#Bypolls Election
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Byelection: BJP defeat has again exposed party’s lack of focus on strengthening cadre
The washout in all three Assembly seats that went to the byelections in Karnataka has again exposed the lack of focus by the BJP on strengthening its cadre in the State despite its strategists repeatedly referring to this lacunae. Though it is common for the ruling party to have an advantage in byelections, there had been much curiosity around the three Assembly segments that went to the polls on…
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Uttarakhand Bypoll Result: अयोध्या के बाद बद्रीनाथ भी हारी बीजेपी, कांग्रेस ने हासिल की जीत
Uttarakhand Bypoll Result: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद अयोध्या में जिस तरह बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा, उसकी शायद पार्टी ने उम्मीद नहीं की थी और अब उपचुनाव में पार्टी को जोरदार झटका लगा है जहां उप चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस के लखपत बुटोला ने बीजेपी के राजेंद्र भंडारी को 5224 वोटो से हराया है. वहीं दूसरी ओर एक और सीट मैंगलोर विधानसभा सीट पर उपचुनाव…
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BJP in Madhya Pradesh starts campaigning for July 10 Amarwara bypoll
The Bharatiya Janata Party (BJP) in Madhya Pradesh on Sunday began its campaign for the upcoming bypoll to the Amarwara Assembly constituency in the state’s Chhindwara district.
The Amarwara seat is set to witness a contest between BJP’s Kamlesh Shah and Congress’ Dheeransha Invati.
Kamlesh Shah — a three-time MLA — switched to the BJP from the Congress ahead of the Lok Sabha polls and also quit as a Congress legislator, necessitating the by-election in the Amarwara constituency.
On Sunday, Madhya Pradesh unit BJP chief V.D. Sharma addressed the party workers in Chhindwara and asked them to get ready for the Amarwara bypoll.
Notably, Amarwara is one of the seven assembly segments in Chhindwara district, and the Congress had won all of them in 2023.
Source: bhaskarlive.in
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The result of all the mechanisms was exactly what was imagined. By-elections were held on seven seats in six states and from the results that have come out so far, it seems that the victory of the party which was in power is certain. By-election was held on one seat in Bengal. TMC has won there. In the initial phase, BJP got a huge lead on this seat and it seemed that TMC would lose this seat. But this did not happen. TMC finally got this seat. TMC's victory in West Bengal has great significance.
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Erode Byelection Results In Tamilnadu
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Rajya Sabha bypoll: Sujeet Kumar to file nomination as BJP candidate from Odisha
Odisha BJP leader Sujeet Kumar is all set to file his nomination for the Rajya Sabha bypoll today. On November 26, the ECI had announced by-election to six Rajya Sabha seats including one from Odisha. The one seat from Odisha became vacant following the resignation of then BJD leader Sujeet Kumar who later joined the BJP. Kumar snapped ties with the conch party on September 6, and tendered his…
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Why Milkipur Seat Elections Delayed: Gorakhnath Baba's Role Explained
Introduction
Milkipur Seat Bypolls Election 2024: भारत के निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों का एलान कर दिया है. इसके साथ ही 48 विधानसभा सीटों, 2 लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का भी एलान कर दिया है. उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. हालांकि, अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर सभी की नजरें बनी हुई थी. लेकिन इस सीट पर तारीखों का एलान नहीं हुआ. चुनाव आयोग ने इसका जवाब भी दिया है कि इस सीट पर उपचुनाव की तारीखों का एलान क्यों नहीं किया गया है .
Table of Content
क्यों नहीं हुआ चुनाव की तारीखों का एलान
क्या पूरा मामला
SP ने साधा निशाना
क्या है वोटरों की संख्या
अजित प्रसाद को दिया जा सकता है टिकट
किन-किन सीटों पर हो रहा उपचुनाव
क्या है जातीय समीकरण
मिल्कीपुर सीट का इतिहास
लोकसभा में पहुंचने वाले दूसरे नेता बने अवधेश प्रसाद
SP को लग सकता है बड़ा झटका
सीएम योगी ने संभाली कमान
BJP की बढ़ी टेंशन
क्यों नहीं हुआ चुनाव की तारीखों का एलान
चुनाव आयोग का कहना है कि इस सीट पर चुनाव की तारीखों का एलान इसलिए नहीं किया गया क्योंकि BJP के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने समाजवादी पार्टी विधायक अवधेश प्रसाद के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और कोर्ट में पिटीशन अभी पेंडिंग है. ऐसे में मिल्कीपुर सीट पर चुनाव की तारीखों का एलान नहीं किया जा सकता है. वहीं, समाजवादी पार्टी ने इसको लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा है. समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग BJP के पक्ष में काम कर रही है. अगर ऐसा है तो फिर कानपुर की सीसामऊ सीट का मामला भी कोर्ट में चल रहा है, लेकिन वहां चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है.
बता दें कि इस सीट से समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद विधायक थे. लेकिन 2024 में लोकसभा चुनाव उन्होंने लड़ा और जीत हासिल कर ली. 7 हजार वोटों से जीत हासिल कर वो संसद पहुंच गए. ऐसे में मिल्कीपुर सीट खाली हो गई.
क्या पूरा मामला ?
साल 2022 में BJP प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ ने समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्होंने अवधेश प्रसाद के चुनावी हलफनामे पर सवाल उठाए था और उनके निर्वाचन को चुनौती दी थी. बाबा गोरखनाथ का कहना था कि अवधेश प्रसाद ने जो हलफनामा दाखिल किया. उसमें नोटरी ऐसे शख्स से कराई गई, जिसका लाइसेंस पहले ही खत्म हो चुका था. ऐसे में उनका हलफनामा वैध नहीं माना जाएगा. उनका हलफनामा अवैध था. BJP प्रत्याशी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अवधेश प्रसाद के नामांकन को रद्द किए ��ाने की गुहार लगाई थी.
SP ने साधा निशाना
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फकरूल हसन चांद ने दूसरी तरफ चुनाव आयोग पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पक्षपात कर रहा है. मिल्कीपुर का मामला कोर्ट में चल रहा है, तो वहां चुनाव नहीं हो रहा. लेकिन वैसा ही एक मामला सीसामऊ विधानसभा सीट का है, तो फिर वहां चुनाव कैसे हो रहा है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के विधायक रहे इरफान सोलंकी ने भी कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने निचली अदालत के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दी है.
क्या है वोटरों की संख्या ?
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर 34% OBC और 36% जनरल वोटर हैं. मुस्लिम वोटरों की संख्या 9.48% है. SC के 20% वोटर हैं. सामान्य वर्ग को वोटरों की बात करें तो उनकी हिस्सेदारी 36.04% है. इस सीट पर कुल 3.69 लाख वोटर हैं. इस सीट पर BJP के लिए ब्राह्मण और ठाकुर मजबूत वोट बैंक माने जाते हैं तो समाजवादी पार्टी के लिए यादव-SC और मुस्लिम वोट बैंक है. पिछले 5 चुनावों की अगर बात करें तो इस सीट पर 3 बार समाजवादी पार्टी, एक बार BJP और एक बार BSP को जीत मिली है.
अजित प्रसाद को दिया जा सकता है टिकट
इस सीट पर जब भी चुनाव होगा समाजवादी पार्टी और BJP में सीधा मुकाबला होना तय है. अगर समाजवादी पार्टी की बात करें तो कहा जा रहा है कि अवधेश प्रसाद के बेटे अजित प्रसाद को टिकट दिया जाएगा. जबकि BJP ने अभी अपना प्रत्याशी फाइनल नहीं किया है.
किन-किन सीटों पर हो रहा उपचुनाव
यूपी की मैनपुरी की करहल, कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मिर्जापुर की मझवां, गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ की खैर, मुजफ्फरनगर की मीरापुर और मुरादाबाद की कुंदरकी सीट पर विधानसभा उपचुनाव होना है. 13 नवंबर को 9 सीटों पर उपचुनाव होंगे.
क्या है जातीय समीकरण ?
मिल्कीपुर विधानसभा सीट के जातीय समीकरण की अगर बात करें तो इस सीट पर सबसे ज्यादा यादव मतदाता हैं. यादव मतदाताओं की संख्या करीब 65 हजार है. वहीं, 60 हजार पासी, 50 हजार ब्राह्मण, 35 हजार मुस्लिम, 25 हजार ठाकुर, गैर-पासी द��ित 50 हजार, मौर्य 8 हजार, चौरासिया 15 हजार, पाल 8 हजार, वैश्य 12 हजार हैं. इस सीट पर यादव, पासी और ब्राह्मण वोटर अहम भूमिका निभाते हैं. समाजवादी पार्टी इस सीट पर यादव-मुस्लिम-पासी समीकरण के सहारे चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है तो BJP को सवर्ण और दलित वोटरों का सहारा है. बता दें कि मिल्कीपुर एक सुरक्षित सीट है.
यह भी पढ़ें : बारामती सीट पर होगा ‘चाचा बनाम भतीजे’ का मुकाबला, NCP ने किन उम्मीदवारों को दिया टिकट
मिल्कीपुर सीट का इतिहास
मिल्कीपुर विधानसभा सीट 1967 में वजूद में आई थी. इस सीट पर कांग्रेस, जनसंघ और CPI, BJP, BSP और समाजवादी पार्टी जीत हासिल कर चुकी है. हालांकि इस सीट पर सबसे ज्यादा समाजवादी पार्टी और लेफ्ट को जीत मिली है. साल 2008 में परिसीमन के बाद मिल्कीपुर सीट SC के लिए रिजर्व हो गई थी.
लोकसभा में पहुंचने वाले दूसरे नेता बने अवधेश प्रसाद
मिल्कीपुर से विधायक रहते हुए लोकसभा में पहुंचने वाले मित्रसेन यादव पहले नेता हैं तो वहीं अवधेश प्रसाद लोकसभा पहुंचने वाले दूसरे नेता हैं. बता दें कि मिल्कीपुर में साल 1998 में पहली बार विधानसभा उपचुनाव हुआ था तो मित्रसेन यादव उस समय समाजवादी पार्टी से विधायक थे. उन्होंने विधायक रहते हुए लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी. इस सीट पर दूसरी बार साल 2004 में उपचुनाव हुआ था. उस समय समाजवादी पार्टी के के तत्कालीन विधायक आनंदसेन यादव विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर BSP का दामन थाम लिया था. हालांकि वो यह चुनाव हार गए थे.
SP को लग सकता है बड़ा झटका
अयोध्या में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के मामले ने खूब तुल पकड़ा था. सीएम योगी ने विधानसभा में जोर-शोर से इस मुद्दे को उठाया था. इस मामले में SP नेता मोईद खान का नाम सामने आया था. इसके बाद BJP ने समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा रही है. दूसरी तरफ पीड़िता और उसके परिवार की मदद कर योगी सरकार जनता को खास संदेश देने की कोशिश में लगे हुए हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो अयोध्या दुष्कर्म कांड उपचुनाव में SP को बड़ा झटका दे सकता है.
सीएम योगी ने संभाली कमान
मिल्कीपुर उपचुनाव की कमान सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभाल रखी है. पिछले कुछ दिनों की बात करें तो सीएम योगी तीन बार अयोध्या का दौरा कर चुके हैं. सीएम मिल्कीपुर में दो सभाएं भी कर चुके हैं. अयोध्या में दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद सीएम योगी ने बीकापुर विधायक अमित सिंह चौहान के साथ पीड़ित परिवार को मिलने के लिए बुलाया था और कठोर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था. इस घटना का जिक्र अपनी सभी सभाओं में भी सीएम योगी कर चुके हैं और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है.
BJP की बढ़ी टेंशन
2012 के विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद यादव को इस सीट से जीत मिली थी. हालांकि साल 2017 में वो चुनाव हार गए थे, लेकिन 2022 में उन्हें दोबारा जीत मिली और 2024 लोकसभा चुनाव में उन्हें फैजाबाद सीट से जीत मिली. उनके सांसद चुने जाने के बाद मिल्कीपुर सीट खाली हो गई. ऐसे में इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है. इस सीट पर एक बार फिर समाजवादी पार्टी और BJP के बीच सियासी टक्कर देखने को मिलेगी. लोकसभा चुनाव में जिस तरह से समाजवादी पार्टी को जीत मिली है, उसने BJP की टेंशन जरूर बढ़ा दी है. बता दें कि मिल्कीपुर में समाजवादी पार्टी ने BJP को 8 हजार वोटों से हरा दिया था. ऐसे में BJP के लिए इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए रास्ता आसान नहीं होगा. BJP इस सीट पर हर हाल में जीत हासिल करना चाहती है. ऐसे में BJP ऐसा उम्मीदवार उतारना चाहती है, जो सियासी समीकरण में फिट बैठे और हार का हिसाब बराबर कर सकें.
Conclusion
लोकसभा चुनाव में यूपी में BJP का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा था, लेकिन इससे भी बड़ी टीस फैजाबाद सीट पर हार थी. अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद BJP की रणनीति थी कि इसी के सहारे न केवल पूरे यूपी बल्की हिंदी भाषी क्षेत्रों में दबदबा बनाना का था, लेकिन BJP के हाथ केवल हार आई. ऐसे में BJP की जख्मों पर मिल्कीपुर विधानसभा सीट मरहम लगाने का काम कर सकती है. अवधेश प्रसाद के फैजाबाद से सांसद बन जाने के बाद इस सीट पर होने जा रहा उपचुनाव काफी रोचक हो गया है. सभी के मन में यह सवाल है कि क्या समाजवादी पार्टी का इस सीट पर दबदबा बना रहेगा या फिर BJP को राहत मिलने वाली है. इतिहास की नजरों से देखें तो मिल्कीपुर में अब तक के दो उपचुनावों में समाजवादी पार्टी को ही जीत मिली है. लेकिन इस बार BJP अपनी पूरी रणनीति के साथ तैयार है और समाजवादी पार्टी का दबदबा खत्म कर हर हाल में कमल खिलाना चाहती है.
यह भी पढ़ें : मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर क्यों नहीं हो रहा उपचुनाव, हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब
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[ad_1] GG News Bureau Guwahati, Assam, 1st December, Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma has strongly responded to Congress’s allegations that the BJP distributed beef to voters to win the recent by-polls in the Muslim-majority Samaguri constituency. Sarma, in his reply, challenged Congress to formally request a beef ban in the state, stating that he was ready to implement such a ban if the opposition party made the request in writing. The controversy emerged after Congress MP Rakibul Hussain accused the BJP of hosting a “beef party” to sway minority voters in the by-elections. Sarma questioned Congress’s own record on the issue, asking, “Why didn’t Congress ban beef when they were in power?” He further urged Hussain to clarify his stance, suggesting that if beef consumption is wrong, as Hussain implied, then the Congress should advocate for a ban. In a bold move, Sarma stated that if Congress chief Bhupen Kumar Borah sent him a written request, he would impose a complete ban on beef consumption across Assam. He emphasized that this would resolve the issue and prevent any political parties, including the BJP and AGP, from distributing beef during elections. “All problems will be solved,” Sarma added. Currently, the consumption of beef is not illegal in Assam, although the Assam Cattle Preservation Act of 2021 restricts cattle slaughter and beef sale in areas with a majority of Hindus, Jains, or Sikhs, and within five kilometers of temples or satras. The Samaguri bypoll, which was previously under Congress control for five terms, saw BJP’s Diplu Ranjan Sarmah defeating Congress’s Tanzil, son of Rakibul Hussain, by a margin of 24,501 votes. The Congress has alleged foul play in the election results. The post CM Himanta Biswa Sarma Responds to Congress Allegations, Offers to Ban Beef in Assam appeared first on Global Governance News- Asia's First Bilingual News portal for Global News and Updates. [ad_2] Source link
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