#२०
Explore tagged Tumblr posts
Text
नेपालगञ्ज कनक्लेभ मंसिर २० र २१ गते आयोजना हुने, यस्तो छ तयारी हेर्नुस्
१२ कात्तिक, बाँके : बाँकेको नेपालगञ्जमा हुने कनक्लेभको दोस्रो संस्करण मंसिर २० र २१ गते हुने भएको छ । धारा नेपालगञ्ज म्याराथनको पूर्वसन्ध्यामा आयोजना हुँदै आएको कनक्लेभ नेपाल युवा उद्यमी मञ्च नेपालगञ्ज च्याप्टरसँगको सहकार्यमा क्रियटिभ ह्याण्डस्ले आयोजना गर्दै आएको छ । उक्त कनक्लेभका निर्देशक जनक नेपालका अनुसार यसपटक आठ वटा सत्रमा छलफल गरिने तय भएको बताएका छन् । उनका अनुसार कनक्लेभमा स्थानीय…
#bageshwori khabar tv#bageshworikhabar#bageshworikhabar.com#bageshworinews#banke update#kohalpur daily update#Nepalganj ConClave#Nepalganj Convlave#आयोजना के के हुदैछन हेर्नुस्#नेपालगञ्ज कनक्लेभ#नेपालगञ्ज कनक्लेभ मंसिर २० र २१ गते आयोजना हुने तयारी यस्तो छ हेर्नुस्#नेपालगञ्ज कनक्लेभ मंसिर २० र २१ गते हुने
0 notes
Text
#sant rampal ji maharaj#धरतीमा_अवतारत्यो अवतार जसको प्रतीक्षा मानिसहरूले गरिरहेका छन्#आज २० वर्षका भैसकेका छन्। - जयगुरुदेव
0 notes
Text
0 notes
Video
youtube
🚩बालाजी धाम मेहगांव रायसेन 🚩🚩 | Balaji Dham Mehgav Raisen🚩🚩
#hamaravidisha#balajidhamraisen#mehgav#विदिशा शहर से १० किमि और रायसेन से २० किमी दूर स्थित है। जो कि रायसेन जिले में आता है। रायसेन जिल
0 notes
Text
0 notes
Text
👇
अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel Visit करें।
0 notes
Text
मेघ श्रीमंस्त्वमसि दयितो यादवेन्द्रस्य नूनं श्रीवत्साङ्कं वयमिव भवान् ध्यायति प्रेमबद्धः।
अत्युत्कण्ठः शबलहृदयोऽस्मद्विधो बाष्पधाराः स्मृत्वा स्मृत्वा विसृजसि मुहुर्दुःखदस्तत्प्रसङ्गः॥ २०
Oh honorable cloud, you surely are a friend most dear to the Chief of the Yadavas with the Srivatsa on His chest. We are, in our meditation on pure love, just as bound to Him as your good self is. Your most eager heart is just as distraught as ours. We, just like you, remember Him over & over. And that results in torrents of rain with you, just as it time & again makes us shed streams of tears. It can be so hurtful to associate with Him!
Mahishi Geet (Song of the Lord's Queens) : Verse 20
#krishna#gopiblr#hinduism#hindublr#krishnablr#devotion#kanha#desiblr#rukmini#krishmini#ashtbharya#ashtmahishi#dwarka#lord vishnu
45 notes
·
View notes
Text
अयि गिरि नन्दिनी नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते
गिरिवर विन्ध्यशिरोधिनिवासिनी विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।
भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥१॥
सुरवर वर्षिणि दुर्धर धर्षिणि दुर्मुख मर्षिणि हर्षरते
त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिष मोषिणि घोषरते।
दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥२॥
अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्ब वनप्रिय वासिनि हासरते
शिखरि शिरोमणि तुङ्गहिमालय शृङ्गनिजालय मध्यगते।
मधुमधुरे मधुकैटभ गञ्जिनि कैटभ भञ्जिनि रासरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥३॥
अयि शतखण्ड विखण्डित रुण्ड वितुण्डित शुंड गजाधिपते
रिपुगजगण्ड विदारणचण्ड पराक्रमशुण्ड मृगाधिपते।
निजभुजदण्ड निपातितखण्ड विपातितमुण्ड भटाधिपते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥४॥
अयि रणदुर्मद शत्रुवधोदित दुर्धरनिर्जर शक्तिभृते
चतुरविचार धुरीणमहाशिव दूतकृत प्रमथाधिपते।
दुरितदुरीह दुराशयदुर्मति दानवदूत कृतान्तमते
जय जय हे महिषासुरमर��दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥५॥
अयि शरणागत वैरिवधुवर वीरवराभय दायकरे
त्रिभुवनमस्तक शुलविरोधि शिरोऽधिकृतामल शुल��रे।
दुमिदुमितामर धुन्दुभिनाद महोमुखरीकृत दिङ्मकरे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥६॥
अयि निजहुङ्कृति मात्रनिराकृत धूम्रविलोचन धूम्रशते
समरविशोषित शोणितबीज समुद्भव शोणित बीजलते।
शिवशिवशुम्भ निशुम्भमहाहव तर्पितभूत पिशाचरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥७॥
धनुरनुषङ्ग रणक्षणसङ्ग परिस्फुरदङ्ग नटत्कटके
कनकपिशङ्ग पृषत्कनिषङ्ग रसद्भटशृङ्ग हतावटुके।
कृतचतुरङ्ग बलक्षितिरङ्ग घटद्बहुरङ्ग रटद्बटुके
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥८॥
सुरललना ततथेयि तथेयि कृताभिनयोदर नृत्यरते
कृत कुकुथः कुकुथो गडदादिकताल कुतूहल गानरते।
धुधुकुट धुक्कुट धिंधिमित ध्वनि धीर मृदंग निनादरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥९॥
जय जय जप्य जयेजयशब्द परस्तुति तत्परविश्वनुते
झणझणझिञ्झिमि झिङ्कृत नूपुर शिञ्जितमोहित भूतपते।
नटित नटार्ध नटी नट नायक नाटितनाट्य सुगानरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥१०॥
अयि सुमनःसुमनःसुमनः सुमनःसुमनोहरकान्तियुते
श्रितरजनी रजनीरजनी रजनीरजनी करवक्त्रवृते।
सुनयनविभ्रमर भ्रमरभ्रमर भ्रमरभ्रमर भ्रमराधिपते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥११॥
सहितमहाहव मल्लमतल्लिक मल्लितरल्लक मल्लरते
विरचितवल्लिक पल्लिकमल्लिक झिल्लिकभिल्लिक वर्गवृते।
शितकृतफुल्ल समुल्लसितारुण तल्लजपल्लव सल्ललिते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥१२॥
अविरलगण्ड गलन्मदमेदुर मत्तमतङ्ग जराजपते
त्रिभुवनभुषण भूतकलानिधि रूपपयोनिधि राजसुते।
अयि सुदतीजन लालसमानस मोहन मन्मथराजसुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १३॥
कमलदलामल कोमलकान्ति कलाकलितामल भाललते
सकलविलास कलानिलयक्रम केलिचलत्कल हंसकुले।
अलिकुलसङ्कुल कुवलयमण्डल मौलिमिलद्बकुलालिकुले
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १४॥
करमुरलीरव वीजितकूजित लज्जितकोकिल मञ्जुमते
मिलितपुलिन्द मनोहरगुञ्जित रञ्जितशैल निकुञ्जगते।
निजगुणभूत महाशबरीगण सद्गुणसम्भृत केलितले
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १५॥
कटितटपीत दुकूलविचित्र मयुखतिरस्कृत चन्द्ररुचे
प्रणतसुरासुर मौलिमणिस्फुर दंशुलसन्नख चन्द्ररुचे।
जितकनकाचल मौलिमदोर्जित निर्भरकुञ्जर कुम्भकुचे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १६॥
विजितसहस्रकरैक सहस्रकरैक सहस्रकरैकनुते
कृतसुरतारक सङ्गरतारक सङ्गरतारक सूनुसुते।
सुरथसमाधि समानसमाधि समाधिसमाधि सुजातरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १७॥
पदकमलं करुणानिलये वरिवस्यति योऽनुदिनं सुशिव���
अयि कमले कमलानिलये कमलानिलयः स कथं न भवेत्।
तव पदमेव परम्पदमित्यनुशीलयतो मम किं न शिवे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १८॥
कनकलसत्कल सिन्धुजलैरनु षिञ्चति ते गुण रङ्गभुवम्
भजति स किं न शचीकुचकुम्भ तटीपरिरम्भ सुखानुभवम्।
तव चरणं शरणं करवाणि नतामरवाणि निवासि शिवम्
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १९॥
तव विमलेन्दुकुलं वदनेन्दुमलं सकलं ननु कूलयते
किमु पुरुहूतपुरीन्दुमुखी सुमुखीभिरसौ विमुखीक्रियते।
मम तु मतं शिवनामधने भवती कृपया किमुत क्रियते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २०॥
अयि मयि दीन दयालुतया कृपयैव त्वया भवितव्यमुमे
अयि जगतो जननी कृपयासि यथासि तथानुमितासिरते।
यदुचितमत्र भवत्युररी कुरुतादुरुतापमपाकुरुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २१॥
46 notes
·
View notes
Text
द्वौ मासौ बन्धनान्मुक्ति विप्रवक्तात् श्रुतं यदि । मृतवत्सा जीववत्सा षण्मासं श्रवणं यदि ॥३॥
Meaning(in English):
3.1 (Salutations to Adya Maa) A person becomes free from Bondage in two months if he listens to this Stotra from a Vipra (Seer) (and meditates on Adya Shakti), 3.2 A mother whose new-born Child always dies, becomes a child-surviving mother if she listens to this Stotra for six months (continuously),
३/२०
जय माँ काली
जय शिव शक्ति
#hindu dharma#hinduism#india#spirituality#navaratri#shakti#sadhna#hindu#bhakti#hindu mythology#hindustan#sanatan#sanatandharma#kali#maa kali#kali puja#kaulamarga priya#jaymaakali#shivapriya#bhairavapujitaye#shamshanvasini#balipriyaye#रणप्रिया#रणमत्ता#धर्मार्थकाममोक्षे प्रदायिनी#dharma
24 notes
·
View notes
Text
DAY 5601
Jalsa, Mumbai June 18, 2023 Sun 11:25 PM
Birthday - EF - Amrit Singh Manku .. Monday, 19 June ... wishes for this day for you and love from the Ef brigade ..❤️
🪔 .. June 19 .. birthday greetings to Ef Amritvir Singh Manku from London .. thank you for all your affection .. stay safe and protected .. ❤️ from your Ef Family ..
..
to ask of you to give to accept to love my love to you ever .. that be the express of the day at the GOJ .. and the apprehensions exist .. as I do the ‘sitting’ by the self in wonder .. will they be there, will they be happy , will they cheer .. so many if and wills theys ..
be the insecurity of the creative mind ..
but when I walk out ..
there is nothing quite like it .. and I shall ever remain in wonder of its blessing ..
and the several mean of the interpretations get different mean to the each .. and each look at it with some disdain at times and some in incessant questioning .. how wonderful to be in such state of uncertainty .. on the part of the other ..
it be as bad as the bike ride and the helmet ..
किया कराया कुछ नहीं ; अंडे फोड़े २० वहीं !
those, Hindi challenged , be not in worry .. it be nothing .. at all ..
but it needs to be said that the times in the Saptaswar be the most inspiring even though they produce nothing of value .. someday perhaps but at the moment , nothing at all ..
many that felt the poem of Babuji wrote in to appreciate the condition of its appearance .. at the most opportune moment .. it related to many .. and the condition they were in ..
the genius of a poet is demonstrated by the attachment his words give to the reader .. each must be the poet .. each must identify the mean of the word expressed .. many a time has Babuji expressed this in his write ups .. in the forwards of the fresh material .. in the pre and post .. such a joy to be able to read the mind as it develops creativity .. to share .. and give to the prospectus of an entrant the needed advice , path and inspired hand on the back ...
what we become and what we conduct in our path necessarily has the adventure of the elder .. it needs attention and deliverance .. for in time that is what shall be given to yours .. and his to his .. and on ..
.. another day approaches by the morrow which shall be spent in ‘sitting’ .. sitting and thinking ..
love and may the night be of pleasant rest ..
Amitabh Bachchan
140 notes
·
View notes
Text
#सफल_हुआ_विशाल_भंडारा
कबीर साहेब प्रकट दिवस जो हर साल ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार भी २० से २२ जून २०२४ तक तीन दिवसीय अखंड पाठ और भंडारे का आयोजन किया गया जो पूर्ण रूप से सफल हुआ।
प्लीज भंडारे में लाखों श्रद्धालुओं ने कबीर परमात्मा को के बारे में आना और जय जय कार की।
#SantRampalJiMaharaj #bhandara #langar #feast
↪️⛲अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक "ज्ञान गंगा" फ्री में ऑर्डर करे ⤵️
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSc2SCilCt8isyNVt97-LUUrIBX_JgG_fbAoMOoXgWMacEBqTg/viewform?usp=sf_link
या
अपना नाम ,पूरा पता, पिन कोड ,मोबाइल नंबर हमें Whatsapp करें +91 7496801825
पुस्तक और डिलीवरी चार्ज बिल्कुल निःशुल्क (फ्री) है।
अधिक जानकारी के लिए अवश्य डाउनलोड करें *SANT RAMPAL JI MAHARAJ* app play store से
🫴🏻 अब संत रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन प्रतिदिन सुनिए
🏵️ ईश्वर टी.वी. पर सुबह 6:00 से 7:00 तक
🏵️ श्रद्धा MH ONE टी. वी. पर दोपहर 2:00 से 3:00 तक
🏵️ साधना टी. वी. पर शाम 7:30 से 8:30 तक
📣 Visit 👉 Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel.
#sant rampal ji maharaj#saintrampalji#kabir is god#godkabir#chennai#delhi#bengaluru#my post#कबीर परमेश्वर प्रकट दिवस#सफल हुआ विशाल भंडारा
7 notes
·
View notes
Text
भारतबाट चामल र चिनी ल्याउन १० उद्योग, २० फर्मले पाए अनुमति
३० असार, काठमाडौं : सरकारले भारतबाट चामल आयात गर्न २० वटा फर्मलाई अनुमति दिएको छ । वाणिज्य, आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण विभागका अनुसार भारतबाट तोकिएको कोटा बमोजिमको चामल आयात गर्न इच्छुक फर्म तथा कम्पनीसँग ११ असारमा सार्वजनिक सूचना जारी गरिएको थियो । त्यसमध्ये २८ फर्म तथा कम्पनीले आवेदन दिएका थिए । आवेदन दिएकामध्ये २० फर्म र कम्पनीको आवेदन स्वीकृत भएको विभागले जनाएको छ । विभागले स्वीकृत फर्म र…
#२० फर्मले पाए अनुमति#bageshworikhabar#bageshworikhabar.com#bageshworinews#भारत#भारतबाट चामल र चिनी ल्याउन १० उद्योग#भारतबाट चामल र चिनी ल्याउन उद्योगले पाए अनुमति
0 notes
Text
#सफल_हुआ_विशाल_भंडारा
कबीर साहेब प्रकट दिवस जो हर साल ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार भी २० से २२ जून २०२४ तक तीन दिवसीय अखंड पाठ और भंडारे का आयोजन पूर्ण रूप से सफल हुआ इस भंडारे में लाखों श्रद्धालुओं ने कबीर परमात्मा के बारे में जाना और जय जय कार की।
#santrampaljimaharaj#kabir is real god#satlokashram#spritualworld#sat kabir ki daya#saint rampal ji maharaj#kabirprakatdiwas#dahej
2 notes
·
View notes
Text
#सफल_हुआ_विशाल_भंडारा
कबीर साहेब प्रकट दिवस जो हर साल ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार भी २० से २२ जून २०२४ तक तीन दिवसीय अखंड पाठ और भंडारे का आयोजन किया गया जो पूर्ण रूप से सफल हुआ।
Sant Rampal Ji Maharaj
2 notes
·
View notes
Text
#हरि_आये_हरियाणे_नू
संत गरीबदास जी ने कहा है
सर्व कला सतगुरु साहेब की, हरि आए हरियाणे नूँ।
सन् १७२७ में सर्व शक्तिमान परमेश्वर कबीर जी जिंदा महात्मा रूप में सतलोक से आकर संत गरीबदास जी को गांव छुड़ानी, जिला झज्जर हरियाणा में मिले थे। इसी अवसर पर संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में संत गरीबदास जी का बोध दिवस १९-२०-२१ मार्च को मनाया जा रहा है।
2Days Left For Bodh Diwas
5 notes
·
View notes
Text
अवतरण दिवस
08/09/1951
अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता
"जीन डिक्सन"
के अनुसार २० वीं सदी के अंत से पहले विश्व में हाहाकार मचेगा। वैचारिक युद्ध के बाद आध्यात्मिकता पर आधारित एक नई सभ्यता सम्भवतः भारत के ग्रामीण परिवार के व्यक्ति के नेतृत्व में जमेगी जो यद्ध को सदा के लिए विदा कर देगी।
ये संकेत सतगुरु रामपाल जी महाराज की तरफ है।
5 notes
·
View notes