#‘नग्नता’
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bharatlivenewsmedia · 2 years ago
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ही नवी नग्नता आहे का? PM मोदींचे फोटो शेअर करत प्रकाश राज यांनी मारला टोमणा
ही नवी नग्नता आहे का? PM मोदींचे फोटो शेअर करत प्रकाश राज यांनी मारला टोमणा
ही नवी नग्नता आहे का? PM मोदींचे फोटो शेअर करत प्रकाश राज यांनी मारला टोमणा Prakash Raj Tweet: अभिनेते प्रकाश राज यांचे एक ट्वीट सध्या चर्चेत आले आहे. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या कपड्यांच्या स्टाइलविषयी ट्वीट करत त्यांनी नव्या वादाला तोंड फोडले आहे. Prakash Raj Tweet: अभिनेते प्रकाश राज यांचे एक ट्वीट सध्या चर्चेत आले आहे. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या कपड्यांच्या स्टाइलविषयी ट्वीट करत…
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the-sound-ofrain · 1 year ago
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कलयुग की कल्पना
कनक कटाक्ष कंगन सी, कोमल सी तेरी काया,
कादम्बनी के कलम से कल्पित तेरी काया ।
कंकर कंकर डाल काग ने, शिक्षक का स्वांग रचाया,
काल का रहस्य जानकर, समय का चक्कर लगाया ।
कर्ण में माँ कुंती कण कण में थी,
किंतु कुरुक्षेत्र की कहानी में एक अनकही अनबन भी थी ||
कपीश किशन के कानुश अर्जुन ही थे,
किंतु कौरव के साथ खड़े इस कौनतय के लिए कानून कुछ अलग थे |।
कब, क्यों, कौन, कहा और कैसे हर कहानी किशन के कनवी में कंठित थी ||
कर्म की कुंजी हो या धर्म की पूंजी,
चंद्रमा के कुरपता का राज़ को या काले पथ पर बिछा कांच हो,
हर कथा उन कृष्ण नैनो में अंकित थी ||
काम की कामना, ख्याति की वासना,
किरण्या की काशविनी में नाचना, यही तो है, इस कलयुग की विडंबना |
नारी का तिरस्कार, पुरुषो के अधिकारों का बहिष्कार,
पूज्य है तो केवल अंधकार,
तू नग्नता जानता है, तो तू है बहुत बड़ा कलाकार,
यह कलयुग है मेरे दोस्त,
निरर्थक – निराकार |
– अय्यारी
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livenews24x7hindi · 3 months ago
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इंस्टाग्राम रील्स पर भड़के राम गोपाल यादव, नग्नता फैलाने वालों को लगाई फटकार
सपा नेता राम गोपाल यादव ने रील बनाने वालों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने समाज को असभ्य बना दिया है, जिसके कारण आज बड़ी संख्या में हमारे युवा इसका शिकार हो रहे हैं। समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने मंगलवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इंस्टाग्राम रील्स का मुद्दा उठाया। उन्होंने रील्स बनाकर समाज में नग्नता फैलाने वालों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा…
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pacificleo · 10 months ago
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चमारों की गली -अदम गोंडवी
आइए महसूस करिए ज़िन्दगी के ताप को मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको
जिस गली में भुखमरी की यातना से ऊब कर मर गई फुलिया बिचारी एक कुएँ में डूब कर
है सधी सिर पर बिनौली कंडियों की टोकरी आ रही है सामने से हरखुआ की छोकरी
चल रही है छंद के आयाम को देती दिशा मैं इसे कहता हूं सरजूपार की मोनालिसा
कैसी यह भयभीत है हिरनी-सी घबराई हुई लग रही जैसे कली बेला की कुम्हलाई हुई
कल को यह वाचाल थी पर आज कैसी मौन है जानते हो इसकी ख़ामोशी का कारण कौन है
थे यही सावन के दिन हरखू गया था हाट को सो रही बूढ़ी ओसारे में बिछाए खाट को
डूबती सूरज की किरनें खेलती थीं रेत से घास का गट्ठर लिए वह आ रही थी खेत से
आ रही थी वह चली खोई हुई जज्बात में क्या पता उसको कि कोई भेड़िया है घात में
होनी से बेखबर कृष्णा बेख़बर राहों में थी मोड़ पर घूमी तो देखा अजनबी बाहों में थी
चीख़ निकली भी तो होठों में ही घुट कर रह गई छटपटाई पहले फिर ढीली पड़ी फिर ढह गई
दिन तो सरजू के कछारों में था कब का ढल गया वासना की आग में कौमार्य उसका जल गया
और उस दिन ये हवेली हँस रही थी मौज में होश में आई तो कृष्णा थी पिता की गोद में
जुड़ गई थी भीड़ जिसमें जोर था सैलाब था जो भी था अपनी सुनाने के लिए बेताब था
बढ़ के मंगल ने कहा काका तू कैसे मौन है पूछ तो बेटी से आख़िर वो दरिंदा कौन है
कोई हो संघर्ष से हम पाँव मोड़ेंगे नहीं कच्चा खा जाएँगे ज़िन्दा उनको छोडेंगे नहीं
कैसे हो सकता है होनी कह के हम टाला करें और ये दुश्मन बहू-बेटी से मुँह काला करें
बोला कृष्णा से बहन सो जा मेरे अनुरोध से बच नहीं सकता है वो पापी मेरे प्रतिशोध से
पड़ गई इसकी भनक थी ठाकुरों के कान में वे इकट्ठे हो गए थे सरचंप के दालान में
दृष्टि जिसकी है जमी भाले की लम्बी नोक पर देखिए सुखराज सिंग बोले हैं खैनी ठोंक कर
क्या कहें सरपंच भाई क्या ज़माना आ गया कल तलक जो पाँव के नीचे था रुतबा पा गया
कहती है सरकार कि आपस मिलजुल कर रहो सुअर के बच्चों को अब कोरी नहीं हरिजन कहो
देखिए ना यह जो कृष्णा है चमारो के यहाँ पड़ गया है सीप का मोती गँवारों के यहाँ
जैसे बरसाती नदी अल्हड़ नशे में चूर है हाथ न पुट्ठे पे रखने देती है मगरूर है
भेजता भी है नहीं ससुराल इसको हरखुआ फिर कोई बाँहों में इसको भींच ले तो क्या हुआ
आज सरजू पार अपने श्याम से टकरा गई जाने-अनजाने वो लज्जत ज़िंदगी की पा गई
वो तो मंगल देखता था बात आगे बढ़ गई वरना वह मरदूद इन बातों को कहने से रही
जानते हैं आप मंगल एक ही मक़्क़ार है हरखू उसकी शह पे थाने जाने को तैयार है
कल सुबह गरदन अगर नपती है बेटे-बाप की गाँव की गलियों में क्या इज़्ज़त रहे्गी आपकी
बात का लहजा था ऐसा ताव सबको आ गया हाथ मूँछों पर गए माहौल भी सन्ना गया था
क्षणिक आवेश जिसमें हर युवा तैमूर था हाँ, मगर होनी को तो कुछ और ही मंजूर था
रात जो आया न अब तूफ़ान वह पुर ज़ोर था भोर होते ही वहाँ का दृश्य बिलकुल और था
सिर पे टोपी बेंत की लाठी संभाले ह���थ में एक दर्जन थे सिपाही ठाकुरों के साथ में
घेरकर बस्ती कहा हलके के थानेदार ने - "जिसका मंगल नाम हो वह व्यक्ति आए सामने"
निकला मंगल झोपड़ी का पल्ला थोड़ा खोलकर एक सिपाही ने तभी लाठी चलाई दौड़ कर
गिर पड़ा मंगल तो माथा बूट से टकरा गया सुन पड़ा फिर "माल वो चोरी का तूने क्या किया"
"कैसी चोरी, माल कैसा" उसने जैसे ही कहा एक लाठी फिर पड़ी बस होश फिर जाता रहा
होश खोकर वह पड़ा था झोपड़ी के द्वार पर ठाकुरों से फिर दरोगा ने कहा ललकार कर -
"मेरा मुँह क्या देखते हो ! इसके मुँह में थूक दो आग लाओ और इसकी झोपड़ी भी फूँक दो"
और फिर प्रतिशोध की आंधी वहाँ चलने लगी बेसहारा निर्बलों की झोपड़ी जलने लगी
दुधमुँहा बच्चा व बुड्ढा जो वहाँ खेड़े में था वह अभागा दीन हिंसक भीड़ के घेरे में था
घर को जलते देखकर वे होश को खोने लगे कुछ तो मन ही मन मगर कुछ जोर से रोने लगे
"कह दो इन कुत्तों के पिल्लों से कि इतराएँ नहीं हुक्म जब तक मैं न दूँ कोई कहीं जाए नहीं" यह दरोगा जी थे मुँह से शब्द झरते फूल से आ रहे थे ठेलते लोगों को अपने रूल से
फिर दहाड़े, "इनको डंडों से सुधारा जाएगा ठाकुरों से जो भी टकराया वो मारा जाएगा
इक सिपाही ने कहा, "साइकिल किधर को मोड़ दें होश में आया नहीं मंगल कहो तो छोड़ दें"
बोला थानेदार, "मुर्गे की तरह मत बांग दो होश में आया नहीं तो लाठियों पर टांग लो
ये समझते हैं कि ठाकुर से उलझना खेल है ऐसे पाजी का ठिकाना घर नहीं है, जेल है"
पूछते रहते हैं मुझसे लोग अकसर यह सवाल "कैसा है कहिए न सरजू पार की कृष्णा का हाल" उनकी उत्सुकता को शहरी नग्नता के ज्वार को सड़ रहे जनतंत्र के मक्कार पैरोकार को
धर्म संस्कृति और नैतिकता के ठेकेदार को प्रांत के मंत्रीगणों को केंद्र की सरकार को
मैं निमंत्रण दे रहा हूँ- आएँ मेरे गाँव में तट पे नदियों के घनी अमराइयों की छाँव में
गाँव जिसमें आज पांचाली उघाड़ी जा रही या अहिंसा की जहाँ पर नथ उतारी जा रही
हैं तरसते कितने ही मंगल लंगोटी के लिए बेचती है जिस्म कितनी कृष्ना रोटी के लिए!
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roh230 · 1 year ago
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deepinsideheartsblog · 1 year ago
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सामाजिक जागरूकता जरूरी है वक़्त हो तो जरूर पढ़ें👇
पति को अपना ATM या गुलाम समझने वाली डोमिनेटिंग 'वूमेन ऑन टॉप', 'टॉप इन टाउन' बहूरानियों से मिलिए।
पति के पैर चारदीवारी के भी अंदर छूने से जिन नारीवादियों के ह्यूमन राइट्स वॉयलेट हो जाते हैं वहीं पब्लिकली अधनंगे घूमते हुए, क्लीवेज, हिप्स और जांघें दिखाते हुए यौनकुंठित परपुरुषों के लार टपकाने का और सबलोक क्लीनिक के परमानेंट रोगियों के टैंपरेरी सैटिस्फैक्शन का साधन बनते हुए इन मेयर पीसेज ऑफ फ्लैश की शान में कोई कमी नहीं आती।
कौन सोच सकता था कि एक दिन फैशन और सोशल मीडिया पर लाइक कमेंट फॉलोअर्स और कॉम्प्लीमेंट्स के लिए भारत की बहुएं, बेटियां, पत्नियाँ इस तरह बिना किसी दबाव के अधनंगी होकर स्वयं फोटोज अपलोड करेंगी और उनके पिता,भाई, पति खुश होकर लाइक, कमेंट्स गिनते नजर आएंगे।
मुगलों के आक्रमण और कन्याओं के अपहरण की हम बात करते हैं.अभी आजकल कौन से मुगल दबाव डाल रहे हैं इन्हें इस तरह नंगे होकर फोटो और वीडियो पोस्ट करने के लिए?
किसके दबाव में भारतीय बेटियाँ, बहुएं,पत्नियाँ विवाह के मंडप में भी शॉर्ट्स पहनकर जाने का,अश्लील प्रिवैडिंग फोटोशूट करने का और ठुमके लगाते हुए एंट्री करने का ट्रैंड शुरु कर रही हैं? नग्नता,ढीठता,अश्लीलता का प्रदर्शन वह भी ऐन विवाह के दिन ना करें तो हम पुरानी विचारधारा के हो जायेंगे?
और जो लड़कियाँ ऐसा सोचती हैं कि आपकी इस तरह से अपने जिस्म का प्रदर्शन करके आप वाहवाही लूट रहे हैं तो कभी पता लगाने की कोशिश करना कि आपके पीठ पीछे लोगों का नजरिया क्या होता है।
प्रेम,सम्मान,सामंजस्य और लगाव का कोई रिश्ता स्वयं नहीं जोड़ना है फिर रोना भी रोना है कि ��ति और समाज हमें प्रॉडक्ट की तरह देखते है।
वीमेंस लिबरेशन के नाम पर दुनिया के सारे शगल मंजूर हैं,पर पति के पैर छूने से उच्च शिक्षित,सोशल मीडिया पर अति सक्रिय,सिगरेट,दारू पीनेवाली बहूरानी की नाक कट जाती है, डोमेस्टिक वायलेंस और सारे लीगल राइट्स याद आने लगते हैं।
और अगर प्यार,अंडरस्टैंडिंग,दोस्ती इन सबके लिए पति का कहीं और एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर चल जाए तो विक्टिम कार्ड चलाने लगना,अगली को होमब्रेकर और स्लट की गाली देती फिरना,कोर्ट कचहरी,समाज की पंचायत करते फिरना पर अपने गिरेबान में कभी झांककर मत देखना।
पब्लिकली पैर छूनेवाली, साड़ी पहननेवाली, सर पर पल्लू लेने वाली स्त्रियों को तुम इनबॉक्स की रातरानियों के ताने ऐसे प्रतीत होते हैं जैसे कोई सूरज पर थूक रहा हो।
बहन,कानून और सामाजिक प्रतिष्ठा के भय से पति एसेट्स और प्रॉपर्टीज आपके नाम कर सकता है,ज्यादा कलेश करोगी तो इंस्टा पर पोस्ट करने के लिए होलीडेज पर ले जाकर दाँत चियारते हुए लवी डवी कपल वाली दर्जन भर तस्वीरें भी उपलब्ध करा देगा,पर ये कानून का दबाव बनाकर पति के हृदय में जगह कभी नहीं बना सकोगी।
और हाँ,ये सब फूहड़ता हरकतें करते हुए कम से कम अपनी तुलना वेदों में वर्णित भैरवी,देवी,शक्ति आदि उदाहरणों से तो किया मत करो। आपको कोई हक नहीं बनता अपने आप को दुर्गा और काली कहलाने का।
हमारी देवियों माता लक्ष्मी,माता सीता,माता पार्वती ने कभी नहीं कहा कि उनका पद अपने पतियों से बड़ा है या पति की सेवा करने से उनके सम्मान में कोई कमी आती है।
भेड़ चाल चलना बन्द कीजिए और बॉलीवुड की गंदगी को खुद में और परिवार में फेलन से रोकिये।
माता रानी इन बेटियों, नारियों को सदबुद्धि प्रदान करें।
बुरा लगे तो लगे पर जो गलत है वो गलत है, इसके लिए मुझे किसी से माफी मांगने की जरूरत नहीं।
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casualflowerglitter · 1 year ago
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*पर्यावरण : एक विराट सहजीवन*
#पश्चिम में एक नया आंदोलन चलता है, इकॉलॉजी- कि प्रकृति को नष्ट मत करो, अब और नष्ट मत करो।
हालांकि हमने कोशिश की थी हल करने की। हमने डीडीटी छिड़का, मच्छर मर जाएँ। मच्छर ही नहीं मरते, मच्छरों के हटते ही वह जो जीवन की श्रृंखला है उसमें कुछ टूट जाता है। मच्छर किसी श्रृंखला के हिस्से थे। वे कुछ काम कर रहे थे।
हमने जंगल काट डाले। सोचा कि जमीन चाहिए, मकान बनाने हैं। लेकिन जंगल काटने से जंगल ही नहीं कटते, वर्षा होनी बंद हो गई। क्योंकि वे वृक्ष बादलों को भी निमंत्रण देते थे, बुलाते थे। अब बादल नहीं आते, क्योंकि वृक्ष ही न रहे जो पुकारें। उन वृक्षों की मौजूदगी के कारण ही बादल बरसते थे; अब बरसते भी नहीं अब ऐसे ही गुजर जाते हैं।
हमने जंगल काट डाले, कभी हमने सोचा भी नहीं कि जंगल के वृक्षों से बादल का कुछ लेना-देना होगा। यह तो बाद में पता चला जब हमने जंगल साफ कर लिए। अब वृक्षारोपण करो। जिन्होंने वृक्ष कटवा दिए वही कहते हैं, अब वृक्षारोपण करो। अब वृक्ष लगाओ, अन्यथा बादल न आएँगे। हमने तो सोचा था अच्छा ही कर रहे हैं; जंगल कट जाएँ, बस्ती बस जाए।
हमने आदमी के जीवन की अवधि को बढ़ा लिया, मृत्यु-दर कम हो गई। अब हम कहते हैं, बर्थ-कंट्रोल करो। पहले हमने मृत्यु-दर कम कर ली, अब हम मुश्किल में पड़े हैं, क्योंकि संख्या बढ़ गई है। अब आदमी बढ़ते जाते हैं, पृथ्वी छोटी पड़ती जाती है। अब ऐसा लगता है अगर यह संख्या बढ़ती रही तो इस सदी के पूरे होते-होते आदमी अपने हाथ से खत्म हो जाएगा।
तो जिन्होंने दवाएँ ईजाद की हैं और जिन्होंने आदमी की उम्र बढ़ा दी है, पच्चीस-तीस साल की औसत उम्र को खींचकर अस्सी साल तक पहुंचा दिया- इन्होंने हित किया? अहित किया? बहुत कठिन है तय करना। क्योंकि अब बच्चे पैदा न हों, इसकी फिकर करनी पड़ रही है। लाख उपाय करोगे तो भी झंझट मिटने वाली नहीं है। अब अगर बच्चों को तुम रोक दोगे तो तुम्हें पता नहीं है कि इसका परिणाम क्या होगा।
मेरे देखे, अगर एक स्त्री को बच्चे पैदा न हों तो उस स्त्री में कुछ मर जाएगा। उसकी 'माँ' कभी पैदा न हो पाएगी। वह कठोर और क्रूर हो जाएगी। उसमें हिंसा भर जाएगी। बच्चे जुड़े हैं। जैसे वृक्ष बादल से जुडे हैं, ऐसे बच्चे माँँ से जुड़े हैं- और भी गहराई से जुड़े हैं। फिर क्या परिणाम होंगे, माँ को किस तरह की बीमारियाँ होंगी, कहना मुश्किल है।
इंग्लैंड में एकदवा ईजाद हुई, जिससे कि स्त्रियों को बच्चे बिना दर्द के पैदा हो सकते हैं। उसका खूब प्रयोग हुआ। लेकिन जितने बच्चे उस दवा को लेने से पैदा हुए- सब अपंग, कुरूप, टेढ़े-म़ेढे...। मुकदमा चला अदालत में। लेकिन तब तक तो भूल हो गई थी; अनेक स्त्रियाँ ले चुकी थीं। बिना दर्द के बच्चे पैदा हो गए, लेकिन बिना दर्द के बच्चे बिल्कुल बेकार पैदा हो गए, किसी काम के पैदा न हुए। तब कुछ खयाल में आया कि शायद स्त्री को जो प्रसव-पीड़ा होती है, वह भी बच्चे के जीवन के लिए जरूरी है। अगर एकदम आसानी से बच्चा पैदा हो जाए तो कुछ गड़बड़ हो जाती है। शायद वह संघर्षण, वह स्त्री के शरीर से बाहर आने की चेष्टा और पीडा, स्त्री को और बच्चे को- शुभ प्रारंभ है।
पीड़ा भी शुभ प्रारंभ हो सकती है। अगर फूल ही फूल रह जाएँ जगत में और काँटे बिल्कुल न बचें, तो लोग बिल्कुल दुर्बल हो जाएँगे; उनकी रीढ़ टूट जाएगी; बिना रीढ़ के हो जाएँगे। जीवन ऐसा जुड़ा है कि कहना मुश्किल है कि किस बात का क्या परिणाम होगा! कौन सी बात कहाँ ले जाएगी! मकड़ी का जाला, एक तरफ से हिलाओ, सारा जाला हिलने लगता है।
आदमी बुद्धि से कहीं पहुँचा नहीं। बुद्धि के नाम से जिसको हम प्रगति कहते हैं, वह हुई नहीं। वहम है। भ्रांति है। आदमी पहले से ज्यादा सुखी नहीं हुआ है, ज्यादा दुखी हो गया है। आज भी जंगल में बसा आदिवासी तुमसे ज्यादा सुखी है।
हालाँकि तुम उसे देखकर कहोगे- 'बेचारा! झोपड़े में रहता है या वृक्ष के नीचे रहता है। यह कोई रहने का ढंग है? भोजन भी दोनों जून ठीक से नहीं मिल पाता, यह भी कोई बात है? कपड़े-लत्ते भी नहीं हैं, नंगा बैठा है! दरिद्र, दीन, दया के योग्य। सेवा करो, इसको शिक्षित करो। मकान बनवाओ। कपड़े दो। इसकी नग्नता हटाओ। इसकी भूख मिटाओ।'
तुम्हारी नग्नता और भूख मिट गई, तुम्हारे पास कपड़े हैं, तुम्हारे पास मकान हैं- लेकिन सुख बढ़ा? आनंद बढ़ा? तुम ज्यादा शांत हुए? तुम ज्यादा प्रफुल्लित हुए? तुम्हारे जीवन में नृत्य आया? तुम गा सकते हो, नाच सकते हो? या कि कुम्हला गए और सड़ गए? तो कौन सी चीज गति दे रही है और कौन सी चीज सिर्फ गति का धोखा दे रही है, कहना मुश्किल है। लेकिन पूरब के मनीषियों का यह सारभूत निश्चय है, यह अत्यंत निश्चय किया हुआ दृष्टिकोण है, दर्शन है कि जब तक बुद्धि से तुम चलोगे तब तक तुम कहीं न कहीं उलझाव खड़ा करते रहोगे।
छोड़ो बुद्धि को! ��ो इस विराट को चलाता है, तुम उसके साथ सम्मिलित हो जाओ। तुम अलग-थलग न चलो। यह अलग-थलग चलने की तुम्हारी चेष्टा तुम्हें दुख में ले जा रही है। आदमी कुछ अलग नहीं है। जैसे पशु हैं, पक्षी हैं, पौधे हैं, चाँद-तारे हैं, ऐसा ही आदमी है- इस विराट का अंग। लेकिन आदमी अपने को अंग नहीं मानता।
आदमी कहता है- 'मेरे पास बुद्धि है। पशु-पक्षियों के पास तो बुद्धि नहीं। ये तो बेचारे विवश हैं। मेरे पास बुद्धि है। मैं बुद्धि का उपयोग करूँगा और मैं जीवन को ज्यादा आनंद की दिशा में ले चल��ँगा।' लेकिन कहां आदमी ले जा पाया! जितना आदमी सभ्य होता है, उतना ही दुखी होता चला जाता है। जितनी शिक्षा बढ़ती, उतनी पीड़ा बढ़ती चली जाती है। जितनी जानकारी और बुद्धि का संग्रह होता है, उतना ही हम पाते हैं किभीतर कुछ खाली और रिक्त होता चला जाता है!
इस धारणा को ही छोड़ दो किहम अलग-थलग हैं। हम इकट्ठे हैं। सब जुड़ा है। हम संयुक्त हैं। इस संयुक्तता में लीन हो जाओ।
~PPG~
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dooseep · 2 years ago
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Adult content ऑप्शन क्या है।
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Adult content ऑप्शन - 18+ (18 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगो के लिए ) सामग्री यानि  जिसमें नग्नता या सेक्शुअल ऐक्ट वाली तस्वीरें या वीडियो शामिल हैं। जैसे - किसी  का बिना कपडे या बहुत कम कपड़े पहने हुए इमेज, किसी भी तरिके की सेक्स किर्या, एजुकेशन के लिए जरूरी कॉन्टेंट  को छोड़कर कोई भी नग्नता या सेक्शुअल पोस्ट आदी। अगर आप ब्लॉग पर ऐसी सेक्ससी पोस्टें करते हो तो Adult content ऑप्शन चालू करना होगा।  यह चालू करने के बाद ब्लॉगर आपकी पोस्ट पर आने वाले दर्स्को को एक चेतावनी मेसेज दिखायेगा और फिर आपकी पोस्ट पर भेजेगा। Read More..
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bharatlivenewsmedia · 2 years ago
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Prakash Raj: “…ही नवीन ‘नग्नता’ का?”, मोदींचे फोटो शेअर करत प्रकाश राज यांचे ट्वीट
Prakash Raj: “…ही नवीन ‘नग्नता’ का?”, मोदींचे फोटो शेअर करत प्रकाश राज यांचे ट्वीट
Prakash Raj: “…ही नवीन ‘नग्नता’ का?”, मोदींचे फोटो शेअर करत प्रकाश राज यांचे ट्वीट Pm Narendra Modi: प्रकाश राज यांनी केलेल्या ट्वीटमध्ये नरेंद्र मोदी यांच्या २० फोटोंचे कोलाज आहे. Pm Narendra Modi: प्रकाश राज यांनी केलेल्या ट्वीटमध्ये नरेंद्र मोदी यांच्या २० फोटोंचे कोलाज आहे. Go to Source
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the-sound-ofrain · 2 years ago
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कनक कटाक्ष कंगन सी,
कोमल सी तेरी काया,
किंतु
कादम्बनी के कलम से कल्पित तेरी काया ।
कंकर कंकर डाल काग ने,
शिक्षक का स्वांग रचाया,
काल का रहस्य जानकर,
समय का चक्कर लगाया ।
कर्ण में माँ कुंती कण कण में थी,
किंतु कुरुक्षेत्र की कहानी में एक अनकही अनबन भी थी ||
कपीश किशन के कानुश अर्जुन ही थे,
किंतु कौरव के साथ खड़े ,
इस कौनतय के लिए कानून कुछ अलग थे |।
कब, क्यों, कौन, कहा और कैसे
हर कहानी किशन के कनवी में कंठित थी ||
कर्म की कुंजी हो या धर्म की पूंजी,
चंद्रमा के कुरपता का राज़ को या
काले पथ पर बिछा कांच हो,
हर कथा उन कृष्ण नैनो में अंकित थी ||
काम की कामना, ख्याति की वासना,
किरण्या की काशविनी में नाचना,
यही तो है, इस कलयुग की विडंबना |
नारी का तिरस्कार, पुरुषो के अधिकारों का बहिष्कार,
पूज्य है तो केवल अंधकार,
तू नग्नता जानता है, तो तू है बहुत बड़ा कलाकार,
यह कलयुग है मेरे दोस्त,
निरर्थक – निराकार |
– अय्यारी
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news27channel · 2 years ago
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31 दिसंबर की पार्टी का सभी को बेसब्री से इंतजार है ।रिसोर्ट, गार्डन, होटल, अन्य स्थानों में न्यू ईयर की पार्टी के आयोजन करने की तैयारी शुरू होने लगी है।
न्यू ईयर की पार्टी के आयोजन करने वाले सभी नियम कायदे की धज्जियां 31 दिसंबर को उड़ाएंगे जिसमे इसमें फूहड़ता,नग्नता, नंगा नाच, शराब, इत्यादि का सेवन और प्रदर्शन होगा इस न्यू ईयर की पार्टी में 18 वर्ष से कम उम्र के युवा भी शरीक होंगे और संस्कृति को तार-तार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
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shishirghatpande · 2 years ago
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#BoycottbollywoodForever
चिठ्ठी,
बिन्दी,
टुकड़े,
मोमबत्ती,
असहिष्णु,
तथाकथित बुद्धिजीवी-पत्रकार-समाज की ठेकेदार,
Liberal,
Secular,
Bollywood,
Award वापसी Gangs, कुछ दिनों पहले हिजाब के समर्थन में चीख़ रहे थे
और आज
@deepikapadukone की नग्नता के समर्थन में चीख़ रहे हैं. वाह रे दोगलों.
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balajeenews · 2 years ago
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IAS नियाज अहमद खान ने फिल्म पठान को लेकर कहा की?
IAS नियाज अहमद खान ने फिल्म पठान को लेकर कहा की?
IAS नियाज अहमद खान ने फिल्म पठान को लेकर कहा है कि ये फिल्म इस्लाम के खिलाफ है। मैंने पठान का गाना देखा है, यह नग्नता से भरा है जो बेहद आपत्तिजनक है। हम भारतीयों की महान संस्कृति है, ऐसी पश्चिमी नग्नता की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह न केवल हिंदू भाइयों के खिलाफ हैबल्कि इस्लाम के खिलाफ भी है।आईएएस नियाज खान ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि आदरणीय मंत्री महोदय ठीक कह…
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allgyan · 4 years ago
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न्‍यूडिटी और  रिब्ड जीन्स-
न्‍यूडिटी को लेकर हमेशा बहस छिड़ती रहती है।अभी हाल में भारत में रिब्ड जीन्स को लेकर बवाल हुआ था।की महिलाओं को कैसे जीन्स पहनने चाहिए कैसे नहीं इसपे बहुत बहस हो रही थी। तो हमने सोचा की आप को उन जगहों के बारे में बताया जाये जहाँ तो न्‍यूडिटी भी कोई अपराध नहीं है।यहाँ रिब्ड जीन्स पर बवाल हुआ पड़ा है वहाँ लोगों के नंगे घूमने में भी कोई पाबंदियां नहीं है।हर देश में अपने अलग कानून हैं फिर चाहे वो भरे बाजार किस करना हो या एक-दूसरे का हाथ पकड़कर चलना।बहुत से देशों में अपने पार्टनर का हाथ तक पकड़ना गैरकानूनी माना जाता है लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं जहां आप निर्वस्त्र होकर यानि बिना कपड़ों के घूम सकते हैं और यह पूरी तरह से न्यायोचित है।सबसे पहले हम आपको उन देशों के नाम बताते है।
1 - फ्रांस - इस देश में निर्वस्त्र घूमना पूरी तरह से तो वैध नहींहै लेकिन फ्रांस में ऐसी कई जगहें हैं जहां आप सार्वजनिक रूप से निर्वस्त्र होकर घूम सकते हैं जैसे की कैप डीएग्डी शहर।इस सहर को नेकेड सिटी के नाम से भी जाना जाता है। ये सहर ऐसा है की यहाँ लोग केवल बीच पर ही अपने कपडे नहीं उतारते बल्कि पुरे सहर में कपडे उतार के रहना यहाँ की पहली शर्त है। गर्मियों में यहाँ एक बार में 40000 से ज्यादा लोग इख्ठा होते है। लेकिन यहाँ एंट्री फीस देकर ही इस सहर में प्रवेश मिलता है नहीं तो यहाँ घुसने नहीं दिया जायेगा। यहाँ पर आप दूसरे साथी के साथ न्‍यूडिटी आनंद ले सकते है यहाँ पर शॉपिंग माल है और अच्छे बार और रेस्ट्रोरेंट है बैंकिंग जैसी हर तरह की ��ुविधाएं है ��िसे आप प्रयोग कर सकते है लेकिन यहाँ फोटोग्राफी और फोटे लेना सख्त मना है।
2 - क्रोएशिया -क्रोएशिया दक्षिण पूर्व यूरोप यानि बाल्कन में पानोनियन प्लेन, और भूमध्य सागर के बीच बसा एक देश है। देश का दक्षिण और पश्चिमी किनारा एड्रियाटिक सागर से मिलता है। देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर जगरेब है, जो तट से भीतर स्थित है। एड्रियाटिक सागर के किनारे कई हज़ार द्वीप हैं, इस समुद्र के किनारे पर्यटन के लिए उपयुक्त परिस्थितियाँ हैं।इस देश में नग्नवाद कल्‍चर काफी लम्बे समय से चला आ रहा है।आप इस देश में कहीं पर भी निर्वस्त्र घूम सकते हैं क्यों���ि यहां सार्वजनिक रूप से निर्वस्त्र होने को लेकर कोई भी कानून नही है।क्रोएशिया में एक अच्छी तरह से विकसित न्‍यूडिटी संस्कृति के साथ शिविर स्थलों और होटल विशेष रूप से खानपान के लिए लोकप्रिय हो गया है।
3 -नीदरलैंड- इस देश में सड़कों पर निर्वस्त्र घूमना तब तक किसी प्रकार का अपराध नहीं है जबतक कि आप कोई अविश्‍वसनीय कार्य नहीं करते हैं। यहां पर केवल कुछ जगह ही ऐसी हैं जहां पूरी तरह से नग्न होना वैध है। नीदरलैंड में कई टॉपलैस बीच भी हैं।नीदरलैंड के कल्चर के बारे में सुनके बहुत अजीब लगता है परन्तु यहाँ के लोगो के लिए ये साधारण बात होती है।नीदरलैंड में लोग सेक्स को खुले आम रखना पसंद करते है। नीदरलैंड में सेक्स की कई दुकाने है और संग्रहालय है जो यहाँ के कल्चर को उजागर करते है। नीदरलैंड में एक ही लिंग के व्यक्तियों के आपस में रिलेशन को नीदरलैंड बहुत अच्छे से स्वीकार करता है।
4 - अमेरिका- फ्लोरिडा हॉलोवर बीच मियामी न्‍यूडिटी के मामले में पूरी दुनिया में मशहूर हैं।यहां के लोगों को नंगे घूमना स्वर्ग में घूमने जैसा प्रतीत होता है।फ्लोरिडा के मियामी बीच में हौलओवर पार्क, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ नग्न समुद्र तटों में से एक है। पहली बार 1948 में खोला गया, हौलओवर पार्क अपनी सुंदरता, स्थान और निर्धारित स्थान और मज़ेदार वातावरण के कारण धन्यवादवादियों को प्रभावित करना जारी रखता है।हलोवर एक कपड़े-वैकल्पिक समुद्र तट के रूप में बहुत लोकप्रिय हो गया जब राजस्व-भूखे काउंटी ने समुद्र तट का उपयोग करने के लिए न्यूट्रीशियन से फीस एकत्र करने का दूसरा तरीका देखा। हालाँकि, बहुत कम कपड़े एक मुद्दा बन गए, और एक उचित रूप से उचित समाधान समुद्र तट के सबसे उत्तरी 800-यार्ड खिंचाव के लिए कपड़े-वैकल्पिक पहुंच को सीमित करना था।समुद्र तट सूर्योदय से सूर्यास्त तक और हर दिन एकमात्र खुला है शुल्क आपको पार्किंग के लिए पांच डॉलर का भुगतान करना होगा। सुविधाओं में टॉयलेट, शावर, रियायतें, पिकनिक टेबल और ला��फगार्ड शामिल हैं जो पार्क के खुले रहने के दौरान ड्यूटी पर हैं।
हालांकि, समुद्र तट के उत्तरी भाग को 1991 तक कपड़ों के वैकल्पिक के रूप में नामित नहीं किया गया था, जब एक डैड काउंटी अध्यादेश पर परिवारों को अपनी त्वचा को नंगे करने की अनुमति देने के लिए हस्ताक्षर किए गए थे। दुर्भाग्य से, फ्लोरिडा के राज्य के कानून आम तौर पर सार्वजनिक नग्नता की अनुमति नहीं देते हैं, इसलिए हौलोवर बीच फ्लोरिडा के एकमात्र स्थानों में से एक है जहां समुद्र तट नग्न होकर धूप सेंक सकते हैं।जबकि कैमरा क्षमताओं के साथ कैमरों या इलेक्ट्रॉनिक्स को प्रतिबंधित करने के लिए कोई कानून नहीं है, नग्न शिष्टाचार मांग के बिना अनुमति के कोई चित्र नहीं ले सकता है। स्नेह की यौन गतिविधि और सार्वजनिक प्रदर्शन सख्ती से निषेध है।
5 -यूनाईटेड किंगडम-यहां पर दुनिया के सबसे प्रसिद्ध नग्न बीच मौजूद हैं। यूके में कई नग्नवादी बीच ऐसे भी हैं जहां पर आप पूरी तरह से निर्वस्त्र हो सकते हैं और यह कानूनी तौर पर कोई अपराध भी नहींहै।
6 -स्पेन-इस देश में न्यूडिटी हर व्यक्ति का मानवाधिकार है। स्पेन के कानून के अनुसार यहां पर लोगों का नग्न होना और सड़को, बीचऔर पार्क में घूमना पूरी तरह वैध माना जाता है।अगर आप भी निर्वस्त्र होने का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो इन देशोंमें घूमने जा सकते हैं। यहां आपको भारत जैसा कल्‍चर तो दूर-दूर तक नहीं दिखेगा।
यह घटना एक अश्लील पर आधारित नहीं है और, कुछ मायनों में, नग्न की प्रशंसा करने और किसी को अपना दिखाने के लिए पूरी तरह से विकृत इच्छा (यह, बल्कि, प्रदर्शकों में निहित है), लेकिन प्रकृति के करीब पहुंचने की पूरी तरह से स्वस्थ इच्छा।आधुनिक दुनिया धीरे-धीरे सदियों पुरानी नैतिकता के अवशेषों से छुटकारा पाने के लिए शुरू हो रही है ।
न्यूडिटी पर अपनी दलीले -
19 वीं शताब्दी के अंत में, दो पुस्तकें जो लगभग एक साथ प्रकाशित हुईं, लेकिन स्वतंत्र रूप से एक-दूसरे से - हेनरिक इनगेविटर द्वारा "न्यूडिटी" और हेनरिक पुडर द्वारा "न्यूडिटी ऑफ न्यूडिटी" पूरे यूरोप में सुपर-बेस्टसेलर बन गईं।इन पुस्तकों का सार इस तथ्य से उबला हुआ है कि मानवता ने बहुत कुछ खो दिया है, हमेशा अपने आप को जंगली से आवास और कपड़े की दीवारों के साथ बंद कर दिया है, जिससे उन पर गहरी निर्भरता हो सकती है।कि पूर्ण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए, शरीर को हवा, पानी, घास, ओस, और एक लाभदायक प्राकृतिक आभा के अन्य प्राकृतिक संचयकों के साथ निकट, प्रत्यक्ष शारीरिक संपर्क की आवश्यकता होती है।न्यूडिज़्म का अभ्यास सभी ��च्चतम अभिजात वर्ग, वैज्ञानिक और व्यावसायिक बुद्धिजीवी, संस्कृति और कला कार्यकर्ता करते थे।न्यूडिज़्म के आधुनिक इतिहास को गिना जा सकता है, जिसके संस्थापक भूगोलवेत्ता (और कट्टर अराजकतावादी) एलीज़ रिकलस थे।उन्होंने नग्नता को एक सामाजिक रूप से स्वीकार्य व्यवहार के रूप में घोषित किया जो पूरी दुनिया को एक नए प्रकार की सोच का नेतृत्व कर सकता है।हमारा उद्देश्य ये रहता है की आप तक कुछ रोचक ख़बरों के साथ उसके पीछे की पुरे इतिहास को साथ लाये। अगर आपको हमारे आर्टिकल पसंद आ रहे है तो हमे अपना समर्थन दे।
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roh230 · 1 year ago
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lazypenguinearthquake · 3 years ago
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Apple ग्लोबली रोलिंग आउट मैसेज फीचर जो बाल सुरक्षा के लिए नग्नता को धुंधला करता है
Apple ग्लोबली रोलिंग आउट मैसेज फीचर जो बाल सुरक्षा के लिए नग्नता को धुंधला करता है
ऐप्पल वैश्विक स्तर पर संदेशों के लिए एक संचार सुरक्षा सुविधा जारी कर रहा है जिसका उद्देश्य बच्चों को नग्नता वाली छवियों को देखने या साझा करने से रोकना है। यह सुविधा अमेरिका में दिसंबर 2021 से लाइव है। इसे किसी बच्चे द्वारा भेजी या प्राप्त की जा रही नग्न छवियों का स्वचालित रूप से पता लगाने और धुंधला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सुविधा डिफ़ॉल्ट रूप से बंद है और माता-पिता द्वारा अपने बच्चे के…
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