#स्कूल बस
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scribblesbyavi · 7 months ago
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वो लड़की थी साधारण सी
लेकिन थी बेहत प्यारी सी ।
क्या बताओ उसके ख़्वाब क्या थे
और उसकी नादानियों के किससे ।
उससे बातें करता तो वक़्त कब बीट जाये
और बात करते वक़्त भी उसी की याद आये ।
उसे ख़ुद पर सबसे ज़्यादा गर्व था
किसीकी सहारे की न थी उसे ज़रूरत ।
ख़ुद कुछ कर दिखाने का हौसला था उसमें
अपने पढ़ाई के साथ अपना काम वो सम्भालती ।
सुबह सुबह उठ कर वो तैयार हो जाती
हमें बेहत पसंद थी उसके घने और लंबे बाल ।
गाँव के स्कूल में बच्चों को गणित पढ़ाती
और स्कूल से वापस आकर घर के बाक़ी काम ।
पूरे दिन एक दूसरे की इंतज़ार में रहते
आख़िर में जब मौक़ा मिलता तो हम घंटों बात करते ।
रात को नींद में उसकी उँगलियाँ नहीं चलती
फिर भी मेसेज में मेरा नाम हमेशा सही लिखती ।
कितनी प्यारी सी है वो क्या बताओ तुम्हें
पर नजाने क्यों रूठी हुई है वो अब मुझसे ।
मुझे पता है हमने कोई वादा नहीं की है एक दूजे से
पर ऐसा है के अब हम अनजान भी तो नहीं ?
और तुम तो गणित पढ़ाती हो ना ?
तो क्यों तुमने मुझे अपना न मान लिया ?
क्या बस यही था हमारा रिश्ता ?
क्या इतनी ही दूर था हमें साथ चलना ?
वो लड़की सिर्फ़ लगती थी साधारण सी
लेकिन अंदर से वो कोमल और बेहत प्यारी सी।
avis
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rajasthan-political-leader · 15 hours ago
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सुगम यात्रा की नई राह: ₹3.62 करोड़ की लागत से 6.50 किमी लंबी सड़क का शिलान्यास — कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ 🚧🛣️
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झोटवाड़ा क्षेत्र के नागरिकों के लिए एक और बड़ी सौगात! ₹3.62 करोड़ की लागत से 6.50 किमी लंबी सड़क के निर्माण का शिलान्यास कर कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने क्षेत्र के विकास को नई दिशा दी है। इस महत्वपूर्ण परियोजना से क्षेत्र के लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी, यातायात की सुविधा और सुगम यात्रा का अनुभव मिलेगा।
🚧 सड़क निर्माण के प्रमुख लाभ
1️⃣ यात्रा होगी आसान और सुविधाजनक
✅ गड्ढा मुक्त, चौड़ी और मजबूत सड़क, जिससे सफर पहले से ज्यादा आरामदायक होगा। ✅ तेज और सुरक्षित यातायात, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी। ✅ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की बेहतर कनेक्टिविटी, जिससे विकास को नई गति मिलेगी।
2️⃣ व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा
✅ नई सड़क के निर्माण से स्थानीय व्यापारियों और दुकानदारों को सीधा लाभ मिलेगा। ✅ क्षेत्र में नए व्यावसायिक अवसर खुलेंगे, जिससे रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे। ✅ कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों से बाजारों तक परिवहन सुगम होगा, जिससे किसानों और उद्यमियों को फायदा होगा।
3️⃣ परिवहन और यातायात की आधुनिक सुविधाएं
✅ स्कूल, अस्पताल, बाजार और सरकारी कार्यालयों तक आसानी से पहुंच बनेगी। ✅ एम्बुलेंस और आपातकालीन सेवाओं को बिना बाधा तेजी से मूवमेंट मिलेगा। ✅ क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने के लिए नई बस सेवाओं का प्रस्ताव।
4️⃣ ग्रामीण विकास को नई दिशा
✅ आसपास के गांवों को शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। ✅ युवाओं को रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक आसान पहुंच मिलेगी। ✅ पर्यटन और सांस्कृतिक स्थलों तक यात्रियों के लिए यात्रा सुगम होगी।
🏗️ कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का विज़न: विकसित झोटवाड़ा, आत्मनिर्भर राजस्थान
शिलान्यास समारोह में कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा:
“झोटवाड़ा के हर नागरिक को बेहतर सड़क और ��रिवहन सुविधाएं मिलें, यह हमारा संकल्प है। यह सड़क सिर्फ कंक्रीट का टुकड़ा नहीं, बल्कि विकास की एक नई दिशा है। सड़कें जितनी अच्छी होंगी, क्षेत्र की प्रगति उतनी ही तेज होगी। हमारा लक्ष्य झोटवाड़ा को एक आदर्श और स्मार्ट क्षेत्र बनाना है।”
उन्होंने आगे कहा कि: 🔹 आने वाले वर्षों में और अधिक सड़कों का निर्माण किया जाएगा। 🔹 युवाओं, किसानों और व्यापारियों के लिए नए अवसर पैदा होंगे। 🔹 झोटवाड़ा को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से सुसज्जित किया जाएगा।
🎉 स्थानीय जनता की खुशी और समर्थन
✅ ग्रामीणों और व्यापारियों ने आभार प्रकट किया, क्योंकि अब उन्हें बेहतर सड़क सुविधा मिलेगी। ✅ युवाओं और विद्यार्थियों ने प्रसन्नता व्यक्त की, क्योंकि स्कूल और कॉलेज पहुंचना पहले से आसान होगा। ✅ महिलाओं और बुजुर्गों को सुविधा मिलेगी, जिससे उनका सफर अधिक सुरक्षित होगा।
🚀 झोटवाड़ा के विकास की नई गाथा!
✅ बेहतर सड़कें, सुगम यातायात और आधुनिक सुविधाएं। ✅ स्थानीय व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार। ✅ राजस्थान के बुनियादी ढांचे को नया रूप देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम।
🚧🛣️ “सशक्त सड़कें, आत्मनिर्भर राजस्थान!” 🇮🇳 जय हिंद! जय राजस्थान! 🚀
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raja-123s-world · 1 month ago
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"लड़के हमेशा खड़े रहे
खड़ा रहना उनकी कोई मजबूरी नहीं रही
बस उन्हें कहा गया हर बार
चलो तुम तो लड़के हो, खड़े हो जाओ
तुम मलंगों का कुछ नहीं बिगड़ने वाला।
छोटी-छोटी बातों पर ये खड़े रहे कक्षा के बाहर
स्कूल विदाई पर जब ली गई ग्रुप फोटो
लड़कियाँ हमेशा आगे बैठी
और लड़के बगल में हाथ दिए पीछे खड़े रहे
वे तस्वीरों में आज तक खड़े हैं।
कॉलेज के बाहर खड़े होकर
करते रहे किसी लड़की का इंतजार
या किसी घर के बाहर घंटों खड़े रहे
एक झलक एक हाँ के लिए
अपने आपको आधा छोड़
वे आज भी वहीं रह गए हैं।
बहन-बेटी की शादी में खड़े रहे मंडप के बाहर
बारात का स्वागत करने के लिए
खड़े रहे रात भर हलवाई के पास
कभी भाजी में कोई कमी ना रहे
खड़े रहे खाने की स्टाल के साथ
कोई स्वाद कहीं खत्म न हो जाए
खड़े रहे विदाई तक दरवाजे के सहारे
और टैंट के अंतिम पाईप के उखड़ जाने तक
बेटियाँ-बहनें जब लौटेंगी
वे खड़े ही मिलेंगे।
वे खड़े रहे पत्नी को सीट पर बैठाकर
बस या ��्रेन की खिड़की थाम कर
वे खड़े रहे बहन के साथ घर के काम में
कोई भारी सामान थामकर
वे खड़े रहे
खुद की औलाद के लिए
कभी अस्पताल में
कभी स्कूल कालेज कोचिंग
के लिए हर जगह खड़े रहे ?
माँ के ऑपरेशन के समय
ओ. टी. के बाहर घंटों
वे खड़े रहे पिता की मौत पर अंतिम लकड़ी के जल जाने तक
वे खड़े रहे दिसंबर में भी
अस्थियाँ बहाते हुए गंगा के बर्फ से पानी में।
अपनी हर जिम्मेदारियों को निभाने के लिए खड़े रहे
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lucifar7000 · 4 months ago
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हैलो दोस्तो मेरा नाम राज है और मैं हरियाणा के एक छोटे से गांव में रहता हूँ। मेरे परिवार में मेरे पापा, मेरी मम्मी जिनका नाम सुमन है और मेरी एक छोटी बहन मनीषा है जिसे हम सब प्यार से मोना कहकर बुलाते है।
 
मेरा परिवार काफी साधारण है। हमारे पास ज्यादा जमीन जायदाद नहीं है। घर चलाने के लिए मैं और पापा दुकान पर काम करते है। काम करने के साथ साथ मैं पढ़ाई भी करता हूँ। हमारी जिंदगी में कोई गम नही है और हमारी जिंदगी काफी मजे से कट रही थी।
 
असली कहानी बहन की 10 वीं कक्षा पास करने के बाद से शुरू होती है। क्योंकि हमारे गांव में तब 10 वीं तक का ही स्कूल था और आगे पढ़ने के लिए हमें शहर जाना पड़ता था। बहन आगे और पढ़ना चाहती थी। बहन को आगे पढ़ाने में हममें से किसी को कोई एतराज नहीं था बस एक डर था।
 
डर ये था के हम जिस गांव में रह रहे थे उस गांव में से कई लड़कियां अपने आशिकों के साथ भाग कर शादी कर चुकी थी और इस मामले में हमारा गांव काफी बदनाम हो चुका था। हमे मोना पर तो पूरा विस्वास था पर क्या करें ये उम्र ही ऐसी थी के अगर इसमें कोई मोना को भुला फुसलाकर भगा कर ले जा सकता था और हमारी इज्जत की धज्जियां उड़ सकती थी।
 
फिर एक दिन शाम को मैं, मम्मी और पापा एक साथ बैठे थे तो मम्मी ने मुझसे कहा के तुम और तेरी बहन शहर में एक कमरा ले लो वहीं रहो। इससे मोना पढ़ भी लेगी और तुम भी वहीं से सीधे काम पर चले जाया करो। फिर मम्मी ने अपनी चिंता बताते हुए कहा के तू मोना का अच्छे से ध्यान रखना कहीं वो किसी लड़के के चक्कर मे ना पड़ जाए। फिर मैंने मम्मी से कहा के मैं ध्यान रखूंगा।
 
फिर पापा जहां नौकरी करते थे उस सेठ का एक पुराना घर था जो कि अब खाली पड़ा था। फिर पापा ने सेठ से उस घर मे रहने के लिए बात की तो सेठ बोला के मैं वो घर बेच रहा हूँ। घर बिकने तक तुम उस घर मे रह सकते हो। इसके लिए सेठ हमसे कोई किराया भी नहीं लेने वाला था। इस प्रकार हमारा फ्री में ही रहने का जुगाड़ हो गया था। फिर पापा ने कहा के सेठ का वो घर इतनी जल्दी बिकने वाला नहीं है। सेठ उसे बेचने के लिए काफ़ी टाइम से कोशिश कर रहा है। लेकिन अभी तक तो कोई उस घर को लेने के लिए तैयार नहीं हुआ है। क्योंकि सेठ का वो घर सड़क से थोड़ा दूर है और वहां ज्यादा लोग रहते भी नहीं है।
 
फिर कुछ दिन बाद ही हमारी जरूरत का सब सामान वगैरह लेकर हम उस घर मे रहने चले गए। घर रहने लायक था। हमने थोड़ी साफ सफाई की और बिजली, पानी की तो पहले से ही वहां व्यवस्था थी। फिर मैंने बहन का एक गर्ल्�� स्कूल में एडमिशन करवा दिया। तब बहन की उम्र 16 साल की थी और ��से खाना वगैरह सब बनाना आता था। फिर वो स्कूल में जाने लगी और मैं अपने काम पर चला जाता। फिर जब मोना के स्कूल की छुट्टी होती तो मैं उसे लेकर कमरे पर आ जाता। फिर मुझे कोई काम होता तो मैं वापिस चला जाता वरना कमरे पर ही रहता।
 
मोना ने साफ सफाई करके सब सामान अच्छे से सेट कर दिया था। तब गर्मियों के दिन थे और लाइट भी वहां कम ही रहती थी तो मैं और मोना जाकर छत पर सो जाते थे। मैं तो बस अंडरवियर में रहता और कुछ नहीं पहनता। मोना सलवार सूट में रहती। वो नीचे कुछ नहीं पहनती जिसके कारण उसके निपल दिखाई देते रहते थे। मोना भी मेरे अंडरवियर में खड़े लंड को नोटिस कर लेती पर कहती कुछ नहीं थी। मोना काफी बातूनी थी। वो मुझे अपने स्कूल की सब बातें बताती और मैं भी उसे सब बात बताता। हम आपस मे काफ़ी बातें करते।
 
 
पापा अपने काम बिजी होते तो वो हमारे पास ज्यादा नहीं आते थे। शनिवार के दिन मैं मोना को लेकर गांव चला जाता और फिर रविवार को शाम को वापिस आ जाता। हमारी जिंदगी काफी अच्छे से गुजर रही थी। मैं अपने फोन में काफ़ी हॉट हॉट लड़कियों की फ़ोटो रखता और उन्हें देखकर कई बार अपना लंड भी हिला लेता था। मेरा फोन मेरी बहन भी इस्तेमाल करती थी तो वो भी उन हॉट हॉट लड़कियों की फ़ोटो देख लेती थी पर कहती कुछ नहीं थी।
 
 
मम्मी का फोन रोज शाम को आता था। फिर हम मम्मी से बात करते। बात करने के बाद भी मैं और बहन एक दुसरे से काफी बात करते और देर रात तक हम दोनों फोन में वीडियो औऱ मूवी वगैरह देखते रहते। क्योंकि अब मम्मी पापा तो थे नहीं तो हमे रोकने टोकने वाला कोई नहीं था। हम रात को छत पर गद्दे लगाकर एक साथ ही सोते थे तो मोना मुझसे चिपक कर सो जाती थी। जिससे मुझे बहुत अच्छा लगता था।
 
फिर दिन बस यूं ही निकलने लगे। शहर आने के बाद हम दोनों भाई बहन का वापिस घर जाने का मन ही नहीं करता था। इस कारण फिर हम बस महीने में एक या दो बार ही घर जाते थे। मोना अपनी पढ़ाई का और मैं अपने काम का बहाना बना देते फिर मम्मी हम पर घर आने का ज्यादा दबाव नहीं बना पाती थी।
 
मेरा एक दोस्त था जिसकी मोबाइल की शॉप थी। फिर उससे मैं अपने फोन में हॉलीवुड मूवी भरवाकर ले आता था। इन मूवीज में चूमा चाटी और सेक्स वगैरह के काफी सीन होते थे। हम दोनों भाई बहन को मूवी देखने का बहुत चाव था। जब मूवी में कोई किसिंग सीन आते तो हम फिर वो भी बिना किसी शर्म के देखते रहते। इन मूवीज में लड़कियों का ब्रा पैंटी में दिखना आम बात थी। मेरे दोस्त ने मेरे फोन में भी काफी सारी ऐसी मॉडल की फ़ोटो डाल दी थी जो कि बस ब्रा पैंटी पहने थी।
 
मुझे वो सब मॉडल बहुत ज्यादा सेक्सी लगती थी। इस कारण मैंने ��नमे से एक लड़की की फ़ोटो का वॉलपेपर लगा दिया। जिसे देखकर मोना ने कुछ नहीं कहा। कई बार मोना भी चुपके चिपके उन मॉडल्स की फ़ोटो वगेरह देखती रहती। हम दोनों भाई बहन अब पहले से ज्यादा खुल चुके थे। कई हॉलीवुड मूवी में तो लड़कियां पूरी नंगी भी हो जाती थी। जिन्हें हम दोनों भाई बहन आंखे फाड़ फाड़ कर देखते।
 
 
ऐसे सीन देखकर तो मेरा लंड खड़ा हो जाता। तब मैं सिर्फ अंडरवियर में ही होता तो मोना मेरी अंडरवियर में बने तम्बू को देखकर मुस्कुराने लग जाती। फिर कई बार तो मैंने मोना के सामने ही अपने खड़े लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही पकड़कर दबाने लगता। ये देखकर मोना इसे थोड़ा अनदेखा कर देती। फिर कई बार रात को मेरे लंड का पानी निकल जाता और मेरा अंडरवियर भीग जाता। जिसे देखकर भी मोना कुछ नहीं कहती और बिना सवाल किए मेरे अंडरवियर को धो देती।
 
 
इस तरह धीरे धीरे हम दोनों भाई बहन के बीच से सब पर्दे हटते जा रहे थे। मैं जहां काम करता था वहां मेरे कई दोस्त थे। हममें से किसी की गर्लफ्रैंड नहीं थी और हम सारा दिन आपस मे बस चुदाई की ही बातें करते रहते थे। जब भी मार्केट में कोई सुंदर लड़की या औरत देखते तो चुपके से उसकी फोटो ले लेते और फिर हम सब मिलकर फ़ोटो देखकर लंड हिलाते। फिर एक दिन मेरे उस मोबाइल शॉप वाले दोस्त ने मेरे फोन में मूवी के साथ सा�� पोर्न मूवी भी डाल दी और काफी सारी नंगी लड़कियों के फोटो डाल दिये। मैंने सोचा आज तो ये सब देखकर खूब मूठ मारूंगा।
 
 
फिर घर पर आने के बाद रात को मैं और मोना लेटे थे। फिर मोना मेरा फोन लेकर मूवी देखने लगी। फिर उसके सामने वो सब नंगी लड़कियो की फ़ोटो और वीडियो वगेरह आ गई। फिर एक वीडियो गलती से चल भी गई और मोबाइल की आवाज तेज होने के कारण आवाजें जोर से सुनाई देने लगी। फिर मैंने जल्दी से मोना के हाथ से मोबाइल लेकर मूवी चला दी और फिर हम दोनों वो मूवी देखने लगे। उस दिन मुझे मोना के सामने थोड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई। लेकिन मोना ने मुझे कुछ नहीं कहा। फिर मैं भी वो बात भूल गया। लेकिन मैंने वो सब फ़ोटो और वीडियो मोबाइल से डिलीट नहीं किये और ना ही हाईड किये।
 
 
रात को मोना के सोने के बाद मैं छत पर ही एक कोने में जाकर उन्हें देखकर मुठ मारता था। फिर एक दिन रात को मैं जल्दी सो गया था और मोना फोन में मूवी देख रही थी। फिर थोड़ी देर बाद जब मुझे जाग आई तो मैंने चुपके से देखा तो मोना उन नंगी लड़कियों की फ़ोटो देख रही थी। ये देखकर मैंने पता नहीं क्यों उसे कुछ नहीं कहा और फिर से सो गया। लेकिन फिर भी मैंने वो सब डिलीट नहीं किये।
 
 
मोना के स्कूल की छुट्टी होने के बाद मैं मोना को स्कूल से लेकर आता तो उसके साथ उसकी कई सहेलियां भी होती। उनमे से मुझे उसकी एक सहेली अच्छी लगने लगी थी और मैं उसे देखता रहता था। ये बात मोना को भी पता थी। फिर एक दिन जब मैं मोना को लेकर घर पर आया तो मोना ने मुझसे कहा के तुम्हे मेरी सहेली अच्छी लगती है क्या। तुम्हारी उसके साथ सेटिंग करवाऊं क्या। मोना की ये बात सुनकर मैं मुस्कुराने लगा। फिर मोना बोली के तुम्हें उसकी बहुत जरूरत है। फिर मैंने मोना से हंसते हुए कहा के नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। ��ैं तो उसे बस ऐसे ही देखते रहता हूँ। फिर मैंने मोना से पूछा के तुम्हे है क्या कोई लड़का पसंद। फिर मोना कहती है के हां है ना। फिर मैंने पूछा के कौन। फिर वो बोली के तुम। ये कहकर मोना जोर जोर से हंसने लग जाती है।
 
 
फिर मैं जाकर मोना के गले लग जाता हूँ। फिर उसी टाइम मोना मेरी पेंट की जेब से मेरा फोन निकाल लेती है और फिर जैसे ही फोन को ऑन करती है तो उसे एक नंगी लड़की का वॉलपेपर लगा मिलता है। तभी मेरी नजर भी फोन पर पड़ती है और फिर मैं फोन हाथ मे लेकर कहता हूं के मेरे किसी दोस्त ने लगा दिया होगा। लेकिन सच्चाई ये थी के वो वालपेपर मैंने ही लगाया था। हम सभी दोस्त ऐसे ही वालपेपर लगाए रखते थे और घर जाने से पहले चेंज कर लेते थे लेकिन आज मैं भूल गया था।
 
 
फिर उस दिन भी मोना ने मुझे कुछ नहीं कहा। लेकिन उस दिन मुझे कुछ ज्यादा शर्म महसूस नहीं हुई। फिर उस दिन रात को मैं सोया हुआ था। फिर आधी रात को मुझे जाग आई तो तब कमरे में लाइट जल रही थी और मोना भी पास में नहीं थी। फिर मैं उठकर सीधे ही कमरे के अंदर चला गया तो देखा के मोना पूरी नंगी होकर एक तकिए को अपनी दोनो टांगो के बीच मे लेकर बैठी थी और अपनी चुत को तकिए पर रगड़ रही थी। वहीं मेरा फोन रखा हुआ था और उसमें एक पोर्न मूवी चल रही थी। जिसमे एक आदमी औरत को घोड़ी बनाकर चोद रहा था। ये सब देखकर मेरी आँखें फ़टी की फटी रह गई और मोना भी बस मुझे ही देखती रही। फिर मैंने उसे कहा के अगर हो गया हो तो बाहर आकर सो जाओ।
 
 
फिर मैं कमरे से बाहर आकर लेट गया लेकिन मेरे मन मे मोना का नंगा बदन ही घूम रहा था। फिर थोड़ी देर बाद ही मोना कपड़े पहनकर आई और मेरे पास लेट गई। फिर अगले दिन सन्डे था और मोना मुझसे आंख भी नहीं मिला पा रही थीं। मुझसे ये सहन नहीं हो रहा था। फिर मैं मोना का हाथ पकड़कर उसे कमरे में ले गया और उससे खुलकर बात करने लगा। मैंने उससे कहा के इस उम्र में ये सब आम बात है। मैं भी करता हूँ। इसमें शर्माने वाली कोई बात नहीं है। अब हम भाई बहन से ज्यादा दोस्त है। तुम मुझसे खुलकर बात कर सकती हो। मुझे बस तुम्हारी फिक्र है। कहीं तुम किसी ऐसे वैसे लड़के के चक्कर मे पड़कर अपनी जिंदगी ना खराब कर लो। फिर मोना कहती है के मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगी। मुझे कोई लड़का पसंद भी आएगा तो मैं तुम्हे बता दूँगी। मैं हमारे घर की इज्जत का पूरा ख्याल रखूंगी। फिर इतना कहकर वो मेरे गले से लग जाती है।
 
 
फिर मैंने मोना से कहा के तुम मेरी बहन हो पर साथ मे एक लड़की भी हो। तुम्हारी भी जरूरते है। अगर तुम्हें कभी कुछ करने का मन हो तो मेरे फोन ले लेना। इस पर मोना भी कहती है के तुम्हे भी अब मुझसे कुछ छुपाकर रखने की जरूरत नहीं है। तुम्हे अपने फोन में जो रखना हो वो रखो और जो करना हो वो करो। मैं इसके बारे में मम्मी पापा को कुछ नहीं बताऊंगी। ये सुनकर मैं बोला के बहन हो तो तुम्हारे जैसी। फिर हम दोनों हंसने लग जाते है।
 
 
फिर उस दिन मैं और मोना शाम को खाना खाने बाहर गए और फिर हमने सिनेमा में फ़िल्म भी देखी। उस दिन हम दोनों बहुत खुश थे। फिर उस दिन रात को हम देर ��े घर आये और आते ही सो गए। मैंने कपड़े उतारते टाइम अंडरवियर भी साथ मे उतार दिया गलती से और पूरा नंगा होकर सो गया। फिर रात को नींद में मैं मोना से चिपक कर सो गया था और लंड मोना की गाँड पर रगड़ने लगा था और फिर झड़ गया था। मुझे रात को सपना आया जैसे मैं किसी को लड़की को चोद रहा हूँ। फिर सुबह जब मोना मुझे चाय देने आई तो तब मैं बिल्कुल नंगा ही अपना लंड पकड़कर सो रहा था। फिर मोना ने मुझे जगाया तो मुझे सब बात समझ मे आ गई। फिर मैंने मोना के कुर्ते पर अपना पानी लगा हुआ देखा। फिर इस सबके लिए मैंने मोना से सॉरी कहा तो मोना ने हँसकर बात को टाल दिया जैसे के कुछ हुआ ही ना हो।
 
 
मोना की कई सहेलियां चुदाई की गंदी बाते करती और फिर वो सब बातें बहन आकर मुझे भी बताती। फिर मैं भी मोना को अपने दोस्तों की बातें बताता। मोना तो मुझे ज्यादा खुलकर नहीं बता पाती थी लेकिन मैं मोना को सब खुलकर बताता। अब मैं फोन में मेरी मनचाही लड़की की नंगी फ़ोटो का वालपेपर लगाता और कमरे में जाकर नंगा होकर कभी भी मुठ मारने लग जाता। लेकिन मोना रात को ही नंगी होकर मुठ मारती थी। मैं दिन में मुठ मारता तो मोना मुझे कई बार मुठ मारते हुए देख चुकी थी। कई बार वो मुझे चोरी छुपे भी मुठ मारते हुए देखती। इसी तरह मैं भी रात को कई बार मोना को नंगी मुठ मारते हुए देखता। एक बार तो मोना ने मुझे पकड़ लिया और कमरे का दरवाजा खोलकर मेरे सामने नंगी खड़ी हो गई और बोली के आ जाओ अंदर आकर देख लो आराम से। फिर मैंने मोना से कहा के मैने पहली बार किसी लड़की को नंगी देखा है। फिर मोना बोली के मैं तुम्हारी बहन और गर्लफ्रैंड दोनो हूँ। तुम्हे मुझसे शर्माने की कोई जरूरत नहीं है।
 
 
फिर मैंने भी मोना को अच्छे से देखा और उसके सामने ही खड़े होकर मुठ मारने लगा और फिर झड़ गया। उधर मोना भी उंगली करने लगी और झड़ गई। उस दिन के बाद हमारी शर्म बिल्कुल चली गई। अब हम एक दुसरे के सामने कपड़ो का जरा भी ख्याल नहीं रखते। लेकिन मेरे साथ सोते टाइम बहन अभी भी सलवार सूट पहनकर ही सोती थी। फिर एक रात मोना मेरा फोन लेकर नंगी लड़कियों की फ़ोटो देख रही थी। फिर एक लड़की की फ़ोटो आई जो ���ि मुझे बहुत ही अच्छी लगती थी। फिर मैं मोना से बोला के ये औरत देख कितनी मस्त है। इसके बोबे भी बहुत मस्त है। फिर मोना फ़ोटो आगे देखती गई। तभी एक पोर्न वीडियो आ गई और फिर हम दोनों वो पोर्न वीडियो देखने लगे। फिर मैं मोना से बोला के इसमे ये औरत देख कितनी मस्ती से चुदवा रही है। फिर मोना भी बोली के ये आदमी भी बहुत मस्त है। इसका हथियार भी काफी बड़ा है।
 
 
इस तरह हम दोनों भाई बहन उस पोर्न वीडियो के मजे लेने लगे। फिर मैं तो अपना लंड बाहर निकालकर हिलाने लगा और मोना ने भी अपनी सलवार ढीली करके अपनी चुत सहलाने लगी। वो वीडियो देखते देखते हम दोनों का पानी निकल गया और फिर हम वैसे ही सो गये। तब तक हमारा एक दुसरे से चुदाई करने के बारे में बिल्कुल भी ख्याल नहीं आया था।
 
 
फिर मैं मार्केट से सेक्सी मॉडल्स के पोस्टर लेकर आया जिसमे वो सब ब्रा पैंटी में थी। फिर वो सब पोस्टर मैंने कमरे में चिपका दिए। अब मैं और बहन एक दुसरे से पूरी तरह से खुल चुके थे। फिर मोना ने मुझसे कहा के तुमसे एक बात कहूँ बुरा तो नहीं मानोगे। फिर मैं बोला के हां बोल ना। म��ं बिल्कुल भी बुरा नहीं मानूगा। फिर मोना कहने लगी के मुझे भी इन सब मॉडल्स की तरह मॉडल बनना ��ै और ऐसे छोटे कपड़े पहनने है। तुम घर मे सारा दिन अंडरवियर में रहते हो मेरा भी मन करता है के मैं भी सिर्फ ब्रा पैंटी में रहूँ। मुझे अपनी बहन ना सही पर गर्लफ्रैंड समझकर ही ये कर लेने दो। फिर मैंने मोना से कहा के तुम्हारा मन करे वैसे रहो। मैं कुछ नहीं कहूँगा। मेरी बात सुनकर मोना बहुत खुश हुई।
 
 
फिर वो तभी एक ब्रा पैंटी पहनकर और थोड़ा सज संवरकर आ गई। मोना तब बहुत सेक्सी लग रही थी। मेरा मन तो लंड हिलाने का कर रहा था। मोना मेरे मन की बात समझ चुकी थी। फिर वो बोली के मुठ मार लो मैं कुछ नहीं कहूंगी। फिर मैं जल्दी से अपना लंड बाहर निकालकर मुठ मारने लगा और मोना मुझे देखकर हंसने लगीं। मोना अब हर दम ब्रा पैंटी में ही रहने लगी। इससे वो काफ़ी ज्यादा खुश थी। एक बार रात को वो उसनेअपनी ब्रा भी निकाल दी और सिर्फ पैंटी पहनकर सोई। तब गर्मी के दिन थे तो उसे उस रात काफ़ी अच्छी नींद आई। फिर सुबह मोना ने मुझे इस सबके किये धन्यवाद दिया और बोली के वो इसे जिंदगी भर नही भूलेगी।
 
 
फिर इससे अगली रात मैंने उसे पैंटी ऊतारकर बिल्कुल नंगी होकर सोने के लिए कहा। क्योंकि अब हम एक दुसरे को कई बार नंगा देख चुके थे। फिर मोना ने वैसे ही किया। उस रात मैंने मोना को देखकर कई बार मुठ मारी। तब मैं मोना को देखकर मुठ मारकर ही खुश था। फिर मार्केट से मोना अपने लिए कई अलग अलग रंग और डिज़ाइन की ब्रा पैंटी लेकर आई। उन ब्रा पेंटी में तो मोना और भी ज्यादा खूबसूरत लगती थी। मोना को ऐसी ब्रा पैंटी पहनकर अच्छा लगता था और मुझे मोना को ऐसी ब्रा पैंटी में देखकर।
 
 
फिर मोना के स्कूल में कुछ दिनों की छुट्टियां हो गई और फिर मैं भी कुछ दिनों की छुट्टी लेकर मोना को लेकर गांव चला गया। मम्मी पापा हम दोनों को देखकर काफ़ी खुश हुए। अब मैं और मोना भी बहुत खुश थे। तब भयंकर गर्मी पड़ रही थी। रात को कूलर लगाकर हम सब एक साथ ही अलग अलग चारपाई पर सोते। पहले पापा सोते, फिर मम्मी, मैं और सबसे आखिर में मोना सोती। पापा मम्मी तो खाना खाकर जल्दी ही सो जाते। लेकिन मुझे और मोना को देर से सोने की आदत थी तो हमे नींद ही नहीं आती थी। फिर हम ऐसे ही एक दूसरे से धीरे धीरे बातें करके टाइम पास करते।
 
 
घर पर आने के बाद मैं तो फिर भी घर मे पापा मम्मी के सामने अंडरवियर में रह लेता था लेकिन मोना ब्रा पैंटी में नहीं रह सकती थी। लेकिन उसे ब्रा पैंटी पहनने की बहुत इच्छा हो रही थी। फिर एक दिन रात को हम दोनों को नींद नहीं आ रही थी और पापा मम्मी गहरी नींद में थे। फिर तब मैंने मोना से ब्रा पैंटी पहनकर आने के लिए कहा तो फिर वो बोली के पापा मम्मी जाग गये तो क्या होगा। फिर मैंने कहा के कुछ नहीं होगा। वो नहीं जागेंगे। वो गहरी नींद में है। फिर मोना उठकर अंदर कमरे में चली गई और कुछ देर बाद सिर्फ ब्रा पैंटी पहनकर आकर चारपाई पर लेट गई। मोना को ब्रा पेंटी में देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। मुझे रात मैं भी मोना का बदन अच्छे से दिखाई दे रहा था।
 
 
लेकिन तब मोना चारपाई पर लेटी हुई थी। जिस कारण मुझे उसका बदन अच्छे से नहीं दिखाई दे रहा रहा। फिर मेरे दिमाग मे एक आईडिया आया। मैंने उसे मेरे लिए पानी लाने के लिए कहा। फिर उसने पहले तो मना कर दिया। क्योंकि घड़ा पापा की चारपाई के पास में था। फिर म���ंने मोना को थोड़ा सा जोर देकर कहा तो वो मान गई। फिर वो उठी और चुपके से घड़े से पानी का ग्लास भरकर लाने लगी। तब मैं उसे ही देख रहा था। एक 16-17 साल की जवान लड़की अपने ही घर मे ब्रा पैंटी में घूम रही थी। मोना का फिगर भी अच्छा था। फिर उसने मुझे पानी दिया और फिर ग्लास वापिस घड़े पर रखकर आने लगी तो फिर मैंने उसे आंगन में घूमने के लिए कहा। तो फिर वो आंगन में घूमने लगी।
 
 
फिर उसने खुद ही अपनी ब्रा और पैंटी खोल दी और फिर नंगी ही घूमने लगी। उसे नंगी देखकर मैं अपना लंड जोर से हिलाने लगा और फिर झड़ गया। मेरे झड़ने के बाद फिर वो अपनी ब्रा पैंटी लेकर कमरे में चली गई और फिर कपड़े पहनकर आकर लेट गई। फिर वो हँसकर बोली के आज उसे काफ़ी मजा आया। अब से रोज वो ऐसा ही करेगी। ये सुनकर मैं भी काफी खुश हुआ।
 
 
दिन में पापा तो दुकान पर काम करने चले जाते और मम्मी सब काम वगैरह करके दुसरे कमरे में सो जाती है। मैं और मोना दूसरे कमरे में सोते। लेकिन हमें नींद नहीं आती थी तो हम आपस मे खूब बातें करते और फिर पोर्न वीडियो देखकर मुठ भी मार लेते। अब मैं और मोना मिलकर पोर्न वीडियो देखने लगे थे। मम्मी दोपहर को काफी देर आराम करती और कई बार वो दोपहर को बातें वगैरह करने के लिए पड़ोस में किसी के घर चली जाती और फिर वो दोपहर बाद ही आती थी। इस कारण हमें काफी टाइम मिल जाता था। फिर तब मोना सब कपड़े खोलकर ब्रा पैंटी पहन लेती और मैं अपना अंडरवियर खोलकर बिल्कुल नंगा हो जाता। फिर मोना भी ब्रा पैंटी खोल देती और फिर हम एक दुसरे के सामने अपने लंड और चुत सहलाकर अपना पानी निकाल देते। ऐसा हम लगभग रोज ही करते थे।
 
 
अब मोना की हिम्मत काफी बढ़ चुकी थी। रात को जब हम सोते तो मम्मी पापा जाग रहे होते तब भी मोना किसी तरह अपने सब कपड़े निकालकर सिर्फ ब्रा पैंटी में सो जाती और अपने ऊपर कम्बल ले लेती। हम सब आपस मे बाते करते रहते और मोना ऐसे ही लेटी रहती। फिर एक बार तो मोना ने अपनी ब्रा पैंटी भी खोल दी और फिर नंगी ही लेट गई। वो बीच बीच मे मम्मी के साथ बातें भी कर रही थी। ऐसा तो लगभग अब रोज होने लगा था। फिर मम्मी पापा के सो जाने के बाद बहन आंगन में घूमने लग जाती। मैं भी तब अपना अंडरवियर निकालकर नंगा हो जाता। फिर हम दोनों कमरे में जाकर पोर्न वीडियो देखकर मुठ मारते और फिर आकर सो जाते। इस तरह हम अब दिन रात मस्ती करते थे और इसमें हमे बहुत मजा आता था।
 
 
फिर एक रात मम्मी पापा सो चुके थे और मैं और मोन�� अपनी अपनी चारपाई पर नंगे होकर लेटे हुए थे और आपस मे ऐसे ही बाते कर रहे थे। फिर मोना नंगी ही उठकर पानी पीने गई और फिर वो पानी पीकर वापिस आई तो फिर मैंने मोना का हाथ पकड़कर उसे अपनी चारपाई पर खींच लिया। फिर वो मेरी चारपाई पर मेरे ऊपर आकर गिर गई। चारपाई छोटी थी तो फिर हम दोनों एक दुसरे से चिपके हुए थे। फिर अचानक मोना का हाथ मेरे लंड पर चला गया और वो मेरे लंड को हिलाने लगी। मुझे मजा आने लगा। फिर मोना मेरी तरफ पीठ करके लेट गई तो फिर मैं भी मोना के पीछे से चिपक कर लेट गया और मेरा लंड मोना की दोनो टांगो के बीच मे जाकर घुस गया और फिर मैं लंड उसकी चुत पर रगड़ने लगा। जिससे हम दोनों काफ़ी गर्म हो गए।
 
 
फिर मैं मोना को लेकर कमरे में चला गया और फिर फोन में एक पोर्न वीडियो चालू कर दी। फिर मैंने मोना से मेरा लंड हिलाने के लिए कहा तो फिर मोना मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी और तब तक हिलती रही जब तक ��ि मेरे लंड से पूरा पानी ना निकल गया हो। फिर मैं तो शांत हो क्या लेकिन मोना पूरी गर्म हो चुकी थी। फिर मैंने मोना को लेटने के लिए कहा तो वो लेट गई और फिर मैं मोना की चुत सहलाने लगा और एक दो उंगली मोना की चुत में भी डाल दी। जिससे मोना उछल पड़ी। मोना को ऐसे काफ़ी मजा आ रहा था। फिर कुछ देर ऐसे करने के बाद मोना झड़कर शांत हो गई। उस दिन उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी थी। उस दिन हमने एक दुसरे के लण्ड चुत को छुआ था और हमें काफ़ी मजा आया था।
 
 
फिर इसके बाद तो मोना जब चाहे मेरा लंड पकड़ लेती और हिलाने लग जाती। मैं भी मोना की चुत उसकी सलवार में हाथ डालकर सहलाने लग जाता। फिर मैंने उसके छोटे छोटे बोबो को भी दबाया। जिसमे मुझे बहुत मजा आया। अब लगभग हमारा हाथ एक दुसरे की चुत और लंड पर ही होता।
 
 
मोना की छुट्टियां तो कई दिनों की मिली थी लेकिन फिर मैं और मोना कोई बहाना लगाकर छुट्टियां खत्म होने से पहले ही वापिस शहर आकर रहने लगे। छुट्टियां अभी पड़ी थी तो हम दोनों सारा दिन नंगे रहते और खूब मस्ती करते। मेरे फोन में जो चुदाई के वीडियो थे वो वीडियो हम कई बार देख चुके थे। फिर मैं मेरे दोस्त से नए वीडियो डलवाकर ले आया। इस बार उसने काफ़ी ज्यादा वीडियो डाल दिये थे। फिर वो सब वीडियो मै और मोना सारा दिन देखते रहते। उन वीडियो में लड़का लड़की एक दूसरे की चुत और लंड को चाट ते और मस्ती करते। वो अलग अलग पोज में चुदाई करते।
 
 
फिर उन्हें देखकर मैं भी मोना की चुत चाटने लगा और मोना भी बड़े चाव से मेरे लंड को चुसने लगी। फिर तो हम एक दुसरे के साथ उल्टे होकर सोते और सारा दिन एक दुसरे की चुत और लंड चुसते रहते। मैं तो मोना का गाँड का छेद भी चाट ने लग गया था। दिन प्रतिदिन मोना मुझे काफी सेक्सी लगती जा रही थी।
 
 
उधर मोना को स्कूल में और मुझे अपने दोस्तों से चुदाई का भरपूर ज्ञान मिल रहा था और फिर वो ज्ञान हम कमरे पर आकर एक दुसरे के साथ आजमाते। अब मैं और मोना एक दुसरे के बदन को खूब चूमते चाटते। फिर एक दिन मैंने मोना को घोड़ी बना लिया और फिर पीछे से उसकी चुत पर अपना लंड रगड़ने लगा। जिससे हम दोनों को काफ़ी मजा आया। फिर मोना मेरे लंड पर अपनी चुत रखकर बैठ गई और फिर अपनी चुत मेरे लंड पर रगड़ने लगी। जिससे कि हम दोनों एक साथ झड़ जाते। इस तरह हम चुदाई की अलग अलग पोजीशन ट्राय करने लग गए थे।
 
 
फिर कुछ दिन ऐसे करने के बाद मुझे और मोना को लगा के अब हमें चुदाई कर लेनी चाहिए। फिर एक बार स्कूल की छुट्टी के बाद मैं और मोना कमरे पर जा रहे थे पैदल ही। फिर मैंने मोना से कहा के आज चुदाई करें। ये सुनकर मोना मुस्कुराने लगी। फिर वो बोली के 2 दिन बाद मेरा जन्म दिन आने वाला है। हम उस दिन करेंगे। फिर मैंने कहा के ठीक है। फिर रास्ते मे चलते चलते ही मोना ने मेरी पेंट में हाथ डालकर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और फिर मेरे लंड को सहलाने लगी। वो रास्ता सुनसान था। उस रास्ते पर ज्यादा लोग नहीं आते जाते थे।
 
 
 
फिर मैंने मोना से अपनी चुत दिखाने के लिए कहा। तो फिर मोना सलवार खोलकर वहीं रास्ते के एक साइड में बैठ गई और पेशाब करने लगी। उसकी चुत से निकलता हुआ पेशाब मुझे बहुत मजा दे रहा था। फिर मैंने उसकी पेशाब की धार में अपनी एक उंगली की और फिर मेरी उंगली उसके पेशाब से भर गई और फिर मैं वो उंगली चुसने लगा। ये देखकर मोना ��ंसने लगी। फिर उस दिन रात को जब मैं मोना की चुत चाट रहा था तो मोना पेशाब करने लगी और फिर मैं उसका पेशाब पीने लगा। फिर मैं खड़ा होकर उस पर पेशाब करने लगा तो वो मेरे पेशाब से अपने मुंह को धोने लगी। फिर पेशाब करने के बाद वो मेरे लंड को चुसने लगी।
 
 
फिर उस रात हम ऐसे ही सो गए। अब हम सब काम एक साथ करने लगे थे। हम साथ ही टॉयलेट जाते, साथ मे नहाते। अब मैं और मोना दोनो ही चुदाई करने के लिए तैयार थे। हमें चुदाई के बारे में सब कुछ ज्ञान हो गया था। अब तो हमे बस मोना के जन्मदिन का ही इंतजार था।
 
 
अब मैं और मोना एक दुसरे के साथ नंगे ही सोते और मोना सुबह उठकर मेरे खड़े लंड पर किस करती और कई बार चूस भी देती। मैं भी मोना की चुत पर किस करता और चाटता। हम अब पोर्न मूवी देखकर सब कुछ सीख चुके थे। फिर मैं और मोना लिप किस करते। मैं मोना के होंठो को चूस चूसकर पूरा निचोड़ लेता। मोना भी मेरा पूरा साथ देती। फिर मोना मेरे लंड को पकड़कर अपनी चुत पर घिसने लग जाती और कभी कभी तो लंड का टोपा चुत में भी डाल देती। मोना की चुत में मेरा लंड देखकर मैं तो बिल्कुल पागल ही हो जाता। फिर मैं जैसे ही लन्ड अंदर डालने लगता तो मोना मेरा लंड बाहर निकाल देती।
 
 
हालांकि वो भी लंड लेने के लिए बेकरार थी पर वो सिर्फ अपने जन्मदिन पर ही मुझसे चुदना चाहती थी। मोना तब 15 साल की थी और उसे 16 वां साल लगने वाला था। यानी मोना को जवानी चढ़ते ही लंड मिलने वाला था। अभी मोना के जन्मदिन में पूरे 2 दिन पड़े थे। हम गांव में रहते थे तो हमने कभी जन्मदिन पर केक वगैरह नहीं काटा था। फिर मोना और मैंने प्लान बनाया के अबकी बार हम उसका जन्मदिन केक काटकर मनाएंगे। मोना और मैं एक दुसरे से बहुत प्यार करने लगे थे। हम भूल चुके थे के हम भाई बहन है। एक बार मोना मेरे गले लगकर बोली के अब से मैं बस तुम्हारी है। तुम मेरे साथ जो करना चाहो कर सकते हो। फिर उस दिन मैंने मोना के मुंह मे अपना लंड उसके गले तक डाल दिया और फिर अंदर बाहर करने लगा। जिससे उसकी आँखों मे आंसू आ गए। फिर मैंने इसके लिए उससे सॉरी भी मांगा लेकिन फिर वो बोली के मुझे ऐसे अच्छा लगा था।
 
 
हमने एक वीडियो देखी थी जिसमे एक आदमी औरत को पीटता है और फिर उसकी चुदाई करता है। फिर एक दिन मैंने मोना की गाँड पर काफी थप्पड़ मारे। जिससे उसे काफी दर्द हुआ पर उसे मजा भी बहुत आया। इस तरह फिर हम चुदाई में एक दूसरे की पसंद नापसंद जानने लगे। मुझे भी इस तरह मोना को तड़पाने में मजा आता था। लेकिन चुदाई करने के मामले में मेरी पसंद थोड़ी अलग थी।
 
 
एक दिन मैं अपने दोस्तों के सा��� काम कर रहा था। उस दिन काम ज्यादा नहीं था तो फिर हम सब बैठकर एक पोर्न वीडियो देखने लगे। जिसमे 4-5 मर्द मिलकर एक लड़की को चोद रहे थे और उसके साथ मस्ती कर रहे थे। फिर उस रात मुझे एक सपना आया जिसमे मैंने देखा के उस वीडियो की तरह ही मैं अपने दोस्तों के साथ मिलकर मोना की चुदाई कर रहा हूँ और मोना भी खूब मजे ले रही है। ये सपना देखकर फिर उस रात मेरा पानी भी निकल गया। फिर सुबह जब मैं उठा तो मैंने सपने के बारे में मोना को बताया।
 
 
 
ये सुनते ही मोना की चुत तो गीली हो गई और फिर वो अपनी चुत सहलाने लगी। फिर मोना बोली के पहले ��ुम अपना लंड तो डालो बाकी के बारे में बाद में सोचेंगे। यानी कि मोना की भी इसमें सहमति थी। फिर मैंने मोना को अपने गले से लगाया। मोना भी अब पूरा खुलकर मजे लेने के मूड में थी। फिर मैं और मोना मिलकर उसके जन्मदिन की प्लानिंग करने लगे। मोना पहली बार मेरा लंड बिना कंडोम के लेना चाहती थी तो उसने कंडोम लाने से मना कर दिया और गर्भ निरोधक टेबलेट लाने के लिए कहा। फिर हमने कुछ और भी सामान की लिस्ट बनाई।
 
 
फिर मैंने मोना से कुछ दिन के लिए स्कूल से छुट्टी लेने के लिए कहा। ताकि हम पूरी तरह से एन्जॉय कर सके। मैंने भी मोना के जन्मदिन के लिए कुछ सोच रखा था। मैं हमारी पहली चुदाई को यादगार बनाना चाहता था। ताकि मोना को हमारी चुदाई हमेशा याद रहे। इसलिए मैं उसे एक ऐसा गिफ्ट देना चाहता था जो कि हमेशा उसके पास ही रहे। पर ऐसा क्या गिफ्ट दूं ये मुझे समझ नहीं आ रहा था।
 
 
अगले दिन ही मोना का जन्मदिन था तो उस दिन मोना ने छुट्टी ले ली थी। फिर उस दिन सुबह जब मोना उठी तो फिर उसे मैंने विश किया और उसे गले से लगाया। मोना उस दिन घर पर ही रहकर शाम को हमारी होने वाली चुदाई के लिए तैयारी करने वाली थी। पहले उसने सब काम किया और फिर उसने अपने पूरे बदन पर हल्दी का लेप लगाया ताकि उसका बदन एक दम मुलायम हो जाये। फिर मैं मार्केट आ गया और मैं गिफ्ट के बारे में सोचने लगा। फिर मैंने एक गिफ्ट ले लिया। मैंने क्या गिफ्ट लिया ये आपको बाद में पता चल जाएगा। फिर मैंने मेडिकल से गर्भ निरोधक टेबलेट और कंडोम वगैरह भी ले लिए। ताकि बाद में कोई दिक्कत ना आये। फिर शाम को आते टाइम मैं फूल और रंग बिरंगी लाइट और केक लेकर घर आ गया।
 
 
फिर घर पर आया तो देखा के मोना ने तैयार होना शुरू कर दिया था। फिर मैंने भी छत पर जाकर तैयारी करनी शुरू कर दी। मैंने एक अच्छा सा बिस्तर लगाया और बिस्तर पर फूल बिछाए और आसपास रंग बिरंगे बल्ब लगाए। फिर मैं भी नहाकर तैयार होने लगा। जब मैं नहाकर आया तो मैंने सोचा के पहनू क्या। पहनने के बारे में तो मैंने कुछ सोचा ही नहीं था। फिर मैं पहनने के बारे में पूछने के लिए मोना के पास गया तो मोना ने अंदर से गेट बंद कर रखा था और फिर मैंने उससे पूछा तो वो बोली के कुछ मत पहनो। फिर मोना ने मुझे जल्दी से तैयार होने के लिए कहा। फिर मैं दुसरे कमरे में गया और अपने बाल वगैरह बनाये और फिर अपने पूरे बदन पर सेंट लगाया।
 
 
मैं सोच रहा था के पता नहीं मोना आज कैसे तैयार होकर आएगी। फिर मैं उसे आवाज देकर बाहर आने के लिए कहने ही वाला था के इतने में कमरे का गेट खुला और फिर मैं गेट की आवाज सुनकर जल्दी से उसे देखने के लिए बाहर आया और उसे देखा तो देखता ही रह गया। तब क्या लग रही थी मोना। ये बताने के लिए मेरे पास शब्द ही नहीं है। लेकिन फिर भी आपको बताने की कोशिश करता हूँ। मोना तब एक दम नंगी थी और उसकी चुत एक दम बिल्कुल चिकनी थी। उसका बदन भी बिल्कुल चिकना था और उसके बदन पर एक भी बाल नहीं था। उसने गले मे एक लॉकेट पहन रखा था और कानों में झुमके पहन रखे थे।
 
 
मोना ने नाक में नथ पहन रखी थी जो कि मुझे सबसे ज्यादा सेक्सी लग रही थी। मोना ��ो ऐसे देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और झटके मारने लगा। ये देखकर मोना मुस्कुराने लगी। फिर मैं मोना के नजदीक गया तो मोना मेरे गले लग गई और फिर हम लिप किस करने लगे। लिप किस करने के बाद मैं मोना की कमर में हाथ डालकर उसे छत पर ले जाने लगा। फिर छत पर जाते ही मैंने रंग बिरंगी लाइट चालू कर दी। जिससे कि पूरा बिस्तर जगमगा उठा। ये देखकर मोना काफी खुश हुई। फिर मोना मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी।
 
 
 
फिर हम जाकर बिस्तर पर बैठ गए और मैंने केक पर मोमबत्ती जलाई और फिर मोना ने केक काटकर मुझे खिलाया और फिर अपनी उम्र के 16 वें साल में कदम रखा। फिर मैंने भी मोना को केक खिलाया। हम दोनों को भूख लगी थी तो फिर हम दोनों ने मिलकर केक खत्म किया। इसके बाद हम बिस्तर के बीच मे बैठ गए और एक दुसरे की तरफ देखने लगे। फिर मैंने मोना को अपने से चिपकाया और फिर उसकी गर्दन पर किस करने लगा। जिससे कि मोना भी गर्म होने लगी। फिर में बीच मे रुका और फिर मोना को उसका जन्मदिन का गिफ्ट दिया। मैं मोना के लिए एक नोज रिंग लेकर आया था। मोना ने भी उसे नोज रिंग ही समझा और फिर उसे साइड में रखने लगी। फिर मैंने मोना से कहा के अभी पहन लो इसे। फिर मोना बोली के अभी मैंने नथ पहनी है तो बाद में पहन लुंगी। फिर मैंने कहा के इसे नाक में नहीं पहनना है। फिर मोना मेरी तरफ देखकर बोली के तो कहां पहनना है।
 
 
अब आप सब लोग ही यही सोच रहे होंगे के मैंने मोना को नोज रिंग कहाँ पर पहनने के लिए दी है। फिर मैं बोला के नीचे चुत में। फिर वो बोली के वहाँ कैसे पहनी जाएगी। फिर मैं बोला के लाओ मैं पहना देता हूँ। थोड़ा दर्द होगा। फिर मोना बोली के मै तुम्हारे लिए सब दर्द सहने के लिए तैयार हूँ। मैंने फिर मोना को लेटाया तो मोना अपने पैर फैलाकर लेट गई। फिर मैं उसकी चुत की पंखुड़ियों को टटोलने लगा और फिर उसकी एक चुत की पंखुड़ी में नोज रिंग डालने लगा। नोज रिंग मैंने उसकी चुत की पंखुड़ी के अंदर से घुसाकर बन्द कर दी। इससे मोना को थोड़ा दर्द हुआ। फिर उसने जब अपनी चुत पर नोज रिंग देखी तो उसे भी ये काफी पसंद आई।
 
 
फिर मैं मोना के बदन को चूमने लगा और फिर उसकी चुत चाटने लगा। जिससे मोना काफी गर्म हो गई। फिर मोना ने मुझे लेटाया और फिर वो मेरे बदन को चूमने लगी और मेरे लंड को चुसने लगी। वो थोड़ी देर और चुस्ती तो शायद में झड़ जाता। फिर मैंने उसे हटाया और फिर उसे लेटाकर मैंने अपना लंड उसकी चुत पर सेट कर दिया। फिर मैंने धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चुत में चला गया। जिससे मोना को थोड़ा दर्द हुआ। फिर दुसरे धक्के में मैंने पूरा लंड अंदर डाल दिया तो मोना छटपटाने लगी। फिर मैं धक्के मारने लगा तो हम दोनों को काफी मजा आने लगा। उसकी चुत एकदम टाइट थी। जिस कारण हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था। मोना तो आंखें बंद करके मजे ले रही थी और जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी।
 
 
 
फिर थोड़ी देर बाद मोना झड़ गई और फिर मैंने भी मोना की चुत के अंदर ही पानी छोड़ दिया और मोना से चिपक कर लेट गया। फिर हमने देखा के मोना की चुत और मेरे लंड पर खून लगा था। जिसे देखकर हम दोनों घबराएं नहीं। क्योंकि हम दोनों को ही पता था के पहली बार चुदाई में खून निकलना आम बात है। फिर हम दोनो�� बाथरूम में जाकर अपना लंड और चुत धोकर फिर से बिस्तर पर आ गए। मोना को देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। फिर मैं मोना के ऊपर आ गया और मोना की चुत मारने लगा। इस बार हमने काफी देर तक चुदाई की जिसमे हमे मजा भी बहुत आया। फिर इस बार भी मैं मोना की चुत में ही झड़ गया।
 
 
फिर अगली बार मोना घोड़ी बन गई तो मैं पीछे से उसकी चुत मारने लगा। इस बार मे झड़ने वाला हुआ तो मोना ने मेरा लंड मुंह मे लेकर चुसने लगी और जब मैं झड़ा तो मेरा सारा पानी पी गई। फिर हमने कुछ देर आराम किया। फिर हम एक दुसरे के साथ गन्दी गन्दी बातें करने लगे। मैं मोना से कहने लगा के मैं तुम्हे अपने दोस्तों के सामने नंगी नचवाऊंगा और उनके सामने तुम्हारी चुत मारूंगा। ये सुनकर मोना बोली के तुम जैसे कहोगे वैसे मैं करने के लिए तैयार हूँ। तुम बस अपने लंड से मेरी चुत भरकर रखना। फिर हम एक दुसरे से चूमा चाटी करने लगे।
 
 
 
फिर मोना पेशाब करने जाने लगी तो मैं भी उसके पीछे चला गया और फिर उसके पेशाब करने के बाद मैंने मोना को वहीं पकड़ लिया। फिर मोना दीवार के सहारे झुक कर खड़ी हो गई तो फिर मैं पीछे से वहीं मोना की चुत मारने लगा और सारा पानी अंदर ही डाल दिया। फिर हम बिस्तर पर आकर लेट गए और फिर से एक दुसरे से बातें करने लगे। फिर मोना बोली के मैं तुम्हारे सामने तुम्हारे दोस्तो से चुदवाऊंगी और खुब मजे करूंगी। ऐसी बातें करके मोना मुझे गर्म कर रही थी। फिर मैं बोला के मैं तुम्हें मॉडल बनाऊंगा और तुम्हारी नंगी फ़ोटो लोगो मे बाटूंगा। ऐसी बातों से हम दोनों काफी गर्म हो गए। फिर मोना मेरे ऊपर मेरा लंड अपनी चुत में लेकर बैठ गई और चुदने लगी। तब हम दोनों एक साथ ही झड़े और फिर मोना मेरे ऊपर ही सो गई। मुझे भी नींद आ गई। सारी रात मेरा लंड मोना की चुत में ही रहा।
 
 
 
सुबह हमें देरी से जाग आई। तब तक सूरज निकल चुका था। धूप में मोना बदन चमक रहा था। फिर हम दोनों उठकर नीचे आ गए। फिर मोना चाय बनाने लगी। मैं जाकर मोना से पीछे से चिपक गया और फिर उसकी चुत मारने लगा। तब मेरा झड़ने का कोई मूड नहीं था तो फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया और फिर हम दोनों चाय पीने लगे। चाय पीने के बाद मोना नीचे बैठकर मेरे लंड को चुसने लगी और फिर मैं झड़ने लगा तो मेरा सारा पानी पी गई।
 
 
 
मोना ने स्कूल से और मैंने काम से छुट्टी ले रखी थी तो फिर मोना ने जल्दी से खाना वगैरह बनाया और फिर खाना खाकर हम दोनों बिस्तर पर जाकर चुदाई करने लगे। मैंने मोना को गर्भनिरोधक वाली टेबलेट पहले ही दे दी थी। उस दिन हमने दिन भर बिस्तर पर अलग अलग पोज में खूब चुदाई की। फिर थक गए तो हमें नींद आ गई। हालांकि हम दोनों ही पहली बार चुदाई कर रहे थे और हमारा मन चुदाई से भर ही नहीं रहा था।
 
 
 
फिर शाम को हम खाना खाकर लेटे थे। मैं तब मोना के बदन को सहला रहा था। फिर तभी मम्मी का फोन आ गया तो मोना तो मम्मी से बात करने लगी और मैं मोना के बदन को सहलाता रहा। फिर मैं उठा और मोना के ऊपर आकर मोना की चुत में लंड डाल दिया। तब भी मोना मम्मी से बाते करती रही। फिर मोना ने फोन मुझे दे दिया तो फिर मैं मम्मी से बातें करने लगा और लगातार मोना की चुत में लंड अंदर बाहर करता रहा। मोना ने अपनी सिसकारियां रोकने के लिए अपने मुंह पर हाथ रख लिया था। फिर थोड़ी देर बात करने के बाद मैंने फोन काट दिया और फिर मोना की चुदाई करने लगा और फिर मोना भी जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी।
 
 
फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैं मोना के साइड में आकर लेट गया। फिर मोना ने मेरा लंड सहलाते हुए मुझसे कहा के अगर मम्मी को पता चल गया तो हम क्या करें���े। फिर मैंने कहा के हम मम्मी को पता नहीं चलने देंगे और कभी पता चल भी गया तो मैं अपने आप सम्भाल लूंगा तुम चिंता मत करो। फिर हम दोनों लिप किस करने लगे और फिर चुदाई का दूसरा राउंड शुरू हो गया। फिर देर रात तक हमने खूब चुदाई की और खूब बातें की और फिर सो गए।
 
 
 
मोना अब काफी खुल चुकी थी। वो मुझे रिझाने के लिए कभी मेरे सामने अपनी गाँड हिलाती तो कभी अपनी चुत में उंगली करती तो कभी अपने छोटे छोटे बोबो को सहलाती। ये सब देखकर तो किसी मुर्दे का भी लंड खड़ा हो जाये। मैं तो फूल गर्म हो जाता और मोना की खूब चुदाई करता। फिर मोना के कहने पर मैंने एक बार कंडोम लगाकर भी चुदाई की।
 
 
 
हम दोनों ने चुदाई के लगभग सभी आसनो में चुदाई कर ली थी और हमारा मन करता हम वैसे ही चुदाई करना शुरू कर देते। मोना अब किचन में खाना बनाती तब भी मैं उसकी चुत में लंड डालकर रखता। हम दोनों अब चुदाई के आदि हो चुके थे। हम दोनों को चुदाई के बिना कुछ भी अच्छा नहीं लगता था। ये 5-6 दिन कैसे निकल गये हम दोनों को पता भी नहीं चला। इन दिनों में हमने पता नहीं कितनी ही बार चुदाई की होगी।
 
 
फिर मेरी और मोना की स्कूल की छुट्टियां खत्म हो चुकी थी लेकिन फिर भी हम घर पर ही रहकर चुदाई कर रहे थे। चुद चुद कर मोना की चुत फूल गई थी और डबल रोटी जैसी लग रही थी। फिर मोना ने ही मुझे समझाया और कहा के अब हम चुदाई तो कभी भी कर सकते है। अगर हम ऐसे ही घर पर रहकर चुदाई करते रहे तो सबको शक हो जाएगा। फिर हमने जैसे तैसे अपने अपने मन को समझाया और फिर हम रोज की तरह ही अपने अपने काम मे लग गए। मोना स्कूल जाने लगी और मैं अपने काम पर।
 
 
सुबह घर से जाने से पहले तैयार होकर हम एक बार चुदाई करते और फिर शाम को आकर भी चुदाई करते और फिर रात को भी खूब चुदाई करते। अब हमारी जिंदगी में मजे ही मजे थे। मैं और मोना अब अपने अपने दोस्तों के साथ चुदाई के बारे में खुलकर बातें करते। जिससे हम दोनों गर्म हो जाते और फिर घर पर आकर चुदाई करते।
 
 
एक बार मैं मोना को स्कूल से लेकर घर आ रहा था। तब सड़क पर कोई नहीं था। ये इलाका शहर से थोड़ा अलग था तो यहां पर बहुत कम लोग आते जाते थे। फिर मैंने की सलवार में हाथ डालकर उसकी गाँड सहलाने लगा और फिर मोना भी मेरा लंड सहलाने लगी। फिर मैं मोना को वहीं दीवार के सहारे लगाकर लिप किस करने लगा और मोना भी मेरा साथ देने लगी। हम दोनों ही गर्म हो चुके थे। फिर मैंने मोना की सलवार खोलकर उसकी पैंटी साइड में की और फिर उसकी एक टांग उठाकर अपना लंड निकालकर उसकी चुत में डाल दिया और चुदाई करने लगा। मैं सड़क पर बिल्कुल सरेआम ही मोना को चोद रहा था। हम दोनों को ही पता था के यहां कोई आने वाला नहीं है। फिर मैंने मोना को घोड़ी बनाया और फिर पीछे से उसकी चुदाई करने लगा और झड़ गया। फिर हमने अपने कपड़े सही कर लिए और घर पर आ गए। आज ऐसे सड़क पर चुदाई करने में हम दोनों को काफ़ी मजा आया था।
 
 
आज की चुदाई से हम दोनों को समझ मे आ गया था के चुदाई का मजा सिर्फ बिस्तर पर ही नहीं आता बल्कि अलग अलग जगहों पर खुलेआम करने में भी बहुत मजा आता है। फिर अगले दिन सुबह सुबह मोना घर के आगे की तरफ की सफाई करने के लिए बिल्कुल नंगी ही चली गई और जाकर झाड़ू लगाने लगी। मैं घर के अंदर से उसे देखने लगा और अपना लंड हिलाने लगा। फिर झाड़ू लगाने के बाद मोना ने झाड़ू तो नीचे रख दी और फिर अपने बाल खोलकर ऐसे खड़ी हो गई जैसे कोई मॉडल हो। उसे ऐसे देखकर तो मेरा बुरा हाल हो गया। फिर मैं भी बाहर चला गया। फिर वो मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी। मैं भी उसकी गाँड और बोबो को सहलाने लगा। फिर वो हँसकर बोली के हाय मैं कितनी बेशर्म हूँ जो ऐसे सरेआम नंगी खड़ी होकर अपने भाई का लंड हिला रही हूँ। वहां हमारे आसपास के सब घर खाली थे। इसलिए हमें किसी का कोई डर नहीं था।
 
 
फिर मैंने मोना से कहा के वो जोर से बोले के मैं रंडी हूँ मुझे चोदो। फिर मोना ये सुनकर हंसने लगी और फिर हंसते हुए कहा के मैं रंडी हूँ मुझे चोदो। फिर मैंने उससे और जोर से कहने के लिए कहा तो वो इस बार और जोर से बोली और फिर वो हंस पड़ी। उसे ऐसे हंसते देख मैं फुल गर्म हो चुका था। फिर मैं उसे उठाकर घर के अंदर ले गया और फिर ताबड़ तोड़ उसकी चुदाई करने लगा। फिर चुदाई के बाद मोना से कहा के तुम बहुत बड़ी रंडी बनोगी एक दिन। फिर मोना ने कहा के तुम ही मुझे बनाओगे। फिर हम हंसने लगे।
 
 
 
कुछ दिन बाद शाम को बारिश आना शुरू हो गई और पूरी रात बारिश होती रही। उस रात मैंने और मोना ने बारिश में खूब चुदाई की। मोना इतनी हॉट और सेक्सी थी के उसे देखकर तो कई बार मेरा ऐसे ही पानी निकल जाता। मैंने उससे कहा के तुम्हे खुश करने के लिए तो कई मर्द चाहिए। क्योंकि कुछ तो तुम्हे नंगी देखकर ही झड़ जाएंगे। ये सुनकर वो हँसने लगी।
 
 
 
फिर कुछ दिन बाद मम्मी का फोन आया और उन्होंने कहा के उन्हें किसी रिश्तेदार के यहां जाना है इसलिए तुम दोनों कुछ दिन के लिए गांव आ जाओ। फिर हम दोनों छुट्टी लेकर गांव चले गए। गांव आने के बाद मम्मी हमारे किसी रिश्तेदार के यहां चली गई। फिर अब घर पर सिर्फ मैं, पापा और मोना ही थे। पापा भी दिन में काम पर चले जाते और शाम को थके हारे आते और खाना खाकर सो जाते। दिन में मैं और मोना घर पर अकेले होते तो हम खूब चुदाई करते। पापा सुबह जल्दी ही काम पर चले जाते तो उनके जाने के बाद मोना नंगी हो जाती और फिर मैं मोना को पकड़कर चोद देता। हम दोनों ने घर मे सब जगह अलग अलग पोज में चुदाई कर चुके थे।
 
 
 
रात को पापा के सोने के बाद हम दोनों नंगे हो जाते और फिर मोना मेरी चारपाई पर आ जाती और फिर हम चुदाई करते। पापा पास में ही सोए रहते लेकिन हम दोनों को बिल्कुल भी डर नहीं लगता था। मोना भी अब काफी ज्यादा खुल चुकी थी। पोर्न वीडियो से आईडिया लेकर हमारे मन मे जो आता हम वैसा ही करते। सुबह पापा थोड़ा लेट उठते थे। मैं और मोना उनसे पहले उठ जाते थे तो फिर मेरे कहने पर मोना उनके उठने तक ब्रा पैंटी में ही घर मे घूमती रहती और फिर तो नंगी ही रहने लगी। वो उठने वाले होते तो वो कपड़े पहन लेती। इसमे थोड़ा रिस्क भी था पर हमें बहुत मजा आता था।
 
 
 
फिर मौका मिलने पर मैं मोना के बोबो को सहला देता और मोना भी मेरे लंड को सहला देती तब पापा घर पर ही होते थे। एक दिन शाम का टाइम था। मैं और पापा तो नहाकर कुलर के आगे बैठे थे। पापा कूलर की तरफ मुंह करके लेटे थे। तब मोना नहाने के लिए जाने लगी तो मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया। फिर मैंने उससे कहा के पापा दूसरी तरफ मुँह करके लेटे है तो तुम नहाने के बाद नंगी ही आना। ये सुनकर मोना हंसती हुई नहाने चली गई। फिर मैं उसका इंतजार ��रने लगा। फिर नहाने के बाद मोना ने बाथरूम से बाहर झांक कर देखा तो पापा तब भी दूसरी तरफ मुँह करके लेटे थे। फिर मैंने उसे आने का इशारा किया तो फिर वो एकदम नंगी बाथरुम से निकली और फिर हमारी तरफ आने लगी। तब पापा का मुँह दूसरी तरफ था। फिर मोना जैसे ही मेरे पास से जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर रोक लिया। फिर वो अपना हाथ छुड़ाने लगी। लेकिन मैंने नहीं छोड़ा।
 
 
 
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसे सहलाने के लिए कहा तो फिर वो दुसरे हाथ से सहलाने लगी और फिर थोड़ी देर हिलाने के बाद ही मैंने उसे जाने दिया। फिर मोना भागकर कमरे में चली गई और फिर कपड़े पहनकर बाहर आकर लेट गई। फिर वो मुझसे बोली के आज तो तुम मरवा ही देते। मेरा दिल जोर से धड़कने लगा था। फिर मैंने उसे कहा के कुछ नहीं होता। फिर मोना बोली के ऐसे मजा तो बहुत आता है पर डर भी लगता है। फिर मैंने मोना से कहा के तुम डरो मत सिर्फ मजे लो। फिर मोना अगले दिन नहाकर नंगी ही आई और इस बार मेरा लंड चूसकर फिर अंदर गई। फिर वो मुझसे बोली के तुम मुझे ऐसे और काम बताओ। जिन्हें करके मजा भी आये और थोड़ा रिस्क भी हो। फिर मैं बोला के ठीक है।
 
 
 
पापा को शाम को दारू पीने की आदत थी। मम्मी पापा को दारू पीने नहीं देती थी लेकिन अब मम्मी तो थी नहीं तो फिर पापा शाम को आते टाइम दारू ले आये। फिर उन्होंने मोना और मुझसे कहा के तुम अपनी मम्मी को कुछ मत बताना। फिर  हमने हँसकर कहा के ठीक है हम कुछ नहीं बताएंगे। फिर पापा शाम को नहा धोकर दारू पीते और फिर खाना खाकर सो जाते। मोना पापा को दारू पीते टाइम उन्हें सलाद काटकर देती और उनकी पूरी सेवा करती। पापा को दारू मिल गई थी तो वो अब काफी खुश रहते। वो शाम को दारू पीकर टुन्न हो जाते और फिर उन्हें कोई होश नहीं रहता। इसी बात का फायदा उठाकर मैंने मोना से कहा के जब पापा टुन्न हो जाये तो फिर वो सिर्फ ब्रा पैंटी पहनकर ही पापा के सामने जाए। वो भी जानती थी के पीने के बाद पापा को कुछ होश नहीं रहता है। फिर जब वो सिर्फ ब्रा पैंटी में पापा के सामने गई तो पापा उसे पहचान तो रहे थे पर इस पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे थे के उसने पहना क्या है।
 
 
ज्यादा दारू पीने के बाद पापा गन्दी गन्दी गालियां भी निकालने लग जाते। लेकिन गालियों का हम पर कोई असर नहीं होता था। फिर एक बार ज्यादा दारू पीने के बाद पापा पेशाब करने गए और फिर पेशाब करके आने लगे तो वो गिर गए। फिर मैं और मोना भागकर उनके पास गए और उन्हें उठाने लगे। उन्हें उठाया तब देखा के उनकी लुंगी खुल चुकी थी और वो बिल्कुल नंगे हो चुके थे। ये देखकर मोना हंसने लगी। फिर हम दोनों पापा को सहारा देकर लाये और लाकर चारपाई पर बैठाने लगे। तब मोना ब्रा पैंटी में थी और पापा ने मोना की कमर में हाथ डाल रखा था। फिर पापा और मोना तो एक साथ ही चारपाई पर बैठ गए और मैं उनके सामने बैठ गया। फिर मैंने मोना को पापा का लंड देखने के लिए इशारा किया तो मोना हंसने लगी। फिर मैंने अपना लंड सहलाते हुए मोना को पापा का लंड सहलाने के लिए कहा तो मोना हंसने लगी और ना में सिर हिलाने लगी।
 
 
 
फिर मैंने उसे कहा के यही मौका है दूसरे लंड से मजा लेने का। फिर मोना मान गई और फिर वो पापा का लंड पकड़कर सहलाने लगी। पापा तो अपनी ही बकवास किये जा रहे थे। उन्हें कहाँ पता चलने वाला था। फिर मोना ने कुछ देर तो लंड हिलाया और फिर वो उठकर चूल्हे के पास चली गई। फिर मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया। फिर मोना बोली के वो भी एक बार दारू पीकर देखना चाह���ी है। फिर मैं बोला के तो आज ही मौका है। ये मौका फिर नहीं मिलने वाला है। मेरे फोन में एक पोर्न वीडियो थी जिसमे एक जवान लड़की बूढ़े आदमी से चुदाई करवाती है और खूब मजे करती है। फिर वो वीडियो जब मैंने मोना को दिखाई तो वो गर्म हो गई। वो सब समझ गई के क्या करना है।
 
 
 
फिर मैं अपना अंडरवियर खोलकर चारपाई पर बैठ गया और फिर मोना भी अपनी ब्रा पैंटी खोलकर नंगी हो गई और फिर दो कांच के ग्लास लेकर आई और पापा के पास बैठ गई। फिर उसने पापा का हाथ पकड़कर अपनी कमर पर रख लिया और फिर वो एक हाथ से पापा का लंड सहलाने लगी। फिर मैंने हम सबके लिए पैग बनाये। मैंने मोना के लिए थोड़ा हल्का पैग बनाया और मेरे लिए आधा पानी और आधी दारू डाल ली और पापा को सिर्फ दारू डालकर दी। फिर हम सबने चियर्स करके एक दुसरे के ग्लास के साथ ग्लास भिड़ाये और पीने लगे। मोना पहली बार दारू पी रही थी तो उसे काफी कड़वी लगी लेकिन वो जैसे तैसे पी गई। फिर उसने और दारू डालने के लिए कहा तो मैंने कहा के आज इतनी ही बहुत है। अगर तुम भी पीकर टुन्न हो जाओगी तो मजे कैसे करोगी। मेरी बात सुनकर मोना पापा को तरफ देखकर हंसने लगी।
 
 
 
फिर मैं भी जाकर मोना के दूसरी तरफ बैठ गया। फिर मोना मेरा लंड भी पकड़कर सहलाने लगी। फिर मैंने उससे पूछा के दो दो लंड हाथों में लेकर कैसा लग रहा है फिर वो बोली के बहुत मजा आ रहा है। फिर मैंने मोना से कहा के आज तुम हम दोनों को अपने बाप भाई मत समझो बल्कि बस मर्द समझो और खुलकर मजे लो। मोना भी अब बच्ची नहीं रही थी। वो जान गई थी के एक मर्द से कैसे मजे लिए जाते है। फिर वो फुदक कर पापा की गोद मे जा बैठी। मोना पापा की गोद मे एक दम नंगी बैठी थी। ये देखकर ही मेरे लंड से पानी निकलने को हो गया। फिर पापा ने भी मोना के छोटे छोटे बोबो को पकड़ लिया और सहलाने लगी। मोना को भी अब नशा हो चुका था। नशे के कारण वो दोनो बाप बेटी अब एक दूसरे के साथ मजे करने लगे।
 
 
 
वो दोनो फिर चारपाई पर लेट गए। पापा को तो बिल्कुल भी होश नहीं था। फिर मोना पापा का हाथ अपनी चुत पर रखकर सहलाने लगी। फिर वो पापा के ऊपर चढ़ गई और पापा का लंड चुसने लगी। जब पापा का लंड पूरा खड़ा हो गया तो फिर वो पापा का लंड अपनी चुत में लेकर बैठ गई और चुदवाने लगी। उसने पापा के दोनों हाथ अपनी कमर पर रख लिए थे। फिर मैं खड़ा होकर उनके पास गया अपना लंड मोना के मुँह में दे दिया। अब मोना मेरा लंड चुसने लगी और साथ मे पापा से चुदवा रही थी। मोना आज दो दो लंड के मजे ले रही थी। फिर पापा झड़ गए और सारा पानी मोना की चुत में ही चला गया। फिर मैंने मोना को पापा पर से उतारा और फिर ले जाकर अपनी चारपाई पर लेटा दिया और फिर मैं मोना की चुदाई करने लगा। कुछ देर चुदाई करने के बाद मैं भी झड़ गया। फिर मैं और मोना कुछ देर तो ऐसे गई लेटे रहे। फिर उठकर हमने सब सामान सही किया। पापा का लंड पोंछा और पापा को लुंगी पहनाई और फिर शराब की बोतल और ग्लास वगैरह सब वहां से उठा दिए। ताकि सुबह उठकर पापा को कुछ पता ना चले के रात को क्या हुआ था।
 
 
 
पापा तो दारू पीकर बिना खाना खाए ही सो गए। मोना भी थोड़े नशे में थी। फिर मैंने मोना को खाना खिलाया और खुद भी खाया। फिर मोना ने कपड़े पहने और फिर वो और मैं अपनी अपनी चारपाई पर सो गए। आज की ये रात हमें हमेशा ��ाद रहने वाली थी।
 
 
 
फिर अगले दिन उठे तो मोना का सिर दर्द हो रहा था। फिर मैंने उसे टेबलेट दी तो फिर वो ठीक हो गया। फिर पापा उठे तो मोना ने उनके लिए चाय बनाई। फिर पापा ने पूछा के रात को मैंने क्या क्या किया था। फिर मोना ने बताया के आपने रात को ज्यादा दारू पी ली थी और आप हर किसी को गन्दी गन्दी गालियां दी रहे थे। ये सुनकर पापा थोड़ा शर्मिंदा हुए। फिर पापा बोले के तुम ये बात अपनी मम्मी को मत बताना। फिर मोना बोली के और आप भी मम्मी के आने के बाद दारू मत पीना। पापा ने हमसे और कुछ नहीं पूछा। बस वो बार बार अपने लंड को जरूर सहला रहे थे। शायद उन्हें पता चल गया था के उन्होंने चुदाई की है। लेकिन किससे की और कैसे की। ये पता नहीं था उन्हें।
 
 
 
फिर पापा तैयार होकर दुकान पर चले गए। पापा के जाने के बाद मोना मुझसे बोली के कल रात बहुत मजा आया था। फिर मैंने कहा के दो लंड लेकर हर लड़की को मजा ही आता है। अब तुमने अपने बाप और भाई का लंड ले लिया है तो अब तुम्हें किसी और का लंड लेने में शर्म नहीं आएगी। ये सुनकर मोना हँसकर बोली के मुझे तो आप दोनों का लंड लेने में भी शर्म नहीं आई। फिर मोना बोली के मेरी कई सहेलियां है जो कि लंड लेने के लिए बहुत बेताब है और लंड लेने के बाद वो किसी से कुछ कहेगी भी नहीं। अगर तुम्हें लेनी है उनमें से किसी की चुत तो बताओ। फिर मैं मोना से बोला के तुम हमारे बारे में किसी को भी मत बताना। क्योंकि अगर एक बार किसी को पता चल गया तो फिर सबको पता चलने में देर नहीं लगेगी। फिर मोना बोली के मैं किसी को नहीं बताऊंगी। पर मेरी एक पक्की सहेली है। अगर तुम उससे कर लोगे तो वो किसी को नहीं बताएगी। अगर उसको हमारे बारे में पता चल जाएगा तो भी वो किसी से कुछ नहीं बोलेगी।
 
 
 
फिर मैं बोला के तुम किसी पर विस्वास मत करना। मुझे पता है तुम भी किसी और का लंड लेने के लिए बेताब हो। मैं तुमसे वादा करता हूँ कि अगर तुम मुझसे अपनी सहेली चुदवाओगी तो फिर मैं तुम्हारे लिए भी कोई न कोई लंड ढूंढ दूंगा। तुम चाहे किसी से भी करना मुझे कोई एतराज नहीं है। लेकिन तुम अभी तक तैयार नहीं हो। तुम्हारी गाँड की सील भी अभी खोलनी है। तुम्हारी गाँड और चुत थोड़ी खुल जाए फिर चाहे तुम किसी का भी लंड ले लेना तुम्हे कोई दिक्कत नहीं होगी।
 
 
फिर ये सुनकर मोना बोली के मैं तुमसे इसलिए अपनी सहेली नहीं चुदवा रही के फिर तुम भी मुझे अपने दोस्त से चुदवाओ। मुझे लंड तो लेने है पर अगर आपकी मर्जी नहीं होगी तो मैं किसी का भी लंड नहीं लूंगी।
 
 
 
फिर मैं बोला के अभी हमने चुदाई करना शुरू ही किया है। मजे करने के लिए तो आगे बहुत जिंदगी पड़ी है। अभी मुझे सिर्फ तुम्हारे साथ ही चुदाई करनी है। अभी हम हमारे बीच किसी को भी नहीं आने देंगे। ये सुनकर मोना मुस्कुराकर मेरे गले लग जाती है आए फिर हम किस करने लग जाते है। फिर दोपहर को हम सो जाते है क्योंकि रात को हम देर से ही सोए थे।
 
 
 
 
उस दिन शाम को पापा आते है। फिर पापा उस दिन शाम को भी दारू ले आते है। फिर मोना पापा से दारू नहीं पीने के लिए कहती है। फिर पापा ने कहा के तुम्हारी मम्मी आने तक तो पी लेने दो। फिर तो बन्द ही करनी पड़ेगी। फिर मोना हँसकर कहती है के ठीक है।
 
 
 
अब मोना ने पापा से भी चुदवा लिया था हालांकि इसका पता पापा को नहीं चला था ल���किन फिर भी उसने चुदवा तो लिया ही था। जिस कारण मोना अब पापा से खुलकर बात करने लगी थी और उनके सामने अपने कपड़ों का भी ज्यादा ध्यान नहीं रखती। मोना गहरे गले वाले सूट पहनती जिस कारण मोना के बोबो की गहराई दिखती रहती। मोना दुपट्टा वगैरह भी नहीं रखती थी। तब गर्मी का टाइम था और गर्मी में काम करने के कारण मोना का सूट पूरा पसीने से भीग जाता और मोना के बोबे साफ दिखने लग जाते। जिन्हें देखकर एक बार तो पापा भी ध्यान स्व देखने लग जाते है। लेकिन अपनी बेटी जानकर वो इसे अनदेखा कर देते।
 
 
 
मम्मी को गए अभी 10 दिन होने वाले थे लेकिन मम्मी तो अभी वापिस आने का नाम ही नहीं ले रही थी। फिर मोना ने मम्मी को फोन किया तो फिर मम्मी ने कहा के 2-3 दिन में आ जाऊंगी।
 
 
 
पहले तो मोना अपनी ब्रा और पैंटी छुपाकर रखती थी। मोना अपनी ब्रा पैंटी बाकी के कपड़ो से अलग जगह सुखाती थी। लेकिन फिर मोना ने अपनी ब्रा पैंटी बिल्कुल खुल्लम खुल्ला सुखाने लगी और बाथरूम में भी उसकी ब्रा पैंटी ऐसे ही पड़ी रहती। मुझे पता था के मोना ये सब मौज मस्ती के लिए कर रही है। फिर मोना ने मुझसे कहा के पापा मुझे कुछ कहने वाले तो है नहीं। इसलिए मैं पापा के सामने कैसे भी रह सकती हूँ। फिर मैं बोला के तुम क्या करने वाली हो। फिर मोना बोली के ज्यादा कुछ नहीं बस किसी तरह उनके सामने नंगी होना है। देखते है फिर पापा क्या करते है। फिर मैं बोला के बेचारे वो क्या करेंगे। उन्हें तो ये भी पता नहीं के उनकी बेटी उनसे चुद चुकी है। ये सुनकर मोना बोली के तभी तो। उन्हें बता तो नहीं सकती पर वो भी बेचारे मुझे देखकर अपनी आंखें सेंक लेंगे। फिर मोना ने मुझसे पूछा के तुम्हारे हिसाब से मुझे क्या करना चाहिए। मम्मी भी आने वाली है।
 
 
 
फिर मैं बोला के मैं सोचता हूँ कुछ। मोना बोली के मैं किस बहाने से उनके सामने नंगी होउंगी ताकि उनका पता ना चल पाये के मैं उनके सामने जानबूझकर नंगी हुई हूँ। फिर मैंने पूछा के तुम पूरी नंगी होना चाहती हो या अधनंगी। फिर वो बोली के पूरी नंगी कैसे हो सकती हूँ। फिर मैं बोला के होने को कुछ भी हो सकता है। फिर मोना बोली के पूरी नंगी ही हो जाऊंगी। अब मुझे शर्म नहीं आती। मैं अब बिल्कुल बेशर्म हो चुकी हूँ। मुझे तो बस थोड़ा सा बहाना चाहिए फिर तो मैं खुद ही नंगी हो जाऊंगी। अब मोना ने पापा के सामने नंगी होने की ठान ही ली थी तो मुझे तो उसका साथ देना ही था।
 
 
 
 
फिर मैं कोई तरकीब सोचने लगा जिससे मोना पापा के सामने नंगी हो सके। मोना सलवार सूट ही पहनती थी। अगर और कुछ पहनती फिर भी कुछ सोचता। मोना का सूट भी चलो फटने से उतर जाए पर सलवार कैसे उतर सकती है। ये मेरे समझ नहीं आ रहा था। फिर काफी सोचने के बाद मुझे एक आईडिया आया। हालांकि ये आईडिया इतना ज्यादा अच्छक नहीं था और काम चल सकता था। इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं था। आगे बताता हूँ के क्या हुआ।
 
 
 
 
सन्डे का दिन था और उस दिन पापा घर पर ही थे। घर मे थोड़ी साफ सफाई करने वाली थी। फिर मोना ने पापा और मुझसे साफ सफाई में हाथ बंटाने के लिए कहा। फिर इसके लिए पापा ने हाँ कर दी। फिर मोना ने जल्दी से खाना बनाया और फिर खाना खाकर हम सब साफ सफाई में लग गए। साफ सफाई करते ��ाइम मैं तो सिर्फ अंडरवियर में था और पापा सिर्फ लुंगी में थे और मोना ने अपना एक पुराना टाइट सूट पहन लिया। जिसमे सुराख भी थे और वो काफ़ी पतला भी था। उस सूट में एक सुराख एक बोबे की जगह भी था।
 
 
 
फिर हम तीनों साफ सफाई करने लगे। गर्मी के दिन थे तो जल्द ही हम तीनों पसीने से तर हो गए। मैं और पापा ने तो ऊपर कुछ नहीं पहन रखा था इसलिए हमारा पसीना तो नीचे बह रहा था। लेकिन मोना ने ऊपर सूट पहन रखा था जो कि पूरा भीग चुका था। उसके बोबे साफ नजर आने लगे थे। मैं तो इसे अनदेखा कर रहा था लेकिन पापा कभी कभी देख लेते थे। मोना का सूट थोड़ा गहरे गले वाला भी था जिस कारण उसके बोबो के उभार साफ नजर आ रहे थे। फिर हम यूंही काम करते रहे। फिर मैंने देखा के मोना बाहर गई और सूट में बोबे कई जगह जहां सुराख था वहां से उसने अपने एक बोबे का निप्पल बाहर निकाल लिया। जब मैंने ये देखा तो मैं समझ गया के मोना की शरारत अब शुरू हो गई है। फिर मैंने इस और बिल्कुल ध्यान नहीं दिया और मैं उनसे थोड़ा दूर हो गया और उन्हें अकेला छोड़ दिया। ताकि पापा बिना किसी शर्म के मोना के बदन को निहार सके।
 
 
 
फिर कुछ देर बाद मोना ने अपने दुसरे बोबे वाली जगह सूट में सुराख कर लिया और उसमें से अपने दुसरे बोबे के निप्पल को भी बाहर निकाल लिया। मोना को ऐसे देखकर तो किसी भी मर्द का लंड खड़ा हो जाये। फिर जब मोना ऐसे पापा के सामने गई तो फिर पापा भी उसे देखते रह गए। लेकिन वो क्या कर सकते थे देखने के अलावा। मोना को ऐसे देखकर पापा उसे कुछ नहीं बोले। थोड़ी देर बाद जब काम खत्म हो गया तो फिर मैं तो कोई बहाना मारकर घर से निकल गया और छिपकर उन्हें देखने लगा। क्योंकि असली नाटक तो अब होने वाला था। फिर नहाने की बारी आई तो फिर पहले मोना नहाने चली गई और पापा वहीं चारपाई पर बैठकर इंतजार करने लगे।
 
 
 
तभी अचानक बाथरूम से मोना बिल्कुल नंगी बाहर आ गई और चिल्लाने लगी के अंदर मेरे ऊपर छिपकली पड़ गई। फिर पापा मोना को नंगी देखकर देखते ही रह गए और फिर भागकर बाथरूम में गए। तब तक मोना बाहर ही बिल्कुल नंगी खड़ी रही। मोना ने तब सीधी खड़ी थी और अपने हाथों से अपने बोबो और चुत को बिल्कुल भी नहीं ढक रखा था। फिर पापा बाथरूम से बाहर आये और मोना से बोले के अंदर कोई छिपकली नहीं है जाकर नहा लो। लेकिन मोना इतनी जल्दी कहाँ अंदर जाने वाली थी। फिर वो बाहर खड़ी खड़ी ही कहने लगी के नहीं अंदर छिपकली है। फिर पापा उसे समझाने लगे के अंदर कुछ नहीं है। चुप चाप जाकर नहा लो। मोना ने चुत पर मेरी दी हुआ नोज रिंग पहन ही रखी थी। फिर पापा का ध्यान उस पर गया तो पापा कुछ पल के लिए उसे देखते रहे।
 
 
 
फिर उन्होंने एक बार और मोना से अंदर जाकर नहाने के लिए कहा तो फिर मोना बाथरूम में जाने लगी। जाते टाइम पापा ने मोना को एक नजर पीछे से देखा। फिर कुछ देर बाद जब मोना नहाकर आ गई और पापा नहाने चले गए तो फिर मैं भी वापिस घर पर आ गया। फिर मैंने मोना से कहा के तुमने तो कमाल कर दिया। फिर मैंने मोना से कहा के अगर वो तुम्हे नंगी देखकर तुम्हे चोदने लग जाते तो। फिर मोना बोली के तो क्या मैं उनसे हंसी खुशी चुदवा लेती। ये सुनकर हम दोनों हँसने लगे। फिर पापा नहाकर आकर दुसरे कमरे में जा��र सो गए। फिर मैं और मोना नंगे होकर चुदाई करने लगे और फिर हम भी सो गए।
 
 
 
 
आज जो मोना ने किया वो करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। फिर शाम को सब कुछ नॉर्मल रहा। मोना और पापा एक दुसरे से पहले के जैसे ही बातें कर रहे थे। अब मोना की सब शर्म और डर चला गया था। उस रात लाइट नहीं थी। तो मैं और पापा तो खाना खाकर लेट गए और मोना बर्तन वगैरह साफ करने लगी। फिर सब क��म करके जब मोना हमारे पास आई तो उसने पहले अपने सब कपड़े खोले और फिर पूरी नंगी होकर आकर चारपाई पर लेट गई। पापा तब तक जाग ही रहे थे। फिर मोना अपनी चुत सहलाने लगी। फिर मोना पानी पीने नंगी ही गई और फिर पानी पीकर आकर लेट गई। जैसे कि वो हमेशा से ही ऐसे ही नंगी रह रही हो। फिर पापा के खर्राटे बजने लगे तो फिर मैंने भी अपना अंडरवियर पूरा निकाल दिया और लंड सहलाने लगा।
 
 
 
फिर तभी मोना खड़ी हुई और आकर मेरा लंड अपनी चुत में लेकर बैठ गई और फिर ऊपर नीचे होने लगी। उसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ रहा था के पापा भी पास में लेटे है। फिर हम झड़ गये तो फिर वो अपनी चारपाई पर जाकर नंगी ही कम्बल ओढ़कर सो गई और फिर मैं भी सो गया। सुबह जब मोना उठी तो वो नंगी ही थी और पापा के उठने तक नंगी ही रही। फिर पापा तैयार होकर काम पर चले गए और फिर हम दोनों नंगे होकर घर मे घूमने लगे।
 
 
 
 
पापा के सामने नंगी होने के बाद मोना और भी ज्यादा खुल गई थी। हम पोर्न वीडियो में देखते के कैसे उसमें लड़की कभी नर्स बनकर तो कभी टीचर बनकर चुदवाती है और खूब मजे लेती है। फिर ऐसा ही कुछ हम भी करने लगे। मोना पहले नर्स बनी और फिर वो मुझे नंगा करके मेरे लंड को चेक करने लगी। हम बातें भी ऐसे कर रहे थे जैसे मोना सच मे कोई नर्स है और मैं उसका मरीज। फिर चेक करते करते जब मेरा लंड खड़ा हो गया तो फिर हम चुदाई करने लगे। इसके बाद वो मेरी स्टूडेंट बनी और फिर वो मेरी टीचर बनी और हमने फिर जमकर चुदाई की।
 
 
 
 
फिर इसके बाद मोना को अपनी फेवरिट एक्ट्रेस समझकर चोदता और मोना भी मुझे कोई अपना फेवरिट एक्टर समझकर मुझसे खूब चुदवाती। ऐसे चुदाई करके हमे काफ़ी मजा आता था। अभी हमारा हाल ऐसा हो गया था के मोना को नंगी देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था और मेरा खड़ा लंड देखकर मोना की चुत गीली हो जाती। फिर तो हमारी चुदाई पक्की हो जाती। घर मे जब में मोना को अपना लंड बाहर निकालकर दिखा देता तो मोना सब काम छोड़कर मेरे पास आ जाती और फिर अपनी सलवार खोलकर घोड़ी बन जाती। कई बार तो ऐसा होता के बाहर पापा बैठे होते और अंदर कमरे में मोना मेरे सामने घोड़ी बनी हुई होती। फिर मैं भी उसकी चुत में लंड डाल देता।
 
 
 
 
फिर बस कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा। मम्मी के आने से पहले मोना ने पापा को अपने बदन के खूब दर्शन करवाएं। फिर मम्मी आ गई तो फिर मम्मी के सामने मोना नॉर्मल ही रही। फिर हम एक दो दिन और गांव में रहे और फिर हम वापिस शहर आकर रहने लगे। फिर से हमारी वही रूटीन शुरू हो गई।
 
 
 
मैं अपने दोस्त से खूब पोर्न वीडियो अपने फोन में डलवाकर लाता और फिर मैं और मोना वो वीडियो देखते और फिर जमकर चुदाई करते। मोना को डांस करना बहुत अच्छे से आता था और ��ो जब नंगी होकर डांस करती तो इतनी सेक्सी लगती के पूछो मत। मोना सब कुछ बहुत तेजी से सीख रही थी। चुदाई में तो वो अब पूरी एक्सपर्ट हो चुकी थी।
 
 
 
 
फिर मोना के एग्जाम आ गए तो मैंने उसे पढ़ने के लिए कहा ताकि उसके एग्जाम में अच्छे नम्बर आ सके। मैं उसकी चुदाई कर देता जिससे कि वो बिल्कुल रिलेक्स होकर पढ़ सके। मोना पढ़ाई में होशियार ही थी। इस कारण मैंने फिर मोना से कहा के कहीं हमारी चुदाई के कारण तुम्हारी पढ़ाई खराब ना हो जाये। मोना बोली के ऐसा कुछ नहीं होगा। फिर मोना पढ़ाई में ध्यान देने लगी और मैं भी मोना के साथ चुदाई के लिए ज्यादा जोर जबरदस्ती नहीं करता।
 
 
 
फिर एक बार शाम को मम्मी का मेरे पास फोन आया तो हम ऐसे ही बातें करने लगी। फिर वो मुझसे मोना के बारे में पूछने लगी तो मैंने कहा के वो ठीक है। फिर मम्मी ने कहा के उसका ध्यान रखना कहीं उसका किसी के साथ चक्कर ना चल जाये। फिर मैंने मम्मी से कहा के हमारी मोना सयानी है वो सब समझती है। वो ऐसा वैसा कुछ नहीं करेगी। फिर मम्मी बोली के बेटा ये उम्र ही ऐसी होती है और हमारा गांव तो पहले से ही बदनाम है। फिर मैंने मम्मी से कहा के थोड़ा तो विस्वास रखो। वो तुम्हारी बेटी है। तुम्हे अपनी बेटी पर जरा भी विस्वास नहीं है। फिर मम्मी बोली के उस पर तो विस्वास है लेकिन इस दुनिया पर नहीं है। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम मोना की उम्र की थी तो तब तुम्हारा था क्या कोई बॉयफ्रेंड। ये सुनकर मम्मी हंसने लगी और बोली के बेशर्म अपनी मम्मी से कोई ऐसी बात पूछता है।
 
 
 
 
 
फिर मैंने कहा के क्यों अब तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड रहा होगा तो होगा। अब मुझे क्या पता। फिर मम्मी बोली के अरे मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था। फिर वो हंसने लगी। फिर मैंने कहा के ये तो नहीं हो सकता। आप इतनी सुंदर हो और आपका कोई बॉयफ्रेंड ना रहा हो। ये सुनकर मम्मी फिर हंसने लगी। फिर मम्मी ने मुझसे कहा के मेरा तो कोई बॉयफ्रेंड नहीं था पर शायद तेरी जरूर कोई गर्लफ्रैंड है। फिर मैं बोला के आपको कैसे पता। फिर मम्मी बोली के तेरी बातों से पता चल गया। फिर मैं बोला के नहीं है मैंने तो ऐसे ही कह दिया था। फिर मैंने मम्मी से कहा के तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और मेरी कोई गर्लफ्रैंड नहीं है तो हम बन जाते है एक दुज़रे के बॉयफ्रेंड गर्लफ्रैंड। ये सुनकर मम्मी खूब हंसी।
 
 
 
 
उस दिन मैंने और मम्मी ने काफी देर बात की। मेरी मम्मी मस्त औरत है। सबके साथ हँसकर ही बात करती है। उस दिन के बाद से मैं मम्मी के साथ कुछ ज्यादा ही मस्ती मजाक करने लगा। मम्मी को मुझ पर पूरा विस्वास था और घर के बारे में जो भी बात करनी होती तो वो मुझ से ही पूछती थी। घर का सब हिसाब किताब हम दोनों ही रखते थे। मम्मी मेरा काफी ख्याल रखती थी और उन्होंने कभी मुझे किसी चीज के लिए मना नहीं किया था। इस कारण मैं कुछ न कुछ चीज ले जाकर मम्मी को देता रहता था।
 
 
 
 
मोना को भी हमारी इन सब बातों का पता था। फिर मोना ने मुझसे कहा के अगर तुम मम्मी को किस तरह पटा लो तो फिर कभी मम्मी को हमारे बारे में पता भी चलेगा तो वो हमें ज्यादा कुछ नहीं कहेगी। फिर मैंने मोना से कहा के वो हमारी मम्मी है। वो ऐसे जल्दी से पटने वाली औरत नहीं है। फिर मोना ने मुझसे कहा के हमारी मम्मी सुंदर है और अभी भी काफी जवान ही लगती है। अगर उनका किसी के साथ चक्कर चल रहा हो तो। फिर ये सुनकर मैं मोना से बोला के तुम्हारा दिमाग तो ठीक है क्या। फिर मोना बोली के मेरा दिमाग ठीक है। होने को कुछ भी हो सकता है। वो भी औरत है उनके भी चुत है। उनका भी मन करता ही है। मोना की बातें सुनकर मेरा दिमाग खराब हो गया। फिर मैंने मोना से कहा के अभी ऐसा कुछ सामने तो नहीं आया है। लेकिन तुम्हारी बात सही भी हो सकती है। फिर मोना बोली के पापा को तो मैं सम्भाल लुंगी। तुम बस मम्मी का ध्यान रखना।
 
 
 
 
 
मैंने कहा के ठीक है। फिर मैं मम्मी का भी ध्यान रखने लगा। उनका फोन वगैरह भी चेक करता रहता। लेकिन कुछ नहीं मिला। तब जाकर मुझे और मोना को यकीन हुआ।
 
 
 
 
सर्दियों के दिन शुरू हो गए। मैं और मोना नंगे होकर एक ही रजाई में सोते और जमकर चुदाई करते। सर्दियों में चुदाई करने का मजा ही अलग होता है। फिर मोना के एग्जाम हो गए और मोना अब बिल्कुल फ्री थी। फिर मोना गाँड मरवाने की जिद करने लगी। फिर मैंने उसे समझाया के इसमे बहुत दर्द होगा। फिर मोना बोली के मैं सारा दर्द सह लुंगी। हम पहले से ही काफ़ी गाँड चुदाई की वीडियो देख चुके थे। फिर एक दिन रात को हमने गाँड चुदाई का प्रोग्राम बनाया। मैंने तेल, क्रीम वगैरह सब कुछ पहले से ही बिस्तर के पास रख लिए थे। फिर मोना घोड़ी बन गई तो फिर मैंने मोना की गाँड और मेरे लंड पर खूब सारा तेल लगाया। फिर मैं लंड गाँड में डालने लगा। मोना की गाँड काफी टाइट थी। फिर जैसे ही मेरा थोड़ा सा लंड अंदर गया तो उसे थोड़ा थोड़ा दर्द होने लगा। फिर मेरा आधा लंड अंदर चला गया तो उसे तेज दर्द होने लगा। वो चिल्लाने लगी और रोने लगी।
 
 
 
 
लेकिन फिर मैंने पूरा लंड अंदर डाल दिया तो फिर तो उसका बुरा हाल हो गया। वो मुझसे लंड निकालने के लिए कहने लगी। लेकिन मैंने नहीं निकाला। फिर मैं साथ मे इसकी वीडियो भी बनाने लगा। फिर मैं लंड अंदर बाहर करने लगा और जोर जोर से धक्के लगाने लगा। मोना का तो रो रोकर बुरा हाल हो चुका था। मुझे भी मोना की टाइट गाँड चोदने में बहुत मजा आ रहा था। फिर आखिरकार मैं भी झड़ गया और पुरा माल मोना की गाँड में ही निकाल दिया और फिर लंड को बाहर निकाल लिया। लंड बाहर निकालने के बाद मोना सीधी होकर लेट गई और अपनी गाँड के छेद को अपने हाथ से छूकर देखने लगीं। वो कांप रही थी तब।
 
 
 
 
 
मेरा लंड तब भी खड़ा था और मोना की हालत देखकर बड़े शान से मैं अपने लंड को सहला रहा था। मोना भी ये देख रही थी। फिर मैंने लंड उसकी चुत में डाल दिया और करने लगा। फिर मोना बोली के मेरी जान लोगे क्या आज। फिर मैं बोला के जान नहीं एक बार गाँड और लूंगा। फिर ये सुनकर मोना रोकर कहने लगी के नहीं आज बख्स दो। फिर मैं बोला के एक बार और करवालोगी तो गाँड ढंग से खुल जाएगी। लेकिन फिर वो मना ही करती रही। फिर मेरा लण्ड थोड़ा ढीला होने लगा तो फिर मैंने लन्ड उसके मुंह मे डाल दिया तो वो रोती रोती मेरा लण्ड चुसने लगी। फिर कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से तनकर तैयार हो गया जिसे मैं उसके मुंह के सामने ही मैं सहलाने लगा। फिर ये देखकर मोना डर गई के अब उसकी खैर नहीं। फिर मैंने उसे समझाया के अब उसे पहले जितना दर्द नहीं होगा। लेकिन वो करवाने के लिए तैयार ही नहीं थी।
 
 
 
लेकिन फिर भी मैंने किसी तरह लंड उसकी गाँड में डाल ही दिया। उसे पहले तो दर्द ह��आ लेकिन फिर इस बार उसे मजा आने लगा आए उसकी चुत बहने लगी। फिर इस बार मैंने उसकी चुत भी मारी। फिर चुदाई के बाद मैंने उसकी चुत और गाँड को अच्छे से साफ किया और उसे दर्द की गोली दी। फिर वो उल्टी होकर लेट गई तो फिर मैं उसकी गाँड की सिकाई करने लगा। फिर थोड़ा आराम मिलते ही मोना को नींद आ गई। फिर मैं भी सो गया।
 
 
 
 
जब अगले दिन वो उठी तो वो लंगड़ाकर चल रही थी। फिर मैंने कहा के कुछ दिन में ठीक हो जाओगी। फिर उस दिन भी मैंने कई बार उसकी गाँड मारी। फिर इसके बाद तो उसकी गाँड में खुजली होने लगी और वो खुद अपनी गाँड लाकर मेरे सामने रख देती। फिर मोना को भी गाँड चुदाई में काफी मजा आने लगा और वो अब काफी खुश थी। फिर मैं लगभग रोज रात को उसकी गाँड में अपना लंड डालकर सोने लगा। अब जब मैं घोड़ी बनाकर मोना की चुदाई करता तो उसकी चुत और गाँड दोनो की चुदाई करता और फिर उसकी गाँड में झड़ जाता।
 
 
 
 
जब मोना पूरी तरह ठीक हो गई तो फिर हम कुछ दिन के लिए गांव चले गए। गांव में हमारे घर मे एक कमरे में पापा मम्मी सोते है और उसके साथ वाले कमरे में मैं और मोना सोते है और एक रसोई है और एक गेस्ट रूम है। इस प्रकार कुल 4 ही कमरे है। हमारे और मम्मी पापा के कमरे में बस एक दीवार ही थी और उसमें भी कई छेद थे। फिलहाल उसमें ईंट फसाई हुई थी पर वो ईंट आसानी से निकल भी सकती थी और मम्मी पापा के कमरे में आराम से देखा जा सकता था। फिर एक दिन खाना वगैरह खाने के के बाद हम सब अपने अपने कमरों में चले गए। मैं और मोना तो कमरे में जाते ही कमरा अंदर से बन्द कर लेते और फिर नंगे होकर लेट जाते रजाई में।
 
 
 
 
बीच मे सिर्फ एक दीवार होने के कारण हमें एक दुसरे के कमरों की आवाजें साफ सुनाई देती थी। मैं और मोना तो चुदाई करते टाइम इस बात का ख्याल रखते और हम बिल्कुल भी आवाज नहीं करते थे। जब कभी मोना को मुझे कसकर चोदना होता तो मैं मोना को कमरे से बाहर ले जाता और फिर उसकी कसकर चुदाई करता। इतनी सर्दी होने के बावजूद भी मैं और मोना एक दम नंगे कमरे से बाहर चले जाते थे। तब हम बहुत गर्म होते थे और हमें सर्दी बिल्कुल भी नहीं लगती थी।
 
 
 
फिर एक बार मोना मेरे ऊपर मेरा लंड अपनी चुत में लेकर बैठी थी। तभी हमें मम्मी की सिसकारियों की थोड़ी आवाजें आने लगी। ये सुनकर मैं और मोना एक दुसरे की तरफ देखकर मुस्कुराए। क्योंकि हमें पता चल गया था के मम्मी पापा चुदाई कर रहे है। फिर हम दोनों उठे और फिर किसी तरह जाकर दीवार में से एक ईंट निकाल ली। फिर हमने कमरे में देखा के मम्मी पापा एक दम नंगे थे और चुदाई कर रहे थे। मैं तो मम्मी को ही देखे जा रहा था। वो नंगी बहुत ही सेक्सी लग रही थी। उनकी चुदाई देखकर मैं और मोना गर्म हो गये तो फिर हम वहीं खड़े खड़े ही चुदाई करने लगे। मैंने पीछे से मोना की गाँड में लंड डाल दिया था।
 
 
 
 
फिर पापा झड़ गए तो पापा मम्मी पर से हट गए और मम्मी तब एक दम नंगी अपनी झांटो वाली चुत को सहलाने लगी। ये देखकर मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गया। फिर मम्मी खड़ी होकर कपड़े पहनने लगी। तो ये देखकर मुझसे रहा नहीं गया और फिर मैंने मोना के मुँह पर हाथ रखा और फिर उसकी गाँड की जबरदस्त चुदाई करने लगा। मोना भी समझ गई थी के मैं मम्मी को देखकर बहुत ज्यादा गर्म हो गया हूँ। फिर मैं झड़ गया तो फिर मैं और मोना आकर रजाई में लेट गए। उधर मम्मी प��पा भी सो गए थे। फिर मोना मेरा लंड सहलाने लगी और फिर मुझसे पूछने लगी के कैसी लगी तुम्हे मम्मी। फिर मैं हँसकर बोला के बहुत सेक्सी। फिर मोना ने पूछा के उनके बोबे, चुत और गाँड कैसे थे। मैं बोला के एकदम कयामत थे।
 
 
 
 
हमारे ऐसे बातें करने से मेरा लंड खड़ा हो गया। तब हमारे कमरे में मम्मी के कुछ सूट और उनकी ब्रा पैं���ी पड़ी थी। फिर मोना खड़ी हुई और उसने पहले मम्मी की एक ब्रा पहनी और फिर ऊपर से सूट पहन लिया नीचे कुछ नहीं पहना। फिर उसने मम्मी की एक पैंटी मेरी तरफ फेंकी। फिर उसे लेकर मैं देखने लगा और फिर सूंघने लगा। मोना के बोबे छोटे थे तो फिर उसने ब्रा में कुछ कपड़े ठूंस लिए जिससे उसके बोबे बड़े हो गए। फिर वो आकर लेट गई और फिर वो बोली के आजाओ चोद लो अपनी मम्मी को। फिर उसके ऐसा कहते ही मैं मोना के ऊपर चढ़ गया और फिर उसके बोबो के बीच मे सिर डाल दिया। मम्मी के सूट से मुझे मम्मी के बदन की खुशबू आ रही थी। फिर मैं मोना को मम्मी समझकर उसकी चुदाई करने लगा। साथ मे एक हाथ से मैं मम्मी की पैंटी सूंघ रहा था। मैं काफी गर्म हो चुका था तो फिर मैं जल्दी ही झड़ गया। पर मजा बहुत आया। इसके लिए मैंने मोना का बहुत बहुत धन्यवाद किया।
 
 
 
 
 
फिर मोना हँसकर बोली के मैं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हूँ। उस रात मोना वैसे ही मम्मी के कपड़ो में सोई और मैं उससे चिपक कर सोया। अगले दिन जब मैं उठा तो मेरा मम्मी को देखने का नजरिया ही बदल गया। फिर मोना ने मुझसे कहा के मम्मी को देखकर खूब मजे लो। मम्मी के सूट में से बोबे दिखते रहते थे और मम्मी की बड़ी गाँड भी छुपाए नहीं छुपती थी। जिन्हें देखकर मैं भी मजे लेने लगा। फिर मोना ने किसी तरह मुझे मम्मी की नंगी फ़ोटो मोबाइल से खींचकर ला दी। फिर वो फ़ोटो देखकर तो मैं दिन रात अपना लंड हिलाने लगा। मोना तो पहले से ही पापा से चुदवा चुकी थी। फिर वो मुझसे बोली के तुम भी शर्म मत करो और मम्मी का उद्घाटन कर दो। फिर मैं बोला के ऐसे एकदम से कुछ नहीं होगा टाइम लगेगा।
 
 
 
 
 
फिर मोना बोली के तुम कोशिश करते रहो। कभी तो बात बनेगी ही। फिर कुछ दिनों बाद मम्मी पापा की शादी की सालगिरह आने वाली थी। हम गांव में रहते थे तो गांव में कौन सालगिरह मनाता है। वैसे पापा मम्मी के बीच मे सब कुछ ठीक था लेकिन फिर भी उनके बीच कुछ कमी सी लगती थी। बस इसी बात का मैंने फायदा उठाया। मैं और मम्मी एक जैसा सोचते थे जिस कारण हममें काफी बातें कॉमन थी। मैंने भी घर का सब काम अच्छे से सम्भाल रखा था और मैं मम्मी की हर बात मानता था। अभी तक मुझे मम्मी अपना बेटा ही समझ रही थी। बस मुझे मम्मी की यही सोच किसी तरह बदलनी थी।
 
 
 
 
मम्मी की पसंद नापसंद मुझे सब कुछ पता था। फिर मोना ने भी मुझे कई बातें बताई। फिर मोना ने और मैंने मिलकर एक प्लान बनाया। जो कि आपको आगे पता चल जाएगा।
 
 
 
फिर मम्मी की सालगिरह वाले दिन मैं मम्मी को किसी बहाने से शहर ले आया। हम बस में ही गए थे। फिर बस से उतरकर हम मार्केट की तरफ जाने लगे। फिर रास्ते मे मम्मी को एक कोने में ले गया और फिर उनसे कहने लगा के आज ��ुम्हारी शादी की सालगिरह है। पापा ने तो कभी सालगिरह ढंग से नहीं मनाई लेकिन आज मैं और आप दोनों मिलकर सालगिरह मनाएंगे। मैं पापा की जगह तुम्हे खूब शॉपिंग करवाऊंगा। मम्मी को शॉपिंग करना काफी पसंद था। फिर ये सुनकर मम्मी काफी खुश हुई। फिर मैंने मम्मी से कहा के आज मैं पापा की सब कमी दूर कर दूंगा। तुम मना मत करना। फिर मैं मम्मी के गले लग गया और फिर मम्मी की गाल पर एक किस भी कर दिया। फिर मैंने अपनी गाल मम्मी के सामने की तो फिर मम्मी ने भी मुझे किस कर दिया। फिर मम्मी बोली के तेरे पापा से मुझे शिकायते थी पर मैंने कभी इसका जिक्र किसी के सामने कभी नहीं किया। पर आज मैं काफी खुश हूं कि भगवान ने मुझे तुम जैसा बेटा दिया। फिर ये सुनकर हम फिर से एक दुसरे के गले लगे।
 
 
 
 
फिर मैंने भी मौके पर चौका मारते हुए मम्मी से कहा के मैं तुम्हे नाम से बुला सकता हूँ क्या सिर्फ आज आज के लिए। फिर मम्मी हंसकर बोली के ठीक है। फिर मैंने मम्मी से कहा के तो चले सुमन डार्लिंग और फिर मैंने मम्मी की कमर में हाथ डाल दिया। फिर मेरे मुँह से ये सुनकर मम्मी हँसने लगी। फिर मैंने मम्मी का हाथ पकड़ा और फिर हम मार्केट में जाने लगे। फिर मैं पहले मम्मी को लेकर एक कपड़े की दुकान में गया। फिर वहां हम मम्मी के लिए सूट देखने लगे। मुझे और मम्मी को कई सूट पसंद आये। फिर मम्मी मुझसे पूछने लगी के कौनसा सूट लूँ तो फिर मैंने एक सूट पसंद किया और फिर मम्मी ने वो ही सूट ले लिया। वो सूट पिंक कलर का था और सिलाई के बाद मम्मी पर काफी अच्छा लगने वाला था। फिर मेरे कहने पर मम्मी ने दो सूट और ले लिए। फिर उस दुकान से निकलकर हम मार्केट में घूमने लगे। फिर हम एक ज्वैलर की दुकान में गये। फिर उस दुकान से मैंने मम्मी के लिए एक नोज रिंग ली। वो ली तो मैंने मम्मी की चुत के लिए थी और तब मम्मी ने उसे अपनी नाक में पहन ली। फिर मैंने मम्मी के लिए गले मे पहनने के लिए एक चैन ली। जिस पर सोने का पानी चढ़ा हुआ था।
 
 
 
 
फिर मम्मी वो चैन गले मे पहनकर खुद को वहाँ लगे शीशे में देखने लगी। मैं तब मम्मी के साथ ही बैठा था। फिर मैं मम्मी से बोला के तुम बहुत अच्छी लग रही हो। फिर मैं और मम्मी एक दुसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे। फिर हम उस दुकान से निकलकर एक दूसरी दुकान में चले गए। वहां लेडीज का लगभग सारा ही सामान था। फिर वहां से मैंने मम्मी के लिए दो लेटेस्ट डिज़ाइन के मंगलसूत्र लिए। फिर मम्मी जब वो मंगलसूत्र पहनने लगी तो फिर मैंने मम्मी के हाथ से मंगलसूत्र लेकर मम्मी के गले मे बांधने दिया। फिर मम्मी ने वहां से चूड़ियां वगैरह भी ली। वहाँ ब्रा पैंटी वगैरह भी थे। फिर मम्मी ने मेकअप वगैरह का सामान लिया और फिर कहने लगी के चलो चलते है। फिर मैंने मम्मी से कहा के और कुछ लेना है तो ले लो। फिर मम्मी ने कहा के सब ले लिया और क्या लेना है। फिर मैं मम्मी से बोला के देख लो और कुछ लेना हो तो। फिर हम दोनों दुकान में इधर उधर नजर दौड़ाने लगे। वहाँ सामने ही शोकेस में एक ब्रा पैंटी का सेट रखा हुआ था। फिर मेरी नजर तो जाकर उस पर रुक जाती।
 
 
 
 
 
फिर पहले तो मम्मी मुझसे पूछती रही के क्या लेना क्या लेना है और फिर जब उन्होंने मुझे शो केस में रखी उस ब्रा पैंटी को घूरते हुए देखा तो वो सब समझ गई। फिर वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी और बोली के वो मेरे पा�� है। फिर मैं बोला के तो क्या हुआ एक और ले लो। ये सुनकर मम्मी थोड़ी शर्म से लाल हो गई। तब हम थोड़ा उस दुकान से बाहर आ चुके थे। फिर मम्मी मुझसे बोली के जा तू ही ला दे। फिर मैं जाने लगा लेकिन तभी मुझे याद आया के साइज तो पूछा ही नहीं। फिर मैं मम्मी से पूछने ही वाला था के मम्मी हंसने लगी। मम्मी को भी पता चल गया था के मैं क्या पूछने वाला हूँ। फिर मैं थोड़ा शर्माने लगा और मम्मी से पूछा के किस साइज के लाने है। फिर मैं मम्मी के बोबो की तरफ देखने लगा। फिर मम्मी ने कहा 38 की ब्रा और 40 कि पैंटी ले आना। मम्मी मुझे देखकर लगातार मुस्कुरा रही थी।
 
 
 
फिर मैं दुकान के अंदर गया और मम्मी ने बताया उस साइज की अलग अलग डिज़ाइन की कई ब्रा पैंटी ली। फिर मैं ब्रा पैंटी लेकर दुकान से बाहर आया तो फिर मम्मी ने एक थैला खोलकर मेरे आगे कर दिया और फिर मैंने वो सब ब्रा पैंटी उसमें डाल दी। फिर मम्मी उन्हें थैले के अंदर ही हाथ मे लेकर देखने लगी। फिर मैंने सोचा के मैं मम्मी से क्यों शर्मा रहा हूँ। मैं ही शरमाउंगा तो फिर बात कैसे बनेगी। फिर हम आगे बढ़े। फिर एक दुकान के आगे एक लड़के का पुतला पेंट शर्ट पहनकर खड़ा था। फिर मम्मी बोली के तू भी अपने लिए कुछ ले ले। फिर मैंने कहा के मैं फिर कभी ले लूँगा। फिर वहीं एक लड़की का पुतला था जिसने एक शार्ट जीन और टॉप पहन रखा था। फिर मैंने उस पुतले की तरफ इशारा करते हुए मम्मी से कहा के तुम्हारे लिए ऐसे कपड़े ले लूँ। फिर उस पुतले की तरफ देखकर बोली के ना ना बिल्कुल नहीं। फिर हम दोनों हंसने लगे।
 
 
 
 
तब दोपहर हो चुकी थी और हमे भूख भी लग चुकी थी। फिर मैं मम्मी को लेकर एक रेस्टोरेंट में गया। फिर वहाँ मैंने मम्मी का फेवरिट खाना मंगवाया। फिर मैं अपने हाथों से मम्मी को खाना खिलाने लगा तो फिर मम्मी भी मुझे अपने हाथों से खिलाने लगी। तब मैंने मम्मी के हाथ मे अपना हाथ डाल रखा था। फिर खाना खत्म करके मम्मी ने थोड़ा पीछे की तरफ होकर डकार ली और बोली के आज तो मजा आ गया। फिर मैंने तभी मम्मी की कमर में हाथ डालकर मम्मी से पूछा के और क्या खाओगी। फिर मम्मी बोली के और कुछ नहीं खाना।
 
 
 
 
फिर हम उस होटल से निकलकर बाजार में घूमने लगे। फिर मैं मम्मी को एक पार्क में लेकर गया। वहां काफ़ी झूले थे। फिर मैं और मम्मी कई झूलों ओर झूले। फिर मम्मी बोली के उन्हें काफ़ी मजा आया। फिर हम एक जूतों की दुकान पर गए वहाँ मेरे कहने पर मम्मी ने हाई हील के सैंडल लिए। फिर वहीं पास ही में एक दुकान थी जिसमे की नाइटी वगैरह मिल रही थी। फिर मैंने सोचा के मम्मी सारा दिन घर पर ही रहती है तो उनके लिए नाइटी ले लेता हूँ। ताकि उसमें वो आराम से रह सके। फिर मैं मम्मी को लेकर उस दुकान में चला गया। उस दुकान में काफी सारी सेक्सी नाइटी भी थी। फिर उन्हें देखकर मम्मी सोचने लगी के पता नहीं अब मैं उन्हें क्या दिलवाऊंगा। फिर मैंने उनसे एक लांग नाइटी दिखाने के लिये कहा। फिर वो दिखाने लगे। उनमे से कुछ नाइटी सीधे ही पहनने वाली थी और कुछ आगे से खुलने वाली थी। फिर मैंने मम्मी के लिए सब टाइप की नाइटी ले ली।
 
 
 
 
कुछ नाइटी शॉर्ट थी जो कि घुटनो से ऊपर तक ही आती थी। फिर मैंने मम्मी से पूछा के ये नाइटी ल��गी क्या रात में पहनने के लिए। फिर मम्मी कुछ नहीं बोल पाई और बस मुझे ही देखती रही। फिर मैंने मम्मी के लिए एक वैसी नाइटी ले ली। फिर हम उस दुकान से बाहर निकले तो मम्मी थोड़ी चुप चाप सी थी। फिर मैं को लेकर हमारे उस शहर वाले घर मे जाने लगा। मैंने यही प्लान बनाया था के मम्मी को पहले शॉपिंग करवाऊंगा और फिर उन्हें लेकर वहां चला जाऊंगा। इस कारण मैंने पहले से ही शहर वाले घर मे से वो सब सामान छिपा दिया जो कि मम्मी को नहीं देखना चाहिए था। हम घर मे जा ही रहे थे के तभी  मौसम खराब हो गया और बारिश आने लगी।
 
 
 
 
 
फिर हम जैसे तैसे घर पहुंचे। फिर घर पहुंचते ही मैंने मम्मी से रात यही रुकने के लिए कहा तो फिर मम्मी ने कहा के जैसा तुम्हे ठीक लगे। फिर मैंने मम्मी के फोन पर फोन कर दिया जो कि मोना के पास था और उसे कहा के हम कल घर आएंगे। अब हमें घर नहीं जाना था तो फिर मम्मी ने चाय बनाई और फिर साथ बैठकर हम चाय पीने लगे। मम्मी आज काफी खुश थी। मैंने आज मम्मी को दस हजार की शॉपिंग करवाई थी। फिर मैं मम्मी का हाथ पकड़कर मम्मी को पूरा घर दिखाने लगा। अब मैं मम्मी से ऐसे व्यवहार करने लगा जैसे मम्मी मेरी बीवी हो। मैं कभी मम्मी की कमर में हाथ डाल देता तो कभी मम्मी के कंधे ओर हाथ रखकर मम्मी को खुद से चिपका लेता। अब मम्मी भी कोई बच्ची नहीं थी। उन्हें भी आज इस बात का एहसास हो गया था के मैंने आज उन्हें अपनी बीवी समझकर ही सब शॉपिंग करवाई है।
 
 
 
 
फिर हम छत पर चले गए। तब बारिश बन्द हो गई थी और ठंडी ठंडी हवा चल रही थी। फिर मैंने मम्मी को पीछे से पकड़ लिया और उनके गले मे हाथ डालकर खड़ा हो गया। फिर हम कुछ देर ऐसे ही खड़े रहे और फिर मम्मी मेरी तरफ मुड़ी और मेरे सीने से लग गई। तब मैंने मम्मी की आंखों में देखा तो मुझे उनकी आंखों में प्यार साफ दिख रहा था। फिर हम वहीं बैठकर बातें करने लगें। फिर मैंने मम्मी से पूछा के तुम्हें और कुछ भी लेना था क्या। फिर मम्मी हँसकर बोली के नहीं तुमने आज मुझे काफ़ी कुछ दिला दिया। आज मुझे विस्वास हो गया है के तू अब सब कुछ सम्भाल लेगा। फिर मम्मी मुझसे बोली के तेरी शादी करवा दूँ। फिर मैं बोला के नहीं मैं अभी शादी नहीं करूंगा। पहले हम मोना की शादी करेंगे। फिर मैं मेरी शादी के बारे में सोचूंगा। मेरी ये बात सुनकर मम्मी इम्प्रेस हुई और फिर मुझसे कहा के हां तुमने सही कहा।
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indiandesistory · 2 years ago
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मेरी सारी सहेलियों के बॉयफ्रेंड थे, पर मैंने किसी को अपने नज़दीक नहीं आने दिया, जिसका अंजाम मैं भुगत रही थी।मैं स्कूल की बस से जाती जाती थी। कई बार स्कूल की छुट्टी देर से होती थी और मेरी स्कूल बस मिस हो जाती थी और मुझे लोकल बस से घर आना पड़ता था। वो बस खचाखच भरी होती थी और उसमें मेरे भाई के कॉलेज के भी लड़के होते थे। मेरा भाई भी कई बार उसी बस में होता था।
उस बस में कई बार भीड़ का फायदा उठा कर लड़के मेरी चूची दबा देते थे और मेरी स्कर्ट के ऊपर से मेरे चूतड़ सहला देते थे इससे मुझे बहुत मजा आता था, मैं इसका ज़रा भी विरोध नहीं करती थी बल्कि मैं जानबूझ कर कॉलेज के लड़कों के बीच में खड़ी.....
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theblackwavescall · 2 years ago
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यादों का ये बोझ कैसा है 
जिसके तले न वक्त निकलता है
जिसके बिना ज़िन्दगी में न रास है
बस खुशियों के साथ एक छोटा सा घाव है
एक दुःख ह आघात दिल पे
की ये वक्त भी बीत गया 
हाँ बस कुछ बातें याद रह गयी है
श्याम को रेत में लिप्त हातों  का 
पानी के मटके  के और  दौड़ना
नीली श्याही का खली पन्नो पे
क्लास के वक्त चित्र बनाना
और हमारा घर आते वक्त
बिना कारण हसना 
रस्ते के मौसम का बिगड़ना
और बारिश में स्कूल बस की और दौड़ना
अब तो बस खली वादों की बातें है
और मुनाफे का सौदा
शायद उस दौर ने यादों में ही 
एक घर बनके दुनिया को छोड़ दिया
अब हर दोस्त अलग शहर में है
और हमारा देश खंडर बन चूका है
बस यादों का भोज कुछ ऐसा है
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ruchimathur · 2 years ago
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Website : https://divinebite.co.in/
Website : https://divinebite.co.in/ MERI KAHANI, MERI ZUBANI : EP 1 मेरा जन्म इलाहबाद में हुआ । मेरे पिताजी नैनी T.S.L में कार्य करते थे ।  नैनी Glass Factory में मेरे बाबा स्वर्गीय श्री कृष्ण बिहारी माथुर काम करते थे । वहीं पर स्टाफ़ क्वॉर्टर में हमारा घर था, वहाँ एक  एक बगिया  हुआ करती  थी बड़ी धुंधली यादे हैं वहाँ के आम के बाग की । ज़मीन तक लटकते हुए आम ऐसे की लेट कर मुँह में आ जाएँ । मेरी उम्र शायद २.५ या ३ साल की रही होगी, सबसे पहली यादें हैं यह मेरी पेड़ में लगे हुई आम की । बाबा जी मुझे cycle पर बैठा कर स्कूल ले जाते थे इस वक़्त एक ही convent school था नैनि में Bethany convent school. सुबह सुबह रोज़ वहाँ के church में जाना और Father Francis की मज़ेदार बातें  सुन ना हमारा रोज़ का नियम था ।
समय बीतता गया कुछ सालों में नैनी के गुरु नानक नगर कॉलोनी में हमारा अपना घर बन गया । एक छोटी सी बगिया भी लगाई गई…और बहुत सारे फलों के पेड़ भी लगाए गए … मुझे याद नही सेब के अलावा हमने कभी कोई फल ख़रीद कर खाया हो ।
मेरी माँ बहुत ही स्वादिष्ट खाना बनातीं हैं । मेंने हमेशा उन्हें हम लोगों के लिए तरह तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाते देखा । मेरे पापा ख़ानदान में सबसे बड़े थे तो रिश्तेदारों का आना जाना हमेशा से बहुत अधिक था । माँ के हाथ के बने अचार विशेष रूप से सभी को बहुत पसंद आते थे । खाते तो ��े ही बांध कर भी ले जाते थे । धीरे धीरे उन्ही के हाथों का स्वाद मेरे बनाए खाने में भी आने लगा । घर के कामों में मदद करने  के साथ साथ अनाज, मसालों को सहेजना, अचार बनाना कब सीख लिया पता ही नही चला … पता नहीं माँ के हाथों में क्या जादू था कि कुछ भी दे दो स्वाद  hiबने गा ।
गर्मी की छुट्टियों में नानी जी  के घर जाते तो सभी मामा मौसी के बच्चे होते थे और हम सब भाई बहनों  का प्रिय नाश्ता आम का अचार और पराठा था । दुपहर में जब मेरी नानी सो जाती तब बरनी में से चुरा कर आम की फाँक खाने में जो स्वाद आता था आहाऽऽऽ !!! जैसे सब कुछ मिल गया हो । आज कल के पिज़्ज़ा बर्गर में भी वह स्वाद कहाँ…
अब  तो वो खेल मस्ती और ननिहाल का आँगन, आँगन  में ढेर सारी गौरयों का स्थायी घर , रोज़ उनका चहकना बस यादों में ही रह गया है ।
हाँ ! साथ बचा है तो उन हाथों का स्वाद जो कब धीरे से सरक के मेरे प��स आ गया पता ही नही चला । सच है खाना बनाना सीखना कोई  kuch दिन ka crash course  नहीं। खाना बनाना आपसे बहुत सारा dedication माँगता है । अपनों के लिए प्यार और समर्पण का भाव माँगता है । किसी recipe से नही बनता । प्यार से फिर भी बन जाए । आज के लिए बस इतना ही । शेष फिर । To read more such stories visit : https://divinebite.co.in/
Ruchi Mathur  Founder: Divine Bite pickles and food Website : https://divinebite.co.in/ #organic#freefrompreservatives#food#pickle#mangopickle#mustardoil
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ainnewsone · 4 days ago
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"अरविंद केजरीवाल की अपील: 'बीजेपी समर्थक भी आप को वोट दें, नहीं तो रुकेगी कल्याणकारी योजनाएँ'"?
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AIN NEWS 1: दिल्ली में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के समर्थकों से AAP को वोट देने की अपील की है। उनका कहना है कि यदि बीजेपी सत्ता में आती है, तो दिल्ली में चल रही मुफ्त सुविधाएँ और कल्याणकारी योजनाएँ बंद हो सकती हैं, जिससे जनता को हर साल लगभग 25,000 रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। बीजेपी समर्थकों से मुलाकात और अपील अरविंद केजरीवाल ने एक घटना साझा करते हुए बताया कि हाल ही में उनकी मुलाकात एक कट्टर बीजेपी समर्थक से हुई। उस व्यक्ति ने उनसे पूछा, "अरविंद जी, अगर आप हार गए तो क्या होगा?" इस पर केजरीवाल ने जवाब दिया, "आपका क्या होगा?" जब उन्होंने उस व्यक्ति से पूछा कि उसके बच्चे कहाँ पढ़ते हैं, तो उसने बताया कि वे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं क्योंकि वहाँ की शिक्षा बेहतर हो गई है और शिक्षक अच्छे हैं। कल्याणकारी योजनाएँ और उनका प्रभाव केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जनता को मुफ्त बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवाएँ, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा और बेहतरीन सरकारी स्कूल जैसी सुविधाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी सत्ता में आती है, तो ये सभी योजनाएँ बंद हो जाएँगी, जिससे हर परिवार पर सालाना 25,000 रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा, "मैंने उस व्यक्ति से पूछा कि क्या किसी भी बीजेपी शासित राज्य में दिल्ली से बेहतर सरकारी स्कूल हैं? उसने कहा – नहीं। तब मैंने उससे कहा कि अगर मैं हार जाता हूँ, तो तुम्हारी ये सभी सुविधाएँ बंद हो जाएँगी। क्या तुम इतना खर्चा उठा सकते हो?" भाजपा सरकार के आने पर योजनाएँ बंद होने का दावा केजरीवाल ने साफ शब्दों में कहा कि बीजेपी की सरकार बनते ही ये सभी योजनाएँ समाप्त हो सकती हैं। उन्होंने बीजेपी समर्थकों से आग्रह किया कि वे राजनीति से हटकर अपने परिवार के भविष्य के बारे में सोचें। "मैं सभी बीजेपी समर्थकों से अपील करता हूँ – यदि बीजेपी सत्ता में आई, तो आपकी मुफ्त बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाएँ बंद हो सकती हैं। क्या आपके पास 25,000 रुपये अतिरिक्त देने के लिए हैं? अगर नहीं, तो कृपया AAP को वोट दें। यह आपकी मर्जी है कि आप बीजेपी में रहें या नहीं, लेकिन इस चुनाव में अपने परिवार के भले के लिए आप को वोट करें," केजरीवाल ने कहा। बीजेपी का पलटवार AAP की इन दलीलों पर बीजेपी नेताओं ने पलटवार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई शीर्ष बीजेपी नेताओं ने इन दावों को खारिज किया है। उनका कहना है कि यदि बीजेपी सत्ता में आती है तो भी जनता को मिलने वाली सभी सुविधाएँ जारी रहेंगी। दिल्ली चुनाव का शेड्यूल दिल्ली विधानसभा की कुल 70 सीटों के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती 8 फरवरी को की जाएगी। चुनाव में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। https://www.youtube.com/live/c-kLvMaeQHg?si=BeM2pKATaaAzipCj Arvind Kejriwal, the Aam Aadmi Party (AAP) leader and former Delhi Chief Minister, has urged BJP supporters to vote for AAP in the upcoming Delhi elections 2025. He warned that if BJP wins, key welfare schemes like free electricity, water, healthcare, and education could be discontinued, adding an extra ₹25,000 financial burden on Delhi residents. Kejriwal emphasized that Delhi’s government schools are better than those in any BJP-ruled state, urging voters to think beyond politics and consider their families' future before voting. The Delhi Assembly Elections 2025 are set for February 5, with counting on February 8.   Read the full article
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zamania-news · 6 days ago
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गाजीपुर में तेज रफ्तार अर्टिगा ने स्कूल बस को मारी टक्कर, बड़ा हादसा टला
नंदगंज। थाना क्षेत्र में रेवसा गांव के पास वाराणसी-गोरखपुर फोर लेन हाईवे पर आज सुबह 7:30 बजे एक तेज रफ्तार अर्टिगा कार ने आगे खड़ी स्कूल बस में टक्कर मार दी। यह हादसा घने कोहरे के कारण हुआ, हालांकि किसी की जान नहीं गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अर्टिगा कार में सवार लोग प्रयागराज कुंभ में मौनी अमावस्या का स्नान कर पटना की ओर लौट रहे थे। सुबह के समय हाईवे पर कोहरा बहुत घना था, जिससे खड़ी हुई स्कूल…
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airnews-arngbad · 15 days ago
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date – 22 January 2025
Time 7.10 AM to 7.20 AM
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक २२ जानेवारी २०२५ सकाळी ७.१० मि.
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महाराष्ट्रात गुंतवणुकीसाठी दावोसमध्ये सहा लाख २५ हजार कोटी रुपयांहून अधिकचे सामंजस्य करार
छत्रपती संभाजीनगरमध्ये तीन कंपन्यांचा पुढाकार, सुमारे १५ हजार कोटी रुपयांची गुंतवणूक
छत्तीसगड आणि ओडिशा सीमेवर सुरक्षा दलांच्या कारवाईत १४ नक्षलवादी ठार
आणि
१९ वर्षांखालील टी-२० क्रिकेट विश्वचषक स्पर्धेत भारतीय महिला संघाचा मलेशियावर अवघ्या १७ चेंडूत विजय
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स्वित्झर्लंडमधल्या दावोस इथं सुरू असलेल्या जागतिक गुंतवणूक परिषदेत महाराष्ट्रातर्फे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी आतापर्यंत सहा लाख २५ हजार ४५७ कोटी रुपयांच्या ३१ सामंजस्य करारांवर स्वाक्षऱ्या केल्या आहेत. यामध्ये जेएसडब्ल्यू समूहासोबत झालेल्या तीन लाख कोटी रुपयांच्या सामंजस्य करारानुसार, गडचिरोलीत २५ मिलियन टन क्षमतेचा अत्याधुनिक पर्यावरणस्नेही पोलाद प्रकल्प उभारला जाईल. कल्याणी उद्योगसमुहासोबत संरक्षण, पोलाद आणि इलेक्ट्रॉनिक वाहन क्षेत्रात, रिलायन्स इन्फ्रास्ट्रक्चरसोबत संरक्षण क्षेत्रात, तर विराज प्रोफाइल्स प्रायव्हेट लिमिटेड या कंपनीसोबत पोलाद आणि धातू क्षेत्रात सामंजस्य करार झाले. छत्रपती संभाजीनगर इथं एबी इनबेव, अवनी पॉवर बॅटरीज आणि जेन्सोल यांची सुमारे १५ हजार कोटी रुपयांची गुंतवणूक होणार आहे....
‘‘छत्रपती संभाजीनगरमध्ये ग्रीन मोबिलिटी, विद्युत बस, ट्रक आणि परवडण्याजोग्या इलेक्ट्रिक गाड्यांचं उत्पादन कंपनी करणार आहे. याअंतर्गत विविध क्षेत्रांमध्ये रोजगार निर्माण होतील. तसंच एबी इनबेव्ह या जगातल्या सर्वात मोठ्या ब्रुअरीसोबतही महाराष्ट्र सरकारने छत्रपती संभाजीनगरमध्ये २५० कोटी रुपयांच्या गुंतवणुकीसाठीचा सामंजस्य करार केला.’’
या सर्वच करारांच्या माध्यमातून राज्यभरात ९२ हजारांहून अधिक रोजगार निर्मिती होणार असल्याचं, याबाबतच्या वृत्तात म्हटलं आहे. दरम्यान, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उद्योगमंत्री उदय सामंत यांनी काल जागतिक आर्थिक मंचच्या कार्यक्रमांअंतर्गत विविध कंपन्यांच्या पदाधिकाऱ्यांचीही भेट घेऊन महाराष्ट्रात गुंतवणूक करण्यासंदर्भात चर्चा केली.
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जागतिक स्तरावर भारतानं एक शक्तिशाली राष्ट्र म्हणून ओळख प्राप्त केली आहे, राज्यघटनेने भक्कम आधारशिला प्राप्त करून दिल्यानेच हे शक्य झालं असल्याचं, विधान परिषदेचे सभापती प्राध्यापक राम शिंदे यांनी म्हटलं आहे. पाटणा इथं ८५ व्या अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी परिषदेत ते काल बोलत होते. लोकशाहीत स्वातंत्र्य, समता आणि बंधुता या तीन मूल्यांना अत्यंत महत्त्व आहे, सर्वांनी या मूल्यांप्रती कटिबद्ध राहण्याचं आवाहन शिंदे यांनी केलं.
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येत्या २६ जानेवारीला प्रजासत्ताक दिनानिमित्त नवी दिल्लीत कर्तव्य पथावर होणाऱ्या शानदार संचलनात भारताचं सांस्कृतिक वैभव आणि भारतीय सैन्य दलाच्या कौशल्याचं दर्शन घडणार आहे. संरक्षण संशोधन आणि विकास संस्था-डीआरडीओने विकसित केलेलं 'प्रलय' हे क्षेपणास्त्र प्रथमच कर्तव्यपथावर प्रदर्शित होणार असल्याचं, याबाबतच्या वृत्तात म्हटलं आहे. भारतीय राज्यघटनेला ७५ वर्ष पूर्ण झाल्याच्या निमित्ताने विशेष दोन चित्ररथही संचलनात सहभागी होणार आहेत. इंडोनेशियाचे राष्ट्रपती प्रबोवो सुब्रियांतो हे या संचलनाच्या कार्यक्रमाला प्रमुख पाहुणे म्हणून उपस्थित राहणार आहेत. यावर्षीच्या संचलनात इंडोनेशियाच्या १६० सैनिकांची एक तुकडी आणि १९० जणांचं लष्करी बॅंड पथक सहभागी होणार आहे.
दरम्यान, नवी दिल्लीत प्रजासत्ताक दिन सोहळ्यात आयोजित राष्ट्रीय शालेय बँड स्पर्धेत महाराष्ट्रातल्या दोन शाळांची महाअंतिम फेरीसाठी निवड झाली आहे. यामध्ये इस्लामपूरच्या राजारामबापू पाटील मिलिटरी स्कूल आणि स्पोर्ट्स अकॅडमी, तसंच नाशिकच्या भोसला मिलिटरी गर्ल्स स्कूलच्या पथकांचा समावेश आहे. ही महाअंतिम फेरी परवा २४ आणि २५ जानेवारी रोजी होणार आहे.
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तेलंगणा उच्च न्यायालयाचे मुख्य न्यायमूर्ती आलोक आराधे यांनी काल मुंबई उच्च न्यायालयाच्या मुख्य न्यायमूर्ती पदाची शपथ घेतली. काल सायंकाळी मुंबईत झालेल्या एका छोटेखानी समारंभात राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन यांनी न्यायमूर्ती आराधे यांना पदाची शपथ दिली.
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येत्या २५ जानेवारीला राष्ट्रीय मतदार दिनी काँग्रेस पक्षानं राज्यव्यापी आंदोलनाचा इशारा दिला आहे. राज्यात ५० लाख मतं कशी वाढली याची माहिती निवडणूक आयोग देत नाही, म्हणून आम्ही आंदोलन करणार असल्याचं, कॉंग्रेसचे प्रदेशाध्यक्ष नाना पाटोले यांनी सांगितलं. ते काल मुंबईत पत्रकार परिषदेत बोलत होते. राज्याच्या प्रत्येक जिल्ह्यात, तालुक्यात आंदोलन करून, जिल्हाधिकारी, तहसीलदार यांना निवेदन देणार असल्याची माहिती पटोले यांनी दिली.
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छत्तीसगढ आणि ओडिशाच्या सीमेवर सोमवारी रात्री झालेल्या संयुक्त अभियानात १४ नक्षलवादी मारले गेले. कुल्हाडीघाट आरक्षित वन क्षेत्रात मोठ्या संख्येनं नक्षलवादी असल्याची माहिती मिळाल्यानंतर छत्तीसगढ आणि ओडिशा पोलिस तसंच केंद्रीय राखीव पोलिस दलाच्या जवानांनी संयुक्तपणे हे अभियान राबवलं. मृतांमध्ये नक्षलवाद्यांच्या केंद्रीय समितीचा सदस्य जयराम उर्फ चलपती याचाही समावेश आहे. त्याच्यावर एक कोटी रुपयांचं बक्षीस होतं.
दरम्यान, या कारवाईमुळे नक्षलमुक्त भारत निर्माण करण्याच्या दिशेनं सुरक्षा दलांना मोठं यश मिळालं असल्याचं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा यांनी म्हटलं आहे. सामाजिक माध्यमावरच्या संदेशात शाह यांनी, नक्षलवादावर हा मोठा प्रहार असल्याचं नमूद केलं.
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१९ वर्षांखालील टी-२० क्रिकेट विश्वचषक स्पर्धेत भारतीय महिला संघाने अवघ्या १७ चेंडूत यजमान मलेशियाचा पराभव करून इतिहास घडवला. मलेशियात क्वालालांपूर इथं काल झालेल्या या सामन्यात भारतीय संघानं नाणेफेक जिंकून क्षेत्ररक्षणाचा निर्णय घेतला, भारतीय गोलंदाजांच्या भेदक माऱ्यासमोर मलेशियाचा संघ अवघ्या ३१ धावांत गारद झाला, भारताच्या वैष्णवी शर्मा हिने आपल्या पदार्पणाच्या सामन्यात पाच धावांत पाच बळी घेत, हॅटट्रिक नोंदवली. भारतीय संघानं सलामीवीर जी त्रिशाच्या १२ चेंडूत नाबाद २७ धावांच्या बळावर अवघी दोन षटकं आणि पाच चेंडूत बिनबाद ३२ धावा करत, विजय मिळवला. वैष्णवी शर्मा प्लेयर ऑफ द मॅच पुरस्काराची मानकरी ठरली. या स्पर्धेत भारताचा पुढचा सामना येत्या गुरुवारी श्रीलंकेसोबत होणार आहे.
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लातूर जिल्ह्यात उदगीर इथं आश्रम शाळांमधल्या विद्यार्थ्यांच्या दोन दिवसीय विभागीय क्रीडा स्पर्धेला काल प्रादेशिक उपसंचालक दिलीपकुमार राठोड यांच्या प्रमुख उपस्थितीत प्रारंभ झाला. लातूर, धाराशिव, नांदेड आणि हिंगोली जिल्ह्यातल्या आश्रमशाळेतले विद्यार्थी या स्पर्धेत सहभागी झाले आहेत.
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दुचाकीस्वार आणि त्याच्या मागे बसणारा सहप्रवासी, या दोघांच्या सुरक्षेसाठी हेल्मेट वापरणं आवश्यक आहे. नागपूरच्या राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विद्यापीठातले भौतिक शास्त्राचे प्राध्यापक डॉ. संजय ढोबळे आणि त्यांची विद्यार्थिनी आदिती देशमुख यांनी दुचाकीस्वारांसाठी फोल्डिंग हेल्मेट विकसित केलं आहे. या अनोख्या संशोधनाचा संक्षिप्त वेध घेणारा हा वृत्तांत..
‘‘वाहन चालवून झाल्यावर हेल्मेट ठेवायचं कुठे, हा दुचाकी चालकांसमोर मोठा प्रश्न असतो. मात्र येत्या काही दिवसांत हे हेल्मेट दुचाकीच्या डिक्कीमध्ये फोल्ड करून ठेवता येणार आहे. नागपूरचे डॉ. संजय ढोबळे आणि त्यांची विद्यार्थिनी आदिती देशमुख यांनी फोल्डिंग हेल्मेट तंत्रज्ञान विकसित केलं आहे. हे हेल्मेट तयार करताना, त्याची सर्व कार्यपद्धती आणि मजबुती नियमित हेल्मेटप्रमाणे राहील याची काळजी घेण्यात येत आहे. नवीन तंत्रज्ञानाच्या वापरातून तयार केलेल्या या फोल्डिंग हेल्मेट साठी डॉ. संजय ढोबळे आणि आदिती देशमुख या दोघांना आंतरराष्ट्रीय पेटंटही मिळालं आहे.’’
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ज्येष्ठ कीर्तनकार डॉक्टर किसन महाराज साखरे यांच्या पार्थिव देहावर काल आळंदी इथं अंत्यसंस्कार करण्यात आले. साखरे यांचं सोमवारी रात्री पुण्यात निधन झालं, ते ८९ वर्षांचे होते. राज्य सरकारनं २०१८ या वर्षीचा ज्ञानोबा तुकाराम पुरस्कार देऊन त्यांना सन्मानित केलं होतं. साखरे यांच्या निधनाबद्दल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी शोक व्यक्त केला आहे.
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छत्रपती संभाजीनगर इथले शिवसेना उद्धव बाळासाहेब ठाकरे गटाचे शहरप्रमुख विश्वनाथ स्वामी यांनी अनेक पदाधिकारी तसंच शिवसैनिकांसोबत काल भारतीय जनता पक्षात प्रवेश केला. भाजपचे प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुळे यांच्या उपस्थितीत मुंबईत पक्ष कार्यालयात हा प्रवेश सोहळा पार पडला. मागास बहुजन कल्याण मंत्री अतुल सावे यांच्यासह अनेक मान्यवर यावेळी उपस्थित होते.
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राज्यातल्या सहकारी तसंच खाजगी दूध प्रकल्पांना दूध पुरवठा करणाऱ्या शेतकऱ्यांना शासनाने प्रतिलिटर पाच रुपये अनुदान देण्याचं निश्चित केलं आहे. छत्रपती संभाजीनगर जिल्ह्यात आतापर्यंत १२ हजार १६७ दूध उत्पादकांच्या खात्यात १५ कोटी ८ लक्ष रुपये अनुदान जमा झालं आहे.
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राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रमांतर्गत १३ ते २७ जानेवारी या कालावधीत 'जंत निर्मुलन पंधरवडा' पाळला जात आहे. त्या अनुषंगाने सर्व पशुपालकांनी आपल्या गोवर्गीय आणि म्हैसवर्गीय पशूंना जवळच्या पशुवैद्यकीय दवाखान्यातून जंत निर्मुलन औषधी द्यावीत, असं आवाहन बीडच्या जिल्हा पशुसंवर्धन उपायुक्तांनी केलं आहे. आपल्या पशूंना लाळ-खुरकूत लसीकरण करून घेण्याचं आवाहन देखील त्यांनी केलं आहे.
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जालना इथं काल महानगरपालिका आणि राज्य प्रदुषण नियंत्रण मंडळाद्वारे काल प्लास्टिक विरोधी तपासणी करण्‍यात आली. यामध्‍ये सुमारे १० किलो प्लास्टिक जप्‍त करण्‍यात आलं. यापुढे प्‍लास्‍टीक आढळून आल्‍यास दंड आकारण्‍यात येईल अशी ताकीद देण्‍यात आली.
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नांदेडमध्ये काल पंडित दिनदयाळ उपाध्याय रोजगार मेळावा घेण्यात आला. या मेळाव्यात ५० उमेदवारांची ‍अंतिम निवड करण्यात आली.
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livetimesnewschannel · 15 days ago
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New Year: Full of Challenges, Less of Happiness
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Introduction
वर्ष 2025 शुरू हो चुका है. हर बार की तरह लोगों ने इस साल का स्वागत भी बड़ी खुशी और उत्साह के साथ किया. नए साल का पहला हफ्ता कैसे निकल गया पता ही नहीं चला. हालांकि, नया साल हर किसी के लिए खुशियां लेकर नहीं आया. इस साल के शुरूआत में कई ऐसी घ��नाएं घटीं हैं जिनका असर पूरी दुनिया पर देखने को मिल रहा है. वायरस से लेकर भूकंप तक दुनिया ने पहले ही हफ्ते इन चीजों का अनुभव कर लिया है. हालांकि, अभी तो साल की शुरुआत हुई है और पूरा साल अभी बाकी है. क्या साल भर देश दुनिया में लोगों को ऐसी ही घटनाओं का सामना करना पड़ेगा या 2025 कुछ शांति और सुकून भी लाएगा. इस सवाल का जवाब तो वक्त ही देगा. लेकिन साल 2025 में अब तक देश और दुनिया में कौन-कौन सी बड़ी घटनाएं हुईं हैं उन पर एक नजर डालते हैं.
Table Of Content
Generation Beta का शुरू हुआ दौर
Generation Beta युग के पहले बच्चे ने लिया जन्म
चुनौतियों का भी सामना करेंगे Generation Beta
शिक्षा तक ही नहीं सीमित होंगे Generation Beta
इसके पहले भी पीढ़ियों के हुए हैं नामकरण
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस
कहां से आया ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस?
देश में कितने केस हुए दर्ज?
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा
क्या थी पद छोड़ने की मुख्य वजह?
जस्टिन ट्रूडो के कई मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
भारत के खिलाफ अगल रुख में थे जस्टिन ट्रूडो
एशिया के कई हिस्सों में आया भूकंप
बिहार और लखनऊ में भी भूकंप के जोरदार झटके
कहां- कहां आया भूकंप?
विशेषज्ञों ने दी थी चेतावनी
तिब्बत में हुई 32 लोगों की मौत
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान
इस बार दिल्ली के दिल में हैं कितने वोटर्स?
क्या है दिल्ली में चुनाव कार्यक्रम?
Generation Beta का शुरू हुआ दौर
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नया साल अपने साथ नया युग भी लेकर आया है. साल 2025 के साथ ही Generation Beta का दौर शुरू हो गया है. मिलेनियल्स, जेन जी और जेन अल्फा के बाद अब Gen Beta का दौर शुरू हो गया है. जानकारी के लिए बता दें कि Gen Beta उन बच्चों को कहा जाएगा जिनका जन्म 1 जनवरी, 2025 से लेकर 31 दिसंबर, 2039 के बीच होगा. Gen Beta नाम को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं. लोगों का मानना है कि जिन बच्चों का जन्म 2025 से 2039 के बीच होगा वो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में माहिर होंगे, क्योंकि वे एआई के जमाने में पैदा हुए हैं.
Generation Beta युग के पहले बच्चे ने लिया जन्म
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1 जनवरी, 2025 को रात 12:03 बजे मिजोरम के आइजोल में Generation Beta युग के पहले बच्चे ने जन्म लिया. इस बेबी का नाम फ्रेंकी रखा गया है. बेबी फ्रेंकी न केवल 2025 में पैदा हुआ भारत का पहला बच्चा ही नहीं, बल्कि अपनी पीढ़ी का भी पहला बीटा शिशु है. उसके पिता का नाम जेड्डी रेमरुअत्संगा और मां का नाम रामजिरमावी है. पीढ़ियों में परिवर्तन करीब 20 साल में होता आया है, लेकिन इस बार महज 11 साल के अंतराल पर ही Generation Beta आ गया है.
चुनौतियों का भी सामना करेंगे Generation Beta
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साल 2025 में पैदा हुए बच्चे, उस युग में पैदा हुए जहां हर चीज बस एक क्लिक की दूरी पर है. उनके पास रोबोट, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और स्मार्टफोन समेत कई नई तकनीक होंगी. इस बीच उन्हें कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा. धरती के तापमान में बढ़ोतरी, शहरों की बिगड़ती हवा और जनसंख्या वृद्धि जैसी परेशानियों का सामना उन्हें करना पड़ेगा. इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए Generation Beta को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी.
शिक्षा तक ही नहीं सीमित होंगे Generation Beta
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Generation Beta न केवल तकनीक के जरिए अपनी पहचान बनाएंगे बल्कि वर्चुअल और मिक्स्ड रियलिटी के माध्यम से शिक्षा के प्रति भी गहरी रूचि रखेंगे. जहां शिक्षा सिर्फ स्कूल तक सीमित नहीं रहेगी. शिक्षा के अलावा उनकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी गहरी मौजूदगी रहेगी. डिजिटल जुड़ाव और वैश्विक संस्कृति के कारण Generation Beta ज्यादा ग्लोबल माइंडसेट विकसित करेंगे.
इसके पहले भी पीढ़ियों के हुए हैं नामकरण
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विज्ञानियों की मानें तो आमतौर पर एक पीढ़ी 15 से 20 साल की अवधि की होती है. पीढ़ी का नामकरण उस दौर की सांस्कृतिक, आर्थिक और तकनीकी घटनाओं के आधार पर किया जाता है. जैसे साल 1901 से लेकर 1924 के दौर में पैदा हुई पीढ़ी को ‘ग्रेटेस्ट जेनरेशन’ कहा गया था. इन लोगों ने महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपना जीवनयापन किया ��ा. साल 1925 से लेकर 1945 के दौर में पैदा हुए बच्चों को ‘साइलेंट जेनरेशन’ के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इस सालों में जन्में बच्चे महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध में पले-बढ़े हैं. साल 1946 से लेकर 1964 के बीच पैदा हुई पीढ़ी को ‘बेबी बूम’ कहा जाता है, क्योंकि इस पीढ़ी का जन्म द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ है. साल 1965-1979 के बीच पैदा हुए बच्चों को ‘जनरेशन एक्स’ के नाम से जाना जाता है, क्योंकि ये आर्खिक मंदी और सामाजिक परिवर्तनों के दौर में बढ़े हुए हैं. साल 1980 से लेकर 1994 तक की पीढ़ी को ‘मिलेनियल जनरेशन’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि इस दौर में जन्में बच्चे डिजिटल दौर और शिक्षा के प्रति समझ के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध हैं. साल 1995 से लेकर 2012 के दौर में जन्मे बच्चों को ‘जनरेशन Z’ के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इस दौर में इंटरनेट, सोशल मीडिया को साथ लेकर चलने का दौर है. साल 2013 से लेकर 2024 तक जन्में बच्चों को ‘जनरेशन अल्फा’ के नाम से जाना जाता है.
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ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस
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लोग कोविड-19 वायरस से उबर नहीं पा रहे थे कि इस बीच ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस ने अपनी मौजूदी दर्ज करा दी. देखते ही देखते यह वायरस कई देशों में फैलता जा रहा है. चीन से शुरू हुआ संक्रमण यूएस-मलेशिया के बाद अब भारत में भी पहुंच गया है. 6 दिसंबर को सबसे पहले कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का पहला मामला रिपोर्ट किया गया. वहीं, 24 घंटे के अंदर ही ये तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र में भी पहुंच गया. ये वायरस श्वसन तंत्र, खासकर फेफड़ों और श्वसन नलियों को प्रभावित करता है. इसके लक्षण सामान्य सर्दी और फ्लू जैसे होते हैं. यह वायरस उन व्यक्तियों के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है, जो पहले से सांस से संबंधित बीमारियों या एलर्जी से पीड़ित हैं.
कहां से आया ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस?
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स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस नया नहीं है. पहली बार इसकी पहचान साल 2001 में की गई थी. हालांकि, यह पहले से ही मनुष्यों के श्वसन तंत्र को प्रभावित कर रहा था. यह वायरस श्वसन प्रणाली में संक्रमण उत्पन्न करता है और आमतौर पर मौसमी रूप से फैलता है. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का स्रोत मुख्य रूप से अन्य संक्रमित व्यक्तियों से होता है, और यह हवा के माध्यम से या संक्रमित सतहों से संपर्क करने से फैल सकता है. यह वायरस पशुओं में भी पाया गया है, लेकिन मनुष्यों में इसका संक्रमण मुख्य रूप से मानव-से-मानव संपर्क के माध्यम से होता है.
देश में कितने केस हुए दर्ज?
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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गुजरात के हिम्मतनगर में 8 साल के बच्चे के इस संक्रमण से पॉजिटिव होने की खबर सामने आई. यहां बता दें कि देश में वायरस से जुड़े कुल 11 मामले निकल चुके हैं. वहीं, महाराष्ट्र में 3, गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, पश्चिम बंगाल और यूपी में एक-एक केस सामने आया हैं. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर राज्यों ने सतर्कता बढ़ा दी है. देश के अलग-अलग राज्यो में प्रशासन ने गाइडलाइन जारी की है. जहां एक तरफ पंजाब में बुजुर्गों और बच्चों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है तो वहीं, दूसरी तरफ गुजरात में अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं. हरियाणा में भी स्वास्थ्य विभाग ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस को लेकर अलर्ट पर है.
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा
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कनाडा के 23वें प्रधानमंत्री और एक दशक से ज्यादा समय तक लिबरल पार्टी के नेता रहे जस्टिन ट्रूडो 6 जनवरी, 2025 को पीएम पद से अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी है, जिससे उनका 9 साल का कार्यकाल समाप्त हो गया. इस्तीफे की घोषणा के दौरान उन्होंने खुद को एक फाइटर बताया. इस्तीफे की घोषणा करते हुए जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि मैं एक योद्धा हूं. मेरे शरीर के हर एक हिस्से ने हमेशा मुझे लड़ने के लिए कहा है. क्योंकि मैं कनाडाई लोगों की परवाह करता हूं, मैं इस देश की तहे दिल से परवाह करता हूं और मैं हमेशा कनाडाई लोगों के सर्वोत्तम हित में प्रेरित रहूंगा. लंबे समय से चल रहे विरोधाभास और उथल-पुथल की राजनीतिक परिस्थितियों के चलते जस्टिन ट्रूडो ने अपने इस्तीफे का एलान किया.
क्या थी पद छोड़ने की मुख्य वजह?
रिपोर्ट्स की मानें तो जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे की सबसे बड़ी वजह कनाडा ���ी राजनीति में उनकी स्थिति का कमजोर होना है. कई महीनों से पार्टी के अंदर जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा था. कई सांसद उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे. बता दें कि कनाडा में इस साल अक्टूबर में चुनाव होना है. इसके अलावा ऊंची कीमतों, ब्याज दरों और आवास की कमी से जनता की नाराजगी सामने आ रही है. हाल ही में कनाडा की राजनीति में हुए सर्वे में जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता में कमी और लिबरल पार्टी के प्रति मतदाताओं के बीच समर्थन में गिरावट बताई गई.
जस्टिन ट्रूडो के कई मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
दरअसल, प��छले साल दिसंबर में कनाडा की वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने नीतिगत टकराव के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जो ट्रूडो सरकार के लिए एक बड़ा झटका था. यहां बता दें कि वो जस्टिन ट्रूडो के अमेरिकी टैरिफ से निपटने के तरीके और उनकी आर्थिक रणनीति पर नाराज थीं. वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद से जस्टिन ट्रूडो पर पद छोड़ने का दबाव और ज्यादा बढ़ गया .
भारत के खिलाफ अगल रुख में थे जस्टिन ट्रूडो
साल 2021 में जस्टिन ट्रूडो की पार्टी ने जगमीत सिंह के नेतृत्व वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ गठबंधन किया था, जो खालिस्तान समर्थक रैलियों में भाषण और भारत विरोधी रुख के लिए जाने जाते रहे हैं. इसके बाद सितंबर 2023 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सार्वजनिक रूप से भारतीय अधिकारियों पर कनाडा में खालिस्तानी हरदीप निज्जर की मौत में शामिल होने का आरोप भी लगाया था, जिसके बाद भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. वहीं, अक्टूबर 2024 में कनाडा ने खालिस्तानियों पर हमलों के मामलों में कई भारतीय राजनयिकों की जांच की बात कही. उस दौरान भारत पर आरोप लगाया गया कि भारतीय राजनयिक और खुफिया अधिकारी विदेशों में खालिस्तानियों को मारने के लिए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ काम कर रहे हैं. कनाडा ने भारत के गृहमंत्री अमित शाह को भी लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने अमित शाह पर हिंसा में हिस्सा लेने का गंभीर आरोप लगाया था. इस घटना के बाद से बात बिगड़ी और भारत ने कनाडा से कई राजनयिकों को वापस बुला लिया और कई कनाडाई राजनयिकों को भी निष्कासित कर दिया.
एशिया के कई हिस्सों में आया भूकंप
साल 2025 की शुरूआत कंपकपाती धरती के साथ हुई. 7 जनवरी, 2025 को एशिया समेत कई जगहों पर धरती कांप उठी. नेपाल, बांग्लादेश, चीन समेत भारत के कई राज्यों की सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. इसके बाद से सोशल मीडिया पर लोगों ने भूकंप को लेकर अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया शेयर कीं. ज्यादातर लोगों ने घरों से पंखा, झालर लाइट का वीडियो शेयर करते हुए भूकंप के झटकों के बारे में बताया. भूकंप का केंद्र नेपाल बॉर्डर के पास तिब्बत बताया जा रहा है, जहां इसकी तीव्रता 7.1 दर्ज की गई थी.
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बिहार और लखनऊ में भी भूकंप के जोरदार झटके
उत्तर प्रदेश के लखनऊ समेत बिहार जैसे कई राज्यों में सुबह के समय भूकंप के तेज झटकों ने लोगों का दिल दहला दिया. 10 सेकेंड से अधिक समय तक धरती हिलती रही, जिससे लोगों में दहशत फैल गई. कड़ाके की ठंड में आए भूकंप के इन झटकों ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी. इस दौरान इसकी तीव्रता 7.1 दर्ज की गई. बिहार में भी लोगों को सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस हुए, जिसके बाद से लोगों के मन में डर की स्थिति पैदा हो गई. बिहार की राजधानी पटना में सुबह करीब 6:32 बजे से झटके लगने शुरू हुए. पहले हल्के झटके लगे, इसके बाद तेजी से धरती हिली. नेपाल में भी भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं. इसकी तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 7.0 रही. नेपाल की सीमा के पास तिब्बत में भी भूकंप आया. भूकंप के झटके भारत के कई हिस्सों में भी महसूस किए गए हैं. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने बताया है कि नेपाल के लोबुचे से 90 किलोमीटर उत्तर पूर्व में 7.0 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप का केंद्र 10.0 किलोमीटर की गहराई पर था.
कहां- कहां आया भूकंप?
यूपी, दिल्ली और बिहार के ज्यादातर हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. पटना, सुपौल, अररिया, शिवहर सहित कई हिस्सों में सुबह 6.35 से 6.37 के बीच भूकंप के झटके महसूस हुए. वहीं नेपाल, बांगलादेश, भूटान, चीन, सहित कई देशों में भी सुबह-सुबह धरती कांप उठी.
विशेषज्ञों ने दी थी चेतावनी
जानकारी की मानें तो विशेषज्ञों ने नेपाल में बड़े भूकंप के खतरे को लेकर चेतावनी दी थी. रिकॉर्ड के अनुसार नेपाल में कुछ ही दिनों में 3 तीव्रता से अधिक का नौवां भूकंप 2 जनवरी, 2025 को आया था. बता दें कि इससे पहले नवंबर 2024 में नेपाल में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था. इस दौरान 145 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी. यह भूकंप नेपाल के जजरकोट और रुकुम पश्चिम स्टूडियो में आया था. भूकंप से 140 अन्य लोग घायल भी हो गए थे.
तिब्बत में हुई 32 लोगों की मौत
चीन में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के जिगाज़े शहर में मंगलवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 32 लोग मारे गए और 38 घायल हो गए. क्षेत्रीय आपदा राहत मुख्यालय के अनुसार, चीन में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के जिगाज़े शहर में डिंगरी काउंटी में सुबह 9:05 बजे (बीजिंग समयानुसार) भूकंप आया. भूकंप का केंद्र 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर पर देखा गया.
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान
दिल्ली की कुल 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है. दिल्ली में एक चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा. वहीं, 8 फरवरी को मतगणना की जाएगी. चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी है. दिल्ली में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त होने वाला है. इसके पहले ही विधानसभा चुनाव कराने हैं. साल 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कुल 62 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं, भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ 8 सीटों पर ही जीत मिली थी. जबकि, कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था. इस बार के विधानसभा चुनाव में जीत को सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक पार्टियां एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं.
इस बार दिल्ली के दिल में हैं कितने वोटर्स?
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि इस साल विधानसभा चुनाव में कुल 1,55,24,858 (1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858) मतदाता वोट डालने के योग्य हैं. इनमें 83.49 लाख पुरुष मतदाता और 71.73 लाख महिला मतदाता हैं. उन्होंने आगे बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कुल 13033 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे. इसके अलावा 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाता अपने घर से ही वोट कर सकेंगे.
क्या है दिल्ली में चुनाव कार्यक्रम?
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना 10 जनवरी तक जारी कर दी जाएगी. इसके बाद से नामांकन की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा जिसकी आखिरी तारीख 17 जनवरी तय की गई है. वहीं, 18 जनवरी को नामांकन के पत्रों की जांच की जाएगी. नाम वापसी का अंतिम दिन 20 जनवरी को तय किया गया है. दिल्ली के लोग 5 फरवरी को मतदान करेंगे और 8 फरवरी को परिणाम की घोषणा की जाएगी.
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superharyananewss · 16 days ago
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महेंद्रगढ़ के गांव डुलाना में आज सुबह करीब 9 बजे एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है। यह हादसा डुलाना के सरकारी स्कूल के पास हुआ है, जहां हरियाणा रोडवेज की एक बस स्कूटी से टकरा गई। यह बस विशेष रूप से महिलाओं के लिए भोजावास से महेंद्रगढ़ तक चलाई जाती है। हादसे में स्कूटी सवार 42 वर्षीय सुनील कुमार पुत्र फूल सिंह, गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत महेंद्रगढ़ के नागरिक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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vedantbhoomidigital · 1 month ago
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केरल: कन्नूर स्कूल बस दुर्घटना में 11 वर्षीय लड़की की मौत, 14 घायल - केरल समाचार
केरल के कन्नूर में बुधवार शाम एक स्कूल बस के पलट जाने से एक दुर्घटना में एक स्कूली लड़की की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह घटना वलाक्कई ब्रिज के पास एक चौराहे पर हुई। वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि बस ढलान पर नियंत्रण खो रही है और निचली सड़क पर पलट रही है। यह कुरुमाथुर चिन्मया स्कूल की बस थी जो स्कूल समय के बाद छात्रों को घर वापस ले जा रही थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हादसे में 14 बच्चे घायल…
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hindiromanticstories · 1 month ago
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कच्ची कली मसल डाली
मेरा नाम दिलदार सिंह है, मैं दिल्ली में किराए के मकान में रहता हूँ. मेरी उम्र 28 साल है. मैं शादीशुदा हूँ और मेरी एक 2 साल की बेटी भी है. ये कहानी मेरी और मेरे पड़ोस में रहने वाली एक जवानी की दहलीज पर कदम रखती हुई 18 साल की कमसिन लड़की के बीच की चुदाई की है.
बात एक साल पुरानी है मेरी बीवी और बेटी सर्दियों में छह महीने मेरे साथ रहने के लिए गांव से दिल्ली आए हुए थे. मेरी बेटी जब से दिल्ली आयी, तो गली में हमउम्र लोगों से घुलमिल गयी.मेरे किराए के मकान में नीचे का फ्लोर मेरा और ऊपर के फ्लोर में मकान मालिक की फैमिली रहती है. मेरे रूम का दो तरफ को दरवाजा है. पीछे का दरवाजा पीछे की ओर आठ फुट की गली में खुलता है. ये गली लगभग सुनसान ही रहती है, क्योंकि उसके नीचे सीवर की पाइप लाइन डली है, तो लोग उस गली का कम ही यूज करते हैं. आगे की तरफ से 16 फुट की गली से ही सभी का आना जाना होता है.
मेरे मकान मालिक के वहां जो औरत झाड़ू पौंछा लगाने आती थी, उसने भी हमारी ही गली में किराए पर मकान लिया हुआ था. काम करने वाली औरत की 3 बेटियां और एक बेटा था. उसका पति दिन भर रिक्शा चलाता था. वो खुद चार घरों में झाड़ू पौंछा लगाती थी. उसकी दोनों बड़ी लड़कियां कहीं बड़ी कोठियों में घर का काम करती थीं औऱ वहीं पर कोठी के सर्वेंट क्वाटर में रहती थीं. वे हफ्ते में एक बार ही घर माँ बाप से मिलने आती थीं. बाकी अपने लड़के को उसने स्कूल डाला हुआ था.
उसी कामवाली की तीसरी लड़की की मैंने चुदाई की, उसका नाम था सरिता … वो 5वीं के बाद स्कूल गयी ही नहीं, दिन भर माँ के साथ या गली में बच्चों के साथ घूमती रहती थी. माँ बाप को तो पैसे कमाने से ही फुर्सत नहीं थी, तो सरिता आवारा सी हो गयी. वो मेरी बेटी के साथ भी खेलने आती और उसे बहुत पसंद करती थी.
मेरी बीवी भी उसे कभी कभी खाना खिला देती. कुछ दिनों में ही उसका मेरे घर आना जाना बढ़ गया.
एक दिन की बात है. मेरी बीवी छत पर कपड़ा सुखाने गयी थी और मैं बिस्तर पर लेटा टीवी देख रहा था. सरिता और मेरी बेटी फर्श पर नीचे खेल रहे थे. अचानक मैंने सरिता पर ध्यान दिया. वो जवान हो गई थी. उसके छोटे छोटे संतरे उग आए थे. पर मैंने कभी इस ओर ध्यान ही नहीं दिया था. आज वो स्कर्ट पहन कर आई थी, पता नहीं कैसे खेलते खेलते उसकी स्कर्ट जरा ऊंची हो गयी. जब उसने जरा टांगें फैलाईं, तो मुझे उसकी चूत दिखाई देने लगी. वो तो पेंटी पहन कर ही नहीं आयी थी. चूत छोटी सी थी, दूर से उसमें कोई बाल भी नजर नहीं आ रहे थे. मैं तो उसकी चूत ही देखता रह गया.
वो खेलने में मगन थी औऱ मेरा सारा ध्यान उसके संतरों और चूत में था. मैं सोचने लगा कि इस लड़की की चूत में लंड डालने में कितना मजा आएगा. बस मेरा मन अब उसकी चूत मारने को करने लगा. पर वो चूत देने को पटेगी कैसे, ये मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था.
मैंने उससे पूछा- तुम्हारा क्या नाम है. वो बोली- सरिता. “तुम पढ़ने नहीं जाती हो?” “नहीं.” “क्यों नहीं जाती हो.” “माँ जाने ही नहीं देती है.” “तुम्हें खाने में क्या पसन्द है?” वो बोली- आइसक्रीम. “तुम्हारे आइसक्रीम के लिए पैसे कौन देता है?” “कभी कभी पापा दे देते हैं.” “अच्छा चल मैं भी कभी कभी तुझे आइसक्रीम को पैसे दे दूंगा, पर तू किसी को बताएगी तो नहीं. वरना तेरी मम्मी मुझे डांटेगी. “मैं क्यों किसी को बताने लगी.”
मैंने उसे 10 का नोट दिया, जिसे उसने अपनी स्कर्ट में कहीं छुपा लिया. फिर मेरी बीवी वापस आ गयी, तो मैंने अपना ध्यान उसके संतरों से वापस टीवी पर लगा लिया. अब मैं कभी कभी चुपके से उसे पैसे देने लगा, वो भी ले लेती.
एक दिन मेरी बीवी ऊपर मकान मालकिन से बात कर रही थी. मेरी बेटी और सरिता दोनों खेल रहे थे. तो मैंने अपनी बेटी को अपनी गोद में बैठा लिया और उसके गालों पर किस किया. तो मेरी बेटी ने भी मेरे गालों पर किस किया. फिर मैंने अपनी बेटी को जहाँ जहाँ किस किया, उसने भी मुझे वहां वहां किस किया. वो बड़े गौर से हम दोनों को देख रही थी.
मैंने उससे कहा- तू भी करेगी मुझे किस? वो बोली- नहीं. “तुझे कभी किसी ने किस किया?” वो बोली- नहीं. “तो आ न … बहुत अच्छा लगता है किस करने में.”
वो पास आ गयी. मैंने एक जांघ पर अपनी बेटी को बिठाया औऱ दूसरी जांघ पर उसे बैठा लिया. फिर मैंने उसके माथे पर किस किया और बोला- अब तुम मुझे करो. सरिता बोली- कोई देख लेगा. मैंने कहा- कोई भी तो नहीं है यहां. चल अब जल्दी किस कर … आज भी तुझे पैसे दूंगा.
उसने भी मेरे माथे पर किस किया. फिर मैंने उसके गालों पर किस किया, तो उसने भी मेरे गालों पर किस किया. मैंने कहा- अब मैं तेरे होंठों पर किस करूंगा और मैं उसे चूसूंगा. फिर तुम भी जैसे मैंने किया है, वैसे ही मेरे होंठ चूसना. ठीक है मजा आएगा. उसने हां में सिर हिलाया.
मैंने उसे और करीब खींचा और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. पहले एक किस दिया और फिर उसके होंठ चूसने लगा.
पहले तो वो हटने लगी, पर जैसे ही मैंने उसके हाथ पर पैसे रखे, वो मेरा साथ देने लगी. उसने भी वैसे ही मेरे होंठ चूसे. उसके छोटे से नर्म होंठ चूसने में बहुत मजा आ रहा था. मेरा एक हाथ उसके सर के पीछे था, दूसरा हाथ अपने आप ही उसकी जांघों में चला गया. मैं होंठ चूसते चूसते उसकी जांघ सहलाने लगा.
मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैंने जैसे ही हाथ थोड़ा अन्दर डाला, तो आज उसने पैंटी पहनी थी. मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत सहलानी चाही, तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- अंकल वहां हाथ क्यों डाल रहे हो. बात तो सिर्फ किस करने ही हुई थी. “सॉरी सरिता … वो गलती से हाथ वहां चला गया था. चल अब हो गया जाओ दोनों नीचे खेलो.” वो दोनों नीचे खेलने लगी.
मैंने उससे कहा- सरिता अच्छा लगा. वो “हां..” बोली. “तो घर पर और आंटी को मत बताना. नहीं तो आगे से पैसे मिलने बन्द.” वो बोली- अंकल मैं नहीं बताऊंगी किसी को भी.
इस तरह कभी कभी मैं उसकी किस ले ही लेता था. अब वो मेरे से पूरी तरह घुल मिल गयी थी. देखते ही देखते मेरी बीवी व बच्ची का गांव वापस जाने का टाइम आ गया. मैं उन्हें गांव वापस छोड़ आया.
एक दिन वो मुझे गली में मिली और बोली- अंकल, अब आंटी और बाबू कब वापस आएंगे? मैंने कहा- अभी तो टाइम लगेगा. “तो अंकल फिर मैं किसके साथ खेलूंगी?” मैंने कहा- मेरे साथ खेल लेना. पर छुप छुप कर … मैं पैसे भी दूंगा खेलने के. वो बोली- अच्छा तो कब आऊं अंकल? मैंने उससे कहा- जब तेरे मम्मी पापा काम पर चले जाएं, तब आना. … पर आज नहीं. और हां वो भी पीछे के रास्ते से आगे से नहीं. तीन बार धीरे से दरवाजा खटखटाना, मैं खोल दूंगा पर देख लेना, कोई तुझे देख न रहा हो. वो बोली- ठीक है अंकल मैं कल आती हूं.
मैंने अगले दिन का ऑफ ले लिया और आगे के लिए एक महीने अपनी नाईट ड्यूटी लगा ली. अगले दिन सरिता दिन के करीब 2 बजे पीछे के दरवाजे से आ गयी. “किसी ने तुझे देखा तो नहीं न?” “नहीं कोई नहीं था.”
वैसे भी दिन के समय सभी या तो आराम के लिए सोये होते हैं या डयूटी पर होते हैं. वैसे भी पीछे की गली में कौन आता जाता है. लाइन साफ थी. मैंने उसे अन्दर करने के बाद सभी खिड़की दरवाजे बंद किए और पर्दे लगा लिए. रूम की लाइट जला कर उसे अप��े बेड पर ले आया.
मैंने उससे कहा- देख सरिता अब किस वाला खेल बहुत खेल लिया, आज हम दूसरा खेल खेलेंगे. हां और पैसे भी 20 रुपये मिलेंगे. पर शर्त एक ही है, जो भी मैं करूँ, तुम मना नहीं करोगी व तुम कभी किसी को नहीं बताओगी कि तुम अब भी मेरे कमरे में आती हो. बोलो मंजूर है? “ठीक है.” “तो खेल खेलें?” “मुझे सब मंजूर है … पर पैसे मिलेंगे न?” “वो तो तुम पहले ले लो.”
मैंने उसे 20 का नोट पकड़ा दिया. वो खुश हो गयी.
वो बोली- बोलो अंकल क्या करना है? “करना वही है, जैसे मैं करूँ, तुम्हें भी वैसा ही करना है और मना नहीं करना है. ठीक है समझ गयी ना.” “हां अंकल समझ गयी आप शुरू करो.”
मैंने उसे बेड पर आपने सामने बिठाया और पहले उसके होंठ चूसे. उसने भी वही किया. फिर हाथों से उसके गाल सहलाये, वो भी वही करती गयी. फिर मैंने उसकी छाती पर हाथ रख दिया, उसने भी मेरी छाती पर हाथ रख दिए.
मैंने उसके संतरे सहलाने शुरू किए. उसने भी मेरी छाती पर हाथ फेरा. मैंने धीरे धीरे उसके संतरे दबाने शुरू किए. उसने भी मेरे निप्पल पर हाथ फिराया, पर मजा नहीं आ रहा था. मैंने उसकी जांघें सहलाईं, तो उसने भी वही किया.
मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा, तो उसने भी मेरी टांगों के बीच में हाथ डाल दिया. उसका हाथ मेरे खड़े लंड पर चला गया तो हैरानी से बोली- अंकल यहां ये क्या है डंडा जैसा? “सरिता ये वही है, जैसे तेरे भाई का है जिससे वो सुसु करता है.” “पर अंकल वो तो छोटा है. एक बार मैंने उसे नहाते वक्त देखा था.” “अरे अभी वो छोटा है, जब बड़ा होगा तो ��सा ही होगा.” वो शरमा गयी.
“सरिता ऐसे मजा नहीं आ रहा है ना खेलने में … चल कुछ और करते हैं.” “हां अंकल कुछ और करते हैं.” “चल तू अपनी टॉप उतार दे, मैं भी अपनी टी-शर्ट उतारता हूं.” “नहीं मैं ये नहीं करूंगी.” “अरे तेरे मेरे अलावा और कौन है यहां. मैं भी किसी को कुछ नहीं बताऊँगा … कर ना. मैंने कहा भी था तू मना नहीं करेगी.”
यह सुन कर उसने अपनी टॉप उतार दी. अब वो बिना ब्रा के ऊपर से नंगी हो गयी. उसके छोटे छोटे संतरे बहुत टाइट लग रहे थे. मैंने उन पर हाथ लगा कर हल्के से दबाया औऱ अपनी टी-शर्ट भी उतार डाली. मैंने एक चूची हाथ से सहलाते हुए निपल्स दबाना शुरू किया और दूसरे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. संतरे छोटे छोटे से थे, जो पूरे मुँह में भी नहीं आ रहे थे. मैंने ऐसे ही चाटना जारी रखा और धीरे धीरे उसे दबाता भी रहा.
उसे अभी अब मजा आ रहा था. मैंने उससे पूछा- इस खेल में तो मजा आ रहा है ना. “हां अंकल इस में बहुत मजा आ रहा है.”
उसकी नजर मेरे निक्कर में बने तम्बू में ही थी. जो बार बार अन्दर से ही बाहर आने को उछाल मार रहा था. “क्या देख रही हो सरिता?” “अंकल वहां और फूल गया है. दिखाओ न क्या है वो … और कितना बड़ा है.” “ठीक है दिखाता हूं, पर तुझे भी अपनी दिखानी पड़ेगी.” वो बोली- मैं क्या दिखाऊं … मेरे पास तो कुछ भी नहीं है. मैं बोला- वो जो तेरी स्कर्ट के नीचे है तेरी सुसु वाली जगह. मैं अपना सुसु करने वाला दिखाऊंगा, तू अपनी दिखा दे. “नहीं अंकल मैं नहीं दिखाऊंगी, मुझे बहुत शरम आ रही है.” “अरे कैसा शरमाना … तू और मैं ही तो हैं. मैं भी तो तुझे अपना दिखा रहा हूँ. चल ऐसा करते हैं, दोनों एक साथ अपने कपड़े उतारते हैं. तू अपनी स्कर्ट उतार, मैं अपना निक्कर उतारता हूं.”
वो मान गयी और हम दोनों एक साथ नंगे हो गए. आज फिर एक बार उसकी कुंवारी चूत मेरे आंखों के सामने थी.
मैंने पहली बार उसकी चूत इतनी नजदीक से देखी थी. उसकी बुर पर हल्के हल्के सुनहरे बाल आए हुए थे. उसकी बुर देखकर तो मेरा दिल खुश हो गया. वो मेरा लंड को देखकर बोली- अंकल, ये तो मेरे भाई से बहुत बड़ा है. मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखा और बोला- अब ले … इसे छू कर भी देख और बता कैसा है ये? उसने लंड को अपने हाथ में पकड़ा और बोली- अंकल ये तो बहुत गर्म है. मैं- हां, ऐसे ही तेरी भी तो गर्म है यह देख न.
यह कहकर मैंने उसकी चूत पर हाथ रख दिया. मेरे हाथ का स्पर्श पाकर वो जरा सिहर सी उठी. लेकिन मैंने उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया. उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा. उसकी आह निकलने लगी. मैंने उसके हाथ का दबाव अपने लंड पर बनाते हुए कहा- अब ऐसे तुम भी आगे पीछे करो.
वो मेरे लंड की मुठ मारने लगी औऱ मैं उसका दाना सहलाने लगा. धीरे धीरे वो गीली होने लगी. उसकी आंखें लाल होने लगीं. मैंने उससे कहा- मजा आ रहा है ना! वो- हां अंकल बहुत मजा आ रहा है … और करो. मैं- रुक … फिर तुझे और मजा देता हूं … तू बिस्तर पर टांगें फैला कर लेट जा.
वो लेट गयी, अब उसकी चिकनी चूत मेरे सामने थी. मैंने झुक कर अपना चेहरा उसके पास किया तो उसमें से साबुन की खुशबू आ रही थी. मैंने उसे पूछा- अभी नहा कर आई हो? तो उसने कहा- हाँ अंकल, बस नहा कर सीधे आपके पास आई हूँ.
मैंने उसकी अनछुई चूत पर अपनी जीभ लगा दी और उसे चाटने लगा. वो तो उछलने लगी. उसे और ज्यादा मजा देने के लिए मैं उसके संतरे भी निचोड़ने लगा. वो सिसकारी लेने लगी- आहह अंकल बहुत मजा आ रहा है … और जोर से चाटिए न. मेरे दूध भी आराम से दबाइए ना … मुझे दर्द हो रहा है … आह हहहह … क्या कर दिया आपने अंकल … बहुत अच्छा लग रहा है.
थोड़ी देर बुर चाटने के बाद ही उसका बुरा हाल था. वो अपनी चूत को बार बार उठाते हुए मेरे मुँह पर दबा रही थी. कुछ ही देर में वो मेरे मुँह में झड़ गयी.
उसका थोड़ा सा ही पानी निकला था जिसे मैं पूरा चाट गया. एक कुंवारी चूत का निकला हुआ पहला अमृत चखकर मन तृप्त हो गया.
वो तो निढाल होकर मेरी बांहों में गिर गई. उसने मुझे जोर से जकड़ रखा था. कुछ देर मैंने उसे वैसे ही रहने दिया उसने भी अपने जीवन का पहले स्खलन का मजा लिया था. मैंने उसके होंठ चूसे, चूचियां दबाईं. तो थोड़ी ही देर में वो शांत हो कर बिस्तर में लेट गई.
मैंने उससे पूछा- कैसा लगा सरिता? सरिता- बहुत ज्यादा मजा आया अंकल. मैं- चल अब तू भी जैसे मजा तुझे आया वैसा ही मजा मुझे भी दिलवा. सरिता- कैसे अंकल मैं आपको मजा दिलवाने के लिए क्या करूं.
मैंने उसे उठाकर अपना लंड उसके मुँह के सामने कर दिया.
मैं- अब तू भी इसे चूस और चाट जैसे मैंने तेरी चाटी थी. सरिता- नहीं मैं नहीं करूंगी, इसमें से सुसु आता है … ये गंदी जगह है. मैं- अरे मैंने तेरी नहीं चाटी क्या? तुझे मजा नहीं आया क्या? चल अब नखरे मत कर … आजा ले ले मुँह में इसे.
उसने एक बार लंड मुँह में लिया और फिर बाहर निकाल लिया.
सरिता- अंकल अजीब सा लग रहा है … मैं नहीं करूंगी.
मैंने सोचा कि अब ये ऐसे नहीं मानेगी. मैंने एक दस का नोट और निकाला और उसे दिया और किचन में से शहद लेकर आया और उसे अच्छे से अपने लंड पर चुपड़ लिया. फिर उसके आगे लंड ले जाकर बोला- ले अब चूस अब मीठा लगेगा … जिस तरह तू आइसक्रीम को मजे से चटखारे लेकर चूसती है इसे भी एक आइसक्रीम ही समझ कर चूस.
फिर उसने लंड अपने हाथ में ले लिया. इस बार अब उसे चूसने में परेशानी नहीं हुई. शहद के स्वाद ने मेरा काम आसान कर दिया.
वो धीरे धीरे लंड को अपने मुँह के अन्दर बाहर करने लगी. अब उसे भी लंड चूसना अच्छा लगने लगा. अब वो बड़े मजे से लंड अन्दर बाहर ले रही थी.
मेरा तो बुरा हाल था एक कमसिन लड़की मेरा लंड चटकारे ले लेकर चूस रही थी. मैं उसके मुँह की गर्मी सहन नहीं कर पाया. मैंने उसका सर पकड़ लिया और उसके मुँह के अन्दर जोर जोर से घस्से लगाने लगा. कुछ ही देर में मैंने अपना माल उसके मुँह में भर दिया.
वो मेरा लंड अपने मुँह से बाहर निकालने की कोशिश करने लगी, पर मैंने भी जब तक उसने मेरा सारा माल नहीं निगल लिया, उसे छोड़ा नहीं.
जब मुझे लगा वो सारा माल पेट के अन्दर ले चुकी है, तभी मैंने लंड बाहर निकाला.
लंड बाहर निकलते ही वो बुरा से मुँह बना कर बोली- अंकल ये आपने क्या कर दिया … आपने तो मेरे मुँह में ही सुसु कर दिया. मैं- अरे मेरी रानी वो सुसु नहीं था … जब तुझे बहुत मजा आया था, तेरा भी तो नीचे से निकला था, जिसे मैंने चाट लिया था. ऐसे ही ये भी इसका घी था. सुसु थोड़े ही था, इसे पीने से ताकतवर होते हैं. जब तू इसे रोज पीएगी तो तू भी आंटी जैसी ही मस्त हो जाएगी. सरिता- लेकिन बड़ा अजीब सा स्वाद था. मैं- पहले पहली बार जरा अजीब लगता है, आदत पड़ने के बाद तो तू रोज मेरे इस लंड को चूसने और उसके घी को पीने की जिद करेगी. सरिता- हम्म … मैं- वैसे बता … मजा तो आ रहा है ना इस नए खेल में. सरिता- हां अंकल बहुत मजा आ रहा है. अब तो मैं रोज ये खेल खेलूंगी. मैं- पर एक बात का ध्यान रखना, ये बात किसी को भी पता नहीं लगनी चाहिए और न तुझे मेरे कमरे में आते किसी को दिखना चाहिए. जिस दिन भी किसी को जरा भी खबर लग गयी, उसी दिन से खेल और पैसे मिलने दोनों बंद हो जाएंगे.
उसे मेरे दिए पैसों से रोज आइसक्रीम खाने को मिल रही थी. तो उसने किसी को नहीं बताया. रूम में आते वक्त भी वो खूब ख्याल रखती थी कि कोई उसे देख न ले.
इस तरह मैंने उसे लंड चुसाई के काबिल बना दिया. जिस समय भी मौका मिलता, मैं उसकी चूत चाट कर उसे मजा देता और वो मेरा लंड चूस कर मुझे मजे करवाती. अब तो वो लंड चूसने के मामले में मेरी बीबी को भी फेल करने लगी. अब हम दोनों एक दूसरे को ऐसे ही मजे देने लगे. पर असली मजा तो अभी बाक़ी था.
आगे जब भी उसकी चूत में उंगली डालने की कोशिश करता, तो वो चिंहुक जाती और दर्द होने के बारे में बताती. तो मुझे उसकी चूत चाट कर ही संतोष करना पड़ता. इधर मेरा लंड तो मेरी बात मान ही नहीं रहा था. उसकी चूत देखते ही उसमें घुसने की जिद करता, पर करूँ क्या … लौंडिया सील पैक कमसिन माल थी और अभी पूरी तरह पकी भी नहीं थी. जल्दबाजी मुझे ही महंगी पड़ सकती थी, जो मैं बिल्कुल भी नहीं चाहता था.
सरिता मेरे से अब बिल्कुल खुल चुकी थी. अब जब भी वो मेरे कमरे में आती तो मुझे उसे कपड़े खोलने को भी नहीं कहना पड़ता था. वो खुद ही अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी ही मेरे बिस्तर पर बैठ जाती थी और मेरे लंड को मजे ले ले कर चूसती थी.
एक दिन मैंने फिर आगे बढ़ने को सोचा और उसे बोला- चल सरिता आज फिर कुछ नया करते हैं. सरिता- अंकल और कुछ भी कर सकते हैं क्या? मैं- अरे अभी तो बहुत कुछ है करने को … अभी तो मुझे बहुत सारे खेल आते हैं. वक्त तो आने दे, मैं तुझे देख कैसे कैसे खेल सिखाता हूं. चल आज का खेल तो सीख ले.
वो झट से राजी हो गई.
पहले थोड़ी देर मैंने उसके शरीर के साथ खेला, होंठ चूसे, निप्पल चूसे व सहलाये. पेट व जांघों पर हाथ फेरा औऱ उसकी चूत के दाने को कुरेद कुरेद कर चाटा. जब वो गर्म हो गयी. थोड़ी देर उसे अपना लंड चुसवाया. फिर मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया.
मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहाने ��र रखा और उसके दाने पर अपना लंड रगड़ने लगा. उसकी चूत गर्म होकर बिल्कुल चिकनी हो गयी थी और गीली हुई पड़ी थी. मेरा लंड भी गीला ही था. पहली बार जब उसकी चूत पर मैंने अपना लंड छुआया, वो एहसास ही अलग था.
मैं धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा. इस रगड़ाई से ही हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था. मेरी रगड़ाई में कभी लंड उसकी चूत पर जोर से लग जाता, तो वो कराहने लगती. सरिता- अंकल धीरे करो लग रही है. मेरी समझ में आ गया कि इसे पहली चुदाई में बहुत दर्द होना है और ये समय अभी ठीक नहीं था. इसके लिए एकांत की जरूरत थी, जिसके लिए मकान मालिक का घर पर नहीं रहना जरूरी था. मैंने उससे कहा- ठीक है अब मैं ऊपर ऊपर से ही करुंगा. तुम्हें अब नहीं दुखेगा.
मैं अब धीरे धीरे उसकी चूत के ऊपर अपना लंड रगड़ने लगा. अब दोनों को मजा आ रहा था. मैंने ऐसे ही रगड़ रगड़ कर अपना माल उसके पेट पर और चुचियों पर गिरा दिया. वो भी झड़ चुकी थी.
इसी तरह पूरा महीना निकल गया, मैं उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ कर ही पानी निकाल पा रहा था या कभी उसके मुँह में लंड डालकर पानी छुड़ा देता था. पर अब रहा ही नहीं जा रहा था. मैं उसे जल्द से जल्द चोदना चाहता था. पर मौका ही नहीं मिल पा रहा था.
आखिर एक दिन वो दिन भी आ ही गया. जिस दिन उसकी कुंवारी चूत मुझे फाड़नी थी.
मेरे मकान मालिक को कुछ दिन बाद अपने पूरे परिवार के साथ 3 दिन के लिए अपनी बेटी के वहां किसी कार्यक्रम में जाना था. उन्होंने अपने मकान की पूरी देखरेख की जिम्मेदारी मुझे देखने को दी और चले गए. मैंने सरिता को बता दिया कि उस दिन वो 10 बजे अपनी माँ के जाते ही आ जाए.
मैंने उस दिन की छुट्टी ले ली. अब वो समय बिल्कुल नजदीक था, जब मुझे मेरी ही पकाई हुई खीर को खाने का मौका मिलने वाला था. मेरा लंड तो अभी से हिचकोले खाने लगा था. कुंवारी चूत जो मिलने वाली थी उसे.
आखिर वो दिन भी आ ही गया, जिसका मैंने महीनों इंतजार किया था. आज मेरे लंड को उसकी चूत में जाकर सुकून जो मिलने वाला था.
मकान मालिक सुबह ही जा चुके थे. मैंने उसकी चुदाई की सारी तैयारियां पूरी कर ली थीं. बस अब उसके आने का इंतजार था.
सरिता दस बजे ही मेरे रूम में अपनी माँ के जाते ही आ गयी. आते ही वो अपने कपड़े उतारने लगी. मैंने उससे कहा- सरिता जा पहले नहा कर आ. फिर चाहे बिना कपड़ों के ही नंगी अन्दर आ जाना. आज ऊपर कोई नहीं है इसलिए डरने की कोई बात नहीं है, आज हम जो भी करेंगे, खुल कर करेंगे.
वो नहा कर नंगी ही मेरे पास आ गयी. मैंने पहले से ही खाना बना कर रखा था. मैंने उसे और खुद पहले थोड़ा थोड़ा नाश्ता किया. फिर में असली मुद्दे पर आ गया. मैंने उससे कहा- आज हम अलग खेल खेलेंगे और इस खेल के तुम्हें 100 रुपये मिलेंगे. सरिता- क्या कहा अंकल … 100 रुपये? मैं- हां पूरे 100 रुपये, पर इस बार शर्त भी बहुत कठिन होगी. तुझे मंजूर है तो बोल वरना रोज वाला ही खेल शुरू करते हैं. सरिता- अंकल 100 रुपये के लिए तो मैं कोई भी खेल खेल सकती हूं. मुझे आपकी सारी शर्त मंजूर हैं. मैं- तो ठीक है आज जिंदगी के असली मजे लेने के लिए तैयार हो जा. आज तुझे ऐसा खेल सिखाऊंगा कि तू रोज उस खेल को खेलने मेरे पास भागी चली आएगी.
मैंने अपने भी फटाफट कपड़े जिस्म से अलग किए और नंगा उसके सामने आ गया.
मैंने रोज की तरह उसे बुर चाट कर गर्म किया और जैसे ही वो झड़ने को हुई उससे पहले उसकी बुर चाटना छोड़ दिया. वो बोली- अंकल जल्दी कुछ करो न … मेरे नीचे कुछ हो रहा है या तो उसे रगड़ो या मेरी उसको चाटो. मैं- एक बात सुन ले, मेरे इसे लंड कहते हैं और तेरी इसे बुर … उसकी बुर पर मैं हाथ घुमाते हुए बोला.
‘और हां आज तुझे मजा मैं नहीं … मेरा ये लंड देगा. देख इसमें बहुत मजा आता है चाटने से भी बहुत ज्यादा मजा. पर पहले दिन थोड़ा सा दर्द भी होता है. तुझे वो दर्द सहन करना पड़ेगा, वो भी सिर्फ आज ही बस … कल से तो तुझे बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा, सिर्फ मजा ही मजा आएगा. सरिता बड़े ध्यान से मेरी बात सुन रही थी.
मैं- एक बात और इस बारे में तो किसी को भी किसी भी हालत में नहीं बताना है. बोल सह लेगी थोड़ा सा दर्द? सरिता- हां सह लूँगी … पर मजा तो दिलवाओ और बताओ आजतक मैंने किसी को नहीं बताया है, जो अब क्यों बताऊंगी? आप चिंता न करो, बस खेल शुरू करो. मैं- तो आज मैं अपने लंड को तेरी इस बुर में घुसाउंगा. सरिता- पर अंकल वहां तो उंगली भी नहीं जा रही थी, इतना बड़ा लंड कैसे जाएगा? मैं- सब चला जाएगा. बस थोड़ा सा दर्द सहन करना और चाहे कुछ भी हो जाए चिल्लाना नहीं. नहीं तो 100 रुपये जैसे ही तू चिल्लाई … नहीं दूंगा. सरिता- नहीं नहीं अंकल मैं नहीं चिल्लाऊंगी, पर जरा आराम से अन्दर डालना. मुझे डर लग रहा है. मैं- आज तक हमने जो भी किया है. तुझे डर लगा क्या? डर मत मैं हूँ न तेरे साथ. बस थोड़ी देर के दर्द के बाद जिंदगी भर मजे ही मजे हैं. तू जरा भी चिंता मत कर. अब जरा इसे चूस दे ये आज तुझे बहुत मजे करवाएगा.
उसने मेरे लंड को चूस कर और सख्त कर दिया. मैंने अपने लंड पर ऊपर तक तेल चुपड़ लिया और उसकी बुर में भी जहां तक तेल जा सकता था, उतना तेल से तर कर लिया. फिर मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया रखा, जिससे उसकी बुर जरा ऊपर को उठ गई. मैंने उसकी टांगों के बीच एक पुराना तौलिया बिछा दिया, ताकि मेरा बिस्तर खराब न होने पाए. सारी तैयारी करने के बाद मैंने अपने लंड का सुपारा उसकी कोमल सी बुर के मुहाने पर रखा और उस पर उसे रगड़ने लगा.
बड़ी फिसलन थी, लंड सेंटर पर लग ही नहीं रहा था. मैंने एक हाथ से लंड पकड़ कर उसकी टांगें फैलाकर लंड को निशाने पर रखा और उसके होंठों से होंठ मिलाकर एक हल्का सा झटका मारा तो लंड का टोपा अन्दर घुस गया था, पर वो छटपटाने लगी. मैंने उसके होंठों पर हाथ रखकर कहा- बस यही दर्द है, थोड़ा सा सहन करो बस अभी थोड़ी देर में ही दर्द सही हो जाएगा.
मैंने लंड को वैसे ही फंसे रहने दिया और उसे सहलाने चाटने लगा. उसकी चुचियों को सहलाने से उसका ध्यान दर्द से हटकर उस तरफ हो गया, जिससे थोड़ी ही देर में वो नार्मल हो गयी. मैं- अब दर्द कम है न सरिता? उसने हां में सर हिलाया.
मैंने उसे सहलाते सहलाते ही एक झटका और मारा तो लंड थोड़ा सा अन्दर और घुस गया. उसकी बुर तो बहुत ज्यादा टाइट थी, लंड को उसकी बुर के अन्दर जाने में बहुत मेहनत करनी पड़ रही थी. मैंने लंड पेलने के बाद जैसे ही उसका मुँह खोला, वो रोने लगी- अंकल नहीं, निकाल लो इसे, मैं नहीं सह पाऊंगी. मुझे बहुत दर्द हो रहा है. मैं- तो ठीक है 100 रुपये कैंसिल. दर्द सहने के ही तो 100 रुपये मिल रहे हैं. वो ही तू सहन नहीं कर पा रही है. मैंने कहा भी था कि थोड़ी देर का दर्द है, थोड़ा औऱ दर्द होगा, फिर कभी नहीं होगा अभी मजा आने लगेगा. फिर भी नहीं करना तो ठीक है, मैं निकाल लेता हूं. कल से अब यहां आना भी मत. वो रोने लगी- अंकल मैं क्या करूँ मुझे बहुत दर्द हो रहा है … ऐसा लग रहा है आपका लंड नहीं, चाकू अन्दर गया है. मेरी बुर फट सी रही है.
बात तो उसकी सही थी इतनी छोटी सी बुर में इतना मोटा लंड जाएगा, तो उसने फटना ही था. पर मैंने उसे समझाया- देख आधा दर्द तो तूने सह भी लिया है … बस और थोड़ा सा दर्द होगा फिर 100 रुपये भी तेरे और मजा भी आएगा. थोड़ी देर की बात है.
मैंने उसकी पैंटी को उसके मुँह के अन्दर डाला और उसका मुँह हाथ से दबा लिया. लंड को थोड़ा सा बाहर निकाला और फिर एक जोरदार झटका मारा लंड उसकी बुर फाड़ता हुआ आधा अन्दर घुस गया. उसकी सील टूट चुकी थी. उसका गर्म गर्म निकलता हुआ खून मुझे लंड पर महसूस हो रहा था. मेरा लंड भी उसकी बुर पर बुरी तरह फंसा हुआ था. उसका तो बुरा हाल था. उसके मुँह में पेंटी डाली होने के कारण गूं गूं की ही आवाज बाहर आ रही थी. उसकी आंखें दर्द की अधिकता से बाहर को आने लगी थीं. वो मुझे अपने ऊपर से हटाने की असफल कोशिश कर रही थी.
करीब 5 मिनट तक मैं उसके ऊपर ऐसे ही पड़ा रहा, लंड को जरा भी हरकत नहीं दी. जब वो फिर से जरा सा नार्मल सी लगी, तो मैंने उससे कहा- बस हो गया सरिता, अब मजा आएगा.
मैंने उसकी पैंटी उसके मुँह से निकाल दी औऱ फिर उसके होंठ अपने होठों से दबाकर मैंने फिर से एक जोरदार झटके के साथ ही पूरा लंड उसकी बुर में उतार दिया. वो तो बेहोश हो गयी. थोड़ी देर के लिए तो मैं भी डर गया. बुर खुल चुकी थी लंड बाहर निकालते ही उसमें से खून की धार बाहर आने लगी. पर मुझे पता था ये कमसिन लड़की आराम से लंड ले लेगी. क्योंकि बाहर के देशों में इससे भी कम उम्र की लड़कियां लंड का मजा ले चुकी होती हैं.
मैंने पास रखे कपड़े से उसकी बुर से निकल रहे खून और अपने लंड पर लगे खून को साफ किया और फिर उसकी बुर पर आराम से लंड घुसा दिया. इस बार भी लंड टाइट ही अन्दर गया था, पर वो तो बेहोश पड़ी थी. मैं धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा ताकि उसके होश में आने से पहले लंड उसकी बुर को थोड़ा और खोल सके.
थोड़ी देर बाद वो होश में आने लगी, तो मैंने धक्के लगाने बंद कर दिए. मैंने उसे अपनी गोद में बिठा लिया, पर लंड नहीं निकाला. फिर पास में रखी पानी की बोतल से उसे पानी पिलाया और पहले से ही लाई हुई दर्द निवारक गोली भी खिला दी. क्योंकि असली दर्द तो उसे चुदाई के बाद पता चलने वाला था.
वो रोने लगी- अंकल मैं मर जाऊंगी … निकाल लो अपना लंड मेरी बुर से. सहन नहीं हो रहा है. मेरी बुर फाड़ दी आपने. इतना दर्द होगा पता होता तो कभी नहीं करवाती. अंकल 100 रुपये के लालच ने तो मेरी जान ही ले ली. मैं- सरिता आज तक चुदाई से कोई भी ��हीं मरा है … सभी लोग चुदाई करते हैं. इससे ज्यादा मजा किसी खेल में नहीं आता है. वैसे भी जो होना था सब हो गया. देख मेरा पूरा लंड तेरी बुर ने निगल लिया है. अब दर्द नहीं सिर्फ मजे ही मजे हैं. इस खेल में तुझे लगता है 100 रुपये में तेरी हालत खराब हो गयी है … तो ये ले 100 रुपये तेरे दर्द सहने के और 100 रुपये और दूंगा खेल खत्म होने के बाद.
अब लालच से उसकी आंखें चमकने लगीं. मैंने भी समझ लिया मेरा काम बन गया. पैसों के लिए तो अब ये मेरा पूरा लंड उछल उछल कर लेगी. मैं- चलो अब दर्द से ध्यान हटाओ औऱ मजे में ध्यान लगाओ, फिर तुम्हें दर्द महसूस नहीं होगा.
मैंने उसकी चूचियां मसलीं और होंठ चूसे तो वो नार्मल होने लगी. मैंने उसे फिर लिटा दिया औऱ लंड को धीरे धीरे उसकी बुर के अन्दर अन्दर बाहर करने लगा. मेरे लंड के हर चोट पर उसकी कराह उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकल रही थी. मेरा मजा और बढ़ रहा था. लंड तो खुशी से और बढ़ा हो गया था, जो इस उम्र में भी कमसिन कुंवारी बुर फाड़ रहा था. जिस बुर में अभी अभी बाल आने शुरू ही हुए थे, उसमें मेरा मोटा लंड अन्दर तक घुस कर सवारी कर रहा था.
धीरे धीरे उसकी पूरी बुर गीली हो गयी, शायद उसे भी मजा आने लगा था. अब लंड आराम से अन्दर बाहर हो रहा था. मैंने रफ्तार बढ़ा दी. मेरा पूरा लंड पिस्टन की भांति उसकी बुर में अन्दर बाहर हो रहा था. मेरे हर धक्के में उसकी कराह निकल रही थी, पर आज किसी बात का डर नहीं था. पूरा मकान खाली पड़ा था. मैं उसे पूरी मस्ती में चोद रहा था. कुछ मिनट तक मैंने उसे अलग अलग आसनों में चोदा.
उसका भी बुरा हाल था. न जाने कितनी बार वो झड़ चुकी थी. उसकी मस्त बुर मारते मारते मेरे लंड ने भी अब जवाब दे दिया. मैंने उसकी बुर में लगातार पिचकारी मारनी शुरू कर दी. ऐसा लग रहा था, उसकी बुर मेरे लंड को औऱ अन्दर तक खींच रही थी और मैंने अपनी पूरी जान अपने लंड के रास्ते उसकी बुर में जैसे लबालब भर दी. मैं निढाल होकर उसके ऊपर ढेर हो गया.
थोड़ी देर बाद मैंने जब लंड को उसकी वीर्य से लबालब भरी बुर से बाहर निकाला, तो उसमें से वीर्य और खून की धार बहने लगी. मैंने उसकी ही पैंटी से अपना और उसका मिक्स वीर्य के साथ निकला खून साफ किया. थोड़ी देर बाद मैं उसे बाथरूम ले गया औऱ अच्छे से उसकी बुर गर्म पानी से साफ की ताकि उसकी बुर की अच्छी सिकाई हो सके.
उसकी पूरी बुर फूल चुकी थी. मैंने उसे उठाकर बिस्तर में लिटा दिया औऱ एक दर्दनिवारक गोली और आईपिल उसे खिला दी.
उसे बहुत दर्द हो रहा था, पर पैसों के लालच में पट्ठी अपनी बुर फड़वा ही चुकी थी. मैंने उठाए थोड़ी देर आराम करने को कहा. वो मेरे ही बिस्तर में थोड़ी देर बाद सो गई. शाम को जब वो जागी, तो अब उसका दर्द थोड़ा कम था. पर उसकी चाल लंगड़ा रही थी. आखिर चाल बिगड़ती भी क्यों नहीं, जिस बुर में कभी उंगली तक नहीं गयी थी, आज उसमें वो पूरा का पूरा लंड लेकर बैठी थी.
मैंने उसे रूम पर ही थोड़ी देर चलाया जब उसकी चाल थोड़ा ठीक हुई, तो मैंने उससे कहा- सरिता अगर मम्मी ने पूछ लिया लंगड़ा क्यों रही है, तो बात देना आज गली में फिसल गई थी, पर ये चुदाई की की बात बिल्कुल भी मत बताना. उसने हां में सर हिलाया. मेरा एक बार और उसे चोदने का मन था, पर उसकी हालत बहुत खराब थी. उसकी बुर आंसू रो रही थी.
मैंने उसे कपड़े पहनाये और उसकी पैंटी यादगार के रूप में अपने पास रख ली. मैंने उसे 100 रुपये देते हुए घर जाकर आराम करने को बोला. वो लड़खड़ाते हुए अपने रूम में चली गयी.
मैं आज बहुत खुश था. जैसे मैंने आज जन्नत पा ली हो. वो रात मुझे बहुत मस्त नींद आयी. मेरे लंड को भी उसकी बुर फाड़कर बड़ा सुकून मिला था.
अगले पूरे दिन तो वो नजर ही नहीं आयी. तीसरे दिन वो मेरे कमरे में आई. मैं- कैसी है सरिता. अब कैसा है दर्द तेरा? सरिता- अंकल परसों और कल तो बहुत दर्द था. आपने तो मेरी बुर का भुरता ही बना दिया. मेरा लालच मेरी बुर फाड़ गया. पर आज दर्द कम है. मैं- इस दर्द को भी मिटाने का एक ही उपाय है … फिर से चुदाई. अब इस बार बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा, जो है वो भी जाता रहेगा और आज इतना मजा आएगा पूछ मत. कल से तू रोज भाग भाग कर चुदने को आएगी.
वो मेरी तरफ देखने लगी. मैं- चल अब फटाफट कपड़े उतार और लेट जा … मेरा लंड देख तुझे देखते ही खड़ा हो गया.
थोड़ी देर की न नुकर के बाद वो आखिर चुदने को मान ही गई. मैंने आज उसे मजे दे देकर चुदाई की. उसे भी बहुत मजा दिलाया. आज भी अंत में मैंने अपना सारा माल उसकी बुर में भर दिया. जाने के वक्त मैंने उसे दर्द की दवा और गर्भनिरोधक दवा खिलाई और घर भेज दिया. अब तो ये हमारा रोज का नियम हो गया, उसे भी अब चुदाई की लत लग गई थी. हम मौका मिलने पर रोज चुदाई करते.
पूरे छह महीने मैंने उसकी हर तरीके से चुदाई की, उसकी गांड भी मार ली. अब वो फैलने लगी थी. उसकी चूचियां बड़ी होने लगी थीं. गांड चौड़ी होने लगी थी. उसका शरीर भी खिलने लगा, तो उसकी मां को उस पर शक होने लगा था कि शायद उसकी लड़की बिगड़ने लगी है. पर बहुत पूछने पर भी उसने मेरा नाम नहीं बताया.
थक हार कर उसकी माँ ने पता नहीं किधर दूसरी जगह रूम चेंज कर लिया.
इस तरह एक जवानी दहलीज पर कदम रखती कमसिन लौंडिया मेरे हाथ से निकल गयी, पर जाने से पहले वो मुझे मेरी जिंदगी के सारे मजे करा गयी. अब तो उसकी बुर पर काले बाल आने लगे थे. उसके नींबू, संतरे में बदल चुके थे. बुर भी कुछ खुल गयी थी, पर मेरी बीबी से तो बहुत टाइट थी.
जो भी हो ऐसी लड़की सबको चोदने को मिले. उसने कभी मेरा माल बर्बाद नहीं होने दिया. या तो अपने मुँह में लिया या अपनी बुर व गांड के अन्दर भरा लिया था. पता नहीं अब वो किस से चुदवाती होगी क्योंकि मैंने उसे ऐसा चस्का लगा दिया था कि वो बिना चुदे रह ही नहीं सकती थी. चलो जिससे भी चुदती होगी उसके तो मजे ही आ गए.
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gnewsportal · 1 month ago
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msngallonare · 1 month ago
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संत रामपाल के बेटे ने बदली दान की परंपरा, जाट महासभा को दिया ऐतिहासिक यो...
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सन्त रामपाल जी के सामाजिक समाजकार्य बहोत ही उल्लेखनीय है,जैसे बिना दहेज शादी,नशामुक्ति,जात पात नही मानना,गरीब अमीरी नही मानना,सब एक ही परमात्मा के बच्चे है, भाईचारा बढ़ाना,गरीबोंके लिए मोफत दवाइयां,स्कूल बस बच्चोके लिए मोफत,यही सब कार्य सन्त रामपाल जी कर रहे है,करोना काल मे भी उन्होंनेऔर उनके अनुयायियोने बहोत ही अच्छा काम किया,
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