#स्कूल संगठनों ने किया स्वागत
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🚩 आ रहा है आपका नूतन वर्ष, कैसे मनाएं ? जानिए अत्यंत उपयोगी बातें- 11 अप्रैल 2021
🚩चैत्र नूतन वर्ष का प्रारम्भ आनंद-उल्लासमय हो इस हेतु प्रकृति माता भी सुंदर भूमिका बना देती है । चैत्र ही एक ऐसा महीना है, जिसमें वृक्ष तथा लताएँ पल्लवित व पुष्पित होती हैं । भारतीय नववर्ष का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही माना जाता है । इस साल 13 अप्रैल 2021 को नूतनवर्ष प्रारंभ होगा ।
🚩अंग्रेजी नूतन वर्ष में शराब-कबाब, व्यसन, दुराचार करते हैं लेकिन भारतीय नूतन वर्ष संयम, हर्षोल्लास से मनाया जाता है । जिससे देश में सुख, सौहार्द्र, स्वास्थ्य, शांति से जन-समाज का जीवन मंगलमय हो जाता है ।
🚩 इस साल 13 अप्रैल को नूतन वर्ष मनाना है, भारतीय संस्कृति की दिव्यता को घर-घर पहुँचाना है ।
🚩हम भारतीय नूतन वर्ष व्यक्तिगतरूप और सामूहिक रूप से भी मना सकते हैं ।
🚩कैसे मनाएं नववर्ष ?
🚩1 - भारतीय नूतनवर्ष के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें । संभव हो तो चर्मरोगों से बचने के लिए तिल का तेल लगाकर स्नान करें ।
🚩2 - नववर्षारंभ पर पुरुष धोती-कुर्ता / पजामा, तथा स्त्रियां नौ गज/छह गज की साड़ी पहनें ।
🚩3 - मस्तक पर तिलक करके भारतीय नववर्ष का स्वागत करें ।
🚩4 - सूर्योदय के समय भगवान सूर्यनारायण को अर्घ्य देकर भारतीय नववर्ष का स्वागत करें ।
🚩5 - सुबह सूर्योदय के समय शंखध्वनि करके भारतीय नववर्ष का स्वागत करें ।
🚩6 - हिन्दू नववर्षारंभ दिन की शुभकामनाएं हस्तांदोलन (हैंडशेक) कर नहीं, नमस्कार कर स्वभाषा में दें ।
🚩7 - भारतीय नूतनवर्ष के प्रथम दिन ऋतु संबंधित रोगों से बचने के लिए नीम, कालीमिर्च, मिश्री या नमक से युक्त चटनी बनाकर खुद खाएं और दूसरों को खिलाएं ।
🚩8 - मठ-मंदिरों, आश्रमों आदि धार्मिक स्थलों पर, घर, गाँव, स्कूल, कॉलेज, सोसायटी, अपने दुकान, कार्यालयों तथा शहर के मुख्य प्रवेश द्वारों पर भगवा ध्वजा फहराकर भारतीय नववर्ष का स्वागत करें और बंदनवार या तोरण (अशोक, आम, पीपल, नीम आदि का) बाँध के भारतीय नववर्ष का स्वागत करें । हमारे ऋषि-मुनियों का कहना है कि बंदनवार के नीचे से जो व्यक्ति गुजरता है उसकी ऋतु-परिवर्तन से होनेवाले संबंधित रोगों से रक्षा होती है । पहले राजा लोग अपनी प्रजाओं के साथ सामूहिक रूप से गुजरते थे ।
🚩9 - भारतीय नूतन वर्ष के दिन सामूहिक भजन-संकीर्तन व प्रभातफेरी का आयोजन करें ।
🚩10 - भारतीय संस्कृति तथा गुरु-ज्ञान से, महापुरुषों के ज्ञान से सभी का जीवन उन्नत हो ।’ – इस प्रकार एक-दूसरे को बधाई संदेश देकर नववर्ष का स्वागत करें । एस.एम.एस. भी भेजें ।
🚩11 - अपनी गरिमामयी संस्कृति की रक्षा हेतु अपने मित्रों-संबंधियों को इस पावन अवसर की स्मृति दिलाने के लिए आप बधाई-पत्र भेज सकते हैं । दूरभाष करते समय उपरोक्त सत्संकल्प दोहराएं ।
🚩12 - ई-मेल, ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सअप, इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया के माध्यम से भी बधाई देकर लोगों को प्रोत्साहित करें ।
🚩13 - नूतन वर्ष से जुड़े एतिहासिक प्रसंगों की झाकियाँ, फ्लैक्स लगाकर भी प्रचार कर सकते हैं ।
🚩14 - सभी तरह के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक संगठनों से संपर्क करके सामूहिक रुप से सभा आदि के द्वारा भी नववर्ष का स्वागत कर सकते हैं । इस साल कोरोना वायरस का कहर देखकर सामुहिक रूप से न मनायें।
🚩15 - नववर्ष संबंधित पेम्पलेट बाँटकर, न्यूज पेपरों में डालकर भी समाज तक संदेश पहुँचा स��ते हैं ।
🚩सभी भारतवासियों से प्रार्थना हैं कि कलेक्टर, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री तथा राष्ट्रपति को भी भारतीय नववर्ष को सरकार के द्वारा सामूहिक रूप में मनाने हेतु ज्ञापन दें और व्यक्तिगत रूप में भी पत्र लिखें ।
🚩सैकड़ों वर्षों के विदेशी आक्रमणों के बावजूद अपनी सनातन संस्कृति आज भी विश्व के लिए आदर्श बनी है । परंतु पश्चिमी कल्चर के प्रभाव से भारतीय पर्वों का विकृतिकरण होते देखा जा रहा है । भारतीय संस्कृति की रक्षा एवं संवर्धन के लिए भारतीय पर्वों को बड़ी विशालता से जरूर मनाएँ।
🚩 चैत्रे मासि जगद् ब्रम्हाशसर्ज प्रथमेऽहनि । -ब्रम्हपुराण
अर्थात ब्रम्हाजी ने सृष्टि का निर्माण चैत्र मास के प्रथम दिन किया । इसी दिन से सतयुग का आरंभ हुआ । यहीं से हिन्दू संस्कृति के अनुसार कालगणना भी आरंभ हुई । इसी कारण इस दिन वर्षारंभ मनाया जाता है ।
🚩मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम एवं धर्मराज युधिष्ठिर का राजतिलक दिवस, मत्स्यावतार दिवस, वरुणावतार संत झुलेलालजी का अवतरण दिवस, सिक्खों के द्वितीय गुरु अंगददेवजी का जन्मदिवस, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार का जन्मदिवस, चैत्री नवरात्र प्रारम्भ आदि पर्वोत्सव एवं जयंतियाँ वर्ष-प्रतिपदा से जुड़कर और अधिक महान बन गयी ।
🚩यश, कीर्ति ,विजय, सुख समृद्धि हेतु घर के ऊपर झंडा या ध्वज पताका लगाएं ।
🚩हमारे शास्त्रों में झंडा या पताका लगाने का विधान है । पताका यश, कीर्ति, विजय , घर में सुख समृद्धि , शान्ति एवं पराक्रम का प्रतीक है । जिस जगह पताका या झंडा फहरता है उसके वेग से नकरात्मक उर्जा दूर चली जाती है ।
🚩हिन्दू समाज में अगर सभी घरों में स्वास्तिक या ॐ लगा हुआ झंडा फहरेगा तो हिन्दू समाज का यश, कीर्ति, विजय एवं पराक्रम दूर-दूर तक ��ैलेगा ।
🚩सभी हिन्दू घरों में वायव्य कोण यानि उत्तर पश्चिम दिशा में झंडा या ध्वजा जरूर लगाना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उत्तर-पश्चिम कोण यानि वायव्य कोण में राहु का निवास माना गया है । ध्वजा या झंडा लगाने से घर में रहने वाले सदस्यों के रोग, शोक व दोष का नाश होता है और घर में सुख व समृद्धि बढ़ती है।
🚩अतः सभी हिन्दू घरों में पीले, सिंदूरी, लाल या केसरिया रंग के कपड़े पर स्वास्तिक या ॐ लगा हुआ झंडा अवश्य लगाना चाहिए । मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति मंदिर के ऊपर लहराता हुआ झंडा देखे तो कई प्रकार के रोग का शमन हो जाता है ।
🚩‘नववर्षारंभ’ त्यौहार हर्ष���ल्लास के साथ मनाएँ और अपनी संस्कृति की रक्षा करेंगे ऐसा प्रण करें।
🚩आप सभी भारतवासियों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.!!
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महाराष्ट्र ही नहीं इन राज्यों को भी सता रहा लॉकडाउन का डर, कोरोना ने बरपाया ऐसा कहर Divya Sandesh
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महाराष्ट्र ही नहीं इन राज्यों को भी सता रहा लॉकडाउन का डर, कोरोना ने बरपाया ऐसा कहर
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने कई राज्यों की हालत खराब कर दी है। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रचक्र पर दबाव बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र में सख्त लॉकडाउन की आहट महसूस की जा रही है। दिल्ली सरकार ने नाइट कर्फ्यू के अलावा भी सख्ती बढ़ाने का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी नाइट कर्फ्यू है। पिछले 24 घंटों में डेढ़ लाख से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं।यह आंकड़ा पहली लहर के पीक से करीब 52 हजार केस ज्यादा है। यानी महामारी अपनी दूसरी लहर में बेहद संक्रामक है। ऐसे में संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए राज्यों को सख्ती बरतनी पड़ रही है। आइए जानें देश में कहां-कहां कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के आसर पैदा हो गए हैं।Covid-19 Lockdown Latest News: महाराष्ट्र के अलावा अब दिल्ली, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में भी कोविड-19 के चलते हालात तेजी से खराब होने लगे हैं।कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने कई राज्यों की हालत खराब कर दी है। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रचक्र पर दबाव बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र में सख्त लॉकडाउन की आहट महसूस की जा रही है। दिल्ली सरकार ने नाइट कर्फ्यू के अलावा भी सख्ती बढ़ाने का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी नाइट कर्फ्यू है। पिछले 24 घंटों में डेढ़ लाख से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं।यह आंकड़ा पहली लहर के पीक से करीब 52 हजार केस ज्यादा है। यानी महामारी अपनी दूसरी लहर में बेहद संक्रामक है। ऐसे में संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए राज्यों को सख्ती बरतनी पड़ रही है। आइए जानें देश में कहां-कहां कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के आसर पैदा हो गए हैं।खौफ पैदा कर रही कोरोना की ऐसी रफ्तारपिछले 24 घंटों में कोविड के रेकॉर्ड 1,52,879 नए मामले सामने आए हैं।टोटल केसेज की संख्या 1,33,58,805 हो गई है।फिलहाल 11,08,087 लोग कोरोना संक्रमित हैं जो कुल मामलों का 8.29 प्रतिशत है। ऐक्टिव केसेज पहली बार 11 लाख से ज्यादा हो गए हैं।स्वस्थ होने वाले लोगों की दर (रिकवरी रेट) गिरकर 90.44 प्रतिशत रह गई है।पिछले 24 घंटों में 839 मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 1,69,275 तक जा पहुंची है।18 अक्टूबर 2020 के बाद से इस बीमारी से एक दिन में जान गंवाने वाले लोगों की यह सर्वाधिक संख्या है।महाराष्ट्र में लगाया जा सकता है लॉकडाउनकोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में सख्त लॉकडाउन की संभावना बढ़ती जा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, रविवार को कोविड टास्क फोर्स की एक खास मीटिंग होनी है। इसके बाद सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी एक बैठक करेंगे। राज्य में 8 या 15 दिन के लॉकडाउन की अटकलें हैं।शनिवार को महाराष्ट्र में 55,441 नए केस सामने आए और 309 लोगों की मौत हो गई। वहीं मुंबई में शनिवार को कोरोना के 9327 नए मरीज मिले है और 50 लोगों की मौत हुई। विस्तार से पढ़ेंदिल्ली में कोरोना के साथ-साथ सख्ती भी बढ़ीदिल्ली में शनिवार को कोरोना वायरस के 7,897 नए मामले सामने आए। यहां इन्फेक्शन रेट इस साल पहली बार 10% के पार चला गया है। राजधानी में कोविड-19 के अब कुल 7,14,423 मामले हो गए हैं। पिछले 24 घंटों में 39 मरीजों की मौत के बाद मृतकों की तादाद 11,235 तक पहुंच गई है।दिल्ली सरकार ने सभी तरह के सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक एवं धार्मिक सभाओं पर रोक लगा दी है।सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर बंद रहेंगे।मेट्रो-बसों में 50 फीसदी यात्रियों को ही सफर करने की अनुमति दी जाएगी। विस्तार से पढ़ेंयूपी के कई जिलों में पाबंदियां, नाइट कर्फ्यूगोरखपुर जिले में प्रशासन ने रात का कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है।राजधानी लखनऊ समेत यूपी के कई जिलों में पहले से ही नाइट कर्फ्यू लगा हुआ है।कर्फ्यू में भारत सरकार और राज्य सरकार के अधिकारियों, कर्मचारियों और आवश्यक सेवाओं और लोक कल्याणकारी सेवाओं से जुड़े लोगों को काम करने की छूट होगी।बांदा शहर में भी शनिवार रात नौ बजे से सुबह छह तक का कर्फ्यू लगा दिया गया है।बलिया में जिलाधिकारी अदिति सिंह ने रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लागू कर दिया है।मथुरा जिला प्रशासन ने फैसला किया है कि बिना मास्क पहने जिले के मंदिरों में लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।बिहार में लॉकडाउन नहीं, मगर पाबंदियां बढ़ींबिहार के सभी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को 18 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है।30 अप्रैल तक सभी दुकान और प्रतिष्ठान शाम 7 बजे तक ही खुलेंगे।रेस्तरां, होटल और ढाबा क्षमता का 25% ही इस्तेमाल कर पाएंगे।सिनेमा हॉल में 50% सीटें ही इस्तेमाल होंगी।धार्मिक स्थल आम लोगों के लिए बंद रखे जाएंगे।सरकारी दफ्तरों में 33% की उपस्थिति होगी।प्राइवेट प्रतिष्ठानों को भी 33% के साथ दफ्तर खोलने की इजाजत है।शादी-विवाह में 200 जबकि श्राद्ध में 50 लोग शामिल हो सकते हैं। विस्तार से पढ़ेंगांधीनगर नगर निगम का चुनाव टला, मगर लॉकडाउन नहींगुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने गांवों में या शहरों में बाजार संघों द्वारा स्थानीय स्तर पर स्वैच्छिक रूप से लॉकडाउन का स्वागत किया।गुजरात में कई गांवों, आवास समितियों और बाजार संगठनों ने अपने क्षेत्रों में लॉकडाउन की घोषणा की है।अहमदाबाद में सोला रोड के बाजार संगठन ने शनिवार और रविवार को लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है।��ालनपुर शहर में दो दिनों के लिए ‘जनता’ कर्फ्यू भी लागू किया गया है, लेकिन कुछ व्यापारियों ने अपनी दुकानें खुली रखीं।गुजरात राज्य निर्वाचन आयोग ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर 18 अप्रैल को होने वाले गांधीनगर नगर निगम के चुनाव टाल दिए हैं।ओडिशा ने सील किया बॉर्डर, छत्तीसगढ़ सरकार भी ऐक्शन मेंओडिशा ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के साथ लगती अपनी सीमा सील कर दी।अंतरराज्यीय सीमा पर गश्त तेज कर दी गई है।मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रशासन को मास्क न पहनने पर जुर्माना राशि दोगुना करने का आदेश दिया है।पहले दो उल्लंघनों के लिए लोगों को 2,000 रुपये का जुर्माना देना होगा और उसके बाद मास्क नहीं पहनने पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर आइसोलेशन सेंटर्स बनाए जाएंगे।यह आइसोलेशन सेंटर गांव से बाहर होगा। इसमें शौचालय की व्यवस्था की जाएगी और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराया जाएगा।
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दिल्ली का नया शिक्षा बोर्ड बनाने के फैसले का स्कूल संगठनों ने स्वागत किया
दिल्ली का नया शिक्षा बोर्ड बनाने के फैसले का स्कूल संगठनों ने स्वागत किया
दिल्ली का शिक्षा बोर्ड गठन करने संबंधी दिल्ली सरकार के फैसले का स्कूल संगठनों ने स्वागत किया है। अफोर्डेबल प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन (एप्सा) ने बयान जारी कर कहा है कि दिल्ली के शिक्षा बोर्ड से बच्चों… Source link
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वरिष्ठ अध्यापक उत्कृष्ट सेवा शिक्षक सम्मान अवार्ड से सम्मानित रायपुर 25 जनवरी । (सांवरमल खटीक ) स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल के वरिष्ठ अध्यापक गिरधारीलाल कुमावत को भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा प्रान्तीय समारोह में "पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य उत्कृष्ट सेवा शिक्षक सम्मान" से गायत्री शक्ति पीठ- शांतिकुंज,हरिद्वार के तत्वावधान में महातीर्थ पुष्करराज में 24 जनवरी, 2019को शाल-सम्मान पत्र व पं.श्रीराम शर्मा आचार्य उत्कृष्ट सेवा शिक्षक सम्मान अवार्ड से नवाजा। कुमा़वत ने भारतीय संस्कृति को छात्रों के माध्यम से आमजन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पुष्कर से रायपुर लौटने पर स्वामी विवेकानंद राजकीय माडल स्कूल,रायपुर सहित कई सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने स्वागत- अभिनंदन किया।
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कोटा। नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में शहर की समस्त संगठनों धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं की ओर से शनिवार को मल्टीपरपज स्कूल में जनसभा आयोजित की गई और रैली निकाली गई। रैली में शामिल महिला, पुरूष भगवा झंडे हाथों में नागरिकता कानून के समर्थन में भारत माता के नारे लगाते चल रहे थे। रैली का विभिन्न स्थानों पर व्यापारियों, विभिन्न समाज के लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
रैली गुमानपुरा बाजार, घोड़ा बाबा चौराहा, चौपाटी बाजार होते हुए मल्टीपरपज स्कूल में आकर समाप्त हुई। रैली से पूर्व जनसभा का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि यह कानून हमारे देश के लिए अत्यंत आवश्यक है। इस कानून से किसी धर्म या व्यक्ति विशेष को कोई हानी नहीं है। बल्कि यह सिर्फ अवैध रूप से भारत में रह रहे लोगों के लिए है। यह दुर्भाग्य का विषय है कि कुछ लोग इस कानून को बिना समझे इसका विरोध कर रहे है। जबकि इसकी सकारात्मक जानकारी लोगों को नहीं है।
इस दौरान विधायक कल्पना देवी, पूर्व उपमहापौर सुनीता व्यास प्रमोद चतुर्वेदी, सुधीर ताम्बी, गजेंद्र भार्गव ,बलवंतपाल सिंह,गिराज गौतम,नरेश तलाईचा, निर्भय सिंह,तेजवीर सिंह, विनय राज सिंह,रामकुमार मेहता, हिंरेंद्र शर्मा, किसन पाठक, लोकेन्द्र राजावत, अजय चौधरी,हितेंद्र शर्मा, धनराज गुजर,सिम्पल शर्मा,रेखा खेलवाल,किरन महावर, सूर्ये किरण शर्मा,सीता शर्मा,धर्मेन्द्र दीक्षित,रुद्रेश भारद्वाज ,पंकज गौतम,भूपेन्द्र भार्गव ,ब्रजेश आसोप, दीपक सुमन आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।।
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अनुच्छेद ३७० को हटाने से लोग खुश : जावड़ेकर
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रका�� जावड़ेकर ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य हैं और अनुच्छेद ३७० के प्रावधानों को समाप्त किये जाने से वहां के लोग खुश हैं क्योंकि उन्हें अब शेष देश के नागरिकों की तरह ही फायदे और अधिकार मिलेंगे । जावड़ेकर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि घाटी में मीडिया पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है और बिना किसी कठिनाई के अखबारों का प्रकाशन किया जा रहा है । उन्होंने विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि भाजपा हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने के फैसले को चुनावी मुद्दे की तरह इस्तेमाल कर रही है । जावड़ेकर ने कहा, अनुच्छेद ३७० जनता की आकांक्षा पर खरा उतरा है । पूरे देश में लोग इसका स्वागत कर रहे हैं । उन्होंने कहा, घाटी के लोग सरकार के कदम का स्वागत कर रहे हैं । वे इस कदम का स्वागत कर रहे हैं जो उन्हें फायदा पहुंचाएगा । जावड़ेकर ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों को अब सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा जो उन्हें अनुच्छेद ३७० के प्रावधानों को समाप्त किये जाने से पहले नहीं मिल रहे थे । उन्होंने कहा, शिक्षा के अधिकार के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वगोर्ं के २५ प्रतिशत छात्रों को प्रवेश मिलेगा । यह जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं था, लेकिन अब लागू होगा । केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर की जनता को अन्य पिछड़ा वगोर्ं (ओबीसी) के लिए अनेक योजनाओं के लाभ नहीं मिलते थे, लेकिन अब उन्हें ये फायदे मिलेंगे । इसी तरह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को राज्य में कोई राजनीतिक आरक्षण नहीं मिलता था लेकिन अब वह भी मिलेगा । जावड़ेकर ने कहा, गृह मंत्री ने १२६ कानूनों की सूची दी जो कश्मीर में लागू नहीं होते लेकिन अब वहां लागू हैं । लोग इनका फायदा उठा रहे हैं और ��सलिए वे खुश हैं । कश्मीर घाटी, जम्मू तथा लद्दाख में अब सभी केंद्रीय योजनाएं लागू हैं । उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अनुच्छेद ३७० की वजह से ही जम्मू कश्मीर में पिछले ५०-६० साल से अलगाववाद को बढ़ावा देता रहा है । जावड़ेकर ने कहा, इसी प्रावधान की वजह से अलगाववाद और आतंकवाद बढ़े । अब दोनों समाप्त हो चुके हैं । उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया के एक वर्ग में कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर लग रहे आरोपों को भी खारिज कर दिया । उन्होंने कहा, देश के मीडिया को सच सामने रखना होगा । जावड़ेकर ने इन दावों को भी खारिज कर दिया कि बच्चे स्कूल नहीं जा रहे । उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूलों में छात्र हैं । उन्होंने कहा, केवल आठ थाना क्षेत्रों में धारा १४४ लगी है, अन्यथा कोई भी बात नहीं है । पहले दो महीने में गोलीबारी की कोई घटना नहीं हुई और कोई आम नागरिक हताहत नहीं हुआ । कश्मीर में मीडिया की आजादी पर ��न्होंने कहा कि भारत में मीडिया की आजादी पर केवल आपातकाल में एक बार हमला हुआ था । उन्होंने कहा, हम नाराज थे । पूरा देश इसके लिए लड़ा । हमारे संघषोर्ं की वजह से ही प्रेस की आजादी मूल स्वरूप में आई । हम प्रेस, संगठनों और बोलने की आजादी के लिए १६ महीने तक जेल में रहे । जहां तक कश्मीर का सवाल है, तो ऐसी कोई बात नहीं है । सूचना प्रसारण मंत्री ने कहा, कश्मीर सभी चैनलों, अखबारों के लिए है । Read the full article
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