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#5जी नेटवर्क क्या है
gaange · 8 months
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Elon musk ला रहे हैं भारत में सस्ता इंन्टरनेट | Jio और Airtel के धंधो पर आफत
भारत में जियो और एयरटेल ने वॉइस और डेटा कम्यूनिकेशन सर्विसेज के बहुत बड़े क्षेत्र पर कब्जा किया हुआ है। दोनों में एक तगड़े लेवल का कॉम्पिटिशन भी देखने को मिलता है। अब इस कॉम्पिटिशन पर या तो विराम लग जाएगा या फिर कॉम्पिटिशन और ज्यादा बढ़ने वाला है। क्यों? क्योंकि दुनिया का सबसे अमीर इंसान दोनों को यानी जियो और एयरटेल को टक्कर देने के लिए भारत में एंट्री करने वाला है। आप समझ गए होंगे, हम बात कर रहे हैं एलन मास्क के बारे में। मास्क अंबानी और मित्तल की परेशानी बढ़ाने वाले हैं? खबर ये है कि मास्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत में कारोबार का लाइसेंस मिलने वाला है। लाइसेंस मिलने के बाद स्टार्लिंक भारत में सटेलाइट के जरिए वॉइस और डेटा कम्यूनिकेशन सर्विसेज की शुरुआत कर सकती है। आपको बता दें स्टारलिंक मास्क की कंपनी स्पेस एक्स की सहयोगी फर्म है। जानकारी के अनुसार सरकार ने डेटा स्टोरेज और ट्रांसफर नॉर्म्स के बारे में स्टारलिंक्स से कुछ सवाल पूछे थे और कंपनी से मिले जवाब से सरकार पूरी तरह से संतुष्ट है। सिक्योरिटी चेक के बाद कंपनी को ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्यूनिकेशन सेटेलाइट सर्विसेज यानी जीएमपीसीएस का लाइसेंस दे दिया जायेगा । इससे कंपनी देश में सॅटीलाइट, ब्रॉडबैंड, वॉइस और मैसेजिंग सर्विसेज दे पाएगी। अब ज़ाहिर है जब ऐसा होगा तो स्टारलिंक की एंट्री अंबानी की जिओ और मित्तल की एयरटेल के लिए समस्या बढ़ा देगी क्योंकि अब तक भारत में केवल दो ही कंपनियों को जीएमपीसीएस लाइसेंस मिला है। इसमें रिलायंस जियो की सैडकॉम और सुनील भारती मित्तल की निवेश वाली कंपनी शामिल है। लेकिन अब ये लाइसेंस इन दोनों के अलावा स्टारलिंक को भी मिलने जा रहा है। वैसे स्पेस एक्स की भारत के सेटकॉम मार्केट में एंट्री मारने की ये दूसरी कोशिश है। आपको याद होगा पिछले साल भी कंपनी ऐसी कोशिश की थी और जरूरी अप्रूवल मिले बिना ही प्री बुकिंग शुरू कर दी थी। ये काम कंपनी को बेक फायर कर गया और कंपनी को प्री बुकिंग का पैसा वापस करना पड़ा। लेकिन इस बार हालात कुछ और हैं और चीजें दुरुस्त होती दिख रही हैं और इस बात से एक चीज़ और समझ आती है कि मस्क भारत में एंट्री पाने को काफी बेकरार हैं। स्टारलिंक पहले ही कई देशों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुकी है। आंकड़ों के अनुसार स्टारलिंक अभी 60 से ज्यादा देशों में अपनी सर्विसेज दे दी है। यहाँ ये भी आपको जानना और समझना जरूरी है कि स्टारलिंक आखिर है क्या? तो आपको बता दें, स्टारलिंग एक पृथ्वी के निचली कक्षा में घूमने वाली सैटेलाइट सर्विस है, जो ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध कराती है। इस सर्विस से देश के दूर दराज वाले इलाकों में अच्छी खासी इंटरनेट सर्विसेज को पहुंचाया जा सकेगा, जो फिलहाल देश की मौजूदा टेलीकॉम कंपनियां 5जी से देने की कोशिश कर रही है। लेकिन कामयाबी अभी दूर है। आसान शब्दों में कहे तो स्टार्लिंक के हाई स्पीड सेटेलाइट नेटवर्क है जो लोगों को अच्छी ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगा और क्योंकि भारत इंटरनेट यूजर्स के मामले में एक बहुत बड़ा मार्केट है और यही मार्केट एलन मस्ट को आकर्षित करना है। ज़ाहिर है, मॉस्को काफी संभावनाओं दिख रही है। आपको बता दे, भारत में मौजूदा समय में 700 मिलियन इंटरनेट सब्सक्राइबर है। ये संख्या साल 2025 तक बढ़कर 974 मिलियन से भी ज्यादा होने की उम्मीद है। वहीं मौजूदा वक्त में भारत में औसत इंटरनेट स्पीड 12 एमबीपीएस के लमसम है। हालांकि 5जी के आने से भारत में इंटरनेट की स्पीड बढ़ी है लेकिन अभी भी गांव और दूर दराज के इलाकों में फास्ट इंटरनेट सर्विस पहुंचाने में वक्त लगेगा। लेकिन इस काम स्टार लिंक प्रोजेक्ट से जल्द पूरा किया जा सकता है। आपको बता दें कि स्टारलिंक से 150 एमबीपीएस तक की स्पीड मुहैया कराई जाएगी। साथ ही ये सर्विस कम कीमत में भी उपलब्ध होने की संभावना है। ऐसा इसलिए क्योंकि दूर दराज के इलाकों में फाइबर ऑप्टिकल केबल्स को बिछाना काफी महंगा काम है। ऐसे में एलन मस्क इंटरनेटसर्विस की मदद से इसे सस्ते में और कम समय में पहुंचाना आसान होगा। इस स्पेस X स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस के लिए 1000 से भी ज्यादा सॅटीलाइट को स्पेस में छोड़ा हुआ है, जिससे इस सर्विस को हर जगह पहुंचाने में मदद मिलेंगे। Read the full article
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telnews-in · 2 years
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5g smartphones under rs 15000, 15 हजार से कम में 5G Smartphones का तहलका! फीचर्स देख कहेंगे ‘क्या बात, क्या बात’ - best 5g smartphones under rs 15000 vivo t1 5g iqoo z6 lite and more
5g smartphones under rs 15000, 15 हजार से कम में 5G Smartphones का तहलका! फीचर्स देख कहेंगे ‘क्या बात, क्या बात’ – best 5g smartphones under rs 15000 vivo t1 5g iqoo z6 lite and more
नई दिल्ली। भारतीय स्मार्टफोन बाजार में 5जी फोन का चलन बढ़ता ही जा रहा है। Airtel और Jio की 5G नेटवर्क कनेक्टिविटी अब भारत में उपलब्ध होने के साथ, 5G फोन की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। हालाँकि, कई विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन जब 15,000 रुपये से कम के शीर्ष 5G फोन की बात आती है, तो हम आपके लिए विकल्प लेकर आए हैं। मोटो G62 Moto G62 में 1080×2400 पिक्सल रेजोल्यूशन, 120Hz रिफ्रेश रेट और 20:9 आस्पेक्ट…
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sabkuchgyan · 2 years
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Airtel 5G support: इस मोबाइल में मिलता है Airtel 5G सपोर्ट, लिस्ट जारी, क्या आपका फोन इसमें नहीं है?
Airtel 5G support: इस मोबाइल में मिलता है Airtel 5G सपोर्ट, लिस्ट जारी, क्या आपका फोन इसमें नहीं है?
Airtel 5G support: वन प्लस (OnePlus) और ओप्पो स्मार्ट फोन मालिकों के लिए अच्छी खबर है। Airtel 5G अब सभी पात्र OnePlus और Oppo स्मार्टफोन को सपोर्ट करेगा। अगर एयरटेल 5जी आपके सेगमेंट में है तो आप इस ब्रांड के 5जी फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए सिम कार्ड को अपग्रेड करने की जरूरत नहीं है। तो अब आप भी अपने दिल की बात के लिए 5G नेटवर्क का आनंद ले सकते हैं। Airtel 5G नेटवर्क को पिछले महीने लॉन्च…
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Amazon Navratri Sale: खरीदना चाहते हैं 5G स्मार्टफोन? फ्लैगशिप, बजट विकल्पों पर छूट की जाँच करें
Amazon Navratri Sale: खरीदना चाहते हैं 5G स्मार्टफोन? फ्लैगशिप, बजट विकल्पों पर छूट की जाँच करें
अमेज़न नवरात्रि सेल: फेस्टिव सेल के बीच Amazon पर कई 5G स्मार्टफोन शानदार डिस्काउंट पर उपलब्ध हैं। 5वीं पीढ़ी के नेटवर्क में उच्च मल्टी जीबीपीएस पीक डेटा स्पीड के साथ-साथ विशाल नेटवर्क क्षमता है, जो अधिक विश्वसनीय है और 5जी मोबाइल नेटवर्क से कनेक्ट होने वाले डिवाइस पर इंटरनेट तेजी से चलता है। 5G मोबाइल नेटवर्क विदेशों में लॉन्च किए गए हैं लेकिन यह भारत में एक आगामी मोबाइल नेटवर्क है और जो लोग नए…
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poonamranius · 2 years
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5G Mobile Service: भारत में 13 जगह से होगी 5G की शुरुआत, कितनी होगी रिचार्ज की कीमत.
5G Mobile Service: भारत में 13 जगह से होगी 5G की शुरुआत, कितनी होगी रिचार्ज की कीमत.
5G Mobile Service: भारत अगले तीन महीनों में 4G मोबाइल नेटवर्क से 5G मोबाइल नेटवर्क की ओर बढ़ सकता है। इस क्रांतिकारी कदम के साथ ही देश में हाई-स्‍पीड मोबाइल इंटरनेट सेवाओं की शुरुआत हो जाएगी। 5G स्‍पेक्‍ट्रम नीलामी की प्रक्रिया पूरी हो गई है। करीब 1.50 लाख करोड़ रुपये के स्‍पेक्‍ट्रम आवंटित किए गए हैं। स्‍पेक्‍ट्रम हासिल करने के मामले में जियो (Jio) सबसे आगे रही। उसे करीब 87 हजार करोड़ रुपये की…
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divyabhashkar · 2 years
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इस प्रयोग में लगातार तीसरे दिन विजय केडिया या पोर्टफोलियो या स्क्रिप्ट, क्या आपके पास भी है यह हिस्सा?
इस प्रयोग में लगातार तीसरे दिन विजय केडिया या पोर्टफोलियो या स्क्रिप्ट, क्या आपके पास भी है यह हिस्सा?
विजय केडिया पोर्टफोलियो: सांख्य लैब्स प्राइवेट लिमिटेड में तेजस नेटवर्क (तेजस नेटवर्क्स शेयर मूल्य) शेयर। तेज नेटवर्क में सांख्य लैब्स प्राइवेट लिमिटेड की 64.4 फीसदी हिस्सेदारी है। टेलीकॉम हार्डवेयर कंपनी को टाटा के निवेश और भारत में बने 5जी रोलआउट से फायदा होने की उम्मीद है। इसलिए करीब 6 महीने के कंसॉलिडेशन के बाद विजय केडिया के पोर्टफोलियो शेयर चर्चा में हैं। यह मल्टीबैगर पोस्ट पिछले 3 उत्सव…
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tezlivenews · 3 years
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क्या आप 5G स्मार्टफोन खोज रहे हैं? ये रही सबसे सस्ते 5G स्मार्टफोन्स की लिस्ट!
क्या आप 5G स्मार्टफोन खोज रहे हैं? ये रही सबसे सस्ते 5G स्मार्टफोन्स की लिस्ट!
नई दिल्ली. देशभर में 5G नेटवर्क की टेस्टिंग चल रही है. ऐसे में लोग जब नए स्मार्टफोन के बारे में सोचते हैं तो सबसे पहले 5G फीचर के बारे में सोचते हैं. अब जबकि 5G नेटवर्क जल्द ही आने वाला है तो फोन भी 5जी नेटवर्क को सपोर्ट करने वाला ही खरीदना बेहतर रहेगा. इस समय बाजार में कई 5G स्मार्टफोन उपलब्ध हैं, लेकिन हम आपको आज की तारीख में मौजूद सबसे सस्ते 5जी स्मार्टफोन्स के बारे में बताने वाले हैं. हमारी…
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ravisinghdigital · 3 years
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Reliance Jio की AGM आज, Jio 5G फोन और 5G नेटवर्क जैसे बड़े प्रोजेक्ट से उठा सकती है पर्दा जानिए क्या है पूरी खबर
Reliance Jio की AGM आज, Jio 5G फोन और 5G नेटवर्क जैसे बड़े प्रोजेक्ट से उठा सकती है पर्दा जानिए क्या है पूरी खबर
5जी नेटवर्क की शुरुआत के एलान की भी उम्मीद है रिलायंस का 44वीं एजीएम आज रिलायंस जिओ देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की आज 44 वीं सालाना महासभा (AGM) यानी कि आज इसका आयोजन होने जा रहा है, रिलायंस जिओ 5G नेटवर्क और 5G स्मार्टफोन से पर्दा उठा सकती है, कुछ टेक एक्सपर्ट का मानना है कि रिलायंस जियो अपने जिओ बुक लैपटॉप (Jio Book laptop) के बारे में भी इस एजीएम (AGM) में बात कर सकती हैं। मुंबई…
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क्या COVID-19 महामारी के पीछे 5G नेटवर्क विकिरण कारण है? ऐसा कहती है सरकार- चेक रिपोर्ट
क्या COVID-19 महामारी के पीछे 5G नेटवर्क विकिरण कारण है? ऐसा कहती है सरकार- चेक रिपोर्ट
क्या 5G नेटवर्क विकिरण COVID-19 महामारी के पीछे का कारण है? नहीं, सरकार ने फिर से ट्विटर पर एक फ़ैक्टचेक जारी करते हुए कहा है कि “यह दावा #FAKE है।” सरकार ने कहा कि यह दूरसंचार विभाग (DoT) और संचार मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कई भ्रामक संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं, जिसमें दावा किया गया है कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर परीक्षण के कारण हुई है। 5जी मोबाइल…
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jagobhart · 3 years
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क्या 5जी नेटवर्क की देन है कोरोना वायरस, जानिए क्या है पुरा मामला-Hindi News
क्या 5जी नेटवर्क की देन है कोरोना वायरस, जानिए क्या है पुरा मामला-Hindi News
Hindi News – वैसे तो सोशल मीडिया पर कोई ना कोई पोस्ट वायरल होती रहती है जिसमें आधी हकीकत आधा फसाना होता है। लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया पर पोस्ट बहुत वायरल हो रही है। इस पोस्ट में यह बताया जा रहा है कि महामारी कुछ और नहीं बल्कि 5G टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग का परिणाम है। इस संबंध में हर रोज कोई न कोई पोस्ट किया जा रहा है। whatsapp पर ये मैसेज वायरल होने के बाद लोग एक-दूसरे से सवाल पूछ रहे हैं कि क्या…
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sabkuchgyan · 2 years
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5G Services : 5G के लिए यह गलती न करें, नहीं तो बर्बाद हो जाएगा आपका पैसा
5G Services : 5G के लिए यह गलती न करें, नहीं तो बर्बाद हो जाएगा आपका पैसा
5G Services: देश में 5G सर्विस पिछले महीने से शुरू हो गई है. Jio और Airtel ने भी देश भर के चुनिंदा शहरों में 5G नेटवर्क लॉन्च किया है। इसी के चलते देश में ज्यादातर उपभोक्ता अब नए 5जी फोन खरीद रहे हैं। इसलिए बाजार में 5जी फोन खरीदने की होड़ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अभी 5G को लेकर ज्यादा उत्साह नहीं है? नहीं तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। साथ ही 5G आपके पैसे भी खर्च कर सकता है। 5G नहीं बन…
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abhay121996-blog · 4 years
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BSNL के Rs 108 Rs वाले प्लान में डेली 1GB डाटा और अनलिमिटेड कॉलिंग Divya Sandesh
#Divyasandesh
BSNL के Rs 108 Rs वाले प्लान में डेली 1GB डाटा और अनलिमिटेड कॉलिंग
आज के समय में सभी स्मार्टफोन में कंपनियां 4जी कनेक्टिविटी दे रही हैं और यहां तक कि कुछ स्मार्टफोन में तो अब 5जी सपोर्ट भी आने लगा है। फिलहाल देश में 5जी कनेक्टिविटी ठीक से आई नहीं है। अगर हम 4जी कनेक्टिविटी की बात करें तो आज भी कई जगहों पर कुछ स्मार्टफोन में 4जी नहीं चल पाता है। अगर फोन में 4जी कनेक्टिविटी है और आपने 4जी डेटा रिचार��ज करवाया हुआ है और ऐसे में अगर ठीक से स्पीड न मिले या फिर इंटनरेट रुक-रुक कर चले तो दिमाग काफी खराब हो जाता है। अगर आप भी इसी तरह की परेशानी से जूझ रहे हैं तो हम आपको उस तरकीब के बारे में बता रहे हैं, जिससे आप अपने स्मार्टफोन में 4जी स्पीड को तेज कर सकते हैं।
4G LTE सिग्नल बूस्टर4G डेटा बूस्टर एक आउटडोर एंटीना के जरिए नेटवर्क को आकर्षित करता है। यह टेक्नोलॉजी के जरिए स्लो स्पीड को 32 गुना तक बढ़ाता है। इसके बाद इनडोर एंटीना के जरिए अंदर 4 जी स्मार्टफोन में तेजी 4जी नेटवर्क प्रदान करता है। इसको लगाने से आपको कॉल ड्रॉप और बेकार नेटवर्क का सामना नहीं करना होगा। इससे आपको तेजी से डाउनलोड और अपलोड स्पीड मिलेगी, बिना रुकावट के वीडियो देख पाएंगे, सहज तरीके से इमेल कर पाएंगे और आसानी से वॉयस कॉल और संदेश भेज पाएंगे।
4G LTE डेटा स्पीड तभी तेज चलती है जब डिवाइस अपने सिग्नल तेजी से पकड़ रही होती है। इसके लिए हमेशा अपने स्मार्टफोन पर नजर रखनी चाहिए ताकि समय पर सॉफ्टवेयर अपडेट करते रहें और बैटरी को ठीक रखें, इससे आपकी इंटरनेट स्पीड ठीक रहती है। जब आपने अपने स्मार्टफोन की 4 जी स्पीड को ठीक से चेक कर लिया है और बेस्ट सर्विस प्रोवाइडर लिया हुआ है। आपके लिए ऐसे में नेटवर्क को बेहतर करने के लिए सिर्फ 4 जी एलटीई बूस्टर ही काम आ सकता है।
अगर आपके घर में नेटवर्क नहीं आ रहे हैं तो आप खुले में जा सकते हैं। जैसे आप घर की खिड़की खोल सकते हैं, बालकनी, छत या गार्डन में जा सकते हैं। मेटल, कंक्रीट और ग्लास आदि 4 जी एलटीई नेटवर्क में रुकावट का कारण बन सकती हैं। अगर आप एक ही जगह पर फिट होकर नहीं रहते हैं तो अपने घर या ऑफिर जहां भी नेटवर्क की परेशानी होती है वहां एक ऐसा स्थान देखें जहां नेटवर्क की उपलब्धता सबसे ज्यादा हो। इसके अलावा आप OpenSignal और RootMetrics जैसे ऐप्स के जरिए आस-पास में सबसे फास्ट नेटवर्क सर्च कर सकते हैं।
अधिक भीड़-भाड़ वाले इलाकों में नेटवर्क की खासी दिक्कतें आती हैं। अधिक आबादी वाले क्षेत्रों इंटरनेट की स्पीड स्लो हो जाती है, कॉल ड्रॉप होती है और मैसेज नहीं जाते हैं। तेज नेटवर्क चाहते हैं तो किसी खुली जगह पर जाएं और नेटवर्क की तलाश करें।
स्मार्टफोन को साफ रखेंअगर आपका स्मार्टफोन ही स्लो है तो कभी भी तेज नेटवर्क आपकी मदद नहीं कर सकता है। तेज स्पीड के लिए हमेशा इंटरनेट ब्राउजर पर कैश को साफ करते रहे हैं। इसके अलावा बैकग्राउंड में चल रही ऐप्स को बंद कर दें। वहीं अगर फोन में जरूरत के बिना ऐप्स रखी हुई हैं तो उन्हें डिलीट कर दें इससे आपकी फोन की स्पीड तेज हो जाएगी और डेटा भी तेज चलेगा। इसके अलावा यह भी जांच कर लें कि आप स्मार्टफोन के सॉफ्टवेयर का लेटेस्ट सॉफ्टवेयर इस्तेमाल कर रहे हैं या नहीं।
बेस्ट नेटवर्क का चयन कई बार क्या होता है कि किसी क्षेत्र विशेष में किसी नेटवर्क प्रोवाइडर कंपनी के नेटवर्क ठीक से काम नहीं करते हैं। इसके लिए आप यह देख सकते हैं कि आपके क्षेत्र में किसी कंपनी नेटवर्क सबसे अच्छा है और उसका चयन करें। इससे आपकी खराब नेटवर्क से प्रभावित होने की समस्या का निवारण हो जाएगा।
WiFi कॉलिंगGoogle हैंगआउट, फेसटाइम ऑडियो, व्हाट्सएप और स्काइप जैसी ऐप्स में कॉल या संदेश भेजने के लिए वाईफाई कनेक्शन का इस्तेमाल करती हैं ताकि स्लो नेटवर्क से उभरा जा सके। आपको बता दें कि वाईफाई कॉलिंग 4 जी नेटवर्क के निकट काम करती है। इसके लिए फास्ट वाईफाई सिग्नल की जरूरत होती है। अगर आपके घर या ऑफिस में टॉप स्पीड वाईफाई नहीं है तो आपको खराब नेटवर्क का सामना करना पड़ सकता है।
स्विच ऑफ-ऑन करेंअगर आपने काफी कोशिश कर ली हैं, लेकिन नेटवर्क फिर भी खराब ही आ रहे हैं या स्लो नेट चल रहा है तो आप एक बार फोन को स्विच ऑफ करके दोबारा ऑन कर सकते हैं। बहुत से एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि नेटवर्क की दिक्कत आने पर डिवाइस को बंद करके फिर से चालू कर सकते हैं। वैसे तो यह कोई तथ्य वाली बात नहीं है, लेकिन ऐसा करना काफी बार कारगर साबित हो जाता है।
Femtocell से बढ़ सकती है नेटवर्क की क्षमताअधिकतर नेटवर्क कंपनियां Femtocell वर्जन की पेशकश करती हैं। इनका इस्तेमाल घर या ऑफिस में पर्सनल सेल फोन टॉवर के तौर पर किया जाता है। फेमटोसेल लैंडलाइन इंटरनेट सर्विस के साथ मिलकर मोबाइल डेटा की स्पीड को तेज करता है तो इसके लिए घर या ऑफिस में वाईफाई होना जरूरी है। फेमटोसेल अपने सिग्नल को सेलुलर में बदलने के लिए वाईफाई नेटवर्क का इस्तेमाल करता है। इसके चलते Femtocell उस वाईफाई से जुड़े अन्य डिवाइस जैसे कंप्यूटर या स्मार्ट टीवी समेत डिवाइस में नेटवर्क पहुंचने की स्पीड को स्लो कर सकती है। फोन की सेंटिग में जाएं फोन में स्लो नेट के चलते परेशान हैं तो आपको इसके लिए अपना स्मार्टफोन की सेंटिग में जाना होगा। स्मार्टफोन की सेटिंग को खोलिए और नेटवर्क सेटिंग में जाइए। इसके बाद प्रेफेरेड टाइप ऑफ नेटवर्क में 4G या LTE का चयन कीजिए। नेटवर्क स्लो होने पर स्मार्टफोन की नेटवर्क सेटिंग्स में एक्सेस प्वाइंट नेटवर्क APN की सेटिंग की जांच कीजिए। अगर सही APN नहीं है तो डेटा स्पीड स्लो रहेगी। APN सेटिंग में जाकर सेटिंग को खुद ठीक कीजिए।
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समझाया गया: स्मार्टफोन में 5G बैंड क्या हैं और वे क्यों मायने रखते हैं
समझाया गया: स्मार्टफोन में 5G बैंड क्या हैं और वे क्यों मायने रखते हैं
5जी नेटवर्क समर्थन उन कारकों में से एक है जो कई खरीदार अपना नया स्मार्टफोन चुनने से पहले ध्यान में रखते हैं। यद्यपि 5जी अभी तक देश में उपलब्ध नहीं है, यह भारत की सबसे बहुप्रतीक्षित मोबाइल नेटवर्क तकनीकों में से एक है। चूंकि नेक्स्ट-जेनरेशन नेटवर्क पहले से ही कई देशों में उपलब्ध है, 5G कनेक्ट��विटी वाले स्मार्टफोन काफी समय से बाजार में हैं। पिछले दो वर्षों में भारत में लॉन्च किए गए अधिकांश फोन में…
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miservicecenter · 4 years
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5G आने से पहले जानें 4जी और 5जी में खास अंतर, सिर्फ 10 प्वाइंट में
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5g वो वक्त ज्यादा दूर भी नहीं गया है जब अपने पसंदीदा गाने सुनने और वीडियो देखने के लिए मैमोरी कार्ड को भरवाया जाता था। टेक्नोलॉजी ने ऐसी करवट बदली कि आज ऑनलाईन यू-ट्यूब के मजे लिए जाते हैं और नेटफ्लिक इत्यादि पर पूरी फिल्म ही इंटरनेट के जरिये देख ली जाती है। लेकिन आने वाला समय और भी फास्ट होने वाला है। आज 4G सर्विस इंडिया में एक्टिव है और हम लोग इतने सारे काम इंटरनेट के जरिये कर पाते हैं। ज़रा सोचिए आने वाले दिनों में जब 5G की शुरूआत अपने देश में हो जाएगी तो ​कैसा होगा। उम्मीद है कि नए साल में हमें 5G चलाने के मिल जाएगा और मोबाइल सेवाएं भी पूरी तरह से बदल जाएगी। देश में 5जी शुरू होने से पहले चलिए जानते हैं मौजूदा 4जी और आने वाले 5जी में कितना फर्क है। क्या है 4G यहां 4जी से मतलब है फोर्थ जेनरेशन यानि चौथी पीढ़ी। 2जी और 3जी से ​होते हुए 4जी की शुरूआत हुई थी जो मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी के मामले में सबसे उन्नत मौजूदा तकनीक है। आज देश की सभी टेलीकॉम कंपनी 4जी सर्विस प्रदान कर रही है जिसके चलते स्मार्टफोन पर कम्प्यूटर जैसे कार्यों को करना संभव हो पाया है। क्या है 5G जैसा कि नाम से ही पता चलता है 5जी का मतलब है पांचवी जेनरेशन। यह वर्तमान 4G सर्विस का एडवांस वर्ज़न होगा जिसमें 4जी के सभी फीचर्स को विकसित करके शामिल किया जाएगा। 5G Super High-Frequency Spectrum पर काम करेगा। स्मार्टफोंस में 5जी की स्पीड पर इंटरनेट चल सके इसके लिए क्वॉलकॉम, मीडियाटेक और बायोनिक जैसी टेक कंपनियों ने अपने चिपसेट व प्रोसेसर्स को भी लॉन्च कर दिया है।   स्पीड 5G और 4G में जो पहला और सबसे बड़ा अंतर होगा, वह होगी इंटरनेट की स्पीड। फिलहाल 4जी नेटवर्क पर मैक्सिमम आइडल स्पीड 100 मेगाबाइट प्रति सेकेंड (Mbps) की दी जाती है वहीं 5जी में यह स्पीड 10 गीगाबाइट प्रति सेकेंड (Gbps) होगी। यानि 5G नेटवर्क 4G नेटवर्क की तुलना में 100 गुना ज्यादा फास्ट होगा। स्ट्रॉग इन्फ्रस्ट्रक्चर भारत पूरी दुनिया में सबसे बड़े मोबाइल बाजारों में से एक हैं। अपने देश में तेजी से स्मार्टफोन यूजर्स की गिनती बढ़ती जा रही है और सभी लोगों के पास इंटरनेट मौजूद है। तेजी से बढ़ते मोबाइल यूजर्स और इंटरनेट की बढ़ती खपत के हिसाब से मौजूदा 4जी इन्फ्रस्ट्रक्चर कमजोर पड़ रहा है जिसका असर मोबाइल सर्विसेज पर पड़ रहा है। लेकिन 5जी इन्फ्रस्ट्रक्चर न सिर्फ मौजूद हालात बल्कि आने वाले भविष्य में भी करोड़ो लोगों के बोझ झेल पाएगा। लैटेंसी सबसे पहले तो आपको लैटेंसी का मतलब बता दें कि जब आप किसी दोस्त को कोई मैसेज भेजते हैं तो आपके फोन से मैसेज सेंड होने से लेकर उसके फोन में मैसेज रिसीव होने तक के बीच के समय को लैटेंसी से मापा जाता है। यह समय बेहद ही कम यानि मिलीसेकेंड का होता है। यूं तो 4G में भी लैटेंसी महसूस नहीं होती। लेकिन ज़रा सोचिए 5G में यह कितनी तेज हो जाएगी। बफरिंग कोई वीडियो प्ले करते हैं तो शुरू होने से पहले वह सभी फ्रेम्स को एक लाईन में लगाती है फिर उसके बाद चलती है, इसे ​बफरिंग कहा जाता है। ऑनलाईन वीडियोज़ देखने के दौरान जब वह बीच में रुकती है और चक्कर-सा घूमता नज़र आता है, वह नेटवर्क की कमजोरी को दर्शाता है। 5G के आने के बाद शायद ‘बफरिंग’ शब्द भी इतिहास बन जाएगा। लोडिंग इंटरनेट पर कोई चीज सर्च करने के दौरान जैसे ही कीवर्ड को लिखकर एंटर किया जाता है और फिर जो पेज खुलकर सामने आता है, इसके बीच का कुछ समय लोडिंग में लगता है। 5G में यह लोडिंग समय और भी कम हो जाएगा। यानि एंटर मारते ही रिजल्ट सामने। 4जी एलटीई में लोडिंग टाईम अमूमन 20ms/सेंकेंड का बताया गया है जो 5जी में 2ms/सेकेंड का हो जाने का दावा है। नेटवर्क कंजेशन जैसा कि हमनें उपर भी बताया कि देश में स्मार्टफोन उपभोक्ता और इंटरनेट यूजर्स तेजी से बढ़ रहे हैं। 4जी स्टेक्ट्रम सीमित है और लगातार नए यूजर्स जुड़ने से एक ही नेटवर्क पर दबाव बढ़ रहा है। उदाहरण के तौर पर पहले जहां एक टॉवर पर 50,000 लोगों के फोन सिग्नल पकड़ते थे। वहीं अब उस टॉवर पर 1,50,000 लोगों के फोंस को सिग्नल दिया जा रहा है। इस वजह से नेटवर्क कंजेशन बढ़ रहा है। लेकिन 5जी में यह स्थित रिफ्रेश हो जाएगी और बिना रूकावट सेवा मिलेगी। ऑनलाईन गेमिंग लैग पबजी तो शायद आप सभी ने खेला होगा। कई बार ऐसा भी हुआ होगा कि आपने फायर का बटन दबाया, लेकिन गेम में फायर थोड़ा देर बाद हुआ। यानि बटन दबाने से लेकर उसका रिस्पांस मिलने के बीच का जो समय है, वह गेम लैग है। 4जी की तुलना में 5जी में यह लैग बेहद ही कम हो जाएगा। ऑनलाईन गेमिंग में यह वक्त 1 माइक्रो सेकेंड से भी कम हो जाएगा। क्लाउड गेमिंग यू-ट्यूब से लेकर नेटफ्लिक्स और अमेज़न प्राइम का मिर्जापुर शो, यह सब हम इंटरनेट के जरिये ऑनलाईन देखते हैं। लेकिन ज़रा सोचिए फिल्मों की तरह ही गेम्स को भी ऑनलाईन स्ट्रीमिंग के जरिये खेला जाए तो, कैसा हो। 5G क्लाउड गेमिंग को आसान बना सकता है। इंडिया में ऐसा सफल हुआ तो, आपको न ही फोन या ​कम्प्यूटर में गेम की ऐप को डाउनलोड करना पड़ेगा और न ही पीएस, एक्सबॉक्स तथा महंगे गेम्स को खरीदने की जरूरत पड़ेगी। Read the full article
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shaileshg · 4 years
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डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन अमेरिका के नए राष्ट्रपति होंगे। नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के तमाम बड़े नेता उन्हें जीत की बधाई दे चुके हैं। लेकिन, चार देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने अब तक बाइडेन को जीत की बधाई नहीं दी। सवाल यह उठ रहा है कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश के नेता को इन्होंने बधाई क्यों नहीं दी? क्या वजह है? यह कूटनीति है या कुछ और।
जिन चार देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने अब तक बाइडेन को शुभकामनाएं और बधाई नहीं दी, उनके नाम इस तरह हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति जेअर बोल्सोनारो और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन।
बाइडेन की जीत की 5 वजहें:कोरोना पर खुलकर सरकार के विरोध में आए, अपना मैसेज वोटर्स तक पहुंचाने में कामयाब रहे
बाइडेन पर झिझके पुतिन 2016 में जब डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति चुनाव जीते, तो महज 2 घंटे में व्लादिमिर पुतिन ने उन्हें बधाई दी। लेकिन, इस बार बाइडेन जीते तो पुतिन ने अब तक उन्हें बधाई नहीं दी। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा- हम ऑफिशियल रिजल्ट्स का इंतजार करेंगे। ट्रम्प के दौर में पुतिन पर आरोप लगता रहा है कि वे उनकी मदद कर रहे हैं। जबकि, दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर गंभीर मतभेद ही नहीं बल्कि टकराव के हालात हैं। ट्रम्प ने कई मौकों पर रूस और पुतिन की तारीफ की। डेमोक्रेट्स की नीतियां हमेशा रूस के खिलाफ सख्त जबकि चीन के प्रति नर्म रहीं। ओबामा रूस को चुनौती मानते थे और ट्रम्प चीन को। आरोप लगे कि रूस ट्रम्प की मदद कर रहा है।
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2017 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ डोनाल्ड ट्रम्प। (फाइल)
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जिनपिंग भी पीछे रहे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2016 में ट्रम्प को फौरन बधाई दी थी। बाइडेन के मामले में ऐसा नहीं किया। ट्रम्प ने पहले दिन से चीन के खिलाफ बेहद सख्त रुख अपनाया। ट्रेड वॉर पर वो पीछे नहीं हटे। सायबर सिक्योरिटी के मामले में उन्होंने चीन के पर कतरने में देर नहीं लगाई। ट्रम्प की वजह से चीनी कंपनियों को दुनिया के कई देशों में 5G नेटवर्क के कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिल सके। कोरोनावायरस आया तो एक तरह से कूटनीतिक और सैन्य टकराव की नौबत आ गई।
ट्रम्प ने साफ कहा- ये चीनी वायरस है। कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि चीन के प्रति बाइडेन का रुख ट्रम्प से भी ज्यादा सख्त रहेगा। इसकी वजह यह है कि अमेरिकी जनता चीन को दुश्मन नंबर एक मानने लगी है। बाइडेन को बधाई देने के सवाल पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- हमारी हालात पर नजर है। हम अंतरराष्ट्रीय नियमों के हिसाब से चलेंगे।
अर्दोआन को क्या दिक्कत? 2106 में जब ट्रम्प राष्ट्रपति बने तो तुर्की में अर्दोआन के तख्तापलट की कोशिश हुई। वे इससे बच निकले। तब ट्रम्प ने उनकी तारीफ की। लेकिन, अर्दोआन के दो कदमों से ट्रम्प बिफर गए। पहला- अर्दोआन सऊदी अरब और खाड़ी देशों के खिलाफ पाकिस्तान, मलेशिया और ईरान को साथ लेकर अलायंस बनाने लगे। अमेरिका खाड़ी देशों का रहनुमा है। ट्रम्प को यह पसंद नहीं आया। दूसरा- अर्दोआन ने कट्टर इस्लामिक एजेंडा शुरू किया। यह अमेरिका, इजराइल और यूरोप को कतई मंजूर नहीं है। फिर चाहे वे ट्रम्प हों या बाइडेन।
बाइडेन ने तो न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए हालिया इंटरव्यू में साफ कहा था- तुर्की की नीतियां किसी भी हाल में मंजूर नहीं हैं। आईएसआईएस और अल कायदा के लिए अर्दोआन का नर्म रवैया भी बाइडेन को मंजूर नहीं है। वे इस बारे में इशारा कर चुके हैं।
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तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन के साथ डोनाल्ड ट्रम्प। (फाइल)
और बोल्सोनारो क्यों पीछे रहे ट्रम्प और ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो के रिश्ते मजबूत रहे। अमेरिका के कहने पर ब्राजील ने चीनी कंपनियों पर नकेल कसी। 5जी नेटवर्क का कॉन्ट्रैक्ट नहीं दिया। बोल्सोनारो ने तो साफ तौर पर कहा कि वे चाहते हैं कि ट्रम्प ही दूसरी बार राष्ट्रपति बनें। इतना ही नहीं, बोल्सनारो एक मौके पर ‘ट्रम्प फॉर 2020’ स्लोगन वाली कैप भी पहने नजर आए। जाहिर है, बाइडेन यह सब देख रहे होंगे। दोनों देशों के बीच सीमा संबंधी दिक्कतें भी हैं। ट्रम्प पर नस्लवाद के आरोप लगे तो बोल्सोनारो ने उनका बचाव किया। ब्राजील सरकार के प्रवक्ता ने कहा- हम अमेरिका में औपचारिक नतीजों का इंतजार करेंगे।
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बाएं से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और ब्राजील के राष्ट्रपति जेअर बोल्सोनारो। (फाइल)
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