#सैन्याभ्यास
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vocaltv · 2 years ago
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सैन्याभ्यास सी-ड्रैगन 23 में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका पहुंचा भारतीय विमान पी-8
सैन्याभ्यास सी-ड्रैगन 23 में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका पहुंचा भारतीय विमान पी-8 #SeaDragon23 #MilitaryExercise
भारतीय नौसेना का पी-8 विमान 14 मार्च, 2023 को अमेरिका के ग्वाम में पहुंच गया है, जहां वह Exercise Sea-Dragon 23 में हिस्सा लेगा। यह अमेरिका की नौसेना द्वारा संचालित 3 सैन्याभ्यास है, जिसमें लंबी दूरी वाले MR ASW विमानों के लिये बहुपक्षीय एएससडब्लू अभ्यास आयोजित किया जाता है। विदित है कि यह सैन्याभ्यास 15 मार्च से 30 मार्च, 2023 तक चलेगा। इस दरमियान सैन्याभ्यास में हिस्सा लेने वाले देश…
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samvadprakriya · 2 years ago
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भारतीय और फ्रांसीसी नौसेना द्वारा अटलांटिक में सैन्याभ्यास
भारतीय और फ्रांसीसी नौसेना द्वारा अटलांटिक में सैन्याभ्यास
अपनी सुदूर क्षेत्रीय तैनाती के दौरान आईएनएस तरकश ने 29 और 30 जुलाई, 2022 को उत्तरी अटलांटिक महासागर में फ्रांस की नौसेना के साथ समुद्री साझेदारी सैन्याभ्यास (एमपीएक्स) किया। तरकश और फ्रांसीसी फ्लीट टैंकर एफएनएस सौम के बीच समुद्र में तेल की आपूर्ति का अभ्यास किया गया। इसके बाद समुद्री टोही हवाई जहाज फॉल्कन 50 के साथ संयुक्त वायु अभियान का अभ्यास किया गया। इस दौरान वायु रक्षा अभ्यास और कृत्रिम…
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manvadhikarabhivyakti · 2 years ago
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भारत और चीन रूस के वॉर गेम्स में साथ, व्लादिमीर पुतिन ने कैसे लिया साध; बड़ी सफलता US के खिलाफ
भारत और चीन रूस के वॉर गेम्स में साथ, व्लादिमीर पुतिन ने कैसे लिया साध; बड़ी सफलता US के खिलाफ
रूस में भारत और चीन समेत कई देशों का सैन्याभ्यास चल रहा है। 1 सितंबर से शुरू हुआ यह अभ्यास 7 तारीख तक चलने वाला है, जिसमें 50 हजार सैनिक और 5,000 बड़े हथियार शामिल होंगे। यही नहीं 140 एयरक्राफ्ट्स और 60 जंगी जहाज भी इसका हिस्सा होंगे। रूस के इस सैन्याभ्यास को यूक्रेन से छिड़ी जंग के बीच दुनिया की बड़ी ताकतों को अपने पाले में लाने की सफल कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। खासतौर पर इस मिलिट्री ड्रिल…
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joinnoukri · 2 years ago
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China Taiwan News Fighter Jets Taiwan Chinese Military Exercise Latest Updates- 'ऐसा लग रहा है कि चीन...' ड्रैगन के सैन्याभ्यास के बीच डरा रहा है ताइवान का यह बयान
China Taiwan News Fighter Jets Taiwan Chinese Military Exercise Latest Updates- ‘ऐसा लग रहा है कि चीन…’ ड्रैगन के सैन्याभ्यास के बीच डरा रहा है ताइवान का यह बयान
Image Source : AP China Taiwan Military Exercises Highlights ‘द्वीप के आस-पास एयरफोर्स और नेवी की गश्त बढ़ा दी गई’ ‘जमीन से मार करने वाले मिसाइल सिस्टम को तैयार रखा गया है’ ताइवान ने चीनी विमानों को डराने के लिए अपने फाइटर जेट्स भी भेजे China Taiwan News: अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से चीन बौखलाया हुआ है। इस बौखलाहट में वह ताइवान के चारों तरफ…
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realtimesmedia · 2 years ago
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सैन्य अभ्यास करेंगे भारत और अमेरिका, चीन बॉर्डर पर बढ़ेगी हलचल
सैन्य अभ्यास करेंगे भारत और अमेरिका, चीन बॉर्डर पर बढ़ेगी हलचल
चीनी सीमा (LAC) पर तनाव के बीच भारत और अ��ेरिकी की सेनाएं अक्टूबर में उत्तराखंड के औली में सैन्याभ्यास करेंगी. भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच मिलिट्री एक्सरसाइज का 18वां संस्करण है. यह युद्धाभ्यास एक साल अमेरिका और एक साल भारत में होता है. बीते साल युद्धाभ्यास अमेरिका के अलास्का में किया गया था. इसीलिए इस साल भारत में होने जा रहा है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, रक्षा विभाग के एक सूत्र ने बताया कि…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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Suratgarh : राजस्थान के धोरों में 'युद्ध अभ्यास-2021' में चिनूक के हैरतअंगेज कारनामे, आतंकवाद रोधी अभियानों में शामिल हुआ ये लड़ाकू विमान Divya Sandesh
#Divyasandesh
Suratgarh : राजस्थान के धोरों में 'युद्ध अभ्यास-2021' में चिनूक के हैरतअंगेज कारनामे, आतंकवाद रोधी अभियानों में शामिल हुआ ये लड़ाकू विमान
इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के धोरों में इस समय अमरीकी और भारतीय सेना के बीच संयुक्त सैन्याभ्यास का आयोजन किया जा रहा है। श्रीगंगानर जिले के सूरतगढ़ आर्मी बेस पर संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास ‘युद्ध अभ्यास-2021’ का आज मंगलवार को दूसरा दिन है। दोनों ही सेनाओं ने आज सैन्याभ्यास में भाग लिया है। इस युद्धाभ्यास का ये 16वां संस्करण है। 14 दिवसीय इस युद्धाभ्यास का आयोजन 21 फरवरी तक होगा।
Chinooks in action during Exercise Yudh Abhyas, an annual bilateral joint exercise between Indian Army and US Army, which commenced yesterday in the western sector. The Exercise aims to enhance cooperation and interoperability in Counter-Terrorism operations: Indian Air Force pic.twitter.com/UiOfRsiXnf — ANI (@ANI) February 9, 2021
एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, युद्ध अभ्यास नामक इस एक्सरसाइज में आज भारतीय वायु सेना के व्हीकल लोडिंग और लड़ाकू विमान चिनूक की क्षमताओं का प्रदर्शन किया। भारतीय और अमरीकी सेनाओं के बीच वार्षिक द्विपक्षीय संयुक्त अभ्यास महाजन फायरिंग फील्ड रेंज में आयोजित किया जा रहा है।
अभ्यास के दौरान चिनूक ��ड़ाकू विमानों द्वारा आतंकवाद-रोधी अभियानों में सहयोग करना और सेना के दुर्घटनाग्रस्त या खराब वाहनों को एक जगह से दूसरे जगह ले जाया गया। चिनूक विमानों के इस प्रदर्शन के दौरान नजारा देखने लायक था। भारतीय सेना की दक्षिणी पश्चिमी कमान के अधिकारियों ने बताया कि जैसे जैसे अभ्यास आगे बढ़ता जाएगा वैसे वैसे कई हैरतअंगेज कारनामे देखने को मिलेंगे।
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daytodaycurrentaffaires · 5 years ago
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14वां भारत-नेपाल संयुक्त सैन्याभ्यास सूर्य किरण, 2019 
प्रश्न-3-16 दिसंबर, 2019 के मध्य 14वां भारत-नेपाल संयुक्त सैन्याभ्यास ‘सूर्य किरण’ कहां आयोजित किया जा रहा है?
(a) सालीझंडी
(b) ग्वालियर
(c) जैसलमेर
(d) पिथौरागढ़
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
3-16 दिसंबर, 2019 के मध्य 14वां भारत-नेपाल संयुक्त सैन्याभ्यास ‘सूर्य किरण’ सालीझंडी, नेपाल में आयोजित किया जा रहा है।
इस अभ्यास का उद्देश्य भारतीय सेना और नेपाल सेना के बीच बटालियन स्तर के संयुक्त प्रशिक्षण आयोजित करना है, जिससे वन कल्याण और पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद निरोधी परिचालनों, मानवीय सहायता और आपदा राहत, चिकित्सा, पर्यावरण संरक्षण तथा विमानन पहलुओं में अंतर सक्रियता बढ़ाई जा सके।
सैन्य अभ्यास ‘सूर्य किरण’ एक वार्षिक आयोजन है, जो नेपाल और भारत में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।
इस अभ्यास में दोनों देशों की सेना के 300 सैनिक भाग लेंगे।
ये सैनिक विभिन्न विद्रोह निरोधी तथा आतंकवाद निरोधी परिचालनों के आयोजनों और दोनों देशों की सेनाओं द्वारा विभिन्न मानवीय सहायता मिशनों में अर्जित अपने अनुभवों को साझा करेंगे।
ज्ञातव्य है कि 13वां भारत-नेपाल संयुक्त सैन्याभ्यास ‘सूर्य किरण’ पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) में आयोजित किया गया था।
संबंधित लिंक भी देखें…
https://pib.gov.in/Pressreleaseshare.aspx?PRID=1594720
http://www.uniindia.com/joint-military-exercise-surya-kiran-between-india-nepal-from-dec-3/north/news/1805405.html
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newsofstates · 5 years ago
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मोदी-जिनपिंग की दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक कल, तमिलनाडु के मामल्लापुरम में इन मुद्दों पर होगा मंथन
मोदी-जिनपिंग की दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक कल, तमिलनाडु के मामल्लापुरम में इन मुद्दों पर होगा मंथन
इस सप्ताह के अंत में चीन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक अनेक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों की पृष्ठभूमि में हो रही है. चीन ने कश्मीर मामले पर अपने पूर्ववर्ती रुख से अलग हटते हुए पाकिस्तान का साथ देने का संकेत दिया है. रिपोर्टों के अनुसार, अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में भारत भी इस मसले पर किसी तरह का स्पष्टीकरण नहीं देगा. अरुणाचल प्रदेश में भारत का सैन्याभ्यास भी आंतरिक मुद्दा है. 
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aapnugujarat1 · 5 years ago
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चीन सीमा पर सैन्याभ्यास की रिपोर्ट को भारतीय सेना ने किया खारिज
भारतीय सेना ने शनिवार को उन खबरों का खंडन कर दिया जिसमें कहा जा रहा था कि चीन सीमा पर बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया जा रहा है। सेना के सूत्रों के अनुसार जब सेना से चीन सीमा पर सैन्य अभ्यास के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, इस तरह की खबरें निराधार हैं और उन्हें बताया गया है कि उनका अनुमान गलत है। पहले इस तरह की खबरें थीं कि भारत अरुणाचल प्रदेश में हिम-विजय सैन्य अभ्यास कर रही है। जिसे लेकर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है। चीन ने यह आपत्ति ऐसे समय पर जताई है जब अगले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच चेन्नई में दूसरी अनौपचारिक बैठक होने वाली है। चीन ने इस सैन्य अभ्यास को लेकर कहा था कि इससे दोनों देशों के बीच होने वाली अनौपचारिक बैठक पर असर पड़ सकता है। हालांकि भारतीय अधिकारियों ने उन्हें बताया था कि अभ्यास वास्तविक नियंत्रण रेखा से 100 किलोमीटर दूर हो रहा है। अब इ���े लेकर सेना ने स्पष्टीकरण दिया है। पूर्वी कमान द्वारा बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास को लेकर मीडिया के सवाल के जवाब में सेना ने कहा, सर्दी शुरू होने से पहले और सर्दी के बाद के महीनों के लिए तैयारियां की जाती हैं। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। पूर्वी कमान में इस तरह का सैन्य अभ्यास किया जाता है। हाल ही में 17 कॉर्प्स की स्थापना की है। 17 कॉर्प्स भारतीय सेना की एकमात्र माउंटेन स्ट्राइक कोर है। इसके जवान पर्वतीय क्षेत्र में युद्धाभ्यास करेंगे। ऊंची पर्वत चोटियों के मौसम अनुसार जवानों को ढालने के लिए इस तरह के सान्य अभ्यास किए जाते हैं। सैनिकों को नियमित तौर पर ऊंचाई में युद्ध का प्रशिक्षण दिया जाता है। Read the full article
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doonitedin · 5 years ago
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अरूणांचल प्रदेश में भारतीय सेना का 'हिम विजय'
अरूणांचल प्रदेश में भारतीय सेना का ‘हिम विजय’
भारतीय सेना अरूणांचल प्रदेश में गुप्त रूप से एक सैन्याभ्यास कर रही है. इस अभियान को ऑपरेशन ‘हिम विजय’ नाम दिया गया है जिसका आयोजन भारत-चीन सीमा पर किया जा रहा है. युद्धाभ्यास का मकसद माउंटेन वॉरफेयर की दिशा में नए इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप्स को टेस्ट करना है. इसके लिए एक आईजीबी बनायी जाएगी.
चीन को युद्धाभ्यास से जवाब
बता दें कि हाल ही में चीन ने अपने 70वें सलाना परेड के दौरान अपनी सैन्य ताकत का…
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vocaltv · 2 years ago
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ट्रॉपेक्स बना भारतीय नौसेना का अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास
ट्रॉपेक्स बना भारतीय नौसेना का अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास #TROPEX #IndianNavy
साल 2023 के लिए भारतीय नौसेना का प्रमुख परिचालन स्तरी अभ्यास ट्रॉपेक्स, नवंबर 2022 से मार्च 2023 तक चार महीने की अवधि में IOR में आयोजित किया गया। सैन्याभ्यास इस सप्ताह अरब सागर में सम्पन्न हो गया। समग्र अभ्यास में तटीय रक्षा अभ्यास सी-विजिल और जमीन व जल में अभ्यास एम्फेक्स शामिल थे। साथ में, इन अभ्यासों में भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और तटरक्षक बल की महत्त्वपूर्ण भागीदारी भी रही। अरब सागर और…
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samvadprakriya · 2 years ago
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रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और मिश्र के रक्षा मंत्री जनरल मोहम्मद ज़की ने काहिरा में द्विपक्षीय बातचीत की
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और मिश्र के रक्षा मंत्री जनरल मोहम्मद ज़की ने काहिरा में द्विपक्षीय बातचीत की
रक्षा सम्बंधों को मजबूत बनाने की दिशा में संयुक्त सैन्याभ्यास बढ़ाने और प्रशिक्षण के लिये सैन्यकर्मियों के आदान-प्रदान पर सहमति आपसी हितों के सभी सेक्टरों में रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिये समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 19 सितंबर, 2022 को काहिरा में मिस्र के रक्षा मंत्री जनरल मोहम्मद ज़की के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। श्री राजनाथ सिंह, जो इस समय मिस्र के आधिकारिक दौरे पर…
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realtimesmedia · 4 years ago
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��ीन को लगेगी मिर्ची, रूस में अगले महीने बड़े युद्धाभ्यास में भाग लेगी भारतीय सेना
चीन को लगेगी मिर्ची, रूस में अगले महीने बड़े युद्धाभ्यास में भाग लेगी भारतीय सेना
नई दिल्ली। भारत (India) और चीन (China) के बीच जारी तनाव के बीच भारतीय सेना (Indian Army) के इस कदम से चीन को मिर्ची लगनी तय है। चीन का रूस के साथ हाल के दिनों में नजदीकी बढ़ाने की कोशिश को इसके बाद झटका लगनेवाला है। भारत अगले महीने रूस (Russia) में आयोजित होने वाले एक बहुपक्षीय युद्धाभ्यास में अपनी तीनों सेनाओं की एक टुकड़ी भेजेगा।
यह कोरोनावायरस महामारी सामने आने के बाद किसी विशाल सैन्याभ्यास…
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wisdomras · 6 years ago
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September  Weekly Current Affairs in Hindi for IAS RAS PRE+ MAINS- 2018-19 BY WISDOM IAS
जन-धन योजना ओपन-एंडेड योजना घोषित  
   प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन। (समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।)
चर्चा में क्यों?
मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) को उच्च बीमा कवर के साथ ओवरड्राफ्ट (ओडी) सुविधा को दोगुना करने तथा इसे ओपन-एंडेड योजना में बदलने की मंज़ूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु 
केंद्र ने “प्रत्येक घर” से “सभी वयस्क व्यक्तियों” को इस योजना से जोड़ने पर ज़ोर दिया है।
उल्लेखनीय है कि पीएमजेडीवाई अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल रही है और केंद्र ने इसे ओपन एंडेड घोषित करने का फैसला किया है तथा ओडी की मौजूदा सीमा को  ₹ 5,000 से बढ़ाकर ₹ ​​10,000 तक किया गया है।
ओपन एंडेड योजना
ऐसी म्यूचुअल फंड योजनाएँ जो हमेशा निवेश के लिये उपलब्ध होती हैं तथा इनमें किये गए निवेश को भुनाने के लिये कोई तय अवधि नहीं होती ओपन एंडेड योजनाएँ कहलाती हैं।
वहीं, क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड योजनाएँ निवेश के लिये एक सीमित अवधि तक ही खुली रहती हैं और उसके बाद इनमें सीधे निवेश नहीं किया जा सकता।
यह कदम पीएमजेडीवाई को जारी रखने के लिये उठाया गया है, जिसे वित्तीय समावेशन पर राष्ट्रीय मिशन के नाम से भी जाना जाता है।
इसके अलावा, ₹ 2,000 तक के किसी भी ओवरड्राफ्ट के लिये कोई शर्त नहीं की होगी साथ ही ओडी सुविधा का लाभ उठाने के लिये आयु सीमा 18-60 साल को बढ़ाकर 18-65 वर्ष तक की गई है।
नए रुपे कार्डधारकों के लिये दुर्घटना बीमा कवर को ₹ 2 लाख तक बढ़ा दिया गया है।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) के बारे में 
पीएमजेडीवाई का उद्देश्य वंचित वर्गो जैसे- कमजोर वर्गों और कम आय वर्गो को विभिन्न वित्तीय सेवाएँ यथा- मूल बचत बैंक खाते की उपलब्धता, आवश्यकता आधारित ऋण की उपलब्धता, विप्रेषण सुविधा, बीमा तथा पेंशन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना ह���।
किफ़ायती लागत पर व्यापक प्रसार केवल प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग से ही संभव है।
पीएमजेडीवाई ��ित्तीय समावेशन संबंधी राष्ट्रीय मिशन है, जिसमें देश के सभी परिवारों के व्यापक वित्तीय समावेशन के लिये एकीकृत दृष्टिकोण शामिल है।
इस योजना में प्रत्येक परिवार के लिये कम-से-कम एक मूल बैंकिंग खाता, वित्तीय साक्षारता, ऋण की उपलब्धता, बीमा तथा पेंशन सुविधा सहित सभी बैंकिंग सुविधाएँ उपलब्ध कराने की अभिकल्पना की गई है।
इसके अलावा, लाभार्थियों को रूपे डेबिट कार्ड दिया जाएगा जिसमें एक लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर शामिल है।
इस योजना में सभी सरकारी (केंद्र/राज्य/स्थानीय निकाय से प्राप्त होने वाले) लाभों को लाभार्थियों के खातों से जोड़ने तथा केंद्र सरकार की प्रत्यक्ष लाभांतरण (डीबीटी) योजना को आगे बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।
टेलिकॉम आपरेटरों के ज़रिये मोबाइल बैंकिंग तथा नकद आहरण केंद्र के रूप में उनके स्थापित केंद्रों का इस योजना के अंतर्गत वित्तीय समावेशन हेतु प्रयोग किये जाने की योजना है।
पीएमजेडीवाई के अंतर्गत ₹ 81.2 करोड़ रुपए की जमाराशि के साथ अब तक 32.41 करोड़ खाते खोले गए हैं।
पीएमजेडीवाई के अंतर्गत खाताधारकों में लगभग 53 प्रतिशत महिलाएँ हैं और उनमें भी अधिकांश ग्रामीण और अर्द्ध-ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित हैं।
स्रोत : द हिंदू 
  भारत-अफ्रीका संबंध:  अफ्रीका में भारत की बढ़ती पैठ
    प्रधानमंत्री की हाल ही की तीन अफ्रीकी देशों रवांडा, युगांडा और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा समझौतों और उपलब्धियों से भरी रही है। इस यात्रा के दौरान उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में संपन्न ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लिया, और अफ्रीका में भारत की वचनबद्धता के 10 मूलभूत सिद्धांतों को भी स्पष्ट किया। नई रणनीति भारत-अफ्रीका के ऐतिहासिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों पर आधारित है। इसका मुख्य केन्द्र पूर्वी अफ्रीका है, जिसे दूसरे शब्दों में हम हिन्द-प्रशांत महासागर की पश्चिमी सीमा कह सकते हैं। भारत की सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ यह भारतीय सामान और सेवाओं के लिए बाजार तैयार करने एवं भारत की वैश्विक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति हेतु नई संधियों की दृष्टि से अनुकूल है।
इस क्षेत्र में अपनी पैठ बनाकर भारत अफ्रीका के विकास में चीन से अलग अपना स्थान बना सकता है। हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के बहुत से देश चीन के भार से दबे हुए हैं। ऐसे में भारत ने अफ्रीका के विकास और प्रसार के लिए निजी क्षेत्र की साझेदारी को सर्वोपरि रखा है। भारत को अंग्रेजी भाषा के कारण अफ्रीकी देशों में प्रशिक्षण और शोध करने का लाभ भी मिलता है। भारत ने भारत-अफ्रीका फोरम की एक श्रृंखला भी शुरू की है, ��र वह जापान के साथ मिलकर एशिया-अफ्रीका विकास गलियारे पर भी काम कर रहा है। विडंबना यह है कि भारत से आने वाली विकास निधि चीन की तरह के ऋण पैटर्न पर ही अफ्रीका पहुँच रही है। इसकी संवितरण की दर चीन की तुलना में काफी कम है।
इस यात्रा में प्रधानमंत्री का पहला पड़ाव रवांडा रहा। यह अफ्रीकी यूनियन की अध्यक्षता करने वाला तथा अफ्रीका की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में तीसरे नंबर का देश है। इस देश पर पश्चिमी देशों का काफी प्रभाव है। रवांडा ने वन बेल्ट वन रोड समझौते में शामिल होने के साथ ही चीन की 15 बड़ी परियोजनाओं पर काम की शुरूआत कर दी है। यह अफ्रीका में भारत के प्रवेश की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण देश है, और यही कारण है कि भारत ने इसके साथ कई रणनीतिक समझौते किए हैं। प्रधानमंत्री ने रवांडा में उच्चायोग की स्थापना की भी घोषणा की है।
प्रधानमंत्री ने अपने दूसरे पड़ाव युगांडा को भी अनेक योजनाओं में सहयोग करने का प्रस्ताव दिया है। यह देश छः पूर्वी अफ्रीकी देशों के समूहों की अध्यक्षता करता है, और भारत के व्यापार को बढ़ाने की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भारत के लिए अफ्रीकी देश, प्राथमिक देशों में से एक हैं, और भारत उनके साथ ऐसे समझौते करना चाहता है, जो भविष्य को कुंठित करने की जगह उनका विकास करें।
भारत-अफ्रीका संबंधों में एक ओर तो स्पष्टता बढ़ती जा रही है, लेकिन दूसरी ओर इनके कार्यान्वयन की क्षमता पर संदेह उत्पन्न होता है। चीन की तुलना में भारत से अफ्रीका पहुँचने वाली विकास निधि के संवितरण की दर धीमी है। 2017- 18 में भारत से मात्र 4 प्रतिशत अनुदान की ही प्रतिबद्धता दिखाई गई। भारत ने निजी क्षेत्र की जिन कंपनियों को अफ्रीका में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए सब्सिडी दी है, उन कंपनियों ने घोषणा के एक वर्ष बाद भी काम शुरू नहीं किया है। ये कुछ बड़े अवरोध हैं, जिन्हें दूर किए जाने की आवश्यकता है, तभी भारत अन्य देशों को भी विश्वास दिला सकेगा कि वह विश्वसनीय सेवा-प्रदाता है।
मिशन होप
  हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में मिशन पर भेजने हेतु अपने पहले दो अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया है।
हज्ज़ा अल-मंसौरी (Hazza al-Mansouri) और सुल्तान अल-नेदी (Sultan al-Neyadi) को UAE के इस अंतरिक्ष मिशन के लिये चुना गया है।
तेल समृद्ध UAE ने पहले ही यह घोषणा कर दी थी कि वह 2021 तक मंगल ग्रह की कक्षा में मानव रहित यान भेजेगा और इस तरह का मिशन शुरू करने वाला पहला अरब देश बनेगा।
UAE द्वारा इस मिशन को ‘होप’ नाम दिया गया है।
UAE के इस कार्यक्��म की अनुमानित लागत 20 बिलियन दिरहम (5.4 बिलियन डॉलर) है।
अंतरिक्ष यात्री कार्यक्रम शुरू करने के साथ ही UAE अंतरिक्ष में यात्री भेजने वाले मध्य पूर्व के कुछ चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व सऊदी अरब के सुल्तान बिन सलमान अल-सऊद अंतरिक्ष में गए थे।
‘स्पेस एलिवेटर’
जापान में वैज्ञानिकों की एक टीम ने स्पेस एलिवेटर (लिफ्ट) विकसित किया है जिसका प्रयोग जल्दी ही किया जा सकता है।
शिज़ुका विश्वविद्यालय के शोधकर्त्ताओं द्वारा विकसित परीक्षण उपकरण को दक्षिणी द्वीप तनेगाशिमा (Tanegashima) से जापान की अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा H-2B रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाएगा।
परीक्षण में 6 सेमी. लंबे, 3 सेमी. चौड़े और 3 सेमी. ऊँचाई वाले एक डिब्बे के भीतर एक छोटा एलिवेटर स्टैंड शामिल है।
यदि यह परीक्षण सफल रहा तो अंतरिक्ष में दो मिनी सैटेलाइट्स के बीच 10 मीटर लंबाई तक का केबल लगाया जा सकेगा जिससे दोनों सैटेलाइट एक-दूसरे से अच्छी तरह संपर्क में रहेंगे।
एलिवेटर बॉक्स की प्रत्येक गतिविधि पर नज़र रखने के लिये सैटेलाइट में कैमरे भी लगाए जाएंगे।
अंतरिक्ष में एलिवेटर का विचार पहली बार रूस के वैज्ञानिक कॉन्स्टानटिन तॉसिल्कोवास्की (Konstantin Tsiolkovsky) ने 1895 में दिया था उन्होंने यह विचार एफिल टावर को देखने के बाद दिया था। उसके एक सदी बाद ऑर्थर सी क्लार्क (Arthur C. Clarke) ने अपने उपन्��ास में भी इस विचार को दोहराया था।
जापान की निर्माण कंपनी ओबायाशी वर्ष 2050 तक स्वयं द्वारा निर्मित एलिवेटर के माध्यम से इंसान को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रही है।
आरिफ़ रहमान अल्वी
  पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (PTI) पार्टी के डॉ. आरिफ़ रहमान अल्वी को पाकिस्तान के 13वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया है।
डॉ. आरिफ़ ने पीएमएल-एन समर्थित उम्मीदवार मुत्ताहिद मजलिस-ए-अमाल (MMA) के प्रमुख फ़ज़लुर्रहमान और PPP के वरिष्ठ नेता ऐताज़ एहसान को हराकर यह चुनाव जीता है।
काज़ींड
  संयुक्त सैन्याभ्यास ‘काज़ींड’ (KAZIND) कज़ाखस्तान के ओतर क्षेत्र में 10 से 23 सितंबर 2018 तक भारतीय और कज़ाखस्तान की सेना के बीच आयोजित किया जाएगा।
यह दोनों देशों के बीच तीसरा संयुक्त सैन्याभ्यास है ।
इस सैन्याभ्यास का दूसरा संस्करण पिछले वर्ष भारत में आयोजित किया गया था।
इस अभ्यास का उद्देश्य कज़ाखस्तान और भारतीय सेना के बीच सैन्य संबंधों और विनि��य कौशल तथा अनुभवों के लिये द्विपक्षीय सेना के निर्माण और प्रसार को बढ़ावा देना है।
  जीएम सरसों के परीक्षण संबंधी निर्णय पर रोक
  हाल ही में देश में आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों के संबंध में निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय जेनेटिक इंजीनियरिंग अनुमोदन समिति ने मधुमक्खियों की आबादी पर जीएम सरसों के प्रभाव का अध्ययन करने के लिये परीक्षणों को अनुमति देने वाले निर्णयों पर रोक लगा दी है।
समिति के दो सदस्यों द्वारा दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर जेनेटिक मैनिपुलेशन ऑफ क्रॉप (CGMCP) के प्रोटोकॉल के बारे में चिंता व्यक्त करने के कारण इस निर्णय को रोका गया है।
GEAC को प्रस्तुत किये गए अपने आवेदन में CGMCP ने लुधियाना के पंजाब कृषि विश्वविद्यालय और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में मधुमक्खियों पर अध्ययन करने के लिये अपने प्रस्ताव को आगे बढ़ाया ताकि वह तिलहनी फसलों में परागण के साथ-साथ शहद के उत्पादन में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कीटों पर अपने ट्रांसजेनिक सरसों की प्रजाति, DMH -11 के प्रभावों का अध्ययन कर सके।
जीएम फसल 
जीएम फसल, उन फसलों को कहा जाता है जिनके जीन को वैज्ञानिक तरीके से रूपांतरित किया जाता है।
ऐसा इसलिये किया जाता है ताकि फसल की उत्पादकता में वृद्धि हो सके तथा फसल को कीट प्रतिरोधी अथवा सूखा रोधी बनाया जा सके।
DMH-11
Dhara Mustard Hybrid-11 या DMH-11 सरसों की एक किस्म है जिसका विकास दिल्ली विश्वविद्यालय के NAAS सदस्य, दीपक पेंटल द्वारा किया गया है।
इसे वरुण नामक पारंपरिक सरसों की प्रजाति को पूर्वी यूरोप की एक प्रजाति के साथ क्रॉस कराकर तैयार किया गया है।
यदि इस किस्म को अनुमोदित किया जाता है, तो यह भारतीय क्षेत्रों में विकसित होने वाली पहली ट्रांसजेनिक खाद्य फसल होगी।
दवा प्रतिरोधी सुपरबग
  हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों द्वारा चेतावनी दी गई है कि एक सुपरबग जो सभी ज्ञात एंटीबायोटिक दवाओं का प्रतिरोधी है तथा गंभीर संक्रमण यहाँ तक कि मौत का भी कारण बन सकता है, दुनिया भर के अस्पतालों के वार्डों में अज्ञात रूप से फ़ैल रहा है।
मेलबर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्त्ताओं ने 10 देशों से प्राप्त नमूनों का अध्ययन किया तथा मल्टीड्रग-प्रतिरोधी बग के तीन प्रकारों की खोज की, जिन्हें वर्तमान में बाज़ार में उपलब्ध किसी भी दवा द्वारा विश्वसनीय रूप से नियंत्रित नहीं किया ��ा सकता है।
बैक्टीरिया, जिसे स्टाफिलोकोकस एपिडर्मिडिस (Staphylococcus epidermidis) के नाम से जाना जाता है, पहले से ज्ञात और अधिक घातक सुपरबग MRSA से संबंधित है।
यह स्वाभाविक रूप से मानव त्वचा पर पाया जाता है और आमतौर पर बुजुर्गों या मरीजों को संक्रमित करता है।
यह अध्ययन नेचर माइक्रोबायोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया।
MRSA
मेथिसिलिन- रेसिस्टेंट स्टाफिलोकोकस ऑरियस (Methicillin-resistant Staphylococcus Aureus- MRSA) एक जीवाणु है जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में संक्रमण का कारण बनता है।
इंडियन रुफ्ड टर्टल
कुछ माह पूर्व पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी ज़िले में एक मंदिर के तालाब में श्रद्धालुओं द्वारा फेंके गए तेल, अगरबत्ती, फूल और अन्य वस्तुओं के कारण उस तालाब का प्रदूषित होने से इसमें रहने वाले इंडियन रुफ्ड टर्टल Indian Roofed Turtle (Pangshura tecta) की एक छोटी आबादी का जीवन संकट में पड़ गया था।
एक अभिनव विचार ने तालाब में प्रदूषण को कम करने में मदद की है। इस विचार के तहत भगवन विष्णु की कुर्म (कछुआ) अवतार की मूर्ति को तालाब के समीप स्थापित किया गया है।
इंडियन रुफ्ड टर्टल
इंडियन रुफ्ड टर्टल (Pangshura tecta) जियोमेडिडे (Geoemydidae) कुल के कछुए की एक प्रजाति है।
इसे खोल के शीर्ष भाग में स्थित अलग “छत” द्वारा वर्गीकृत किया जा सकता है। यह दक्षिण एशिया की प्रमुख नदियों में पाया जाता है।
यह भारतीय उपमहाद्वीप में एक आम पालतू जानवर है।
वर्ष 2000 में इसे IUCN की रेड लिस्ट में कम चिंतनीय (least concern) श्रेणी के अंतर्गत रखा गया।
      भारतीय प्रतिप्रतिस्पर्द्धा आयोग
हाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (Competition Commission of India- CCI) ने राष्ट्रीय राजधानी में सुपर स्पेशियल्टी अस्पतालों द्वारा चिकित्सा उत्पादों एवं सेवाओं की अनुचित कीमत वसूलने की आशंकाओं की जाँच कराने का फैसला किया है।
CCI ने प्रतिप्रतिस्पर्द्धा कानून 2002 की धारा 3 और 4 के प्रावधानों के कथित उल्लंघन के मामले में आयोग के महानिदेशक द्वारा की गई जाँच के बाद सौंपी रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में प्राइवेट सुपर स्पेशियल्टी अस्पतालों द्वारा अनुचित मूल्य वसूलने का मामला सामने आया था।
भारतीय प्रतिप्रतिस्पर्द्धा आयोग के बारे में
भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI) का गठन केंद्र सरकार द्वारा 14 अक्तूबर, 2003 को किया गया था।
CCI में केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष तथा 6 सदस्य शामिल होते हैं।
CCI के कर्त्तव्य 
प्रतिस्पर्द्धा पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव वाले व्यवहारों को समाप्त करना।
प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देना तथा उसे सतत्‌रूप से बनाए रखना।
उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना।
भारतीय बाज़ारों में व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना।
आयोग से विधि के अंतर्गत स्थापित किसी भी सांविधिक प्राधिकरण से प्राप्त होने वाले प्रतिप्रतिस्पर्द्धा संबंधी मुद्‌दों पर अपनी राय देना तथा प्रतिस्पर्द्धा के संबंध में परामर्श आरंभ करना, प्रतिस्पर्द्धा के मुद्‌दों पर जन-जागरूकता पैदा करना और प्रशिक्षण देना भी अपेक्षित है।
पिच टू मूव
हाल ही में ‘पिच टू मूव’ प्रतियोगिता के अंतिम दौर का आयोजन नई दिल्ली स्थित विज्ञान विज्ञान भवन में किया गया।
पिच टू मूव प्रतियोगिता का आयोजन वैश्विक गतिशीलता सम्‍मेलन के हिस्‍से के रूप में नीति आयोग और भारतीय आटोमोबाइल निर्माता संघ (Society of Indian Automobile Manufacturers- SIAM) की ओर से संयुक्‍त रूप से किया गया।
प्रतियोगिता के अंतिम दौर में मोबिलिटी से संबंधित 32 स्टार्ट-अप ने उद्योग विशेषज्ञों और उपक्रम निवेशकों के निर्णायक मंडल के समक्ष अपने-अपने विचार रखे।
विचार और विकास के स्तर पर स्टार्ट-अप समूह से दो विजेताओं का चयन किया गया।
विकास स्तर के स्टार्ट-अप वर्ग से ‘मोबिसी’ नामक डॉकलेस बाइक शेयरिंग ऐप को विजेता चुना गया जबकि विचार स्तर पर एनड्रॉयड आधारित टिकट संबंधी सुविधा ‘जर्नी’ को विजेता चुना गया।
प्रतियोगिता में देशभर के उन सभी नवोदित स्‍टार्ट-अप्‍स प्रतिभागियों ने भाग लिया जो कारोबार से जुड़े नए विचारों को निर्णायक मंडल के समक्ष पेश करने के इच्‍छुक थे।
डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह
डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह को एक बार फिर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के क्षेत्रीय निदेशक के रूप में निर्वाचित किया गया है। इसके साथ ही भारत ने दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में WHO के सर्वोच्‍च पद को बरकरार रखा है। उल्लेखनीय है कि डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह का आगामी कार्यकाल फरवरी 2019 से प्रारंभ होगा।
यह निर्वाचन WHO के दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय समिति की बैठक में हुआ।
डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह 1 फरवरी, 2014 को दक्षिण-पूर्व एशिया के WHO के क्षेत्रीय निदेशक का पद ग्रहण करने वाली प्रथम महिला बनीं।
उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा के सदस्य के रूप में भारत में दो दशकों तक सेवा की।
1987 में वह विश्व बैंक के स्वास्थ्य, जनसंख्या और पोषण विभाग के लिये चुनी गईं।
डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने 2000 से 2013 तक दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लिये WHO के उप क्षेत्रीय निदेशक के रूप में भी कार्य किया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन 
विश्व स्वास्थ्य संगठन विश्व के देशों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर आपसी सहयोग एवं मानक विकसित करने की एक महत्त्वपूर्ण संस्था है।
इस संस्था की स्थापना 7 अप्रैल, 1948 में की गई थी।
यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक आनुषंगिक इकाई है तथा  इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा शहर में स्थित है।
विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन का दक्षिण पूर्व-एशिया क्षेत्र
विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की स्‍थापना 1948 में की गई थी। यह WHO के छह क्षेत्रीय संगठनों में पहला था।
WHO के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में 11 सदस्‍य देश-भारत, बांग्‍लादेश, भूटान, कोरिया लोकतांत्रिक गणराज्‍य, इंडोनेशिया, मालदीव, म्‍याँमार, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड और तिमोर लेस्‍ते शामिल हैं।
इसका मुख्‍यालय नई दिल्‍ली में है।
  एशियाई खेल और भारत
  चर्चा में क्यों?
18वें एशियाई खेलों (एशियन खेलों) का आयोजन इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में 18 अगस्त से 2 सितंबर तक किया गया। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि एशियाई खेलों में भारत का अब तक का यह सर्वश्रेठ प्रदर्शन माना जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
इससे पहले वर्ष 1962 में जकार्ता में इन खेलों का आयोजन किया गया था। एशियाई खेल- 2018 का आयोजन इंडोनेशिया के जकार्ता और पालेमबांग में किया जा रहा है, गौरतलब है कि यह पहली बार है जब एशियाई खेलों का आयोजन दो शहरों में किया जा रहा है।
एशियाई खेल- 2018 के उद्घाटन समारोह में भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने भारतीय दल की अगुवाई की, जबकि समापन समारोह में भारत की ध्वजवाहक भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल थी।
एशियाई खेलों को एशियाड नाम से भी जाना जाता है। इसका आयोजन प्रत्येक चार वर्ष में किया जाता है।
18वें एशियाई खेलों के तीन शुभंकर भिन-भिन (स्वर्ग की चिड़िया), अतुंग (एक हिरण) और काका (एक गैंडा) है।
इन तीन शुभंकरों ने एक शुभंकर द्रावा का स्थान लिया है। ये तीनों शुभंकर देश के पूर्वी, पश्चिमी और मध्य क्षेत्र ��ा प्रतिनिधित्व करते हैं।
उल्लेखनीय है कि 19वें एशियाई खेलों का आयोजन वर्ष 2022 में चीन के हांगझोऊ (झेजियांग) शहर में होगा।
एशियाई खेलों में भारतीय खिलाड़ियों की उपलब्धियाँ 
भारतीय खिलाड़ियों ने 18वें एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए 15 स्वर्ण, 24 रजत और 30 कांस्य पदकों सहित कुल 69 पदक देश के नाम किये और इस तरह भारत पदक तालिका में आठवें स्थान पर रहा।
उल्लेखनीय है कि इस प्रदर्शन के साथ ही भारत ने 2010 में सबसे ज्यादा पदक हासिल करने के 2010 के अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
हरियाणा के झज्जर ज़िले के 24 वर्षीय भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने 18वें एशियाई खेलों के पहले ही दिन देश के लिये पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
ब्रिज शतरंज इनडोर खेल में 60 वर्षीय प्रणब बर्धन एवं 56 वर्षीय शिवनाथ सरकार ने स्वर्ण पदक हासिल किया और इस प्रकार 18वें एशियाई खेलों में पदक जीतने वाले वे सबसे उम्रदराज व्यक्ति बन गए।
इसके अलावा 16 वर्षीय सौरभ चौधरी ने 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में भारत के लिये स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। साथ ही वह एशियाई खेलों में सबसे कम उम्र में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी बने।
राही सरनोबत ने 25 मीटर पिस्टल इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया और इसी के साथ एशियाई खेल में निशानेबाजी में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई।
भारत की स्वप्ना बर्मन ने एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता, इस स्पर्द्धा  में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली वह भारतीय हैं।
इसके साथ ही विनेश फोगाट ने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली ���ारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचा।
इसके अलावा, प्रमुख रूप से स्वर्ण पदक हासिल करने वालों में पंजाब के एथलीट अपरिंदर सिंह (ट्रिपल जंप),  तेजिंदरपाल सिंह तूर (पुरुषों की शॉटपुट स्पर्द्धा), मनजीत सिंह (800 मीटर रेस), रोहन बोपन्ना और दिविज शरन (टेनिस में पुरुष युगल प्रतिस्पर्द्धा), धावक जिनसन जॉनसन (पुरुषों की 1500 मीटर स्पर्द्धा ) शामिल हैं।
साथ ही भारतीय धाविका हिमा दास ने महिला 400 मीटर में नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ रजत पदक जीता। उल्लेखनीय है कि उन्होंने इस जीत के साथ अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा है।
एशियाई खेलों में पारंपरिक मार्शल आर्ट कुराश में भारत की पिंकी बल्हारा ने महिलाओं के 52 किग्रा. वर्ग में रजत पदक जीता।
बैडमिंटन में पी.वी. सिंधु ने रजत पदक हासिल किया वे एशियाई खेलों में बैडमिंटन में रजत पदक जीतने वाली प्रथम भारतीय बनी।
महिला 200 मीटर दौड़ में एथलेटिक्स दुती चंद ने रजत पदक जीता।
उल्लेखनीय है कि फ़वाद मिर्जा एशियाई खेलों की घुड़सवारी प्रतियोगिता में 1982 के बाद व्यक्तिगत रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने।
एशियाई खेलों में 15 साल के शूटर शार्दुल विहान ने डबल ट्रैप स्पर्द्धा  में रजत पदक हासिल किया।
एशियाई खेलों में भारतीय महिला कबड्डी टीम ने रजत, जबकि पुरुष कबड्डी टीम ने कांस्य पदक हासिल किया।
साथ ही महिला ��ॉकी टीम ने रजत पदक जबकि पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता।
    पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री का महत्त्व
संदर्भ
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री (Public Credit Registry- PCR) स्थापित करने का मुद्दा उठाया था जिसमें अद्वितीय पहचानकर्त्ता के रूप में व्यक्तिगत उधारकर्ताओं के लिये आधार और फर्मों हेतु कॉर्पोरेट पहचान संख्या शामिल थी। साथ ही यह सुझाव भी दिया गया था कि इस रजिस्ट्री में ऋण से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियों का संग्रह किया जाए ताकि आवश्यकता पड़ने पर उधारकर्त्ता से संबंधित डेटा को बैंकों जैसे हितधारकों को उपलब्ध कराया जा सके।
पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री क्या है?
पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री एक सूचना भंडार है जो व्यक्तियों और कॉर्पोरेट उधारकर्ताओं के सभी प्रकार के ऋणों से संबंधित जानकारियों के संग्रहण का कार्य करती है।
क्रेडिट का संग्रहण बैंकों को खराब और अच्छे उधारकर्ता के बीच अंतर स्थापित करने में मदद करता है जिसके अनुसार बैंक अच्छे उधारकर्ताओं को आकर्षक ब्याज दरें प्रदान करता है और खराब उधारकर्ताओं के लिये उच्च ब्याज दरें निर्धारित करता है।
PCR के लाभ
PCR के माध्यम से सूचना विषमता जैसी समस्याओं को हल किया जा सकेगा, ऋण उपलब्धता की स्थिति में सुधार होगा और उपभोक्ताओं के बीच क्रेडिट संस्कृति मजबूत होगी।
इससे बैंकों में चल रही बैड लोन की समस्या को हल करने में भी सहायता मिल सकती है, क्योंकि कॉर्पोरेट देनदार मौजूदा ऋण का खुलासा किये बिना बैंकों से उधार लेने में सक्षम नहीं होंगे।
PCR, वैश्विक व्यापार सुगमता सूचकांक में भारत की रैंक सुधारने में भी मदद कर सकता है।
PCR की स्थापना से विश्व बैंक के ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस सूचकांक में भारत की रैंकिंग में सुधार करने में भी सहायता मिलेगी।
PCR ज़रूरी क्यों है?
वर्तमान में ऋण से संबंधित जानकारी बिट्स और टुकडों में तथा कई माध्यमों के ज़रिये उपलब्ध हो पाती है, न कि केवल एक ही प्रणाली में इसलिये ऋण से संबंधित सभी जानकारियों को एक ही स्थान पर उपलब्ध कराए जाने के लिये PCR आवश्यक है।
बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, कॉर्पोरेट बॉण्ड या बाज़ार से डिबेंचरों, विदेशी वाणिज्यिक उधार, विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉण्ड, मसाला बॉण्ड और अंतर-कॉर्पोरेट उधार से संबंधित जानकारी किसी संग्रहण में उपलब्ध नहीं है। PCR स्थापित किये जाने से ये सभी जानकारियाँ उपलब्ध हो सकेंगी।
PCR के माध्यम से एक उधारकर्त्ता के बारे में सभी प्रासंगिक जानकारियों को एक ही स्थान पर संग्रहीत किया जा सकेगा।
यह अन्य ऋणों के संबंध में उधारकर्त्ता के प्रदर्शन को ट्रैक करके उसकी संपत्ति की गुणवत्ता के बारे में प्रारंभिक चेतावनियाँ जारी ��र सकता है।
अन्य देशों में PCR की स्थिति
वर्तमान समय में अन्य देशों के PCR में लेन-देन से संबंधित अन्य आँकड़ों को भी शामिल किया गया है, जैसे कि खुदरा उपभोक्ताओं के लिये बिजली और दूरसंचार के भुगतान से संबंधित आँकड़े और व्यवसायियों के व्यापार ऋण से संबंधित आँकड़े।
यह व्यापार लेन-देन में ग्राहकों की क्रेडिट गुणवत्ता का संकेत प्रदान करती है।
निष्कर्ष
ऋण विवरण और पूर्व में किये गए भुगतान की जानकारी उपलब्ध होने से उधार देने की प्रक्रिया में नवीनता आएगी। उदाहरण के लिये, वर्तमान में अधिकांश बैंक ऋण देने हेतु बड़ी कंपनियों की ओर ध्यान केंद्रित करते हैं जिसके परिणामस्वरूप सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के पास उधार लेने के लिये सीमित विकल्प ही उपलब्ध हो पाते हैं।
PCR, पूर्व में किये गए संतोषजनक भुगतान और ऋण से संबंधित विधिमान्य विवरण उपलब्ध कराने के साथ ही सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिये ऋण की उपलब्धता में वृद्धि करेगा। यह वित्तीय समावेशन की नीति का भी समर्थन करेगा।
  स्रोत: द हिंदू (बिज़नेस लाइन) एवं द हिंदू, PIB, jagaran, ET, TOI, BS.
    कृष्ण कुटीर
  कृष्ण कुटीर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा मंत्रालय की स्वाधार गृह योजना के तहत 1000 विधवाओं के लिये निर्मित एक विशेष गृह है और किसी सरकारी संगठन द्वारा सृजित अपनी तरह का अब तक का सबसे बड़ा सुविधा केंद्र है।
विधवाओं हेतु गृह ‘कृष्ण कुटीर’ का निर्माण उत्तर प्रदेश स्थित मथुरा के वृंदावन में राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (NBCC) द्वारा 57.48 करोड़ रुपए (भूमि की लागत सहित) की लागत से 1.4 हेक्टेयर भूमि पर किया गया है।
इसके निर्माण हेतु वित्तपोषण केंद्र सरकार द्वारा किया गया है और इसका प्रबंधन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया जाएगा।
चौथा अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेद कॉन्ग्रेस
  आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद येस्सो नाइक नीदरलैंड में चौथे अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद कॉन्ग्रेस का उद्घाटन करेंगे।
1-4 सितंबर, 2018 तक चलने वाली इस कॉन्ग्रेस का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय महर्षि आयुर्वेद फाउंडेशन, नीदरलैंड; अखिल भारतीय आयुर्वेदिक कॉन्ग्रेस, नई दिल्ली एवं अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेद अकादमी, पुणे द्वारा नीदरलैंड में भारतीय दूतावास के सहयोग से संयुक्त रूप से किया जा रहा है
यह कॉन्ग्रेस नीदरलैंड एवं यूरोप को उसके पड़ोसी देशो��� में आयुर्वेद के संवर्द्धन एवं प्रचार पर फोकस करेगी।
भारतीय दूतावास द्वारा ‘आयुर्वेद सहित स्वास्थ्य देखभाल में भारत-नीदरलैंड सहयोग’ विषय पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन 3 सितंबर, 2018 को किया जाएगा।
इस संगोष्ठी को आयुष मंत्री और नीदरलैंड के मे��िकल केयर एवं स्पोर्ट मंत्री ब्रुनो ब्रुनीस द्वारा संयुक्त रूप से संबोधित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने किया पशुपतिनाथ धर्मशाला का उद्घाटन
  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री श्री के.पी. ओली के साथ काठमांडू में संयुक्त रूप से पशुपतिनाथ धर्मशाला का उद्घाटन किया।
यह धर्मशाला भारत-नेपाल मैत्री की प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में पशुपतिनाथ, मुक्तिनाथ एवं जानकी धाम के मंदिरों का उल्लेख किया।
उल्लेखनीय है कि ये तीनों मंदिर नेपाल में अवस्थित हैं।
वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली नेपाल यात्रा के दौरान इस धर्मशाला के निर्माण का ऐलान किया था।
वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत
  केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने वित्त वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही के लिये जीडीपी के अनुमान जारी किये।
जीडीपी वृद्धि दर वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही में 8.2 प्रतिशत रही जो वित्त वर्ष 2017-18 की अंतिम तिमाही में दर्ज की गई 7.7 प्रतिशत के मुकाबले और ज्यादा बेहतरी को दर्शाती है।
इस विकास का आधार काफी व्यापक है और यह उपभोग व्यय में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि तथा नियत (फिक्स्ड) निवेश में 10.0 प्रतिशत की बढ़ोतरी की बदौलत संभव हो पाया है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO)
विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों के सांख्यिकीय गतिविधियों के मध्य समन्वयन एवं सांख्यिकीय मानकों के संवर्द्धन हेतु मई 1951 में ‘केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय’ (CSO) की स्थापना की गई थी।
यह राष्ट्रीय खातों को तैयार करने, औद्योगिक आँकडों को संकलित एवं प्रकाशित करने के साथ-साथ ही आर्थिक जनगणना एवं सर्वेक्षण कार्य भी आयोजित करता है।
यह देश में सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) की सांख्यिकीय निगरानी के लिये भी उत्तरदायी है।
प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सलाहकार परिषद (PM-STIAC)
  हाल ही में केंद्र सरकार ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से संबंधित नीतिगत मामलों पर सलाह देने के लिये  एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
PM-STIAC (Prime Minister’s Science, Technology and Innovation Advisory Council) के रूप में नामित 21 सदस्यीय समिति, जिसमें एक दर्जन सदस्य विशेष रूप से आमंत्रित हैं, की अध्यक्षता मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के. विजय राघवन करेंगे।
इस परिषद के 9 प्रमुख सदस्य – वी.के. सारस्वत (DRDO के पूर्व प्रमुख, तथा नीति आयोग के सदस्य), ए.एस. किरण कुमार (ISRO के पूर्व अध्यक्ष), बाबा कल्याणी (भारत फोर्ज के MD), प्रो. संघमित्र बंदोपाध्याय (भारतीय सांख्यिकी संस्थान के निदेशक), मंजुल भार्ग��� (प्रिंसटन यूनिवर्सिटी अमेरिका के प्रोफेसर तथा गणित के फील्ड मेडल विजेता), प्रो. अजय कुमार सूद (भारतीय विज्ञान संस्थान बंगलूरू के प्रोफ़ेसर), मेजर जनरल माधुरी कानितकर (आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज की डीन), सुभाष काक (ओक्लाहोमा यूनिवर्सिटी, अमेरिका के प्रोफेसर) शामिल हैं।
आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित सभी मंत्रालयों के सचिव विशेष आमंत्रितों के रूप में शामिल होंगे। इनमें परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, जैव प्रौद्योगिकी, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण एवं वन, कृषि, स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा शामिल हैं।
यह समिति नीतियों और निर्णयों के निर्माण और कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान करेगी, कार्रवाई-उन्मुख और आने वाले समय के अनुकूल सलाह प्रदान करेगी तथा देश में सामाजिक आर्थिक समस्याओं को हल करने के लिये विज्ञान और तकनीकी को निर्देशित करने में सहायता करेगी।
यह शिक्षा, अनुसंधान, उद्योग इत्यादि में नवाचार लाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।
PM-STIAC प्रभावी रूप से SAC-कैबिनेट और SAC-PM (2014 से चल रही वैज्ञानिक सलाहकार समितियाँ) को भंग कर देगा।
      मोवेलो साइक्लोथोन
  नीति आयोग ने शहरों को साइकिल के अनुकूल बनाने के लिये एक अनोखा कदम उठाते हुए मोवेलो साइक्लोथोन (Movelo Cyclothon), स्वच्छता तथा परिवहन के सुलभ तरीके को बढ़ावा देने के लिए एक साइकिल रैली, की शुरुआत की।
इस साइकिल रैली की शुरुआत वैश्विक गतिशीलता शिखर सम्मेलन को ध्यान में रखते हुए आयोजित किये जाने वाले गतिशीलता सप्ताह के अंतर्गत किया गया।
‘गतिशीलता सप्ताह’ के बारे में:
‘गतिशीलता सप्ताह’ में 31 अगस्त, 2018 से 6 सितंबर, 2018 तक 7 दिनों के अंदर 17 कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है।
ये कार्यक्रम गतिशीलता के क्षेत्र में विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत को सुविधाजनक बनाएंगे।
वैश्विक गतिशीलता शिखर सम्मेलन के बारे में: 
इसका आयोजन नीति आयोग द्वारा विभिन्न मंत्रालयों व उद्योग जगत के सहयोग से किया जाएगा।
इसमें विश्वभर के राजनेता तथा उद्योगपति, शोध संस्थान, शिक्षा जगत और सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
इस सम्मेलन से सरकार के लक्ष्यों यथा बिजली से चलने वाले वाहन, नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण तथा रोज़गार के अवसरों के सृजन आदि को प्रोत्साहन मिलेगा।
सम्मेलन के मुख्य विषय 
♦ सार्वजनिक पारगमन सुविधा पर विचार करना। ♦ आँकड़ों का विश्लेषण और मोबिलिटी। ♦ परिसंपत्ति ऊपयोगिता एवं सेवाएँ। ♦ वैकल्पिक ऊर्जा। ♦ व्यापक विद्युतीकरण। ♦ माल परिवहन।
नेता एप
  हाल ही में ��ेशनल इलेक्टोरल ट्रांसफॉर्मेशन एप (National Electoral Transformation App- NETA) लॉन्च किया गया। उल्लेखनीय है कि इस एप को पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा लॉन्च किया गया।
यह एप एक ऐसा मंच है जहाँ मतदाता अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के कार्यों की समीक्षा और उनका मूल्यांकन कर सकते हैं और साथ ही प्रतिनिधियों को उनके कर्त्तव्यों के लिये ज़िम्मेदार भी ठहरा सकते हैं।
यह एप युवा आईटी विशेषज्ञ प्रथम मित्तल द्वारा विकसित किया गया है।
अमेरिका की समर्थन प्रणाली से प्रेरित यह एप उपयोगकर्त्ताओं को अपने विधायकों और सांसदों का मूल्यांकन करने की अनुमति देता है।
राजस्थान के अजमेर और अलवर निर्वाचन क्षेत्रों में फरवरी, 2018 के उपचुनाव के दौरान इस एप को प्रस्तुत किया गया था तथा बाद में इसका उपयोग मई 2018 में विधानसभा चुनावों से पहले कर्नाटक में किया गया था।
मिल बाँचें कार्यक्रम
हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में मिल-बाँचें कार्यक्रम की शुरुआत की।
राज्य के सरकारी स्कूलों और समाज के बीच शुरू किया जाने वाला यह कार्यक्रम अपनी तरह का पहला संवादात्मक कार्यक्रम है।
80,000 से अधिक स्वयंसेवकों ने इस कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूलों को उपहार देने की इच्छा व्यक्त की है। इन उपहारों में किताबों के अलावा अन्य वस्तुएँ शामिल हैं जो छात्रों के लिये उपयोगी हो सकती हैं।
राज्य में इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य बच्चों का बहु-आयामी विकास करना है।
‘मिल-बाँचें मध्य प्रदेश’ कार्यक्रम के लिये पंजीकृत 2 लाख से अधिक स्वयंसेवकों में 820 इंजीनियर, 843 डॉक्टर, 36 हज़ार निजी क्षेत्र के कर्मचारी, 19 हज़ार सार्वजनिक प्रतिनिधि और लगभग 45 हज़ार सरकारी कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं।
 ब्रिक्स सम्मलेन-2018
  हाल ही में ब्रिक्स यानि ब्राजील, रशिया, इंडिया, चाइना और साउथ अफ्रीका देशों का सम्मेलन जोहान्सबर्ग में सम्पन्न हुआ है। इस सम्मलेन के परिणामस्वरूप इन देशों ने एक लंबा-चैड़ा घोषणापत्र जारी किया है।
अपने गठन के पहले दशक में ही ब्रिक्स ने विश्व पर अपना काफी प्रभाव जमा लिया है। इस सम्मेलन के लंबे घोषणापत्र का होना इस बात की ओर इंगित करता है कि इन देशों के बीच आपस में सहयोग और संगठन की भावना बल पकड़ती जा रही है।
सम्मेलन की मुख्य बातें :
सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विश्व-व्यापार को लेकर उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा की गई। सदस्यों का मत था कि वर्तमान में चल रहे व्यापार-युद्ध की जगह, विश्व व्यापार संगठन के नियमों पर आधारित, मुक्त और बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था ही चलाई जानी च��हिए।
सम्मेलन के देशों ने आने वाली चतुर्थ औद्योगिक क्रांति के लिए तैयारी पर भी चर्चा की। इससे संबंधित रोजगार, शिक्षा और कौशल विकास को मुद्दा बनाया गया। ब्रिक्स पार्टनरशिप ऑन न्यू इंडस्ट्रीयल रिवोल्यूशन नामक एक समझौता भी किया गया। यह तभी सार्थक होगा, जब ये देश विकसित होती तकनीक में निजी क्षेत्र और युवा नवोन्मेषकों को भागीदार बनायें।
ब्रिक्स व्यापार परिषद् पहले ही निर्माण, ऊर्जा, वित्तीय सेवाओं और क्षेत्रीय विमानन के क्षेत्र में व्यापार को बढ़ाने और आर्थिक सहयोग की दिशा में काम कर रहा है। इसकी मजबूती को बनाए रखने की दिशा में सहमति दिखाई गई।
सदस्यों ने विकास को ‘जन-आधारित’ रखने पर एक बार फिर से अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। फिल्म, खेल, शिक्षा, संस्कृति और पर्यटन के जरिए देशों में आपसी तालमेल बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
गत वर्ष के सम्मेलन में चीन ने ‘ब्रिक्स प्लस’ का विचार प्रस्तुत करते हुए कुछ अन्य देशों को भी इसमें शामिल करने की वकालत की थी। दक्षिण अफ्रीका ने इस पथ का अनुकरण करते हुए पाँच अन्य देशों को आमंत्रित किया था। इसका सबसे बड़ा लाभ यह रहा कि इन देशों के नेताओं के बीच आपसी विचार-विमर्श हो सका।
भारत और चीन के नेताओं के बीच भी परस्पर बातचीत हो सकी। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच पिछले चार महीनों में होने वाली यह तीसरी मुलाकात थी।
विश्व की लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या और 22 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद का प्रतिनिधित्व करने वाले ब्रिक्स देशों के दसवें सम्मेलन पर पूरे विश्व की नजरें टिकी हुई थीं। लेकिन कई मोर्चों पर यह विफल भी रहा।
वैश्विक वित्त का प्रशासन, संयुक्त राष्ट्र का लोकतंत्रीकरण तथा सुरक्षा-परिषद् का विस्तार आदि मूलभूत मामलों पर कोई काम नहीं हो सका। इसका मुख्य कारण चीन का प्रभुत्व और रशिया से उसकी बढ़ती निकटता रही। ये दोनों ही देश भारत, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील को सुरक्षा परिषद् की सदस्यता देने के विरोधी हैं।
जहाँ तक भारत की भूमिका का सवाल है, वह उल्लेखनीय रही। दक्षिण अफ्रीका के एक प्रवक्ता ने तो अमेरिका, चीन और रशिया के बीच चलती उठा-पटक में भारत की नाजुक भू-राजनीतिक स्थिति की चर्चा भी की। सम्मेलन के घोषणा-पत्र में विश्वव्यापी आतंकवाद की समस्या पर चार अनुच्छेदों का लिखा जाना; भारत के लिए एक उपलब्धि रही।
सोचने की बात यह है कि क्या ब्रिक्स में किए गए प्रयासों का कुछ भी सकारात्मक प्रभाव विकसित देशों के समूह जी-7 पर पड़ेगा?
स्रोत : पी.आई.बी, इंडिय�� एक्सप्रेस एवं ऑल इंडिया रेडियो,द हिंदू .
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daytodaycurrentaffaires · 5 years ago
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14वां भारत-नेपाल संयुक्त सैन्याभ्यास सूर्य किरण, 2019
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प्रश्न-3-16 दिसंबर, 2019 के मध्य 14वां भारत-नेपाल संयुक्त सैन्याभ्यास ‘सूर्य किरण’ कहां आयोजित किया जा रहा है? (a) सालीझंडी (b) ग्वालियर (c) जैसलमेर (d) पिथौरागढ़ उत्तर-(a) संबंधित तथ्य
3-16 दिसंबर, 2019 के मध्य 14वां भारत-नेपाल संयुक्त सैन्याभ्यास ‘सूर्य किरण’ सालीझंडी, नेपाल में आयोजित किया जा रहा है।
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viralnewsofindia · 6 years ago
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चीन ने फिर दिखाई सैन्य ताकत, भारतीय सीमा के पास किया युद्धाभ्यास
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चीन एक बार फिर भारत को अपनी सैन्य ताकत दिखा रहा है। चीनी सेना की स्पेशल फोर्स इन दिनों भारतीय सीमा के पास तिब्बत में सैन्याभ्यास कर रही है। पिछले दो हफ्ते के दौरान ये दूसरा मौका है कि चीनी सेना ने इन इलाकों में सैन्याभ्यास किया हो। इस दौरान हेलीकॉप्टर पायलट को जमीनी ��्रशिक्षण दिया गया और सा�� ही अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उनकी क्षमता को परखा गया।
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