिखा था।
दक्षिण कोरिया में क्रिसमस को सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है।
उत्तर कोरिया में लोग क्रिसमस के दौरान बाहरी सजावट नहीं कर सकते। वे क्रिसमस को बहुत ही निजी तौर पर मनाते हैं।
क्रिसमस माला के गोलाकार आकार का प्रतिनिधित्व करते हैं कि भगवान का कोई आरंभ नहीं है और न ही कोई अंत है।
सिंटरक्लास अमेरिका में 1773 में संता क्लॉस बनाया गया।
सांता क्लॉज़ की व्याख्या, उनके रेनडियर, कपड़े, आदि कविता “विजिट फ्रॉम सेंट निकोलस” से प्रभावित है। 81-90 Interesting and Amazing facts about Christmas in Hindi
“डंडर और ब्लिक्सेन” नामों को “डोनर और ब्लिटज़ेन” में बदलकर इसे जर्मन बनाया गया था।
थोमस नास्ट एक अमेरिकी कार्टूनिस्ट थे ज��न्होंने विचार दिया था की सांता क्लॉस उत्तरी ध्रुव में रहता होगा।
सेंट निकोलस मूल रूप से मायरा के थे।
6 दिसंबर को सेंट निकोलस का अपना दिन होता है। यह उनकी पुण्यतिथि है।
भारत में क्रिसमस एक राजकीय अवकाश है और इसे गैर ईसाइयों द्वारा भी व्यापक रूप से मनाया जाता है।
फिलीपींस में क्रिसमस व्यापक रूप से मनाया जाता है क्योंकि काथिज्म प्रमुख धर्म है।
फिलीपींस में सितंबर से कैरोल गाए जाते हैं।
सिंगापुर में, क्रिसमस एक सार्वजनिक अवकाश है।
“द क्रिसमस कैरल” पुस्तक की 1 बिलियन रूपांतरण हैं।
ईसाई मूर्तिकला के अनुसार, राजाओं की संख्या के बारे में कोई उल्लेख नहीं है। लोग मानते हैं कि तीन राजा थे क्योंकि यीशु को तीन उपहार मिले थे। 91-101 Interesting and Amazing facts about Christmas in Hindi
अधिकांश लोगों का मानना है कि त्योहार “डीस नटालिस सोलिस इनविक्टि” (Dies Natalis Solis Invicti) को नामांकित करने के लिए जीसस का जन्मदिन स्थानांतरित किया गया था।
1800 में, मेक्लेनबर्ग के शार्लोट (Charlotte of Mecklenburg) ने क्रिसमस ट्री की परंपरा को ब्रिटेन में लाई थी।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, क्रिसमस ट्री को अस्वीकार कर दिया गया था। लेकिन 1920 में वे फिर से लोकप्रिय हो गए।
1933 में, अमेरिका में क्रिसमस के पेड़ के आयात पर प्रतिबंध था। जिसकी वजह से स्थानीय ट्री कंपनियों ने देश में क्रिसमस ट्री उगाना शुरू कर दिया।
19 वीं शताब्दी तक, क्रिसमस ट्री संस्कृति का एक हिस्सा बन गया था।
1800 के दौरान, जर्मनी में हर घर का अपना क्रिसमस ट्री होता था।
2014 में, लॉस एंजेलिस में एक कलाकार पॉल मैकार्थी ने एक हरे शिशु क्रिसमस ट्री का निर्माण किया था। बाद में उस पर बर्बरता की गई और आग लगा दी गई क्योंकि यह क्रिसमस ट्री की तरह नहीं दिखता था।
दुनिया के पूर्व में केवल 12 प्रतिशत लोग ही क्रिसमस मनाते हैं।
पाकिस्तान में, क्रिसमस के दौरान ईसाई घर-घर जाकर कैरल गाते हैं या चर्च के लिए दान इकट्ठा करते हैं।
क्रिसमस की पूर्व संध्या पर, ईसाई चर्च में इकट्ठा होते हैं और दावत में शामिल होते हैं।
भारत में, क्रिसमस को “बड़ा दिन” के रूप में जाना जाता है।
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Interactive ideas, lifestyle, scieince & technology, knowlege about mobile & computers - Internet की सारी जानकारी सरल शब्दो में https://helphindime.in/category/%e0%a4%95%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%be/
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HINDI KAVITA: सम्मान के लिए
सम्मान के लिए
बेटियों अब समय आ गया है अपने को जानो अपनी ताकत को पहचानो। अपने को कोमल,कमजोर ,अबला कब तक मानोगी? अब वो समय नहीं रहा कि जब तुम्हें पूजने के साथ सुरक्षा/सम्मान भी देते थे, अब तो लोग कन्या पूजन की औपचारिकता भर निभाते हैं, तुम्हें जन्म लेने से पहले ही माँ के गर्भ में ही मारने से भी नहीं घबराते हैं। दहेज हत्या, बलात्कार,उत्पीड़न से अपनी मर्दानगी दिखाते हैं। अब तुम्हें भी बदलना होगा महागौरी, सरस्वती बनी रहो मगर अब तो चण्डी,काली, और दुर्गा, दुष्टनाशिनी बनना होगा, अपने सम्मान, स्वाभिमान के लिए अब तुम्हें खुद आगे आना होगा।
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पृथ्वी, बुध और शुक्र के बाद सूर्य से तीसरा ग्रह है और जीवन का समर्थन करने वाला एकमात्र ग्रह है। पृथ्वी का 29 प्रतिशत भाग भूमि से बना है और शेष 71 प्रतिशत जलभूमि से आच्छादित है।
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#पृथ्वी के बारे में रोचक तथ्य#Interesting & Amazing facts about Earth in Hindi#Information about Earth#Hindi Lekh#Hindi Kavita#Short Story
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ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | Essay on online education in Hindi | Help Hindi Me
जिस प्रकार से हमारे शरीर को जीवित रहने के लिए रक्त की आवश्यकता होती है उसी प्रकार से हमारे जीवन में शिक्षा का महत्व होता है।
शिक्षा हमारे जीवन का मूल आधार है। जीवन के हर स्तर पर शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है। एक सुखी और सफल जीवन तक पहुंचने के लिए शिक्षा ही उसकी सीढ़ियां है।
भारत में स्वतंत्रता के बाद शिक्षा में बहुत सारे परिवर्तन आए और साथ ही शिक्षा के स्तर में भी बढ़ोतरी हुई। वर्ष 1951 में साक्षरता का दर केवल 19.3 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2001 में बढ़कर 65.4 प्रतिशत हो गयी।
पहले के जमाने में शिक्षा प्राप्त करने का एकमात्र जरिया था विद्यालय या कॉलेज जाना या फिर शिक्षक को घर बुलाकर शिक्षा ग्रहण करना। परंतु आज के समय में तकनीकी दुनिया ने इतनी तरक्की कर ली है कि घर बैठे भी शिक्षा प्राप्त करना बहुत ही आसान हो गया है। इंटरनेट ने दुनिया में ऐसी क्रांति लाई है कि आज हर कोई घर बैठे भी शिक्षा प्राप्त कर सकता है। जिसे ऑनलाइन शिक्षा का भी नाम दिया गया है।
पिछले कुछ महीनों में कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया। ऐसे में सभी लोगों का काम धंधा और बच्चों की पढ़ाई पर बहुत बुर��� प्रभाव पड़ने लगा।
लेकिन अंग्रेजी में कहावत है न The show must go on, मतलब जीवन चलता रहता है। इस महामारी के चलते भी शिक्षा को ऑनलाइन प्रदान करने का कदम उठाया गया जिससे बच्चों का वर्ष न खराब हो। दुनिया भर के स्कूल व विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया व उनकी परीक्षाएं ली। निसंदेह या एक बहुत ही सराहनीय कदम हमारे शिक्षकों के द्वारा उठाया गया था।
ऑनलाइन शिक्षा का अर्थ/ऑनलाइन शिक्षा क्या है?
शिक्षा का यदि कोई नवीनतम स्वरूप है तो वह है ऑनलाइन शिक्षा। आज इंटरनेट ने हर चीज को इतना आसान और सस्ता कर दिया है कि अब शिक्षा हर किसी तक आसानी से पहुंच सकती है। पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन शिक्षा ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण स्थान बना लिया ह���। ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा छात्र घर बैठे ही ऑनलाइन कोर्स, कोचिंग, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी आदि कर सकते हैं। यहां तक कि आप एक देश में बैठ कर दूसरे देश की शिक्षा भी ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा प्राप्त कर सकते हैं।
ऑनलाइन एजुकेशन मोबाइल, कंप्यूटर या लैपटॉप में इंटरनेट कनेक्शन के द्वारा छात्र इससे जोड़कर शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। इससे आने जाने का खर्चा भी बचता है और समय की भी बचत होती है। ऑनलाइन शिक्षा ने इतनी धूम मचा दी है कि अब बहुत सारी कंपनियां ऑनलाइन कोर्सेज प्रदान करती है। इनके कुछ उदाहरण है बायजूस, एक्स्ट्रा मार्क्स, ग्रेडअप, टेस्टबुक आदि प्रसिद्ध ऑनलाइन कोर्स प्रदान करने वाले प्लेटफार्म है।
ऑनलाइन शिक्षण ने आज शिक्षकों के लिए बहुत सारे अवसर प्रदान किए हैं।
ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करने के तरीके
यूट्यूब के द्वारा– छात्र यूट्यूब पर पहले से उपलब्ध वीडियो को देखकर शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। यूट्यूब पर बहुत सी शिक्षा से जुड़ी हुई वीडियो रहती है जिनका छात्र लाभ उठा सकते हैं।
ऑनलाइन लिखित चीजें पढ़ना– छात्र गूगल व अन्य सर्च इंजन के द्वारा किसी चीज के बारे में सर्च करके उन्हें लिखित रूप में प्राप्त करके पढ़ सकते हैं। गूगल व अन्य सर्च इंजन पर शिक्षा से जुड़ी चीजें निशुल्क रूप में उपलब्ध होती है।
लाइव क्लासेस करना- छात्र बहुत सारे कोर्स ऑनलाइन खरीद कर उन्हें पढ़ सकते हैं। बायजूस, टेस्टबुक, एक्स्ट्रामार्क्स आदि जैसे प्लेटफार्म अलग-अलग पैसों के हिसाब से कोर्स उपलब्ध कराते हैं जिनको खरीद कर छात्र पढ़ाई कर सकते हैं।
Online education pros and cons/Online education advantages and disadvantages
ऑनलाइन शिक्षा के लाभ (Online education advantages/benefits)
ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा छात्र अपने घर बैठकर देश व विदेश का कोई भी कोर्स व शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा में पैसे भी बचते हैं। छात्रों को केवल इंटरनेट और ऑनलाइन क्लास की फीस भरनी होती है।
ऑनलाइन क्लास में पढ़ाई गई चीजें रिकॉर्ड होती है जिसे छात्र उन्हें पुनः भी देख सकते हैं।
जो छात्र स्कूल व कॉलेज में है वह भी अपनी स्कूली शिक्षा के साथ-साथ ऑनलाइन बहुत से कोर्सेज और नई चीजें सीख सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा बच्चे अपने हुनर को भी निखार सकते हैं जैसे की पेंटिंग,कुकिंग,कढ़ाई,सिलाई आदि का प्रशिक्षण भी ऑनलाइन उपलब्ध है।
ऑनलाइन शिक्षण में शिक्षक छात्रों को बहुत ही दिलचस्प और अलग-अलग तरीके से पढ़ाते हैं जिससे छात्रों की रूचि उसमें बढ़ती है।
कोरोना महामारी के इस दौर में ऑनलाइन शिक्षा ने एक बहुत ही बेहतरीन रोल निभाया है। इसमें छात्रों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया और साथ ही उनकी शिक्षा को भी ऑनलाइन क्लासेज के द्वारा सुचारू रूप से पूरा कराया गया।
ऑनलाइन शिक्षा की हानियां व दुष्परिणाम (Online education disadvantages)
ऑनलाइन शिक्षण में शिक्षक हर छात्र पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते हैं जिससे बहुत से छात्र में अपनी बात ऑनलाइन क्लास में शिक्षक से कहने में हिचकिचाते हैं।
ऑनलाइन क्लासेज के दौरान छात्रों को कई घंटे तक स्क्रीन के आगे बैठना पड़ता है जिससे उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। उनमें आंखों की समस्या,सिर दर्द,कमर दर्द आदि देखने को मिलता है।
ऑनलाइन क्लास में छात्र अपनी मनमर्जी करते हैं कभी-कभी ही क्लास करना या फिर समय से पहले क्लास बंद कर देना। इन सब कारणों से छात्रों की शिक्षा पर प्रभाव पड़ता है।
कई ऑनलाइन उपलब्ध कोर्सेज अक्सर बहुत ही महंगे होते हैं। जो हर कोई नहीं प्राप्त कर पाता।
इनमें उपलब्ध ज्यादातर वीडियो एकतरफा वार्तालाप में होती है जिसमें केवल शिक्षक बोलता है, जिस कारण छात्र अपने मन में आए उस टॉपिक से जुड़े संदेह को दूर नहीं कर पाते।
अक्सर इंटरनेट या नेटवर्क की समस्या होने के कारण छात्र अपनी क्लास नहीं अटेंड कर पाते जिससे उनका नुकसान हो जाता है।
उपसंहार (Online education conclusion)
निसंदेह ऑनलाइन शिक्षा ने आज के शिक्षा का स्तर बढ़ा दिया है। इंटरनेट के द्वारा कोने कोने में ऑनलाइन शिक्षा पहुंच रही है जिससे हर कोई घर बैठे शिक्षा प्राप्त कर सकता है।
इसकी कुछ हानियां भी है लेकिन यदि छात्र इसका सुचारु रुप से लाभ उठाये तो वह बहुत लाभदायक साबित हो सकती हैं। ऑनलाइन शिक्षा देश के कोने कोने तक शिक्षा प्राप्त करने का बहुत ही बेहतरीन माध्यम है।
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मदर टेरेसा का जीवन परिचय - Help Hindi Me
मदर टेरेसा की जीवनी | Mother Teresa biography in Hindi
मानव सेवा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाली मदर टेरेसा महान नारी थीं, उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन दूसरों की सेवा में लगा दिया। मदर टेरेसा एक ऐसी महान आत्मा थीं जिनके दिल हमेशा दूसरों के लिए प्रेम से भरा रहा। उनसे किसी की पीड़ा देखी नहीं जाती थी और वह सदैव दूसरों की सहायता और सेवा करने के लिए तत्पर रहती थी तो आइए जाने मदर टेरेसा के बारे में-
मदर टेरेसा का प्रारंभिक जीवन
मदर टेरेसा का जन्म(Mother Teresa birthday) 26 अगस्त 1910 को स्कॉप्जे (अब मैसेडोनिया) में हुआ था। मदर टेरेसा का वास्तविक नाम अगनेस गोंझा बोयाजिजू था। गोंझा का अर्थ अल्बेनियन भाषा मे फूल की कली होता है। उनकी माता का नाम द्राना बोयाजू व पिता निकोला बोयाजू थे, पिता एक साधारण व्यवसाई थे। जब मदर टेरेसा आठ वर्ष की थी तो उनके पिता का देहांत हो गया जिसके बाद उनका पालन पोषण उनकी माता ने किया। मदर टेरेसा अपने पांच भाइयों भाई बहनों में सबसे छोटी थी। उनके दो भाई बहन बचपन में ही गुजर गए।
मदर टेरेसा को पढ़ाई के साथ गाने का भी शौक था। बचपन में वह अपनी बहन के साथ पास के गिरजाघर जाती थी और वहाँ गाना गाती थी, वे वहां की मुख्य गायिका भी थी। केवल 12 साल की आयु में होने का फैसला कर लिया कि उन्हें अपना पूरा जीवन मानव सेवा में बिताना है। 18 साल की आयु में वह सिस्टर्स ऑफ लोरेटो मे शामिल हुई थी जिसके बाद वह आयरलैंड अंग्रेजी सीखने गई थी, क्योंकि लोरेटो सी सिस्टर अंग्रेजी भाषा के माध्यम से ही भारत में बच्चों को पढ़ाया करती थी।
मदर टेरेसा पूर्ण/वास्तविक/ मूल नाम (Mother Teresa full/real/original name)
अगनेस गोंझा बोयाजिजू
मदर टेरेसा का जन्म कब हुआ था (Mother Teresa birthday/when Mother Teresa born)
26 अगस्त 1910
मदर टेरेसा का जन्म कहाँ हुआ था (Where Mother Teresa born)
स्कॉप्जे, उत्��र मैसेडोनिया
मदर टेरेसा का निधन कब हुआ था (Mother Teresa death date/when mother Teresa died)
5 सितंबर 1997
मदर टेरेसा का भारत आगमन और सेवा
मदर टेरेसा वर्ष 1929 में बाकी नन के साथ भारत के दार्जिलिंग शहर आई थी, यहां पर उन्हें मिशन स्कूल में पढ़ाने के लिए भेजा गया था। वर्ष 1931 में उन्होंने नन के रूप में प्रतिज्ञा ली थी और कोलकाता शहर आकर गरीब लड़कियों को पढ़ाने लगी। यहां पर उन्होंने डबलिन की सिस्टर लोरेटो द्वारा सेंट मैरी स्कूल की स्थापना की, मदर टेरेसा कई वर्षों तक इस स्कूल में पढ़ाती रही। स्कूल में पढ़ाने के साथ-साथ वह कलकत्ता में गरीबों की पूरे मन से सेवा भी करती थी। वर्ष 1937 में उनको मदर की उपाधि से सम्मानित किया गया।
वर्ष 1944 में वह सेंट मैरी स्कूल की प्रिंसिपल नियुक्त हुई। आजादी के दौरान वर्ष 1946 में हो रहे दंगों में मदर टेरेसा ने गरीब और लाचार लोगों की सहायता करने का निर्णय लिया। वह पटना के होली फैमिली हॉस्पिटल में नर्सिंग ट्रेनिंग के लिए आई और वर्ष 1948 में वापस कोलकाता लौट गई। और वहां से तालतला गई जहां पर उन्होंने गरीब, मरीज और घायल लोगों की सेवा की।
1948 में मदर टेरेसा ने स्कूल छोड़ दिया और पूरे तन मन से लोगों की सेवा में लग गई। काम छोड़ने की वजह से उनके पास आमदनी का कोई रास्ता नहीं था लेकिन वह घबराई नहीं। अपने प्रभु पर भरोसा करते हुए वह इस काम में लगी रही। भारतीय संविधान पर निबंध
सफेद रंग की नीली धारी वाली साड़ी में यह महिला महिला लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा करने में लग गई और धीरे-धीरे सब का ध्यान इन पर केंद्रित होने लगा और बहुत से लोग इनकी सहायता के लिए आगे आए।
मिशनरीज ऑफ चैरिटी
वेटिकन से अनुमति मिलने के बाद 7 अक्टूबर 1950 को मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की गई। इस संस्था का उद्देश्य गरीब, भूखे, बीमार ��र बेघर लोगों की सहायता करना था। इस संस्था की शुरुआत तो केवल 13 लोगों से हुई थी पर आज के समय में इस से 4 हजार से भी अधिक सिस्टर जुड़ी हुई है जो दुनिया भर में गरीबों और बीमार लोगों की सेवा कर रही हैं।
निर्मल हृदय और निर्मला शिशु आश्रम
मदर टेरेसा ने निर्मल हृदय और निर्मला शिशु नाम से दो आश्रम भी शुरू किए। निर्मला हृदय, बीमार और पीड़ित गरीब व्यक्तियों की सेवा के लिए शुरू किया गया था। निर्मला शिशु भवन अनाथ और बेघर गरीब बच्चों की सहायता के लिए शुरू किया गया था। ईमानदारी सबसे अच्छी नीति पर निबंध
पुरस्कार व सम्मान
मदर टेरेसा को उनकी उदारता और मानवता सेवा के लिए बहुत सारे पुरस्कार और सम्मान मिले।
भारत सरकार द्वारा वर्ष 1962 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया, इसके बाद वर्ष 1980 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया गया।
वर्ष 1985 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने उन्हें मेडल ऑफ फ्रीडम पुरस्कार से नवाजा।
वर्ष 1979 में मदर टेरेसा को नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया। इस पुरस्कार में मिली 1,92,000 रुपयों की धनराशि को उन्होंने गरीबों के लिए फंड के तौर पर इस्तेमाल किया।
मदर टेरेसा की मृत्यु
वर्ष 1983 में 73 वर्ष की आयु में मदर टेरेसा को पहला दिल का दौरा पड़ा और इसके बाद निरंतर उनका स्वास्थ्य गिरता जा रहा था। वर्ष 1989 में उनको दूसरा हार्ट अटैक आया।
मार्च 13,1997 में उन्होंने मिशनरीज ऑफ चैरिटी के मुखिया का पद त्याग दिया था और सितंबर 5,1997 को उनका निधन हो गया।
मदर टेरेसा की कुछ अनमोल विचार (Mother Teresa quotes)
मैं चाहती हूं कि आप अपने पड़ोसी के बारे में चिंतित हो।
यदि आप सौ लोगों को नहीं खिला सकते तो एक ही खिलाइए।
शांति की शुरुआत मुस्कुराहट से होती है।
जहां जाइए प्यार फैलाइये, जो भी आपके पास आएगा और खुश होकर लौटे।
छोटी चीजों में वफादार रह���ए क्योंकि इन्हीं में आप की शक्ति निहित है।
खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते लेकिन अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत होते हैं।
कल जा चुका है, कल अभी आया नहीं है, हमारे पास केवल आज है, चलिए शुरुआत करते हैं।
दया और प्रेम भरे शब्द छोटे हो सकते हैं लेकिन वास्तव में उनकी गूंज अनंत होती है।
एक जीवन जो दूसरों के लिए नहीं जिया गया वह जीवन नहीं है।
हम सभी महान कार्य नहीं कर सकते लेकिन हम अन्य कार्यो को प्रेम से कर सकते हैं।
यदि हमारे मन में शांति नहीं है तो इसकी वजह है कि हम यह भूल चुके हैं कि हम एक दूसरे के हैं।
भगवान यह अपेक्षा नहीं करते कि हम सफल होगे, वह तो केवल इतना ही चाहते हैं कि हम प्रयास करें।
यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आपने कितना दिया, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि देते समय आपने कितने प्रेम से दिया। दहेज प्रथा पर निबंध
निष्कर्ष
मदर टेरेसा मानवता का सबसे बड़ा उदाहरण है। जब वह भारत आई और यहां पर गरीब लोगों और बच्चों की हालत देखी तो उनका हृदय कराह उठा और उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों की सेवा करने में व्यतीत करने का निर्णय लिया। वह आजीवन इस क��र्य में लगी रही और अपने अंतिम समय तक अपने इस व्रत का पालन करती रही।
https://helphindime.in/about-mother-teresa-biography-history-essay-real-full-name-paragraph-in-hindi/
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चॉकलेट लाखों प्रेमियों के साथ दुनिया में सबसे लोकप्रिय मिठाई में से एक है। यह मुख्य रूप से कोको के बीजों से तैयार किया जाता है, यह तरल या ठोस दोनों रूपों में उपलब्ध है।
https://helphindime.in/facts-for-chocolate-interesting-amazing-facts-about-chocolate-in-hindi/
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तंजानिया के बारे में रोचक तथ्य - Help Hindi Me
तंजानिया के बारे में रोचक तथ्य | Interesting & Amazing facts about Tanzania in Hindi
तंजानिया एक पूर्व अफ्रीकी देश है जो अपने समृद्ध वन्य जीवन के लिए जाना जाता है। तंजानिया का प्रमुख धर्म ईसाई धर्म है, इसके बाद इस्लाम है। तंजानिया की राजधानी डोडोमा है। तंजानिया की आधिकारिक मुद्रा तंजानिया शिलिंग है। तंजानिया की आधिकारिक भाषा स्वाहिली है। तंजानिया की सीमा केन्या, युगांडा, हिंद महासागर, मलाविया, कांगो, बुरुंडी और कई अन्य देशों से मिलती है।
तंज़ानिया की मुद्रा / Tanzania currency
तंजानिया शिलिंग(Tanzanian shilling)
तंज़ानिया की राजधानी(Tanzania ki rajdhani )/Tanzania capital
डोडोमा(Dodoma)
तंज़ानिया की भाषा/Tanzania language
स्वाहिली(Swahili)
तंज़ानिया किस देश में है/Tanzania in which country
तंजानिया, पूर्वी अफ्रीकी देश है।
तंज़ानिया की जनसंख्या/Tanzania population
5.63 crores (2018)
क्या तंज़ानिया एक देश है/is Tanzania a country
हां, तंजानिया, पूर्वी अफ्रीकी देश है
तंज़ानिया देश कोड क्या है/Tanzania country code
+255
तंज़ानिया के लोगों का धर्म/Tanzania religion
तंजानिया का प्रमुख धर्म ईसाई धर्म है, इसके बाद इस्लाम है।
तंज़ानिया के राष्ट्रीय पशु का नाम/Tanzania national animal name
मसाई जिराफ(Masai giraffe)
तंज़ानिया की राजधानी और मुद्रा/Tanzania capital and currency
राजधानी – डोडोमा मुद्रा – तंजानिया शिलिंग
तंज़ानिया किस महाद्वीप में है/Tanzania is in which continent
अफ्रीका
तंजानिया के बारे में कुछ रोचक और मजेदार तथ्य इस प्रकार हैं:
01-10 Interesting & Amazing facts about Tanzania in Hindi
तंजानिया की आबादी 56.3 मिलियन है. तंजानिया की अधिकांश आबादी अश्वेत लोगों की है।
तंजानिया को 1961 में यूनाइटेड किंगडम से स्वतंत्रता मिली थी।
तंजानिया का आधिकारिक नाम यूनाइटेड रिपब्लिक ऑफ तंजानिया या संयुक्त गणराज्य तंजानिया है।
तंजानिया में पक्षियों की लगभग 1100 प्रजातियां हैं, जो अफ्रीका में लगभग 2500 प्रजातियों में से हैं।
तंजानिया का झंडा तांगेयिका और ज़ांज़ीबार के झंडों से प्रेरित है। तंजानिया के ध्वज के चार रंग हैं, अर्थात् हरा, पीला, काला और नीला। हरा रंग प्राकृतिक संसाधनों और वनस्पतियों का प्रतिनिधित्व करता है, पीला खनिज सं��दा का प्रतिनिधित्व करता है, काला अपने लोगों का प्रतिनिधित्व करता है और नीला जल निकायों का प्रतिनिधित्व करता है।
तंजानिया के पास इतिहास में अब तक के सबसे छोटे युद्ध का रिकॉर्ड है। जंजीबार युद्ध इतिहास का सबसे छोटा युद्ध है जो तंजानिया में लड़ा गया था। ज़ांज़ीबार युद्ध ब्रिटेन और ज़ांज़ीबार सल्तनत के बीच एक सैन्य संघर्ष था जो 27 अगस्त, 1896 को 38-45 मिनट तक चला।
तंजानिया में बाओबाब पेड़ (Baobab tree) नाम का एक पेड़ पाया जाता है। बाओबाब वृक्ष का जीवनकाल 1000 वर्षों से अधिक है। यह मुख्य रूप से तंजानिया सेरेनगेटी राष्ट्रीय उद्यान में पाया जाता है।
दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाले बाओबाब वृक्ष को 6000 साल पुराना माना जाता है।
अफ्रीका की सबसे ऊँची पर्वत चोटी किलिमंजारो पर्वत है। माउंट किलिमंजारो तंजानिया में स्थित है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 5895 मीटर है।
माउंट किलिमंजारो एक निष्क्रिय ज्वालामुखी है जो 200000 साल पहले एक बार फट चुका है। इसलिए उम्मीद है कि निकट भविष्य में जल्द ही फिर से विस्फोट हो सकता है
डायनासोर के बारे में रोचक तथ्य 11-20 Interesting & Amazing facts about Tanzania in Hindi
तंजानिया में लगभग 38 प्रतिशत भूमि,वन्यजीवों के लिए पार्क, भंडार और संरक्षण क्षेत्रों के लिए समर्पित है। तंजानिया में यह 38 प्रतिशत भूमि जर्मनी के आकार के लगभग बराबर है।
तंजानिया में एक सेरेन्गेटी राष्ट्रीय उद्यान है जो हर साल दुनिया में सबसे बड़ा स्तनपायी प्रवास होता है। इस सेरेन्गेटी राष्ट्रीय उद्यान में, भोजन, आश्रय खोजने या शिकारियों से खुद को सुरक्षित करने के लिए हर साल कई जानवर समूहों में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं।
“मानव का सबसे प्राचीन जीवाश्म” जो प्रागैतिहासिक पत्थर के औजार हैं और जीवाश्म, तंजानिया में पाए गए थे।
तंजानिया में दुनिया में प्रति वर्ग किमी जानवरों की सबसे बड़ी आबादी है। इसका मतलब है कि यहां दुनिया में जानवरों की सबसे अधिक सघनता है।
तंजानिया में शेरों की प्रजातियों का एक दुर्लभ समूह है जो पेड़ों पर चढ़ सकता है। हालांकि यह कैसे संभव है इसके बारे में अभी तक कोई उचित कारण नहीं बताया गया है। ये शेर आमतौर पर सेरेनगेटी और मन्यारा पार्क में पाए जाते हैं।
तंजानिया अपने प्रचुर वन्य जीवन और नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को बहुत सुरक्षा प्रदान करता है।
तंजानिया में 3.6 मिलियन वर्ष पुराने मानव पैरों के निशान पाए गए थे। वह हमारे पूर्वजों के पैरों के निशान थे।
तंजानिया में ��ेलर गेम रिजर्व में दुनिया में हाथियों की सबसे बड़ी आबादी है।
तंजानिया की तांगानिका झील (Lake Tanganyika) मात्रा और गहराई में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ताजे पानी की झील है। तांगानिका झील चार देशों से संबंधित है, बुरुंडी, ज़म्बो, कांगो और तंजानिया। हालांकि झील का अधिकांश हिस्सा तंजानिया का है।
किलिमंजारो पर्वत दुनिया का सबसे ऊँचा एकल फ़्रीस्टैंडिंग पर्वत है और यह लगभग हर पारिस्थितिक प्रणाली का घर भी है। हाइना के बारे में रोचक तथ्य 21-30 Interesting & Amazing facts about Tanzania in Hindi
ज़ांज़ीबार द्वीप भारतीय महासागर में एक द्वीपसमूह है यह तंजानिया का एक हिस्सा है। ज़ांज़ीबार अपनी प्राकृतिक छटा और सुंदरता के कारण अफ्रीका के सबसे ज्यादा पर्यटकों द्वारा देखे जाने वाले द्वीपों में से एक है। हालांकि ऐसा माना जाता है की यह 20000 साल पहले बसा था।
लोगों का मानना है कि तंजानिया की राजधानी दार-ए-सलाम (Tanzania Dar es salaam) है, जिसका अर्थ शांति का पैगाम है। लेकिन देश की आधिकारिक राजधानी 1974 से डोडोमा शहर है।
तंजानिया अफ्रीका के कुछ सबसे सुंदर समुद्र तटों और परिदृश्य का घर है।
सेरेंगेटी(Serengeti) राष्ट्रीय उद्यान विश्व धरोहर स्थल है और बड़े जानवरों की 1 मिलियन से अधिक प्रजातियों का घर है।
“नागोरोगोरो क्रेटर” (Ngorongoro Crater) दुनिया का सबसे बड़ा अखंड कैलंडर है जो तंजानिया में स्थित है। इसे अक्सर “अफ्रीका के गार्डन ऑफ़ ईडन” के रूप में जाना जाता है। यह शेर, तेंदुआ, गैंडा, हाथी और दरियाई घोड़े सहित 30,000 से अधिक जानवरों का घर है।
तंजानिया में 120 से अधिक जनजातियां हैं और प्रसिद्ध, मसाई संस्कृति भी वहां बसी हुई है। मसाई संस्कृति भी केन्या तक फैली हुई है।
तंजानिया के व्यंजनों में मगरमच्छ, मृग, तिलापिया मछली और यहां तक कि शुतुरमुर्ग शामिल हैं।
तंजानिया की सबसे बड़ी और प्रमुख जनजाति सुकिमा जनजाति है। यद्यपि प्रत्येक जनजाति के जीवन को बनाए रखने का एक अनूठा तरीका है। कुछ जनजातियाँ शिकार करती हैं, कुछ आधुनिक संस्कृति का पालन करती हैं जबकि कुछ पैसे के बदले में पर्यटकों का स्वागत करती हैं।
तंजानिया की झीलों में भी दुनिया के सबसे बड़े केकड़े हैं। इन्हें नारियल केकड़े कहा जाता है।
अपने समृद्ध वन्य जीवन के बाद भी, तंजानिया दुनिया के सबसे गरीब पंद्रह देशों में से एक है। ऊंट के बा��े में रोचक तथ्य 31-37 Interesting & Amazing facts about Tanzania in Hindi
तंजानिया में राहा पार्क दुनिया के शेरों की आबादी का 10 प्रतिशत रखता है।
तंजानिया में समय बताने का पारंपरिक तरीका सूर्य के अनुसार है। इसका मतलब है कि अगर सूरज 6 बजे उगता है, तो 7:00 बजे तंजानिया में 1 बजेगा। यह समय बताने के ‘पारंपरिक स्वाहिली तंजानिया’ के रूप में जाना जाता है।
तंजानिया सफारी में स्कूबा डाइविंग काफी लोकप्रिय है। एक व्यक्ति अद्भुत और अनूठे पानी के नीचे के जीवों को देख सकता है, जैसे कि शेरफिश, सीहोर, ग्रीन कछुआ, मेंढक, मछली आदि।
तांगानिका झील दुनिया के 8 प्रतिशत ताजे पानी के लिए है। यह लगभग 500 मछली प्रजातियों का घर भी है।
तांगानिका झील दुनिया की सबसे लंबी ताजे पानी की झील है।
तंजानिया में दार-ए-सलाम सबसे बड़ा शहर है। यह सबसे महत्वपूर्ण शहरी केंद्र भी है।
तंजानिया के माउंट किलिमंजारो, सेरेन्गेटी राष्ट्रीय उद्यान और नोगोरोंगो क्रेटर अफ्रीका के सात प्राकृतिक आश्चर्यों की सूची में अपना स्थान बनाते हैं।
https://helphindime.in/interesting-amazing-facts-about-tanzania-in-hindi/
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ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है पर निबंध - Help Hindi Me
ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है पर निबंध | Essay on ‘Honesty is the best policy’
यदि हम जीवन में सफल होना चाहते हैं तो उसका एकमात्र रास्ता है ईमानदारी।
बेईमानी से किया गया कोई भी काम कभी सफल नहीं होता और ईमानदारी से किया गया क���र्य से कभी असफल नहीं होता। स्थिति चाहे जो भी हो, जो व्यक्ति ईमानदारी का साथ नहीं छोड़ता वह हमेशा जीवन में सम्मान प्राप्त करता है।
बेंजामिन फ्रैंकलीन द्वारा कही गई कहावत ईमानदारी सर्वश्रेष्ठ नीति है बहुत ही प्रसिद्ध कहावतों में से एक है।
धोखा, छल, कपट करके कोई व्यक्ति पैसा तो कमा सकता हैं लेकिन ऐसा करके उसकी अंतरात्मा कभी भी संतुष्ट नहीं हो पाएगी।
ईमानदार व्यक्ति समाज में सम्मान प्राप्त करता है, लोग पीठ पीछे भी ऐसे लोगों की सराहना करते हैं।
ईमानदारी का अर्थ (Honesty meaning in Hindi)
Honesty is the best policy meaning in Hindi = ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है
ईमानदारी का अर्थ है जीवन के किसी भी स्थिति में सच्चाई का साथ न छोड़ना। आज लोग अधिक धन कमाने के लिए या अपना काम निकलवाने के लिए छल कपट और भ्रष्टाचार करते हैं।
झूठ बोलना, धोखा देना, भ्रष्ट काम करना, यह सब इतना आम हो गया है कि हम अपने आसपास यह सब देख सकते हैं।
आज के समय में ईमानदार व्यक्ति काटों के बीच गुलाब के फूल के समान होता है।
जिस प्रकार काटों के बीच में गुलाब का फूल सबका ध्यान आकर्षित करता है उसी प्रकार एक ईमानदार व्यक्ति समाज में लोगों का ध्यान आकर्षित करता है, समाज मे एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करता है। ऐसे लोगों का सभी सम्मान करते हैं, उनकी बातें मानते हैं और उनका अनुसरण करते हैं।
हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी इमानदारी का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने ईमानदारी और सच्चाई के बल पर भारत को गुलामी के चंगुल से आजाद कराया। इससे हमें यह संदेश मिलता है कि परेशानी जितनी भी बड़ी हो, परिस्थिति जैसी भी हो यदि हम ईमानदारी का साथ न छोड़े तो हम दुनिया की बड़ी से बड़ी समस्या को हल कर सकते हैं।
ईमानदारी का हमारे जीवन में महत्व (Importance of Honesty in our life)
ईमानदारी वास्तव में सबसे अच्छी नीति है।
ईमानदार व्यक्ति न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रहता है वह सभी प्रकार की चिंताओं परेशानीयों से दूर रहता है। जब हमारा मन शांत और स्वस्थ हो तो हम बीमारियों से मुक्त रहत��� हैं।
ईमानदार व्यक्ति समाज में उचित स्थान प्राप्त करते हैं लोग उन्हें, ऐसे लोगों पर विश्वास करते हैं और उनका आदर करते हैं। ऐसे व्यक्तियों से सभी संबंध बनाकर रखना चाहते हैं।
ईमानदारी किसी भी व्यक्ति के अंदर से नकारात्मक सोच और विचारों को निकालना है सकारात्मक विचार डालती है।
ईमानदार व्यक्ति अपने कार्यों से समाज में एक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं और लोगों को प्रभावित करते हैं। लोग उनके जैसा बनना चाहते हैं।
एक ईमानदार व्यक्ति के रिश्ते हमेशा दूसरों से मजबूत होते हैं, फ़िर चाहे वह कारोबार में हो या फिर परिवार में।
ईमानदारी एक ऐसी शक्ति है जिसके मार्ग पर चलकर हमें कभी भी विफलता प्राप्त नहीं होगी। ईमानदार व्यक्ति सदैव निडर और सहज रहता है।
परंतु ईमानदार होने का मतलब मैं बिल्कुल भी नहीं है कि हम लोगों के दुर्व्यवहार या गलत चीज को चुपचाप सहन करें। ईमानदार होने का मतलब यह है कि हम सच्चाई का साथ दें और सच के लिए आवाज़ उठाएं, गलत कार्य करने वाले लोगों को रोके।
ईमानदारी के उदाहरण पर कहानी (Story on Honesty)
एक समय की बात है एक गांव में एक गरीब लकड़हारा रहा करता था। वह बड़ी मुश्किल से अपने और अपने परिवार का गुजारा करता था। रोज सुबह उठकर वह अपने गांव के पास स्थित जंगल में जाकर लकड़िया काटता और उन्हें बाजार में जाकर बेचता था। एक दिन रोज़ की तरह वह सुबह उठकर जंगल गया और नदी के किनारे एक पेड़ से लकड़ी काटने लगा। लकड़ी काटते हुए उसकी कुल्हाड़ी हाथ से छूटकर नदी में जा गिरी। लकड़हारा बहुत ही परेशान हो गया क्योंकि उसके पास एक ही कुल्हाड़ी थी जिससे वह अपने परिवार का खर्चा उठाता था। लकड़हारा दुखी मन से वहीं बैठ गया हो और भगवान से प्रार्थना करने लगा कि उसे उसके खिलाड़ी वापस मिल जाए। लकड़हारे की गुहार पर भगवान महा प्रकट हुए और उन्होंने उससे ��ूछा- ‘पुत्र क्या समस्या है तुम्हें?’
लकड़हारे ने भगवान को बताया कि उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई है और उसने भगवान से प्रार्थना की कि वह उसकी कुल्हाड़ी वापस दिला दे। लकड़हारे के कहने पर भगवान ने नदी में हाथ डाला और एक कुल्हाड़ी निकालने को चांदी की बनी थी। भगवान ने लगाए से पूछा- ‘पुत्र क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?’ लकड़हारे ने बोला- ‘नहीं भगवान यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है’।
भगवान ने फिर से नदी में हाथ डाला और दूसरी बार सोने की कुल्हाड़ी निकाली इस बार फ़िर भगवान ने पूछा- ‘पुत्र क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?’
लकड़हारे ने फिर वही जवाब दिया- ‘नहीं भगवान यह सोने की कुल्हाड़ी मेरी नहीं है, मेरी कुल्हाड़ी तो लोहे की बनी थी’।
भगवान मुस्कुराए और लकड़हारे की इमानदारी से बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने पुनः नदी में हाथ डाला और इस पर उन्होंने लकड़हारे की कुल्हाड़ी निकाली और पूछा- ‘क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?’ इस बार लकड़हारे ने प्रसन्नता से हां में सिर हिलाया और कहा- ‘हां भगवान यह मेरी कुल्हाड़ी है आपका बहुत-बहुत धन्यवाद’।
भगवान लकड़हारे की ईमानदारी से बहुत प्रसन्न हुए और बोले- ‘पुत्र में तुम्हारी ईमानदारी देखकर बहुत ही प्रसन्न हूं हुआ हूं। इसलिए मैं तुम्हें तुम्हारी कुल्हाड़ी के साथ यह सोने और चांदी की कुल्हाड़ी भी उपहार में देता हूं’। यह कह कर भगवान वहां से अंतर्ध्यान हो गए।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की परिस्थिति चाहे कैसी क्यों न हो यदि हम ईमानदार रहेंगे तो हमारे साथ कभी कुछ बुरा नहीं होगा। ईमानदार व्यक्तियों पर भगवान भी सदैव अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं और एक न एक दिन ऐसे लोगों को अपनी ईमानदारी का फल जरूर मिलता है।
ईमानदारी पर कुछ महान लोगों के अनमोल विचार (Precious thoughts of some great people on Honesty)
बड़प्पन अमीरी में नहीं बल्कि ईमानदारी और सज्जनता में है- पंडित श्री राम शर्मा आचार्य।
ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है- बेंजामिन फ्रैंकलीन।
किसी के मरने के उपरांत मिलने वाला कोई धन इमानदारी से अधिक मूल्यवान नहीं है- शेक्सपियर।
ईमानदार होने का अर्थ है सब कुछ खुला है जीवन में कोई भय नहीं है किसी से कोई अपेक्षा नहीं है इसलिए ईमानदार व्यक्ति का चेहरा प्रसन्नता से जगमगाता रहता है- किशोर स्वामी।
ईमानदार आदमी ईश्वर की सर्वोत्तम रचना है-पोप।
ईमानदारी मनुष्य स्पष्ट भाषी होता है उसे अपनी बातों में नमक मिर्च लगाने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं होती है –प्रेमचंद।
यदि तुम्हारा ह्रदय मे ईमान भरा है तो एक शत्रु क्या सारा संसार आपके सम्मुख हथियार डाल देगा –स्वामी रामतीर्थ।
ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है पर निबंध | Essay on ‘Honesty is the best policy’
यदि हम जीवन में सफल होना चाहते हैं तो उसका एकमात्र रास्ता है ईमानदारी।
बेईमानी से किया गया कोई भी काम कभी सफल नहीं होता और ईमानदारी से किया गया कार्य से कभी असफल नहीं होता। स्थिति चाहे जो भी हो, जो व्यक्ति ईमानदारी का साथ नहीं छोड़ता वह हमेशा जीवन में सम्मान प्राप्त करता है।
बेंजामिन फ्रैंकलीन द्वारा कही गई कहावत ईमानदारी सर्वश्रेष्ठ नीति है बहुत ही प्रसिद्ध कहावतों में से एक है।
धोखा, छल, कपट करके कोई व्यक्ति पैसा तो कमा सकता हैं लेकिन ऐसा करके उसकी अंतरात्मा कभी भी संतुष्ट नहीं हो पाएगी।
ईमानदार व्यक्ति समाज में सम्मान प्राप्त करता है, लोग पीठ पीछे भी ऐसे लोगों की सराहना करते हैं।
ईमानदारी का अर्थ (Honesty meaning in Hindi)
Honesty is the best policy meaning in Hindi = ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है
ईमानदारी का अर्थ है जीवन के किसी भी स्थिति में सच्चाई का साथ न छोड़ना। आज लोग अधिक धन कमाने के लिए या अपना काम निकलवाने के लिए छल कपट और भ्रष्टाचार करते हैं।
झूठ बोलना, धोखा देना, भ्रष्ट काम करना, यह सब इतना आम हो गया है कि हम अपने आसपास यह सब देख सकते हैं।
आज के समय में ईमानदार व्यक्ति काटों के बीच गुलाब के फूल के समान होता है।
जिस प्रकार काटों के बीच में गुलाब का फूल सबका ध्यान आकर्षित करता है उसी प्रकार एक ईमानदार व्यक्ति समाज में लोगों का ध्यान आकर्षित करता है, समाज मे एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करता है। ऐसे लोगों का सभी सम्मान करते हैं, उनकी बातें मानते हैं और उनका अनुसरण करते हैं।
हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी इमानदारी का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने ईमानदारी और सच्चाई के बल पर भारत को गुलामी के चंगुल से आजाद कराया। इससे हमें यह संदेश मिलता है कि परेशानी जितनी भी बड़ी हो, परिस्थिति जैसी भी हो यदि हम ईमानदारी का साथ न छोड़े तो हम दुनिया की बड़ी से बड़ी समस्या को हल कर सकते हैं।
ईमानदारी का हमारे जीवन में महत्व (Importance of Honesty in our life)
ईमानदारी वास्तव में सबसे अच्छी नीति है।
ईमानदार व्यक्ति न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रहता है वह सभी प्रकार की चिंताओं परेशानीयों से दूर रहता है। जब हमारा मन शांत और स्वस्थ हो तो हम बीमारियों से मुक्त रहते हैं।
ईमानदार व्यक्ति समाज में उचित स्थान प्राप्त करते हैं लोग उन्हें, ऐसे लोगों पर विश्वास करते हैं और उनका आदर करते हैं। ऐसे व्यक्तियों से सभी संबंध बनाकर रखना चाहते हैं।
ईमानदारी किसी भी व्यक्ति के अंदर से नकारात्मक सोच और विचारों को निकालना है सकारात्मक विचार डालती है।
ईमानदार व्यक्ति अपने कार्यों से समाज में एक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं और लोगों को प्रभावित करते हैं। लोग उनके जैसा बनना चाहते हैं।
एक ईमानदार व्यक्ति के रिश्ते हमेशा दूसरों से मजबूत होते हैं, फ़िर चाहे वह कारोबार में हो या फिर परिवार में।
ईमानदारी एक ऐसी शक्ति है जिसके मार्ग पर चलकर हमें कभी भी विफलता प्राप्त नहीं होगी। ईमानदार व्यक्ति सदैव निडर और सहज रहता है।
परंतु ईमानदार होने का मतलब मैं बिल्कुल भी नहीं है कि हम लोगों के दुर्व्यवहार या गलत चीज को चुपचाप सहन करें। ईमानदार होने का मतलब यह है कि हम सच्चाई का साथ दें और सच के लिए आवाज़ उठाएं, गलत कार्य करने वाले लोगों को रोके।
ईमानदारी के उदाहरण पर कहानी (Story on Honesty)
एक समय की बात है एक गांव में एक गरीब लकड़हारा रहा करता था। वह बड़ी मुश्किल से अपने और अपने परिवार का गुजारा करता था। रोज सुबह उठकर वह अपने गांव के पास स्थित जंगल में जाकर लकड़िया काटता और उन्हें बाजार में जाकर बेचता था। एक दिन रोज़ की तरह वह सुबह उठकर जंगल गया और नदी के किनारे एक पेड़ से लकड़ी काटने लगा। लकड़ी काटते हुए उसकी कुल्हाड़ी हाथ से छूटकर नदी में जा गिरी। लकड़हारा बहुत ही परेशान हो गया क्योंकि उसके पास एक ही कुल्हाड़ी थी जिससे वह अपने परिवार का खर्चा उठाता था। लकड़हारा दुखी मन से वहीं बैठ गया हो और भगवान से प्रार्थना करने लगा कि उसे उसके खिलाड़ी वापस मिल जाए। लकड़हारे की गुहार पर भगवान महा प्रकट हुए और उन्होंने उससे पूछा- ‘पुत्र क्या समस्या है तुम्हें?’
लकड़हारे ने भगवान को बताया कि उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई है और उसने भगवान से प्रार्थना की कि वह उसकी कुल्हाड़ी वापस दिला दे। लकड़हारे के कहने पर भगवान ने नदी में हाथ डाला और एक कुल्हाड़ी निकालने को चांदी की बनी थी। भगवान ने लगाए से पूछा- ‘पुत्र क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?’ लकड़हारे ने बोला- ‘नहीं भगवान यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है’।
भगवान ने फिर से नदी में हाथ डाला और दूसरी बार सोने की कुल्हाड़ी निकाली इस बार फ़िर भगवान ने पूछा- ‘पुत्र क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?’
लकड़हारे ने फिर वही जवाब दिया- ‘नहीं भगवान यह सोने की कुल्हाड़ी मेरी नहीं है, मेरी कुल्हाड़ी तो लोहे की बनी थी’।
भगवान मुस्कुराए और लकड़हारे की इमानदारी से बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने पुनः नदी में हाथ डाला और इस पर उन्होंने लकड़हारे की कुल्हाड़ी निकाली और पूछा- ‘क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?’ इस बार लकड़हारे ने प्रसन्नता से हां में सिर हिलाया और कहा- ‘हां भगवान यह मेरी कुल्हाड़ी है आपका बहुत-बहुत धन्यवाद’।
भगवान लकड़हारे की ईमानदारी से बहुत प्रसन्न हुए और बोले- ‘पुत्र में तुम्हारी ईमानदारी देखकर बहुत ही प्रसन्न हूं हुआ हूं। इसलिए मैं तुम्हें तुम्हारी कुल्हाड़ी के साथ यह सोने और चांदी की कुल्हाड़ी भी उपहार में देता हूं’। यह कह कर भगवान वहां से अंतर्ध्यान हो गए।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की परिस्थिति चाहे कैसी क्यों न हो यदि हम ईमानदार रहेंगे तो हमारे साथ कभी कुछ बुरा नहीं होगा। ईमानदार व्यक्तियों पर भगवान भी सदैव अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं और एक न एक दिन ऐसे लोगों को अपनी ईमानदारी का फल जरूर मिलता है।
ईमानदारी पर कुछ महान लोगों के अनमोल विचार (Precious thoughts of some great people on Honesty)
बड़प्पन अमीरी में नहीं बल्कि ईमानदारी और सज्जनता में है- पंडित श्री राम शर्मा आचार्य।
ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है- बेंजामिन फ्रैंकलीन।
किसी के मरने के उपरांत मिलने वाला कोई धन इमानदारी से अधिक मूल्यवान नहीं है- शेक्सपियर।
ईमानदार होने का अर्थ है सब कुछ खुला है जीवन में कोई भय नहीं है किसी से कोई अपेक्षा नहीं है इसलिए ईमानदार व्यक्ति का चेहरा प्रसन्नता से जगमगाता रहता है- किशोर स्वामी।
ईमानदार आदमी ईश्वर की सर्वोत्तम रचना है-पोप।
ईमानदारी मनुष्य स्पष्ट भाषी होता है उसे अपनी बातों में नमक मिर्च लगाने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं होती है –प्रेमचंद।
यदि तुम्हारा ह्रदय मे ईमान भरा है तो एक शत्रु क्या सारा संसार आपके सम्मुख हथियार डाल देगा –स्वामी रामतीर्थ।
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दहेज प्रथा पर निबंध - Help Hindi Me
दहेज प्रथा पर निबंध | Essay on Dowry system
Dowry meaning in Hindi = दहेज
भारत एक ऐसा देश है जहां स्त्री को देवी का दर्जा दिया गया है। आज के समय में नारी किसी भी क्षेत्र में पुरुष से पीछे नहीं है। शिक्षा, खेलकूद, राजनीति, विज्ञान आदि सब जगह, आज की नारी पुरुष के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। लेकिन इसके साथ ही आज 21वीं सदी में भी कुछ ऐसी को प्रथाएं चलती आ रही है जो अभिशाप बन चुकी है।
इन प्रथाओं में सबसे जटिल और क्रूर प्रथा है दहेज की। आज भी ऐसे लोग हैं जिनकी निम्न मानसिकता और रूढ़िवादी सोच के कारण दहेज प्रथा बनी हुई है। कन्या भ्रूण हत्या का एक कारण दहेज प्रथा भी है। दहेज प्रथा के कारण बेटी के जन्म पर ही माता-पिता चिंतित हो उठते हैं। बेटी की शिक्षा से ज्यादा उसको दिए जाने वाले दहेज की चिंता में रहते हैं। दहेज प्रथा एक ऐसी सामाजिक समस्या है जिसे जड़ से निकाल कर फेंका जाना बहुत ही आवश्यक है।
दहेज प्रथा का अर्थ
दहेज प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही एक ऐसी प्रथा है जिसमें विवाह के समय कन्या के घर वालों से पैसे या सामान की डिमांड की जाती है। दहेज दुल्हन के पिता द्वारा दूल्हे को दिया जाता है। यह रकम कोई छोटी मोटी नहीं बल्कि लाखों-करोड़ों तक में होती है।
घर, गाड़ी, गहने, फर्नीचर पैसा आदि दहेज के नाम पर दूल्हे और उसके परिवार वालों को दिया जाता है। अक्सर शादी से पहले ही दूल्हे के पक्ष वाले दहेज का प्रस्ताव रखते हैं या फिर विवाह के बाद लड़की को जबरदस्ती अपने घरवालों से पैसा मांगने के लिए बोलते हैं, यदि वह ऐसा न करें तो उसे प्रताड़ित करते हैं।
प्राचीन काल से ही दहेज प्रथा चली आ रही है। रामायण और महाभारत के समय से ही कन्या के विवाह के बाद वर को धन और संपत्ति दी जाती थी। परंतु फर्क यह है कि उस समय लोग लोगों में दहेज का मोह नहीं हुआ करता था। वह केवल प्रेम और खुशी में आकर स्वयं अपनी बेटी को धन-संपत्ति दिया करते थे।
पर जैसे-जैसे समय बीतता गया दहेज प्रथा एक बहुत बड़ी समस्या बनती गई। जिस प्रकार प्राचीन समय में सती जैसी कुप्रथा थी, उसी प्रकार आज के समय में दहेज से बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है।
दहेज प्रथा के कारण
दहेज प्रथा का एक कारण अशिक्षा है। गांव व पिछड़े जगहों पर लोग उतने शिक्षित नहीं होते हैं और उनकी मानसिकता और ख्याल पुराने समय की ही है। वह दहेज लेना अपना अधिकार समझते हैं।
अशिक्षा तो हो गया एक कारण परंतु बहुत से शिक्षित लोग भी दहेज जैसी कुप्रथा को अपनाते हैं। बहुत से लोग हमारे समाज को पुरुष प्रधान समाज समझते हैं। इस प्रकार की दकियानूसी सोच उन्हें दहेज लेने के लिए थोड़ा भी संकोच नहीं होने देती।
इसके साथ ही यदि लड़की में कोई कमी हो शारीरिक या मानसिक रूप से, या फिर वह दिखने में कम सुंदर हो तो ऐसी चीजें लड़की वालों से दहेज मांगने के का आधार बन जाती है।
झूठी शान ओ शौकत भी दहेज का कारण बन गई है लोग समाज में अपनी शान बढ़ाने के लिए और ऊंची इज्जत बनाने के लिए विवाह में अपनी बेटियों को अधिक से अधिक दहेज देते हैं जिसके लिए भले उन्हें उधार लेकर ही दहेज देना ��ड़े।
दहेज प्रथा के दुष्परिणाम
एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2010 में भारत में कुल 8391 मौतें दहेज के कारण हुई थी।
दहेज प्रथा के दुष्परिणाम बहुत ही भयावह हैं। आज मां बाप बेटी के जन्म से ही उसकी दहेज जुटाने की चिंता करने लगते हैं।
गरीब लोग मां के जेवर आदि, अपनी जमीन या खेत बेचकर बेटी का विवाह संपन्न करते हैं। दहेज प्रथा के कारण वह कर्ज़ में भी डूब जाते हैं।
दहेज प्रथा का एक और दुष्प्रभाव है लड़की और लड़के में अंतर। दहेज प्रथा के कारण समाज में पुरुष को ज्यादा महत्व मिलता है।
यह समस्या यहीं पर नहीं रुकती अक्सर विवाह के बाद भी लड़की को अपने घर से पैसे या दहेज कम मिलने के लिए प्रताड़ित किया जाता है और अपने मायके वालों से और रकम मांगे ऐसा बोला जाता है, यदि वह ऐसा न करे तो उसके साथ घरेलू हिंसा की जाती है यहां तक कि उसे मौत के घाट तक उतार दिया जाता है।
दहेज प्रथा को रोकने के उपाय
दहेज प्रथा को रोकने का सबसे जरूरी उपाय जो है वह है शिक्षा जब लोग शिक्षित होंगे तो उनकी मानसिकता पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा उनकी सोच बदलेगी और दहेज प्रथा जैसी कुप्रथा की चपेट में नहीं आएंगे।
दहेज प्रथा के खिलाफ कड़े कानून बनना चाहिए और दहेज मांगने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
दहेज प्रथा को रोकने के लिए लड़की को भी आगे आना होगा किसी भी लड़की को ऐसे व्यक्ति या ऐसे घर में शादी करने से मना कर देना चाहिए जहां दहेज की मांग हो।
दहेज लेना और दहेज देना दोनों ही अपराध है। दहेज प्रथा को रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाने होगी इसके लिए जगह-जगह जागरूकता अभियान करना चाहिए और लोगों को इस कुप्रथा से को खत्म करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
दहेज निषेध अधिनियम, 1961 (Dowry prohibition act, 1961)
दहेज निषेध अधिनियम दहेज प्रथा को नियंत्रित करने और दहेज लेने और देने वालों को सज़ा देने के लिए बनाया गया है। इस अधिनियम के अनुसार दहेज लेने या देने या दहेज और इसका सहयोग करने वालों को 5 वर्ष की सजा और ₹15000 ��ुर्माने का प्रावधान है।
धारा 2– दहेज का अर्थ है कोई संपत्ति या बहुमूल्य प्रतिभूति देना या देने के लिए प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से विवाह के एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष को या फिर विवाह के किसी अन्य पक्ष के अभिभावक या दूसरे व्यक्ति द्वारा विवाह की किसी पक्ष को विवाह के समय पहले या बाद में देने या देने के लिए राजी होना।
धारा 3– दहेज लेने वालों या देने वालों को कम से कम 5 वर्ष की जेल की सजा और ₹15000 का जुर्माना देना होगा।
इसमें विवाह के समय मिलने वाले उपहार को शामिल नहीं किया जाएगा।
धारा 4- दहेज की मांग :
यदि किसी पक्ष के माता-पिता या रिश्तेदार दहेज की मांग करते हैं तो उन्हें 6 महीने से लेकर 2 वर्ष तक की जेल की सजा और उसके साथ ₹10000 का जुर्माना हो सकता है।
धारा 4ए- किसी भी व्यक्ति के द्वारा विवाह के लिए दिए गए प्रचार में धन या संपत्ति का प्रस्ताव भी दहेज में आएगा जिसके लिए कम से कम 6 महीने से लेकर 5 वर्ष तक की सजा और ₹15000 का जुर्माना हो सकता है।
धारा 6- यदि मिलने वाला कोई दहेज विवाहिता के अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा धारण किया जाए तो दहेज प्राप्त करने के 3 महीने के भीतर या फ़िर औरत के नाबालिक होने की स्थिति में उसके बालिग होने के 1 वर्ष के भीतर उसे अंतरित कर दिया जाएगा। यदि महिला की मृत्यु हो जाए और उसकी संतान ना हो तो उसके अभिभावक को दहेज अंतरण कर दिया जाएगा और यदि संतान है तो संतान को अंतरण कर दिया जाएगा।
धारा 8ए- यदि घटना के 1 वर्ष के अंदर शिकायत की जाए तो न्यायालय, पुलिस रिपोर्ट या क्षुब्ध द्वारा शिकायत किए जाने पर अपराध का संज्ञान ले सकेगा।
धारा 8बी- दहेज निषेध पदाधिकारी की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा होगी जो बनाए गए नियमों का अनुपालन कराने या दहेज की मांग के लिए उकसाने या लेने से रोकने या अपराध कारित करने से संबंधित साक्ष्य जुटाने का काम करेगा।
उपसंहार
अगर देखा जाए तो दहेज प्रथा एक सामाजिक कुरीति है जिसमे लड़की की शिक्षा को प्राथमिकता न देकर उसके द्वारा दहेज़ में मिले सामान को प्राथमिकता दी जाती है। अगर लोग इन पैसे रुपयों की जगह लड़की की पढ़ाई लिखाई और अच्छे संस्कार की मांग दहेज़ में करें तो लोग बेटियों के लिए दहेज़ नहीं उनकी अच्छी शिक्षा की उत्तम व्यवस्था करेंगे इससे न केवल दहेज़ जैसी कुरीति से मुक्ति मिलेगी बल्कि एक शिक्षित नारी का उदय भी होगा जो देश और समाज के लिए शुभ होगा।
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आयुष्मान भारत पर निबंध - Help Hindi Me
आयुष्मान भारत पर निबंध | Essay on Ayushman Bharat Yojana
आयुष्मान भारत योजना यानी ABY जिसे प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान या राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के रूप में भी जाना जाता है। यह योजना हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 23 सितंबर 2018 को बीजापुर, छत्तीसगढ़ से शुरु की गई थी।
यह योजना 445 जिलों में एक साथ शुरू की गई थी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के ओबामा केयर के तर्ज पर भारत में मोदी केयर के नाम से भी इस योजना को जाना जाता है।
यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी सेवाओं को प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। आयुष्मान भारत योजना विश्व की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य सेवा योजना है। इसके अंतर्गत 50 करोड़ से भी अधिक लाभार्थियों को शामिल किया गया है। इस योजना के तहत गरीब व बीपीएल धारक लोगों को 5 लाख का बीमा कवर प्रदान किया जाएगा। इस योजना मुख्य उद्देश्य भारत में मेडिकल क्षेत्र में तरक्की लाना है।
इसमें लगभग 40% गरीब लोगों को इस योजना का लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।इसके साथ ही लगभग हर वर्ष 50 करोड़ गरीब परिवारों को 5-5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाएगा।
आयुष्मान भारत योजना की विशेषताएं
1. आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों और बीपीएल व्यक्ति को हर वर्ष 5 लाख रुपयों का बीमा मिलेगा। वह किसी भी सरकारी अस्पताल या पैनल में शामिल प्राइवेट अस्पताल में इस 5 लाख का उपयोग अपने इलाज में कर सकते हैं। इसके साथ ही लाभार्थी को हर बार अस्पताल में भर्ती होने पर परिवहन भत्ते का भी भुगतान सरकार करेगी।
2. आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत व्यक्ति भारत में किसी भी सरकारी/निजी अस्पताल में इस योजना के तहत मिलने वाली सुविधा का लाभ उठा सकता है।
3. आयुष्मान भारत- नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन (Ayushman Bharat- National Health Protection Mission), जिन भी राज्यों में लागू होगा उस राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों को इस योजना के लिए पैनल में शामिल किया जाएगा।
4. इस योजना में नीति आयोग के साथ अंतर संचालन मजबूत करके आई टी प्लेटफार्म के द्वारा पेपरलेस और कैशलेस कार्य होगा जिससे इस योजना को सही लोगों तक पहुंचाया जा सके और उसका दुरुपयोग न हो।
5. इस योजना का लाभ उठाने के लिए घर में 16 से 59 वर्ष का कोई सदस्य नहीं होनी चाहिए। इस योजना में ऐसे परिवार शामिल किए गए हैं जिनके कच्ची दीवार के मकान हो व घर में कोई शारीरिक रूप से विकलांग सदस्य हो या फिर विभिन्न गरीब श्रेणियों के परिवार शामिल किए जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र में दी जाने वाली सेवाओं को भी शामिल किया गया है जैसे बाल स्वास्थ्य संक्रामक रोग, नवजात शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, मानसिक बीमारी के लिए इलाज, गर्भावस्था देखभाल आदि।
आयुष्मान भारत योजना के लाभ
आयुष्मान भारत योजना एक बहुत ही सराहनीय योजना है जिससे खासकर पैसों से कमजोर व्यक्तियों को अच्छा इलाज मिलेगा।
गांव और कस्बों में अच्छे अस्पतालों की कमी होने के कारण और शहरी अस्पताल बहुत अधिक महंगे होने के कारण गरीब लोग अच्छा इलाज नहीं प्राप्त कर पाते थे। इस योजना से जुड़े लोगों को 5 लाख का बीमा प्रदान किया जाएगा जिससे वह अच्छा इलाज करवा सकेंगे।
इसके साथ ही आयुष्मान भारत योजना के द्वारा हमारे देश के स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आएगा और अस्पताल और केंद्र की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत विशेष रूप से टीबी के मरीजों को प्रतिमा ₹500 की धनराशि प्रदान की जाएगी।
इस योजना के कारण रोजगार में भी बढ़ोतरी हुई है। क्ल��निक और अस्पताल खुलने के वजह से कर्मचारियों, डॉक्टर, नर्सो की मांग बढ़ गई है जिससे रोजगार भी बढ़ा है।
2022 तक भारत को रोग मुक्त बनाने का संकल्प
· भारत एक ऐसा देश है जहां अनेक प्रकार की बीमारियों होती है। परंतु अब इन बीमारियों से लड़ने के लिए हम हर तरह से सक्षम है। आयुष्मान भारत योजना के द्वारा हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2022 तक भारत को रोग मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। इस योजना के तहत गरीब से गरीब लोगों को, स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएगी। गांव-गांव तक अस्पताल व क्लिनिक खोले जाएंगे। इस योजना में भारत सरकार 40% बीपीएल धारकों को स्वास्थ्य बीमा कवर तैयार करा रही है।
आयुष्मान भारत योजना की पात्रता
•इस योजना की पात्रता एसईसीसी डाटा बेस (SECC Data base) के आधार पर तय की जाएगी।
•जिन ग्रामीण परिवारों को इस श्रेणी में शामिल किया जाएगा उनके पास कच्ची दीवार और कच्ची छत का एक कमरे का घर होना चाहिए।
•जिन परिवारों का चयन होगा उनमें से किसी भी व्यस्क व्यक्ति की उम्र 16 से 59 के बीच की नहीं होनी चाहिए।
•ऐसा परिवार जिसमें कोई दिव्यांग या मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति है और जहां घर की मुखिया महिला हो।
•ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे परिवार जिनके पास रहने के लिए घर नहीं है जो निराश्रित या बंधुआ मज़दूर या खैरात पर जीवन बिता रहे हैं।
•अनुसूचित जनजाति परिवार।
किन अस्पतालों को इस योजना में शामिल किया गया है?
•सभी सरकारी अस्पतालों को इस योजना के लिए पैनल में शामिल किया गया है।
•निजी अस्पताल मानक के अनुरूप ऑनलाइन तरीके से इस पैनल में शामिल जा रहे है।
•जो अस्पताल कर्मचारी राज्य बीमा निगम से जुड़े हुए हैं उनको भी बिस्तर दाखिला अनुपात मानक के आधार पर शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है।
आयुष्मान भारत योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
यदि आप आयुष्मान भारत योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो सबसे पहले प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत जन सेवा केंद्र में जाकर सभी जरूरी दस्तावेज की कॉपी को जमा करें।
इसके बाद यदि आप इस योजना के लिए पात्र होंगे तो जन सेवा केंद्र के एजेंट सभी दस्तावेजों को निरीक्षण करने के बाद पंजीकरण सुनिक्षित करके आपको सहायता प्रदान करेगा।
पंजीकरण के 10 से 15 दिन के पश्चात आपको जन सेवा केंद्र के द्वारा आयुष्मान भारत का गोल्डन कार्ड मिल जाएगा जिसके बाद आपका पंजीकरण पूरी तरह सफल हो जाएगा।
दस्तावेज की आवश्यकता
इस योजना का आवेदन करने के लिए जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है उनमें- व्यक्ति का आधार कार्ड, राशन कार्ड, एक फोटो, बर्थ सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, पेंशन फोटो कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, विकलांगता आईडी, जन्म प्रमाण पत्र, किसान प्रमाण पत्र, GaZ द्वारा जारी फोटो युक्त पहचान प्रमाण पत्र आदि।
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पर्यावरण के संरक्षण और उसे शुद्ध रखने और जागरूकता फैलाने के लिए हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा वर्ष 1972 में किया गया था। इस की शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्कॉटहोम में वर्ष 1972 में हुई थी जिसमें 119 देशों ने भाग लिया था।"
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