RTI से खुलासा: जनवरी से अब तक कोरोना वैक्सीन के 44 लाख से ज्यादा डोज हुए बर्बाद
चैतन्य भारत न्यूज
देशभर में कोरोना वायरस वैक्सीन के कारण वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी पड़ गई है। ऐसे में केंद्र सरकार वैक्सीन के उत्पादन को तेजी से बढ़ाने पर जोर दे रही है। इस बीच एक RTI से ऐसी जानकारी सामने आई है जिनसे सभी को हैरान कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अब तक 44 लाख से ज्यादा वैक्सीन की डोज बर्बाद हो चुकी हैं।
इन राज्यों में सबसे ज्यादा बर्बादी
सूचना के अधिकार RTI के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, इस साल जनवरी में शुरू हुए टीकाकरण अभियान से अब तक 44 लाख से ज्यादा डोज बर्बाद हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा 12.10% डोज की बर्बादी तमिलनाडु में हुई है। इसके बाद हरियाणा (9.74%), पंजाब (8.12%), मणिपुर (7.8%) और तेलंगाना (7.55%) का स्थान है।
बर्बादी की ये है वजह
जानकारों का इस बारे में कहना है कि शुरुआती दौर में वैक्सीन की सबसे ज्यादा बर्बादी हुई थी। इसकी वजह यह थी कि लोग टीका लगवाने बहुत कम संख्या में आते थे। दरअसल होता यह है कि टीके के एक वायल में 10 से 12 डोज होते हैं। वायल खोलने के बाद अगर एक निश्चित समय (करीब आधा घंटे) के भीतर उसे नहीं लगाया गया तो वह बेकार हो जाएगा।
इन राज्यों में कम बर्बादी
खबर के अनुसार, अंडमान एवं निकोबार, दमन एवं दीव, गोवा, हिमाचल प्रदेश, केरल, लक्षद्वीप, मिजोरम और पश्चिम बंगाल में सबसे कम बर्बादी हुई है।
1 मई से 18+ को टीका
गौरतलब है कि देश में कोरोना के रिकॉर्ड बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने 1 मई से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के वैक्सीनेशन का ऐलान किया है। इसके लिए बड़े पैमाने पर टीके की जरूरत होगी। देश में जो दो कंपनियां टीका बना रही है उनके द्वारा इस मांग की आपूर्ति संभव नहीं है। इसलिए सरकार ने विदेशी टीकों को लाने की इजाजत दी है।
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RTI से खुलासा: जनवरी से अब तक कोरोना वैक्सीन के 44 लाख से ज्यादा डोज हुए बर्बाद
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देशभर में कोरोना वायरस वैक्सीन के कारण वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी पड़ गई है। ऐसे में केंद्र सरकार वैक्सीन के उत्पादन को तेजी से बढ़ाने पर जोर दे रही है। इस बीच एक RTI से ऐसी जानकारी सामने आई है जिनसे सभी को हैरान कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अब तक 44 लाख से ज्यादा वैक्सीन की डोज बर्बाद हो चुकी हैं।
इन राज्यों में सबसे ज्यादा बर्बादी
सूचना के अधिकार RTI के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, इस साल जनवरी में शुरू हुए टीकाकरण अभियान से अब तक 44 लाख से ज्यादा डोज बर्बाद हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा 12.10% डोज की बर्बादी तमिलनाडु में हुई है। इसके बाद हरियाणा (9.74%), पंजाब (8.12%), मणिपुर (7.8%) और तेलंगाना (7.55%) का स्थान है।
बर्बादी की ये है वजह
जानकारों का इस बारे में कहना है कि शुरुआती दौर में वैक्सीन की सबसे ज्यादा बर्बादी हुई थी। इसकी वजह यह थी कि लोग टीका लगवाने बहुत कम संख्या में आते थे। दरअ���ल होता यह है कि टीके के एक वायल में 10 से 12 डोज होते हैं। वायल खोलने के बाद अगर एक निश्चित समय (करीब आधा घंटे) के भीतर उसे नहीं लगाया गया तो वह बेकार हो जाएगा।
इन राज्यों में कम बर्बादी
खबर के अनुसार, अंडमान एवं निकोबार, दमन एवं दीव, गोवा, हिमाचल प्रदेश, केरल, लक्षद्वीप, मिजोरम और पश्चिम बंगाल में सबसे कम बर्बादी हुई है।
1 मई से 18+ को टीका
गौरतलब है कि देश में कोरोना के रिकॉर्ड बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने 1 मई से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के वैक्सीनेशन का ऐलान किया है। इसके लिए बड़े पैमाने पर टीके की जरूरत होगी। देश में जो दो कंपनियां टीका बना रही है उनके द्वारा इस मांग की आपूर्ति संभव नहीं है। इसलिए सरकार ने विदेशी टीकों को लाने की इजाजत दी है।
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