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#17cowdeath
chaitanyabharatnews · 5 years
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स्वामी चक्रपाणि महाराज ने बताया कोरोना वायरस से बचने का अजीब नुस्खा, कहा- गौ मूत्र और गोबर का लेप लगाएं
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. पिछले कुछ दिनों से दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कोरोना वायरस को अंतरराष्ट्रीय आपात स्थिति घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस के कारण चीन में अब तक करीब 260 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 11800 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। कोरोना वायरस ने भारत में भी दस्तक दे दी है। केरल में कोरोना वायरस से पीड़ित एक व्यक्ति का पहला केस दर्ज किया गया। इसी बीच भारत में हिंदू महासभा के एक नेता ने इस जानलेवा बीमारी से बचने के लिए एक बेहद ही अजीबोगरीब उपाय सुझाया है। कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए कराया जाएगा यज्ञ स्वामी चक्रपाणि महाराज का कहना है कि इस जानलेवा कोरोना वायरस से बचने के लिए गौमूत्र और गोबर का इस्तेमाल किया जा सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने ये भी कहा कि, 'कोरोना वायरस के कीटाणुओं को मारने और पूरी दुनिया से इसका प्रकोप खत्म करने के लिए एक खास तरह का यज्ञ भी कराया जाएगा।' गोबर का लेप लगाने से बच सकेगी जान स्वामी चक्रपाणि ने सलाह देते हुए कहा कि, 'गोमूत्र और गोबर का सेवन करने से संक्रामक कोरोना वायरस का प्रभाव खत्म हो जाएगा। अगर कोई शख्स ओम नम: शिवाय बोलते हुए अपने शरीर पर गोबर का लेप लगाता है तो कोरोनावायरस से उसकी जान बच सकती है।' चीन में फंसे 324 नागरिकों को लाया गया भारत  गौरतलब है कि चीन का वुहान प्रांत कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है। वुहान शहर में फंसे 324 भारतीय छात्रों और नागरिकों को एयरलिफ्ट कर शनिवार की सुबह करीब साढ़े सात बजे भारत लाया गया। सभी यात्रियों की दिल्ली एयरपोर्ट पर लगे स्क्रीनिंग कैंप में जांच की गई। इन लोगों के रुकने के लिए दिल्ली के निकट मानेसर में एक केंद्र स्थापित किया है। अधिकारियों के मुताबिक, चिकित्सकों और अन्य कर्मियों की एक योग्य टीम दो सप्ताह तक इन लोगों पर नजर रखेगी कि किसी में संक्रमण का कोई लक्षण तो नहीं दिख रहा। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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मप्र : ग्रामीणों ने 17 गायों को 20 दिन तक कमरे में रखा बंद, भूख-प्यास से तड़पकर हुई मौत
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चैतन्य भारत न्यूज ग्वालियर. डबरा शहर से मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है। यहां से 10 किमी दूर ग्राम समूदन में एक कमरे में बंद 17 गायों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि, गायों की मौत भूख-प्यास से तड़प-तड़पकर हुई। सभी गाय खेतों में तैयार खड़ी धान की फसल को उजाड़ रही थीं, जिसके बाद ग्रामीणों ने उन्हें ऐसे कमरे में बंद किया था, जिसमें कभी सूरज की रोशनी तक नहीं जाती थी। चारा-पानी कुछ नहीं दिया जानकारी के मुताबिक, सभी गाय करीब 20 दिनों तक कमरे में बंद रही। इस दौरान उन्हें न तो चारा मिला और न ही पानी। बता दें जिस परिसर में गायों को बंद किया था वहां दो स्कूल, पंचायत भवन, जनमित्र केंद्र और आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित होते हैं। बुधवार को जब कमरे से बदबू आने लगी तो सरपंच के पति बलवीर सिंह, पंचायत सचिव प्रदीप राणा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रेमाबाई को गायों की मौत की जानकारी मिली। लेकिन उन सभी ने भी इस मामले को दबाने की कोशिश की। चोरी-छिपे गायों को दफनाने की कोशिश हैरानी वाली बात तो यह है कि इन लोगों ने कमरे की दीवार को जेसीबी से तोड़कर वहां से चोरी-छिपे गायों को आंगनवाड़ी केंद्र से बाहर निकालकर दफनाने का भी प्रयास किया। जैसे ही इसकी सूचना गौ सेवकों को लगी तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर हंगामा किया और हाईवे पर ट्रैफिक जाम कर दिया। गुरुवार को मंत्री इमरती देवी, कलेक्टर अनुराग चौधरी आदि घटनास्थल पर पहुंचे। कलेक्टर ने एसडीएम को जांच के आदेश दिए और शुक्रवार को इसकी रिपोर्ट भी पेश करने को कहा। इस मामले में पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मुख्यमंत्री ने जाहिर किया गुस्सा घटना के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि, 'ग्वालियर के डबरा के समूदन में 17 गायों की मृत्यु की खबर बेहद दुखद है। निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं। हम गोमाता की रक्षा और संवर्धन के लिए निरंतर प्रयासरत और वचनबद्ध हैं। ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकती हैं।' Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years
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मप्र : इस एक गलती के कारण ग्रामीणों ने 17 गायों को 20 दिन तक कमरे में रखा बंद, मौत
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चैतन्य भारत न्यूज ग्वालियर. डबरा शहर से मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है। यहां से 10 किमी दूर ग्राम समूदन में एक कमरे में बंद 17 गायों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि, गायों की मौत भूख-प्यास से तड़प-तड़पकर हुई। सभी गाय खेतों में तैयार खड़ी धान की फसल को उजाड़ रही थीं, जिसके बाद ग्रामीणों ने उन्हें ऐसे कमरे में बंद किया था, जिसमें कभी सूरज की रोशनी तक नहीं जाती थी। चारा-पानी कुछ नहीं दिया जानकारी के मुताबिक, सभी गाय करीब 20 दिनों तक कमरे में बंद रही। इस दौरान उन्हें न तो चारा मिला और न ही पानी। बता दें जिस परिसर में गायों को बंद किया था वहां दो स्कूल, पंचायत भवन, जनमित्र केंद्र और आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित होते हैं। बुधवार को जब कमरे से बदबू आने लगी तो सरपंच के पति बलवीर सिंह, पंचायत सचिव प्रदीप राणा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रेमाबाई को गायों की मौत की जानकारी मिली। लेकिन उन सभी ने भी इस मामले को दबाने की कोशिश की। चोरी-छिपे गायों को दफनाने की कोशिश हैरानी वाली बात तो यह है कि इन लोगों ने कमरे की दीवार को जेसीबी से तोड़कर वहां से चोरी-छिपे गायों को आंगनवाड़ी केंद्र से बाहर निकालकर दफनाने का भी प्रयास किया। जैसे ही इसकी सूचना गौ सेवकों को लगी तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर हंगामा किया और हाईवे पर ट्रैफिक जाम कर दिया। गुरुवार को मंत्री इमरती देवी, कलेक्टर अनुराग चौधरी आदि घटनास्थल पर पहुंचे। कलेक्टर ने एसडीएम को जांच के आदेश दिए और शुक्रवार को इसकी रिपोर्ट भी पेश करने को कहा। इस मामले में पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मुख्यमंत्री ने जाहिर किया गुस्सा घटना के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि, 'ग्वालियर के डबरा के समूदन में 17 गायों की मृत्यु की खबर बेहद दुखद है। निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं। हम गोमाता की रक्षा और संवर्धन के लिए निरंतर प्रयासरत और वचनबद्ध हैं। ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकती हैं।' Read the full article
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