#Champawat News in Hindi
Explore tagged Tumblr posts
news-trust-india · 5 months ago
Text
Champawat Samachar : चंपावत को प्रगतिशील युवा कास्तकार भी कर रहे हैं साकार-सीएम
देहरादून : Champawat Samachar  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह ने कहा कि चंपावत में कोका-कोला इंडिया और इंडो डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (आईडीएचटी) प्रोजेक्ट उन्नति एप्पल को सफल बनाने में महत्वपूर्ण साझेदारी निभा रहे हैं। गोरलचोड़ निकट ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड सदन नई दिल्ली से वर्चुवल रूप से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा की…
0 notes
newsyaari · 4 years ago
Text
India-nepal Border Tension: Nepal Did Not Change Direction Of Cctv - भारत-नेपाल सीमा तनाव : नेपाल ने नहीं बदली सीसीटीवी की दिशा, फिर अलर्ट मोड में सुरक्षा एजेंसी
India-nepal Border Tension: Nepal Did Not Change Direction Of Cctv – भारत-नेपाल सीमा तनाव : नेपाल ने नहीं बदली सीसीटीवी की दिशा, फिर अलर्ट मोड में सुरक्षा एजेंसी
[ad_1]
न्यूज़ डेस्क, अ��र उजाला, चंपावत Updated Wed, 12 Aug 2020 12:38 AM IST
Tumblr media
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹249 + Free Coupon worth ₹200
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
भारत-नेपाल सीमा में टनकपुर से लगे नो मैंसलैंड क्षेत्र में नेपाल की ओर से हुए अतिक्रमण के मामले में तनातनी भले ही कम हो गई है, लेकिन सीमा पर लगे सीसीटीवी कैमरे के डायरेक्शन को एक…
View On WordPress
0 notes
authenticnewshindi · 4 years ago
Text
राममंदिर भूमि पूजन: आतंकी हमले को लेकर अलर्ट, नेपाल बॉर्डर पर कैंप करने पहुंचे यूपी के डीआईजी
राममंदिर भूमि पूजन: आतंकी हमले को लेकर अलर्ट, नेपाल बॉर्डर पर कैंप करने पहुंचे यूपी के डीआईजी
[ad_1]
न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, बरेल���/खटीमा Updated Mon, 03 Aug 2020 01:41 PM IST
Tumblr media
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹249 + Free Coupon worth ₹200
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
अयोध्या में श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के दौरान संभावित आतंकी हमले को लेकर जारी अलर्ट के लिए पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। वर्तमान में नेपाल से जारी विवाद के बीच इस रास्ते से…
View On WordPress
0 notes
khabaruttarakhandki · 5 years ago
Text
गलवां घाटी विवाद: चीन से जंग के अनुभव का लाभ देने को तैयार हैं 1962 की जंग लड़ने वाले रिटायर्ड कैप्टन प्रहलाद
चंद्रशेखर जोशी, अमर उजाला, चंपावत Updated Sat, 20 Jun 2020 02:00 AM IST
कैप्टन प्रहलाद सिंह देऊ (रिटायर) – फोटो : फाइल फोटो
Tumblr media
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर Free में कहीं भी, कभी भी।
70 वर्षों से करोड़ों पाठकों की पसंद
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
गलवां घाटी में चीन की हिमाकत से शहीद हुए भारतीय सैनिकों की शहादत ने कैप्टन प्रहलाद सिंह देऊ (रिटायर) के भीतर के फौजी को फिर जगा दिया है। जंग के मैदान में 58 साल पुरानी स्मृति उनकी जेहन में ताजा हो उठी है।
साथ ही चीन की धोखा देने की पुरानी प्रवृत्ति भी उन्हें याद आई है। 1962 के जंग में बहादुरी से मोर्चा लेने वाले देऊ उम्र के चौथे पड़ाव के बावजूद युद्ध में दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। अलबत्ता, कहते हैं कि अधिक उम्र की वजह से सरकार उन्हें सीमा पर ��ाने की इजाजत नहीं देगी ��ेकिन उनमें अब भी इतनी सामर्थ्य है कि वे अपने जवानों को अपने अनुभव का लाभ दे सकते हैं। 
यह भी पढ़ें: चीन और नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट, 24 घंटे पल-पल की गतिविधियों पर नजर रख रहे भारतीय जवान
वह कहते हैं कि हिंदी-चीनी भाई-भाई के नारे को दरकिनार कर हमलाकर पीठ पर छुरा घोंपने वाले चीन ने भारत पर जबरन युद्ध थोपा था। 20 अक्तूबर 1962 से 21 नवंबर 1962 तक चली जंग में हमने बहादुरी का परिचय दिया। कैप्टन प्रहलाद सिंह देऊ बताते हैं कि उन्होंने सितंबर 1962 में ही रानीखेत में ट्रेनिंग पूरी की थी। तभी युद्ध के बीच में 6 कुमाऊं के जवानों को अरुणाचल प्रदेश बुला लिया गया। सीमांत क्षेत्र वलांग में उनकी बटालियन ने मोर्चा संभाला।
कहते हैं कि तब भारत की आजादी को 15 साल ही हुए थे। हम उनकी एसएलआर (सेल्फ लोडेड रायफल) का मुकाबला थ्री-नॉट-थ्री बंदूक से कर रहे थे। हमने जमकर जवाब दिया। चीन की सैन्य टुकड़ी की तादाद ज्यादा थी। हमारे लिए अरुणाचल में जंग का यह मैदान नया था, मगर फिर भी हमारे साथी जवानों ने बहादुरी से लोहा लिया।
हमारे सैनिक लड़ते रहे और मरते रहे। 118 साथी जवानों ने शहादत दी थी और 351 जवानों को चीन ने बंदी बना लिया था, जिन्हें कुछ महीने बाद रिहा कर दिया गया। कैप्टन देऊ बताते हैं कि युद्ध के तुरंत बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने सैनिकों के साथ खाना खाया और उनका हौसला बढ़ाया। 
चीन के अलावा 1965 और 1971 के पाक युद्ध में भी हिस्सा ले चुके 79 साल के कैप्टन देऊ कहते हैं कि यह भारत 1962 का नहीं, 2020 का है। तब हम नए-नए आजाद हुए थे। हमारी सैन्य, आर्थिक व तकनीकी क्षमता काफी कम थी। पर अब हम परमाणु संपन्न होने के साथ ही सैन्य व आर्थिक रूप से अधिक ताकतवर हैं। वे कहते हैं कि धोखेबाज चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। उसका इतिहास और जमीन हड़पने की उसकी नीति इस बात की इजाजत नहीं देती है कि उस पर विश्वास करें।
सार
79 साल के कैप्टन देऊ बोले-भारत की जमीं पर नजर रखने वाला चीन कभी भी भरोसेमंद नहीं रहा
चीन से ��ंग के अनुभव का लाभ देने को तैयार हैं 79 साल के कैप्टन देऊ
फौज में ट्रेनिंग लेने के एक माह के भीतर लड़ी थी 1962 की जंग 
तब चीन की एसएलआर का मुकाबला किया था थ्री-नॉट-थ्री बंदूक से
विस्तार
गलवां घाटी में चीन की हिमाकत से शहीद हुए भारतीय सैनिकों की शहादत ने कैप्टन प्रहलाद सिंह देऊ (रिटायर) के भीतर के फौजी को फिर जगा दिया है। जंग के मैदान में 58 साल पुरानी स्मृति उनकी जेहन में ताजा हो उठी है।
साथ ही चीन की धोखा देने की पुरानी प्रवृत्ति भी उन्हें याद आई है। 1962 के जंग में बहादुरी से मोर्चा लेने वाले देऊ उम्र के चौथे पड़ाव के बावजूद युद्ध में दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। अलबत्ता, कहते हैं कि अधिक उम्र की वजह से सरकार उन्हें सीमा पर जाने की इजाजत नहीं देगी लेकिन उनमें अब भी इतनी सामर्थ्य है कि वे अपने जवानों को अपने अनुभव का लाभ दे सकते हैं।  यह भी पढ़ें: चीन और नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट, 24 घंटे पल-पल की गतिविधियों पर नजर रख रहे भारतीय जवान
वह कहते हैं कि हिंदी-चीनी भाई-भाई के नारे को दरकिनार कर हमलाकर पीठ पर छुरा घोंपने वाले चीन ने भारत पर जबरन युद्ध थोपा था। 20 अक्तूबर 1962 से 21 नवंबर 1962 तक चली जंग में हमने बहादुरी का परिचय दिया। कैप्टन प्रहलाद सिंह देऊ बताते हैं कि उन्होंने सितंबर 1962 में ही रानीखेत में ट्रेनिंग पूरी की थी। तभी युद्ध के बीच में 6 कुमाऊं के जवानों को अरुणाचल प्रदेश बुला लिया गया। सीमांत क्षेत्र वलांग में उनकी बटालियन ने मोर्चा संभाला।
कहते हैं कि तब भारत की आजादी को 15 साल ही हुए थे। हम उनकी एसएलआर (सेल्फ लोडेड रायफल) का मुकाबला थ्री-नॉट-थ्री बंदूक से कर रहे थे। हमने जमकर जवाब दिया। चीन की सैन्य टुकड़ी की तादाद ज्यादा थी। हमारे लिए अरुणाचल में जंग का यह मैदान नया था, मगर फिर भी हमारे साथी जवानों ने बहादुरी से लोहा लिया।
हमारे सैनिक लड़ते रहे और मरते रहे। 118 साथी जवानों ने शहादत दी थी और 351 जवानों को चीन ने बंदी बना लिया था, जिन्हें कुछ महीने बाद रिहा कर दिया गया। कैप्टन देऊ बताते हैं कि युद्ध के तुरंत बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने सैनिकों के साथ खाना खाया और उनका हौसला बढ़ाया। 
चीन के अलावा 1965 और 1971 के पाक युद्ध में भी हिस्सा ले चुके 79 साल के कैप्टन देऊ कहते हैं कि यह भारत 1962 का नहीं, 2020 का है। तब हम नए-नए आजाद हुए थे। हमारी सैन्य, आर्थिक व तकनीकी क्षमता काफी कम थी। पर अब हम परमाणु संपन्न होने के साथ ही सैन्य व आर्थिक रूप से अधिक ताकतवर हैं। वे कहते हैं कि धोखेबाज चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। उसका इतिहास और जमीन हड़पने की उसकी नीति इस बात की इजाजत नहीं देती है कि उस पर विश्वास करें।
Source link
from WordPress https://hindi.khabaruttarakhandki.in/%e0%a4%97%e0%a4%b2%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%82-%e0%a4%98%e0%a4%be%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%82/
0 notes
rnewsworld · 5 years ago
Text
उत्तराखंड: पाक मूल की यूएस नागरिक फरीदा की सजा माफ कराने में जुटा अमेरिकी दूतावास, सीएम को लिखा पत्र
उत्तराखंड: पाक मूल की यूएस नागरिक फरीदा की सजा माफ कराने में जुटा अमेरिकी दूतावास, सीएम को लिखा पत्र
Tumblr media
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंपावत Updated Fri, 24 Apr 2020 06:06 PM IST
पकड़ी गई महिला फरीदा मलिक – फोटो : फाइल फोटो
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
उत्तराखंड के चंपावत में पासपोर्ट और वीजा के बगैर नेपाल से बनबसा के रास्ते भारत आने की दोषी पाकिस्तान मूल की अमेरिकी नागरिक फरीदा मलिक की सजा माफ करने को लेकर अमेरिका की एंबेसी (दूतावास) सक्रिय हो गई है। यूएसए के राजदूत केनेथ आई जस्टर ने फरीदा की…
View On WordPress
0 notes
rudrjobdesk · 3 years ago
Text
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए भाजपा के यह विधायक छोड़ेंगे सीट, चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी का नाम करीब-करीब फाइनल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए भाजपा के यह विधायक छोड़ेंगे सीट, चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी का नाम करीब-करीब फाइनल
विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा की जीत हुई है लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। सूत्रों की मानें तो चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी सीएम धामी के लिए सीट छोड़ेंगे। Source link
View On WordPress
0 notes
journalistcafe · 3 years ago
Text
यूपी में अब ऑनलाइन कम दाम पर मिलेगा गिट्टी, मौरंग व बालू, पोर्टल लांच
यूपी में अब ऑनलाइन कम दाम पर मिलेगा गिट्टी, मौरंग व बालू, पोर्टल लांच
उत्तर प्रदेश में गिट्टी मौरंग व बालू अब वाजीब दाम पर उपलब्ध होगी। शासन ने उपखनिज गिट्टी, मौरंग व बालू को यूपी मिनरल मार्ट पोर्टल से सीधे खरीदारी की सुविधा राज्य के लोगों को दी है। इससे इनके दामों में सरकार कमी लाने के प्रयास में है। खनन विभाग की वेबसाइट पर उप खनिजों का जिलेवार विवरण मुहैया करा दिया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से निर्माण एजेंसिय���ं के साथ आम आदमी भी अपने जरुरत के हिसाब से उपखनिजों…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
sarkarinukrionline · 3 years ago
Text
ऐलान : उत्तराखंड में 24000 रिक्त पदों को भरने का काम शुरू- CM पुष्कर सिंह धामी
ऐलान : उत्तराखंड में 24000 रिक्त पदों को भरने का काम शुरू- CM पुष्कर सिंह धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश में सरकारी विभागों में रिक्त पड़े 24,000 पदों को भरने का काम शुरू कर दिया है।चंपावत दौरे में एक कार्यक्रम के… Source link
View On WordPress
0 notes
news-trust-india · 2 years ago
Text
CM dhami in Champawat: टनकपुर में रोजगार मेले के साथ सीएम ने किया 8417.93 योजनाओं का लोकार्पण
CM dhami in Champawat: टनकपुर में रोजगार मेले के साथ सीएम ने किया 8417.93 योजनाओं का लोकार्पण
चंपावत: CM dhami in Champawat  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने एक दिवसीय भ्रमण पर शनिवार को चंपावत पहुंचे। जहां उन्होंने पहले टनकपुर में एपीजे अब्दुल कलाम इंजीनियरिंग कालेज में आयोजित रोजगार मेले का शुभारंभ किया। इसके बाद विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। फिर कालेज में ही कंप्यूटर लैब का उद्घाटन किया। Target Killing In Shopian: शोपियां में आतंकियों ने हिंदू को बनाया निशाना टनकपुर…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
uttarakhandjan · 3 years ago
Text
चम्पावत उपचुनाव मतगणना जारी, सीएम धामी बंपर वोटों से आगे
चम्पावत उपचुनाव मतगणना जारी, सीएम धामी बंपर वोटों से आगे
चम्पावत उपचुनाव मतगणना जारी, सीएम धामी बंपर वोटों से आगे – Bharatjan Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar Champawat By Election Result: चंपावत विधानसभा सीट के उपचुनाव की मतगणना जारी है. उपचुनाव के लिए 31 मई को वोट डाले गए थे. भाजपा प्रत्याशी सीएम पुष्कर सिंह धामी के अलावा कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी, सपा समर्थित मनोज कुमार भट्ट और निर्दलीय हिमांशु गड़कोटी यहाँ मैदान…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
khabaruttarakhandki · 4 years ago
Text
उत्तराखंड : एक साल में एक करोड़ से अधिक की करेंसी खपाई, पकड़ में आए तो किए कई खुलासे
पुल��स ने पकड़े नकली नोट – फोटो : अमर उजाला
Tumblr media
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹249 + Free Coupon worth ₹200
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
चंपावत जिले के टनकपुर में नकली करेंसी के साथ पकड़े गए आरोपी बीते एक साल से नकली करेंसी बनाने और उसे आसपास के इलाकों में खपाने का कार्य कर रहे थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि एक साल के दौरान अभियुक्तों ने एक करोड़ से अधिक के नकली नोट स्थानीय बाजारों में खपा दिए होंगे। 
यह भी पढ़ें… उत्तराखंड: चंपावत में चार लाख की नकली करेंसी के साथ तीन युवक गिरफ्तार
नकली नोट प्रिंट करने का कार्य ऊधमसिंह नगर जिले के नानकमत्ता कस्बे में स्थित जन सुविधा केंद्र (सीएससी) में लैपटाप और स्कैनर के जरिए किया जा रहा था। अभियुक्त नकली 200 और 500 रुपये के नोटों को आधे दामों में देते थे, जिस कारण अधिकतर लोग इनके झांसे में आकर नकली नोट बाजार में खपाने में सहयोग देते थे।
आरोपियों की ओर से तैयार 100 और 200 रुपये के नोट हूबहू असली नोटों की तरह लगने से आसानी से बाजार में खपाए जा रहे थे। 500 रुपये के नोट की पेपर की क्वालिटी खराब होने के कारण ये लोग शक के दायरे में आ गए थे। पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह के अनुसार मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर बीते कुछ समय से पुलिस आरोपियों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी।
नकली करेंसी के साथ पकड़े गए तीनों आरोपियों का अभी तक कोई भी आपराधिक इतिहास नहीं रहा है। पुलिस अधीक्षक के अनुसार स्कैनर के जरिए नोट छापने वाला आरोपी हरदेव सिंह इंटर पास है। हरदेव सिंह के अलावा बृजकिशोर और रियाज का अब तक कोई भी आपराधिक इतिहास नहीं मिला है। अलबत्ता पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी हुई है।
पुलिस के रडार में कई और लोग भी शामिल
नकली करेंसी बाजार में खपाने के मामले में टनकपुर-बनबसा क्षेत्र में कई अन्य लोग भी पुलिस की रडार में है। पुलिस अधीक्षक के अनुसार जल्द ही नकली करेंसी चलाने के मामले में लिप्त अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया जाएगा। 
पुलिस टीम में ये लोग रहे शामिल
नकली करेंसी के साथ तीन आरोपियों को पकड़ने वाली पुलिस टीम में टनकपुर के प्रभारी निरीक्षक धीरेंद्र कुमार, उप निरीक्षक योगेश दत्त, एसओजी प्रभारी वीरेंद्र रमौला, कांस्ट��बल मतलूब खान, राकेश रौंकली, मनोज बैरी, धर्मवीर सिंह, दीपक प्रसाद, शाकिर अली, सद्दाम हुसैन, भुवन पांडेय आदि शामिल रहे।
नकली करेंसी के मामले में पकड़े गए आरोपी बृजकिशोर के पास दो सौ रुपये की 11 गड्डी, सौ रुपये की दो गड्डी, अभियुक्त रियाज के पास सौ रुपये की छह गड्डी और हरदेव सिंह के पास दो सौ रुपये की चार, सौ रुपये की एक और मिक्स नोट की गड्डी के अलावा पांच सौ रुपये के 40 नोट वन साइड प्रिंट बरामद किए गए।
आसान नहीं है असली, नकली नोटों की पहचान करना
बाजार में आने वाले नोट असली और नकली होने की पहचान कर पाना आम लोगों के लिए बेहद कठिन है। भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य शाखा प्रबंधक प्रमोद अरोड़ा के अनुसार बैंक के दक्ष स्टाफ और स्कैनर की मदद से ही नकली नोटों की पहचान की जा सकती है।
आरसेटी के पूर्व निदेशक जर्नादन चिलकोटी का कहना है कि नोट में महात्मा गांधी के वाटर मार्क्स के साथ नोट को हल्की रोशनी में टेढ़ा कर तथा नोट में अंकित अंकों के आधार पर नकली नोट की पहचान की जा सकती है।
2000 और 500 के नोट पर करीब 15-15 ऐसे निशान हैं जिनकी पहचान करने से नोट की असलियत सबके सामने आ सकती है। इसमें सबसे बड़ी पहचान ओमरोन एंटी है जो महात्मा गांधी के फोटो के ठीक ऊपर सफेद रंग के गोलों के रुप में हैं।
अगर कोई नोट की फोटोकॉपी करता है तो इन निशान के जरिए उसे पकड़ा जा सकता है। छोटे-छोटे अक्षरों में आरबीआई और 2000 लिखा है। नोट को हल्का से मोड़ने पर इस थ्रीड का कलर हरा से नीला हो जाता है।ऊपर में सबसे बाईं तरफ  और नीचे में सबसे दाहिने तरफ  लिखे नंबर बाएं से दाएं तरफ  बड़े होते जाते हैं।
नोट के पिछले भाग पर वर्ष, स्वच्छ भारत का लोगो, भाषा पैनल, मूल्यवर्ग अंक देवनागरी में और ओमरोन एंटी निशान भी दे रखे हैं। इन सभी के मिलान से नोट की असलियत का पता लगाया जा सकता है। 500 के नोट में देवनागरी में 500 लिखा दिखेगा। पुराने नोट की तुलना में महात्मा गांधी की तस्वीर का ओरिएंटेशन और पोजिशन थोड़ा अलग है। पुराने नोट की तुलना में गारंटी क्लॉज, गवर्नर के सिग्नेचर, प्रॉमिस क्लॉज और आरबीआई का लोगो दाहिनी ओर शिफ्ट हो गया है।
सीथ्रू रजिस्टर आरपार मिलान मुद्रण
मूल्यवर्ग अंक की छिपी हुई प्रतिमा
महात्मा गांधी के चित्र में जगह का बदलाव
रंग परिवर्तक सुरक्षा धागा
छोटे से बढ़ते आकार के ��ंक
रुपये का चिन्ह रंग परिवर्तक स्याही के साथ
अशोक स्तंभ
वाटर मार्क
भारत सरकार की गारंटी
गर्वनर के हस्ताक्षर सहित वचन खंड
मूल्यवर्ग अंक देवनागरी में
सार
एक साल से नकली करेंसी बनाने का काम कर रहे थे अभियुक्त
सीएससी सेंटर में लैपटाप, स्कैनर से बनाए जाते थे नकली नोट
आधे दाम में दिए जाते थे 200 और 500 रुपये के नकली नोट
विस्तार
चंपावत जिले के टनकपुर में नकली करेंसी के साथ पकड़े गए आरोपी बीते एक साल से नकली करेंसी बनाने और उसे आसपास के इलाकों में खपाने का कार्य कर रहे थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि एक साल के दौरान अभियुक्तों ने एक करोड़ से अधिक के नकली नोट स्थानीय बाजारों में खपा दिए होंगे। 
यह भी पढ़ें… उत्तराखंड: चंपावत में चार लाख की नकली करेंसी के साथ तीन युवक गिरफ्तार नकली नोट प्रिंट करने का कार्य ऊधमसिंह नगर जिले के नानकमत्ता कस्बे में स्थित जन सुविधा केंद्र (सीएससी) में लैपटाप और स्कैनर के जरिए किया जा रहा था। अभियुक्त नकली 200 और 500 रुपये के नोटों को आधे दामों में देते थे, जिस कारण अधिकतर लोग इनके झांसे में आकर नकली नोट बाजार में खपाने में सहयोग देते थे।
आरोपियों की ओर से तैयार 100 और 200 रुपये के नोट हूबहू असली नोटों की तरह लगने से आसानी से बाजार में खपाए जा रहे थे। 500 रुपये के नोट की पेपर की क्वालिटी खराब होने के कारण ये लोग शक के दायरे में आ गए थे। पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह के अनुसार मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर बीते कुछ समय से पुलिस आरोपियों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी।
आरोपियों का आपराधिक इतिहास नहीं 
नकली करेंसी के साथ पकड़े गए तीनों आरोपियों का अभी तक कोई भी आपराधिक इतिहास नहीं रहा है। पुलिस अधीक्षक के अनुसार स्कैनर के जरिए नोट छापने वाला आरोपी हरदेव सिंह इंटर पास है। हरदेव सिंह के अलावा बृजकिशोर और रियाज का अब तक कोई भी आपराधिक इतिहास नहीं मिला है। अलबत्ता पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी हुई है।
पुलिस के रडार में कई और लोग भी शामिल
नकली करेंसी बाजार में खपाने के मामले में टनकपुर-बनबसा क्षेत्र में कई अन्य लोग भी पुलिस की रडार में है। पुलिस अधीक्षक के अनुसार जल्द ही नकली करेंसी चलाने के मामले में लिप्त अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया जाएगा। 
पुलिस टीम में ये लोग रहे शामिल
नकली करेंसी के साथ तीन आरोपियों को पकड़ने वाली पुलिस टीम में टनकपुर के प्रभारी निरीक्षक धीरेंद्र कुमार, उप निरीक्षक योगेश दत्त, एसओजी प्रभारी वीरेंद्र रमौला, कांस्टेबल मतलूब खान, राकेश रौंकली, मनोज बैरी, धर्मवीर सिंह, दीपक प्रसाद, शाकिर अली, सद्दाम हुसैन, भुवन पांडेय आदि शामिल रहे।
अभियुक्तों से बरामद हुई नकली करेंसी का विवरण
नकली करेंसी के मामले में पकड़े गए आरोपी बृजकिशोर के पास दो सौ रुपये की 11 गड्डी, सौ रुपये की दो गड्डी, अभियुक्त रियाज के पास सौ रुपये की छह गड्डी और हरदेव सिंह के पास दो सौ रुपये की चार, सौ रुपये की एक और मिक्स नोट की गड्डी के अलावा पांच सौ रुपये के 40 नोट वन साइड प्रिंट बरामद किए गए।
आसान नहीं है असली, नकली नोटों की पहचान करना
बाजार में आने वाले नोट असली और नकली होने की पहचान कर पाना आम लोगों के लिए बेहद कठिन है। भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य शाखा प्रबंधक प्रमोद अरोड़ा के अनुसार बैंक के दक्ष स्टाफ और स्कैनर की मदद से ही नकली नोटों की पहचान की जा सकती है।
आरसेटी के पूर्व निदेशक जर्नादन चिलकोटी का कहना है कि नोट में महात्मा गांधी के वाटर मार्क्स के साथ नोट को हल्की रोशनी में टेढ़ा कर तथा नोट में अंकित अंकों के आधार पर नकली नोट की पहचान की जा सकती है।
2000 के नोट की पहचान
2000 और 500 के नोट पर करीब 15-15 ऐसे निशान हैं जिनकी पहचान करने से नोट की असलियत सबके सामने आ सकती है। इसमें सबसे बड़ी पहचान ओमरोन एंटी है जो महात्मा गांधी के फोटो के ठीक ऊपर सफेद रंग के गोलों के रुप में हैं।
अगर कोई नोट की फोटोकॉपी करता है तो इन निशान के जरिए उसे पकड़ा जा सकता है। छोटे-छोटे अक्षरों में आरबीआई और 2000 लिखा है। नोट को हल्का से मोड़ने पर इस थ्रीड का कलर हरा से नीला हो जाता है।ऊपर में सबसे बाईं तरफ  और नीचे में सबसे दाहिने तरफ  लिखे नंबर बाएं से दाएं तरफ  बड़े होते जाते हैं।
नोट के पिछले भाग पर वर्ष, स्वच्छ भारत का लोगो, भाषा पैनल, मूल्यवर्ग अंक देवनागरी में और ओमरोन एंटी निशान भी दे रखे हैं। इन सभी के मिलान से नोट की असलियत का पता लगाया जा सकता है। 500 के नोट में देवनागरी में 500 लिखा दिखेगा। पुराने नोट की तुलना में महात्मा गांधी की तस्वीर का ओरिएंटेशन और पोजिशन थोड़ा अलग है। पुराने नोट की तुलना में गारंटी क्लॉज, गवर्नर के सिग्नेचर, प्रॉमिस क्लॉज और आरबीआई का लोगो दाहिनी ओर शिफ्ट हो गया है।
लोगों की पहचान के लिए दे रखे हैं चिन्ह…
सीथ्रू रजिस्टर आरपार मिलान मुद्रण
मूल्यवर्ग अंक की छिपी हुई प्रतिमा
महात्मा गांधी के चित्र में जगह का बदलाव
रंग परिवर्तक सुरक्षा धागा
छोटे से बढ़ते आकार के अंक
रुपये का चिन्ह रंग परिवर्तक स्याही के साथ
अशोक स्तंभ
वाटर मार्क
भारत सरकार की गारंटी
गर्वनर के हस्ताक्षर सहित वचन खंड
मूल्यवर्ग अंक देवनागरी में
आगे पढ़ें
आरोपियों का आपराधिक इतिहास नहीं 
Source link
from WordPress https://hindi.khabaruttarakhandki.in/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%96%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%8f%e0%a4%95-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%8f%e0%a4%95/
0 notes
iloudlyclearbouquetworld · 4 years ago
Photo
Tumblr media
Nepal installs CCTV cameras at No Man’s Land in Banbasa of Champawat district in Uttarakhand | उत्तराखंड के चंपावत जिले के नोमैन्स लैंड में सीसीटीए कैमरे लगाए, डीएम ने एंगल बदलने के लिए कहा Hindi News National Nepal Installs CCTV Cameras At No Man's Land In Banbasa Of Champawat District In Uttarakhand…
0 notes
vilaspatelvlogs · 4 years ago
Photo
Tumblr media
Nepal installs CCTV cameras at No Man’s Land in Banbasa of Champawat district in Uttarakhand | उत्तराखंड के चंपावत जिले के नोमैन्स लैंड में सीसीटीए कैमरे लगाए, डीएम ने एंगल बदलने के लिए कहा Hindi News National Nepal Installs CCTV Cameras At No Man's Land In Banbasa Of Champawat District In Uttarakhand…
0 notes
lokjantoday · 5 years ago
Text
चंपावत: छुट्टी पर घर आया था जवान लेकिन एक सड़क हादसे ने ले ली उसकी जान…
Lokjan Today(चंपावत): सेना का जवान छुट्टी में कुछ पल अपने घर वालों के साथ बिताने आया था ,लेकिन उसको क्या पता था कि फिर कभी वो अपनी ड्यूटी करने नही जा पाएगा।दरअसल छुट्टी पर घर आए सेना के जवान मोहन चंद की सड़क हादसे में मौत हो गई। जवान मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। सैनिक का सैन्य सम्म���न के साथ अंतिम संस्कार किया गया। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
चंपावत निवासी मोहन चंद 23 सिख रेजीमेंट में लांसनायक के पद पर तैनात थे। वह कुछ दिन पहले ही छुट्टी पर घर आए थे। मंगलवार को वह बनबसा से सैलानीगोठ लौट रहे थे कि तभी इस दौरान एक तेज रफ्तार वाहन सवार ने जवान की बाइक को टक्कर मार दी। सैनिक मोहन चंद सड़क पर गिरे और गंभीर रुप से घायल हो गए। वहां मौजूद लोग जवान को तुरंत अस्पताल ले गए जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
मिली जानकारी के अनुसार बनबसा में सैलानीगोठ स्थित शारदा घाट पर सैनिक को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान सभी भी आंखें नम थी। जवान के चाचा और चचेरे भाई ने उन्हें मुखाग्नि दी।छावनी स्थित 23 सिख रेजीमेंट के जवानों ने मृतक को अंतिम सलामी दी।
from WordPress https://www.lokjantoday.com/champawat-a-young-man-came-home-on-leave-but-a-road-accident-took-his-life/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=champawat-a-young-man-came-home-on-leave-but-a-road-accident-took-his-life
0 notes
news-trust-india · 2 years ago
Text
Ghatotkach Festival Champawat: का CM धामी ने किया शुभारंभ
Ghatotkach Festival Champawat: का CM धामी ने किया शुभारंभ
चंपावत: Ghatotkach Festival Champawat  एक दिवसीय दौरे पर अपनी विधानसभा चंपावत में पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घटोत्कच महोत्सव (Ghatotkach Festival Champawat) का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के विकास व लोगों की मांग पर कई घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मानसखंड कॉरिडोर बनाने का कार्य शुरू हो चुका है। सरकार ऐसे आयोजनों के लिए समर्पित है। Nobel Prize 2022: स्वीडन के स्वांते…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes