#हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं?
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हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं? : Hindi Diwas Ki Shayari: इन बेस्ट शारियों के जरिए दें अपनों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं
हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं? उनके 50वें जन्मदिन पर ही संविधान सभा ने हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में औपचारिक रूप दिया था और बाद में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य पूरे देश में हिंदी के उपयोग और समझ को बढ़ावा देना है । हिंदी दिवस 2024 का विषय क्या है? हिंदी दिवस 2024 की थीम की आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है। हिंदी…
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Hindi Diwas क्यों मनाया जाता है? भारत में कौन सी भाषाएँ बोली जाती हैं?
Hindi Diwas: 14 सितंबर को भारतीय राष्ट्रीय ‘हिंदी दिवस�� मनाते हैं। 1949 में आज ही के दिन हिंदी भाषा को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाया गया था। देवनागरी लिपि में लिखे गए, भारत के संविधान ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया। और 14 सितंबर 1953 को भारत ने पहला हिंदी दिवस (हिंदी दिवस) मनाया। लगभग 425 मिलियन लोग हिंदी को अपनी पहली…
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🚩विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है? हिंदी भाषा कितनी महान है? 10 जनवरी 2022
🚩 दुनिया में पहला विश्व हिंदी दिवस भारत में नहीं बल्कि नार्वे में मनाया गया था। नार्वे में पहला विश्व हिन्दी दिवस भारतीय दूतावास ने तथा दूसरा और तीसरा विश्व हिन्दी दिवस भारतीय नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के तत्वाधान में लेखक सुरेशचन्द्र शुक्ला की अध्यक्षता में बहुत धूमधाम से मनाया गया था।
🚩 इन्दिरा गाँधी भारतीय सांस्कृतिक केन्द्र के सभागार में, रविवार 10 जनवरी 2010 को, विश्व हिन्दी सचिवालय, शिक्षा, संस्कृति एवं मानव संसाधन मन्त्रालय, भारतीय उच्चायोग, इन्दिरा गाँधी भारतीय सांस्कृतिक केन्द्र तथा हिन्दी संगठन के मिले-जुले सहयोग से विश्व हिन्दी दिवस 2010 मनाया गया।
जिसमें मुख्य अतिथि हंगरी के भारोपीय शिक्षा विभाग से आई हुई डॉ. मारिया ने��्यैशी थी। इस उपलक्ष्य में विश्व हिन्दी सचिवालय की एक रचना (एक विश्व हिन्दी पत्रिका) का भी लोकार्पण मॉरिशस गणराज्य के राष्ट्रपति माननीय सर अनिरुद्ध जगन्नाथजी के कर-कमलों द्वारा हुआ। इस अवसर पर भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर पर कविता-प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया, सम्मान उन सभी नवोदित कवियों का वास्तव में रहा जिनको अपनी कलात्मकता प्रेषित करने का एक मंच प्राप्त हुआ।
🚩 विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था। इसीलिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
🚩 अपने अधिकतर भाषण अंग्रेजी में ही देने वाले भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी, 2006 को प्रति वर्ष विश्व हिन्दी दिवस के रूप मनाये जाने की घोषणा की थी। उसके बाद से भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेश में 10 जनवरी 2006 को पहली बार विश्व हिन्दी दिवस मनाया था। इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं।
🚩 हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जा रही है
🚩 दुनिया में हिंदी बोलने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2015 के आंकड़ों के अनुसार हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बन चुकी है।
🚩 2005 में दुनिया के 160 देशों में हिंदी बोलने वालों की अनुमानित संख्या 1,10,29,96,447 थी। उस समय चीन की मंदारिन भाषा बोलने वालों की संख्या इससे कुछ अधिक थी। लेकिन 2015 में दुनिया के 206 देशों में करीब 1,30,00,00,000 (एक अरब तीस करोड़) लोग हिंदी बोल रहे हैं और अब हिंदी बोलने वालों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा हो चुकी है। चीन के 20 विश्वविद्यालयों में भी हिंदी पढ़ाई जा रही है।
🚩 भारत में 78 फीसद लोग हिंदी बोलते हैं। हिंदी के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा चीन की मंदारिन है। लेकिन मंदारिन बोलने वालों की संख्या चीन में ही भारत में हिंदी बोलने वालों की संख्या से काफी कम है।
🚩 चीनी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की एक रिपोर्ट के अनुसार केवल 70 फीसद चीनी ही मंदारिन बोलते हैं जबकि भारत में हिंदी बोलने वालों की संख्या करीब 78 फीसद है। दुनिया में 64 करोड़ लोगों की मातृभाषा हिंदी है। जबकि 20 करोड़ लोगों की दूसरी भाषा, एवं 44 करोड़ लोगों की तीसरी, चौथी या पांचवीं भाषा हिंदी है।
🚩 भारत के अलावा मॉरीशस, सूरीनाम, फिजी, गयाना, ट्रिनिडाड और टोबैगो आदि देशों में हिंदी बहुप्रयुक्त भाषा है। भारत के बा��र फिजी ऐसा देश है, जहां हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। हिंदी को वहां की संसद में प्रयुक्त करने की मान्यता प्राप्त है। मॉरीशस में तो बाकायदा "विश्व हिंदी सचिवालय" की स्थापना हुई है, जिसका उद्देश्य ही हिंदी को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित करना है।
🚩 आपको बता दें कि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने अपनी सिफारिशों में सरकारी और निजी दोनों संस्थानों में से धीरे-धीरे अंग्रेजी को हटाने और भारतीय भाषाओं को शिक्षा के सभी स्तरों पर शामिल करने पर जोर दिया है। साथ ही आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे अंग्रेजी भाषाओं में पढ़ाई कराने वाले संस्थानों में भी भारतीय भाषाओं में शिक्षा देने की सुविधा देने पर जोर दिया गया है।
🚩 हिंदी भाषा इसलिये दुनिया में प्रिय बन रही है क्योंकि इस भाषा को देवभाषा संस्कृत से लिया गया है जिसमें मूल शब्दों की संख्या 2,50,000 से भी अधिक है जबकि अंग्रेजी भाषा के मूल शब्द केवल 10,000 ही हैं।
🚩 हिंदी का शब्दकोष बहुत विशाल है और एक-एक भाव को व्यक्त करने के लिए सैकड़ों शब्द हैं जो अंग्रेजी एवं अन्य भाषाओं में नहीं हैं। हिंदी भाषा संसार की उन्नत भाषाओं में सबसे अधिक व्यवस्थित भाषा है।
🚩 इंटरनेट पर अंग्रेजी को पछाड़कर राज करेगी हिंदी
गूगल और केपीएमजी की एक संयुक्त रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है कि इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं का राज होगा । हिंदी, बांग्ला, मराठी, तमिल और तेलुगु आदि भारतीय भाषाओं के यूजर्स तेजी से बढ़ेंगे और अंग्रेजी के दबदबे को खत्म कर देंगे । अभी हमें भी इंटरनेट पर अंग्रेजी नहीं बल्कि राष्ट्रभाषा का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए।
🚩 विदेशों में हिन्दी भाषा का उपयोग बढ़ रहा है लेकिन अफ़सोस की बात ये है कि हमारे देश में ही कुछ आधुनिकता प्रेमी इसे बोलने में संकोच करते हैं, कुछ वकील और सांसद हिंदी बोलना नहीं जानते हैं।
🚩 आज मैकाले की वजह से ही हमने मानसिक गुलामी बना ली है कि अंग्रेजी के बिना हमारा काम चल नहीं सकता लेकिन आज दुनिया में हिंदी भाषा का महत्व जितना बढ़ रहा है उसको देखकर समझकर हमें भी हिंदी भाषा का उपयोग अवश्य करना चाहिए।
🚩 अपनी राष्ट्र एवं मातृभाषा की गरिमा को पहचानें।
सरकारी विभाग एवं इंटरनेट आदि सभी स्तर पर हिंदी का उपयोग करना चाहिए एवं अपने बच्चों को अंग्रेजी (कन्वेंट स्कूलों) में शिक्षा दिलाकर उनके विकास ��ो अवरुद्ध न करें। उन्हें मातृभाषा (गुरुकुलों) में पढ़ने की स्वतंत्रता देकर उनके चहुँमुखी विकास में सहभागी बनें।
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*📜 10 जनवरी 📜*
*🌺 विश्व हिंदी दिवस 🌺*
भारत में हिंदी भाषा को मातृभाषा माना जाता है, क्यूंकि यह राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सबसे सरल स्रोत है। यह भारत की विरासत के साथ देश भर में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी भाषा के महत्त्व को बनाए रखने और इसके प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से एक दिन विश्व हिंदी दिवस (वर्ल्ड हिंदी डे) के रूप में मनाया जाता है। आइये जानते हैं वर्ल्ड हिंदी दिवस कब है और यह दिन कैसे अलग है भारत में मनाए जाने वाले हिंदी दिवस से-
>> विश्व हिंदी दिवस कब मनाया जाता है?
विश्व भर में हिंदी का विकास करने और इसके प्रचार करने के उद्देश्य से विश्व हिंदी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और 10 जनवरी 1975 को नागपुर में पहला विश्व हिंदी सम्मलेन आयोजित हुआ। उसके बाद मॉरिशस, त्रिनिद���द और टोबैगो, यूनाइटेड ��िंगडम, सूरीनाम, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका में ग्यारह ऐसे सम्मलेन हो चुके हैं। 10 जनवरी के इसी विशेष दिन को याद करते हुए देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वर्ष 2006 में हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की थी। उसके बाद 10 जनवरी 2006 को भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेश में 10 जनवरी 2006 को पहली बार विश्व हिंदी दिवस मनाया। तभी से 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा को जन-जन तक पहुँचाना और अंतराष्ट्रीय दर्जा दिलाना है| बारहवाँ विश्व हिंदी सम्मेलन 2022 में फिजी में आयोजित किया जाना है।
"जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य पर गर्व नहीं है, वह आगे नहीं बढ़ सकता"- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
>> विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?
विश्व हिंदी दिवस को मनाने का उद्देश्य हिंदी के प्रचार-प्रसार के प्रति जागरूकता पैदा करना और हिंदी को अंतराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है| विदेश में भारत के दूतावास इस दिन विशेष रूप से मनाते हैं| विश्व हिंदी दिवस के जरिये पुरे विश्व को एक सूत्र में बाँधने की कोशिश की जाती है| भारत के अलावा यह भाषा नेपाल, गुयाना, मॉरिशस, त्रिनिदाद और टुबैगो, सूरीनाम और फिजी में भी बोली जाती है| इसलिए दुनिया भर में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए हर साल अंतराष्ट्रीय हिंदी दिवस या विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है| इस दिन विश्व भर में कई हिंदी विषय कविता और निबंध प्रतियोगिता समेत सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
भारत में हिंदी दिवस 14 सितम्बर को मनाया जाता है, लेकिन विश्व हिंदी दिवस को हम 10 जनवरी को मनाते हैं।
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भारत सरकार को हिंदी दिवस मनाते-मनाते 70 साल हो गए लेकिन कोई हमें बताए कि सरकारी काम-काज या जन-जीवन में हिंदी क्या एक कदम भी आगे बढ़ी? इसका मूल कारण यह है कि हमारे नेता नौकरशाहों के नौकर हैं। भारत के नौकरशाह हमारे स्थायी शासक हैं। उनकी भाषा अंग्रेजी है। देश के कानून अंग्रेजी में बनते हैं, अदालतें अपने फैसले अंग्रेजी में देती हैं, ऊंची पढ़ाई और शोध अंग्रेजी में होते हैं।
अंग्रेजी के बिना आपको कोई ऊंची नौकरी नहीं मिल सकती। क्या हम हमारे नेताओं और सरकार से आशा करें कि वे अंग्रेजी के सार्वजनिक प्रयोग पर वे प्रतिबंध लगाएंगे? यह सराहनीय है कि नई शिक्षा नीति में प्राथमिक स्तर पर मातृभाषाओं के माध्यम को लागू किया जाएगा, लेकिन उच्चतम स्तरों से जब तक अंग्रेजी को विदा नहीं किया जाएगा, हिंदी की हैसियत नौकरानी की ही बनी रहेगी।
हिंदी-दिवस तो गया, लेकिन इसे सार्थक बनाने के लिए अंग्रेजी के सार्वजनिक प्रयोग पर प्रतिबंध की जरूरत क्यों है? इसलिए नहीं कि हमें अंग्रेजी से नफरत है। कोई मूर्ख ही होगा जो किसी विदेशी भाषा या अंग्रेजी से नफरत करेगा। कोई स्वेच्छा से जितनी भी विदेशी भाषाएं पढ़े, उतना ही अच्छा! मैंने अंग्रेजी के अलावा रुसी, जर्मन और फारसी पढ़ी, लेकिन अपना अंतरराष्ट्रीय राजनीति का पीएचडी का शोधग्रंथ हिंदी में लिखा।
हिंदी-दिवस को सारा देश अंग्रेजी-हटाओ दिवस के तौर पर मनाए! अंग्रेजी मिटाओ नहीं, सिर्फ हटाओ! अंग्रेजी की अनिवार्यता हर जगह से हटाएं। उन सब स्कूलों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी की मान्यता खत्म की जाए, जो अंग्रेजी माध्यम से कोई भी विषय पढ़ाते हैं। संसद और विधानसभाओं में जो भी अंग्रेजी बोले, उसे कम से कम छह माह के लिए मुअत्तिल किया जाए। यह मैं नहीं कह रहा हूं। यह महात्मा गांधी ने कहा था।
सारे कानून हिंदी और लोकभाषाओं में बनें और अदालती बहस और फैसले भी उन्हीं भाषाओं में हों। किसी भी नौकरी के लिए अंग्रेजी अनिवार्य न हो। हर यूनिवर्सिटी में दुनिया की प्रमुख विदेशी भाषाओं को सिखाने का प्रबंध हो ताकि हमारे लोग कूटनीति, विदेश व्यापार और शोध के मामले में पारंगत हों। हम अपना रोजमर्रा का काम-काज हिंदी या स्वभाषाओं में करें। भारत में जब तक अंग्रेजी का बोलबाला रहेगा यानी अंग्रेजी महारानी बनी रहेगी तब तक आपकी हिंदी नौकरानी ही बनी रहेगी।
कुछ लोग अंग्रेजी को अनिवार्य बनाने के पक्ष में यह तर्क देते हैं कि वह विश्व-भाषा है। विश्व-भाषा का विरोध करना अपने आप को संकुचित करना है। यह तर्क गलत है। हम अंग्रेजी का विरोध नहीं कर रहे हैं। उसकी अनिवार्यता, उसके थोपे जाने का, उसके अनावश्यक वर्चस्व का विरोध कर रहे हैं। यदि वही विश्व-भाषा है तो हमें बताइए कि संयुक्त राष्ट्र संघ, जो विश्व का सबसे बड़ा संगठन है, उसकी एकमात्र भाषा अंग्रेजी क्यों नहीं है?
इस विश्व संगठन की भाषा तो इस तथाकथित विश्व-भाषा को ही होना चाहिए था। लेकिन संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं की संख्या 6 है, सिर्फ 1 नहीं। उसकी भाषाएं हैं- अरबी, चीनी, रूसी, फ्रांसीसी, अंग्रेजी और हिस्पानी। इनमें से प्रत्येक भाषा के बोलने वालों से कहीं ज्यादा संख्या हिंदी बोलने और समझने वालों की है।
चीनी भाषियों से भी ज्यादा। 1999 में जब संयुक्त राष्ट्र संघ में भारतीय प्रतिनिधि के तौर पर मेरा भाषण हुआ था तब मैंने हिंदी में बोलने की कोशिश की थी। अटलबिहारी वाजपेयी सरकार ने हिंदी को भी संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा बनाने की पहल की थी। इस कोशिश को मोदी सरकार अंजाम नहीं देगी तो कौन देगा?
जहां तक भाषा के तौर पर अंग्रेजी की समृद्धता का सवाल है, मेरा निवेदन है कि उसकी लिपि, व्याकरण, उच्चारण, उसके पर्यायवाची शब्द हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के मुकाबले आज भी बहुत पिछड़े हैं। हिंदी तो संस्कृत की पुत्री है और दर्जनों भारतीय भाषाएं उसकी बहनें हैं। संस्कृत की एक धातु में पाणिनी ने लगभग दो हजार धातुओं का उल्लेख किया है। एक धातु में प्रत्यय, उपसर्ग, वचन, पुरुष, लिंग, विभक्तियां आदि लगाकर लाखों शब्द बना सकते हैं।
हिंदी ने संस्कृत, प्राकृत, पाली, अरबी, फारसी, यूनानी, मिस्री, पुर्तगाली और अन्य भारतीय भाषाओं के शब्द ऐसे और इतने हजम कर लिए हैं कि उसका शब्दकोश अंग्रेजी के शब्दकोश से कई गुना बड़ा है। अंग्रेजी के विचित्र व्याकरण व अटपटी लिपि को सुधारने के लिए महान ब्रिटिश साहित्यकार बर्नार्ड शा ने एक न्यास भी बनाया था।
अंग्रेजी दुनिया के सिर्फ साढ़े चार देशों की भाषा है। आधा कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया या फिर वह भारत और पाकिस्तान- जैसे पूर्व-गुलाम देशों (काॅमनवेल्थ) में चलती है। मैं दुनिया के 80-90 देशों में जाकर देख चुका हूं। उनकी सरकार, संसद, अदालत और ऊंची पढ़ाई में वे अपनी भाषा ही चलाते हैं। दुनिया का कोई भी महाशक्ति राष्ट्र विदेशी भाषा के जरिए आगे नहीं बढ़ा है। यदि भारत को महाशक्ति और महासंपन्न बनना है तो उसे अपने देश से अंग्रेजी के वर्चस्व को खत���म करना होगा और सब कामों में स्वभाषाओं को बढ़ाना होगा। (ये लेखक के अपने विचार हैं।)
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष
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International Literacy Day 2020 हिंदी में कविता का नारा: आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि हम हर साल अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस क्यों मनाते हैं।
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विश्व हाथी दिवस: देश में बचे हैं केवल इतने हजार हाथी, इस राज्य में सबसे ज्यादा मौतें हुईं
विश्व हाथी दिवस: देश में बचे हैं केवल इतने हजार हाथी, इस राज्य में सबसे ज्यादा मौतें हुईं
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पढ़ाई में 12 अगस्त को हाथी दिवस (विश्व हाथी दिवस) के रूप में मनाया जाता है। एशियाई और अफ्रीकी हाथियों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता पैदा करने और ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को पहली बार 12 अगस्त, 2012 को लॉन्च किया गया था।
2017 में हुई गिनती थी देश में 2017 में आखिरी बार हाथियों की गिनती की गई थी। 2017 में हुए हाथियों की गिनती के अनुसार भारत में 30 हजार हाथी हैं,…
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#अंतर्राष्ट्रीय हाथी दिवस#दुनिया में कितने हाथी बचे हैं#भारत में राष्ट्रीय हाथी दिवस#रोजाना कितने हाथी मारे जाते हैं#विश्व एरिकंडेंट डे#विश्व हाथी दिवस#विश्व हाथी दिवस 2020#विश्व हाथी दिवस कब मनाया जाता है#विश्व हाथी दिवस कैसे मनाया जाता है#हम विश्व हाथी दिवस क्यों मनाते हैं#हम हाथियों की मदद कैसे कर सकते हैं#हाथी दिवस#हाथी दिवस 2020#हाथी दिवस कब मनाया जाता है#हाथी दिवस कब है#हाथी दिवस पर निबंध#हाथी दिवस पिउचर#हिंदी समाचार#हिंदुस्तान#हिन्दी में समाचार#हिन्दुस्तान
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इस बार जन्माष्टमी 2 और 3 सितम्बर को मनाई जाने वाली है. आपको बता दें की इस बार की जन्माष्टमी पर ठीक वैसा ही शुभ योग बन रहा है जैसा की द्वापर युग के समय बना था. इसलिए २०१८ की यह जन्माष्टमी बहुत खास हो गई हैं. इस बार जन्माष्टमी के दो दिन होने की वजह से लोग संशय में है की किस दिन उनकी पूजा की जाए. कृष्णा के भक्त उलझन में हैं कि जन्माष्टमी का व्रत किस दिन करना सही रहेगा। इसकी वजह यह है कि रविवार 2 सितंबर की शाम में शुरू हुई है. उनकी इसी उलझन को दूर करने के लिए हम आपको बता रहे हैं २०१८ की जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त.
जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त –
श्रीकृष्ण का जन्म भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था, इसलिए उनके जन्म दिवस को कृष्ण को जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इस साल जन्माष्टमी 2 और 3 सितंबर को मनाई जा रही है। इस वर्ष जन्माष्टमी का पर्व 02 सितम्बर रविवार को पड़ रहा है। इस साल भाद्रपद तिथि अष्टमी दिन रविवार नक्षत्�� रोहिणी का अद्भुत संयोग है। समयानुसार 02 सितम्बर रविवार रात्रि को 08 बजकर 48 मिनट से लेकर अगले दिन सोमवार 03 सितम्बर को सायं 07 बजकर 20 मिनट तक अष्टमी तिथि रहेगी। रविवार को ही रोहिणी नक्षत्र रात्रि 08:49 से लेकर सोमवार को रात्रि 08:05 तक रहेगा। इसमे रविवार को रात्रि 10:00 बजे से लेकर रात्रि 11:57 तक वृष लग्न का समावेश रहेगा. जो की अद्भुत संयोग है.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी शुभकामनायें सन्देश
श्री कृष्ण के कदम आपके घर आये, आप खुशियो के दीप जलाये, परेशानी आपसे आँखे चुराए, कृष्ण जन्मोत्सव की आपको शुभकामनायें . हैप्पी जन्माष्टमी
वृंदावन का रास रचाये, आ गया नन्द लाल कृष्ण कन्हैया..
जन्माष्टमी के इस अवसर पर , हम ये कामना करते हैं कि श्री कृष्ण की कृपा आप पर, और आपके पूरे परिवार पर हमेशा बनी रहे। शुभ जन्मआष्टमी!
आओ मिलकर सजाये नन्दलाल को, आओ मिलकर करें उनका गुणगान! जो सबको राह दिखाते हैं, और सबकी बिगड़ी बनाते हैं!
प्रेम से श्री कृष्ण का नाम जपो, दिल की हर इच्छा पूरी होगी, कृष्ण आराधना में लीन हो जाओ, उनकी महिमा जीवन खुशहाल कर देगी।
कृष्ण जिनका नाम, गोकुल जिनका धाम, ऐसे श्री कृष्ण भगवान को हम सब का प्रणाम, जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई.
माखन चोर नन्द किशोर,बांधी जिसने प्रीत की डोर. हरे कृष्ण हरे मुरारी,पूजती जिन्हें दुनिया सारी, आओ उनके गुण गाएं सब मिल के जन्माष्टमी मनाये.
माखन चुराकर जिसने खाया, बंसी बजाकर जिसने नचाया, खुशी मनाओ उसके जन्म दिन की, जिसने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी मंगलमय हो, ओम नमो भगवते वासुदेवाय, जय हो श्री राधे जय हो श्री कृष्ण,
जय श्री कृष्ण! मंगल मूरत आपकी कृपा अपरम्पार; ऐसे श्री कृष्ण जी को, हम सबका नमस्कार!
कृष्ण की महिमा, कृष्ण का प्यार; कृष्ण में श्रद्धा, कृष्ण से ही संसार; मुबारक हो आप सबको जन्माष्टमी का त्योहार!
सोचा किसी अपने से बात करें अपने किसी खास को याद करें किया जो फैसला जन्माष्टमी की शुभकामना देने का दिल ने कहा क्यों न आपसे शुरूआत करें जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये
भगवान् श्री कृष्ण स्वयं आप के घर आये आप ख़ुशी से दिए जलाये इस महोत्सव को आप बड़े धूम-धाम से मनाये हमारी तरफ से कृष्ण जन्मोत्सव की ढेर सारी शुभकामनाये हैप्पी जन्माष्टमी
बचपन में बड़े नटखट, जो चुराए मिश्री और माखन ऐसे भगवान को मेरे सच्चे दिल से नमन जन्माष्टमी की शुभकामनाये
चंदन की ख़ुशबू को रेशम का हार सावन की सुगंध और बारिश की फुहार राधा की उम्मीद को कन्हैया का प्यार मुबारक हो आपको जन्माष्टमी का त्यौहार
राधा के दिल में कृष्ण राधा के साँसों में कृष्ण चाहे कितना भी रास रचे कृष्ण लोग तो बस यही कहेंगे – “राधे कृष्ण राधे कृष्ण” कृष्ण जन्मोत्सव की ढेर सारी शुभकामनाये
हम भी तेरी मोहनी मूरत दिल में छिपाये बैठे है तेरी सुन्दर सी छवि आँखों में बसाये बैठे है इक बार बांसुरी की मधुर तान सुनादे कान्हा हम भी एक छोटी सी आस जगाये बैठे है हैप्पी कृष्ण जन्माष्टमी
मेरे तो एक ही गिरधर गोपाल दूजा न कोई जाके सर मोर मुकुट है, मोरे प्रभु सोई कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाये
नन्द के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की हाथी, घोड़ा, पालकी जय कन्हैया लाल की कृष्ण जन्माष्टमी की शुभ कामनाये
बाल रूप है सब को भाता माखन चोर वो कहलाया है आला आला गोविंदा आला बाल ग्वालों ने शोर मचाया है झूम उठे हैं सब ख़ुशी में, देखो मुरली वाला आया है आप सभी को कृष्णा जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई
राधा की भक्ति, मुरली की मिठास माखन का स्वाद और गोपियों का रास सब मिलके बनाते हैं जन्माष्टमी का दिन ख़ास जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें
राधे जी का प्रेम, मुरली की मिठास माखन का स्वाद, गोपियों का रास इन्ही से मिलके बनता है, जन्माष्टमी का दिन ख़ास कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें
कण-कण में है वो, जीवन के हर रंग में है वो अंग-अंग में हैं वो, हर व्यक्ति के संग में हैं वो कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये
जो नटखट, जो सबसे प्यार हैं वो कृष्णा हैं जिसकी दिवानी बृज की हर बाला हैं वो कृष्णा हैं हैप्पी जन्माष्टमी
आओ मिलकर सजाये नन्दलाल को आओ मिलकर करें उनका गुणगान जो सबको राह दिखाते हैं और सबकी बिगड़ी बनाते हैं शुभ जन्माष्टमी
आपके घर में भी हो शोर जब माखन खा ले, माखन चोर जय हो नन्द के लाल की हैप्पी जन्माष्टमी
मिशरी से मीठे नंद लाल के बोल इनकी बातें हैं सबसे अनमोल जन्माीष्टनमी के इस पावन अवसर पर दिल खोल के जय श्री कृष्णार बोल
कृष्णी भक्ति की छाँव में दुखों को भुलाओ सब मिलकर प्रेम-भक्ति से हरि गुण गाओ आपको कृष्णीजन्मा्ष्टनमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
माखन चोर नन्द किशोर,बांधी जिसने प्रीत की डोर. हरे कृष्ण हरे मुरारी,पूजती जिन्हें दुनिया सारी, आओ उनके गुण गाएं सब मिल के जन्माष्टमी मनाये!! !!कृष्णा जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये!!
श्री कृष्ण के कदम आपके घर आये, आप खुशियो के दीप जलाये, परेशानी आपसे आँखे चुराए, कृष्ण जन्मोत्सव की आपको शुभकामनायें . हैप्पी जन्माष्टमी पलकें झुकें , और नमन हो जाए मस्तक झुके, और वंदन हो जाए ऐसी नज़र, कंहाँ से लाऊँ, मेरे कन्हैया कि आपको याद करूँ और आपके दर्शन हो जाए कृष्णा जन्माष्टमी
बाल रूप है सब को भाता, माखन चोर वो है कहलाता, आला-आला गोविंदा आला, बाल ग्वामलों ने शोर मचाया है, झूम उठे है सब खुशी में, देखे मुरली वाला आला है जन्माृष्टजमी की आपको बहुत बहुत बधाई!!
गोकुल में जो करे निवास गोपियों संग जो रचाए रास देवकी-यशोदा है जिन्कीि म��या ऐसे ही हमारे कृष्णा कन्हैृया !!जय श्री कृष्णाप!! आपके परिवार को शुभ जन्माष्टमी!
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प्रभु यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने की याद में शुक्रवार को गुड फ्राइडे के तौर पर मनाया जाता है has been published on PRAGATI TIMES
प्रभु यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने की याद में शुक्रवार को गुड फ्राइडे के तौर पर मनाया जाता है
शांताकुमारी (वास्को) । धर्म ग्रंथों के अनुसार प्रभु यीशु मसीह का जन्म इजराइल के एक गांव बैथलहम में कुंवारी लड़की मरियम से हुआ था। उन्होंने अपने जन्म के बाद पूरे तीस वर्षो तक एक आम जीवन बिताया।
उसके बाद उन्होंने जगह-जगह जाकर मानव सेवा और परमेश्वर का सन्देश लोगो तक पहुँचाने का कार्य शुरू कर दिया। साढ़े तीन वर्षो की अवधि में उन्होंने बहुत से चमत्कार किए थे। इस दौरान उन्होंने बीमारों को स्वस्थ किया, दुष्ट आत्माओं से पीड़ित लोगों को मुक्त किया और लाजर नाम के एक व्यक्ति को फिर से जिन्दा कर यह अद्भुत चमत्कार कर दिखाया। यीशु के समाजसेवी व धार्मिक कार्यों ने लाखों लोगों को उनका अनुयायी बना दिया था लेकिन इन्हीं कार्यों ने कुछ लोगों के मन में उनके प्रति विरोध और घृणा भी जगाई। प्रभु यीशु कि इस चमत्कार से वंचित लोगों ने एक षडयंत्र रचकर उन्ही के चेलो में से किसी एक से उन्हें राजा के हाथ पकडवा दिया और उन्हें देश के लोगों को भड़काने के इल्जाम में दोषी करार देते हुए उन्हें सूली पर लटकाया दिया। शुक्रवार के दिन निर्दोष होते हुए भी प्रभु यीशु को क्रूस पर चढ़ाया गया। यीशु को तो पहले से ही ज्ञात था कि ईश्वर की इच्छा क्या है। यीशु ईश्वर के अकेले ऐसे पुत्र हैं जिन्होंने अपने विरोधियों के हाथों मृत्यु स्वीकार करके मानवता की रक्षा की। यीशु मारने के लिए नहीं, मारे जाने के लिए इस दुनिया में आए थे। गुड फ्रायडे के दिन ही प्रभु यीशु मसीह को क्रॉस पर लटकाया गया था। जानकारी के लिए आप को बतादे कि ईसाई धार्मिक ग्रन्थ के अनुसार कहा जाता है कि यीशु को सूली पर लटका ने के ठीक तीन दिन बाद वह पुनर्जीवित हो गए थे। इसलिए गुडफ्राइडे ईसाई धर्म का एक अहम धार्मिक त्यौहार है। इस पवित्र दिन को एवं यीशु की मृतोत्थान को कैथोलिक ईस्टर दिवस या ईस्टर रविवार के रूप में मनाते है। क्रूस पर लटका ने के बाद यीशु द्वारा दिया गया ७ वचन……………. १ यीशु ने कहा कि पिता इन्हें माफ़ करदो क्योंकि ये जानते नहीं है की वह क्या कर रहे है। २ यीशु ने कहा की मैं तुज से सच कहता हु कि आज ही तू मेरे साथ ��्वर्गलोक में होगा। ३ यीशु ने अपनी माता और उस चले को जिस से वह प्रेम रखता था पास खड़े देखकर अपनी माता से कहा कि यह तेरी माता है। ४ यीशु ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा कि एली एली लामा सबक्तनी अर्थात हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर तूने मुझे क्यों छोड़ दिया। ५ यीशु ने कहा कि वह सिरका लिया तो कहा की पूरा हुआ। ६ यीशु ने कहा कि सब कुछ हो चूका है। इसलिए कि पवित्रशास्त्र की बात पूरी हो कहा की मैं प्यासा हू। ७ यीशु ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा की हे पिता मैं अपनी आत्मा तेरे हाथो में सौपता हू और यह कहकर अपनी प्राण छोड़ दिया। “INRI” का मतलब सूली पर लटका के बाद पीलातुस ने क्रूस पर यीशु मसीह के सिर पर “INRI” लिखा था। जिसका का मतलब आज हम आप को समझाने जा रहे है। बहुत कम लोगों को यह पता है कि क्रूस पर लिखे “INRI” शब्द का मतलब क्या है। आज हम आपको क्रूस पर लिखे “INRI” शब्द का मतलब समझाने जा रहे है। यह हर एक ईसाईयों को जानना जरुरी है। “INRI” का मतलब: “INRI” पत्र लैटिन शीर्षक के लिए प्रारंभिक अक्षर हैं, जो पोंटियस पीलातुस ने क्रूस पर यीशु मसीह के सिर पर लिखा था। यह रोमन साम्राज्य की आधिकारिक लैटिन भाषा थी। लैटिन भाषा में “INRI” का अर्थ (Iesus Nazarenus Rex Ludeorum) (Jesus Nazarenus Rex Judaeorum). “इजेस् नजरेनव्स रेक्स इवडेएवरम” है। हिंदी में इसका मतलब ” नजरेत के यीशु, यहूदियों के राजा है”।
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