#स्वास्थ्य प्रणाली
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लखनऊ, 25.02.2024 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा राणा होम्यो क्लीनिक के संयुक्त तत्वावधान में योग्य मान्यता प्राप्त चिकित्सक द्वारा "निःशुल्क होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर" का आयोजन राणा होम्यो क्लिनिक, शॉप नं.3, गोपाल नगर कॉलोनी, झंडेवाला चौराहा के पास, जल निगम रोड, बालागंज, लखनऊ में हुआ l शिविर का शुभारंभ ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल, शिविर के परामर्शदाता चिकित्सक डॉ० संजय कुमार राणा एवं उनकी टीम के सदस्यों राहुल राणा, संतोष राणा एवं दिनकर दुबे ने दीप प्रज्वलन व होम्योपैथी के जनक डॉ सैमुएल हैनीमेन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया |
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने बताया कि, होम्योपैथिक शिविर आयोजित करने की प्रेरणा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मंत्र - सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास से मिली है | श्री हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि, "होम्योपैथी एक सुरक्षित और सौम्य चिकित्सीय तरीका है जो कई प्रकार की बीमारियों का प्रभावी उपचार कर सकता है । इसकी आदत नहीं पड़ती है अर्थात रोगी को होम्योपैथिक दवाओं की लत नहीं लगती है । यह गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सभी के लिए सुरक्षित है । एलोपैथी की तुलना में होम्योपैथी बहुत अधिक प्रभावी है, क्योंकि यह केवल लक्षणों का उपचार करने के बजाय बीमारी को जड़ से खत्म करती है । लोगों को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए और कि��ी प्रकार की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या होने पर तत्काल अपने डॉक्टर से सलाह लेकर उपचार करवाना चाहिए l जिससे बीमारी बढे न और जटिलता से बचा जा सके l जनहित में नियमित स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा l"
डॉ० संजय कुमार राणा ने कहा कि, "होम्योपैथी चिकित्सा रोगी की शारीरिक शिकायतों, वर्तमान और पिछला चिकित्सा इतिहास, व्यक्तित्व और वरीयताओं सहित विस्तृत इतिहास को ध्यान में रखती है । चिकित्सा की यह प्रणाली व्यक्ति की बीमारी को ही नहीं बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को ठीक करने पर केंद्रित होती है । होम्योपैथी इस विश्वास पर चलती है कि शरीर खुद को ठीक कर सकता है । इसी सिद्धांत को मानते हुए होम्योपैथिक दवाओं को तैयार किया जाता हैं जो एलोपैथी दवाओं की तरह व्यक्ति की बीमारी को नहीं दबाती बल्कि उसे जड़ से खत्म करने के लिए शरीर की सेल्फ हीलिंग क्षमता को सक्रिय करती हैं ।"
होम्योपैथी शिविर में विभिन्न बीमारियों जैसे कि, सीने में दर्द होना, भूख न लगना, सांस फूलना, ह्रदय व गुर्दे की बीमारी, मधुमेह (Diabetes / Sugar), रक्तचाप (Blood Pressure), उलझन या घबराहट होना, पेट में दर्द होना, गले में दर्द होना, थकावट होना, पीलिया (Jaundice), थाइरोइड (Thyroid), बालों का झड़ना (Hair Fall) आदि से पीड़ित 76 रोगियों का वजन, रक्तचाप (Blood Pressure) तथा मधुमेह (Sugar-Random) की जांच की गयी l डॉ० संजय कुमार राणा ने परामर्श प्रदान किया l सभी को डॉ० संजय कुमार राणा ने निःशुल्क होम्योपैथी दवा प्रदान की l महिलाएं, पुरुष, बुजुर्गों तथा बच्चों सभी उम्र के लोगों ने होम्योपैथी परामर्श लिया l
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट के स्वयंसेवकों तथा परामर्श चिकित्सक डॉ० संजय कुमार राणा तथा उनकी टीम के सदस्यों राहुल राणा, संतोष राणा, दिनकर दुबे की उपस्थिति रही l
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हेल्थ टिप्स: बंद नाक और माइग्रेन से राहत दिलाती है नेति, जानें फायदे और सही तरीका
स्वास्थ्य सुझाव: बढ़ते प्रदूषण, धूल और बदलते मौसम की स्थिति को देखते हुए, कई लोग सर्दी, खांसी और बंद नाक जैसी श्वसन समस्याओं से पीड़ित हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए एक प्राचीन लेकिन प्रभावी तरीका जल नेति है, एक योग अभ्यास जो नाक के मार्ग को साफ करने और श्वसन प्रणाली के स्वास्थ्य को बढ़ाने की क्षमता के लिए जाना जाता है। जयपुर राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय के आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डाॅ. पीयूष…
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नींद की कमी आपके हृदय और समग्र स्वास्थ्य को कैसे नुकसान पहुँचाती है
नींद अच्छे स्वास्थ्य की आधारशिला है, फिर भी कई लोग इसके महत्व को कम आंकते ह��ं। लगातार नींद की कमी के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, खासकर हृदय स्वास्थ्य के लिए। यहाँ बताया गया है कि अपर्याप्त नींद आपके शरीर को कैसे प्रभावित करती है:
अवसाद: नींद की कमी मस्तिष्क के रसायन विज्ञान को बाधित करती है, जिससे अवसाद और चिंता जैसे मूड विकारों का खतरा बढ़ जाता है। उच्च रक्तचाप: खराब नींद के पैटर्न से रक्तचाप बढ़ सकता है, जिससे समय के साथ हृदय पर दबाव पड़ता है। स्ट्रोक का जोखिम: अध्ययनों से पता चलता है कि अपर्याप्त नींद मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बाधित करके स्ट्रोक की संभावना को बढ़ाती है। मधुमेह का जोखिम: नींद की कमी इंसुलिन संवेदनशीलता को प्रभावित करती है, जिससे टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। हृदय रोग का जोखिम: लगातार अपर्याप्त नींद दिल के दौरे, अनियमित दिल की धड़कन और दिल की विफलता जैसी स्थितियों से जुड़ी होती है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: प्रतिरक्षा कार्य के लिए नींद महत्वपूर्ण है; इसके बिना, आपका शरीर संक्रमण से लड़ने में कम सक्षम हो जाता है। अगर आपको नींद की कमी के लक्षण और इसका आपके दिल पर असर महसूस हो रहा है, तो Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology) से सलाह लें। सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मेन रोड, रांची, झारखंड: 834001 पर जाएँ या अपॉइंटमेंट शेड्यूल करने के लिए 6200784486 पर कॉल करें। drfarhancardiologist.com पर अधिक जानकारी प्राप्त करें।
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अपराधियों को जमानत पर क्यों रिहा कर दिया जाता है?
अपराधियों को जमानत पर रिहा करने के कई कारण और न्यायिक सिद्धांत होते हैं। इनका उद्देश्य न्याय प्रणाली में संतुलन बनाए रखना और व्यक्तिगत अधिकारों का संरक्षण करना होता है। जमानत पर रिहाई के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
1. असामान्य चंचलता (Presumption of Innocence):
किसी व्यक्ति को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक कि न्यायालय ने उसे दोषी नहीं पाया है। जमानत का यह सिद्धांत व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करता है और उसे अपनी कानूनी लड़ाई लडऩे का अधिकार देता है।
2. आवश्यकता और अनुपस्थिति का जोखिम:
अदालत यह विचार कर सकती है कि आरोपी के न्यायालय से भागने का कोई वास्तविक खतरा नहीं है। अगर आरोपी का सामाजिक या पारिवारिक बंधन मजबूत है, तो यह संकेत हो सकता है कि वह न्यायालय में उपस्थित होगा।
3. अन्य अंतिम प्रक्रिया:
अगर आरोपी को अधिक समय तक हिरासत में रखा जाता है, तो यह उसकी स्वतंत्रता का उल्लंघन हो सकता है, खासकर यदि आरोप हल्के हैं। जमानत के माध्यम से, आरोपी को न्यायालय की प्रक्रिया का पालन करते हुए अपने मामले को सुलझाने का समय मिलता है।
4. स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति:
अगर आरोपी की स्वास्थ्य स्थिति या मानसिक स्थिति हिरासत में रहती है, तो उसे जमानत पर रिहा किया जा सकता है ताकि वह उचित चिकित्सा देखभाल प्राप्त कर सके।
5. सामाजिक स्थिति:
आरोपी की सामाजिक स्थिति, पारिवारिक जिम्मेदारियां, और रोज़मर्रा की ज़िंदगी को संभालने की आवश्यकता भी जमानत पर रिहाई का आधार बन सकती है।
6. विभिन्न विचार:
अदालत यह भी विचार कर सकती है कि यदि आरोपी को जेल में रखा जाता है, तो क्या उसके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके पीछे परिवारिक और सामाजिक दबाव भी हो सकता है।
7. प्रक्रियात्मक खामियां:
कभी-कभी, कानूनी प्रक्रिया में खामियों के कारण भी आरोपी को जमानत पर रिहा किया जा सकता है। जैसे, अगर गिरफ्तारी प्रक्रियाएं सही तरीके से नहीं की गई हैं या आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है।
8. अन्य विकल्प:
अदालत यह विचार कर सकती है कि आरोपी के लिए ज��ानत के अलावा अन्य उपाय (जैसे, व्यक्तिगत बंधन या अन्य शर्तें) भी लागू किए जा सकते हैं, ताकि वह न्यायालय की अपेक्षाओं को पूरा कर सके।
ये सभी कारण अदालतों को जमानत पर रिहाई देने के लिए प्रेरित करते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि जमानत का निर्णय अंततः न्यायाधीश पर निर्भर करता है, जो मामले की विशिष्ट परिस्थितियों और कानूनी प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय करता है।
Advocate Karan Singh (Kanpur Nagar) [email protected] 8188810555, 7007528025
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पुरुषों में हर्निया: लक्षण, कारण, और कब हो सकता है यह घातक?
हर्निया पुरुषों (Hernia in Men) में पाई जाने वाली एक आम स्वास्थ्य समस्या है। यह तब होता है जब शरीर के किसी अंग या ऊतक की दीवार कमजोर हो जाती है, जिससे वह अपनी जगह से बाहर निकल आता है। हर्निया केवल असुविधाजनक ही नहीं होता, बल्कि अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह घातक भी साबित हो सकता है। आइए, इस ब्लॉग में विस्तार से समझते हैं कि पुरुषों में हर्निया के लक्षण (Hernia Symptoms in Men) क्या होते हैं, यह क्यों होता है और यह कब गंभीर स्थिति में जा सकता है।
हर्निया के लक्षण Signs and Symptoms of Hernia in Men
गुड़गांव के प्रमुख जनरल सर्जन के अनुसार, हर्निया के लक्षण हर व्यक्ति में थोड़े अलग हो सकते हैं। हालांकि, कुछ आम लक्षण जो अधिकतर लोगों में देखे जाते हैं, पुरुषों में हर्निया रोग (hernia disease in men) के लक्षण में शामिल हो सकते हैं:
सूजन या गांठ(Swelling or Lump): हर्निया के क्षेत्र में सूजन या एक गांठ का अनुभव हो सकता है, जो खड़े होने या खांसने पर अधिक दिखाई देती है। यह गांठ आमतौर पर पेट के नीचे या जांघ के ऊपर देखी जाती है।
दर्द और असुविधा(Pain and Discomfort): हर्निया होने पर उस स्थान पर दर्द या असुविधा महसूस हो सकती है। खासकर शारीरिक गतिविधियों के दौरान यह दर्द बढ़ सकता है। हर्निया का दर्द बहुत तीव्र या हल्का भी हो सकता है, जो समय-समय पर बदलता रहता है।
जलन और खिंचाव का अनुभव(Burning and Stretching Experience): हर्निया वाले क्षेत्र में जलन या खिंचाव का अनुभव हो सकता है। यह लक्षण अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ मिश्रित हो सकते है, इसलिए इसे नजरअंदाज न करें।
पेट दर्द (Stomach Pain): हर्निया के कारण पेट में दर्द भी हो सकता है, खासकर तब, जब हर्निया बड़ा हो जाता है या उसमें कुछ बदलाव होते हैं।
पाचन समस्याएँ(Digestive Problems): कुछ मामलों में हर्निया पाचन प्रणाली को प्रभावित कर सकता है, जिससे कब्ज, गैस या अपच जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
मतली और उल्टी(Nausea and Vomiting): गंभीर हर्निया में मतली या उल्टी का अनुभव हो सकता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हर्निया बढ़कर अन्य अंगों को प्रभावित करता है।
थकान और कमजोरी(Fatigue and Weakness): हर्निया से संबंधित दर्द और असुविधा के कारण थकान और कमजोरी म��सूस हो सकती है। यह समस्या खासकर तब उत्पन्न होती है जब व्यक्ति नियमित शारीरिक श्रम करता है।
पुरुषों में हर्निया के कारण Causes of Hernia in Men
पुरुषों में हर्निया (Hernia in Men) के कारण कई हो सकते हैं, और यह समस्या अक्सर शारीरिक गतिविधियों से संबंधित होती है। पुरुषों में हर्निया होने के सामान्य कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
शारीरिक श्रम(Physical Work): अधिकतर पुरुष भारी वस्तुएं उठाना और अन्य शारीरिक कार्य करते हैं, जिससे पेट की दीवार पर दबाव बढ़ता है और हर्निया का खतरा उत्पन्न होता है।
उम्र(Age): जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती ह���, शरीर की मांसपेशियों और ऊतकों की ताकत में कमी आ सकती है, जो हर्निया का कारण बन सकती है।
जन्मजात समस्याएँ(Congenital Problems): कुछ पुरुषों में जन्म से ही पेट की दीवार में कमजोरी होती है, जिससे उम्र के साथ हर्निया का खतरा बढ़ता है।
अत्यधिक वजन(Excessive Weight): मोटापा पेट की दीवार पर अधिक दबाव डालता है, जिससे हर्निया का खतरा बढ़ सकता है।
लगातार खांसी या बुखार(Persistent Cough or Fever): लंबे समय तक खांसी या बुखार के कारण पेट की मांसपेशियों पर तनाव बढ़ता है, जिससे हर्निया का खतरा होता है।
हर्निया कब हो सकता है घातक? When can Hernia Become Fatal?
हर्निया सामान्यतः घातक नहीं होता, लेकिन यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर समस्या बन सकता है। इन स्थितियों में हर्निया घातक हो सकता है:
इन्करसेरेटेड हर्निया(Incarcerated Hernia): यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हर्निया का अंग फंस जाता है और उसे वापस अपनी जगह पर नहीं लाया जा सकता। इसमें पेट में अत्यधिक दर्द और गांठ का बढ़ना शामिल होता है।
स्ट्रैंगुलेटेड हर्निया(Strangulated Hernia): इस स्थिति में फंसे हुए अंग का रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है, जिससे उस अंग के मरने का खतरा बढ़ता है। स्ट्रैंगुलेटेड हर्निया घातक हो सकता है और इसके लिए तुरंत सर्जरी की आवश्यकता होती है।
अचानक दर्द और असहनीय स्थिति(Sudden Pain and Unbearable Condition): यदि हर्निया में अचानक दर्द होता है और वह असहनीय हो जाता है, तो यह घातक हो सकता है। इस स्थिति में तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।
पाचन में रुकावट(Obstruction in Digestion): हर्निया से पाचन तंत्र में अवरोध उत्पन्न हो सकता है, जिससे मतली और उल्टी जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
हर्निया का इलाज Hernia Treatment
पुरुषों में हर्निया (Hernia in Men) का इलाज उसकी स्थिति और प्रकार पर निर्भर करता है। आमतौर पर, निम्नलिखित उपचार विकल्प होते हैं:
विश्राम और हल्की गतिविधियाँ(Relaxation and Light Activities): प्रारंभिक अवस्था में हर्निया के साथ अत्यधिक गतिविधियों से बचना और आराम करना महत्वपूर्ण होता है।
दर्द निवारक दवाएँ(Painkillers): हल्की हर्निया के दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर द्वारा दी गई दर्द निवारक दवाएं कारगर हो सकती हैं।
सर्जरी(Surgery): गंभीर हर्निया के मामलों में सर्जरी आवश्यक हो सकती है। इसके लिए लैप्रोस्कोपि�� सर्जरी या ओपन सर्जरी का विकल्प उपलब्ध होता है।
निष्कर्ष:
पुरुषों में हर्निया (Hernia in Men) एक आम स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। यदि आपको हर्निया के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो समय पर अपने नजदीकी सामान्य सर्जन (General Surgeon Near You) से परामर्श लें। समय पर उपचार करने से न केवल दर्द और असुविधा से छुटकारा पाया जा सकता है, बल्कि गंभीरता से बचा भी जा सकता है। इसलिए, अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें, नियमित जांच करवाएं और जरूरत पड़ने पर चिकित्सक की सलाह का पालन करें।
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आंखों के बारे में और भी रोचक तथ्य
आंखें हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील और जटिल अंग हैं। हमें ये न केवल देखने में मदद करती हैं, बल्कि कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य भी करती हैं। यहां कुछ और रोचक और प्रेरक तथ्य दिए गए हैं जो आंखों के बारे में जानने के लिए दिलचस्प हो सकते हैं:
1. आंखें एक मिनट में कितनी बार झपकती हैं?
आंखें हर मिनट में करीब 15-20 बार झपकती हैं। दिन भर में यह संख्या 10,000 से भी ज्यादा हो सकती है! यह झपकना हमारी आंखों को न केवल आराम देता है, बल्कि आंखों की सतह पर एक सुरक्षा परत भी बनाता है, जो हमारी आंखों को सूखने से बचाती है।
2. रंगों को पहचानने की क्षमता
मनुष्य की आंख लगभग 10 मिलियन विभिन्न रंगों को पहचानने की क्षमता रखती है। इसमें लाल, हरा, नीला और अन्य रंगों की अनगिनत शेड्स शामिल हैं। हमारी आंखों में तीन प्रकार के 'कॉन' होते हैं जो हमें यह क्षमता देते हैं। यह एक अद्भुत प्रणाली है, जो प्रकृति के रंग-बिरंगे दृश्य को समझने और आनंद लेने में हमारी मदद करती है।
3. आंखों का आकार और संरचना
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हमारी आंखों का आकार एक गोलाकार गेंद जैसा होता है, लेकिन यह पूरी तरह से गोल नहीं होती। आंख का व्यास लगभग 2.5 सेंटीमीटर होता है, और इसका वजन करीब 7.5 ग्राम होता है। आंख की संरचना इतनी जटिल है कि इसमें एक नन्हे से हिस्से के सही काम न करने पर पूरी दृष्टि प्रभावित हो सकती है।
4. आंखों के बिना जीवन कैसा होता?
हमारे पास 80% जानकारी आंखों से ही आती है। अगर हम अपनी आंखों की देखभाल करें और किसी भी समस्���ा को नजरअंदाज न करें, तो हम अपनी दुनिया को साफ और स्पष्ट देख सकते हैं। आंखों की समस्याओं से बचाव के लिए नियमित चेक-अप बेहद जरूरी है, ताकि किसी भी प्रकार की बीमारियों या समस्याओं का पता समय रहते चल सके।
5. आंखों में 100,000 से भी ज्यादा रक्त वाहिकाएं
हमारी आंखों में इतनी जटिल रक्त वाहिकाएं होती हैं कि उनका कुल मिलाकर लम्बाई 100,000 किलोमीटर से भी ज्यादा हो सकती है! ये रक्त वाहिकाएं आंखों को सही पोषण और ऑक्सीजन प्रदान करती हैं, जिससे हमारी दृष्टि साफ और स्वस्थ रहती है।
6. मनुष्य की आंखें कभी भी सोती नहीं हैं
जब हम सोते हैं, तब हमारी आंखें भी पूरी तरह से आराम करती हैं, लेकिन वे कभी भी पूरी तरह से बंद नहीं होतीं। हमारी पलकों का काम आंखों को मॉइश्चराइज रखना और धूल या अन्य प्रदूषकों से सुरक्षा करना होता है, ताकि आंखें स्वस्थ रहें।
7. आंखों का 'फोकस' चमत्कारी होता है
मानव आंख इतनी तेज़ी से फोकस करती है कि एक मिनट में हम किसी वस्तु से दूसरी वस्तु पर आंख का ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। इस क्षमता के कारण ही हम बारीकी से चीजों को देख सकते हैं, चाहे वह एक किताब के शब्द हों या दूर की पहाड़ी की चोटी।
आंखों की देखभाल क्यों महत्वपूर्ण है?
आंखों की देखभाल और उनकी नियमित जांच न केवल हमारी दृष्टि को साफ बनाए रखने में मदद करती है, बल्कि इससे हम अन्य गंभीर बीमारियों जैसे ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, और रेटिना संबंधी समस्याओं से भी बच सकते हैं। इसके लिए हमें सही आहार, उचित रोशनी में काम, और आंखों की नियमित जांच करानी चाहिए।
कई बार हम अपनी आंखों के स्वास्थ्य को नजरअंदाज करते हैं, लेकिन ये अंग हमारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण प्रणालियों में से एक हैं। इसलिए अपनी आंखों को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए हमेशा ध्यान रखें और उन्हें समय-समय पर चेक कराते रहें।
समाप्ति में: आंखें न केवल हमें दुनिया देखने का मौका देती हैं, बल्कि यह हमारे शरीर के सबसे कीमती अंगों में से एक हैं। अपनी आंखों की सही देखभाल करके हम लंबी उम्र तक अपनी दृष्टि को सुरक्षित और स्वस्थ रख सकते हैं।
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गोखरू पाउडर के राज़: सच्चाई जानें तुरंत!
गोखरू खाने के फायदे
गोखरू एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो शरीर की कई समस्याओं के इलाज के लिए इस्तेमाल होती है। यह खासतौर पर पाचन तंत्र, मूत्र तंत्र, और किडनी से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने के लिए फायदेमंद है। इस ब्लॉग में हम गोखरू खाने के फायदे और गोखरू काढ़ा के फायदे के बारे में आसान शब्दों में जानेंगे, ताकि आप इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकें।
गोखरू खाने के फायदे
किडनी और मूत्र तंत्र के लिए फायदेमंद: गोखरू मूत्रवर्धक है, यानी यह मूत्र उत्पादन को बढ़ाता है और किडनी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। यह किडनी की पथरी को टुकड़ों में तोड़ने और मूत्राशय से विषाक्त पदार्थ बाहर निकालने में मदद करता है।
पाचन में सुधार: गोखरू का सेवन पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है। यह गैस, सूजन, और अपच की समस्या को कम करता है। पेट की सफाई करने में मदद करता है और कब्ज को दूर करता है।
उर्जा और सहनशक्ति बढ़ाता है: गोखरू शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाता है और थकान कम करता है। यह शारीरिक सहनशक्ति को भी बढ़ाता है, जिससे आप अधिक सक्रिय और ऊर्जावान महसूस करते हैं।
हार्मोनल बैलेंस को बनाए ��खता है: गोखरू शरीर में हार्मोनल संतुलन को सुधारता है, खासकर पुरुषों में। यह टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हार्मोन) के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे यौन स्वास्थ्य और ताकत में सुधार होता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है: गोखरू में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो शरीर को बीमारियों से बचाने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं। यह शरीर को प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ रखने का काम करता है।
गोखरू काढ़ा के फायदे
गोखरू काढ़ा एक आयुर्वेदिक उपाय है जो गोखरू के तत्वों को प��री तरह से अवशोषित करता है। इसके सेवन से निम्नलिखित फायदे होते हैं:
किडनी की सफाई: गोखरू काढ़ा किडनी की पथरी को बाहर निकालने में मदद करता है। यह मूत्राशय से विषाक्त पदार्थों को निकालता है और किडनी की सफाई करता है।
शारीरिक थकान में कमी: गोखरू काढ़ा शरीर की थकान को कम करता है और आपको ताजगी का अहसास कराता है। यह शरीर को आराम देता है और मानसिक स्थिति को बेहतर बनाता है।
हृदय स्वास्थ्य में सुधार: गोखरू काढ़ा रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाता है, जिससे दिल के स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
गोखरू पाउडर के फायदे
गोखरू पाउडर भी एक बहुत प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार है, जो निम्नलिखित फायदों के लिए जाना जाता है:
ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाता है: गोखरू पाउडर शरीर में ऊर्जा और ताकत बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी है। यह शारीरिक थकान और कमजोरी को दूर करता है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए: गोखरू पाउडर मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। यह मानसिक स्थिति को बेहतर बनाता है और चिंता को शांत करता है।
त्वचा की समस्याओं में मदद करता है: गोखरू पाउडर का सेवन त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। यह मुंहासे और अन्य त्वचा समस्याओं से राहत दिलाता है।
FAQ: पथरी तोड़ने की दवा आयुर्वेदिक
पथरी तोड़ने के लिए आयुर्वेदिक उपाय में गोखरू एक असरदार इलाज है। गोखरू किडनी की पथरी को छोटे टुकड़ों में तोड़ने में मदद करता है और उसे शरीर से बाहर निकालता है। गोखरू काढ़ा और गोखरू पाउडर दोनों ही पथरी को नष्ट करने के लिए प्रभावी उपाय हैं। इसके अलावा, कई आयुर्वेदिक दवाएं हैं जो पथरी के इलाज में सहायक हो सकती हैं। हालांकि, किसी भी आयुर्वेदिक दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
निष्कर्ष
गोखरू एक प्राकृतिक और असरदार आयुर्वेदिक औषधि है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करती है। इसका सेवन गोखरू काढ़ा और गोखरू पाउडर के रूप में किया जा सकता है, और यह किडनी, पाचन, ऊर्जा, और हार्मोनल बैलेंस को बेहतर बनाने में मदद करता है। यदि आप पथरी या मूत्र तंत्र संबंधित समस्याओं से परेशान हैं, तो गोखरू एक बेहतरीन उपाय हो सकता है। हालांकि, किसी भी आयुर्वेदिक दवा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है।
गोखरू के फायदों को समझकर और इसे सही तरीके से सेवन करके आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
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पुरुष बांझपन और निःसंतानता का इलाज: मेलाटोनिन हार्मोन का रोल
आजकल की व्यस्त जीवनशैली और बदलते खान-पान के कारण निःसंतानता की समस्या तेजी से बढ़ रही है। पुरुषों में बांझपन एक आम समस्या बन चुकी है, और इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे खराब जीवनशैली, तनाव, और हार्मोनल असंतुलन। इस लेख में, हम पुरुष बांझपन के पीछे छिपे कारणों और पुरुष बांझपन का इलाज में मेलाटोनिन हार्मोन की भूमिका पर चर्चा करेंगे।
मेलाटोनिन हार्मोन क्या है?
मेलाटोनिन हार्मोन को अक्सर "स्लीप हार्मोन" के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह नींद को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन हाल के शोधों में पता चला है कि मेलाटोनिन न केवल नींद के लिए जरूरी है, बल्कि यह पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक होता है। मेलाटोनिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है जो शुक्राणुओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है, जिससे शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या में सुधार होता है।
पुरुष बांझपन और मेलाटोनिन का रोल
पुरुष बांझपन का एक प्रमुख कारण ��ुक्राणुओं की गुणवत्ता में कमी है। यहां मेलाटोनिन हार्मोन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मेलाटोनिन शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को कम करता है जो शुक्राणुओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे शुक्राणुओं की गतिशीलता (मोबिलिटी) और जीवन क्षमता बढ़ती है, जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
पुरुष बांझपन का इलाज
पुरुष बांझपन का इलाज के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं, जिनमें लाइफस्टाइल में बदलाव, स्वस्थ आहार, और दवाएं शामिल होती हैं। मेलाटोनिन सप्लीमेंट्स को इनफर्टिलिटी के उपचार में शामिल किया जा सकता है क्योंकि यह हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है और शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार करता है।
इसके अलावा, नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन तकनीकों को भी बांझपन के इलाज के रूप में प्रभावी माना जाता है। मेलाटोनिन का स्तर बढ़ाने के लिए नींद का सही शेड्यूल बनाए रखना जरूरी है, क्योंकि यह हार्मोन रात के समय सबसे ज्यादा उत्पन्न होता है।
निःसंतानता का इलाज और मेलाटोनिन
महिलाओं और पुरुषों दोनों में निःसंतानता का कारण हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। मेलाटोनिन हार्मोन को सही स्तर पर बनाए रखने से प्रजनन प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। निःसंतानता का इलाज के रूप में मेलाटोनिन सप्लीमेंट्स का उपयोग प्रजनन उपचारों में किया जा सकता है, क्योंकि यह न केवल शुक्राणुओं की गुणवत्ता को बढ़ाता है बल्कि शरीर में तनाव के स्तर को भी कम करता है, जो निःसंतानता का एक प्रमुख कारण हो सकता है।
मेलाटोनिन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, शरीर में फ्री रेडिकल्स के अत्यधिक बनने से होता है और यह शुक्राणुओं को नुकसान पहुंचा सकता है। मेलाटोनिन इस स्ट्रेस को कम करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है, जिससे शुक्राणुओं की डीएनए संरचना सुरक्षित रहती है और गर्भधारण की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसलिए, मेलाटोनिन को पुरुष प्रजनन क्षमता को सुधारने के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में देखा जा रहा है।
निष्कर्ष
मेलाटोनिन हार्मोन का पुरुष बांझपन और निःसंतानता के इलाज में महत्वपूर्ण योगदान है। यह न केवल नींद में सुधार करता है बल्कि शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या को भी बढ़ाता है। आज के युग में, जब बांझपन के कारणों का पता लगाना और उनका समाधान खोजना जरूरी हो गया है, मेलाटोनिन हार्मोन एक प्रभावी उपाय साबित हो सकता है। निःसंतानता का इलाज में इसका सही उपयोग करने से प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है, जिससे दंपत्तियों के लिए माता-पिता बनने का सपना साकार हो सकता है।
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अंडे के स्वास्थ्य लाभ: क्या अंडे विटामिन डी का अच्छा स्रोत हैं? और विटामिन डी का सेवन कैसे अनुकूलित करें |
हाँ, अंडे विटामिन डी के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक हैं, हालांकि यह कहने की जरूरत नहीं है कि उनका विटामिन डी सामग्री अंडे देने वाली मुर्गियों के आहार पर निर्भर करती है। विटामिन डी को अक्सर “सनशाइन विटामिन” कहा जाता है और प्रतिरक्षा प्रणाली की सक्रियता और कई अन्य स्वस्थ शारीरिक कार्यों के लिए इसकी आवश्यकता होती है। इस प्रकार, हालांकि सूरज की रोशनी इस विटामिन का एक प्रमुख स्रोत है, अंडे कुछ मामलों…
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आयुष्मान भारत योजना: 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज, आवेदन की सरल प्रक्रिया
आयुष्मान भारत योजना, जिसे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार की एक प्रमुख स्वास्थ्य योजना है। इसका उद्देश्य गरीब और कमजोर वर्गों के लोगों को स्वास्थ्य ��ेवाओं का लाभ प्रदान करना है। इस योजना के तहत, पात्र लाभार्थियों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाता है। यह योजना देश में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई थी और इसका लाभ करोड़ों…
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लखनऊ, 19.02.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में योग्य, मान्यता प्राप्त चिकित्सक द्वारा "निःशुल्क होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर" का आयोजन ट्रस्ट के इंदिरा नगर सेक्टर - 25 स्थित कार्यालय में हुआ l शिविर का शुभारंभ ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, शिविर के परामर्शदाता चिकित्सक डॉ संजय कुमार राणा तथा लाभार्थियों ने दीप प्रज्वलन कर किया |
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने बताया कि, "होम्योपैथिक शिविर आयोजित करने की प्रेरणा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मंत्र - सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास से मिली है I पिछले वर्ष 2022 में हमने 8 होम्योपैथिक शिविर का आयोजन किया तथा वर्ष 2023 में यह प्रथम होम्योपैथिक शिविर का आयोजन कर रहे हैं| अबतक आयोजित 8 शिविरों में करीब 800 से अधिक लाभार्थी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर चुके है I श्री अग्रवाल ने कहा कि, पिछले कुछ दशको से लोगों के अन्दर होम्योपैथिक दवा प्रणाली पर विश्वास बढ़ा है तथा भारत में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति अत्यंत प्रभावी प्रभावी और दूसरी सबसे बड़ी चिकित्सा प्रणाली है I हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि अपने इस शिविर के माध्यम से हम निश्चय ही माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वस्थ व सुरक्षित भारत के सपने को पूरा करने में कुछ हद तक ��पना योगदान दे सकेंगे I श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने डॉ० संजय कुमार राणा का धन्यवाद किया व कहा कि डॉ० साहब की मदद से हम लाभार्थी लोगों को निःशुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध करवा पाए हैं I"
डॉ० संजय कुमार राणा ने कहा कि, "होम्योपैथी उच्च सामर्थ्यवान (Potentised) तत्वों की बेहद छोटी खुराकों की मदद से शरीर द्वारा स्वयं को ठीक करने की शक्ति बढ़ाने का काम करती है l होम्योपैथी चिकित्सा की ओर लोगों का झुकाव और अधिक बढ़ा है I क्योंकि कोविड के बाद से होम्योपैथी के पॉजिटिव असर के बारे में लोगों को पता चला है I किसी भी बीमारी की इमरजेंसी कंडीशन को छोड़कर होम्योपैथिक हर तरह की बीमारियों के लिए उपयुक्त है व कारगर भी है I"
होम्योपैथी शिविर में विभिन्न बीमारियों जैसे कि, सीने में दर्द होना, भूख न लगना, सांस फूलना, ह्रदय व गुर्दे की बीमारी, मधुमेह (Diabetes / Sugar), रक्तचाप (Blood Pressure), उलझन या घबराहट होना, पेट में दर्द होना, गले में दर्द होना, थकावट होना, पीलिया (Jaundice), थाइरोइड (Thyroid), बालों का झड़ना (Hair Fall) आदि से पीड़ित 70 रोगियों का वजन, रक्तचाप (Blood Pressure), मधुमेह (Sugar-Random) तथा शरीर द्रव्यमान सूचकांक (Body Mass Index) की जांच की गयी l डॉ० संजय कुमार राणा ने परामर्श प्रदान किया l सभी को डॉ० संजय कुमार राणा ने निःशुल्क होम्योपैथी दवा प्रदान की l सभी उम्र की महिलाओं, पुरुषों, बुजुर्गों तथा बच्चों ने होम्योपैथी परामर्श लिया l
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट के स्वयंसेवकों तथा डॉ० संजय कुमार राणा की टीम के सदस्य राहुल राणा तथा दिनकर दुबे की उपस्थिति रही l
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छात्राओं के लिए Good News, सरकार ने लागू की मासिक धर्म स्वच्छता नीति
स्कूली छात्राओं के लिए मासिक धर्म स्वच्छता पर केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय नीति तैयार की है. इसे मंजूरी भी दे दी है. ये जानकारी बुधवार को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हलफनामा दाखिल करते हुए कोर्ट को बताया कि इस नीति का मकसद सरकार की स्कूल प्रणाली में मासिक धर्म स्वच्छता को मुख्यधारा में लाना है. ताकि स्कूली लड़कियों के बीच ज्ञान, दृष्टिकोण और व्यवहार में बदलाव लाया…
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हृदय स्वास्थ्य के लिए ग्रीन टी के लाभ
ग्रीन टी स्वास्थ्य लाभों से भरपूर है, खासकर जब हृदय स्वास्थ्य का समर्थन करने की बात आती है:
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर: ग्रीन टी में कैटेचिन प्रचुर मात्रा में होता है, शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट जो कोशिका क्षति से लड़ते हैं और सूजन को कम करते हैं, जो समग्र हृदय स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार: ग्रीन टी का नियमित सेवन एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है जबकि एचडीएल (अच्छा) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा देता है, जिससे स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल संतुलन का समर्थन होता है।
रक्तचाप कम करता है: अध्ययनों से पता चलता है कि ग्रीन टी रक्तचाप को कम करने में सहायता कर सकती है, जिससे हृदय संबंधी जटिलताओं का जोखिम कम होता है।
वजन प्रबंधन में सहायता करता है: ग्रीन टी चयापचय को बढ़ाती है, जिससे यह हृदय के अनुकूल आहार में वजन नियंत्रण में सहायता करके एक लाभकारी अतिरिक्त बन जाती है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है।
हृदय रोग के जोखिम को कम करता है: लगातार उपयोग के साथ, ग्रीन टी ने कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप और वजन पर इसके सकारात्मक प्रभावों के कारण हृदय रोग के जोखिम को कम करने में वादा दिखाया है।
रक्त प्रवाह और धमनी कार्य में सुधार: ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट बेहतर रक्त प्रवाह को बढ़ावा देते हैं और धमनी कार्य को सहायता प्रदान करते हैं, जो स्वस्थ हृदय प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है।
हृदय-स्वस्थ विकल्पों पर अधिक मार्गदर्शन के लिए, Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology) से सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मेन रोड, रांची, झारखंड: 834001 पर परामर्श लें। 6200784486 पर संपर्क करें या drfarhancardiologist.com पर जाएँ।
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Ayurveda Specialist Sexologist in Patna, Bihar India | Dr. Sunil Dubey
आयुर्वेद और हमारा जीवन:
भारत की एक पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली जिसे आयुर्वेदिक उपचार कहा जाता है। प्राचीन समय के अध्ययन से पता चलता है कि आयुर्वेद की उत्पत्ति अथर्ववेद से मानी जाती है, जिसमे कई बीमारियों का उल्लेख उनके उपचारों के साथ किया गया है। आयुर्वेद का मानना है कि पूरा ब्रह्मांड पाँच तत्वों के संयोजन जैसे कि वायु, जल, अंतरिक्ष, पृथ्वी और अग्नि से बना है। ये पाँच तत्व हमेशा पंचमहाभूत को भी संदर्भित करते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा भारत का मूल व पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली है जो पंचकर्म (5 क्रियाएँ) सहित कई तरह के उपचारों का संदर्भित करती है।
पंचकर्म के नाम निम्नलिखित हैं:-
योग
मालिश
एक्यूपंक्चर
हर्बल दवा
स्वास्थ्य संवर्धन
आयुर्वेद का हमारे जीवन में उद्देश्य:
आयुर्वेद एक प्राकृतिक चिकित्सा व उपचार की पद्धति है, जिसकी उत्पत्ति 3000 वर्ष पूर्व भारत में हुई थी। आयुर्वेद शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है- आयुर् का अर्थ है जीवन और वेद का अर्थ है विज्ञान। इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि (आयुर् + वेद) आयुर्वेद हमें प्रकृति के माध्यम से जीवन जीने का संपूर्ण ज्ञान प्रदान करता है। प्रकृति के साधनो व संसाधनों का सदुपयोग करना ही जीवन का मूल उद्देश्य है।
आयुर्वेद के सात चरण होते है:
वास्तव में, आयुर्वेद के सात चरणों को सप्त धातुएँ भी कहा जाता है। प्रत्येक अवस्था का हमारे जीवन में अपना ही महत्व है। ये चरण निम्नलिखित हैं: -
रस: रस स्वाद से कहीं अधिक एक बड़ी अवधारणा है, जहाँ स्वाद किसी बड़ी अवधारणा में प्रवेश करने वाला पहला उपकरण होता है।
रक्त: "रक्त" शब्द देवनागरी शब्द "राज रंजने" से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है - लाल रंग।
मांस: यह शब्द संस्कृत भाषा "मनसा" से लिया गया है, जिसका आयुर्वेद में अर्थ होता है - तीसरा ऊतक, मांसपेशी ऊतक है।
मेद: आयुर्वेद चिकित्सा में, यह शब्द धातु ऊतक का प्रतिनिधित्व करता है जो वसा से संबंधित है।
अस्थि: आयुर्वेद में, अस्थि शब्द शरीर रचना के संदर्भ में मानव शरीर के बारे में सीखना को संदर्भित करता है।
मज्जा: यह शब्द तंत्रिका तंत्र से संबंधित है और इसे मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में चयापच�� प्रक्रियाओं को विनियमित करने वाला माना जाता है।
शुक्र: इसे शरीर में सातवीं धातु माना जाता है। यह शरीर का अंतिम ऊतक तत्व है।
आयुर्वेद के चार स्तंभ:
हमारे विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे जो कि पटना के बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर भी है, वे कहते हैं कि जैसे कि हम सभी जानते है कि आयुर्वेद के चार स्तंभ होते हैं जो व्यक्ति को उसके अच्छे स्वास्थ्य को प्रबंधन करना व उसे तंदरुस्त बनाए रखने की कला सिखाते हैं। ये चार स्तंभ निम्नलिखित हैं-
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दिनचर्या: व्यक्ति अपनी दिनचर्या के साथ इस प्रकृति में कैसे रहता हैं, यह हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हमेशा मायने रखता है।
शरीर के लिए पोषण: व्यक्ति क्या खाता हैं और उसकी इंद्रियाँ क्या और कैसे अनुभव करती हैं, यह हमारे स्वस्थ शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्तंभ है।
शरीर का पाचन: व्यक्ति जो कुछ भी अपने शरीर में ग्रहण करते हैं, उसे उसका शरीर कैसे पाचन करता है और वे कैसे उसका उत्सर्जन होता हैं, यह हमारे शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण स्तंभ है।
ऊर्जा प्रबंधन: मनोवैज्ञानिक, तनाव और कई अन्य घटनाएँ व्यक्ति के दिमाग में चलती रहती हैं। उसका ऊर्जा का स्तर इसे कैसे प्रबंधित करता है, जो व्यक्ति की सोच का संदर्भित करता है।
दरअसल, आज की यह चर्चा आयुर्वेदिक चिकित्सा-उपचार और हमारे यौन स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सक (सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर) पर आधारित है। कई लोगों ने दुबे क्लिनिक से आयुर्वेद और व्यक्ति के दैनिक जीवन में इसके महत्व के बारे में कुछ जानकारी साझा करने का अनुरोध किया। यहाँ दुबे क्लिनिक ने व्यक्ति के स्वस्थ जीवन के लिए प्राकृतिक चिकित्सा व उपचार के बारे में कुछ जानकारी साझा करने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि इस लेख को पढ़ने के बाद वे लोग अपने यौन स्वास्थ्य के बेहतरी के लिए इस प्राकृतिक चिकित्सा से संतुष्ट होंगे जो हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
गुप्त व यौन विकारों के इलाज में आयुर्वेदिक चिकित्सा सबसे सफल क्यों है?
वास्तव में, आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली जड़ी-बूटियों, रसायनों, भस्म आदि प्राकृतिक तत्वों पर आधारित है। एक अनुभवी आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य इस चिकित्सा प्रणाली में विशेषज्ञ होते हैं। डॉ. सुनील दुबे भारत के एक विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य और बिहार के सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट हैं, जिन्हें आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान में साढ़े तीन दशकों से अधिक का अनुभव है। उनका कहना है कि आयुर्वेद में समस्त गुप्त व यौन बीमारी के लिए 100% सटीक इलाज और दवा उपलब्ध है। वे भारत के सबसे सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर में से एक है और वे पुरुषों, महिलाओं, युवा और मध्यम आयु वर्ग के सभी गुप्त व यौन रोगियों को अपना व्यापक आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार प्रदान करते हैं।
उनका कहना है कि आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार एक सुरक्षित इलाज की प्रक्रिया हैं क्योंकि उन्हें प्राकृतिक अवयवों को शुद्ध करने से लेकर निर्माण तक की कई प्रक्रियाओं से गुज़ारने के बाद बनाया जाता है। इन सभी प्रक्रियाओं में मैन्युअल रूप से और गर्मी या अन्य रूपों में बहुत अधिक ऊर्जा लगती है। इसलिए, यह महंगा हो सकता है लेकिन इसे सभी उद्देश्यों के लिए गुणवत्ता-सिद्ध और सत्यापित होना चाहिए। आयुर्वेदिक दवाएं सभी गुप्त व यौन रोगियों (पुरुष और महिला) के लिए सबसे सफल प्राकृतिक उपचार प्रक्रिया है जो विभिन्न यौन रोगों से पीड़ित हैं।
पुरुष गुप्त रोगियों के लिए: - जो व्यक्ति स्तंभन दोष की समस्याओं, स्खलन विकार, शीघ्रपतन की समस्या, यौन संचारित रोगों, धातु रोग, कामेच्छा की कमी, बांझपन की समस्याओं व अन्य गुप्त रोग से पीड़ित हैं।
महिला यौन रोगियों के लिए:- जो मासिक धर्म संबंधी समस्याओं, यौन विकारों, योनि संबंधी समस्याओं, यौन संचारित संक्रमणों, दर्द विकारों, योनिजन्य दर्द आदि से पीड़ित हैं।
आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार की विशेषता:
हमारे आयुर्वेदाचार्य आयुर्वेद एवं सेक्सोलॉजी के चिकित्सा संकाय में आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के रूप में एक लम्बे समय से कार्यरत हैं। बिहार के सभी जिलों व भारत के विभिन्न शहरों से गुप्त व यौन रोगी हमेशा दुबे क्लिनिक में परामर्श लेने के लिए जुड़ते हैं, इसलिए वे भारत के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर भी हैं। उनका कहना है कि चिकित्सा की यह प्राकृतिक प्रणाली गुप्त व यौन रोगियों को हमेशा सुरक्षित, शुद्ध, प्रभावी और विश्वसनीय उपचार प्रदान करती है।
आयुर्वेद उपचार की विशेषताएं निम्नलिखित हैं: -
समग्र गुप्त व यौन समस्याओं का रामबाण इलाज।
स्वाभाविक रूप से एंटीऑक्सीडेंट गुणों में सुधार करता है।
प्रतिरक्षा और रोगाणुरोधी क्षमता का निर्माण करता है।
मनोवैज्ञानिक रूप से तनाव प्रबंधन में मदद करता है।
हृदय, ���्वचा, जोड़ों, यकृत और शरीर के लिए अच्छा है।
पाचन स्वास्थ्य के लिए हमेशा अच्छा है।
श्वसन स्वास्थ्य में भी सुधार करता है।
कोई भी रोग�� इस आयुर्वेदिक दवा का उपयोग कर सकता है।
दुबे क्लिनिक के बारे में:
दुबे क्लिनिक भारत का विश्वसनीय व बिहार का पहला आयुर्वेदा व सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है। वर्तमान समय में भारत के अधिकांश गुप्त व यौन रोगियों के लिए सबसे विश्वसनीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय है। यह एक प्रमाणित क्लिनिक है और पिछले 60 वर्षों से सभी प्रकार के गुप्त व यौन रोगियों को अपनी चिकित्सा व उपचार प्रदान करते आ रही है। यह आयुर्वेदिक क्लिनिक 6 दशकों की विरासत के साथ लाखों लोगों के विश्वास के पर खड़ी है।
डॉ. सुनील दुबे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं, जो विश्व के शीर्ष 10 सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर की सूची में स्थान में सम्मिलित हैं। वे पहले भारतीय सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर भी हैं, जिन्हें भारत गौरव अवार्ड, गोल्ड मैडल, अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेद रत्न अवार्ड और एशिया फेम आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। वे दुबे क्लिनिक में प्रतिदिन प्रैक्टिस करते हैं, जहाँ पूरे भारत से सौ के करीबन में प्रतिदिन गुप्त व यौन रोगी हमेशा इस क्लिनिक से फ़ोन पर संपर्क करते हैं। एक तिहाई गुप्त व यौन रोगी पटना के दुबे क्लिनिक में अपना इलाज करवाने प्रतिदिन आते हैं। वे उन सभी रोगियों को उनके समस्याओं के अनुसार चिकित्सा व उपचार प्रदान करते है।
शुभकामनाओं के साथ:
दुबे क्लिनिक
भारत में एक प्रमाणित क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, गोल्ड मेडलिस्ट सेक्सोलॉजिस्ट
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच. (लंदन) | पीएच.डी. आयुर्वेद में (यूएसए)
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना – 04
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क्लैमिडिया क्या हैं |और रोकथाम?
क्लैमिडिया एक आम यौन संचारित संक्रमण (STI) है, जो Chlamydia trachomatis नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह संक्रमण अक्सर महिलाओं और पुरुषों दोनों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन महिलाओं में यह अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता।
क्लैमिडिया आमतौर पर यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है, जिसमें योनि, गुदा और मौखिक यौन संपर्क शामिल हैं। यह एक छिपा हुआ संक्रमण हो सकता है, क्योंकि अधिकतर मामलों में इसके लक्षण हल्के या बिल्कुल नहीं होते हैं, जिससे संक्रमित व्यक्ति को पता भी नहीं चलता कि उसे संक्रमण है। लेकिन जब लक्षण होते हैं, तो उनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
क्लैमिडिया के लक्षण:
1- महिलाओं में:
योनि से असामान्य स्राव (discharge)
पेशाब करते समय जलन या दर्द
पेट के निचले हिस्से में दर्द
यौन संबंध के दौरान दर्द
अनियमित रक्तस्राव (बिना मासिक धर्म के बीच)
2- पुरुषों में:
लिंग से स्राव (discharge)
पेशाब करते समय जलन या दर्द
अंडकोश में सूजन या दर्द
हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि हर कोई जो क्लैमिडिया से संक्रमित होता है, उसे ये लक्षण नहीं होते। यही कारण है कि इसका नियमित रूप से परीक्षण करवाना जरूरी है, खासकर अगर आपका यौन जीवन सक्रिय है और आपके एक से अधिक यौन साथी हैं।
क्लैमिडिया के जोखिम:
यदि क्लैमिडिया का इलाज समय पर नहीं किया गया, तो यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, खासकर महिलाओं में। यह निम्नलिखित समस्याएं पैदा कर सकता है:
1- प्रजनन प्रणाली में संक्रमण: इससे Pelvic Inflammatory Disease (PID) हो सकता है, जो प्रजनन अंगों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
2- गर्भधारण में कठिनाई: PID से प्रजनन अंगों को नुकसान के कारण गर्भधारण में समस्या हो सकती है।
3- गर्भावस्था में समस्याएं: गर्भवती महिलाओं में क्लैमिडिया संक्रमण से शिशु के जन्म के समय समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि प्रीमैच्योर डिलीवरी या बच्चे को संक्रमण होना।
4- पुरुषों में: यदि इसका इलाज नहीं किया गया, तो यह अंडकोष और अन्य यौन अंगों में सूजन का कारण बन सकता है, जिससे दर्द और संभावित रूप से प्रजनन क्षमता में कमी आ सकती है।
क्लैमिडिया की रोकथाम कैसे करें?
1- सुरक्षित यौन संबंध: क्लैमि���िया से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है कि आप हर बार यौन संबंध बनाने के दौरान कंडोम का सही तरीके से उपयोग करें। कंडोम यौन संचारित संक्रमणों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण रक्षात्मक उपाय है।
2- यौन संबंध में ईमानदारी: अपने साथी के साथ ईमानदारी से संवाद करें और एकल-समर्पित यौन संबंध (monogamous relationship) बनाए रखें। एक स्वस्थ और सुरक्षित संबंध आपकी सुरक्षा को बढ़ावा देता है।
3- नियमित जांच करवाएं: यदि आप यौन रूप से सक्रिय हैं, तो समय-समय पर क्लैमिडिया और अन्य यौन संचारित रोगों के लिए जांच करवाना महत्वपूर्ण है, खासकर अगर आप नए यौन साथी के साथ हैं या एक से अधिक यौन संबंध रखते हैं। महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए यह जरूरी है कि वे नियमित स्क्रीनिंग करवाएं।
4- यौन साथी का परीक्षण: यह भी सुनिश्चित करें कि आपका यौन साथी भी नियमित जांच करवाता है। यौन संबंध में दोनों पक्षों की सुरक्षा महत्वपूर्ण होती है।
5 -संक्रमण की पुष्टि होने पर उपचार: यदि आपको क्लैमिडिया की पुष्टि होती है, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें और पूरा एंटीबायोटिक उपचार करें। आपका साथी भी इस संक्रमण के लिए जांच और उपचार करवाए, ताकि पुन: संक्रमण का खतरा कम हो सके।
उपचार और देखभाल:
क्लैमिडिया का इलाज एंटीबायोटिक्स से संभव है। एक बार इसका निदान हो जाए, तो डॉक्टर द्वारा निर्धारित एंटीबायोटिक्स को पूरा करना चाहिए। अक्सर, एक साधारण कोर्स के बाद संक्रमण ठीक हो जाता है, लेकिन दोबारा संक्रमित होने से बचने के लिए यौन संबंध को तब तक रोक देना चाहिए जब तक ��ि आप और आपका साथी पूरी तरह ठीक न हो जाएं।
निष्कर्ष:
क्लैमिडिया एक गंभीर लेकिन आसानी से उपचारित होने वाला यौन संचारित संक्रमण है। इसके बारे में जागरूकता बढ़ाकर, सुरक्षित यौन व्यवहार अपनाकर और नियमित जांच करवा कर, आप खुद को और अपने साथी को इस संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं। सुरक्षित यौन संबंध और समय पर उपचार से आप अपनी और अपने साथी की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
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अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए इन आहार सामग्रियों को शामिल करें!
स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शरीर के अंगों, कोशिकाओं और ऊतकों द्वारा निर्मित यह एक प्रणाली है, जो शरीर को विषाणुओं से लड़ने में मदद करती है। यह विषाणुओं को शरीर में प्रवेश करने से रोकती है और यदि कोई जीवाणु प्रवेश कर जाए, तो यह उन्हें नष्ट करके शरीर के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मदद करती है। विपरीत में, इस क्षमता में कमी से शरीर आसानी से बीमारियों के शिकार हो सकता है और इसलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखना अत्यंत आवश्यक है। इस लिए, एक स्वस्थ जीवनशैली के माध्यम से यह संभव हो सकता है। अपने आहार में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले आहार पदार्थों को शामिल करके मदद मिल सकती है, जिसके बारे में इस लेख में विस्तार से चर्चा की गई है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले आहार के साथ इस लेख में जानें अन्य टिप्स और जानकारी:
आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए संतुलित आहार का आहार लेना आवश्यक है। आप निम्न फलों को अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं:
सेब ,नींबू, अनार ,आलूबुखारा।
इम्यून सिस्टम को बढ़ाने वाले पेय पदार्थों में निम्नलिखित शामिल हैं:
ग्रीन टी , छाछ, लस्सी ,फलों का रस, नारियल पानी ,हल्दी वाला दूध पर्याप्त मात्रा में पानी, आवश्यकतानुसार गर्म पानी में शहद ।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए आप निम्नलिखित जड़ी-बूटियों, मसालों और बीजों का उपयोग कर सकते हैं:
लौंग ,अलसी, लहसुन ,अदरक ,इलायची, दालचीनी, मेथी दाना ,काली मिर्च ।
आप इन सभी को काढ़ा या सूप तैयार करने में उपयोग कर सकते हैं। ध्यान दें कि यदि आपको पहले से सर्दी, जुकाम या बुखार है, तो आपको कुछ वस्तुओं से परहेज करना चाहिए। किसी भी वस्तु का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।
Fytika आपके लिए गिलोय, अश्वगंधा, नीम, तुलसी, मुलेठी, दालचीनी, काली मिर्च जैसी प्रभावी प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने वाली सामग्रीयों का एक अद्वितीय मिश्रण प्रस्तुत करता है, जो आसानी से सेवन किया जा सकने वाले टैबलेट के रूप में होता है।Fytika Immunity Booster टैबलेट एक आहार पूरक है जिसमें प्राकृतिक सामग्री का एक मिश्रण है जो अपनी प्रतिरोधक गुणों के लिए जाने जाते हैं। इसका उद्देश्य शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली को समर्थन करना और मजबूत बनाना है, जिससे संक्रमण से बचाव हो सके, संपूर्ण स्वास्थ्य को सुधारा जा सके और एक मजबूत इम्यून प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित किया जा सके।
FYTIKA IMMUNITY BOOSTER के मुख्यतः तत्व
गिलोय: "अमृत की जड़" के रूप में जाने जाने वाला गिलोय एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है, संक्रमण से लड़ती है और शरीर को विषाक्त करने में मदद करती है।
तुलसी (होली बेसिल): आयुर्वेद में पूज्य, तुलसी एक एडाप्टोजेन जड़ी बूटी है जो प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करती है, तनाव को कम करती है और संपूर्ण कल्याण को बढ़ाती है।
अश्वगंधा: एक प्रसिद्ध एडाप्टोजेन जड़ी बूटी, अश्वगंधा प्रतिरोधक क्षमता का समर्थन करती है, तनाव को नियंत्रित करती है और विभिन्न तनावकारकों के प्रति शरीर की सहनशीलता को बढ़ाती है। • नीम: अपने प्रबल एंटीमाइक्रोबियल और एंटीवायरल गुणों के साथ, नीम रक्त को शुद्ध करने, लिवर स्वास्थ्य का समर्थन करने और प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है।
लौंग: प्राचीनकाल में मसाले के रूप में इस्तेमाल होने वाला लौंग, प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, संक्रमण से लड़ता है और संपूर्ण प्रतिरोधक समर्थन के लिए एंटी-इन्फ्लामेटरी लाभ प्रदान करता है। • दालचीनी: अपने स्वादिष्ट स्वाद के अलावा, दालचीनी में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है और प्रतिरोधक क्षमता का समर्थन करती है।
FYTIKA IMMUNITY BOOSTER के लाभ
प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत बनाता है: Fytika Immunity Booster शरीर की प्राकृतिक संरक्षण प्रणाली को मजबूत करके संक्रमण और रोगों के खिलाफ लड़ने की क्षमता में मदद करता है।
संपूर्ण स्��ास्थ्य का समर्थन करता है: Fytika Immunity Booster में प्राकृतिक तत्वों का शक्तिशाली मिश्रण होने से महत्वपूर्ण पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स प्राप्त होते हैं, जो संपूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण के लिए योगदान करते हैं।
प्रतिरोधक प्रतिक्रिया को बढ़ाता है: Fytika Immunity Booster प्रतिरोधक प्रतिक्रिया को अनुकूलित करने में मदद करता है, जिससे यह सक्षम होता है कि यह हानिकारक कीटाणुओं को पहचानें और उनसे संघर्ष करें।
बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है: प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करके, Fytika Immunity Booster आम बीमारियों, जैसे की जुकाम, फ्लू और संक्रमण, से सुरक्षा प्रदान करता है।
ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है: संपूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण का समर्थन करके, Fytika Immunity Booster ऊर्जा स्तर में सुधार करता है, जिससे आप सक्रिय और उत्पादक रह सकते हैं।
संक्षेप में, Fytika Immunity Booster एक प्रभावी प्राकृतिक उपचार है जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके नेचुरल संघटकों का मिश्रण शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत बनाने, संक्रमणों से लड़ने और सामान्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह उत्पाद आपको आम बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है, ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है और संपूर्ण कल्याण को प्रोत्साहित करता है। इसे नियमित रूप से सेवन करके आप अपनी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर सकते हैं और स्वस्थ जीवनशैली का आनंद ले सकते हैं।
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