Tumgik
#स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
sharpbharat · 2 months
Text
Jharkhand health department felicitates tata steel foundation : टाटा स्टील फाउंडेशन को झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया सम्मानित, इसलिए दिया गया सम्मान
जमशेदपुर : टाटा स्टील फाउंडेशन को रांची में झारखंड सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा ‘टीबी मरीजों को सामुदायिक समर्थन’ – प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम के तहत नि-क्षय मित्र (डोनर) में सहकारी समितियाँ, कॉर्पोरेट्स, निर्वाचित प्रतिनिधि, व्यक्तिगत लोग, संस्थान, गैर-सरकारी संगठन, राजनीतिक दल और साझेदार शामिल थे, जिन्होंने जिला प्रशासन…
0 notes
asr24news · 3 months
Text
सौम्या स्वामीनाथन बनीं राष्ट्रीय तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम की प्रधान सलाहकार
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रो. (डॉ.) सौम्या स्वामीनाथन को राष्ट्रीय तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम का प्रधान सलाहकार नियुक्त किया है। इस महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए, डॉ. स्वामीनाथन कार्यक्रम के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समग्र रणनीति पर तकनीकी सलाह देंगी और नीतिगत दिशा-निर्देश सुझाएंगी। भूमिका और जिम्मेदारियां समग्र रणनीति पर तकनीकी सलाह: तपेदिक उन्मूलन के…
0 notes
4rtheyenews · 6 months
Text
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय संयुक्त सचिव पटनायक ने हमर लैब और स्वास्थ्य केंद्र का किया भ्रमण
रायपुर। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पालिसी) अनुराधा पटनायक ने आज रायपुर के जिला चिकित्सालय में संचालित हमर लैब और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मठपुरैना का भ्रमण किया। उन्होंने अस्पताल और हमर लैब में मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने लैब सहित वहां के कार्यप्रणाली के बारे में प्रभारी अधिकारियों से पूछा। इस दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
currenthunt · 7 months
Text
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने राष्ट्रीय जन्म दोष जागरूकता माह 2024 का शुभारंभ किया
- नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने राष्ट्रीय जन्म दोष जागरूकता माह 2024 का शुभारंभ किया। - "बाधाओं को तोड़ना: जन्म दोष वाले बच्चों का समावेशी समर्थन" राष्ट्रीय जन्म दोष जागरूकता माह 2024 का विषय है। - जन्म दोष जागरूकता अभियान रोकथाम, शीघ्र पहचान और समय पर प्रबंधन के बारे में जागरूकता पर केंद्रित होगा। - हर साल 3 मार्च को जन्म दोष दिवस मनाया जाता है। यह पहल इसी दिन का हिस्सा है। - राष्ट्रीय जन्म दोष जागरूकता माह बच्चों के सभी जन्म दोषों और उपचार के बारे में जागरूकता फैलाएगा। - स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के तहत बाल स्वास्थ्य प्रभाग के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम ने महीने भर की गतिविधियों की योजना बनाई है। - वर्तमान में, भारत में, नवजात मृत्यु दर प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 20 है, शिशु मृत्यु दर 28 प्रति 1000 जीवित जन्म है और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 32 प्रति 1000 जीवित जन्म है। - हर साल लगभग 6% बच्चे जन्म दोष के साथ पैदा होते हैं। Read the full article
0 notes
prakhar-pravakta · 9 months
Text
स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ मध्यप्रदेश को मेडिकल हब बनाने हेतु कार्ययोजना बनाये- उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की संकल्प पत्र के विषयों की पूर्ति हेतु दिये निर्देशभोपाल। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने आज मंत्रालय वल्लभ भवन में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की वृहद् समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में अधोसंरचना, मैनपॉवर और स्वच्छता तीनों महत्वपूर्ण घटक है। मध्यप्रदेश को निरोगी, स्वस्थ बनाने हेतु सभी घटकों में कार्य करना…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
hindinewsmanch · 1 year
Text
Ghaziabad News : यशोदा हॉस्पिटल ने “वन अर्थ वन हेल्थ” एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया-2023 प्रदर्शनी में किया प्रतिभाग
Ghaziabad News : अंतर्राष्ट्रीय मरीजों के उपचार और भारत की रोबोटिक्स और एआई जैसी उन्नत तकनीक को विश्व पटल पर प्रदर्शित करने एवं उत्साहवर्धन करने के लिए भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से “मेडिकल” विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। कई देशों के जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों ने इसमें भाग लिया, साथ ही सार्क, सीआईएस, जीसीसी, अफ्रीकी देशों के अन्य गणमान्य व्यक्तियों और सरकारी, निजी अस्पतालों और चिकित्सा कंपनियों के उनके अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
0 notes
Text
स्वास्थ्य मंत्रालय के दो दिवसीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर का समापन
देहरादून-:15 जुलाई , दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन, आज भारत में चिकित्सा शिक्षा की स्थिति से लेकर राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन मिशन, जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम और आयुष्मान भव तक स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न पहलुओं पर सत्र आयोजित किए गए। समापन समारोह में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा, “इन दो दिनों में राज्यों में खुली बातचीत हुई और मेरा मानना है कि इन विचार-विमर्श से…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
gstnitbuddies-blog · 1 year
Text
how to apply for fssai registration online
Tumblr media
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण
अगर आप भारत में किसी भी तरह का  खाद्य लाइसेंस  से  संबंधित व्यवसाय करना चाहते हैं तो खाद्य विभाग से आपको खाद्य लाइसेंस  लेना ही होगा। खाद्य लाइसेंस  यह निर्धारित करता है की आपके द्वारा बनाया गया खाद्य उत्पाद खाद्य विभाग के पैरामीटर के अनुरूप है या नहीं। देश के सभी खाद्य व्यवसाय संचालक को खाद्य लाइसेंस  देने का काम भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण करती है। FSSAI का मुख्य उद्देश्य है ग्राहकों को विषैले एवं स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाद्य उत्पाद से बचाना है। FSSAI को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्��त स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय  ने स्थापित किया है।
FSSAI लाइसेंस लेना क्यूँ ज़रूरी होता है?
दोस्तों खाद्य लाइसेंस  ये सुनिश्चित करता है कि हमारे खाद्य व्यवसाय संचालक जो भी खाद्य उत्पाद को मार्केट में बेच रहे हैं वो FSSAI द्वारा निर्धारित तय मानकों के अनुरूप है। FSSAI ये जाँच करता है कि ग्राहकों तक जो खाद्य पदार्थ यानी खाद्य उत्पाद पहुँच रहा है उसमें किसी भी तरह की मिलावट नहीं है। दोस्तों हम कह सकते हैं कि FSSAI का काम है खाद्य उत्पाद के गुणवत्ता की जाँच करना। व्यवसाय के वार्षिक कारोबार के आधार पर FSSAI तीन तरह के लाइसेंस मुहैया कराता है-
बेसिक रजिस्ट्रेशन - एनुअल टर्नओवर ��गर 12 लाख से काम है तो बेसिक रजिस्ट्रेशन कराना होता हैं
स्टेट रजिस्ट्रेशन - 12 लाख से 20 करोड़ तक टर्नओवर है तो स्टेट लाइसेंस लेना होता है
सेंट्रल लाइसेंस - अगर आपका बिज़नेस का एनुअल टर्नओवर 20 करोड़ से अधिक है तो सेंट्रल लाइसेंस लेना होता हैं
FSSAI लाइसेंस लेने के फायदे
अगर आप एक वैध FSSAI लाइसेंस लेते हो तो आप अपने व्यवसाय और खाद्य उत्पाद की विश्वसनीयता को बढ़ाते हो। ग्राहकों आपके उत्पाद पे विश्वास करते हैं।
FSSAI लाइसेंस खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।
FSSAI License ये सुनिश्चित करता है कि लोगों को अच्छा खान-पान मिले।
अगर आप अपने खाद्य उत्पाद को दूसरे देशों में निर्यात करना चाहते हैं तो FSSAI लाइसेंस आपके लिए बहुत ज़रूरी है।
व्यवसाय के वृद्धि और विस्तार में FSSAI लाइसेंस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है |
FSSAI लाइसेंस के लाभ जानने के बाद आपको ये भी पता होना चाहिए कि अगर आप ये खाद्य लाइसेंस नहीं लेते हो तो आपको क्या-क्या परिणाम भुगतने पड़ेंगे
बिना FSSAI लाइसेंस के या बिना वैध पंजीकरण के आप अपने खाद्य पदार्थों यानी खाद्य उत्पाद पर FSSAI मार्क या लोगो का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
अगर आप FSSAI लाइसेंस नहीं लेते हैं तो आपके ग्राहकों आपके खाद्य उत्पाद पर भरोसा नहीं कर पाएंगे। दोस्तों आज के इस दौर में ग्राहक हर चीज नोटिस करता है।
अगर आप FSSAI लाइसेंस नहीं लेते हैं तो आप बहुत सारे अवसर गंवा देंगे जैसे की आप किसी tender के लिए आवेदन नही कर पाएंगे और ना ही सरकार की तरफ़ से किए गए किसी भी आयोजन में भाग ले सकेंगे।
FSSAI लाइसेंस पंजीकरण के लिए क्या दस्तावेज़ चाहिए?
आधार कार्ड
पैन कार्ड
पासपोर्ट साइज फोटो
पते का प्रमाण: बिजली बिल या किराया समझौता (यदि स्थान किराए पर है)
बैंक पासबुक कॉपी फ्रंट पेज और बैंक स्टेटमेंट
व्यवसाय का नाम
व्यवसाय की प्रकृति
व्यवसाय प्रमाण (जीएसटी कॉपी/नाम कॉपी)
खाद्य पदार्थ का नाम
स्थान का ब्लूप्रिंट/लेआउट
मशीन और उपकरण का नाम सूची और विवरण क्षमता
उत्पादन इकाई तस्वीरें
उत्पाद प्रति दिन क्षमता विवरण
मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
दोस्तों इतना तो आप समझ ही गए होंगे कि खाद्य लाइसेंस  को आप नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते हैं। अगर आप खाद्य लाइसेंस  लेना चाहते हैं या खाद्य लाइसेंस  से संबंधित अन्य कोई जानकारी चाहते हैं तो हमसे जुड़ सकते हैं। और अधिक जानकारी के लिए या हमारे विशेषज्ञ से बात करने के लिए बस हमें कॉल करें:- +91-7229903363 या हमें ईमेल करें:[email protected] पर या हमारी वेबसाइट पर लॉग इन करें:- www.gstnitbuddies.com
0 notes
Photo
Tumblr media
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (RKSK) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 10 से 19 वर्ष की आयु के किशोरों के लिए एक स्वास्थ्य कार्यक्रम बनाया है, जिसमें nutrition, reproductive healthऔर substance misuseके सेवन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 7 जनवरी 2014 को, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया गया था। किशोर जुड़ाव और नेतृत्व, समानता और समावेश, लिंग समानता, और अन्य क्षेत्रों और हितधारकों के साथ रणनीतिक संबंध इस कार्यक्रम के सभी प्रमुख सिद्धांत हैं। इस पहल का उद्देश्य भारत में सभी किशोरों को उनके स्वास्थ्य और कल्याण के बारे में शिक्षित और जिम्मेदार निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाकर उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद करना है और यह सुनिश्चित करना है कि उनके पास आवश्यक संसाधनों और समर्थन तक पहुंच है। Read complete and updated information at https://sarkarinaukritraining.com/blog/details/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF-%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8B%E0%A4%B0-%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A5%8D%E0%A4%AF-%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AE-(RKSK)
0 notes
imsaki07 · 1 year
Text
स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए अपना कार्बन एमिशन कम करना ज़रूरी
वैश्विक स्तर पर शुद्ध ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के मामले में स्वास्थ्य क्षेत्र पांचवें स्थान पर है। ऐसे में देश की स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों को जलवायु परिवर्तन के दृष्टिगत संबोधित करने के महत्व पर चर्चा करने के लिए, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के साथ साझेदारी में एशियाई विकास बैंक ने आज गोवा में G20 के लिए स्वास्थ्य कार्य समूह में एक साइड इवेंट का आयोजन किया। G20 ने 2016 से…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
ashokgehlotofficial · 2 years
Text
राजस्थान विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान दिए गए जवाब में कहा कि राज्य सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन से बजट 2023-24 में युवा, शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, सड़क, सामाजिक सुरक्षा, पेंशनधारियों सहित हर क्षेत्र के सर्वोंगीण विकास के लिए घोषणाएं की गई हैं। बजट की पूरे देश में चर्चा और सराहना हो रही है। सभी घोषणाएं निश्चित रूप से धरातल पर उतरेगी। इस बजट डॉक्यूमेंट को हर राज्य के मुख्यमंत्री को भेजा ��ा रहा है, ताकि वे इसे आधार मानकर आमजन को लाभ पहुंचा सके। हमारे वित्तीय प्रबंधन से ही राजस्थान देश में जीडीपी की विकास दर में भी दूसरे स्थान पर आ गया है। बजट चर्चा का जवाब देते हुए आगामी वर्ष में 1 लाख भर्तियों की भी घोषणा की।
राज्य सरकार समावेशी बजट, कुशल वित्तीय प्रबंधन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बढ़ते दायरे के कारण प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी हुई है। प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने के लिए सतत प्रयास कर रहे हैं। बताया कि वर्ष 2022-23 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 56 हजार 149 रही, जो कि गत वर्ष से 14.85 प्रतिशत अधिक है। पिछले 11 वर्षों में प्रति व्यक्ति आय में सर्वाधिक वृद्धि गत वर्ष 18.10 प्रतिशत और इस वर्ष 14.85 प्रतिशत रही है। राजस्थान की प्रति व्यक्ति आय में पिछले 4 वर्षाें में 10.01 प्रतिशत की औसत वृद्धि हुई है, जबकि अखिल भारतीय स्तर पर यह वृद्धि 7.89 प्रतिशत ही रही है।
गत 3 वर्षों में राजस्थान अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय वाले पिछडे़ राज्यों से निकलकर अग्रणी राज्यों में खड़ा हो गया है। सांख्यिकी कार्यक्रम इम्प्लीमेंटेशन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अगस्त, 2022 में जारी विभिन्न राज्यों की जीएसडीपी के अनुसार विभिन्न राज्यों में गत 10 वर्षों में रही वृद्धि दर के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि वाले राज्यों में राजस्थान का स्थान अग्रणी रहा है।
पिछली सरकार के समय में वर्ष 2016-17 में 21वें, वर्ष 2017-18 में 30वें और वर्ष 2018-19 में 19वें स्थान पर रहा था। वहीं, राज्य सरकार की कुशल आर्थिक नीतियों के कारण सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय वाले राज्यों में राजस्थान वर्ष 2019-20 में 12वें, वर्ष 2020-21 में 10वें और वर्ष 2021-22 में 9वें स्थान पर रहा है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 5 साल के कार्यकाल में शिक्षा, खेल, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, जल एवं स्वच्छता, सामाजिक सुरक्षा एवं सेवाएं, सड़क एवं ��ुल आदि क्षेत्रों में कुल 3,06,479.23 करोड़ रुपए खर्च किए। वहीं, वर्तमान सरकार द्वारा 2,26,280 करोड़ रुपए अधिक खर्च किए गए है।
13 जिलों की जनता के लिए पानी उपलब्धता के लिए ईआरसीपी में 13 हजार 500 करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया गया है। प्रधानमंत्री ने हाल ही ईआरसीपी में राजस्थान-मध्यप्रदेश को शामिल कर नया विषय खड़ा कर दिया गया है। कर्नाटक में 21 हजार 450 करोड़ रुपए के ऊपरी भद्रा प्रोजेक्ट को हालांकि राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा तो नहीं दिया, लेकिन केंद्र द्वारा 5300 करोड़ रुपए देने का प्रावधान किया गया है। वहीं, राजस्थान को इस संबंध में राहत प्रदान नहीं की गई। वहीं, केंद्र सरकार की प्रस्तावित योजना में 2 लाख हैक्टेयर जमीन की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलेगा।
मानवीय दृष्टिकोण से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू की। इस बजट में बोर्ड, निगम सहित सभी के लिए ओपीएस की घोषणा की गई है। इससे कार्मिकों का भविष्य सुरक्षित होगा और उनकी चिंताएं दूर होंगी। राज्य सरकार द्वारा बजट में लम्पी रोग में अकाल मृत्यु प्राप्त गायों के परिवारों को 40 हजार रुपए प्रति गाय दिए जाने का प्रावधान किया गया है। साथ ही प्रति परिवार 2-2 दुधारू पशुओं का बीमा किया है। गत सरकार द्वारा 4 साल में 143 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया, जबकि वर्तमान में 2313 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने हर क्षेत्र के बजट में कटौती की है। पर्यावरण वानिकी में 40 प्रतिशत, सीमा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम में 71.73 प्रतिशत, राष्ट्रीय शिक्षा मिशन में 17.54 प्रतिशत, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में 30.47 प्रतिशत, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 32.90 प्रतिशत, पशुधन सहायक और रोग नियंत्रण कार्यक्रम में 30 प्रतिशत, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य मिशन में 71.19 प्रतिशत, महात्मा गांधी नरेगा योजना में 32.88 प्रतिशत की लगभग कटौती की गई। इसके साथ ही मिड-डे मील में लगभग 10 प्रतिशत, यूरिया सब्सिडी में 14 प्रतिशत, अनुसंधान में 13 प्रतिशत, आईसीडीएफ में 38 प्रतिशत, एनएफएसए में 17 प्रतिशत, इलेक्ट्रोनिक एवं आईटी हार्डवेयर में 41 प्रतिशत, अटल पेंशन योजना में 28 प्रतिशत, पवन ऊर्जा में 14 प्रतिशत, आत्म निर्भर भारत रोजगार योजना में 7 प्रतिशत की लगभग कटौती की गई है।
केंद्र का सकल कर 33 लाख 52 हजार 79 करोड़ रुपए है। इसका राज्यों को देय 41 प्रतिशत यानी 13 लाख 74 हजार 352 करोड़ रुपए होता है। यह राज्यों में वितरित होना चाहिए, जबकि केंद्र द्वारा 30 से 33 प्रतिशत हिस्सा ही राज्यों को हस्तांतरित किया जाता है। इसमें राजस्थान का हिस्सा लगभग 6.026 प्रतिशत है, जिसमें 82 हजार 818 करोड़ रुपए राजस्थान को मिलने चाहिए। केंद्रीय बजट वित्तीय वर्ष 2023-24 में राजस्थान के लिए 61 हजार 552 करोड़ रुपए रखा गया। इसमें राजस्थान को 21 हजार 266 करोड़ रुपए कम मिलेंगे। इसके लिए पक्ष-विपक्ष को मिलकर राजस्थान के हित में केंद्र सरकार से मांग करनी चाहिए।
15वें वित्त आयोग ने राज्यों का हिस्सा 32 प्रतिशत से 42 प्रतिशत बढ़ाया, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा राज्यों का हिस्सा कम दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन में केंद्र का शेयर 100 प्रतिशत था, जिसे अब राज्य का 40 और केंद्र का 60 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी प्रकार, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में केंद्र पर 100 प्रतिशत शेयर को अब 40ः60, समेकित बाल विकास सेवाएं में 10ः90 को अब 40ः60, प्रोजेक्ट टाइगर में 15ः85 को 40ः60, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 25ः75 को 40ः60, मरूस्थलीय क्षेत्रों में सिंचाई निर्माण में 10ः90 को अब 40ः60, इंदिरा गांधी नहर परियोजना में 25ः75 को अब 50ः50, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 25ः75 को अब 40ः60, समेकित महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम में 0ः100 को अब 40ः60 और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 0ः100 शेयर पैटर्न को अब 40ः60 प्रतिशत कर दिया गया है।
Tumblr media Tumblr media Tumblr media
0 notes
sharpbharat · 10 months
Text
Jamshedpur inner wheel club : इनर व्हील क्लब ऑफ जमशेदपुर ईस्ट ने तीन टीबी मरीजों को लिया गोद, तीनों के स्वास्थ्य लाभ के लिए उनकी पोषण जरूरतों आदि का रखेगा ख्याल
जमशेदपुर : इनर व्हील क्लब ऑफ जमशेदपुर ईस्ट ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की निक्षय मित्र योजना के तहत तीन टीबी मरीजों को गोद लिया है. इसका उद्देश्य इनमें से प्रत्येक टीबी मरीज को उनकी पोषण संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति कर के उसकी सहायता करना है. इन तीन टीबी मरीजों को हाल ही में टीबी का पता चला और वे जमशेदपुर के साकची स्थित तपेदिक केंद्र की देखरेख में दवा ले रहे हैं. क्लब उन्हें पूरी तरह…
View On WordPress
0 notes
gadgetsforusesblog · 2 years
Text
Financetime.in दिल्ली एलजी ने सरोगेसी से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए मेडिकल काउंसिल के गठन को मंजूरी दी, हेल्थ न्यूज, ईटी हेल्थवर्ल्ड
नई दिल्ली: दिल्ली यूके सक्सेना के उपराज्यपाल ने 2021 के सरोगेसी कानून से संबंधित मामलों से निपटने के लिए शहर के सभी 11 जिलों में मेडिकल बोर्ड के गठन को मंजूरी दे दी है, राज निवास के अधिकारियों ने सोमवार को कहा। 25 दिसंबर, 2021 को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कानून को अधिसूचित किया गया था। अधिनियम की धारा 4 (iii) में कहा गया है कि सरोगेसी की आवश्यकता को प्रमाणित करने वाले सक्षम…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
tazacoverage · 2 years
Text
उत्तराखंड को मिली कोविड- 19 वैक्सीन की 90,500 डोज, स्वास्थ्य सचिव ने आमजन से की वैक्सीन लगवाने की अपील
देहरादून : स्वास्थ्य सचिव डॉ० आर० राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कोविड- 19 वैक्सीन (COVISHIELD ) की 90,500 डोज उत्तराखंड को ��्राप्त हो गई हैं। केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त वैक्सीन से प्रदेश में वैक्सीनेशन की गति बढ़ेगी और सभी जिला चिकित्सा अधिकारियों को यह आदेश दे दिया गया है कि, वह प्रदेश में टीकाकरण की गति में और तेजी लायें। स्वास्थ्य…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
dainikuk · 2 years
Text
उत्तराखंड को मिली कोविड- 19 वैक्सीन की 90,500 डोज, स्वास्थ्य सचिव ने आमजन से की वैक्सीन लगवाने की अपील
देहरादून : स्वास्थ्य सचिव डॉ० आर० राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कोविड- 19 वैक्सीन (COVISHIELD ) की 90,500 डोज उत्तराखंड को प्राप्त हो गई हैं। केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त वैक्सीन से प्रदेश में वैक्सीनेशन की गति बढ़ेगी और सभी जिला चिकित्सा अधिकारियों को यह आदेश दे दिया गया है कि, वह प्रदेश में टीकाकरण की गति में और तेजी लायें। स्वास्थ्य…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
prabudhajanata · 2 years
Text
रायपुर । (aiims)अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की संयुक्त सचिव अंकिता मिश्रा बुंदेला ने जेनेटिक्स लैब का उद्घाटन किया। लैब की मदद से जेनेटिक डिजिज, कैंसर के उपचार, जीन की पहचान और डायबिटीज में इंसुलिन के रेस्पांस के बारे में भी जानकारी मिलेगी। निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने बताया कि जेनेटिक्स लैब को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है जिसमें सिक्वेंसिंग, विभिन्न प्रकार के कैंसर की पहचान, आनुवांशिक बीमारियों और डायबिटीज में इंसुलिन का क्या प्रभाव पड़ रहा है, इसके बारे में विस्तृत जानकारी मिल सकेगी। इसका प्रयोग उपचार के साथ शोध में भी किया जा सकेगा। इस अवसर पर बुंदेला ने एम्स में शोध और अनुसंधान के लिए उपलब्ध विभिन्न लैब और लाइब्रेरी का भी दौरा किया। बुंदेला का कहना था कि मंत्रालय अब शोध पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है। ऐसे में लैब में उपलब्ध संसाधनों का अधिक से अधिक आम लोगों के लिए उपयोग करते हुए इससे प्राप्त होने वाले डेटा को शोध और अनुसंधान के लिए उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कोविड-19 और म्यूकरमाइकोसिस के रोगियों को संस्थान में प्रदान किए गए उपचार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसी प्रकार भविष्य में भी आम रोगियों को सेवाएं प्रदान करने के लिए चिकित्सकों को प्रोत्साहित किया। बुंदेला ने टीबी लैब, लाइब्रेरी, पैथोलॉजी लैब, ईएनटी विभाग, पीडियाट्रिक इमरजेंसी, सेंट्रल डॉम, कैथ लैब, दंत चिकित्सा और अन्य सुविधाओं को भी देखा और एम्स द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं की प्रशंसा की। इस दौरान उप-निदेशक (प्रशासन) अंशुमान गुप्ता, मंत्रालय के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार, अधिष्ठाता (शैक्षणिक) प्रो. आलोक अग्रवाल, प्रो. एली मोहापात्रा, प्रो. अनुदिता भार्गव, डॉ. उज्ज्वला गायकवाड़, डॉ. जेसी अब्राहम, डॉ. रमेश चंद्राकर सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे।
0 notes