#सुशांत के पिता से बात करने आईं कृति सेनन
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सुशांत सिंह राजपूत के अंतिम संस्कार पर पिता के पास गई थीं कृति सेनन, कही थी ये बात
सुशांत सिंह राजपूत के अंतिम संस्कार पर पिता के पास गई थीं कृति सेनन, कही थी ये बात
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(Photo Credit- manav.manglani/kritisanon/Instagram) सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के पिता केके सिंह (Father KK Singh) ने एक्ट्रेस कृति सेनन (Kriti Sanon) से बेटे के अंतिम संस्कार (Funeral) पर…
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डिप्रेशन में उतनी जल्दी डॉक्टर जरूरी, जितनी और बीमारियों में
नई दिल्ली बॉलिवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने जिस तरह दुनिया को अलविदा कहा, उससे ‘डिप्रेशन’ से जुड़े तमाम सवाल लोगों के दिमाग में दौड़ने लगे। डॉक्टर्स का कहना है कि आत्महत्या एक प्रवृति है, जो कई लोगों में होती है। यह एक बीमारी है जिसके लिए जरूरी है कि परिवार वाले और दोस्त सिग्नल को समझें। डॉक्टर्स का कहना है कि यह भी जरूरी नहीं कि डिप्रेशन वाले हर शख्स को आत्महत्या का ख्याल आए। डॉक्टर्स का कहना है कि इससे बचने के लिए देश को नैशनल स्यूसाइड प्रिंवेशन हेल्पलाइन और पॉलिसी की जरूरत है। इसकी देश में बड़ी कमी है। खुदकुशी की होती है कई वजह इंस्टिट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड अलाइड साइंसेज (IHBAS) में साइकियाट्री डिपार्टमेंट के असोसिएट प्रोफेसर डॉ ओमप्रकाश कहते हैं, खुदकुशी की वजह कई हैं। यह मुमकिन है कि मरीज को कुछ समय से किसी चीज को लेकर डिप्रेशन रहा हो। मगर जरूरी नहीं है कि डिप्रेशन वाला हर मरीज की यह प्रवृति है। दरअसल, खुदकुशी के बारे में सोचना एक कॉम्प्लेक्स बेहेविहर है। यह एक प्रवृति है। उस वक्त ब्रेन में केमिकल्स में कमी आ जाती है। यह बीमारी है और इसके इलाज के लिए उतनी ही जल्दी मरीज को डॉक्टर की जरूरत होती है, जितना कि एक हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक के मरीज को।
सुशांत सिंह राजपूत की अंतिम विदाई, पहुंचे सितारे
सुशांत सिंह राजपूत को भावभीनी श्रद्धांजलि देने के लिए आज बादल भी उमड़ आए। 14 जून को सुशांत ने बांद्रा स्थित घर में फांसी लगाकर जान दे दी और सभी को बिलखता छोड़ गए।
सुशांत के अंतिम संस्कार के लिए पहुंची कृति सेनन।
सुनील शेट्टी भी पहुंचे
सुशांत को विदाई देने पहुंचे मुकेश छाबड़ा
सुशांत सिंह राजपूत को अंतिम विदाई देने श्रद्धा कपूर भी पहुंचीं।
सुशांत की खास दोस्त रिया चक्रवर्ती भी अंतिम संस्कार में पहुंचीं। वह पहले कूपर अस्पताल गईं, जहां सुशांत का पार्थिव शरीर था। वहीं से वह सुशांत के पिता और उन��े चचेरे भाई के साथ विले पार्ले श्मशान आईं।
बारिश होने के बावजूद लोग अपने हीरो के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। हालांकि लॉकडाउन के नियमों के मुताबिक, अंदर सिर्फ 20 लोगों को ही अंतिम संस्कार प्रकिया के लिए इजाजत दी गई।
सुशांत सिंह राजपूत के कई दोस्त अंतिम विदाई देने पहुंचे। चूंकि अंदर जाने की इजाजत नहीं मिली, इसलिए वे श्मशान के बाहर ही मौजूद रहे।
सुशांत को अंतिम विदाई देने पहुंचीं बहन
सुशांत सिंह राजपूत के अंतिम संस्कार में ऐक्टर विवेक ओबेरॉय भी शामिल हुए।
अपने दोस्त को विदाई देने फिल्म और टीवी इंडस्ट्री के कई लोग पहुंचे थे।
सुशांत को अंतिम विदाई देने ऐक्टर और प्रड्यूसर जैकी भागनानी भी पहुंचे।
‘पवित्र रिश्ता’ टीवी शो में सुशांत सिंह राजपूत के साथ नजर आए ऐक्टर रित्विक धनजानी भी अंतिम विदाई देने पहुंचे।
फिल्म ऐक्ट्रेस पूजा चोपड़ा भी सुशांत की अंतिम विदाई में दिखीं।
सुशांत सिंह राजपूत के पार्थिव शरीर को पंचतत्व में विलीन कर दिया गया और इस तरह यह सितारा अपनों को रोते-बिलखते छोड़कर दूर चला गया।
डिप्रेश का हर मरीज बात नहीं करता डॉ ओमप्रकाश का यह भी कहना है, सोशल मीडिया में कई लोग कह रहे हैं कि काश सुशांत ने बात की होती। मगर डिप्रेशन का हर मरीज बात नहीं कर सकता। परिवार वालों या दोस्तों या उनके आसपास रहने वालों को उनके लक्षण पहचानने चाहिए। उदासीनता, ऊर्जा की कमी और मन पसंदीदा काम में भी कम ना लगना, इसके मेन लक्षण हैं। मनोचिकित्सक के पास जाना जरूरी डिप्रेश के मरीज को जल्द से जल्द मनोचिकित्सक के पास ले जाना जरूरी है। साथ ही, अगर कोई अवसाद में है तो यह जरूरी नहीं कि उसकी जिंदगी में कोई कमी है। और ना यह जरूरी है कि डिप्रेशन का मरीज हो, यह एक क्षण में हो सकता है। जैसे कई बार फेल होने पर कोई खुदकुशी कर लेता है। उन्होंने कहा, नैशनल स्यूसाइड प्रिंवेशन हेल्पलाइन की बहुत जरूरत है, जो कि हर राज्य हर भाषा के हिसाब से 24 घंटे मेंटल हेल्थ के प्रोफेशनल्स के साथ एक्टिव हो। अमेरिका में 911 यह भी काम करती है।
34 साल पर भारी पड़े सुशांत सिंह राजपूत के ये 34 घंटे…
फोर्टिस हेल्थकेयर के साइकियाट्रिक डॉ समीर पारिख कहते हैं डिप्रेशन का इलाज होगा तो स्यूसाइड रेट भी कम होगा। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है। मेडिकेशन, काउंसलिंग और परिवार का सपोर्ट, तीनों हो, तो मरीज डिप्रेशन से निकल सकता है। इसके अलावा जरूरी है कि नेशनल स्यूसाइड प्रिवेंशन ��ॉलिसी की भी जरूरत है।
कोविड 19 के दौरान बढ़ सकता है डिप्रेशन! मनोचिकित्सकों का मानना है कि यह मुमकिन है कि डिप्रेशन कोविड 19 के दौरान और खतरनाक हो जाए। इसके लक्षण पहचानना बहुत जरूरी है और अगर आप इससे लड़ने की तकनीक को जान लें, तो इससे बाहर निकलना मुमकिन है। आइसोलेशन से लड़ते हुए उसे अब अपनी नौकरी, परिवार और समाज से डर भी सता रहा हो। ऐसी स्थिति में जिंदगी खत्म करने बारे में मरीज सोच सकता है। तमाम कोविड 19 की हेल्पलाइंस में भी मदद ली जा सकती है।
डॉ पारिख कहते हैं, अगर कोरोना वायरस के लक्षण आए हैं, तो डरे नहीं। इलाज आपके हाथ में हैं। हर फ्लू कोविड नहीं। और अगर टेस्ट पॉजिटिव आ गया है तो बार बार इसके बारे में ना सोचें। आपके पास बस हर सही जानकारी हो और आप अपनी हर जिम्मेदारी निभाएं यानी जो जो इस बीमारी से लड़ने के लिए करना है वो करें।
न्यूयॉर्क जैसा हो सकता है दिल्ली-मुंबई का हाल..
मनोचिकत्सको को कहना है कि आइसोलेशन के लिए परिवार-दोस्तों-रिश्तेदारों से बातचीत करें, विडियो कॉल करें। जितना जुड़े रहेंगे, आप अकेला फील नहीं करेंगे। मगर अगर किसी से बात करके फर्क नहीं पड़ पा रहा है तो एक्सपर्ट से बात जरूर करें। बहुत सी हेल्पलाइन हैं।
हेल्पलाइंस 08046110007 नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज
1800-120-820050 बीएमसी एम पावर वन ओ वन
1860 2662 345 वंड्रेवाला फाउंडेशन
8376804102 फोर्टिस हेल्थकेयर
सुशांत की मौत में रिश्तेदारों को साजिश का शकदिवंगत ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत के रिश्तेदारों को यकीन ही नहीं हो रहा कि सुशांत ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। पटना में सुशांत के अंकल ने सुशांत की एक्स मैनेजर दिशा सलियान का जिक्र करते हुए कहा कि सुशांत पर काफी प्रेशर डाला गया था, जिसकी जांच की जानी चाहिए। वहीं जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव ने भी सुशांत की मौत की सीबीआई जांच की मांग की है।
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डिप्रेशन में उतनी जल्दी डॉक्टर जरूरी, जितनी और बीमारियों में
नई दिल्ली बॉलिवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने जिस तरह दुनिया को अलविदा कहा, उससे ‘डिप्रेशन’ से जुड़े तमाम सवाल लोगों के दिमाग में दौड़ने लगे। डॉक्टर्स का कहना है कि आत्महत्या एक प्रवृति है, जो कई लोगों में होती है। यह एक बीमारी है जिसके लिए जरूरी है कि परिवार वाले और दोस्त सिग्नल को समझें। डॉक्टर्स का कहना है कि यह भी जरूरी नहीं कि डिप्रेशन वाले हर शख्स को आत्महत्या का ख्याल आए। डॉक्टर्स का कहना है कि इससे बचने के लिए देश को नैशनल स्यूसाइड प्रिंवेशन हेल्पलाइन और पॉलिसी की जरूरत है। इसकी देश में बड़ी कमी है। खुदकुशी की होती है कई वजह इंस्टिट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड अलाइड साइंसेज (IHBAS) में साइकियाट्री डिपार्टमेंट के असोसिएट प्रोफेसर डॉ ओमप्रकाश कहते हैं, खुदकुशी की वजह कई हैं। यह मुमकिन है कि मरीज को कुछ समय से किसी चीज को लेकर डिप्रेशन रहा हो। मगर जरूरी नहीं है कि डिप्रेशन वाला हर मरीज की यह प्रवृति है। दरअसल, खुदकुशी के बारे में सोचना एक कॉम्प्लेक्स बेहेविहर है। यह एक प्रवृति है। उस वक्त ब्रेन में केमिकल्स में कमी आ जाती है। यह बीमारी है और इसके इलाज के लिए उतनी ही जल्दी मरीज को डॉक्टर की जरूरत होती है, जितना कि एक हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक के मरीज को।
सुशांत सिंह राजपूत की अंतिम विदाई, पहुंचे सितारे
सुशांत सिंह राजपूत को भावभीनी श्रद्धांजलि देने के लिए आज बादल भी उमड़ आए। 14 जून को सुशांत ने बांद्रा स्थित घर में फांसी लगाकर जान दे दी और सभी को बिलखता छोड़ गए।
सुशांत के अंतिम संस्कार के लिए पहुंची कृति सेनन।
सुनील शेट्टी भी पहुंचे
सुशांत को विदाई देने पहुंचे मुकेश छाबड़ा
सुशांत सिंह राजपूत को अंतिम विदाई देने श्रद्धा कपूर भी पहुंचीं।
सुशांत की खास दोस्त रिया चक्रवर्ती भी अंतिम संस्कार में पहुंचीं। वह पहले कूपर अस्पताल गईं, जहां सुशांत का पार्थिव शरीर था। वहीं से वह सुशांत के पिता और उनके चचेरे भाई के साथ विले पार्ले श्मशान आईं।
बारिश होने के बावजूद लोग अपने हीरो के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। हालांकि लॉकडाउन के नियमों के मुताबिक, अंदर सिर्फ 20 लोगों को ही अंतिम संस्कार प्रकिया के लिए इजाजत दी गई।
सुशांत सिंह राजपूत के कई दोस्त अंतिम विदाई देने पहुंचे। चूंकि अंदर जाने की इजाजत नहीं मिली, इसलिए वे श्मशान के बाहर ही मौजूद रहे।
सुशांत को अंतिम विदाई देने पहुंचीं बहन
सुशांत सिंह राजपूत के अंतिम संस्कार में ऐक्टर विवेक ओबेरॉय भी शामिल हुए।
अपने दोस्त को विदाई देने फिल्म और टीवी इंडस्ट्री के कई लोग पहुंचे थे।
सुशांत को अंतिम विदाई देने ऐक्टर और प्रड्यूसर जैकी भागनानी भी पहुंचे।
‘पवित्र रिश्ता’ टीवी शो में सुशांत सिंह राजपूत के साथ नजर आए ऐक्टर रित्विक धनजानी भी अंतिम विदाई देने पहुंचे।
फिल्म ऐक्ट्रेस पूजा चोपड़ा भी सुशांत की अंतिम विदाई में दिखीं।
सुशांत सिंह राजपूत के पार्थिव शरीर को पंचतत्व में विलीन कर दिया गया और इस तरह यह सितारा अपनों को रोते-बिलखते छोड़कर दूर चला गया।
डिप्रेश का हर मरीज बात नहीं करता डॉ ओमप्रकाश का यह भी कहना है, सोशल मीडिया में कई लोग कह रहे हैं कि काश सुशांत ने बात की होती। मगर डिप्रेशन का हर मरीज बात नहीं कर सकता। परिवार वालों या दोस्तों या उनके आसपास रहने वालों को उनके लक्षण पहचानने चाहिए। उदासीनता, ऊर्जा की कमी और मन पसंदीदा काम में भी कम ना लगना, इसके मेन लक्षण हैं। मनोचिकित्सक के पास जाना जरूरी डिप्रेश के मरीज को जल्द से जल्द मनोचिकित्सक के पास ले जाना जरूरी है। साथ ही, अगर कोई अवसाद में है तो यह जरूरी नहीं कि उसकी जिंदगी में कोई कमी है। और ना यह जरूरी है कि डिप्रेशन का मरीज हो, यह एक क्षण में हो सकता है। जैसे कई बार फेल होने पर कोई खुदकुशी कर लेता है। उन्होंने कहा, नैशनल स्यूसाइड प्रिंवेशन हेल्पलाइन की बहुत जरूरत है, जो कि हर राज्य हर भाषा के हिसाब से 24 घंटे मेंटल हेल्थ के प्रोफेशनल्स के साथ एक्टिव हो। अमेरिका में 911 यह भी काम करती है।
34 साल पर भारी पड़े सुशांत सिंह राजपूत के ये 34 घंटे…
फोर्टिस हेल्थकेयर के साइकियाट्रिक डॉ समीर पारिख कहते हैं डिप्रेशन का इलाज होगा तो स्यूसाइड रेट भी कम होगा। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है। मेडिकेशन, काउंसलिंग और परिवार का सपोर्ट, तीनों हो, तो मरीज डिप्रेशन से निकल सकता है। इसके अलावा जरूरी है कि नेशनल स्यूसाइड प्रिवेंशन पॉलिसी की भी जरूरत है।
कोविड 19 के दौरान बढ़ सकता है डिप्रेशन! मनोचिकित्सकों का मानना है कि यह मुमकिन है कि डिप्रेशन कोविड 19 के दौरान और खतरनाक हो जाए। इसके लक्षण पहचानना बहुत जरूरी है और अगर आप इससे लड़ने की तकनीक को जान लें, तो इससे बाहर निकलना मुमकिन है। आइसोलेशन से लड़ते हुए उसे अब अपनी नौकरी, परिवार और समाज से डर भी सता रहा हो। ऐसी स्थिति में जिंदगी खत्म करने बारे में मरीज सोच सकता है। तमाम कोविड 19 की हेल्पलाइंस में भी मदद ली जा सकती है।
डॉ पारिख कहते हैं, अगर कोरोना वायरस के लक्षण आए हैं, तो डरे नहीं। इलाज आपके हाथ में हैं। हर फ्लू कोविड नहीं। और अगर टेस्ट पॉजिटिव आ गया है तो बार बार इसके बारे में ना सोचें। आपके पास बस हर सही जानकारी हो और आप अपनी हर जिम्मेदारी निभाएं यानी जो जो इस बीमारी से लड़ने के लिए करना है वो करें।
न्यूयॉर्क जैसा हो सकता है दिल्ली-मुंबई का हाल..
मनोचिकत्सको को कहना है कि आइसोलेशन के लिए परिवार-दोस्तों-रिश्तेदारों से बातचीत करें, विडियो कॉल करें। जितना जुड़े रहेंगे, आप अकेला फील नहीं करेंगे। मगर अगर किसी से बात करके फर्क नहीं पड़ पा रहा है तो एक्सपर्ट से बात जरूर करें। बहुत सी हेल्पलाइन हैं।
हेल्पलाइंस 08046110007 नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज
1800-120-820050 बीएमसी एम पावर वन ओ वन
1860 2662 345 वंड्रेवाला फाउंडेशन
8376804102 फोर्टिस हेल्थकेयर
सुशांत की मौत में रिश्तेदारों को साजिश का शकदिवंगत ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत के रिश्तेदारों को यकीन ही नहीं हो रहा कि सुशांत ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। पटना में सुशांत के अंकल ने सुशांत की एक्स मैनेजर दिशा सलियान का जिक्र करते हुए कहा कि सुशांत पर काफी प्रेशर डाला गया था, जिसकी जांच की जानी चाहिए। वहीं जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव ने भी सुशांत की मौत की सीबीआई जांच की मांग की है।
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