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pujajadhav55 · 4 months ago
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subhashdagar123 · 6 months ago
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thakurbabanews · 7 months ago
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एसईईको नतिजा सार्वजनिक, सजिलै यसरी थाहा पाउनुहोस् नतिजा
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rajeshdiwathe · 8 months ago
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allmovies4eu · 1 year ago
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Stree 2 (स्त्री २) Movie Released Date, Trailer, Cast And all Details
Stree 2 (स्त्री २) Movie Released Date: Street 2 movie is an upcoming horror comedy hindi language movie if you like horror movie then this movie is for you. If we talk about  the writer of the movie then this movie is  written by Niren Bhatt and the  movie is directed by Amar Kaushik. 30 August 2024 is the Stree 2 (स्त्री २) Movie Released Date In the movie there are lots of wellknown face you…
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ajaykumar111-blog · 1 year ago
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orgasming-caterpillar · 2 years ago
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Mumma is currently reeling over the fact that im "going nihilistic" no mother i have been suicidal for as long as i can remember im finally seeing that pain is a temporary emotion and to enjoy the gaps between catastrophes called life and deal with the grief that I've carried in my heart since birth I will NOT lose the will to live from reading this book mother i never had any to begin with
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9327005315 · 2 years ago
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अभी अभी की बहोत बड़ी खबर..!
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thegardendreamer · 2 years ago
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#गुरू गोविन्द दोऊ खड़े#काके लागूं पांय।#बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।#कबीर का यह दोहा उतना ही अर्थपूर्ण है जितना अर्थपूर्ण है मेरी अध्यापिका का मुझ पर आशीर्वाद।#रामचरितमानस को लेकर जब सवाल तुलसी पर उठाया जा रहा था तो वे अपनी सूती साड़ी का पल्ला पकड़ती है और#कितना सुंदर कवि है ये हमारे भाई तुलसीदास जी !#क्यों उसकी छोटी सी कविता के भाग को समझने में इतनी तकलीफ़ हुई जाती है बेटा जी।#उन्होंने हमारी किताब को हाथ में लिया और चश्मा संभालकर जो समझाया उसने दुनिया को देखने समझने और व#और यही तो है २१वी सदी का ज्ञान कि जानो#परखो और चुनो।#ढोल गंवार शुद्र पशु नारी#सकल तारणा के अधिकारी : रामचरित मानस#१. ढोल (वाद्य यंत्र)- ढोल को हमारे सनातन संस्कृति में उत्साह का प्रतीक माना गया है इसके थाप से हमे#उत्साहमय हो जाता है. आज भी विभिन्न अवसरों पर ढोलक बजाया जाता है. इसे शुभ माना जाता है.#२. गंवार {गांव के रहने वाले लोग )- गाँव के लोग छल-प्रपंच से दूर अत्यंत ही सरल स्वभाव के होते हैं. गाँ#३. शुद्र (जो अपने कर्म व सेवाभाव से इस लोक की दरिद्रता को दूर करे)- सेवा व कर्म से ही हमारे जीवन व दू#४. पशु (जो एक निश्चित पाश में रहकर हमारे लिए उपयोगी हो) - प्राचीन काल और आज भी हम अपने दैनिक जीवन मे#दही. घी विभिन्न प्रकार के मिष्ठान्न इत्यादि के लिए हम पशुओं पर ही निर्भर हैं. पशुओ के बिना हमारे#५. नारी ( जगत -जननी#आदि-शक्ति#मा��ृ-शक्ति )- नारी के बिना इस चराचर जगत की कल्पना ही मिथ्या है नारी का हमारे जीवन में माँ#बहन बेटी इत्यादि के रूप में बहुत बड़ा योगदान है. नारी के ममत्व से ही हम हम अपने जीवन को भली-भाँती स#काली#लक्ष्मीबाई बनकर हमारा कल्याण करती है. इसलिए सनातन संस्कृति में नारी को पुरुषों से अधिक महत्त्#सकल तारणा के अधिकारी से यह तात्पर्य है-#१. सकल= सबका#२. तारणा= उद्धार करना#३. अधिकारी = अधिकार रखना#उपरोक्त सभी से हमारे जीवन का उद्धार होता है इसलिए इसे उद्धार करने का अधिकारी कहा गया है.#writing
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achyutapriya · 9 months ago
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अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम् । अङ्गीकृताखिलविभूतिरपाङ्गलीला माङ्गल्यदास्तु मम मङ्गलदेवतायाः ॥१॥
Salutations to the one who always dwells in the body of Sri Hari like an ornament of ecstatic love, Like the bees that delightfully dwell over the half-open flowers of the Tamala tree, Who has contained within her body the entire opulence of the universe through the play of her divine glance, May that glance bring auspiciousness in my life.
मुग्धा मुहुर्विदधती वदने मुरारेः प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि । माला दृशोर्मधुकरीव महोत्पले या सा मे श्रियं दिशतु सागरसम्भवायाः ॥२॥
Salutations to Mother Lakshmi Who is charmed (by Hari), and incessantly directs Her Glances on the Face of Murari, (The Glances) Filled with Love and Bashfulness, directed towards Hari,  go out in this moment (Out of Love) and return in the next moment (out of Bashfulness),  As if the series of Glances has taken the form of Female Bees who go round and round a Huge Water Lily, May She bestow on me her glance filled with good fortune, She Who has arisen out of the Ocean.
・❥・ Kanakdhara stotram (verses1,2)
A small appreciation post for my Sri ❀♡
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sajra-savera · 2 months ago
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एक 'Hi!' एक 'Hello!'
ऐसे ही तो बनते है दोस्त २
जब गिर जाऊ में तो पहले हंसकर फिर हाथ बढ़ाते हो
और जो रो जाऊ में तो चंद लफ्जों में मुस्कान ले आते हो
ना रुबरु मिलकर भी हमेशा एक साथ सा
यह जो नंबर हैं फोन में लागे कांधे पर हाथ सा
हर अनकही बात समझ जाना
हर खामोशी को बड़ी आसानी से पढ़ जाना
दोस्ती ही तो है जो अब तक है साथ हमारा
वरना यूं तो काफी आए, काफी गए पर यादों में सिर्फ एक नाम तुम्हारा
बचपन का वो फ्रेंडशिप बैंड तो नहीं
ना है लंचबॉक्स जो बाट ले तुमसे
पर जो न्योछावर करना हो कुछ तो
चाहेंगे हमारे हिस्से की खुशियों में भी एक भाग तुम्हारा
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janaknandini-singh999 · 4 months ago
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अयि गिरि नन्दिनी नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते
गिरिवर विन्ध्यशिरोधिनिवासिनी विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।
भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥१॥
सुरवर वर्षिणि दुर्धर धर्षिणि दुर्मुख मर्षिणि हर्षरते
त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिष मोषिणि घोषरते।
दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥२॥
अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्ब वनप्रिय वासिनि हासरते
शिखरि शिरोमणि तुङ्गहिमालय शृङ्गनिजालय मध्यगते।
मधुमधुरे मधुकैटभ गञ्जिनि कैटभ भञ्जिनि रासरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥३॥
अयि शतखण्ड विखण्डित रुण्ड वितुण्डित शुंड गजाधिपते
रिपुगजगण्ड विदारणचण्ड पराक्रमशुण्ड मृगाधिपते।
निजभुजदण्ड निपातितखण्ड विपातितमुण्ड भटाधिपते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥४॥
अयि रणदुर्मद शत्रुवधोदित दुर्धरनिर्जर शक्तिभृते
चतुरविचार धुरीणमहाशिव दूतकृत प्रमथाधिपते।
दुरितदुरीह दुराशयदुर्मति दानवदूत कृतान्तमते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥५॥
अयि शरणागत वैरिवधुवर वीरवराभय दायकरे
त्रिभुवनमस्तक शुलविरोधि शिरोऽधिकृतामल शुलकरे।
दुमिदुमितामर धुन्दुभिनाद महोमुखरीकृत दिङ्मकरे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥६॥
अयि निजहुङ्कृति मात्रनिराकृत धूम्रविलोचन धूम्रशते
समरविशोषित शोणितबीज समुद्भव शोणित बीजलते।
शिवशिवशुम्भ निशुम्भमहाहव तर्पितभूत पिशाचरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥७॥
धनुरनुषङ्ग रणक्षणसङ्ग परिस्फुरदङ्ग नटत्कटके
कनकपिशङ्ग पृषत्कनिषङ्ग रसद्भटशृङ्ग हतावटुके।
कृतचतुरङ्ग बलक्षितिरङ्ग घटद्बहुरङ्ग रटद्बटुके
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥८॥
सुरललना ततथेयि तथेयि कृताभिनयोदर नृत्यरते
कृत कुकुथः कुकुथो गडदादिकताल कुतूहल गानरते।
धुधुकुट धुक्कुट धिंधिमित ध्वनि धीर मृदंग निनादरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥९॥
जय जय जप्य जयेजयशब्द परस्तुति तत्परविश्वनुते
झणझणझिञ्झिमि झिङ्कृत नूपुर शिञ्जितमोहित भूतपते।
नटित नटार्ध नटी नट नायक नाटितनाट्य सुगानरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥१०॥
अयि सुमनःसुमनःसुमनः सुमनःसुमनोहरकान्तियुते
श्रितरजनी रजनीरजनी रजनीरजनी करवक्त्र��ृते।
सुनयनविभ्रमर भ्रमरभ्रमर भ्रमरभ्रमर भ्रमराधिपते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥११॥
सहितमहाहव मल्लमतल्लिक मल्लितरल्लक मल्लरते
विरचितवल्लिक पल्लिकमल्लिक झिल्लिकभिल्लिक वर्गवृते।
शितकृतफुल्ल समुल्लसितारुण तल्लजपल्लव सल्ललिते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥१२॥
अविरलगण्ड गलन्मदमेदुर मत्तमतङ्ग जराजपते
त्रिभुवनभुषण भूतकलानिधि रूपपयोनिधि राजसुते।
अयि सुदतीजन लालसमानस मोहन मन्मथराजसुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १३॥
कमलदलामल कोमलकान्ति कलाकलितामल भाललते
सकलविलास कलानिलयक्रम केलिचलत्कल हंसकुले।
अलिकुलसङ्कुल कुवलयमण्डल मौलिमिलद्बकुलालिकुले
जय जय हे महिषासुरमर्दि���ि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १४॥
करमुरलीरव वीजितकूजित लज्जितकोकिल मञ्जुमते
मिलितपुलिन्द मनोहरगुञ्जित रञ्जितशैल निकुञ्जगते।
निजगुणभूत महाशबरीगण सद्गुणसम्भृत केलितले
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १५॥
कटितटपीत दुकूलविचित्र मयुखतिरस्कृत चन्द्ररुचे
प्रणतसुरासुर मौलिमणिस्फुर दंशुलसन्नख चन्द्ररुचे।
जितकनकाचल मौलिमदोर्जित निर्भरकुञ्जर कुम्भकुचे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १६॥
विजितसहस्रकरैक सहस्रकरैक सहस्रकरैकनुते
कृतसुरतारक सङ्गरतारक सङ्गरतारक सूनुसुते।
सुरथसमाधि समानसमाधि समाधिसमाधि सुजातरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १७॥
पदकमलं करुणानिलये वरिवस्यति योऽनुदिनं सुशिवे
अयि कमले कमलानिलये कमलानिलयः स कथं न भवेत्।
तव पदमेव परम्पदमित्यनुशीलयतो मम किं न शिवे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १८॥
कनकलसत्कल सिन्धुजलैरनु षिञ्चति ते गुण रङ्गभुवम्
भजति स किं न शचीकुचकुम्भ तटीपरिरम्भ सुखानुभवम्।
तव चरणं शरणं करवाणि नतामरवाणि निवासि शिवम्
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १९॥
तव विमलेन्दुकुलं वदनेन्दुमलं सकलं ननु कूलयते
किमु पुरुहूतपुरीन्दुमुखी सुमुखीभिरसौ विमुखीक्रियते।
मम तु मतं शिवनामधने भवती कृपया किमुत क्रियते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २०॥
अयि मयि दीन दयालुतया कृपयैव त्वया भवितव्यमुमे
अयि जगतो जननी कृपयासि यथासि तथानुमितासिरते।
यदुचितमत्र भवत्युररी कुरुतादुरुतापमपाकुरुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २१॥
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thakurbabanews · 1 year ago
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ईरानद्धारा पाकिस्तानमा हवाई हमला हुदा २ बालबालिकाको मृत्यु, कारण यस्तो…?
३ माघ, बाँके : इरानले पाकिस्तानको बलुचिस्तानमा हवाई हमला गरेर दुई बालबालिकाको मृत्यु भएको छ भने तीन जना घाइते भएका छन् । इरानको सरकारी समाचार एजेन्सी आईआरएनएले पाकिस्तानमा मिसाइल र ड्रोनमार्फत् हवाई हमला गरेको समाचार सार्वजनिक गरेको थियो । तर पछि उसले त्यो समाचार हटाएको अन्तर्राष्ट्रिय सञ्चार माध्यमहरुले जनाएका छन् । ईरानले आतंकवादी संगठन जैश अल अदललाई लक्षित गरी मिसाइल आक्रमण गरेको जनाएको छ…
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alkabirislamic · 3 months ago
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सच्ची इबादत कौनसी है?
हजरत मुहम्मद जी ने पवित्र कुरान शरीफ के अनुसार इबादत करी और ६३ वर्ष की आयु में सख्त बीमार होकर तडपते-२ भी नमाज की। तथा घर पर आकर असहनीय पीडा में सारी रात तडफ़ कर प्राण त्याग दिए। क्या कुरान शरीफ में सही इबादत करने का मार्ग है?
#AlKabir_Islamic
#SaintRampalJi
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thegleamingmoon · 7 months ago
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सुंदर तें ध्यान उभे विटेवरी ।
कर कटावरी ठेवोनियां ॥१॥
Beautiful is that vision/thought (of Vitthala) standing on the brick with his hands
तुळसी हार गळां कांसे पीताम्बर ।
आवडे निरंतर तेंचि रूप ॥२॥
Adorned with Tulasi garlands and Pitaambara. I am always fond of his form.
मकरकुंडलें तळपती श्रवणीं ।
कंठीं कौस्तुभमणि विराजित ॥३॥
He adorns his ears with fish-like earrings. The kaustubha gem rests around his neck.
तुका ह्मणे माझें हेंचि सर्व सुख ।
पाहीन श्रीमुख आवडींने ॥४॥
Thus, Tuka says, this is all my happiness (that I seek)
I will behold his auspicious visage with great joy.
- Saint Tukaram.
*********
Wishing everyone a prosperous and blessed Ashadhi Ekadashi. May Vitthala and Rakhumai always be with you. This composition by Saint Tukaram resonates with each and every devotee who seeks their joy in Vitthala / Naryana. I have tried to translate it as precisely as I could with whatever little knowlege of Marathi that I have. You can let me know if I have made a mistake somewhere.
🐚🪷 ।। रामकृष्ण हरी ।। 🪷🐚
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gukkvia · 9 months ago
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‎ 𝗣꯭𝗔꯭𝗖꯭𝗞 𝗘꯭𝗠꯭꯭𝗢꯭꯭𝗝𝗜 ∙ 𝟭
💎̵̸̺͂ ⛲̸̵̺͂ 💦̸̵̺͂ 💧̵̸̺͂ 🐋̵̸̺͂ ❄️̵̸̺͂
🫧̸̷̶̺᪲ׄ 🧊̷̸̶̺᪲ׄ 📘̸̷̶̺᪲ׄ 🩵̸̷̺ׄ᪲ 🫐̶̷̸̺ׄ᪲ 💙̷̸̶̺᪲ׄ
‎ 𝗣꯭𝗔꯭𝗖꯭𝗞 𝗘꯭𝗠꯭꯭𝗢꯭꯭𝗝𝗜 ∙ 𝟮
💎̷̶໋̼ ⛲̷̶໋̼ 💦̶̷໋̼ 💧̷̶໋̼ 🐋̷̶໋̼ ❄️̷̶໋̼
🫧̷̶໋̼ 🧊̷̶໋̼ 📘̷̶໋̼ 🩵̷̶໋̼ 🫐̶̷໋̼ 💙̶̷໋̼
‎ 𝗣꯭𝗔꯭𝗖꯭𝗞 𝗘꯭𝗠꯭꯭𝗢꯭꯭𝗝𝗜 ∙ 𝟯
ׄ💎̷໋ׄ ⛲̶̳ 💦̶̷໋֢ 💧̸̷ 🐋⃞̸̷̼͞ ⃞ ❄҉̸̷̶ ҉
🫧⃥̷̶̼ 🧊̷̶̸̼̳ 📘̵̷̸̲͚̅ 🩵֢֗݊⃝२ 🫐̷໋৯ 💙⃝̶ ⃝̸̷݊
‎ 𝗣꯭𝗔꯭𝗖꯭𝗞 𝟮˚ 𝝡꯭𝝖꯭𝝞꯭𝗦 𝗩꯭𝗢꯭𝗧꯭𝗔꯭𝗗꯭𝗢
‎ 🎀⃥̶໋ 🩰݊҉ 🩷⃝ ⃝̶̷ 🌸̷̶
©   𝑏𝑦  luludogojozin
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