#80 वर्ष होने पर
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himachalnewsdaily · 2 years ago
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'एक विधायक एक पेंशन' मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ
चंडीगढ़ । पंजाब सरकार ने एक विधायक एक पेंशन योजना शुरू की है। यानी अब कोई कितनी बार भी विधायक रहा हो उसे एक ही टर्म की पेंशन का लाभ मिलेगा। एक विधायक एक पेंशन योजना 11 अगस्त से लागू हुई है।पंजाब की भगवंत मान सरकार ने भले ही ‘एक विधायक एक पेंशन’ को कानून बनाकर पंजाब पर पड़ने वाले भारी बोझ को कम किया हो, लेकिन एक हकीकत यह भी है कि 16वीं विधानसभा में पहली बार सबसे ज्यादा ��ूर्व विधायक पेंशन लेंगे,…
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upcomingyojana · 15 days ago
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Assistant Professor Recruitment 2024 - असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2024, 10वीं पास
Assistant Professor भर्ती 2024 का ऑफिशल नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया जिसमें की 80 पदों पर भर्ती होगी और इसमें आयु सीमा 18 से 58 वर्ष रहने वाली है इस ऑफिशल नोटिफिकेशन के अनुसार मीटर के साथ-साथ अन्य पदों पर भर्ती होने वाली है और इस भर्ती में जनरल कैटेगरी को ₹1500 शुल्क देना होगा और एससी एसटी को ₹1200 का शुल्क देना होगा और जिसमे आपको सैलरी लगभग 25000 से लेकर 81000 तक हर महिना वेतन मिलेगा| तो इस इस…
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fytikahealthcareproduct · 18 days ago
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क्या आपका शरीर समय से पहले बूढ़ा हो रहा है?
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आम तौर पर वृद्धावस्था को अक्सर 60 या 65 वर्ष या उससे अधिक की आयु के रूप में परिभाषित किया जाता है। उम्र के इस पड़ाव मे शरीर में कमज़ोरी आना, काम करने मे सुस्ती आना, त्वचा का रुखा पड़ना और शरीर के अंगो के काम करने में धीमापन होना आदि, आम सी बात दिखती है। यह एक नेचुरल प्रक्रिया है जो समय के साथ साथ होती ही है और प्रत्येक व्यक्ति इस प्रक्रिया से गुज़रता है।
पर क्या आपने नोट किया है कि आज के समय में 50 साल की उम्र और यहां तक की 35 -40 की उम्र में ही काफी लोगो मे बुढ़ापे के लक्षण दिखने या महसूस किये जाने शुरू हो जाते हैं। जबकि अगर हम आज भी अपने आस पास के पुराने बुजुर्गो को देखे तो 80-85 वर्ष की आयु मे भी वे बहुत फिट, एक्टिव और निरोगी दिखते हैं।
“आपको ध्यान होगा टेलीविजन आइकन सिद्धार्थ शुक्ला का अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
आंध्र प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी और उद्योग मंत्री, मेकापति गौतम रेड्डी का 50 वर्ष की आयु मे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
प्रसिद्ध गायक KK का एक शो के दौरान बीमार पड़ने से 53 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।“
इन लोगो के निधन से लाखो लोग दंग रह गए कि संपन्न लोग, जो रेगुलर जिम जाते हैं, अच्छा खाना खाते हैं और बेहद स्वस्थ और फिट दिखते हैं, ऐसे लोग अचानक से कैसे मर रहे हैं।
अगर आप अपने आस पास ध्यान दें या अख़बार पढ़ें तो पाएंगे कि बहुत कम उम्र के लोग बड़ी बीमारियों से जूझ रहे होते हैं। कई लोगो की अचानक से मौत होने की खबर आती है। फिर हम सोचते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा होगा ?
आइये आज हम बात करते हैं समय से पूर्व बुढ़ापे (Premature Aging) की
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समय से पूर्व बुढ़ापा उस समय होता है जब कम उम्र मे भी बुढ़ापे जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। यह वह समय होता है जब आपका शरीर आपकी वास्तविक उम्र से ज्यादा उम्र का दिखाई देता है और कमज़ोर महसूस कराता है।
समय से पूर्व बुढ़ापे (Premature Aging) के सामान्य संकेत निम्नलिखित हैं:
त्वचा (skin ) में परिवर्तन - जैसे जल्दी झुर्रियां आना, उम्र के धब्बे (age spots), रूखापन, स्किन टोन का नुकसान होना
आपकी छाती के चारों ओर हाइपरपिगमेंटेशन (त्वचा का रंग गहरा होना) होना
बालों का झड़ना या सफेद होना
गालों का चिपकना
साथ ही बहुत कम उम्र में हृदयरोग (हार्ट इश्यूज ) होना
लिवर सम्बंधित बीमारियां होना
जल्दी थकान
हाई कोलेस्ट्रॉल
हाई ब्लड प्रेशर
डायबिटीज (मधुमेह) होना
तनाव (स्ट्रेस)
नपुंसकता
समय से पूर्व बुढ़ापे के कई कारण हो सकते हैं,
पर्यावरण कारक
आनुवंशिक (जेनेटिक) कारण
हमारी ख़राब जीवन शैली (Life style )
पर्यावरण कारक
पर्यावरण कारणों में यूवी (UV) किरण और सूर्य किरणों के प्रकाश से त्वचा पर फोटोएजिंग परिणाम होता है। UV किरण त्वचा को क्षति पहुंचाती है, जो आयु धब्बों जैसे परिवर्तनों के लिए योगदान करती है। सूर्य प्रकाश त्वचा कैंसर का जोखिम भी बढ़ाता है। साथ ही उच्च ऊर्जा सृजन (HEV) और इन्फ्रारेड प्रकाश भी त्वचा को नुक्सान पहुंचते हैं।
आनुवंशिक (जेनेटिक) कारण
कई शोध मे पाया गया है कि जिस परिवार में किसी व्यक्ति को कैंसर, डायबिटीज, खराब कोलेस्ट्रॉल, लिवर संबंधित समस्या, बाल सफ़ेद होना या गंजा होना, हाई ब्लड प्रेशर आदि होते हैं तो उस परिवार मे आने वाली पीढ़ी को यह समस्या होने के अवसर बढ़ जाते हैं। (लेकिन इन्हे अच्छी जीवन शैली से बहुत कम किया जा सकता है)।
हमारी ख़राब जीवन शैली
ख़राब जीवन शैली कम उम्र में बुढ़ापे का बहुत बड़ा कारण है। आइये जानते हैं कैसे !
आजकल की भाग दौड़ भरी ज़िंदगी मे किसी भी काम के लिए कोई नियमित समय नहीं होता, न तो समय से सोने उठने का समय होता है, न ही सही स��� नाश्ता, लंच और डिनर करने का समय होता है, एक्सरसाइज तो लोग भूल ही चुके हैं। साथ ही धूम्रपान, अशुद्ध आहार (अनहेल्दी डाइट), शराब सेवन, खराब नींद या कम सोना, स्ट्रेस (तनाव), ड्रग्स सेवन आदि भी शरीर मे समय से पहले बुढ़ापा लाने का बहुत बड़ा कारण हैं।
धूम्रपान: जब आप धूम्रपान करते हैं, निकोटीन जैसे विषैले तत्व आपके शरीर की कोशिकाओं (cells)को परिवर्तित करते हैं। ये विषैले तत्व आपकी त्वचा में कॉलेजन और फाइबर्स को तोड़ने का क़ाम करते हैं, जो त्वचा मे ढ़ीलापन, झुर्रियों, गाउट चेहरे का कारण बनते हैं। साथ ही कैंसर, साँस सम्बंधित बीमारियां, फेफड़ों के रोग, छाती मे दर्द, नपुंसकता और शरीर मे कमज़ोरी जैसी समस्यायें भी होती हैं।
अशुद्ध आहार (अनहेल्दी डाइट): हाइली प्रोसेस्ड फ़ूड चीनी, नमक, वसा और स्टार्च से भरे होते हैं और इससे समय से पहले बुढ़ापा आ सकता है। नवारा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया कि जो लोग रोजाना दो या तीन सर्विंग हाइली प्रोसेस्ड फ़ूड खाते हैं, उनमें उन लोगों की तुलना में शॉर्ट टेलोमेर का खतरा 29-40 प्रतिशत अधिक होता है, जो दो से कम सर्विंग खाते हैं।
हाइली प्रोसेस्ड फ़ूड चीनी दीर्घकालिक बीमारी से भी जुड़े हुए हैं। टेलोमेरेस हमारे गुणसूत्रों और डीएनए को स्थिर करके मदद करते हैं। उम्र के साथ, कोशिकाएं विभाजित हो जाती हैं और टेलोमेर छोटे हो जाते हैं। इससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज़ होती है।
शराब: बहुत अधिक शराब पीने से कैंसर,फैटी लिवर, हाई ब्लड प्रेशर, खराब कोलेस्ट्रॉल, नींद ना आने की समस्या, स्ट्रेस, नपुंसकता आदि जैसी 200 से अधिक बीमारियां या परेशानी हो सकती हैं। इसके ज्यादा सेवन से आपकी इम्युनिटी बहुत ज्यादा स्तर पर खराब होती है।
खराब नींद: अध्ययन दिखाते हैं कि ज्यादा देर तक जागने और कम सोने से आपके कोशिकाओं पर गहरा असर पड़ता है। आपके शरीर के अन्य अंगो को भी आराम भी नहीं मिल पता है। कम नींद या समय से न सोने पर आपको स्ट्रेस भी हो सकता है
तनाव: जब आप तनाव में होते हैं तो आपके मस्तिष्क से कोर्टिसोल, एक तनाव हार्मोन, उत्पन्न होता है। तनाव स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है क्योंकि यह संक्रियाओं को बदल सकता है। यह कॉर्टिसोल और एपिनेफ्रिन जैसे हार्मोनों के उत्पादन को बढ़ा सकता है, जो रक्त चाप और दिल के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, यह इम्यून सिस्टम को कमजोर करके रोग प्रतिरोध को कम कर सकता है।
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देखभाल और उपचार
यदि आपको समय से पूर्व बुढ़ापे के संकेत आ रहे हैं तो निम्नलिखित उपाय अपनाएं :
सूर्य की किरणों से बचें: घर से बाहर निकलीं तो सूर्य किरणों से बचने के उपाय अपनाएं। शरीर ढक कर रखें। सूर्य के किरणों से सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन का उपयोग करें, ऐसी क्रीम चुने जिसमे कम से कम SPF 30 की मात्रा हो।
धूम्रपान बंद करें: यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो तुरंत धूम्रपान बंद करें। धूम्रपान छोड़ने में मदद की आवश्यकता हो, तो आप काउंसिलिंग ले सकते हैं।
अधिक फल और सब्जियों का सेवन करें: एक संतुलित आहार इस समस्या को रोक सकता है। इसीलिए ताज़े फलों और सब्ज़ियों को रोज़ाना अपने आहार मे शामिल करें, साथ ही प्रोटीन युक्त भोजन खाएं। ज्यादा चीनी या रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट का सेवन न करें। शरीर को मज़बूती देने के लिए हर्बल प्रोडक्ट्स, जैसे की प्रोटीन का प्रयोग करें। 
शराब पीना कम करें: शराब पीना बहुत कम कर दें। इससे आपके शरीर को जल्दी ही फायदा मिलना शुरू होगा। यदि शराब पीना नहीं रुक पा रहा है तो आप काउंसिलिंग ले सकते हैं। लिवर को ताकत देने के लिए हर्बल प्रोडक्ट्स प्रयोग करें। 
व्यायाम करें: नियमित व्यायाम शरीर को मज़बूती देता है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्युनिटी) को मजबूत करती है,जो एक स्वस्थ जीवन को प्रोत्साहित करता है। दिन मे केवल 30 मिनट पैदल चलना (walk) भी आपको अनेक फायदे देगा।
अपनी त्वचा का ध्यान रखें: रोजाना अपनी त्वचा को अच्छे फेसवाश और साबुन से धोएं ताकि गंद, मेकअप, पसीना या अन्य प्रकार की चीजें हटा सकें जो चिकनाहट का कारण बनती हैं। महंगे त्वचा उत्पादों से दूर रहें जो सुगंधित या उच्च पीएच वाले होते हैं। त्वचा को ध्यान से नमीबद्ध करें, साथ ही त्वचा के लिए अच्छे हर्बल प्रोडक्ट प्रयोग करें ।
अपन�� तनाव स्तर को कम करें: जितना संभव हो सके, अपने जीवन से ज्यादा से ज्यादा तनाव को कम करने पर काम करें। यदि आप तनाव कम नहीं कर पा रहे, तो तनाव प्रबंधन तकनीकों (स्ट्रेस मैनेजमेंट), जैसे कि ध्यान या व्यायाम की सहायता लें। बाजार मे मौजूद स्ट्रेस कम करने वाले हर्बल प्रोडक्ट्स यूज़ कर सकते हैं। 
अच्छी नींद: कम से कम 7 घंटे की नींद लें। अध्ययन दिखाते हैं कि अच्छी नींद से आपके कोशिकाओं की उम्र जल्दी बढ़ जाती है। आपके शरीर के अन्य अंगो को भी आराम मिलता है और उन्हे दोबारा स्वस्थ होने का समय मिलता है। स्ट्रेस मे भी कमी आती है। 
नियमित तौर पर शरीर की जांच कराएं - जेनेटिक बीमारियों की समय से पहचान के लिए अच्छी लैब से शरीर की जाँच साल मे 2 बार ज़रूर कराएं।
निष्कर्ष
ज्यादातर लोग आजकल 60 की उम्र तक पहुंच कर बहुत ही ज्यादा कमज़ोर हो जाते हैं। हमारी ख़राब जीवन शैली का इसमें बहुत बड़ा योगदान है। लेकिन अगर हम अपने अंदर  थोड़ा सा अनुसाशन ला, अपनी जीवन शैली को ठीक करें तो इन समस्याओं से बच सकते हैं और जिस तरह पुराने बुजुर्ग जो आज भी 70-80 वर्ष की आयु मे फिट और निरोग रहते हैं, उनकी तरह जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
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drsunildubeyclinic · 1 month ago
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Best Sexologist in Patna for ED Treatment | Dr. Sunil Dubey
पुरुषों होने वाले स्तंभन दोष (ईडी) के बारे में:
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (स्तंभन दोष) या नपुंसकता पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए सबसे जटिल स्थितियों में से एक है, जहाँ वे यौन क्रिया के लिए अपने पेनिले में इरेक्शन प्राप्त करने या बनाए रखने में असमर्थ होते हैं। पुरुषों में होने वाला इरेक्शन का यह निम्न स्तर या क्रॉनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन उनकी कामेच्छा को लगभग कम कर देता है और उनका यौन जीवन उनके लिए पूरी तरह से निराशाजनक हो जाता है।
पुरुषो के यह गुप्त रोग उनके यौन कार्य को लगभग पूरी तरह से बाधित कर देता है और उनका आत्म-सम्मान गिरने लगता है, जिससे समाज में उनका कोई प्रभाव निराशाजनक होता है। आज, भारत में दस में से एक पुरुष इस गुप्त व यौन रोग से पीड़ित है। विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे, जो कि पटना में सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं, कहते हैं कि भारत में 23% से अधिक लोग (18 वर्ष के ऊपर) गुप्त व यौन रोग की स्थिति का सामना कर रहे हैं और केवल कुछ ही लोग अपने यौन स्वास्थ्य के इलाज के प्रति जागरूक हैं। आज के इस सत्र में, वे इरेक्टाइल डिसफंक्शन के स्थायी समाधान के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने जा रहे हैं कि कैसे व्यक्ति अपने इरेक्टाइल डिसफंक्शन की इस समस्या से बच सकता है और अपने परिवार और खुद की देखभाल कर एक अच्छा यौन स्वास्थ्य बनाए रख सकता है। पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन तीन प्रकार के होते हैं-
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हल्का इरेक्टाइल डिसफंक्शन: यह कभी-कभी यौन क्रियाकलापों में भी होता है।
मध्यम इरेक्टाइल डिसफंक्शन: यह यौन क्रियाकलापों में आधे से अधिक बार घटित होता है।
क्रॉनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन: यह अधिकतर यौन क्रियाकलापों में होता है।
आयुर्वेद के माध्यम से स्तंभन दोष का स्थायी समाधान:
डॉ. सुनील दुबे भारत के एक प्रमुख सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं जो आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञ हैं। वह दुबे क्लिनिक में अभ्यास करते हैं जो एक प्रमाणित और गुणवत्ता-सिद्ध आयुर्वेदिक और सेक्सोलोजी क्लिनिक है जो सभी प्रकार के गुप्त व यौन रोगियों के इलाज के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है, जो व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करता है।
उनका कहना है कि आयुर्वेदिक उपचार और दवा किसी भी गुप्त व यौन रोग के लिए सबसे अच्छे, सबसे सुरक्षित और सबसे प्रभावी उपचारों में से एक है। वास्तव में, इस चिकित्सा-उपचार का शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है और किसी भी प्रकार का रोगी या व्यक्ति अपनी यौन समस्याओं को सुधारने के लिए इसका उपयोग कर सकता है। डॉ. सुनील दुबे इस क्लिनिक में सभी प्रकार के विवाहित और अविवाहित गुप्त व यौन रोगियों का इलाज करते हैं और अपने व्यापक आयुर्वेदिक उपचार, यौन परामर्श, गैर-चिकित्सा उपचार और आवश्यक स्वास्थ्य दिशानिर्देश प्रदान करते हैं। आयुर्वेद सभी दवाओं का जड़ है जो कि प्रकृति का अनुसरण करता है। चिकित्सा व उपचार का यह माध्यम न केवल समस्याओं को जड़ से ख़त्म करता है बल्की या समस्त स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
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गुप्त व यौन रोगियों के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा-उपचार:
डॉ. सुनील दुबे, बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट कहते हैं कि उन्होंने पुरुषों और महिलाओं के विभिन्न गुप्त व यौन विकारों पर अपना शोध किया है। विशेष रूप से, उन्होंने अपने पाँच साल के शोध कार्यकाल के दौरान स्तंभन दोष, शीघ्रपतन, कम कामेच्छा, यौन विकार और अन्य यौन समस्याओं के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार की खोज की है।
वे पिछले 35 वर्षों से आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा से जुड़े हुए हैं, जहाँ उन्होंने भारत में 4.57 लाख से अधिक गुप्त व यौन रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। उनका कहना है कि आयुर्वेदिक उपचार ने स्तंभन दोष (ईडी) के सभी प्रकार के इलाज में महत्वपूर्ण सफलता दिखाई है, अध्ययनों के अनुसार या डाटा निम्लिखित है –
स्तंभन कार्य में 70-80% तक सुधार
शुक्राणुओं की संख्या में 50-60% तक वृद्धि
कामेच्छा में 40-50% तक सुधार
उन्हें अपने आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचारों से बड़ी सफलता मिली है, अधिकांश गुप्त व यौन रोगियों ने अपनी यौन समस्याओं में सुधार की रिपोर्ट की है। वे जड़ी-बूटियाँ, प्राकृतिक रसायन, प्रभावी भस्म, चिंता-विरोधी चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देश और यौन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक सुझाव देते हैं। उनका कहना है कि उनके आयुर्वेदिक उपचार और दवा से सभी प्रकार के गुप्त व यौन रोगियों को मदद मिलती है, जहाँ वे अपनी प्रजनन प्रणाली को मजबूत करते हैं, शुक्राणु की गुणवत्ता और प्रजन��� क्षमता बढ़ाते हैं, हार्मोन को संतुलित करते हैं और कामेच्छा में सुधार करते हैं। प्राकृतिक रसायन और तेल उन्हें मांसपेशियों को आराम देने, रक्त संचार में सुधार करने, पाचन तंत्र को साफ करने और प्रजनन प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं।
आहार संबंधी सुझाव:
डॉ. सुनील दुबे गुप्त व यौन समस्याओं से निपटने के लिए आहार में बदलाव, जीवनशैली में बदलाव जैसे महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश देते हैं। उनका कहना है कि सीप, लहसुन, प्याज और अदरक जैसे कामोद्दीपक खाद्य पदार्थों को शामिल करने से इरेक्टाइल फंक्शन में मदद मिलती है। ईडी के मरीज को जिंक युक्त खाद्य पदार्थ जैसे नट्स, बीज और साबुत अनाज को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। वह उन्हें अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अत्यधिक चीनी, नमक और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचने का सुझाव भी देते हैं।
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सभी गुप्त और यौन उपचारों के लिए दुबे क्लिनिक में अपॉइंटमेंट बुक करें:
यदि आप इरेक्टाइल डिसफंक्शन (स्तंभन दोष) का अनुभव कर रहे हैं और यह आपके यौन जीवन में लगातार बना हुआ है, तो व्यक्तिगत मार्गदर्शन, सहायता, उपचार और दवा के लिए एक अनुभवी आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श करें। यहां, सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर को आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा में अनुभवी और विशेषज्ञ होना आवश्यक है। वह आपका उचित उपचार करते है और आपकी गुप्त व यौन समस्याओं के लिए प्रभावी, सुरक्षित और 100% प्राकृतिक दवा प्रदान करते है।
फोन पर दुबे क्लिनिक में अपॉइंटमेंट बुक करें। यह बिहार का पहला आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है जो पिछले 60 वर्षों से पूरे भारत में लोगों को आयुर्वेदिक उपचार और दवाओं के लिए अपना समग्र दृष्टिकोण प्रदान करते आ रहा है। डॉ. सुनील दुबे से परामर्श लेने के लिए भारत के भिन्न-भिन्न शहरों से हर दिन सौ से ज़्यादा लोग इस क्लिनिक से फ़ोन पर संपर्क करते हैं। औसतन हर दिन पैंतीस गुप्त व यौन रोगी अपना इलाज और दवाएँ लेने इस क्लिनिक में आते हैं। वह उन सभी को व्यापक आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार प्रदान करते है जो रोगियों के समस्याओं पर आधारित होता है।
वास्तविक ज़रूरतमंद व्यक्ति ज़्यादा जानकारी या अपॉइंटमेंट के लिए हमें कॉल कर सकते हैं-
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणित आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच (लंदन) | आयुर्वेद में पी.एच.डी. (यू.एस.ए.)
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04
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dainiksamachar · 9 months ago
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Opinion: अमेरिका के सामने अभी बौना जरूर है लेकिन तेजी से तगड़ा हो रहा है भारत का शेयर बाजार
लेखक: रुचिर शर्माअधिकांश वैश्विक निवेशक दुनिया के सबसे शक्तिशाली बाजार अमेरिका में शेयर की कीमतों में बढ़ोतरी से परेशान हैं। लेकिन भारत का चढ़ता बाजार (बुल मार्केट) और भी अधिक गतिशील और मजबूत है। अमेरिका और भारत हाल ही में डॉलर के संदर्भ में सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। सिर्फ ये ही दो प्रमुख हैं जो बाकी सभी बाजारों से आगे हैं। उनके बाजार अपेक्षाकृत मजबूत अर्थव्यवस्थाओं और आशावादी घरेलू निवेशकों के ��क बड़े आधार से संचालित होते हैं। हालांकि, दोनों देखने में एक ही लगें, लेकिन वाकई में दोनों की मजबूती का राज अलग-अलग है। अमेरिकी अपवाद: अमेरिका एक ऐतिहासिक विसंगति है। इसकी विकास गाथा सिर्फ एक बड़े सेक्टर पर लिखी गई है। वह है टेक सेक्टर। इसके अंदर भी बहुत हद तक मुट्ठीभर की विशालकाय कंपनियों के कंधों पर ही दारोमदार है। टेक सेक्टर की उन विशाकाय अमेरिकी कंपनियों को हाल में शानदार सात (मेग्निफिशेंट सेवन) उपमा दी गई। ये कंपनियां पुरानी पड़ रही हैं, लेकिन बड़ी से बड़ी हो रही हैं। इस कारण बाकी सभी शेयरों का खून चूस रही हैं। पिछले वर्ष मैग्निफिसेंट सेवन में औसतन 80% की वृद्धि हुई है और उस दौरान की कुल बढ़त में आधे से अधिक का योगदान है। इस बीच, अमेरिका में सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाले 4,700 में से औसत स्टॉक में गिरावट आई है। यह हद से ज्यादा केंद्रित रिटर्न की कहानी है, जो एआई से जुड़े किसी भी स्टॉक के लिए बढ़ते उन्माद पर केंद्रित है और जिसे मुख्य रूप से सबसे बड़ी कंपनियों के लिए एक वरदान के रूप में देखा जाता है। स्मॉल कैप को परेशानी: यह कितना असामान्य है, इसका अंदाजा लगाने के लिए गौर करना होगा कि अतीत में बढ़ते अमेरिकी बाजारों के दौर में बड़े शेयर बमबम बोल रहे थे लेकिन छोटे शेयरों को नुकसान नहीं हुआ था। 1970 के दशक की शुरुआत में, फिर 90 के दशक के अंत में छोटे शेयरों ने दोहरे अंकों में वार्षिक रिटर्न दिया और बाकी उभरते बाजारों के साथ उनकी किस्मत भी चमक गई।अब, छोटे शेयर निचले पायदान पर और रेस से बाहर हैं। आमतौर पर संस्थागत निवेशकों की तुलना में खुदरा निवेशक बहुत ज्यादा जोखिम लेते हैं और बिल्कुल अलग पोर्टफोलियो रखते हैं। ठीक तीन साल पहले महामारी के चरम पर होने के वक्त खुदरा निवेशकों ने खुला विद्रोह कर दिया था। वो हेज फंड किंगपिन की पॉजिशन के खिलाफ दांव लगाकर उन्हें गलत साबित करने की कोशिश कर रहे थे। आज हेज फंड और रॉबिनहुड पर डे ट्रेडर्स दोनों के लिए टॉप 10 होल्डिंग्स में मैग्निफिसेंट सेवन का दबदबा है।भारत की शानदार बढ़त: इसके विपरीत भारत का तेजी से बढ़ता बाजार बहुआयामी मजबूती पर आधारि�� है। शेयर बाजार में लाभ सभी क्षेत्रों में समान रूप से वितरित किया जाता है और किसी भी क्षेत्र ने पिछले वर्ष की तुलना में कुल रिटर्न का एक चौथाई भी नहीं दिया। ऐपल जैसी विशाल टेक कंपनियों ने अकेले अमेरिकी शेयर बाजार के लाभ का ��तना हिस्सा अपने नाम कर लिया है जितना भारत में कोई एक इंडस्ट्री नहीं कर पाई।जबकि भारत में लार्ज कैप स्टॉक्स में बढ़त हो रही है, मध्यम और छोटे शेयरों में और भी अधिक बढ़त हुई है। 2023 की शुरुआत से जमीन खोने के बजाय औसत स्टॉक 40% से अधिक बढ़ गया है। उभरते बाजारों में अब मूल्य के हिसाब से सभी स्मॉल कैप शेयरों में भारत की हिस्सेदारी 25% है, जो ताइवान, दक्षिण कोरिया और चीन सहित किसी भी अन्य देश से अधिक है। बुलिश घरेलू निवेशक: ऐसी धारणा है कि चीन से पैसा निकलने से भारत को फायदा हो रहा है। दरअसल, विदेशी धन आ रहा है, लेकिन घरेलू धन जितनी मात्रा में नहीं। इस कारण, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के पास अब पब्लिक ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध 40% से भी कम स्टॉक हैं, जो एक दशक पहले के 60% से कम थे।एआई निर्मित आशावाद के बजाय भारत को इक्विटी कल्चर के प्रसार से बढ़ावा मिल रहा है क्योंकि बढ़ती आय के साथ लोगों का रुझान शेयर बाजार में निवेश की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। भारतीयों का 'सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लांस' में रखा पैसा पिछले दो वर्षों में तीन गुना होकर लगभग 110 अरब डॉलर हो गया है।मजबूत विकास: ब्लूमबर्ग डेटा के मुताबिक, पिछले दो दशकों में भारत में शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों की संख्या लगभग पांच गुना बढ़कर 2,800 हो गई है जिनमें एक करोड़ डॉलर से कम मूल्य वाले माइक्रो कैप शामिल नहीं हैं। इस बीच, अमेरिका में यह संख्या एक चौथाई घटकर 4,700 रह गई, जहां कुलीनतंत्र ने केवल तकनीक ही नहीं, बल्कि अधिकांश उद्योगों पर मजबूत पकड़ बनानी शुरू कर दी।दूसरी तरफ, भारत में लगभग 180 कंपनियां इस दशक में कम से कम तीन गुना हो गई हैं और अब उनका मूल्य 1 अरब डॉलर या उससे अधिक है। यह किसी भी अन्य देश से काफी आगे है, जिसमें 160 से कम के साथ अमेरिका और 80 से कम के साथ चीन शामिल है।ज्यादातर शेयर बाजारों में समय की धारा से इतर वृद्धि देखी जाती… http://dlvr.it/T3TVXF
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sharpbharat · 11 months ago
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jamshedpur former students of St. Mary's English School- पूर्व छात्रों को वंचितों का समर्थन करना चाहिए,सेंट मेरी इंग्लिश स्कूल के 80 वर्ष पूरे होने पर पुनर्मिलन समारोह आयोजित, पुरानी यादों को ताजा कर हुए भावुक
जमशेदपुर: रविवार को सेंट मेरी एलुमनी एसोसिएशन के पहले पुनर्मिलन के दौरान पूर्व छात्रों को समाज और वंचितों के लिए कुछ प्रोत्साहित किया गया, जो कि बिस्टुपुर में अल्मा मेटर सेंट मेरी इंग्लिश हाई स्कूल के 80 साल पूरे होने के अवसर पर हुआ था.प्रसिद्ध शिक्षाविद् ललिता शरीन, समारोह की मुख्य अतिथि थीं. उन्होंने पूर्व छात्रों से, जो पूरे भारत और विदेशों से आये थे और स्कूल के सभागार में एकत्र हुए थे,…
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ragbuveer · 1 year ago
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06 अक्टूबर 2023 : आपका जन्मदिन
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
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#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*बृहस्पति शांति ग्रह मंत्र*
१. देवानाम च ऋषिणाम च गुरुं कांचन सन्निभम। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।
२. हर गुरुवार (गुरुवार के उपाय) को इस मंत्र के जाप से कुंडली में बृहस्पति मजबूत होंगे और शुभ परिणाम पहुंचाएंगे। बृहस्पति के मजबूत होने पर बुद्धि भी तीव्र बनेगी।
*बृहस्पति ग्रह को शांत करने के लिए क्या करना चाहिए?*
ऐसे में जातक को गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए और इस दिन भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी ��ी विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए। साथ ही ज्योतिष सलाह के बाद पुखराज धारण करना चाहिए। कमजोर ग्रहों की शांति के लिए दान को सबसे उपयोगी उपाय माना गया है। इसलिए गुरु ग्रह की शांति के लिए गरीबों को धन, वस्त्र और अन्न का दान अवश्य करें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
👍🏻👍🏻आध्यात्मिक गुरु 👍🏻राधे राधे 8764415587, 9610752236
जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ आपका स्वागत है #वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स की विशेष प्रस्तुति में। यह कॉलम नियमित रूप से उन पाठकों के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देगा जिनका उस दिनांक को जन्मदिन होगा। पेश है दिनांक 6 को जन्मे व्यक्तियों के बारे में जानकारी : दिनांक 6 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 6 होगा। अंक ज्योतिष के अनुसार आपका मूलांक 6 आता है। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति आकर्षक, विनोदी, कलाप्रेमी होते है। आपमें गजब का आत्मविश्वास के कारण आप किसी भी पारिस्थिति में डगमगाते नहीं है। आपको सुगंध का शौक होगा। आप अपनी महत्वाकांक्षा के प्रति गंभीर होते है 6 मूलांक शुक्र ग्रह द्रारा संचालित होता है। अत: शुक्र से प्रभावित बुराई भी आपमें पाई जा सकती है। जैसे स्त्री जाति के प्रति आपमें स्फ्ज झुकाव होगा। अगर आप स्त्री है। तो पुरुषों के प्रति आपकी दिलचस्पी होगी लेकिन आप दिल के बुरे नहीं है।
शुभ दिनांक : 6, 15, 25, 27, 29
शुभ अंक : 1, 3, 6, 15, 24, 33, 42, 51, 69, 78, 80
शुभ वर्ष : 2023, 2025,, 2027, 2029
ईष्टदेव : हनुमान,माँ सरस्वती और महालक्ष्मी
शुभ रंग : लाल, क्रीम, सफेद, लाल और बैंगनी
कैसा रहेगा यह वर्ष
जो विधार्थी सीए की परीक्षा देगे उनके लिए शुभ रहेगा। व्यापार व्यवसाय में भी सफलता रहेगी विवाह के योग भी बनेगे स्त्री पक्ष का सहयोग मिलने से प्रसन्नता रहेगी। नौकरीपेशा व्यक्ति अपने परिश्रम के बल पर उन्नति के हकदार होगे बैक परीक्षाओं में भी सफलता अर्जित करेगे दाम्पत्य जीबन में मिली जुली स्थिति रहेगी। आर्थिक मामलों में सभलकर चलना होगा।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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abhinews1 · 1 year ago
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के.डी. डेंटल कॉलेज में मना विश्व तम्बाकू निषेध दिवस
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के.डी. डेंटल कॉलेज में मना विश्व तम्बाकू निषेध दिवस
आम जनता को तम्बाकू के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराने तथा इससे बचाने के लिए के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल द्वारा 27 से 31 मई तक विविध कार्यक्रमों के माध्यम से तम्बाकू निषेध पर जन जागरूकता अभियान चलाया गया। इन कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को तम्बाकू का सेवन न करने की सलाह भी दी गई। संस्थान के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने अपने संदेश में कहा कि इस वर्ष के विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की थीम हमें भोजन की आवश्यकता है, तम्बाकू की नहीं- है। इस थीम का उद्देश्य तम्बाकू किसानों के लिए वैकल्पिक फसल उत्पादन और विपणन के अवसरों के बारे में जागरूक करने के साथ ही उन्हें पौष्टिक फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करना है। डॉ. लाहौरी ने बताया कि भारत तम्बाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता एवं उत्पादक देश है। विश्व स्तर पर तम्बाकू के सेवन से हर साल लगभग 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इस अवसर पर के.डी. मेडिकल कॉलेज के डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने बताया कि विश्व भर में धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसकी वजह से महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसमें गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर और हृदय संबंधी जोखिम इत्यादि शामिल हैं। डॉ. अशोका ने तम्बाकू के सेवन से होने वाली परेशानियों से मरीजों और अटेंडरों को अवगत कराया। ज्ञातव्य है कि के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, मथुरा के लोक स्वास्थ्य दंत चिकित्सा विभाग द्वारा 27 मई को जिला कारागार में कैदियों को तम्बाकू सेवन से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराया गया। इस अवसर पर डॉ. मनीष भल्ला, डॉ. उपेंद्र पाल सिंह सोलंकी (एसएमओ) और बृजेश सिंह, जेल अधीक्षक द्वारा शैक्षिक सामग्री का विमोचन किया गया तथा छात्र-छात्राओं द्वारा जेल बंदियों और जेल अधिकारियों के सामने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। 30 मई को संस्थान में स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें इस वर्ष की थीम के अनुरूप इंस्टाग्राम रील मेकिंग और इन्फोग्राफिक डिजाइनिंग प्रतियोगिताएं शामिल थीं। बुधवार 31 मई को संकाय सदस्यों और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में ओ.पी.डी. क्षेत्र में रोगियों को शैक्षिक पम्पलेट वितरित करने के साथ ही के.डी. डेंटल और के.डी. मेडिकल कॉलेज में छात्र-छात्राओं द्वारा नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए गए। अंत में प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी, लोक स्वास्थ्य दंत चिकित्सा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. नवप्रीत कौर और डॉ. रूपाली गुप्ता द्वारा विजेता ��्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
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ias-next-lucknow · 2 years ago
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बंगाल की खाड़ी में आज चक्रवाती तूफान ‘मोचा’ की आशंका
दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने से 7 मई को चक्रवाती तूफान की संभावना बन रही है। यह वर्ष का पहला चक्रवात होगा। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने इस संभावित तूफान को ‘चक्रवात मोचा’ नाम दिया है। मोचा बंगाल के साथ ही समूचे उत्तर भारत के मौसम पर असर डालेगा और 9 से 12 मई के बीच तेज हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना है। आईएमडी ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (जीएफएस) मॉडल ने कहा है कि मोचा 12 मई तक उत्तर, उत्तर-पूर्व और पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ेगा। मई 2020 में आए सुपर साइक्लोन अम्फान ने कोलकाता सहित लगभग पूरे दक्षिण बंगाल को तबाह कर दिया था।
चक्रवात बनने के लिए अनुकूल परिस्थितियां
विंडी डॉट कॉम ने बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने के लिए परिस्थित���यां अनुकूल बताई है।
बंगाल की खाड़ी के ऊपर उष्णकटिबंधीय चक्रवात की ताप क्षमता 100 किलोजूल प्रति वर्ग सेमी. (केजे/सेमी) से अधिक है। किलोजूल ऊर्जा मापने की एक इकाई है। यह ताप क्षमता समुद्र की ऊपरी परतों में जमा होने वाली ऊष्मा की मात्रा को इंगित करती है।
अध्ययनों के अनुसार 60 किलोजूल प्रति वर्ग सेमी. से ऊपर की ताप क्षमता उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की तीव्रता को बढ़ा सकती है।
इस साल अल-नीनो के गर्म होने की संभावना
डब्ल्यूएमओ के अनुसार इस साल मई-जुलाई के दौरान अल-नीनो के विकसित होने की 60% संभावना है। यह जून-अगस्त में लगभग 70% और जुलाई-सितंबर के बीच 80% तक बढ़ जाएगा।
अल-नीनो औसतन हर 2 से 7 साल में होता है, जो 9 से 12 महीने रहता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक अल-नीनो की स्थितियां मानसून के दौरान विकसित हो सकती हैं और मानसून के दूसरे चरण में इसका असर महसूस हो सकता है। यह पूर्वानुमान कृषि क्षेत्र के लिए चिंता का सबब है।
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sphhindi · 2 years ago
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मीनाक्षी सुंदरेश्वर तिरुकल्याणम
हिंदू परंपरा के अनुसार, यह एक आम धारणा है कि विवाहित जोड़ों को सिर्फ एक जन्म नहीं बल्कि सात जन्मों तक साथ रहना होता है। सात जीवन तो बहुत दूर की बात है लगभग सात वर्ष- अमेरिकी राष्ट्रीय जनगणना ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि तलाक में समाप्त होने वाले विवाह की औसत अवधि लगभग 8 वर्ष थी।
संयुक्त राज्य अमेरिका में तलाक की दर को अक्सर लगभग 40-50% के रूप में बताया  जाता है, जिसका अर्थ है कि सभी विवाहों में से लगभग आधे तलाक में समाप्त होते हैं। इसके विपरीत, अध्ययनों में पाया गया है कि हिंदुओं के बीच तलाक की दर भारत में बमुश्किल 0.7% और अमेरिका में 5% थी, जो अमेरिका में उनके साथियों की तुलना में क्रमशः 64 गुना और 9 गुना कम है।
अध्ययनों से पता चला है कि स्थिर विवाह बच्चों को उनके साथियों पर स्पष्ट लाभ देता है जैसे शैक्षणिक सफलता (25% अधिक), व्यवहार संबंधी कम समस्याएं, बेहतर सामाजिक कौशल, बेहतर मानसिक स्वास्थ्य, अपने माता-पिता और साथियों के साथ बेहतर संबंध, जोखिम भरे व्यवहार की कम संभावना ( जैसे मादक द्रव्यों का सेवन या आपराधिक गतिविधि)। विशेष रूप से यदि हम हिंदू समुदाय के लिए इन्हीं पहलुओं का अध्ययन करते हैं, तो हम पाते हैं कि हिंदू समुदाय में पैदा हुए बच्चों को अपने हमउम्र साथियों की तुलना में अधिक लाभ मिलता है और यह हिंदू परिवार की स्थिरता में निहित है। उदाहरण के लिए, हिंदू समुदाय में स्नातकोत्तर की संख्या सबसे अधिक है और उच्चतम शिक्षा दर (राष्ट्रीय औसत से 2500% अधिक), उनके साथियों की तुलना में डॉक्टर बनने की संभावना 4 से 5 गुना अधिक है, शीर्ष कंपनियों मे सीईओ बनने की संभावना 8 गुना अधिक है। हिंदू सबसे अधिक कमाई करने वाले और कर देने वाले समूह हैं, उनकी अपराध दर सबसे कम है और निर्विवाद रूप से यह सबसे छोटी जेल आबादी है (दूसरों की तुलना में लगभग 1/10)। इन सभी लाभों के अलावा, ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स यूके द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि हिंदू समुदाय के लोग देश में सबसे खुश लोग थे। केवल खुशी के मामले में ही नहीं, संबंधों और पारिवारिक मामलों में हिंदू सिद्धांतों के प्रयोग में दुनिया को बेहतर बनाने की क्षमता है, और विश्व अर्थव्यवस्था पर गहरा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अमेरिका में एकल माता-पिता की संख्या लगातार बढ़ रही है, अमेरिका में 25% से अधिक परिवार एकल माता-पिता वाले  हैं। इस तरह के कारकों के परिणामस्वरूप अमेरिकी घरों में परिवार की इकाई का आकार बहुत छोटा होता है, जो कि हिंदू समुदाय के लिए प्रति घर औसतन 4.5 लोगों की तुलना में प्रति परिवार औसतन 2.5 लोग हैं। हिंदू समुदाय की तुलना में परिवार के आकार में यह कमी अमेरिकी परिवारों पर 21 ट्रिलियन डॉलर का अतिरिक्त बोझ और राज्य पर 16 ट्रिलियन डॉलर का बोझ डालता है।
परिवार इकाई की स्थिरता की कमी के अन्य निहितार्थ हैं, और सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा सेवाओं पर भारी खर्च करने के बावजूद, 63 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का सुरक्षा बोझ अभी भी अनुपस्थित है। इसके विपरीत हिंदू समुदायों में, ये अतिरिक्त लागत वस्तुतः अनुपस्थित हैं क्योंकि लोगों की देखभाल उनके निकट परिवार, उनके विस्तारित परिवार और बड़े हिंदू समुदाय द्वारा की जाती है। रिश्तों और पारिवारिक मामलों में हिंदू सिद्धांतों को लागू करने का कुल लाभ लगभग $100 ट्रिलियन अमरीकी डालर होगा, जो कि पूरे विश्व के लगभग $80 ट्रिलियन (वर्ष 2021 के लिए) के सकल घरेलू उत्पाद से भी अधिक है। व्यक्तिगत संबंधों और पारिवारिक मामलों में हिंदू सिद्धांतों को लागू करने के बहुत सारे लाभ हैं। इन हिंदू सिद्धांतों को कोई भी अपना सकता है और लागू कर सकता है।
लगभग 5 सहस्राब्दी से प्रत्येक वर्ष, हिंदू देवी मीनाक्षी और सोमसुंदरेश्वर स्वामी- भगवान परमशिव(प्राचीन हिंदु देवता) के  अवतार और देवी मीनाक्षी के दिव्य विवाह समारोह और अलौकिक मिलन का आयोजन करते हैं। यह भव्य विवाह समारोह दिव्य जोड़े की शाश्वत एकता का प्रतीक है। रानी के रूप में देवी मीनाक्षी की भव्यता जिसने उस युग के पूरे विश्व को जीत लिया था, हिंदू धर्म में मातृवादी पारिवारिक मूल्यों की पहचान है।
देवी मीनाक्षी और भगवान सोमसुंदरेश्वर सैकड़ों वर्षों तक एक साथ रहे और उन्होंने पृथ्वी ग्रह पर प्रबुद्ध सभ्यता का निर्माण किया, और जब समय आया, तो दोनों ने अपने शारीरिक अस्तित्व को एक साथ छोड़ दिया और सांसारिक तल से कैलाश पर चढ़ गए। और उनके शरीर छोड़ने के बाद भी, उनके दिव्य अलौकिक मिलन की घटना समाप्त नहीं हुई है,  पांच सहस्राब्दी से भी अधिक समय से हर वर्ष हिंदू इस दिव्य विवाह का उत्सव मनाते रहते हैं, जो असाधारण बात है। उनका विवाह शाश्वत है, जिसका कोई अंत नहीं है, जो संपूर्ण मानवता के लिए दिव्य आशीर्वाद और प्रेरणा का स्रोत है।
मीनाक्षी सुंदरेश्वर तिरुकल्याणम के शुभ अवसर पर, हमारे पास विवाह समारोह में तिरुकल्याणम सेवा - सेवाएं प्रदान करने का दुर्लभ विशेषाधिकार प्राप्त अवसर है - और हमारे संबंधों की स्थिरता और हमारे पूरे परिवार के ज्ञान के लिए हमारे जीवन में उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
केवल हर्ष के मामले में ही नहीं, संबंधों और पारिवारिक मामलों में भी हिंदू सिद्धांतों के प्रयोग में विश्व को बेहतर बनाने की क्षमता है, और हम सभी के पास हिंदू सभ्यता मूलक राष्ट्र - कैलाश के इस भव्य पुनर��त्थान का हिस्सा बनने का मौका है।
अपनी सेवा अर्पित करें:events.kailaasa.org/chithirai-peruvizha/
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid0AHDqPqjpYKjE6FU4Wjdte22EBxNaoZkRfb3CSqmAHsNwJCmCiXzRqhYe7KvZfXZ3l&id=100044485207419&mibextid=Nif5oz
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nidarchhattisgarh · 2 years ago
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मवेशियों के कारण होने वाली घटना दुर्घटनाओं पर विधायक वोरा ने चिंता जताई : खुले में घूमने वाले मवेशियों को पकड़ने अभियान चलाने कहा
NCG NEWS DESK दुर्ग / नगर निगम एरिया में हजारों मवेशियों के सड़क पर खुले में घूमने और इनसे होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर विधायक अरुण वोरा ने गहरी चिंता जताई है। बुधवार को दो सांडों की लड़ाई के कारण शिव नगर डोंगिया तालाब पार निवासी रूखमीन बाई (80 वर्ष) की मौत होने के बाद वोरा ने निगम अधिकारियों को लगातार रोका छेका अभियान चलाने कहा है। वोरा आज पीड़ित परिवार से मिलने भी गए। सांडों की लड़ाई में एक अन्य…
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prabudhajanata · 2 years ago
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रायपुर - (congress) कांग्रेस ने राज्य मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित नई नक्सल नीति का स्वागत किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भूपेश सरकार ने राज्य में नक्सलवाद के उन्मूलन तथा शांति की बहाली के लिये ठोस प्रयास किये। अब नक्सल प्रभावितो तथा सुरक्षा बलो के जवानों और जनसामान्य को नक्सल नीति से राहत देने का विशेष प्रावधान होने पर सरकार के प्रति सभी का भरोसा बढ़ेगा तथा राज्�� में शांति बहाली की गति में तेजी आयेगी साथ ही सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और सामरिक रूप से भी नक्सलवादियों का मुकाबला संभव हो पायेगा। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश सरकार के द्वारा नक्सलवाद को खत्म करने चलाई जा रही विश्वास विकास और सुरक्षा के नीति स्पष्ट दबाव नक्सलियों के ऊपर दिख रहे हैं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य कराए जा रहे हैं शिक्षा का प्रकाश फैलाया जा रहा है रोजगार दिया जा रहा है उनके कानूनी अधिकार दिए जा रहे हैं और सुरक्षा दी जा रही है जिसके चलते आज नक्सलियों की कमर टूटी है सुरक्षा में लगे जवानों नक्सलियों के गोली का जवाब गोली से दे रहे हैं। नक्सलियों को पीछे खदेड़ हैं और सरकार की नीतियों का स्पष्ट दबाव नक्सलियों पर दिख रहे हैं नक्सली अब हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करें और समाज के मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं बीते 4 साल में प्रदेश में नक्सलवादी गतिविधियों में 80 प्रतिशत की कमी हुई है नक्सलियों के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी हुई है एनकाउंटर हुआ है अब नक्सली छत्तीसगढ़ छोड़कर भाग रहे। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि वर्ष 2008 से लेकर 2018 तक के आंकड़ों को यदि देखा जाए तो इस दौरान राज्य में नक्सली हर साल 500 से लेकर 600 हिंसक घटनाओं को अंजाम देते थे, जो कि बीते साढ़े तीन वर्षों में घटकर औसतन रूप से 250 तक रह गई है। वर्ष 2022 में अब तक मात्र 134 नक्सल घटनाएं हुई हैं, जो कि 2018 से पूर्व घटित घटनाओं से लगभग चार गुना कम हैं। राज्य में 2018 से पूर्व नक्सली मुठभेड़ के मामले प्रतिवर्ष 200 के करीब हुआ करते थे, जो अब घटकर दहाई के आंकड़े तक सिमट गए हैं। वर्ष 2021 में राज्य में मुठभेड़ के मात्र 81 और वर्ष 2022 में अब तक 41 मामले हुए थे। नक्सलियों के आत्मसमर्पण के मामलों में भी तेजी आई बीते साढ़े तीन वर्षों में 1589 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह आंकड़ा 10 वर्षों में समर्पित कुल नक्सलियों की संख्या के एक तिहाई से अधिक है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि वहीं, बस्तर संभाग के 589 गांवों के पौने छह लाख ग्रामीण नक्सलियों के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं। इनमें सर्वाधिक 121 गांव सुकमा जिले के हैं। दंतेवाड़ा जिले के 118 गांव, बीजापुर जिले के 115 गांव, बस्तर के 63 गांव, कांकेर के 92 गांव, नारायणपुर के 48 गांव और कोंडागांव के 32 गांव नक्सल प्रभाव से मुक्त हुए हैं। भूपेश सरकार के प्रयासों से लगातार नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं, पिछले डेढ़ सालों में अब तक 500 से ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, इनमें 137 नक्सलियों पर ईनाम घोषित है।
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emkanews7 · 2 years ago
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Online ITR file कैसे करें 2023
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Online ITR file
ताकि सरकार उन पर आपसे एक निश्चित लैब के अंतर्गत टैक्स वसूली कर सके अब आप लोगों के मन में सवाल आएगा कि आखिर में ऑनलाइन ITR फाइल कैसे करते हैं, उसकी प्रक्रिया क्या होती है अगर आप इसके बारे कुछ भी नहीं जानते हैं तो हम आपसे निवेदन करेंगे कि हमारे साथ आर्टिकल पर आखिर तक बने रहे हैं चलिए शुरू करते हैं
ITR क्या होता है ?
(ITR) की फुल फॉर्म Income Tax Return होती है। कें��्र सरकार के द्वारा सालाना आय पर जो टैक्स लिया जाता है उसे हम लोग इनकम टैक्स कहते हैं या एक प्रकार का आवेदन पत्र होता है जिसमें आपको अपने आज संबंधित सभी प्रकार के जानकारी का विवरण देना होता है उसके मुताबिक की सरकार आपसे टैक्स यहां पर वसूली करेगी आपसे जो भी पैसे लिए जाते हैं उन सभी पैसों का इस्तेमाल देश के विकास के लिए किया जाता है इसलिए एक भारतीय नागरिक होने के कारण आप को ईमानदारी साथ सरकार को टैक्स देना चाहिए हमारी हर व्यक्ति को अपनी आय के अनुसार ही इनकम टैक्स भरना होता है। जब कोई भी व्यक्ति आइटीआर फॉर्म फिल अप करता है तो और उसने अधिक टैक्स अगर दे दिया है तो उसके पैसे तुरंत टैक्स विभाग के द्वारा वापस चले जाते हैं इनकम टैक्स हर वर्ष भर जाता है और जो भी कंपनी बिजनेस करती है उसे भी आरटीआई रिटर्न भरना पड़ता है  इनकम टैक्स कई रूप में हो सकती है जैसे की – इनकम टैक्स रिटर्न ब्याज, पूँजीगत बेनिफिट, बिजनेस में बेनिफिट, इनकम सैलरी आदि सबसे महत्वपूर्ण बात है कि अगर कोई भी कंपनी या व्यक्ति ITR file रिटर्न नहीं करती है, तो उसे भारी जुर्माना का सामना करना पड़ता है और साथ में उसको पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है इसलिए आप कभी भी अपनी इनकम को सरकार से छुपाने की कोशिश ना करें I
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Online ITR file कैसे करें
कौन-कौन फाइल कर सकता है
- इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 139(1) के मुताबिक ₹250000 से अधिक अगर आपकी चलाना इनकम है तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल भरना होगा - भारत में जितनी सरकारी या फिर प्राइवेट कंपनियां कार्य करती है उन सभी को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होता है - अगर कोई व्यक्ति विदेश में अपना बिज़नेस करता है भारत का निवासी है तो उसे भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा - अगर कोई बूढ़ा व्यक्ति 80 साल का है और ��सकी इनकम 1000000 या उससे अधिक है तो ऐसी स्थिति में भी उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा - अगर किसी व्यक्ति की उम्र 80 साल और 60 साल ��े कम है तो और उसकी वार्षिक इनकम 300000 या उससे अधिक है तो उस व्यक्ति को भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा - भारत के सभी स्कूल, यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल, या  इंस्टिट्यूट इनकम के मुताबिक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा I  - अगर आप विदेश में रहते हैं लेकिन कमाई आप भारत से कर रहे हैं तो ऐसी स्थिति में भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा - अगर किसी व्यक्ति ने वीसा के लिए आवेदन किया है तो उस व्यक्ति को भी इनकम टैक्स फाइल करना आवश्यक होता है। - अगर कोई व्यक्ति विदेश यात्रा में दो लाख से अधिक का खर्चा करता है तो उस व्यक्ति को भी आईटीआर फाइल करनी होगी। 
ITR file क्‍या लाभ होगा
ITR फ़ाइल करने के लाभ -: ITR भरने से लोन लेने में आसानी अपने मित्र समय पर आईटीआई फाइल करते हैं तो आपको लोन लेने में आसानी होगी क्योंकि जब आप बैंक में लोन लेने के लिए जाएंगे तो बैंक आपकी पूरी क्रेडिट हिस्ट्री को चेक करेगा और अगर आपका इनकम अच्छा है और आप आरटीआई फाइल करते हैं तो लोन आपको आसानी से मिल जाएगा बिज़नेस बढ़ाना आईटीआई के मदद से आप अपने बिजनेस को बढ़ा भी सकते हैं क्योंकि जो व्यक्ति सही वक्त पर आरटीआई फाइल करता है तो ऐसे कंपनियों के साथ दूसरी कंपनी बिजनेस करना पसंद करती है क्योंकि उनको लगता है कि आप अपना काम ईमानदारी के साथ करते हैं इसलिए आप अपने बिजनेस को भी इसके माध्यम से बढ़ा सकते हैं इसलिए सही वक्त पर आप आईटीआई फाइल करें आसानी से प्रॉपर्टी खरीद सकते है तो दोस्तों अगर आप प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करना पसंद करते है तो भी आपको आईटीआर भरनी चाहिए क्योंकि अगर आप कोई बड़ी प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हो तो उसके लिए आपको अधिक पेसो की आवश्यकता पड़ेगी जिसके लिए आपको बैंक की आवश्यकता पढ़ती है और अगर आप बैंक से अधिक पैसे निकलते हो तो इनकम टैक्स आपके पास राइड भी कर सकती है, परन्तु अगर आप आईटीआर भटरते है तो आपके हर किसी पैसे की जानकारी इनकम टैक्स वालो को रहेगी जिससे की आपको अधिक पैसे लाने या देने में कोई परेशानी की बात नहीं होगी।
बड़ा बीमा करवाने में आसानी
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बड़ी कम्पनिया बीमा करने के लिए आईटीआर मांगती है और जब वह आपकी आईटीआर देखेंगे तो वह अधिक से अधिक बीमा देने का प्रयास करेंगे। आईटीआर की मदद से वीसा मिलने में भी आसानी होती है। आईटीआर एड्रेस प्रूफ के भी काम आता है
आईटीआर क्यों फाइल करना चाहिए?
पेनल्टी से बचने के लिए
यदि आप आईटीआर नहीं भरते हैं तो आप पर 5,000 रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है। कैलाबार इनकम टैक्स 1961 अधिनियम के अनुसार अगर आप आईटीआई फाइल नहीं करते हैं तो आप उसे जुर्माना के साथ ब्याज भी बस में जा सकता है
कानूनी कार्रवाई
सही वक्त पर अगर आप आइटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आपको कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है और कई मामलों में तो आप को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है इसलिए अगर आप कानूनी कार्रवाई से बचना चाहते हैं तो आप सही वक्त पर आईटीआर फाइल कर दे
लोन अप्रूवल
यदि आपने पहले हमेशा समय पर आईटीआर फाइल क��या है तो आपको आसानी से लोन मिल सकता है। 
वीजा
जब आप वीजा के लिए अप्लाई करते हैं तो आपको दूतावास में आईटीआई हिस्ट्री सबमिट करने के लिए कहा जाता है अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको वीजा मिलने में समस्या हो सकती है voter लिस्ट मे नाम कैसे देखे 2023 hindi text को image पर कैसे लिखें 2023
ITR file कैसे करेंगे 
-  सबसे पहले इनकम टैक्स विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं - यदि आप ई-फाइलिंग में नए है तो पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें -  अगर आप पहले से रजिस्ट्रेशन किया हुआ है तो, लॉग-इन करें। लॉग-इन करने के लिए अपनी यूज़र आईडी और अपना पासवर्ड दर्ज करें - लॉगइन होने के बाद आपके सामने‘e-file’ टैब के तहत ‘File Income Tax Return’ का ऑप्शन नज़र आएगा उस पर आपको क्लिक करना है - बाप के सामने एक नया पेज ओपन होगा जहां आपको उस असेसमेंट ईयर को चुनें जिसके लिए आप आईटीआर फाइल करना चाहते हैं, और “Continue” पर क्लिक करें। - उसके बाद आपको नीचे एक तरफ ऑनलाइन मोड ऑप्शन को सिलेक्ट करना होगा  - अब आपको अपने धर्म का विवरण यहां पर देना होगा चुनें कि आप एक व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), या किस अन्य रूप में अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना चाहते हैं। ‘individual’ का विकल्प चुनें। फिर “Filling Type” में जाकर 139(1)- Original Return सलेक्ट करें और फिर अपनी कैटेगरी के आधार पर वह “ITR FORM” सलेक्ट करें जिसे आप फाइल करना चाहते हैं। - अब आपके सामने आइटीआर फाइल करने का आवेदन पत्र ओपन होगा - इसके बाद अपना रिटर्न फाइल करने का कारण दर्ज करें। - के बाद आपको अपने अपने बैंक अकाउंट संबंधी जानकारी दर्ज करें।  -  फिर आपको अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए एक नए पेज पर भेजा जाएगा।  - पर आपके द्वारा दर्ज की गई सभी प्रकार की जानकारी होगी आप अपनी जानकारी को चेक करेंगे और उसके बाद.इसे वैलिडेट करें। - इसके बाद आप आप आधार OTP या EVC (इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड) का उपयोग करके इलेक्टॉनिक रूप से या फिर ई-फाइलिंग की तारीख से 120 दिनों के भीतर ITR V का साइन किया हुआ प्रिंटआउट, सीपीसी बैंगलोर के लिए भेजकर अपना टैक्स रिटर्न वेरीफाई कर सकते हैं - एक बार आपका रिटर्न फाइल हो जाता है तो उसके बाद आपको अपने एक बार आपका रTR V की रसीद आपके ईमेल आईडी पर भेज दिया जाएग�� - बाप ने जो आपने आइटीआर फाइल दाखिल किया है उसकी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू क�� जाएगी और आपकी रजिस्टर की हुई ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर पर आपको इसकी सूचना मिल  - अगर आप आसानी से ऑनलाइन ITR  फाइल कर सकते हैं I  Read the full article
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ashok-kumars-world · 2 years ago
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*सभी को स्वास्थ्य दिवस की शुभकामनाएं*
🄷🄰🄿🄿🅈 🄸🄽🅃🄴🅁🄽🄰🅃🄸🄾🄽🄰🄻
🄷🄴🄰🄻🅃🄷 🄳🄰🅈
ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें:
1. बीपी: 120/80
2. नाड़ी :70 -100
3. तापमान: 36.8 - 37
4. श्वास: 12-16
5. हीमोग्लोबिन: पुरुष -13.50-18
स्त्री -11.50 - 16
6.कोलेस्ट्रॉल: 130 - 200
7.पोटेशियम: 3.50 - 5
8. सोडियम: 135 - 145
9. ट्राइग्लिसराइड्स: 220
10. शरीर में खून की मात्रा: पीसीवी 30-40%
11. शुगर लेवल: बच्चों (70-130) वयस्कों के लिए: 70 - 115
12. आयरन :8-15 मिलीग्राम
13. श्वेत रक्त कोशिकाएं WBC: 4000 - 11000
14. प्लेटलेट्स: 1,50,000- 4,00,000
15. लाल रक्त कोशिकाएं आरबीसी: 4.50 - 6 मिलियन।
16. कैल्शियम: 8.6 -10.3 mg/dL
17. विटामिन डी3: 20 - 50 एनजी/एमएल।
18. विटामिन B12: 200 - 900 पीजी/एमएल।
*40/50/60 वर्ष वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुझाव:*
*1- पहला सुझाव:* प्यास या ज़रूरत न होने पर भी हर समय पानी पिएं, सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं और उनमें से ज्यादातर शरीर में पानी की कमी के कारण होती हैं। प्रति दिन कम से कम 2 लीटर। *2-दूसरा निर्देश:* शरीर से जितना हो सके उतना काम करें, शरीर का मूवमेंट होना चाहिए, जैसे चलना, तैरना, या किसी भी तरह का खेल।
*3-3 टिप:* कम खाएं... ज्यादा खाने की लालसा छोड़ें... क्योंकि इससे कभी अच्छा नहीं होता। अपने आप को वंचित मत करो, बल्कि मात्रा कम करो। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक प्रयोग करें।
*4- चौथी हिदायत:* वाहन का प्रयोग तब तक न करें जब तक कि अत्यंत आवश्यक न हो। यदि आप कहीं भी किराने का सामान लेने जा रहे हैं, किसी से मिल रहे हैं, या कोई काम कर रहे हैं, तो अपने पैरों पर चलने की कोशिश करें। लिफ्ट, एस्केलेटर का इस्तेमाल करने के बजाय सीढ़ियां चढ़ें।
*5- 5वां निर्देश* गुस्सा छोड़ दें, चिंता करना छोड़ दें, बातों को इग्नोर करने की कोशिश करें। अपने आप को परेशानी वाली स्थितियों में शामिल न करें, वे सभी स्वास्थ्य को खराब करते हैं और आत्मा की महिमा को हर लेते हैं। सकारात्मक लोगों से बात करें और उनकी बात सुनें।
*6- छठा निर्देश* सबसे पहले धन का मोह त्याग दें
अपने आसपास के लोगों से जुड़ें, हंसें और बात करें! पैसा जीवित रहने के लिए बनाया जाता है, जीवन पैसे के लिए नहीं।
*7- 7वाँ नोट* अपने लिए, या किसी ऐसी चीज़ ��े बारे में खेद महसूस न करें जिसे आप हासिल नहीं कर सके, या ऐसी किसी चीज़ के बारे में जिसका आप सहारा न ले सकें। इसे अनदेखा करें और इसे भूल जाएं।
*8- आठवीं सूचना* धन, पद, प्रतिष्ठा, शक्ति, सौंदर्य, जाति और प्रभाव; ये सब चीजें अहंकार को बढ़ाती हैं। विनम्रता लोगों को प्यार से करीब लाती है।
*9- नौवां टोटका* अगर आपके बाल सफेद हैं तो इसका मतलब जीवन का अंत नहीं है। यह एक अच्छे जीवन की शुरुआत है। आशावादी बनो, स्मृति के साथ जियो, यात्रा करो, आनंद लो। यादें बनाएं!
*10-10वां निर्देश* अपने छोटों से प्यार, सहानुभूति और स्नेह से मिलें! कुछ भी व्यंग्यात्मक मत कहो! अपने चेहरे पर मुस्कान रखें!
भूतकाल में आपने कितना भी बड़ा पद क्यों न धारण किया हो, उसे वर्तमान में भूल जाइए और सभी के साथ घुलमिल जाइए!
*हैप्पी हेल्थ डे*🌲
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medtalks01 · 2 years ago
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लिंफोमा क्या है? What is lymphoma?
लिंफोमा या लिम्फोमा कैंसर के लिए एक शब्द है जो आपके लसीका तंत्र (lymphatic system) में शुरू होता है। लिंफोमा के दो प्रमुख वर्ग हैं: हॉजकिन लिंफोमा (hodgkin lymphoma) और गैर-हॉजकिन लिंफोमा (non-Hodgkin lymphoma)। यहां, हम लिम्फोमास (lymphomas) पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो वयस्कों को प्रभावित करते हैं।
लसीका प्रणाली क्या है? What is lymphatic system?
आपका लसीका तंत्र आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को आपके शरीर को संक्रमण और बीमारी से बचाने में मदद करता है। आपके लिम्फ नोड्स (lymph nodes) संक्रमण के खिलाफ लड़ने के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़े रहते हैं। वे सफेद रक्त कोशिकाओं (white blood cells) (लिम्फोसाइट्स – lymphocytes) का उत्पादन करते हैं जो संक्रमण से लड़ने के लिए गुणा करते हैं। इनमें एंटीबॉडी बनाने वाली बी-कोशिकाएं (B-cells) और अस्वस्थ या संक्रमित कोशिकाओं (infected cells) को पहचानने और नष्ट करने वाली टी-कोशिकाएं (T-cells) शामिल हैं।
लिंफोमा तब होता है जब आपकी श्वेत रक्त कोशिकाओं में से एक तेजी से बढ़ने वाली कैंसर कोशिकाओं (cancer cells) में बदल जाती है जो मरती नहीं हैं। ये कैंसर कोशिकाएं आपके लिम्फ नोड्स या आपके अस्थि मज्जा (bone marrow), प्लीहा (spleen) या अन्य अंगों सहित अन्य क्षेत्रों में विकसित हो सकती हैं।
क्या लिंफोमा एक आम बीमारी है? Is lymphoma a common disease?
वयस्क गैर-हॉजकिन (adult non-hodgkin) का लिंफोमा तीन लिम्फोमा प्रकारों में सबसे आम है। हर साल, 100,000 में लगभग 20 लोगों में गैर-हॉजकिन के लिंफोमा का निदान किया जाता है और 100,000 में 3 वयस्कों में वयस्क हॉजकिन के लिंफोमा का निदान किया जाता है।
लिंफोमा किसे प्रभावित करता है? Who does lymphoma affect?
प्रत्येक लिंफोमा प्रकार अलग-अलग लोगों को प्रभावित करता है:
गैर-हॉजकिन लिंफोमा देर से वयस्कता (60 से 80 वर्ष की आयु) में और महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक आम है।
हॉजकिन लिंफोमा प्रारंभिक वयस्कता (20 से 39 वर्ष की आयु) और देर से वयस्कता (65 वर्ष और अधिक उम्र) में अधिक आम है। पुरुषों में वयस्क हॉजकिन के लिंफोमा विकसित होने की संभावना महिलाओं की तुलना में थोड़ी अधिक होती है।
लिंफोमा के लिए जीवित रहने की दर क्या हैं? What are the survival rates for lymphoma?
प्रारंभिक निदान और अधिक प्रभावी उपचार का मतलब है कि निदान के पांच साल बाद अधिक लोग लिंफोमा के साथ जी रहे हैं। निदान के पांच साल बाद हॉजकिन लिंफोमा वाले लगभग 90% लोग जीवित हैं। गैर-हॉजकिन लिंफोमा वाले 70% से अधिक वयस्क निदान के पांच साल बाद जीवित हैं।
लिंफोमा के लक्षण क्या हैं? What are the symptoms of lymphoma?
लिम्फोमा के कई लक्षण अन्य बीमारियों के समान होते हैं। इन लक्षणों के होने का मतलब यह नहीं है कि आपको लिंफोमा है। लेकिन अगर आपको ऐसे लक्षण हैं जो कई हफ्तों तक बने रहते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करनी चाहिए। लिंफोमा के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं :- 
आपकी गर्दन, बगल या ग्रोइन में एक या एक से अधिक लिम्फ नोड्स में दर्द रहित सूजन।
लगातार थकान।
अस्पष्टीकृत बुखार।
भीगने वाली रात को पसीना आता है।
साँसों की कमी।
अस्पष्टीकृत वजन घटाना।
त्वचा में खुजली।
लिंफोमा के क्या कारण हैं? What are the causes of lymphoma? 
यद्यपि अधिकांश कैंसर यादृच्छिक संयोग (random coincidence) से उत्पन्न होते हैं, शोधकर्ताओं ने निम्नलिखित स्थितियों या परिस्थितियों की पहचान की है जो आपके जोखिम को बढ़ा सकती हैं:
यदि आपके पास एचआईवी (HIV), एपस्टीन-बार (epstein-barr) (मोनोन्यूक्लिओसिस – mononucleosis) और कपोसी सार्कोमा ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (Kaposi sarcoma human immunodeficiency virus) सहित वायरस हैं या हैं।
आपके पास लिंफोमा का पारिवारिक इतिहास है।
आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली बीमारी या चिकित्सा उपचार जैसे अंग प्रत्यारोपण (organ transplant) से समझौता या कमजोर हो जाती है।
आपको ऑटोइम्यून बीमारी (autoimmune disease) है। एक ऑटोम्यून्यून बीमारी तब होती है जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली इसे बचाने के बजाय गलती से आपके शरीर पर हमला करती है।
आपको कुछ पुराने संक्रमण हैं।
लिंफोमा का निदान कैसे किया जाता है? How is lymphoma diagnosed?
लिम्फोमा का निदान करने और उपचार निर्धारित करने के लिए हेल्थकेयर प्रदाता कई प्रकार के परीक्षणों का उपयोग करते हैं:
पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी) (complete blood count (CBC) :- एक सीबीसी आपके रक्त कोशिकाओं को मापता है और गिनता है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता विभिन्न प्रकार की बीमारियों का पता लगाने के लिए सीबीसी का उपयोग करते हैं।
रक्त रसायन परीक्षण (blood chemistry test) :- यह परीक्षण आपके रक्त में कुछ पदार्थों की संख्या को मापता है।
सीटी स्कैन (CT scan) :- यह परीक्षण आपके कोमल ऊतकों (soft tissues) और हड्डियों की त्रि-आयामी छवियां (three-dimensional images of bones) बनाने के लिए एक्स-रे (x-ray) और एक कंप्यूटर की एक श्रृंखला का उपयोग करता है।
पीईटी स्कैन (PET scan) :- आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपके शरीर में एक रेडियोधर्मी ट्रेसर (radioactive tracer) इंजेक्ट करता है। ट्रेसर कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने में मदद करता है।
एमआरआई (MRI) :- यह परीक्षण आपके शरीर के अंगों और संरचनाओं की बहुत स्पष्ट छवियों का उत्पादन करने के लिए एक बड़े चुंबक, रेडियो तरंगों और एक कंप्यूटर का उपयोग करता है।
लिम्फ नोड या अन्य अंगों की बायोप्सी (biopsy of lymph nodes or other organs) :- हेल्थकेयर प्रदाता माइक्रोस्कोप के तहत जांच के लिए कोशिकाओं, तरल पदार्थ, ऊतकों या वृद्धि को प्राप्त करने के लिए बायोप्सी करते हैं।
काठ का पंचर (स्पाइनल टैप) (lumbar puncture (spinal tap) :- आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता मस्तिष्कमेरु द्रव (cerebrospinal fluidS) का नमूना लेने के लिए आपकी पीठ के निचले हिस्से में एक सुई डालता है। सेरेब्रोस्पाइनल द्रव स्पष्ट तरल है जो आपकी रीढ़ और मस्तिष्क को घेरता है।
अस्थि मज्जा बायोप्सी (bone marrow biopsy) :- आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपकी हड्डी के अंदर से आपके अस्थि मज्जा का एक छोटा सा नमूना निकालने के लिए आपकी श्रोणि की हड्डी या स्तन की हड्डी में एक सुई डालता है।
लिंफोमा के इलाज के लिए कौन सी दवाएं और उपचार उपयोग किए जाते हैं? What drugs and therapies are used to treat lymphoma?
लिंफोमा के उपचार आपके लिंफोमा के प्रकार के आधार पर भिन्न होते हैं। आम तौर पर, लिंफोमा उपचार में निम्न शामिल हैं :-
कीमोथेरेपी (chemotherapy) :- स्वास्थ्य सेवा प्रदाता कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए कई प्रकार की दवाओं का उपयोग करते हैं।
विकिरण चिकित्सा (radiation therapy) :- विकिरण चिकित्सा कैंसर कोशिकाओं को मारने या उन्हें बढ़ने से रोकने के लिए ऊर्जा के मजबूत बीम का उपयोग करती है।
लक्षित चिकित्सा (targeted therapy) :- लक्षित चिकित्सा सामान्य कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाए बिना कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने के लिए दवाओं या अन्य पदार्थों का उपयोग करती है।
इम्यूनोथेरेपी (immunotherapy) :- इम्यूनोथेरेपी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करती है ताकि यह कैंसर से लड़ने के लिए और अधिक कर सके। उपचार आपके शरीर में कैंसर से लड़ने वाली कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ावा दे सकते हैं या स्वस्थ कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं की पहचान करने और उन पर हमला करने में मदद कर सकते हैं।
अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण (bone marrow transplant) :- स्वास्थ्य सेवा प्रदाता क्षतिग्रस्त रक्त कोशिकाओं को स्वस्थ रक्त कोशिकाओं से बदलने के लिए आपके अस्थि मज्जा से स्टेम कोशिकाओं का प्रत्यारोपण करते हैं।
सीएआर टी-सेल थेरेपी (CAR T-cell therapy) :- यह ��पचार कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए आपके सफेद रक्त कोशिकाओं का उपयोग करता है।
लिंफोमा उपचार के आम दुष्प्रभाव क्या हैं? What are the common side effects of lymphoma treatment?
लिंफोमा उपचार आपकी स्थिति के आधार पर भिन्न होते हैं। अधिकांश उपचारों के अलग-अलग दुष्प्रभाव होते हैं। उतना ही महत्वपूर्ण, एक ही उपचार के लिए अक्सर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ होती हैं। अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से पूछें कि संभावित दुष्प्रभावों सहित उपचार के दौरान क्या अपेक्षा की जाए। आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपके उपचार के दुष्प्रभावों को प्रबंधित करने के तरीके सुझाएगा।
मैं लिंफोमा के विकास के अपने जोखिम को कैसे कम कर सकता हूँ? How can I reduce my risk of developing lymphoma?
शोधकर्ता लिम्फोमा जोखिम कारकों की पहचान करना जारी रखते हैं। यह विश्वास करने का कारण है कि कुछ विषाणु और पारिवारिक चिकित्सा इतिहास लिंफोमा के विकास के जोखिम को बढ़ाते हैं। अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें यदि आपको लगता है कि आपका चिकित्सा इतिहास या पारिवारिक चिकित्सा इतिहास आपके लिंफोमा के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है।
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ashokgehlotofficial · 2 years ago
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मुख्यमंत्री निवास पर पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक को सम्बोधित किया। पर्यटन का क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। इससे बड़े स्तर पर रोजगार सृजित होता है, वहीं इससे प्राप्त होने वाली आय से राज्य के विकास को गति मिलती है। राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट लोक कलाओं और संस्कृति के संरक्षण तथा उत्थान के लिए राज्य सरकार जल्द ही राजस्थान लोक कला उत्सव का आयोजन करने जा रही है।
पंचायत से लेकर राज्य स्तर पर आयोजित होने वाले राजस्थान लोक कला उत्सव से प्रदेश में घरेलू और विदेशी पर्यटकों की आवक बढ़ेगी। राजस्थान लोक कला उत्सव के आयोजन के लिए प्राथमिकता से प्रमुख स्थानीय पर्यटन स्थलों को चुना जाएगा। पर्यटन से जुड़े विभिन्न उद्योगों से समन्वय कर इसका पर्याप्त प्रचार सुनिश्चित किया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि राजस्थान में लगभग 22 प्रकार के लोक उत्सव आयोजित किए जा रहे हैं। इन उत्सवों के माध्यम से सैलानी स्थानीय संस्कृति एवं लोक कलाओं का आनंद उठा रहे हैं।
राजस्थान का प्रत्येक क्षेत्र अपनी अनूठी संस्कृति लिए हुए है। विभिन्न माध्यमों से राजस्थान की लोक कलाओं और संस्कृति के साथ-साथ यहां के विशिष्ट व्यंजनों का व्यापक स्तर पर प्रचार होना चाहिए ताकि अधिक से अधिक पर्यटक इनका अनुभव लेने राजस्थान आएं।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2022 में राजस्थान में पर्यटकों के आगमन में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है। प्रदेश में देशी पर्यटकों की संख्या में इस वर्ष 90.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा इस वर्ष सितम्बर तक 1.64 लाख विदेशी सैलानी राजस्थान घूमने आए हैं। राज्य सरकार द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में लिए जा रहे विभिन्न निर्णयों से राज्य देश-विदेश के पर्यटकों के आकृर्षण का केन्द्र बना है।
जयपुर के टाउन हॉल को एक म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 96 करोड़ रूपए का बजट आवंटित किया है। यहां राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों का इतिहास पर्यटकों को दिखाया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि पर्यटन को राज्य सरकार द्वारा उद्योग का दर्जा दिए जाने एवं रिप्स-2022 के तहत दी जा रही विभिन्न प्रकार की छूट से पर्यटन से आजीविका अर्जित करने वाले लोगों को प्रोत्साहन मिला है। विद्युत बिलों में औद्योगिक दरों के लागू होने से 30 प्रतिशत तक की बचत हो रही है। इसके अलावा स्टाम्प ड्यूटी एवं भूमि परिवर्तन शुल्क में 100 प्रतिशत तक छूट दी गई है। पर्यटन इकाइयों को ऋण पर 8 प्रतिशत तक ब्याज दर में सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा निर्माण कार्याें में भी आवश्यक अनुमतियों में औद्योगिक दरें लागू कर दी गई हैं। राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति-2022 के तहत विभिन्न विभागों द्वारा निःशुल्क फिल्म शूटिंग के आदेश जारी कर दिए गए हैं। आरटीडीसी एवं राज्य होटल कॉरपोरेशन द्वारा फिल्म निर्माण के लिए आई पूरी टीम के ठहरने पर 50 प्रतिशत छूट दी जा रही है। बैठक में बताया गया कि पैलेस ऑन व्हील्स को दोबारा शुरू करने के बाद सैलानियों ने बड़े स्तर पर इसमें रूचि दिखाई है। दिसंबर तक पैलेस ऑन व्हील्स में 80 प्रतिशत तक बुकिंग हो चुकी है।
बैठक में बताया गया कि जैसलमेर में ढोला-मारू टुरिज्म कॉम्पलेक्स के निर्माण हेतु डीपीआर तैयार कर 865 एकड़ भूमि आवंटित कर दी गई है। जल्द ही टुरिज्म कॉम्पलेक्स का निर्माण पूरा किया जाएगा, जिसमें राजस्थान की लोक कला के प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन की व्यवस्था के साथ-साथ पर्यटकों के रूकने का उत्कृष्ट प्रबंध होगा। यहां राजस्थान के हस्तनिर्मित उत्पादों के अलावा राजस्थान के परम्परागत व्यंजनों का स्वाद सैलानी ले सकेंगे।
इस अवसर पर कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, पर्यटन मंत्री श्री विश्वेन्द्र सिंह, पर्यटन राज्य मंत्री श्री मुरारी लाल मीणा, आरटीडीसी चेयरमैन श्री धर्मेन्द्र राठौड़, राज्य मेला प्राधिकरण आयोग के उपाध्यक्ष श्री रमेश बोराणा, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव पर्यटन विभाग श्रीमती गायत्री राठौड़ सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।
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