#Hemophiliatypes
Explore tagged Tumblr posts
chaitanyabharatnews · 5 years ago
Text
विश्व हीमोफीलिया दिवस 2020: 'शाही बीमारी' कहा जाने वाला हीमोफीलिया रोग क्या है? जानें इसके प्रकार और लक्षण
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज प्रत्येक वर्ष 17 अप्रैल को ‘विश्व हीमोफीलिया दिवस’ (World Hemophilia Day) मनाया जाता है। यह दिवस विश्व फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया (WFH) की देखरेख में मनाया जाता है। यह संगठन 17 अप्रैल को लोगों को हीमोफीलिया व दूसरी रक्त से जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरुक करता है। हीमोफीलिया को ब्रिटिश रॉयल डिजीज के नाम से भी जाना जाता है। 17 अप्रैल को मनाने का कारण विश्व फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया (WFH) के संस्थापक फ्रैंक कैनेबल का 17 अप्रैल को जन्मदिन होता है, इसलिए विश्व हीमोफीलिया दिवस इस दिन मनाया जाता है। फ्रैंक की 1987 में संक्रमित खून के कारण एड्स होने से मौत हो गई थी। इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 1989 से विश्व हीमोफीलिया दिवस ��नाने की शुरुआत की गई। हीमोफीलिया क्या है? हीमोफिलिया तब होता है जब किसी व्यक्ति के रक्त में क्लॉटिंग प्रोटीन की कमी के कारण सामान्य रूप से खून का बहाव नहीं होता है। इससे पीड़ित व्यक्ति में चोट के बाद सामान्य स्थिति से अधिक समय तक खून बहता रहता है। इस बीमारी से ग्रसित लोगों में रक्त का थक्का नहीं बनता है। इन मरीजों के रक्त में प्रोटीन की कमी होती है जिसे क्लौटिंग फैक्टर (clotting factor) भी कहते है। जब रक्तस्राव किसी जोड़ के अंदर होता है, तो यह स्थायी नुकसान हो सकता है जब मस्तिष्क के अंदर खून बहता है, तो यह दीर्घकालिक सिरदर्द का कारण हो सकता है। रक्तस्राव अधिक हो तो जानलेवा हो सकता है। हीमोफीलिया के बारे में ऐसे चला था पता 'शाही बीमारी' कहे जाने वाले रोग 'हीमोफीलिया' का पता सबसे पहले उस समय चला था, जब ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया के वंशज एक के बाद एक इस बीमारी की चपेट में आने लगे। इसलिए यह बीमारी शाही बीमारी भी कही जाने लगी। पुरुषों में ज्यादा पाई जाती है यह बीमारी यह बीमारी अधिकतर पुरुषों में पाई जाती है, जबकि महिलाएं इस बीमारी की वाहक होती हैं। 10 हजार में एक व्यक्ति को यह बीमारी होती है। हीमोफीलिया एक आनुवांशिक बीमारी है यानी यह बीमारी माता-पिता से बच्चे में भी हो सकती है। कितने प्रकार का होता है हीमोफीलिया हीमोफीलिया दो प्रकार का होता है। हीमोफीलिया 'ए' - सामान्य रूप से पाई जाने वाली बीमारी है। इसमें रक्त में थक्के बनने के लिए आवश्यक 'फैक्टर 8' की कमी हो जाती है। हीमोफ़ीलिया 'बी' - इसमें खून में 'फैक्टर 9' की कमी हो जाती है। ये भी पढ़े... राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस : सुरक्षित मातृत्‍व है विकास का आधार, गर्भवती महिलाओं के लिए जरुरी है अच्छा आहार, व्यवहार और विचार World Health Day : 7 अप्रैल को क्यों मनाया जाता है विश्व स्वास्थ्य दिवस? जानें इस दिन का इतिहास और उद्देश्य विश्व किडनी दिवस: जानें किडनी की बीमारियों के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय, सजग न हुए तो गुर्दा बना देगा मुर्दा Read the full article
0 notes
chaitanyabharatnews · 5 years ago
Text
विश्व हीमोफीलिया दिवस 2020: 'शाही बीमारी' कहा जाने वाला हीमोफीलिया रोग क्या है? जानें इसके प्रकार और लक्षण
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज प्रत्येक वर्ष 17 अप्रैल को ‘विश्व हीमोफीलिया दिवस’ (World Hemophilia Day) मनाया जाता है। यह दिवस विश्व फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया (WFH) की देखरेख में मनाया जाता है। यह संगठन 17 अप्रैल को लोगों को हीमोफीलिया व दूसरी रक्त से जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरुक करता है। हीमोफीलिया को ब्रिटिश रॉयल डिजीज के नाम से भी जाना जाता है। 17 अप्रैल को मनाने का कारण विश्व फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया (WFH) के संस्थापक फ्रैंक कैनेबल का 17 अप्रैल को जन्मदिन होता है, इसलिए विश्व हीमोफीलिया दिवस इस दिन मनाया जाता है। फ्रैंक की 1987 में संक्रमित खून के कारण एड्स होने से मौत हो गई थी। इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 1989 से विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाने की शुरुआत की गई। हीमोफीलिया क्या है? हीमोफिलिया तब होता है जब किसी व्यक्ति के रक्त में क्लॉटिंग प्रोटीन की कमी के कारण सामान्य रूप से खून का बहाव नहीं होता है। इससे पीड़ित व्यक्ति में चोट के बाद सामान्य स्थिति से अधिक समय तक खून बहता रहता है। इस बीमारी से ग्रसित लोगों में रक्त का थक्का नहीं बनता है। इन मरीजों के रक्त में प्रोटीन की कमी होती है जिसे क्लौटिंग फैक्टर (clotting factor) भी कहते है। जब रक्तस्राव किसी जोड़ के अंदर होता है, तो यह स्थायी नुकसान हो सकता है जब मस्तिष्क के अंदर खून बहता है, तो यह दीर्घकालिक सिरदर्द का कारण हो सकता है। रक्तस्राव अधिक हो तो जानलेवा हो सकता है। हीमोफीलिया के बारे में ऐसे चला था पता 'शाही बीमारी' कहे जाने वाले रोग 'हीमोफीलिया' का पता सबसे पहले उस समय चला था, जब ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया के वंशज एक के बाद एक इस बीमारी की चपेट में आने लगे। इसलिए यह बीमारी शाही बीमारी भी कही जाने लगी। पुरुषों में ज्यादा पाई जाती है यह बीमारी यह बीमारी अधिकतर पुरुषों में पाई जाती है, जबकि महिलाएं इस बीमारी की वाहक होती हैं। 10 हजार में एक व्यक्ति को यह बीमारी होती है। हीमोफीलिया एक आनुवांशिक बीमारी है यानी यह बीमारी माता-पिता से बच्चे में भी हो सकती है। कितने प्रकार का होता है हीमोफीलिया हीमोफीलिया दो प्रकार का होता है। हीमोफीलिया 'ए' - सामान्य रूप से पाई जाने वाली बीमारी है। इसमें रक्त में थक्के बनने के लिए आवश्यक 'फैक्टर 8' की कमी हो जाती है। हीमोफ़ीलिया 'बी' - इसमें खून में 'फैक्टर 9' की कमी हो जाती है। ये भी पढ़े... राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस : सुरक्षित मातृत्‍व है विकास का आधार, गर्भवती महिलाओं के लिए जरुरी है अच्छा आहार, व्यवहार और विचार World Health Day : 7 अप्रैल को क्यों मनाया जाता है विश्व स्वास्थ्य दिवस? जानें इस दिन का इतिहास और उद्देश्य विश्व किडनी दिवस: जानें किडनी की बीमारियों के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय, सजग न हुए तो गुर्दा बना देगा मुर्दा Read the full article
0 notes