यहां जानिए कौन सी धातु के बर्तन में भोजन करने से सेहत पर क्या असर?
चैतन्य भारत न्यूज
हेल्दी डाइट के लिए केवल अच्छा अनाज, ताजे फल, सब्जियों के साथ यह भी जरुरी है कि इन्हें किस बर्तन में पकाया या परोसा जा रहा है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कौन से बर्तन के उपयोग से क्या फायदे और नुकसान होते हैं।
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तांबा
तांबा के बर्तन में रात में रखा पानी सुबह खाली पेट पीने के कई फायदे हैं, यह पाचक की तरह काम करता है। लेकिन सर्दी के दिनों में ऐसा ना करें सर्दी जुकाम हो सकती है। हालांकि इसमें दूध नहीं पीना चाहिए, 12 घंटे से ज्यादा समय तक इसमें पानी न रखें, दरअसल इससे अच्छे बैक्टीरिया मरते हैं इसलिए सफाई का ध्यान रखें।
स्टील
यह एक मिश्र धातु है जो लोहे में कार्बन क्रोमियम और निखिल मिलाकर बनाया जाता है। इसे सस्ते बर्तनों में से सबसे अच्छा माना जाता है। इसमें कम आंच पर खाना जल्दी गर्म हो जाता जिसे खाने में पौष्टिक का नुकसान कम होता है।
एल्युमिनियम
यहां बॉक्साइट से बनते हैं, इसके कुकर में खाना पकाने से सबसे ज्यादा पोषक तत्वों का नुकसान होता है, इसके बर्तनों के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
मिट्टी
इसके बर्तन को सबसे अच्छा माना जाता है, इसमें खाने बनाने से शरीर के जरूरी 18 सूक्ष्म पोषक तत्व शरीर को मिलते हैं, साथ ही गंभीर बीमरियों से बचाव ���ोता है। खाने की पौष्टिक भी बचे रहती। दही-दूध के लिए इसके बर्तनों का उपयोग जरूर करें।
चांदी
यह एक ठंडी धातु है जो शरीर को अंदर से ठंडक पहुंचा कर शांत रखती है। साथ ही कीटाणु नाशक भी है इसमें एंटीऑक्सीडेंट अधिक होते हैं जिससे इम्युनिटी बढ़ती है साथ ही संक्रामक रोगों से भी बचाव होता है। चांदी के बर्तन में खाना खाने से दिमाग तेज होता है आंखों की रोशनी बढ़ती है।
लोहा
इसमें भोजन बनाने और खाने से कई तरह के फायदे हैं लेकिन इसमें सफाई का विशेष ध्यान देना होता है। लेकिन बर्तन कच्चे लोहे के बने होने चाहिए। आयरन की बढ़ोतरी होती है, लीवर के रोगों में फायदेमंद होता है इसमें दूध पीने और खट्टी चीजें बनाने से अधिक मात्रा में आयरन शरीर को मिलता है।
कांसा
कांसा में कई धातु मिले होते हैं इसलिए इससे शरीर को माइक्रोन्यूट्रिएंट्स भी मिलते हैं। लेकिन इसमें खट्टी चीजें ना परोसे क्योंकि खट्टी चीजें उसमें विषैली हो जाती है। कांसा के बर्तन में खाना खाने से बुद्धि तेज होती है और खून भी साफ होता है। भूख भी अधिक लगती है, यह कफनाशक भी है। इसमें खाना परोसना सबसे अच्छा माना जाता है।
नॉन स्टिक
नॉन स्टिक बर्तनों की सबसे खास बात यह है कि इसमें बहुत कम तेल पर भी खाना अच्छे से पक जाता है। इसमें खाना चिपकता नहीं है। लेकिन इसमें कई केमिकल्स की कोटिंग होती है। खुरचने पर ये केमिकल्स भोजन के साथ पेट में जाकर बीमारी कर सकते हैं।
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