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chaitanyabharatnews · 5 years
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कमलनाथ सरकार पर संकट: कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने दिया इस्तीफा, CM कमलनाथ ने कही ये बात
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चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्यप्रदेश में पिछले दो दिनों से सियासी ड्रामे जारी है, जिसके कारण कमलनाथ सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। मध्यप्रदेश के चार लापता कांग्रेस विधायकों में से एक हरदीप सिंह डंग ने अपना इस्तीफा स्पीकर एनपी प्रजापति और मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजा है। पार्टी पर लगाए ये आरोप मंदसौर के सुवासरा से दूसरी बार विधायक बने हरदीप सिंह डंग का कहना है कि, वे अपने विधानसभा क्षेत्र की अनदेखी से दुखी हैं। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है कि, 'न मैं कमलनाथ गुट का हूं, न दिग्विजय सिंह और न ही सिंधिया गुट का हूं। मैं सिर्फ कांग्रेस का कार्यकर्ता हूं। इसलिए मुझे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।' इतना ही नहीं डंग ने यह भी लिखा कि, 'सरकार बनने के 14 महीने बीतने के बाद भी मेरे विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा की जा रही है। मंत्री काम करने के लिए तैयार नहीं हैं। दलाल और भ्रष्टाचारी सरकार में बैठे हैं।' कमलनाथ का बयान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने डंग के इस्तीफे को लेकर कहा कि, 'हरदीप सिंह डंग हमारी पार्टी के विधायक हैं। उनके इस्तीफा देने की खबर मिली है। लेकिन, मुझे अभी तक उनका इस संबंध में ना तो कोई पत्र प्राप्त हुआ है, ना उन्होंने मुझसे अभी तक इस संबंध में कोई चर्चा की है और ना प्रत्यक्ष मुलाकात की है। जब तक मेरी उनसे इस संबंध में चर्चा नहीं हो जाती, तब तक इस बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा।' बता दें डंग ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का भी समर्थन किया था। विधानसभा अध्यक्ष बोले- मैं नियमानुसार कदम उठाऊंगा विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने इस बारे में कहा कि, 'मुझे सुवासरा विधायक हरदीप सिंह ढंग के इस्तीफा देने की खबर मिली है। उन्होंने मुझसे प्रत्यक्ष रूप से मिलकर इस्तीफा नहीं सौंपा है। जब वे प्रत्यक्ष रूप से मुझसे मिलकर इस्तीफा सौपेंगे तो मैं नियमानुसार उस पर विचारकर आवश्यक कदम उठाऊंगा।' ये विधायक भी दे सकते हैं इस्तीफा माना जा रहा है कि अभी कुछ और विधायक भी इस्तीफा दे सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक जो विधायक इस्तीफा दे सकते हैं उनमें ऐंदल सिंह कंसाना (कांग्रेस), रघुराज कंसाना, रणवीर जाटव (कांग्रेस), कमलेश जाटव, बिसाहूलाल (कांग्रेस), गोपाल सिंह, विक्रम सिंह नातीराजा के नाम शामिल हैं। दिग्विजय सिंह के ट्वीट से शुरू हुआ ड्रामा बता दें मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामा मंगलवार सुबह दिग्विजय सिंह के ट्वीट के साथ शुरू हुआ था। दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए और कहा कि, 'कांग्रेस विधायकों को दिल्ली ले जाया गया।' फिर जब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शाम को दिल्ली पहुंचे तो मामला ज्यादा गहरा गया। कांग्रेस ने दावा किया कि कांग्रेस के 6, बसपा के 2 और एक निर्दलीय विधायक को गुड़गांव के आईटीसी मराठा होटल में बंधक बनाया। कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया आरोप इसके बाद मंगलवार रात कांग्रेस मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह को दिल्ली भेजा गया। बुधवार दोपहर को पार्टी के 6 विधायक भोपाल पहुंचे। इनमें सपा के राजेश शुक्ला (बब्लू), बसपा के संजीव सिंह कुशवाह, कांग्रेस के ऐंदल सिंह कंसाना, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव और बसपा से निष्कासित राम बाई शामिल थीं। बाद में कांग्रेस के बिसाहूलाल, हरदीप सिंह डंग, रघुराज कंसाना और निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा की लोकेशन नहीं मिल रही थी। इसके बाद दिग्विजय ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उन्होंने कांग्रेस के 4 विधायकों को जबरन गुड़गांव से बेंगलुरु शिफ्ट किया है। जानें मप्र विधानसभा की गणित मप्र में कुल 230 विधायकों वाली विधानसभा में अभी 228 विधायक हैं। इनमें से कांग्रेस के 114, बीजेपी के 107 विधायक हैं। दो विधायक बहुजन समाज पार्टी से भी हैं, जबकि सपा से एक और चार निर्दलीय विधायक भी हैं। वहीं दो सीट विधायकों के निधन के चलते खाली हैं। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 113 है। ये भी पढ़े... MP: खतरे में कमलनाथ सरकार! कांग्रेस का दावा- बीजेपी ने 10-11 विधायकों को बंधक बनाया, 4 अब भी कब्जे में जन्मदिन विशेष: 10 साल तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, 67 की उम्र में की दूसरी शादी, कुछ ऐसा रहा दिग्विजय सिंह का सफर कमलनाथ सरकार ने विवाद के बाद वापस लिया कर्मचारियों को नसबंदी का टारगेट देने का आदेश CAA और NRC के विरोध में कांग्रेस का शांति मार्च, सीएम कमलनाथ ने कहा- विरोधी कानून को राज्य में लागू नहीं करेंगे Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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MP: खतरे में कमलनाथ सरकार! कांग्रेस का दावा- बीजेपी ने 10-11 विधायकों को बंधक बनाया, 4 अब भी कब्जे में
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चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी पर विधायकों के खरीद-फरोख्त का दावा किया है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने उनके और बसपा के विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल में बंधक बनाया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि, 'विपक्षी पार्टी ने गुरुग्राम के एक होटल में 10 से 11 विधायकों को रखा था। इनमें से छह से सात विधायकों को बीजेपी के कब्जे से मुक्त करा लिया गया है।' दिग्विजय सिंह ने यह भी बताया कि, 'अब सिर्फ चार विधायक ही भाजपा के पास है।' दिग्विजय सिंह ने कहा कि, 'भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह बसपा से निलंबित विधायक रमाबाई को लेकर चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली पहुंचे हैं।' हालांकि, रमाबाई के पति गोविंद ने इसका खंडन किया और कहा कि, रमाबाई अपनी बेटी से मिलने के लिए दिल्ली गई हैं। फिर मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दिल्ली जाने के बाद सियासी संग्राम शुरू हो गया। इसके बाद कांग्रेस के मंत्री मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह को आनन-फानन में दिल्ली के लिए रवाना किया गया। पटवारी का कहना है कि उनके होटल पहुंचने से पहले ही सभी विधायकों को अन्य जगह भेज दिया गया। उन्हें सिर्फ रमाबाई ही होटल में मिली, जिन्हें वापस लाया गया। #WATCH Haryana: Madhya Pradesh Ministers&Congress leaders Jitu Patwari&Jaivardhan Singh leave from ITC Resort in Gurugram's Manesar,taking suspended BSP MLA Ramabai with them.8 MLAs from MP are reportedly being held against their will by BJP at the hotel,Ramabai being one of them pic.twitter.com/VUivVHsaA4 — ANI (@ANI) March 3, 2020 दिग्विजय सिंह का आरोप है कि, बीजेपी ने विधायकों को पाला बदलने के लिए 5-10 करोड़ रुपए का ऑफर दिया है। इस पूरे मामले पर राज्य से लेकर दिल्ली तक के भाजपा नेता टिप्पणी करने से बच रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा, 'बीजेपी के पास बेहिसाब पैसा है। शिवराज सिंह दिल्ली में हैं और इन विधायकों के साथ उनकी मीटिंग होनी थी। अभी कांग्रेस के तीन और एक निर्दलीय विधायक रह गए है। उनसे भी हमारी कोशिश है कि वापस आ जाएंगे। इसमें रघुराज कंसाना, हरदीप सिंह, बिसाहूलाल सिंह और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शामिल हैं।' क्या है पूरा मामला जानकारी के मुताबिक, मप्र के 10 विधायक गुड़गांव से सटे मानेसर के ITC मौर्या होटल में ठहरे हुए थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इन विधायकों को बीजेपी गुमराह करके लाई थी, जिससे कि कमलनाथ सरकार अस्थिर हो सके। लेकिन बाद में कांग्रेस सरकार के मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी के साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह वहां पहुंचे और वे छह विधायकों को अपने साथ वापस ले आए। कांग्रेस ने इस पूरे खेल का जिम्मेदार शिवराज सिंह चौहान समेत अन्य नेताओं को ठहराया है। साथ ही उन्होंने दावा किया है कि बचे हुए 4 विधायकों से भी कांग्रेस संपर्क में है और जल्द ही उनकी वापसी कराई जाएगी। जानें मप्र विधानसभा की गणित मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 231 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए 116 विधायकों की जरूरत होती है। कांग्रेस के पास इस वक्त 114 विधायक हैं। बीजेपी के 107, दो विधायक बीएसपी के हैं, समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। यानी कांग्रेस के पास 121 विधायकों का समर्थन है। अगर भाजपा चार से पांच विधायक भी तोड़ लेती है तो कांग्रेस की सरकार मुश्किल में आ सकती है। हालांकि, बीजेपी को सरकार बनाने के लिए कम से कम 9 विधायकों की और जरूरत होगी। ये भी पढ़े... जन्मदिन विशेष: 10 साल तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, 67 की उम्र में की दूसरी शादी, कुछ ऐसा रहा दिग्विजय सिंह का सफर कमलनाथ सरकार ने विवाद के बाद वापस लिया कर्मचारियों को नसबंदी का टारगेट देने का आदेश CAA और NRC के विरोध में कांग्रेस का शांति मार्च, सीएम कमलनाथ ने कहा- विरोधी कानून को राज्य में लागू नहीं करेंगे Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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MP: खतरे में कमलनाथ सरकार! कांग्रेस का दावा- बीजेपी ने 10-11 विधायकों को बंधक बनाया, 4 अब भी कब्जे में
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चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी पर विधायकों के खरीद-फरोख्त का दावा किया है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने उनके और बसपा के विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल में बंधक बनाया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि, 'विपक्षी पार्टी ने गुरुग्राम के एक होटल में 10 से 11 विधायकों को रखा था। इनमें से छह से सात विधायकों को बीजेपी के कब्जे से मुक्त करा लिया गया है।' दिग्विजय सिंह ने यह भी बताया कि, 'अब सिर्फ चार विधायक ही भाजपा के पास है।' दिग्विजय सिंह ने कहा कि, 'भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह बसपा से निलंबित विधायक रमाबाई को लेकर चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली पहुंचे हैं।' हालांकि, रमाबाई के पति गोविंद ने इसका खंडन किया और कहा कि, रमाबाई अपनी बेटी से मिलने के लिए दिल्ली गई हैं। फिर मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दिल्ली जाने के बाद सियासी संग्राम शुरू हो गया। इसके बाद कांग्रेस के मंत्री मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह को आनन-फानन में दिल्ली के लिए रवाना किया गया। पटवारी का कहना है कि उनके होटल पहुंचने से पहले ही सभी विधायकों को अन्य जगह भेज दिया गया। उन्हें सिर्फ रमाबाई ही होटल में मिली, जिन्हें वापस लाया गया। #WATCH Haryana: Madhya Pradesh Ministers&Congress leaders Jitu Patwari&Jaivardhan Singh leave from ITC Resort in Gurugram's Manesar,taking suspended BSP MLA Ramabai with them.8 MLAs from MP are reportedly being held against their will by BJP at the hotel,Ramabai being one of them pic.twitter.com/VUivVHsaA4 — ANI (@ANI) March 3, 2020 दिग्विजय सिंह का आरोप है कि, बीजेपी ने विधायकों को पाला बदलने के लिए 5-10 करोड़ रुपए का ऑफर दिया है। इस पूरे मामले पर राज्य से लेकर दिल्ली तक के भाजपा नेता टिप्पणी करने से बच रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा, 'बीजेपी के पास बेहिसाब पैसा है। शिवराज सिंह दिल्ली में हैं और इन विधायकों के साथ उनकी मीटिंग होनी थी। अभी कांग्रेस के तीन और एक निर्दलीय विधायक रह गए है। उनसे भी हमारी कोशिश है कि वापस आ जाएंगे। इसमें रघुराज कंसाना, हरदीप सिंह, बिसाहूलाल सिंह और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शामिल हैं।' क्या है पूरा मामला जानकारी के मुताबिक, मप्र के 10 विधायक गुड़गांव से सटे मानेसर के ITC मौर्या होटल में ठहरे हुए थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इन विधायकों को बीजेपी गुमराह करके लाई थी, जिससे कि कमलनाथ सरकार अस्थिर हो सके। लेकिन बाद में कांग्रेस सरकार के मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी के साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह वहां पहुंचे और वे छह विधायकों को अपने साथ वापस ले आए। कांग्रेस ने इस पूरे खेल का जिम्मेदार शिवराज सिंह चौहान समेत अन्य नेताओं को ठहराया है। साथ ही उन्होंने दावा किया है कि बचे हुए 4 विधायकों से भी कांग्रेस संपर्क में है और जल्द ही उनकी वापसी कराई जाएगी। जानें मप्र विधानसभा की गणित मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 231 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए 116 विधायकों की जरूरत होती है। कांग्रेस के पास इस वक्त 114 विधायक हैं। बीजेपी के 107, दो विधायक बीएसपी के हैं, समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। यानी कांग्रेस के पास 121 विधायकों का समर्थन है। अगर भाजपा चार से पांच विधायक भी तोड़ लेती है तो कांग्रेस की सरकार मुश्किल में आ सकती है। हालांकि, बीजेपी को सरकार बनाने के लिए कम से कम 9 विधायकों की और जरूरत होगी। ये भी पढ़े... जन्मदिन विशेष: 10 साल तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, 67 की उम्र में की दूसरी शादी, कुछ ऐसा रहा दिग्विजय सिंह का सफर कमलनाथ सरकार ने विवाद के बाद वापस लिया कर्मचारियों को नसबंदी का टारगेट देने का आदेश CAA और NRC के विरोध में कांग्रेस का शांति मार्च, सीएम कमलनाथ ने कहा- विरोधी कानून को राज्य में लागू नहीं करेंगे Read the full article
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