#सुबह सबसे पहले क्या खाना चाहिए
Explore tagged Tumblr posts
Text
सुबह उठकर सबसे पहले क्या खाना चाहिए
प्रिय पाठकों अक्सर लोग यह सोचते है, कि हमें सुबह उठकर सबसे पहले क्या खाना चाहिए? रात को सोते समय अक्सर हम सभी के दिमाग में यही रहता है। कि सुबह उठकर सबसे पहले क्या खाना चाहिए। और सुबह के समय में ऐसा क्या खाएं जिससे शरीर को पूरा पोषण मिले। सुबह उठकर सबसे पहले क्या खाना चाहिए
सुबह का समय एक नए दिन की शुरुआत के लिए महत्वपूर्ण है। और सही आहार से शुरुआत करना हमारे स्वास्थ्य और ऊर्जा को पोषण पहुँचाने में मदद कर सकता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि सुबह उठते ही कौन से आहार का सेवन करना चाहिए ताकि हम दिनभर ताजगी और सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ सकें।
शरीर की आवश्यकताएं:
सुबह का आहार हमारे शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करता है जिससे हमारा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है। सुबह उठने के बाद, हमारे शरीर को ताजगी और ऊर्जा की आवश्यकता होती है ताकि हम दिनभर की चुनौतियों का सामना कर सकें।
हम अक्सर भागदौड़ भरी जिंदगी में अच्छा नाश्ता नहीं कर पाते हैं। यह सीधे हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। अगर आप भी इसी तरह के सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं। तो इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि किन -किन चीजों को सुबह उठकर सबसे पहले खाना चाहिए।
यह चीजें आयुर्वेद में वर्णित है। आयुर्वेद के अनुसार इन चीजों का सेवन आपको सवस्थ रखता है। सुबह उठकर इन्हें खाने से जल्द ही सेहत भी बन जाती हैं। केवल शर्त यह है। कि इन चीजों को अपनी खाली पेट खाना है।
गुड़ (Jaggery)
गुड़ आयुर्वेद के अनुसार खाली पेट गुड़ खाना चाहिए। क्योंकि सुबह उठकर सबसे पहले गुड़ खाना बेहद फायदेमंद माना जाता है। गुड़ के साथ अगर गुनगुना पानी हो तो क्या कहना, इसके अलावा अब गुड के साथ चने भी मिलाकर खा सकते हैं।
इससे शरीर को बहुत अधिक ऊर्जा मिलती है, खून साफ होता है, कई प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं। इससे दिनभर एसिडिटी भी नहीं होती है।
चने
भीगे हुए काले चने में बादाम की तुलना में अधिक पोषक तत्व है। यह महिलाओं एंव पुरूषों के लिए प्रोटीन, फाइबर, खनीज और विटामिन के लिए सबसे अच्छा स्रोत है। दिन की शुरुआत में इसे खाने से शरीर में दिनभर उर्जा का संचार होता है।
एक शोध के अनुसार अगर ��ोज़ सुबह एक मुट्ठी भीगे हुए चने को शहद या गुड़ के साथ खाया जाए तो यह प्रजनन क्षमता को भी बढ़ाता है।अगर आप बिना नमक डालें रोजाना एक मुट्ठी चना खाते हैं। तो इससे आपकी त्वचा भी साफ और ग्लोइंग हो जाती है।
किशमिश
सुबह उठकर खाली पेट किशमिश खाएं। अगर आप बासी मुँह भीगे हुए किशमिश खाते हैं तो यह ज्यादा फायदेमंद होती है कि इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
दूध
एक गिलास दूध में प्रोटीन होता है और एक अध्ययन से यह भी पता चला है, कि रोजाना दूध पीने से याददाश्त भी तेज होती है। दूध एक एनर्जी बूस्टर है। यह त्वचा बालों और हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद है। सुबह उठकर प्रतिदिन एक गिलास दूध पीने वाले लोग अन्य लोगों की तुलना में कम बीमार पड़ते है।
खासतौर पर उन महिलाओं एंव बच्चों के लिए दूध बहुत जरूरी हैं। जो माँ बन चुकी है और उनका बच्चा माँ का दूध पीता है।
लहसुन
लहसुन सुबह खाली पेट लहसुन खाने से कई फायदे होते हैं। सुबह उठकर खाली पेट लहसुन की कली खाएं। यह पाचन के लिए रामबाण औषधि है। अगर आपका पेट फूलने की समस्या है। तो यह बहुत फायदेमंद होगा। सुबह खाली पेट एक गिलास पानी के साथ कच्चा लहसुन खाने से आपकी सेहत को कई तरह के फायदे होते है। लहसुन खाने से खून का जमाव नहीं होता और हार्ट अटैक का खतरा भी कम किया जा सकता है।
पुरुषों के लिए कच्चे लहसुन खाने का लाभ उनकी मर्दाना ताकत को बढ़ाता है। लहसुन को चाहे आप कच्चा खाएं भूनकर खाएं। यह हर तरह से सेहत को लाभ पहुंचाता है।
बादाम
बादाम सुबह उठकर सबसे पहले भीगे हुए बादाम खाएं।
Full Read
0 notes
Text
आज अस्वस्थ जीवनशैली के कारण उत्तपन्न बीमारियों में से सबसे बड़ी बीमारी मोटापा है। यह बीमारी पूरी दूनिया में एक महामारी बन गई हैं भारत में अनेक लोग मोटापा के शिकार हैं ,मोटापे के कारण शरीर में कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। जब परेशानियां बढ़ने लगती हैं तो लोग मोटापा कम करने के लिए उपाय खोजने लगते हैं। कई बार उचित जानकारी नहीं हो पाने के कारण लोग अपना वजन घटा नहीं पाते हैं।
मोटापा या वजन का बढ़ना आज के समय में लोगों की सबसे बड़ी परेशानी बन गया है। वैसे तो मोटापा बढ़ने की सबसे बड़ी वजह खानपान है। लोग सादा खाना खाने के बजाय फास्ट फूड पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं ,जो वजन बढ़ाने या मोटापे का सबसे बड़ा कारक है और ये तो आप जानते ही होंगे कि मोटापा उच्च कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर जैसी समस्याओं को भी अपने साथ लेकर आता है। हालांकि काफी लोग ऐसे भी हैं ,जो मोटापा कम करने के लिए तरह -तरह के उपाय करते हैं लेकिन फिर भी उनका वजन कम नहीं होता है। ऐसे में हम आपके लिए कुछ घरेलू उपाय लेकर आए हैं ,जिन्हें आजमाकर आप मोटापे की समस्या से निजात पा सकते हैं।
मोटापा क्या है ?
जब किसी व्यक्ति का शरीर का वजन सामान्य से अधिक हो जाता तो उसे मोटापा कहते हैं। आप रोज जितनी कैलोरी भोजन के रुप में लेते हैं जब आपका शरीर रोज उतनी खर्च नहीं कर पाता है तो शरीर में अतिरिक्त कैलोरी फैट के रुप में जमा होने लगता है जिससे शरीर का वजन बढ़ने लगता है।
मोटे होने का कारण क्या है ?
अधिक वजन वाले व्यक्तियों के शरीर में अत्यधिक मात्रा में चर्बी जमा हो जाती है। यह शरीर में धीरे -धीरे गलत दिनचर्या ,प्रदूषण और अपच के कारण होती रहती है। वजन दो कारणों से बढ़ता है जो ये है-
अस्वस्थ खान -पान।
शारीरिक गतिशीलता में कमी।
मोटापा घटाने का घरेलू नुस्खे
अदरक और शहद
लगभग 30 मि.ली. अदरक के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर पिएँ। अदरक और शहद शरीर की चयापचय क्रिया को बढ़ाकर अतिरिक्त वसा को जलाने का काम करते हैं। अदरक अधिक भूख लगने की समस्या को भी दूर करता है तथा पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। इस योग को सुबह खाली पेट तथा रात को सोने से पहले लेना चाहिए। इसे भी पढ़े
0 notes
Text
आज दिनांक - 29 जनवरी 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग और आज दिनांक - 29 जनवरी 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग और संकष्ट चतुर्थी पूजा विधि
दिन - सोमवार
विक्रम संवत् - 2080
अयन - उत्तरायण
ऋतु - शिशिर
मास - माघ
पक्ष - कृष्ण
तिथि - चतुर्थी पूर्ण रात्रि तक (वृद्धि तिथि)
नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी शाम 06:57 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
योग - शोभन सुबह 09:44 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
राहु काल - सुबह 08:44 से 10:07 तक
सूर्योदय - 07:21
सूर्यास्त - 06:25
दिशा शूल - पूर्व
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:29 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:27 से 01:18 तक
व्रत पर्व विवरण - संकष्ट चतुर्थी (चंद्रोदय रात्रि 09:19)
विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
संकष्ट चतुर्थी - 29 जनवरी
क्या है संकष्ट चतुर्थी ?
संकष्ट चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी । संकष्ट संस्कृत भाषा से लिया गया एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’।
इस दिन व्यक्ति अपने दुःखों से छुटकारा पाने के लिए गणपति की अराधना करता है । पुराणों के अनुसार चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी होता है । इस दिन लोग सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखते हैं । संकष्ट चतुर्थी को पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा-पाठ की जाती है ।
संकष्ट चतुर्थी पूजा विधि
गणपति में आस्था रखने वाले लोग इस दिन उपवास रखकर उन्हें प्रसन्न कर अपने मनचाहे फल की कामना करते हैं ।
इस दिन आप प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठ जाएँ ।
व्रत करने वाले लोग सबसे पहले स्नान कर साफ और धुले हुए कपड़े पहन लें । इस दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करना बेहद शुभ माना जाता है और साथ में यह भी कहा जाता है कि ऐसा करने से व्रत सफल होता है ।
स्नान के बाद वे गणपति की पूजा की शुरुआत करें । गणपति की पूजा करते समय जातक को अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए ।
सबसे पहले आप गणपति की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजा लें ।
पूजा में आप तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी, धुप, चन्दन , प��रसाद के तौर पर केला या ना��ियल रख लें ।
ध्यान रहे कि पूजा के समय आप देवी दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति भी अपने पास रखें । ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है ।
गणपति को रोली लगाएं, फूल और जल अर्पित करें ।
संकष्टी को भगवान् गणपति को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं ।
गणपति के सामने धूप-दीप जला कर निम्लिखित मन्त्र का जाप करें ।
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
पूजा के बाद आप फल फ्रूट्स आदि प्रसाद सेवन करें ।
शाम के समय चांद के निकलने से पहले आप गणपति की पूजा करें और संकष्ट व्रत कथा का पाठ करें ।
पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद बाटें । रात को चाँद देखने के बाद व्रत खोला जाता है और इस प्रकार संकष्ट चतुर्थी का व्रत पूर्ण होता है ।
#akshayjamdagni #hindu #Hinduism #bharat #hindi #panchang
🚩ज्योतिष, वास्तु एवं अंकशास्त्र से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हमसे जुड़ें l 🚩👇 👉Whatsapp Link
https://chat.whatsapp.com/BsWPoSt9qSj7KwBvo9zWID
☎️👇
9837376839
#motivational motivational jyotishwithakshayg#tumblr milestone#akshayjamdagni#mahakal#panchang#hanumanji
0 notes
Text
ToneOp Eats The Buzz Among The Fitness Enthusiasts In Bhopal, Indore & Bangalore!
क्या आप भी हेल्थी, रेडी तो ईट खाने की तलाश में हैं जो न केवल हेल्दी हो बल्कि खाने में भी मज़ेदार हो? अगर हाँ तो ToneOp Eats आपकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए है एकदम बेस्ट! ToneOp Eats एक ऐसा क्लाउड किचन एप्लीकेशन जो आपकी ज़रूरतों और आदतों के अनुसार आपकी मील को प्लान करता है। ToneOp के CEO पार्थ बंसल के द्वारा भोपाल में करीब दो साल पहले शुरू किया गया ये हेल्द किचन आपको प्रदान करता है पूर्ण रूप से हेल्दी और टेस्टी मील वो भी आपके लाइफस्टाइल के अनुसार।
ToneOp Eats आपके डोर स्टेप पे हेल्दी मील्स और बेवरेजेज़ डिलीवर करता है। यहाँ के सारे मील्स, एक्सपर्ट्स के मार्गदर्शन और कैलोरीज़ काउंट के अनुसार बनाए जाते है, जो आपकी हेल्थ के साथ आपके टेस्ट का भी ख्याल रखते हैं। आप यहाँ पा सकते हैं कई विकल्पों के साथ बिल्कुल फ्रेश और आवश्यकतानुसार पर्सनलाइज्ड मील्स।
ToneOp Eats, अब बैंगलोर में भी!
आपको ये जान कर बेहद ख़ुशी होगी की अब ToneOp Eats भोपाल और इंदौर के अलावा अब बैंगलोर में भी अपनी सर्विस शुरू कर चुका है। आप मील से संबंधित सारी जानकारी ToneOp Eats की वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं। आप Swiggy और Zomato से भी इसे ऑर्डर कर सकते हैं। तो अब, ToneOp Eats आपके स्वास्थ्य का ख्याल रखेगा!
आपको ToneOp Eats क्यों चुनना चाहिए?
क्या आपने कभी ऐसा सोचा की सुबह उठते ही एनर्जी और जोश के साथ पूरे दिन की परेशानियों का सामना करना इतना आसान हो सकता है? आप ऐसा कर सकते हैं अगर आप अपने स्वास्थ्य और मेडिकल कंडीशन के अनुसार अपने डाइट प्लान को कस्टमाइज़ कर लें।
जी हाँ, ToneOp Eats आपको सारी हेल्थ कंडीशन से लड़ने और फिटनेस गोल्स को हासिल करने में आपकी मदद करेगा।
1. कस्टमाइज़्ड मील
अपनी आवश्यकता और डाइटरी आदतों का ख्याल रखते हुए आप यहाँ अपने मील्स को कस्टमाइज़ करवा सकते है। इसका मतलब ये है की आप अपनी पसंद, आदत और ज़रूरतों के अनुसार अपनी मील्स को तैयार करवा सकते हैं। चाहे आपको वेज, वीगन या हाई प्रोटीन मील्स चाहिए, आप पा सकते हैं किसी भी प्रकार के हेल्दी विकल्प।
2. 100% हेल्दी मील्स
ToneOp Eats न ही केवल टेस्टी लेकिन हेल्दी मील्स की आवश्यकताओं को भी पूरा करता है। यदि आप फिटनेस प्रेमी है और हेल्दी खाना पसंद करते है. तो यह आपके लिए सबसे उम्दा विकल्प है। यहाँ की हर एक मील कैलोरी कॉउंटेड और नुट्रिशन में प्रचुर होती है।
3. स्वच्छ एवं सर्वोत्तम क्वालिटी
ToneOp Eats ये सुनिश्चित करता है की उनका हर एक मील हेल्दी हो और पूरी स्वच्छता के साथ बनाया जाये। सफाई के साथ-साथ इन्हे एक नियंत्रित तापमान पर पकाया जाता है जिससे इनके पोषक तत्त्व बरक़रार रहें। ToneOp Eats में शेफ और सारे कर्मचारी सफाई और सुरक्षा का पूर्ण ध्यान रखने के लिए PPE किट का इस्तेमाल करते हैं।
4. डायटिशियन सपोर्ट
ToneOp Eats की हर मील की रेसिपी डाइट एक्सपर्ट के मार्गदर्शन से तैयार की जाती। इसके साथ ही ToneOp Eats आपको फ्री डायटिशियन कंसल्टेशन भी उपलब्ध करवाता है जो आपकी सारी जरूरतों को सम��कर आपको सबसे फायदेमंद मील का सुझाव देंगे।
5. व्यापक किस्मों में मील्स उपलब्ध
ToneOp Eats के मेन्यू में आपको मिलेंगे आपके टेस्ट के अनुसार बेस्ट मील्स। आप चुन सकते हैं सलाद, ग्रिल्स, जूस और प्रोटीन मील्स के काउंटलेस विकल्प। इसके साथ ही अगर आप चाहते हैं एक हेल्दी चीट मील तो आर्डर करें सैंडविच और बिरयानी।
6. 3 स्वास्थ्य लक्ष्यों पर आधारित गोल-ड्रिवन मील्स
चाहे आप वेट लॉस करना चाहते हैं, मसल बिल्डिंग का लक्ष्य रखते हैं या सिर्फ बैलेंस्ड डाइट चाहते हैं, ToneOp Eats आपके सभी हेल्थ गोल्स के लिए मील्स प्रदान करता है। और साथ ही आपको मिलता है आपके हर हेल्थ गोल के लिए आवश्यकतानुसार अपने मील को कस्टमाइज़ करने का ऑप्शन।
ToneOp Eats क्यों है सबसे बेहतर?
ToneOp Eats सुनिश्चित करता है की आप तक हेल्दी कैलोरी काउंट के साथ और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन पहुंचाया जाए। ये अपने मील्स और अन्य विकल्पों के साथ आपकी आहार संबंधी हर एक ज़रूरत को पूरा करता है -
1. अला-कार्टे प्रिपरेशन (Ala-Carte Preparation)
अपनी क्वालिटी को बरक़रार रखते हुए यहाँ मील्स की कोई भी तयारी रात को नहीं की जाती बल्कि आर्डर के अनुसार सारे मील्स ताज़ा और तुरंत तैयार किये जाते हैं।
2. कोल्ड-प्रेस्ड जूस
आपकी हेल्थ और नुट्रिशन का ध्यान रखते हुए हर जूस मिक्सर ग्राइंडर से नहीं बल्कि कोल्ड प्रेस्ड प्रक्रिया से बनाया जाता है। इसका ख़ास ध्यान रखा जाता है की पोषण के बिना किसी समझौते के आप तक सर्वोत्तम क्वालिटी पहुंचाई जाए।
3. ओट्स- बेस्ड ग्रेवी
पारंपरिक रेसिपी को अनोखे रूप से परिवर्तित करते हुए, ग्रिल्स की ग्रेवी ओट्स के साथ तैयार की जाती है ताकि एक स्वस्थ और पोषण से भरपूर विकल्प प्रदान किया जा सके।
4. लो फैट लीन मीट
ToneOp Eats मीट से फैट्स को हटाकर केवल लीन मीट का इस्तेमाल करता है ताकि आपका हर ग्रिल, सलाद, और मील बौल फैट फ्री और हेल्दी हो।
5 प्राकृतिक मिठास का उपयोग
कैलोरीज़ का ख्याल रखते हुए स्मूदी में मिठास के लिए चीनी के जगह हनी और खजूर का उपयोग किया जाता है। इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है की किसी भी मील में कोई भी आर्टिफीशीयल मिठास न मिले जाये और कम से कम कैलोरीज़ के साथ टेस्टी मील्स को आप तक पहुंचाया जाए।
6. ऑलिव ऑयल
आप तक हेल्दी खाना पहुंचाने की कोशिश को बरक़रार रखते हुए यहाँ के शेफ किसी भी मील में ओलिव आयल के अलावा कोई भी और तेल का उपयोग नहीं करते। आपकी किसी भी मील में 5 ग्राम से ज़्यादा ओलिव आयल या जैतून तेल का उपयोग नहीं किया जाता।
7. इको-फ्रेंडली कंटेनर
यहाँ पैकिंग के लिए प्लास्टिक कंटेनर का नहीं बल्कि इको-फ्रेंडली बम्बू कंटेनर और कांच की बॉटल्स क��� उपयोग किया जाता है जो आपके स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए सम्पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं।
8. इन हाउस डिलीवरी टीम
ToneOP Eats की इन-हाउस डिलीवरी टीम हर मील की सुरक्षा और समय पर डिलीवरी को सुनिश्चित करती है। सभी डिलीवरी एक्सेक्यूटिव के नियमित मेडिकल चेकअप किये जाते हैं और समय से डिलीवरी के लिए इन्हें बराबर मॉनिटर किया जाता है।
9. वीगन, वेज और नॉनवेज मील्स के भरपूर विकल्प
ToneOp Eats ने आपकी विभिन्न पसंद और ज़रूरतों की आवश्यताओं का ख्याल रखते हुए अपने क्लाउड किचन में वेज, नॉनवेज और वीगन मील्स के कई सरे विकल उपलब्ध करवाए हैं।
10. चीट मील भी उपलब्ध
आपके लिए ToneOp Eats कुछ ख़ास मौको पर चीट मील जैसे बिरयानी और सैंडविच भी प्रदान करता है। अगर आप बिना कैलोरी इन्टेक के अपने टेस्ट बड्स को खुश करना चाहते है, तो ये आपके लिए हेल्दी विकल्प उपलब्ध हैं।
ToneOp Eats के मेन्यू में क्या है?
ToneOp Eats वीगन, वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन विकल्पों के साथ विस्तृत मेनू प्रदान करता है, सभी सबसे स्वादिष्ट और पौष्टिक सामग्री के साथ तैयार किए जाते हैं
1. सलाद
आपने ये सोचा नहीं होगा की सलाद भी कभी टेस्टी हो सकता है, जो आपके सारे पोषण ज़रूरतों को पूरा करे। वज़न घटाने और संतुलित आहार बनाए रखने के लिए यहाँ आपके लिए हेल्दी लेट्यूस, सुपर सीड्स, और ताज़ी सब्जियों से बने सलाद के विकल्प मौजूद हैं।
2. ग्रिल्स
वेज में पनीर और टोफू ग्रिल तो वही नॉनवेज में चिकन और फिश ग्रिल अपने स्वाद से आपका दिल जीत लेंगे। ये टेस्टी ग्रिल्स आपको 300-400 ग्राम में उपलब्ध हैं जो कस्टमर के आवश्यकतानुसार कस्टमाइज़ हो जाते हैं।
3. मील बाउल
ToneOp Eats का मानना है कि चावल में सोडियम और फैट्स की मात्रा कम होती है और इसे पचाना आसान होता है। इसलिए आपकी हेल्थ को ध्यान में रखते हुए यहाँ रोटी नहीं बल्कि ब्राउन राइस, वाइट राइस और क्विनोआ के विकल्पों के साथ मील्स उपलब्ध हैं। चाहे आप कभी मलाई पनीर चाहते हो या थाई करी, आपके खाने की हर लालसा को ToneOp Eats समझता है और हेल्दी तरीके से पूरा करता है।
4. स्मूदी
यहाँ स्मूदी कई फ्लेवर और टेस्ट में उपलब्ध हैं। और तो और उन्हें एक्स्ट्रा हेल्दी और टेस्टी बनाने के लिए स्मूदी में सीड्स, ओट्स और एक्सोटिक फलों का भी इस्तेमाल किया जाता है।
5. प्रोटीन
यहाँ कई प्रोटीन मील्स जैसे प्रोटीन 30, 40 और 50 भी उपलब्ध हैं। इसमें प्रोटीन 30 और 40 आपके लिए दोनों (वेज और नॉनवेज) विकल्प में मौजूद हैं और प्रोटीन 50 में नॉनवेज मील्स उपलब्ध हैं। ये आम तौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है जो वर्कआउट करते हैं और अपनी प्रोटीन की ज़रूरतों का खास ख्याल रखते हैं।
6. जूस
हेल्दी और टेस्टी मील्स के साथ-साथ ToneOp Eats आपको फ्रेश बनाए गए जूस भी प्रदान करता है। ये जूस मिक्सर से नहीं बल्कि कोल्ड प्रेस्ड प्रोसेस से बनाये जाते हैं, जिससे इनके पोषण में कोई कमी नहीं आती।
आपकी हेल्दी मील कौन बनाते है?
ToneOp Eats के अनुभवी, सर्टिफाइड और एक्सपर्ट शेफ और डायटिशियन आपके मेडिकल कंडीशन के आवश्यकतानुसार हेल्दी और टेस्टी मील्स प्लान करते हैं। आपके हेल्थ को बिना कम्प्रोमाइज़ किये आपकी हर मील को आपकी हर एक ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए प्लान करते हैं।
आप ऑर्डर कैसे कर सकते हैं?
toneopeats.com पर इनके प्लान को सब्सक्राइब कर के आप यहाँ से कुछ भी आर्डर कर सकते हैं। सबसे पहले आप अपनी आवश्यकतानुसार मील के प्रकार और टाइम को चुन लें। सब्सक्राइब करने के 24 घंटे के अंदर आपका प्लान एक्टिवेट हो जाएगा। इसके अलावा आप Zomato और Swiggy से भी अपनी मील को ऑर्डर कर सकते हैं।
तो, जल्द से जल्द ToneOp Eats का सब्सक्रिप्शन प्लान लें और अपने डाइट को हेल्दी और आसान बनायें।
📞7400989898
Visit- https://toneopeats.com/
0 notes
Text
स्वस्थ रहने के लिए सुबह उठकर सबसे पहले क्या खाना चाहिए
सुबह उठकर सबसे पहले क्या खाना चाहिए – नमस्कार दोस्तों, खान पान के सही नहीं होने के कारण हम कई तरह की बीमारियों के शिकार होते हैं। अधिकत्तर लोग खाने यह नहीं जानते की कब क्या खाना हैं और यही कारण हैं की लोग बीमार पड़ते हैं। आज की इस खास जानकारी में हम आपको कुछ टिप्स प्रोवाइड करेंगे जो आपको स्वस्थ रखने में मदद करेगा। अगर आप सुबह खाली पेट हेल्दी चीजें खायेंगे तो फिट और अन्दुरुनी बीमारियों से बचे…
View On WordPress
0 notes
Text
Water Drinking Tips: ध्यान दें: पानी पीते समय इन बातों का रखें हमेशा ख्याल, नहीं तो पड़ सकते हैं बीमार, जानें
Water Drinking Tips: हम सभी इस बात को अच्छी तरह जानते हैं, कि पानी (Water) हमारे जीवन और सेहत के लिए कितना जरूरी है. क्योंकि यह प्यास बुझाने, शरीर को हेल्थी रखने के लिए आवश्यक तत्व प्रदान करता है.यह हमारे शरीर को हाइड्रेट करता है. लेकिन, क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है? कि हमारी पीने की आदतें हेल्दी हैं या नहीं?
हमे कब कैसे और कहां पानी पीना चाहिए यह शरीर के लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि यह आपके शरीर के पाचन तंत्र, मेटाबॉलिज्म, हार्मोन, आदि को प्रभावित करता है. ऐसे में आज हम इस आलेख के जरिए जानेंगे कि किस तरह से पानी का सेवन करने से अपना शरीर बिलकुल स्वस्थ और फिट रहेगा.
इन नियमों से करे पानी (Water Drinking Tips) का सेवन
जब भी आप सुबह में सोकर उठे तो सबसे पहले गुनगुना पानी या तांबे में रखा पानी पिए. जिसे आयुर्वेद में उषापान कहा जाता है. ऐसा रोजाना करने से आपको काफी अविश्वसनीय लाभ मिलेंगे.
हम सभी का यह आदत होता है. खाना खाते ही पानी पीना शुरू कर देते हैं, तो अब यह आदत भूल जाएं,अब खाना खाने के तुरंत बाद पानी न पिएं क्योंकि खाना खाने के तुरंत बाद पानी पिएंगे तो आपका खाना धीरे-धीरे पचेगा, मेटाबॉलिज्म प्रभावित होगा और पाचन अग्नि कम हो जाएगी.
आपने यह अक्सर बड़ो से कहते सुना होगा “ बैठ कर पानी पियो” . इसलिए हमेशा बैठ कर है पानी पिएं. साथ ही पानी को जल्दी न गट लें, बल्कि घूंट-घूंट करके पानी पिएं.
कभी भी भूलकर भी प्लास्टिक के बर्तनों में पानी न पिएं. क्योंकि प्लास्टिक में मौजूद माइक्रो पार्टिकल के कारण आपको कैंसर का खतरा हो सकता है, साथ ही इससे हार्मोनल असंतुलन और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.
1 note
·
View note
Text
दुश्मन को बर्बाद करने की दुआ हिंदी में, “अगर कोई व्यक्ति समाज में कमज़ोर हो जाता है, तो काफी संख्या में उसके दुश्मन बन जाते है। जब कोई इंसान किसी के लिए अच्छा सोचता है। उसके लिए अपनी अच्छी नीयत और सोच रखता है। आप यकीन नहीं करोगे कि वो ही शक्श आपका जानी दुश्मन बन जायेगा। अगर आपके दुश्मन आपको दिन रात परेशान करता है। आपका खाना पीना उतना बैठना सब हराम कर रखा हो। उसके लिए हम Dushman Ko Barbad Karne Ki Dua Hindi Mein बताएंगे।
अब आप लोग�� के लिए बुरे इंसान बन जाओगे, तो कोई भी आपसे दुश्मनी करने से पहले एक हज़ार बार सोचेगा। अगर लोग आपका अच्छा चाहते है, आपको पसंद करते है, तो उनके साथ अच्छे से रहे। जब कोई आपको बुरा बोलता है, तो आपको एक कान से सुनना है, और दूसरे काम से बाहर निकाल देना है। अपने दुश्मन को ऐसा दिखाये की आपको उनकी बातों का बिलकुल भी फर्क नहीं पड़ता है।
कभी ज़िन्दगी हम ऐसी गलती कर देते है। जिसकी सजा हमे पूरी ज़िन्दगी भर चुकानी पड़ती है। अगर आपकी लाइफ में कोई ऐसा दोस्त या परिवार का कोई सदस्य है। जो हमेशा आपके बारे में बुरा सोचा है। आपके लिए बुरा करता है। तो आज ही उससे व्यक्ति से हमेशा के लिए दूरी बना लीजिए। क्योंकि अगर आप उस व्यक्ति से दूर नही हुए तो वो एक दिन आपका जानी दुश्मन बन जायेगा। जो आप ऐसा बिल्कुल भी नही चाहते है।
दुश्मन भी होते है, जो आपके सामने बिलकुल मीठी बातें बोलते है। और आपके पीठ पीछे लोगो के सामने आपकी बुराई करते है। आपको ऐसे दुश्मनों से हमेशा दूर ही रखना चाहिए। दुश्मनों से बचने के लिए हम आपके लिए एक बहुत ही बेहतरीन दुआ बताये आये है। इस दुआ से आपका दुश्मन गलती से भी आपके सामने नहीं आएगा।
दुश्मन को बर्बाद करने की दुआ
इंसान की सबसे बड़ी गलती यह होती है, की वो अपने दुश्मन को कमजोर समझता है। ऐसे में दुश्मन को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए। अपने दुश्मन आपके सामने कुछ ऐसा काम करेगा, जिससे आपको गुस्सा आ जाये।और गुस्से में आप कुछ ऐसा कर जाते है, जो आपकी मुसीबत बन जाता है। इसलिए हमेशा सयम से काम ले। जब आपके दुश्मन आपको उकसाने का प्रयास करता है, तो आपको अपने दिमाक को ठंडा रखना है।
इसलिए हम आज दुश्मन की तबाह और बर्बादी के लिए आपके लिए एक दुआ और वज़ीफ़ा बतायेगे। जिस पढ़ने के बाद आपके दुश्मन आपके पैरों में गिरकर आपसे माफ़ी मांगेगा। आपके सामने ही अपनी की गई गलतियों पर शर्मिंदा होगा। इस दुआ के असर से दुश्मन आपसे बहुत दूर चला जायेगा। आपके सामने कभी दिखाई तक नहीं देगा।
इस अमल को आपने 3 दिन तक लगातार करना है।
आपने इस्लामिक महीने की 15 तारीख की सुबह से अमल शुरू करना है।
एक मुट्ठी पाक और साफ़ मिट्टी ले। और मिटटी के ऊपर अपने दुश्मन का एक फोटो रख देना है।
ज़ोहर की नमाज़ के बाद 100 बार सौराह कौसर पढ़ लेना है। और सुर्ख लाल मिर्च से दुश्मन का फोटो जला देना है।
अगले दिन उस मिटटी को दुश्मन के घर के बाहर फेंक देनी है। अगर दुश्मन आपके घर के पास नही है, तो उस मिटटी को बहते हुए पानी में बहा देनी है।
इतना करने के बाद अपने बिना पीछे देखे ��पने घर आ जाना है, और वज़ू कर ��ेना है।
इसको करने के बाद आपके दुश्मन आपके पैरों के तलवे चाटने को मजबूर हो जायेगा। इस दुआ से आपका दुश्मन बर्बाद तो जरुर होगा। कुछ ही दिनों में आपकी आँखों के सामने दुश्मन की बुरी हालत देखने को मिलेगी। उसके साथ ही उसको अपने किये हुए बुरे कामों की सजा मिलेगी। इस दुआ को आपको तब ही पढ़ना है, जब कोई इंसान आपको बेइन्ताह परेशान करता हो। किसी गरीब और लाचार व्यक्ति पर इस दुआ का इस्तेमाल कभी न करे।
आपने जिस दिन अपने गुस्से पर काबू पा लिया उस दिन आपके दुश्मन आपका गुलाम बन जायेगा। दुश्मन हमेशा पीछे से वार करता है। आपको बर्बाद करने के लिए वो कोई भी कसर नहीं छोड़ता है। दुश्मन आप पर काला जादू भी करवाता है। काला जादू के असर से आपका घर तबाह हो जाता है, और आपका कारोबार जो बहुत अच्छे से चलता है। अचानक कुछ ऐसा होता है, की कारोबार बिलकुल खत्म हो जाता है। घर में सभी सदस्य बीमार रखने लग जाते है।
किसी को बर्बाद और तबाह करने की दुआ
किसी को बर्बाद और तबाह करना चाहते है, तो इस क़ुरानी दुआ को जरुरी पढ़े। जब शादी होती है, तो थोड़े दिनों तक सास और बहू के बीच बहुत ठीक से चलता है। लेकिन शादी के कुछ साल बाद ही सास और बहू एक दूरसे की दुश्मन बन जाती है। एक ही घर में रह कर दोनों एक दूसरे को खरी खोटी सुनती है। सास बहू एक दूसरे को घर से निकलने की भी कोशिश करती है। इस दुआ को सास और बहू दोनों एक दूसरे के विपरीत कर सकती है। अगर सास अपनी बहू के लिए इस दुआ को पढ़ती है, तो बहू की बोलती सास के सामने बंद हो जाएगी। और अगर बहू सास के लिए करती है, तो सास की हमेशा के लिए ज़ुबान बंद हो जाएगी।
आपके दिल जब में बदले की आग जल रही हो। इसे बुझाया जा सकता है केवल हम उस व्यक्ति को डांटते हैं। आज हम आपको बताएंगे की दुश्मन से बदला कैसे लिया जाता है। बदला लेना ऐसा है जैसे हम हाथ में जलता हुआ कोयला पकड़े हुए हैं। और उस व्यक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं जिस पर हम इसे फेंकना चाहते हैं। वह व्यक्ति इस कोयले से जलेगा या नहीं लेकिन तुम अभी इससे जल रहे हो। तो बदला लेने का यह विचार ऐसा ही है।
लेकिन आम तौर पर लोग कहते थे कि हमें सुकून मिलेगा। हम उसे बुरी तरह डांटते हैं। लेकिन देखिए उस शख्स को सजा मिलती है या नहीं। लेकिन आप आराम करना चाहते हैं ना। इसलिए अपने दिमाग में आपको पहले आराम करना होगा। नहीं तो बदला लेने की मानसिकता कुछ ऐसी ही होती है।
आपने अपने हेड रेंट फ्री में किसी को जगह दी है। अगर कोई अपना कमरा किसी को देता है तो वह उसका किराया लेता है। लेकिन आपने किसी को अपने सिर और दिल के किराए से मुक्त रखा है। और आप इससे पीड़ित हैं। इसलिए कहा जाता है कि बदला की मानसिकता वाला व्यक्ति दो कब्र खोदता है, दूसरे व्यक्ति की कब्र खुद खोदता है। तो वास्तव में यह एक ऐसी बुरी सोच है जो व्यक्ति के जीवन को दुख से भर देती है।
दुश्मन को जलील करने का अमल
अक्सर आपने देखा होगा, की जो लोग पैसे वाल��� होते है। वो छोटे और गरीब लोगो से बतमीजी से पेश आते है। सभी के सामने उनको ज़लील कर देते है। ऐसा ही अगर आप किसी ऑफिस में काम करते है। वह का मालिक सभी कर्मचार्यो के सामने आपको जलील करता है, आपको भला बुरा कहता है। ऐसे में आप मानसिक तौर पर परेशान होने लगते है। दिल में बदले की भावना पैदा हो जाती है। आप भी चाहते है, की दुश्मन को जलील करना है, तो अपके लिए एक कमाल का अमल लेकर आये है।
जैसे बिच्छू आग में जल रहा हो। वह खुद को डंक मारता है और वह मर जाता है। वह बाद में जलता है लेकिन अपने ही डसने से पहले मर जाता है। ऐसे में बदला लेने की सोच में जलने वाला इंसान खुद को सजा दे रहा है। और जब हम बदला लेने की यही मानसिकता रखते हैं तो क्या होता है। यह कर्म के मैट्रिक्स को और भी जटिल बना देता है।
अगर आपके पास दुश्मन का फोटो नहीं है, तो आप इस अमल को करे।
ताम्बे के लोटे में पानी डालकर उसमे थोड़ा कच्चा दूध मिला दे। जो हम आपको तावीज़ देंगे. उसे सफ़ेद कागज़ पर काली स्याही से लिखना है।
अ-लम त-र क़े फ फ-अ-ल रब्बु-क वि-अशबीलफिल (१) अ लम यज् अल कैधउम फ़ि तजलीलिव (१) व अरस- लकैधउम अबाबील (२) तमीहिम् बिहिजा-रतिम मिन सिज्जीलिन (३ ) फ़-ज-अ लहुम क़-अअहुम म कूल (४ )
उसके बाद तावीज़ वाले कागज़ को ताम्बे के लोटे में पूरी रात भिगोकर किसी ऐसी जगह रखना है, जहा उससे कोई छू न सके।
अगले दिन सुबह १ बजे बिना किसी से बात किये हुए। दुश्मन के घर जाकर वो अपनी उनके पेड़ या पोधो में डाल देना है।
इंशा अल्लाह थोड़े ही समय में आपका दुश्मन खुद ब खुद सबके सामने ज़लील हो जायेगा।
अगर किसी ने आप पर कोई काला जादू या सिफलि इल्म करवाया है, तो इस अमल से सब जादू और इल्म ख़तम हो जायेगे। किसी से आपकी थोड़ी बहुत लड़ाई हुई हो, तो उसको माफ़ कर दीजिये। क्योकि यह अमल बहुत ही खतरनाक है। इसको करने के बाद दुश्मन का तड़पना शुरू हो जायेगा। वो बीमार हो जायेगा।
आप उसे दण्डित करना चाहते है। तो वह आपसे बदला लेगा, फिर आप उससे बदला लेता हूं। इसलिए, कर्म का यह मैट्रिक्स इतना जटिल हो जाता है। कि यह व्यक्ति के दिमाग को और भी जटिल बना देता है। और वह व्यक्ति जिसका मन जटिल है। वह अपने जीवन में कभी खुश नहीं होगा। इसलिए बदला लेना ठीक नहीं है। लेकिन एक काम करो जिससे तुम बदला लेना चाहते हो ना। कृपया उसे क्षमा करें।
#Dushman Ko Barbad Karne Ki Dua Hindi Mein#Dushman Ko Barbad Karne Ki Dua#Dushman Ko Barbad Karne Ka Amal#Kisi Ko Barbad Karne Ki Dua#Kisi Ko Barbad Karne Ka Amal#दुश्मन को बर्बाद करने की दुआ#किसी को बर्बाद और तबाह करने की दुआ#दुश्मन को जलील करने का अमल#Dushman Ko Zaleel Karne Ka Amal#Dushman Ko Zaleel Karne Ki Dua
2 notes
·
View notes
Text
बहन की चूत का मजा – XXX New Kahani
By Hindi Sex Story094688
हेलो दोस्तों, मेरा नाम राजकुमार है. मैं आप सब प्यासी चूतवालियों का अपने ७” के खड़े लंड से स्वागत करता हु. मैने इस साईट की XXX new kahani का बहुत पुराना पाठक हु. मैं एक कॉलबॉय हु और २६ साल का एक लड़का हु. मेरी हाइट १७५ सीम है और मेरा ��ेट ७२ केजी है. मैं बहुत कोशिश करके आप लोगो के लिए मेरी और मेरी बहन रियल स्टोरी लिख रहा हु. मैं आप लोगो को बता दू, कि मैं एक नंबर का चूत को चूसने का प्यासा हु. मुझे माफ़ कीजियेगा, मैं नाम यहाँ नहीं लिख सकता. लेकिन आपको विश्वास दिलाता हु, आपको मज़ा आएगा.
वो ३० साल की एक शादीशुदा औरत है. वो एकदम सेक्स बम जैसी हॉट xxx है और मैं हमेशा से ही अपनी बहन को चोदना चाहता था. उसके मोटे चुतड और बड़े बूब्स है. कितने ही लडको को मैने खुद ही उसकी गांड से जानबूझ कर उससे टकराते हुए देखा था. दोस्तों, अब तो आप समझ ही गए होगे, कि मेरी बहन एक मस्त माल है. मेरी बहन कपड़ो पर इतना ध्यान नहीं देती थी. बहुत बार ऐसे ही बैठी रहती थी, कि उसकी ब्रा की स्ट्रिप, बूब्स या पेंटी दिख जाया करती थी.
मैं इन्हें देखकर ही गरम हो जाया करता था. कभी-कभार बाथरूम में जाकर मुठ भी मार लेता था. बात उनदिनों की है, जब मेरे पैरेंट को नानी के घर जाना पड़ा इर मेरे एग्जाम के कारण मैं नहीं जा पाया था. मैने माँ को बोला – आप दीदी को बुलवा लो. वो मेरी देखभाल कर लेगी. मैंने उनको बुलवाया तो अपनी देखभाल के लिए था; ताकि मेरी पढाई थी से हो सके. लेकिन, मेरे मन में कुछ और ही खिचड़ी पक रही थी और मैं मन ही मन सोच रहा था, शायद उनको चोदने की मेरी मुराद पूरी हो जाए. माँ ने दीदी को बुला लिया. वो अगले दिन जीजा जी के साथ घर आ गयी और दो दिन बाद, जीजा जी लौट गये और मेरे माँ डैड भी उसी दिन मामा जी के यहाँ चले गये. अब हम दोनों ही घर में थे. अक्सर मैं खेल-खेल में अपनी बहन के बट्स छु लेता या उसके दूध पकड़ कर दबा देता. उसे मेरे इंटेंशन के बारे में मालूम नहीं था.
एक दिन रात को मैने एक बहुत हॉट xxx मूवी देखी. मैं बहुत गरम था. मैने देखा, कि मेरी बहन नाईटइ पहन कर सो रही थी. मुझसे रहा नहीं गया, क्युकि उनकी थाई साफ़-साफ़ दिख रही थी. मैं धीरे से उसके बेड के पास जाकर बैठ गया. उसकी बॉडी को देखने लगा. धीरे से उसके बूब्स ड्रेस के ऊपर से सहलाने लगा. फिर मैने उसकी मखमली गोरी जांघो की ओर देखा. मैने उसकी ड्रेस उपर सरका दी. वाओ .. व्हाट अ व्यू! क्या नज़ारा था! ..बहन की गोरी-गोरी लेग्स. थोड़ी देर उसकी लेग्स को सहलाता रहा. फिर एक्स्सित्मेंट में थोडा और ऊपर गया और उसकी थाई को सहलाने लगा और फाइनली उसकी वाइट व् शेप वाइट पेंटी दिखी. मुझसे रहा नहीं गया और मैने उसकी चूत को चूमा और सहलाने लगा. इससे मेरी बहन जाग गयी.
वो हैरान रह गयी और बोली – ये क्या कर रहे हो? शर्म नहीं आती, अपनी बहन के साथ ये सब. मैने उसको सॉरी बोला और चुपचाप कमरे में लौट आया. सोने से पहले मैने बाथरूम में जाकर मुठ मारकर अपने को शांत किया. लेकिन मुझे साड़ी रात नीद नहीं आया. नेक्स्ट डे, सब कुछ नार्मल था. लेकिन हम एकदूसरे से बात नहीं कर रहे थे. मुझे मूवी देखने का बड़ा कर रहा था. मैं मार्किट गया और वहां से एक अच्छी सी मूवी और कुछ XXX मूवी ले आया. मेरे रूम में अलग टीवी लगा है. मैने एक XXX मूवी देखी और दुसरे को आधे में छोड़कर नहाने चला गया. जब मैं नहा रहा था तो रूम में आ गयी और टीवी पर लगी XXX मूवी देखने लगी. वो गरम हो गयी. उसे अपने पति के साथ रोज़ सेक्स करने की आदत थी और ४ दिन से सेक्स ना करने के कारण, वो बहुत प्यासी थी. मैं बाहर आया, तो उसे अपने रूम में देखकर ठिठक गया.
मैं कुछ नहीं कहा. चुपचाप हमने मूवी देखी और अपना लंच किया. लंच करते समय उसने मुझसे कहा – तुम्हे ऐसा नहीं करना चाहिए था. तुम मेरे भाई है और भाई को ऐसा करना पाप है. मैं कुछ डर गया था और मैने उससे कहा – मुझसे माफ़ कर दो. अब मैं ऐसा नहीं करूँगा. प्लीज किसी से कुछ मत कहना. मैं समझ गया, कि अब मेरा काम हो जाएगा, इसलिए मैं शांत रहा. रात को मैं खाना खाके अपने बेडरूम में चला आया. जब रात को १२:३० बजे मैं पेशाब करने गया, तो देखा वो हॉल में बैठी हुई टीवी देख रही थी और अपने बूब्स को सहला रही थी. मैं चुपचाप देखता रहा और फिर थोड़ी देर बाद वो टीवी ऑफ करके सोने जाने लगी और मैं अपने कमरे में वापस आकर अपने बेड पर आँखे मूंद कर लेट गया. थोड़ी देर बाद, वो मेरे कमरे में आई और मेरे बेड पर बैठ गयी और मेरे लंड को बड़े ध्यान से देखने लगी.
बहन की चूत का मजा – XXX New Kahani
फिर थोड़ी देर बाद, वो मुझे आवाज़ देने लगी, मगर मैं कुछ नहीं बोला. तो वो मेरे लंड को सहलाने लगी. मैं जाग गया और पूछा दीदी आप? तो वो बोली, कि हाँ तू थक गया होगा, तेल लगाने आ गयी थी. मैने बोला – ठीक है, लगा दो. तेल लगाते-लगाते, वो जानबूझकर अपना हाथ मेरे पेनिस से टच कर रही थी, तो मेरा पेनिस खड़ा हो गया. मैं समझ गया, कि वो अब चुदना चाहती है बट मैं चाहता था, कि वो स्टार्ट करे …. ऐसा ही हुआ. वो बोली – भाई एक बात बोलू – मैं उस दिन डाट दिया था. “आई ऍम सॉरी”. मैने बोला – कोई बात नहीं दीदी. मैने गलती ही की थी. फिर वो बोली – माफ़ तो कर दूंगी, लेकिन एक शर्त है. तू मुझे वो मूवी दिखायेगा XXX वाला. मैं खुश हो गया और उससे चूम लिया. वो बोली – ये सब नहीं. मैने मूवी लगा दी. हम दोनों बेड पर साइड बाई साइड पेट क�� बल लेट कर मूवी देखने लगे. मूवी देखकर दीदी गरम होने लगी.
देखते –देखते, मैने अपना हाथ उसके बट्स पर रख दिया और उसको सहलाने लगा. वो बोली – नहीं भैया ये सब नहीं. आई सेड – मैं तो सिर्फ कपड़ो के ऊपर से मज़ा ले रहा हु. प्लीज थोड़ी देर करने दो ना. कपड़ो के ऊपर से ही करूँगा ना. प्लीज प्लीज … शी सेड – ओके, लेकिन सिर्फ ऊपर से ही. मैंने कहा – हाँ और उसके पिछवाड़े को कपड़ो के ऊपर से सहलाने लगा और दबाने लगा. फिर धीरे से उसकी थाई को सहलाने लगा और फाइनली उसकी ड्रेस के अन्दर हाथ डालकर उसकी पेंटी के ऊपर. वो बोली – तुमने बोला था, कि ऊपर से ही सहलाओगे.. मैने कहा – हाँ तो पेंटी के कपडे के ऊपर ही तो है. उसे भी मज़ा आने लगा था, तो वो चुप हो गयी और फिल्म देखने लगी. अब मैं उसके बट्स को पेंटी के ऊपर से सहला रहा था. कभी-कभी थाई भी. फिर मैने उसके अंदर की तड़प बढ़ाने के लिए उसकी चूत को सहलाने और दबाने लगा. उसके मुह से कभी-कभी दबी सी मोअन निकलती – ओहोहोहोहो. मैने उसकी ड्रेस को पीछे से उठाया और उसके गोरे-गोरे पिछवाड़े को देखने लगा. फिर पेंटी के ऊपर से किस करने लगा.
अब तक उसने आँखे बंद कर ली थी. मैने उसे सीधा लिटाया और उसके पेंटी के ऊपर उसकी चूत को तेजी से किस करने लगा. वो “म्मम्मम ओहोहोहोहो भैया …आआअ” करने लगी. मैंने जब देखा, कि वो गरम हो गयी है तो मैने उसकी पेंटी के साइड से अंदर हाथ डाल दिया और उसकी चूत को पेंटी के अन्दर सहलाने लगा. वो अहहहः नहीईईइ भैया बोल रही थी. मैने उसकी पेंटी उतार दी. अचानक से वो होश में आई और बोली – नहीं, ये सब नहीं भैया. ये सब ठीक नहीं है. मम्मी पापा को पता चलेगा, तो क्या सोचेंगे? मैने कहा – कुछ गलत नहीं है और उन्हें कैसे पता चलेगा? बस एक दीदी प्लीज. वैसे भी आपकी शादी के दो साल हो गये है और कोई बच्चा भी नहीं हुआ है. शायद मेरे करने से हो जाए. सब खुश हो जायेंगे. फिर वो कुछ नहीं बोली. मैं उसकी चूत को चूमने लगा और उसे पागल कर दिया. XXXhindi kahani with photo उसकी चूत लिक करते करते दोनों हाथ उसकी ड्रेस के अन्दर ले जाकर उसकी ब्रा के अन्दर उसकी चुचिया यानि दूध और बूब्स दबाने लगा. उसे बहुत मज़ा आ रहा था. मैने उसे पूछा – कैसा लग रहा है?
उसने ���हा – म्मम्मम बहुत अच्छा, भैया. फिर मैने उसके पुरे कपडे उतारे और उसको एकदम नंगा कर दिया. अब मैं उसकी पूरी बॉडी को चूम रहा थाम सहला रहा था. मैने उसकी एक चूची अपने मुह में ले ली और उसको चूसने लगा और दूसरी को अपने हाथ से दबाने लगा. वो मेरा सिर के बालो को सहला रही थी. १५ मिनट के बाद, मैने उसकी चूत में अपना लंड लगाया और प्रेशर दिया. वो चिल्ला दी.. नहीं भैया, बहुत दर्द हो रहा है. फिर मैने उसकी चूत पर थोडा वेसलिन लगा दिया और फिर से घुसाया अपने लंड को. मेरा लंड उसके पति के लंड से बड़ा था. आफ्टर ३-४ ट्राई, मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया. थोडा सा खून भी निकला. फिर थोड़ी देर बाद, उसे मज़ा आने लगा था. वो बोली – आहाहहः अहहाह भैया बहुत मज़ा आ रहा है. जोर से मरूऊऊऊ. हम दोनों पसीने-पसीने हो रहे थे. आफ्टर सम टाइम, मुझे लगा कि वो झड़ गयी है. बट मैं कंटिन्यू करता रहा और कुछ देर बाद मुझे लगा, कि मेरा निकलने वा��ा है, तो मैने सारा माल उसकी चूत में निकल दिया.
बहन की चूत का मजा – XXX New Kahani
उसदिन तो जल्दी-जल्दी कर लिया. लेकिन मैं बहुत अच्छे से दीदी को चोदना चाह रहा था और उसे गिफ्ट में अपना बच्चा देना चाहता था. सो मैने उस दिन से उसका दूसरा पति बन गया और फिर हमने अगले दिन सुबह ही नाश्ता करने के बाद काम शुरू कर दिया और एक साथ नहाये भी …. वो भी नहा कर एक दम नंगी दुल्हन की तरह लग रही थी. मैने कहा – आज तो तुझे माँ बना ही दूंगा. ये कहकर मै अब उससे चिपक और मेरा लंड टाइट हो गया था. मेरा लंड उसकी चूत से चिपका हुआ था. मैने सबसे पहले उसके फॉरहेड पर किस की और उन्होंने कहा – क्या हुआ? मैने कहा – कुछ नहीं. और अपने हाथ से उनकी गांड को सहलाने लगा. उन्होंने अब साथ देते हुए, मुझे चूमना शुरू कर दिया. मैने उनकी गांड को सहलाने के साथ-साथ उनकी थाई को भी सहला रहा था. वो पूरी तरह से सिडयूड होने लगी थी और मेरा लंड भी फूलने लगा था. मेरे सब्र का बांध टूट रहा था और मैने अपनी ऊँगली उनकी चूत पर रख दी और उसको सहलाने लगा और दबाने लगा. मैने अपनी एक ऊँगली उनकी चूत में डालने के लिए बढाई, तो उन्होंने मेरा हाथ रोक लिया और बोली – अब क्या करना चाहते हो? अब और नहीं करो ये सब. वो मुझे मना जरुर कर रही थी, लेकिन उनकी आवाज़ में एक xxx मदहोशी थी.
मैं नहीं रुका और मैने अपनी स्पीड बड़ा दी. हम दोनों एक दुसरे के सामने नंगे खड़े हुए थे. मैने उनके बूब्स को अपने हाथो में ले लिया उनको दबाना स्टार्ट कर दिया. और उनको बेरहमी से चूस भी रहा था. हम xxx सेक्स के उस मोड़ पर थे, जिससे एक्चुअल हार्डकोर चालू होता है. अब हम दोनों नंगे ही बेडरूम में चले गये. मैने उनको बेड पर बैठ्या और उनके बूब्स को सहलाने लगा और दबाने लगा. फिर मैने अपने लंड को उनके पेट पर रख दिया और उससे उसको सहलाने लगा और फिर उसको बूब्स पर ले गया. मेरे लंड से प्रीकम निकल रहा था, जो उसके बदन पर गिर रहा था. वो मज़े ले रही थी और उसका बदन मस्ती में मचल रहा था. फिर मैने अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया और झटके मारने लगा. वो मज़े से हिल रही थी और उसकी हवस बुझ रही थी. मैने २० मिनट तक उसकी चूत में लंड को डाले रखा. और फिर अपना पानी उनके अंदर ही छोड़ दिया. साथ-साथ में उनके बूब्स चूस रहा था. मुझपर उनकी जवानी का भुत सवार था और मैने अपना लंड निकाला और उनके मुह पर रख दिया. वो मेरे लंड को चूस रही थी. मेरा सेक्स का शैतान कुछ शांत हुआ और हम नंगे लेटे रहे. मुझे अब अहसास हुआ, कि मैने पानी अन्दर छोड़ दिया है. १० दिन तक ऐसे ही धकाधक चुदाई चलती रही.
फिर एक दिन उन्होंने बोला – कि वो बनने वाली है. मैं खुश हो गया और उसे पकड़ लिया. और फिर रात भर की चुदाई में उसकी चूत को चोद – चोदकर भोसड़ा बना दिया. रात भर की चुदाई के बाद, हम सो गये और सुबह उठे तो वो नहाने जा रही थी. तभी उसका हस्बैंड उसे लेने आ गया. मैने उसे बैठाया और बात करने के बाद रेस्ट करने के लिए कमरे में छोड़ आया. फिर मै चुपके से बाथरूम में घुस गया और उसको स्��ुच करने लगा. वो बोली – कोई आ जायेगा. मैने सुबह-सुबह उनका रस चूस लिया और फिर बाहर आ गया. फिर शाम की ट्रेन से वो लोग चले गये. अब नेक्स्ट मंथ, मुझे उनके घर जाना है. देखे, अब क्या नया xxx काण्ड होता है ….
Aur new xxx new kahani hamari site par jarur
12 notes
·
View notes
Text
शहीदे आजम भगत सिंह:एक क्रांतिकारी के आखिर 24 घंटे -
शहीदे आजम भगत सिंह और 23 मार्च 1931 -
शहीदे आजम भगत सिंह एक ऐसा नाम जो बहुत ही आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है।अब के समय के बच्चे जो उस उम्र में कुछ सोच -समझ नहीं पाते उस उम्र भगत सिंह देश के लिए फांसी के फंदे पर झूल गये। ��ाहौर सेंट्रल जेल में 23 मार्च, 1931 की शुरुआत किसी और दिन की तरह ही हुई थी। फर्क सिर्फ इतना सा था कि सुबह-सुबह जोर की आँधी आई थी। लेकिन जेल के कैदियों को थोड़ा अजीब सा लगा जब चार बजे ही वॉर्डेन चरत सिंह ने उनसे आकर कहा कि वो अपनी-अपनी कोठरियों में चले जाएं।उन्होंने कारण नहीं बताया। उनके मुंह से सिर्फ ये निकला कि आदेश ऊपर से है।अभी कैदी सोच ही रहे थे कि माजरा क्या है,जेल का नाई बरकत हर कमरे के सामने से फुसफुसाते हुए गुजरा कि आज रात भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी जाने वाली है।उस क्षण की निश्चिंतता ने उनको झकझोर कर रख दिया। कैदियों ने बरकत से मनुहार की कि वो फांसी के बाद भगत सिंह की कोई भी चीज जैसे पेन, कंघा या घड़ी उन्हें लाकर दें ताकि वो अपने पोते-पोतियों को बता सकें कि ��भी वो भी भगत सिंह के साथ जेल में बंद थे। बरकत भगत सिंह की कोठरी में गया और वहाँ से उनका पेन और कंघा ले आया। सारे कैदियों में होड़ लग गई कि किसका उस पर अधिकार हो।आखिर में ड्रॉ निकाला गया।
भगत सिंह ने क्यों कहा -इन्कलाबियों को मरना ही होता है-
अब सब कैदी चुप हो चले थे। उनकी निगाहें उनकी कोठरी से गुजरने वाले रास्ते पर लगी हुई थी। भगत सिंह और उनके साथी फाँसी पर लटकाए जाने के लिए उसी रास्ते से गुजरने वाले थे।एक बार पहले जब भगत सिंह उसी रास्ते से ले जाए जा रहे थे तो पंजाब कांग्रेस के नेता भीमसेन सच्चर ने आवाज ऊँची कर उनसे पूछा था, "आप और आपके साथियों ने लाहौर कॉन्सपिरेसी केस में अपना बचाव क्यों नहीं किया। " भगत सिंह का जवाब था,"इन्कलाबियों को मरना ही होता है, क्योंकि उनके मरने से ही उनका अभियान मजबूत होता है,अदालत में अपील से नहीं।" वॉर्डेन चरत सिंह भगत सिंह के खैरख्वाह थे और अपनी तरफ से जो कुछ बन पड़ता था उनके लिए करते थे। उनकी वजह से ही लाहौर की द्वारकादास लाइब्रेरी से भगत सिंह के लिए किताबें निकल कर जेल के अंदर आ पाती थीं।भगत सिंह को किताबें पढ़ने का इतना शौक था कि एक बार उन्होंने अपने स्कूल के साथी जयदेव कपूर को लिखा था कि वो उनके लिए कार्ल लीबनेख की 'मिलिट्रिजम', लेनिन की 'लेफ्ट विंग कम्युनिजम' और अपटन सिनक्लेयर का उपन्यास 'द स्पाई' कुलबीर के जरिए भिजवा दें।
भगत सिंह अपने जेल की कोठरी में शेर की तरह चक्कर लगा रहे थे-
भगत सिंह जेल की कठिन जिंदगी के आदी हो चले थे। उनकी कोठरी नंबर 14 का फर्श पक्का नहीं था। उस पर घास उगी हुई थी। कोठरी में बस इतनी ही जगह थी कि उनका पाँच फिट, दस इंच का शरीर बमुश्किल उसमें लेट पाए।भगत सिंह को फांसी दिए जाने से दो घंटे पहले उनके वकील प्राण नाथ मेहता उनसे मिलने पहुंचे। मेहता ने बाद में लिखा कि भगत सिंह अपनी छोटी सी कोठरी में पिंजड़े में बंद शेर की तरह चक्कर लगा रहे थे।उन्होंने मुस्करा कर मेहता को स्वागत किया और पूछा कि आप मेरी किताब 'रिवॉल्युशनरी लेनिन' लाए या नहीं? जब मेहता ने उन्हे किताब दी तो वो उसे उसी समय पढ़ने लगे मानो उनके पास अब ज्यादा समय न बचा हो।मेहता ने उनसे पूछा कि क्या आप देश को कोई संदेश देना चाहेंगे?भगत सिंह ने किताब से अपना मुंह हटाए बगैर कहा, "सिर्फ दो संदेश... साम्राज्यवाद मुर्दाबाद और 'इंकलाब जिदाबाद!" इसके बाद भगत सिंह ने मेहता से कहा कि वो पंडित नेहरू और सुभाष बोस को मेरा धन्यवाद पहुंचा दें,जिन्होंने मेरे केस में गहरी रुचि ली थी।
वक़्त से 12 घंटे पहले ही फांसी दी गयी -
भगत सिंह से मिलने के बाद मेहता राजगुरु से मिलने उनकी कोठरी पहुंचे। राजगुरु के अंतिम शब्द थे, "हम लोग जल्द मिलेंगे।" ��ुखदेव ने मेहता को याद दिलाया कि वो उनकी मौत के बाद जेलर से वो कैरम बोर्ड ले लें जो उन्होंने उन्हें कुछ महीने पहले दिया था।मेहता के जाने के थोड़ी देर बाद जेल अधिकारियों ने तीनों क्रांतिकारियों को बता दिया कि उनको वक़्त से 12 घंटे पहले ही फांसी दी जा रही है। अगले दिन सुबह छह बजे की बजाय उन्हें उसी शाम सात बजे फांसी पर चढ़ा दिया जाएगा।भगत सिंह मेहता द्वारा दी गई किताब के कुछ पन्ने ही पढ़ पाए थे। उनके मुंह से निकला, "क्या आप मुझे इस किताब का एक अध्याय भी खत्म नहीं करने देंगे?" भगत सिंह ने जेल के मुस्लिम सफाई कर्मचारी बेबे से अनुरोध किया था कि वो उनके लिए उनको फांसी दिए जाने से एक दिन पहले शाम को अपने घर से खाना लाएं।लेकिन बेबे भगत सिंह की ये इच्छा पूरी नहीं कर सके, क्योंकि भगत सिंह को बारह घंटे पहले फांसी देने का फैसला ले लिया गया और बेबे जेल के गेट के अंदर ही नहीं घुस पाया।
तीनों क्रांतिकारियों अंतिम क्षण -
थोड़ी देर बाद तीनों क्रांतिकारियों को फांसी की तैयारी के लिए उनकी कोठरियों से बाहर निकाला गया। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने अपने हाथ जोड़े और अपना प्रिय आजादी गीत गाने लगे- कभी वो दिन भी आएगा कि जब आजाद हम होंगें ये अपनी ही जमीं होगी ये अपना आसमाँ होगा।
फिर इन तीनों का एक-एक करके वजन लिया गया।सब के वजन बढ़ गए थे। इन सबसे कहा गया कि अपना आखिरी स्नान करें। फिर उनको काले कपड़े पहनाए गए। लेकिन उनके चेहरे खुले रहने दिए गए।चरत सिंह ने भगत सिंह के कान में फुसफुसा कर कहा कि वाहे गुरु को याद करो।
भगत सिंह बोले, "पूरी जिदगी मैंने ईश्वर को याद नहीं किया। असल में मैंने कई बार गरीबों के क्लेश के लिए ईश्वर को कोसा भी है। अगर मैं अब उनसे माफी मांगू तो वो कहेंगे कि इससे बड़ा डरपोक कोई नहीं है। इसका अंत नजदीक आ रहा है। इसलिए ये माफी मांगने आया है।" जैसे ही जेल की घड़ी ने 6 बजाय, कैदियों ने दूर से आती कुछ पदचापें सुनीं।उनके साथ भारी बूटों के जमीन पर पड़ने की आवाजे भी आ रही थीं। साथ में एक गाने का भी दबा स्वर सुनाई दे रहा था, "सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।।।" सभी को अचानक जोर-जोर से 'इंकलाब जिंदाबाद' और 'हिंदुस्तान आजाद हो' के नारे सुनाई देने लगे।फांसी का तख्ता पुराना था लेकिन फांसी देने वाला काफी तंदुरुस्त। फांसी देने के लिए मसीह जल्लाद को लाहौर के पास शाहदरा से बुलवाया गया था।भगत सिंह इन तीनों के बीच में खड़े थे। भगत सिंह अपनी माँ को दिया गया वो वचन पूरा करना चाहते थे कि वो फाँसी के तख्ते से 'इंकलाब जिदाबाद' का नारा लगाएंगे।
भगत सिंह ने अपने माँ से किया वादा निभाया और फांसी के ��ंदे को चूमकर -इंकलाब जिंदाबाद नारा लगाया -
लाहौर जिला कांग्रेस के सचिव पिंडी दास सोंधी ��ा घर लाहौर सेंट्रल जेल से बिल्कुल लगा हुआ था। भगत सिंह ने इतनी जोर से 'इंकलाब जिंदाबाद' का नारा लगाया कि उनकी आवाज सोंधी के घर तक सुनाई दी। उनकी आवाज सुनते ही जेल के दूसरे कैदी भी नारे लगाने लगे। तीनों युवा क्रांतिकारियों के गले में फांसी की रस्सी डाल दी गई।उनके हाथ और पैर बांध दिए गए। तभी जल्लाद ने पूछा, सबसे पहले कौन जाएगा? सुखदेव ने सबसे पहले फांसी पर लटकने की हामी भरी। जल्लाद ने एक-एक कर रस्सी खींची और उनके पैरों के नीचे लगे तख्तों को पैर मार कर हटा दिया।काफी देर तक उनके शव तख्तों से लटकते रहे।अंत में उन्हें नीचे उतारा गया और वहाँ मौजूद डॉक्टरों लेफ्टिनेंट कर्नल जेजे नेल्सन और लेफ्टिनेंट कर्नल एनएस सोधी ने उन्हें मृत घोषित किया।
क्यों मृतकों की पहचान करने से एक अधिकारी ने मना किया -
एक जेल अधिकारी पर इस फांसी का इतना असर हुआ कि जब उससे कहा गया कि वो मृतकों की पहचान करें तो उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया। उसे उसी जगह पर निलंबित कर दिया गया। एक जूनियर अफसर ने ये काम अंजाम दिया।पहले योजना थी कि इन सबका अंतिम संस्कार जेल के अंदर ही किया जाएगा, लेकिन फिर ये विचार त्यागना पड़ा जब अधिकारियों को आभास हुआ कि जेल से धुआँ उठते देख बाहर खड़ी भीड़ जेल पर हमला कर सकती है। इसलिए जेल की पिछली दीवार तोड़ी गई।उसी रास्ते से एक ट्रक जेल के अंदर लाया गया और उस पर बहुत अपमानजनक तरीके से उन शवों को एक सामान की तरह डाल दिया गया। पहले तय हुआ था कि उनका अंतिम संस्कार रावी के तट पर किया जाएगा, लेकिन रावी में पानी बहुत ही कम था, इसलिए सतलज के किनारे शवों को जलाने का फैसला लिया गया।उनके पार्थिव शरीर को फिरोजपुर के पास सतलज के किनारे लाया गया। तब तक रात के 10 बज चुके थे। इस बीच उप पुलिस अधीक्षक कसूर सुदर्शन सिंह कसूर गाँव से एक पुजारी जगदीश अचरज को बुला लाए। अभी उनमें आग लगाई ही गई थी कि लोगों को इसके बारे में पता चल गया।जैसे ही ब्रितानी सैनिकों ने लोगों को अपनी तरफ आते देखा, वो शवों को वहीं छोड़ कर अपने वाहनों की तरफ भागे। सारी रात गाँव के लोगों ने उन शवों के चारों ओर पहरा दिया।अगले दिन दोपहर के आसपास जिला मैजिस्ट्रेट के दस्तखत के साथ लाहौर के कई इलाकों में नोटिस चिपकाए गए जिसमें बताया गया कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का सतलज के किनारे हिंदू और सिख रीति से अंतिम संस्कार कर दिया गया।इस खबर पर लोगों की कड़ी प्रतिक्रिया आई और लोगों ने कहा कि इनका अंतिम संस्कार करना तो दूर, उन्हें पूरी तरह जलाया भी नहीं गया। जिला मैजिस्ट्रेट ने इसका खंडन किया लेकिन किसी ने उस पर विश्वास नहीं किया।
वॉर्डेन चरत सिंह फूट-फूट कर रोने लगे -
इस तीनों के सम्मान ��ें तीन मील लंबा शोक जुलूस नीला गुंबद से शुरू हुआ। पुरुषों ने विरोधस्वरूप अपनी बाहों पर काली पट्टियाँ बांध रखी थीं और महिलाओं ने काली साड़ियाँ पहन रखी थीं। लगभग सब लोगों के हाथ में काले झंडे थे।लाहौर के मॉल से गुजरता हुआ जुलूस अनारकली बाजार के बीचोबीच रूका। अचानक पूरी भीड़ में उस समय सन्नाटा छा गया जब घोषणा की गई कि भगत सिंह का परिवार तीनों शहीदों के बचे हुए अवशेषों के साथ फिरोजपुर से वहाँ पहुंच गया है। जैसे ही तीन फूलों से ढ़के ताबूतों में उनके शव वहाँ पहुंचे, भीड़ भावुक हो गई। लोग अपने आँसू नहीं रोक पाए।उधर, वॉर्डेन चरत सिंह सुस्त कदमों से अपने कमरे में पहुंचे और फूट-फूट कर रोने लगे। अपने 30 साल के करियर में उन्होंने सैकड़ों फांसियां देखी थीं, लेकिन किसी ने मौत को इतनी बहादुरी से गले नहीं लगाया था जितना भगत सिंह और उनके दो कॉमरेडों ने।किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि16 साल बाद उनकी शहादत भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के अंत का एक कारण साबित होगी और भारत की जमीन से सभी ब्रिटिश सैनिक हमेशा के लिए चले जाएंगे।
शहीद-ए-आजम का भगत सिंह नाम कैसे पड़ा -
भारत माँ के इस महान सपूत का नाम उनकी दादी के मुँह से निकले लफ्जों के आधार पर रखा गया था।जिस दिन भगतसिंह का जन्म हुआ, उसी दिन उनके पिता सरदार किशनसिंह और चाचा अजीतसिंह की जेल से रिहाई हुई थी। इस पर उनकी दादी जय कौर के मुँह से निकला 'ए मुंडा ते बड़ा भागाँवाला ए' (यह लड़का तो बड़ा सौभाग्यशाली है)।शहीद-ए-आजम के पौत्र (भतीजे बाबरसिंह संधु के पुत्र) यादविंदरसिंह संधु ने बताया कि दादी के मुँह से निकले इन अल्फाज के आधार पर घरवालों ने फैसला किया कि भागाँवाला (भाग्यशाली) होने की वजह से लड़के का नाम इन्हीं शब्दों से मिलता-जुलता होना चाहिए, लिहाजा उनका नाम भगतसिंह रख दिया गया।
शहीद-ए-आजम का नाम भगतसिंह रखे जाने के साथ ही नामकरण संस्कार के समय किए गए यज्ञ में उनके दादा सरदार अर्जुनसिंह ने यह संकल्प भी लिया कि वे अपने इस पोते को देश के लिए समर्पित कर देंगे। भगतसिंह का परिवार आर्य समाजी था, इसलिए नामकरण के समय यज्ञ किया गया।यादविंदर ने बताया कि उन्होंने घर के बड़े-बुजुर्गों से सुना है कि भगतसिंह बचपन से ही देशभक्ति और आजादी की बातें किया करते थे। यह गुण उन्हें विरासत में मिला था, क्योंकि उनके घर के सभी सदस्य उन दिनों आजादी की लड़ाई में शामिल थे।हमारा उद्देश्य हमेशा रहता है की अपने इतिहास के चुनिंदा घटनाओं से आपको अवगत कराते ��हे है। हमारे आर्टिकल आपको अगर पसंद आते है तो हमे अपना समर्थन दे।
पूरा जानने के लिए -http://bit.ly/319PmN5
#सुभाषबोस#साम्राज्यवादमुर्दाबाद#सुखदेव#सरफरोशीकीतमन्नाअबहमारेदिलमेंहै#शहीदेआजमभगतसिंह#शहीदएआजमकाभगतसिंहनामकैसेपड़ा#वॉर्डेनचरतसिंहफूटफूटकररोनेलगे#वॉर्डेनचरतसिंह#लेफ्टविंगकम्युनिजम#लाहौरसेंट्रलजेल#लाहौरकॉन्सपिरेसीकेस#लाहौरकीद्वारकादासलाइब्रेरी#मुस्लिमसफाईकर्मचारी#राजगुरु#मिलिट्रिजम#भीमसेनसच्चर#भगतसिंहनेअपनेमाँसेकियावादानिभाया#भगतसिंहदेशकेलिएफांसीकेफंदेपरझूल#भगतसिंहकोकिताबेंपढ़नेकाइतनाशौक#भगतसिंहऔर23मार्च1931#भगतसिंह#फिरोजपुरकपाससतलज#पितासरदारकिशनसिंह#पंडितनेहरू#दस्पाई#तीनोंक्रांतिकारियोंअंतिमक्षण#चाचाअजीतसिंह#एकक्रांतिकारीकेआखिर24घंटे#इन्कलाबियोंकोमरनाहीहोताहै#आजादीगीतगाने
1 note
·
View note
Text
0 notes
Text
Weight Loss Tips:- वजन घटाने के लिए डाइट चार्ट - Diet Chart For Weight Loss in Hindi
��ोटापा किसी के लिए भी परेशानी और शर्मिंदगी का सबब बन जाता है। कोई भी नहीं चाहता की उसका थुलथुल ढीला, भारी भरकम शरीर हो। यह आपके पूरी पर्सनालिटी की रौनक को खत्म कर देता है । ज्यादा मोटापा सिर्फ सुंदरता ही कम नहीं करता बल्कि शरीर को बीमारियों का घर बना देता है। एक अच्छी पर्सनैलिटी की पहचान स्वस्थ शरीर से होती है।
बिज़ी लाइफस्टाइल के चलते, आजकल सभी अपनी फिटनेस का ख़ास ख़्याल नहीं रख पाते। पर आप अपने काम में तभी परफेक्ट हो पाएंगे, जब आपका स्वास्थ्य अच्छा और आप फिट होंगे। ऐसे में लोग वजन घटाने करने के लिए घंटो जिम में पसीना बहाते हैं, डाइटिंग करते हैं, कई बार दवाइयां भी लेते हैं. जबकि
मोटापा कम
करने के लिए इतना कुछ करने की जरुरत नहीं होती है. अपने पेट को कम करने के लिए सबसे जरुरी है की आप सही डाइट चार्ट फॉलो करें।
सब्ज़ियों का सूप
डाइट चार्ट में इस बात का ख्याल रखा गया है कि आपको जरूरी
विटामिन्स
और
मिनरल्स
मिलते रहें। वैसे जरूरी नहीं कि हर शख्स पर यह पूरी तरह से लागू होगा। हालाँकि, आप इसमें थोड़ा फेरबदल भी कर सकते हैं।जब आप वजन कम करना शुरू करते हैं तो शुरू में आमतौर पर सभी लोगों का वजन दो चार किलो कम हो जाता है, मगर बाद में फैट कम नहीं होता। इसलिए हर बार आपको अपना
डाइट चार्ट
पहले के मुकाबले ज्यादा हार्ड बनाना होता है।
वजन घटाने
के लिए इस डाइट चार्ट को आप आजमाकर देखें फर्क जरूर पड़ेगा।
वैसे तो हर व्यक्ति की शारीरिक संरचना और उसके द्वारा की जाने वाल��� मेहनत के हिसाब से खान-पान की आवश्यकता अलग-अलग होती है। इसके लिए बेहतर होगा बीएमआर निकाला जाए जो यह बताएगा कि शरीर को कम से कम कितनी कैलोरी की आवश्यकता है।
शरीर का वजन कम करने के लिए कम कैलोरी लेनी चाहिए और इसके लिए बैलेंस्ड डाइट चार्ट बनाया जाना जरूरी होता है। दिमाग सुचारू रूप से कम करे और शरीर थके नहीं, इन बातों को ध्यान में रखते हुए 1200 से 1800 कैलोरी की आवश्यकता होती है। इतनी कैलोरी ऊर्जा के रूप में शरीर में बेहतर ढंग से संचरित हो जाती है जो कि फैट के रूप में नहीं जमती।
तीन मुख्य भोजन, जैसे नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना 300 से 350 कैलोरी का रखें।
बाकी बचे 300 कैलोरी में स्नेक्स तथा अन्य चीजों को रखें।
बेवरेज के तौर पर ग्रीन टी अपनाएं। ग्रीन टी वजन कम करने में सहायक है।
जो भी खाना खाएं, सभी गेहूं से बना हो या ब्राउन चावल हो। मैदा या सफेद चावल न खाएं।
वजन घटाने के लिए डाइट चार्ट - Diet Chart For Weight Loss in Hindiआपको नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने को ऐसे डिवाइड करें।
सुबह उठते ही : पानी पिएं, हो सके तो कम से कम दो गिलास और ज्यादा से ज्यादा एक लीटर। पानी हल्का गुनगुना होगा तो अच्छी बात है वरना जैसा आपको ठीक लगे।
अगर हो सके तो कुंज्जल करें : यह एक यौगिग क्रिया है जिसे वमन धौती भी कहा जाता है। इसमें तकरीबन दो लीटर हल्का गर्म पानी पीकर उल्टी की जाती है। अगर बीपी की प्रॉबलम नहीं है तो पानी में हल्का नमक भी मिला लें। यह वैसे तो बहुत आसान है मगर बेहतर होगा शुरू में आप किसी जानकार के सामने यह करें उसके बाद आप खुद कर सकती हैं।
नाश्ता : ओट्स बनायें मगर ये इंस्टेंट ओट्स न हों। सादे ओट्स का पैकेट लाएं और उसमें प्याज, लहसुन, दालचीनी, जरा सी मंगरैल उर्फ कलौंजी डालें, बाकी नमक वगैरा तो डालना ही है। इसमें मौसम के हिसाब से सब्जियां डाल सकती हैं। हो सके तो ब्रोकली जरूर डालें या कॉर्नफ्लेक्स और डबल टोंड दूध या अगर आप नॉन वेजिटेरियन हैं तो तीन या चार उबले अंडे का सफेद हिस्सा। चाहें तो बिना चीनी वाली नींबू की शिकंजी। शिकंजी पहले पियें बाद में अंडे खाएं या कभी कभी आप नाश्ते में दही के साथ उबला आलू भी ले सकती हैं। इसमें हरा धनिया भी डाल लिया करें।
ब्रंच : पांच से दस बादाम, साथ में कॉफी या ग्रीन टी या अदरक, तुलसी, दालचीनी, इलाइची वगैरा की चाय बस इसमें चीनी की बजाए शुगर फ्री हो।
लंच: एक कटोरी ब्राउन राइस, सलाद, दाल, मल्टी ग्रेन आंटे की एक या दो ��ोटी।
शाम की चाय-शाय: कोई वेज सूप या भुने चने के साथ चाय या कॉफी या ग्रीन टी। चाहें तो स्प्राउट भी ले सकती हैं।
रात का खाना एक कटोरा वेज सूप, एक कटोरा सलाद, या एक बड़ा कटोरा पपीता या एक कटोरा भरकर सब्जियां इसमें लहसुन, प्याज जरूर हो या नॉन वेजेटेरियन हैं तो तीन एग व्हाइट या 150 ग्राम चिकन ब्रेस्ट, या दो लेग पीस।
जरूरी नहीं है कि आप इन्हीं चीजों का सेवन करें। जरूरी ये है कि आप कैलोरी की सही मात्रा लें। इसके साथ ही तरल पदार्थों का अधिक सेवन और व्यायाम को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा।
मोटापे से बचने के लिए क्या खाएं और कैसे खाएं? – Weight Loss Foods in Hindi
मोटापे से खुद को बचाने के लिए निम्नलिखित चीजें खा सकते हैं और मोटापे से छुटकारा पा सकते हैं:
सलाद खाएं
लो कैलोरी फूड लें
मोटे अनाज शामिल करें
चबाकर खांए
शहद और नींबू
डेयरी उत्पाद, जैसे – दही व मक्खन आदि।
नट्स जैसे – मूंगफली व बादाम आदि।
खट्टे फल
सूप पींए
पालक
सेब
दाल
दलिया
अंडा
विनेगर
एवोकैडो
मोटापा से बचने के लिए क्या ना खाएं? – Foods to Avoid in Weight Loss in Hindi
मोटापे से बचने के लिए, आपको नीचे बताई गईं चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए :
ज़्यादा चीनी वाले खाद्य पदार्थ, जैसे – मिठाई व खीर ।
ज़्यादा चीनी वाले पेय, जैसे – कोल्ड ड्रिंक व शर्बत।
ज़्यादा तेल वाले खाद्य पदार्थ, जैसे – फ़्रेंच फ्राई व चिप्स।
वजन घटाने वाले कुछ व्यायाम और योगासन – Some Exercise and Yoga for Weight Loss in Hindi
वज़न घटाने के लिए हमारे डाइट चार्ट को अपनाने के साथ-साथ आपको नीचे बताए गए
एक्सरसाइज
को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए:
सुबह-शाम टहलें।
रस्सी फांदने का अभ्यास करें।
स्विमिंग करें।
साइकल का प्रयोग करें।
ज़ुम्बा या डांस क्लास से भी वज़न घटा सकते हैं।
व्यायाम के अलावा योगासन से भी वज़न घटाया जा सकता है, योगासन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें: वजन घटाने के लिए योगासन निम्नलिखित है:
चक्रासन
भुजंगासन
वीर भद्रासन
नवासना
सूर्य नमस्कार
वजन घटाने के लिए कुछ और उपाय – Other Tips for Weight Loss in Hindi
समय पर नास्ता करें - नाश्ता पूरे दिन का सबसे महत्वपूर्णडाइट होता है। बतादें कि, सुबह का नाश्ता हमारे शरीर के मेटाबॉलिज़्म प्रक्रिया को सीधे तौर पर प्रभावित करता है।
डिप्रेशन से बचें - मोटापे का एक कारण डिप्रेशन भी हो सकता है, इससे बचने के लिए आपको टहलना या घूमना भी चाहिए। ऐसे काम करें जिससे आपको खुशी मिलती है।
पूरी नी��द लें - शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि नींद पूरी ना होने से वज़न बढ़ सकता है, क्योंकि नींद की कमी से शरीर की इंसुलीन संवेदनशीलता और ग्लूकोज़ सहिष्णुता में कमी आती है। इससे शरीर में लेप्टिन का स्तर घटता है, और हमारी भूख बढ़ती है।
वजन घटाने के लिए डाइट रेसिपी – Diet Food Recipes for Weight Loss in Hindi
वजन घटाने के लिए डाइट रेसिपी का इस्तेमाल करके आप अपने मोटापा को कम कर सकते हैं और कई तरह की बिमारियों से बच सकते हैं। यहां हम आपको कुछ आसान रेसिपी के बारे में बता रहें हैं जो निम्नलिखित है:-
1.फलों का सलाद - सामग्री जैसे - आधा पपीता, एक केला, आधे से थोड़ा कम तरबूज़, एक सेब, पांच से छह अंगूर, नींबू, चुटकी भर नमक, चुटकी भर काली मिर्च
कैसे बनाएं
बाउल में सारे फलों के छोटे-छोटे टुकड़े करें। अंत में इन टुकड़ों के साथ अंगूर, नींबू के रस, चुटकी भर नमक और काली मिर्च को भी मिला लें। अब आपके फलों का सलाद तैयार है। सर्व करें।
2.सब्ज़ियों का सूप - सामग्री जैसे - एक पत्तागोभी का थोड़ा-सा भाग, आधा या एक गाजर, पांच बीन्स, नींबू, चुटकी भर काली मिर्च, नमक, थोड़ी-सी अजवाइन या उसके डंठल, एक चुकंदर
कैसे बनाएं
पत्तागोभी, चुकंदर और गाजर के लंबे-लंबे टुकड़े काटें फिर,अजवाइन के डंठल को छोटे टुकड़ों में काटें। उसके बाद बीन्स को भी छोटे टुकड़ों में काट लें। फिर एक पतीले में पानी उबालें और सारी सब्ज़ियों को उसमें डालें। सब्ज़ियों को थोड़ी देर तक पकने दें और फिर उन्हें पानी के साथ कटोरे में निकाल लें। लास्ट में कटोरे में नींबू का रस, नमक और काली मिर्च डालें और अच्छी तरह से सब्ज़ियों को मिला लें।
#weight loss in hindi#Weight Loss Tips#Weight Loss Foods#Weight Loss Recipe#Weight Loss#Weight Loss Diet Chart#vajan kam karne ke upaye#vajan kam karne gharelu upchaar
0 notes
Text
एक वर्जिन लड़के साथ डोमिनेटिंग भाभी
मैं रोहित के जीवन की एक और कड़ी के साथ वापस आ गयी हूं। मुझे पता है कि मैं कुछ काम के कारण कहानी अपलोड करने में सुसंगत नहीं रही हूँ और कुछ पाठकों को रितु जी की कहानी पसंद नहीं आ रही है। लोग कुछ सेक्स सीन की उम्मीद कर रहे थे तो लो एक वर्जिन लड़के साथ डोमिनेटिंग भाभी ने किया मन भर के सेक्स, भाभी ने लड़के के लंड को सुजा दिय। सुजा लंड देख के लड़के का रोना निकल गया। पाठकों, कृपया समझें कि यह कहानी उन लोगों के लिए नहीं है जो हर हिस्से में एक सेक्स सीन करना चाहते हैं, बिना यह बताए कि यह कैसे होता है। इस कहानी में, पाठकों को वास्तविक हावी प्रकृति को पढ़ने को मिलेगा जो एक परिपक्व वृद्ध महिला छोटे लड़कों पर हो सकती है। और कैसे भाभी रोहित को बाथरूम में चिढ़ाकर उसके साथ छेड़छाड़ कर सकती है। अगले भाग 7 के लिए बने रहें, जो कि कुछ भी नहीं है। चलो शुरू करते हैं। रात पहले से ही हम पर भारी पड़ रही थी और हम दोनों आलसी हो रहे थे। फिर हमने अपना रात का खाना खत्म करना शुरू किया और भाभी ने एक अजीब अनुरोध किया। भाभी: रोहित, सुनो। रोहित: क्या भाभी? भाभी: मुझे तुमसे कुछ और कपड़े चाहिए। मैं देखना चाहता हूं कि कपड़े (शरारती मुस्कान) में आपका क्या स्वाद है। रोहित: ज़रूर भाभी, आप वास्तव में क्या चाहते हैं? भाभी: एक महिला ��ी जरूरत की हर चीज। रोहित: नहीं, विशिष्ट बनो, मेरी महिला। मैं आपकी इच्छा पूरी करने के लिए यहां हूं, लेकिन मुझे पता होना चाहिए कि आप क्या चाहते हैं। भाभी: मेरी औरत! (हँसना)। रोहित: मुझे यह भी नहीं पता कि यह कहां से आया। भाभी: ठीक है, मुझे एक भारतीय शैली की पोशाक चाहिए। मुझे आशा है कि आप मेरा आकार पहले से ही जानते हैं। रोहित: हाँ, पहले से ही (दोपहर को याद करके मुस्कुराते हुए जब मैंने उसकी सेक्सी बॉडी को नाप लिया और कल्पना करना छोड़ दिया)। भाभी: हाँ, तो मुझे वहाँ के लिए भी कुछ दिला दो। रोहित : कहाँ ? भाभी : वहाँ, जहाँ तुम्हारी आँखों पर पट्टी बंधी थी (बहुत शरारती आँख से)। रोहित: ज़रूर, मैं आपको और खूबसूरत बनाने की पूरी कोशिश करूँगा। फिर हम दोनों ने एक-दूसरे पर मुस्कान बिखेरी और अपने कमरों में चले गए। मैं खुश था कि मैं उसके अनुरोध पर पीछे नहीं हटी क्योंक��� मेरे लिए यह सुनना बहुत अजीब स्थिति थी कि एक महिला मुझसे ऐसे कपड़े चाहती थी। एक बार का उपहार सामान्य है, लेकिन फिर से, और वह भी उसके निजी क्षेत्र के लिए कुछ कपड़े! फिर मैंने तेजी से वितरण और छूट के लिए अमेज़न पर स्क्रॉल किया। मुझे फ्लोरल प्रिंट वाले तीन कुर्तों की एक बहुत अच्छी जोड़ी मिली। फिर मैंने उसके लिए एक ब्रा और अंडरवियर खोजा। मुझे एक बैंगनी रेट्रो जॉकी जोड़ी मिली (आप इसे अमेज़ॅन पर देख सकते हैं, यह एक सफेद बैंड के साथ है)। और एक पीले रंग की स्ट्रिंग प्रकार की बिकनी (अमेज़ॅन पर हिलो रिल)। इसने दिखाया कि इसे कल दोपहर तक डिलीवर कर दिया जाएगा। मैं बिस्तर पर होने के कारण असहज महसूस कर रहा था। तो मैंने सोचा कि क्यों न मैं अपने अंडरवियर और शर्ट को हटा दूं और ठंडी हवा को महसूस करते हुए बस अपने शॉर्ट्स में सो जाऊं। यह एक बहुत अच्छा विचार था। फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और शॉर्ट्स पहन कर सो गया। रात काफी सर्द थी। अगले दिन सुबह- मैं खुशी से अपने सपने का आनंद ले रहा था जिसमें मैं अपनी भाभी की सेक्सी सुंदरता की कल्पना कर रहा था। लेकिन अचानक, किसी ने मेरा दिलासा देने वाला (ए/सी में इस्तेमाल होने वाला मुलायम कंबल) खींच लिया। मैंने देखा कि भाभी एक आश्चर्यजनक स्थिति में खड़ी होकर मेरे पैरों को नीचे देख रही हैं। फिर मैंने अपनी निगाहें अपने शॉर्ट्स की तरफ़ घुमाईं, जिसमें एक बहुत बड़ा तंबू था। तब भाभी ने कहा- भाभी : गुड मॉर्निंग! या मीठा सपना कहूं? रोहित: जस्ट गुड मॉर्निंग ठीक है। मैं उसे सुबह सबसे पहले और ठंडी हवा को देखने के लिए उत्साहित था। मैंने अपनी आँखें पोंछ��े की कोशिश की और मुक्त हो गया कि मेरी छाती कैसे खुली हुई है और मेरे निप्पल पोक रहे थे। मैंने अपने शरीर को फैलाने की कोशिश की, यह देखकर कि भाभी मेरे पास बिस्तर पर बैठी है। फिर उसने कहा- भाभी: क्या मेरा प्यारा रोहित अब जाग गया है? रोहित: हाँ, भाभी (एक प्यारी सी मुस्कान के साथ)। भाभी: ठीक है, फिर बाथरूम में आ जाओ मुझे तुम्हारी मदद चाहिए। रोहित: ज़रूर, भाभी। कमरे से बाहर निकलते समय, भाभी ने मेरी ओर आखिरी बार देखा और एक प्यारी सी मुस्कान दी। मैं अभी भी बिस्तर पर था। 5-10 मिनट के बाद, मैंने भाभी को मुझे बाथरूम से बुलाते हुए सुना। भाभी: रोहित… रोहित… रोहित… मैं उसी अवस्था में बाथरूम में गया जब मैं बिस्तर पर था। जैसे ही मैंने दरवाज़ा खोला, मैंने देखा कि भाभी शीशे के सामने अपने हाथों को सिर के ऊपर रखकर और मोहक मुद्रा में खड़ी थी। फिर मैं उसके पास गया। रोहित: हां भाभी, आपको क्या मदद चाहिए? भाभी: सबसे पहले अपने कमरे से अपना शेविंग रेजर और क्रीम भी निकाल लें। भाभी जो चाहती थी वह मुझे नहीं मिल रहा था, इसलिए मैं सामान लेने अपने कमरे में चली गई। रोहित: हां भाभी, मेरे पास रेजर है। भाभी: ठीक है, उस्तरा को मार्बल के ऊपर रख दो और मेरे पास आओ और कपड़े के साथ मेरी मदद करो। (अभी भी खुद को आईने में अपनी पीठ के साथ मेरी ओर देखते हुए।) जैसे ही मैं उस्तरा रखने के लिए उसके पास गया, वह दो कदम पीछे चली गई। उसकी गांड मेरे बहुत करीब थी। फिर मैं उस्तरा को मार्बल टॉप पर रखने के लिए झुका। वह भी झुकी और उसकी गांड मेरे शॉर्ट्स पर फिसल गई। मैंने अंडरवियर नहीं पहना हुआ था और धीरे-धीरे मेरा लंड बड़ा होने लगा। तब भाभी ने कहा- भाभी: रोहित, मेरी नाइटी हटाने में मेरी मदद करो, ना। फिर मैं उसकी गांड को अपने चेहरे से चिपकाए हुए अपने घुटनों के बल नीचे चला गया। मैंने नाईट का बॉटम पकड़ा और धीरे-धीरे उसके शरीर को प्रकट करते हुए मैं नाइटी को उसकी कमर की लंबाई तक ले आया। उसने एक बहुत पुरानी पैंटी पहनी हुई थी जिस पर क्रीम/भूरे रंग का धुला हुआ था। मैं पीछे से उसकी पैंटी को ही देख रहा था। तब भाभी ने कहा- भाभी: देखिए, मेरी पैंटी खराब है ना? यह बहुत पुराना है और रंग भी बहुत धुला हुआ लग रहा था। रोहित: हाँ भाभी, और यहाँ तक कि यह बहुत ढीली किस्म की है। भाभी: हाँ, इसीलिए, उम्म… मैंने तुमसे पूछा था। (आईने में मुस्कुराते हुए) फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी नाइटी उसके सिर से उतार दी। उसने सफेद रंग की बेहद पुराने जमाने की ब्रा पहनी हुई थी। भाभी: उफ्फ्फ... तुम शरारती लड़के। मैं यहाँ नंगा खड़ा हूँ, मेरे लिए एक तौलिया ले आओ। फिर उसने बगल से तौलिया पकड़ा और अपने शरीर को ढँक लिया और मेरी ओर मुड़ी। उसने तौलिये के दोनों सिरों को अपने सामने पकड़ रखा था। फिर बोली- भाभी : अपने हाथ तौलिये के अंदर रखो और मेरी ब्रा उतार दो। मैंने अपने हाथों को उसके तौलिये के अंदर सरका दिया और अपने हाथों को उसकी ब्रा के पिछले हिस्से पर रखने के लिए उसके पास गया। मैं किसी तरह ब्रा को खोलकर बाहर निकालने में सफल रही। उसे मुझे इस तरह के काम करने के लिए कहते देख मेरे हाथ कांप रहे थे। भाभी ने तौलिये को अपने शरीर के चारों ओर बहुत कसकर लपेट लिया, उसकी दरार के ठीक ऊपर और मुझे हल्का सा विभाजन दिखाई दे रहा था। चूंकि उसके हाथ अब खाली हो गए थे, उसने मेरे हाथों से ब्रा ली और मुझे यह दिखाने के लिए मेरे चेहरे पर धक्का देना शुरू कर दिया कि उसकी ब्रा कितनी पुरानी है। फिर उसने कहा- भाभी : देखिए कितनी पुरानी है यह ब्रा। उफ्फ, यह मेरे स्तन के ऊपर इतना कड़ा है। मैं बस इसके साथ नहीं रह सकता। रोहित: हाँ भाभी, बहुत पुराना है। मैंने कल इसे ऑर्डर करने की कोशिश की। मुझे उम्मीद है आप इसे पसंद करेंगे। भाभी: सच में, तुम कितने प्यारे लड़के हो रोहित। रोहित: धन्यवाद भाभी। (मैंने सोचा कि यह सुबह के लिए है और बाथरूम से बाहर निकलने के लिए मुड़ा, लेकिन…) भाभी : कहाँ जा रही हो ? बस कमोड पर बैठो (बहुत सख्त आवाज में)। रोहित: उह्ह्ह... (जब उसने ऐसा कहा तो मैं हैरान रह गया)। फिर मैं कमोड के पास गया और यह सोचकर बैठ गया कि कुछ और आने वाला है या शायद नहाने का शो। वह मेरे सामने उस्तरा और क्रीम लिए खड़ी थी। उसने अपना दाहिना पैर मेरे घुटने पर रखा और मेरे शॉर्ट्स को घूर रही थी जिसमें अब तक एक बहुत बड़ा तम्बू था। भाभी: हेहे… मुझे यह नजारा पसंद आया। तुम बैठे हो और मेरे पैर तुम पर। मेरा पैर तुम पर कैसा लग रहा है? रोहित: भाभी, बहुत ठंड है। क्या मैं इसे गर्म करने के लिए मालिश करूं? (यह सोचकर कि वह चाहती है कि मैं उसके पैरों को साफ कर दूं।) भाभी: अब आपको मालिश करने की ज़रूरत नहीं है, कि मैं किसी ऐसे व्यक्ति से करूँगा जो छुपा हुआ है। यह छुरा ले लो। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कौन छुपा रहा है और वह क्यों चाहती है कि मैं उस्तरा ले लूं। और अगर वह नहीं चाहती थी कि मैं उसके पैर मुंडवाऊं, तो वह मुझसे क्या चाहती थी? रोहित: दे दो, भाभी (भ्रमित और तनावपूर्ण अभिव्यक्ति के साथ)। उस्तरा पास करते हुए, वह अपने बाएं पैर को बगल में ले आई और धीरे-धीरे अपने दाहिने पैर को हिलाना शुरू कर दिया जो कि मेरी बाहरी जांघ पर स्लाइड करने के लिए बाएं घुटने पर था। अपनी दाहिनी टांग को मेरी बाहरी जाँघ पर रगड़ कर वह मेरी गोद में बैठ गई और अपनी दोनों बाँहों को मेरे गले में लपेट लिया। फिर उसने कहा- भाभी: अब, मेरा पैर कैसा था? चिकना? रोहित: हाँ, वे बहुत चिकने और मुलायम हैं। वे बालों वाली नहीं लगतीं। मुझे लगता है कि आपने हाल ही में वैक्स किया था। भाभी: हाँ, कल शाम। रोहित: ओह अच्छा! इसलिए कल तुम्हारे पैर चमक रहे थे? भाभी: हाँ… लेकिन कुछ और जगहें हैं जहाँ मुझे चिकनी त्वचा की ज़रूरत है। रोहित: कहाँ, भाभी? उसने बस अपना दाहिना हाथ उठाया और मेरे चेहरे के बहुत करीब ले आई। उसकी कांख के अंदर बाल थे। उसकी सुबह की सुगंध मुझे और अधिक उत्तेजित करने के लिए मेरी नाक में प्रवेश कर गई और मेरे शॉर्ट्स की वजह से मेरे डिक में दर्द होने लगा। वे अब थोड़े सख्त थे। रोहित : आह... भाभी : क्या हुआ? यह बुरा लग रहा है, ना? रोहित (ग्रसित आवाज): हां, वे बहुत ज्यादा हो गए हैं (अभी भी मेरे चेहरे पर दर्द है)। उसने नीचे देखा और देखा कि बहुत टाइट शॉर्ट्स मेरे डिक के साथ बहुत जोर से पोक कर रहे हैं। फिर उसने मेरी आँखों में देखा और खुद को मेरी गोद में मेरे करीब ले आई। मेरी गोद में फिसलती हुई उसकी कोमल और मोटी गांड को महसूस करना सबसे अच्छा एहसास था। भाभी बस अपने शरीर को मेरे इतना पास ले आई कि मेरा लंड अब उसके और मेरे पेट के बीच में था, कुचला जा रहा था। फिर वह लयबद्ध गति में चलने लगी। मुझे दर्द कम महसूस हो रहा था। भाभी: क्या मेरी मालिश ठीक है, प्रिय? रोहित : उफ्फ्फ भाभी बहुत सुकून मिलता है और अब मुझे दर्द कम हो रहा है... भाभी: डिक? रोहित (हैरान): हेहे...हाँ, भाभी। फिर वह अपने आप को पास ले आई और उसका चेहरा मेरे कंधे पर था। मैं उसके स्तनों को अपनी छाती पर महसूस कर रहा था जो तौलिये से ढके हुए थे। मुझे पता था कि वे हमारे बीच कुचले जा रहे हैं। फिर उसने कहा- भाभी : मैं जानती थी कि सुबह देख कर मुझे दर्द होने लगेगा। उस घृणित लघु में छिपा हुआ है। फिर भी, वह एक लयबद्ध गति में आगे बढ़ रही थी, लेकिन अचानक अपना सिर वापस लेना और अपनी पीठ को झुकाना बंद कर दें। मैं उसकी लंबी सेक्सी गर्दन और उसकी भयानक कंधे की हड्डी के साथ एक बहुत ही सुंदर दृश्य देख रहा था। फिर वह होश में आई। भाभी: मैं चाहती हूं कि मेरी कांख बिना बालों के चिकने और साफ रहें। और मेरा मतलब है कोई बाल नहीं… या… रोहित: ठीक है भाभी, मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा। फिर मैंने उसके हाथ से क्रीम ली और उसकी दाहिनी कांख पर लगाने लगा। उसने अपने बाएं हाथ से मेरी गर्दन पकड़ रखी थी और हमारा निचला शरीर कसकर संपर्क में था। मैं आराम से था। जब मैं शेविंग क्रीम लगा रहा था तो उसे गुदगुदी महसूस हो रही थी और वह लगातार मुस्कुरा रही थी। उसके शरीर पर बेहतर पहुँच और नियंत्रण के लिए, मैंने उसकी कोहनी को उसके सिर के ऊपर झुकाते हुए उसका दाहिना हाथ उसकी पीठ के पीछे बंद कर दिया। उसका कांख सीधे मेरे चेहरे के सामने था। फिर मैंने धीरे-धीरे उसके बाल मुंडवाए और वह चमक रहा था और चिकना हो गया था। मैंने दूसरी बगल के साथ भी ऐसा ही किया। फिर मैंने कहा- रोहित: हो गया भाभी, देखिये मुझे और शेव करने की जरूरत है या नहीं। डोमिनेटिंग भाभी: हम्म... साफ लग रहा है। लेकिन एक बाल है और क्रीम भी मेरे बगल में है। देखना। रोहित: शेव की हुई भाभी, इसे सिर्फ धोने की जरूरत है। भाभी: नहीं रोहित, मेरे शरीर पर बाल हैं। इतना कहकर उसने मेरा मुँह खींच लिया और अपना मुँह अपनी बगल में रख लिया। भाभी: अब अपनी जीभ बाहर निकालो और चाटो, गंदे लड़के। जैसे ही मैंने अपनी जीभ बाहर निकाली, उसने अपनी कांख को मेरी जीभ पर रगड़ना शुरू कर दिया। मुझे बहुत कठोर त्वचा (शेव करने के बाद बचे छोटे बाल) महसूस हो रहे थे। उसने अपनी लयबद्ध गति भी मेरे डिक पर शुरू कर दी जो हमारे पेट के बीच फंस गई है। जल्द ही मुझे मजा आने लगा और मैं जोर-जोर से उसकी बगल को चाटने लगा। अब उसने अपने दोनों हाथों को अपने सिर के ऊपर ले जाकर अपनी कोहनी झुकाई और अपनी कांख को मेरे सामने प्रकट किया। फिर मैंने बायीं कांख को चाटना शुरू किया। यह बहुत ज्यादा था। अचानक, वह उठ खड़ी हुई और अपनी गांड से अपना तौलिया थोड़ा ऊपर उठाया। फिर वह मुड़ी और उसकी पीठ मेरे सामने थी। पैंटी के साथ उसकी गांड सीधे मेरी तरफ इशारा कर रही थी। और अचानक, वह मेरे डिक पर बैठ गई। रोहित: उम्म्म... भाभी: आह... इतनी सख्त छड़ी। उसकी गांड सीधे मेरे डिक पर थी जो उसके द्वारा कुचली जा रही थी। भाभी (आदेश देने वाली आवाज): यहां अपना मुंह लाओ। फिर उसने अपनी बाँहों को ऊपर उठाया और अपनी दाहिनी कांख को फिर से उजागर किया और उसे चाटने के लिए मेरा चेहरा चिपका दिया। मैं उसकी गांड से कुचला जा रहा था और उसकी बगल से आ रही उसकी खुशबू। फिर मैंने अपना चेहरा उसकी बगल से हटा दिया और उसके कंधे को काट लिया। भाभी: उफ्फ...मम्म्म्म (उसके होंठों को काटते हुए)। मैंने उन्हें महसूस करने के लिए अपने हाथों को उसकी गर्दन से उसके स्तन तक ले जाने की कोशिश की, लेकिन उसने मेरे दोनों हाथों को अपनी बगल से पकड़ लिया और नीचे गिर गई। फिर उसने अपने आप को थोड़ा ऊपर उठाया और दोनों हाथों को अपनी गांड के नीचे दबा लिया। मैं उसकी असली गांड को अपनी हथेली में महसूस कर रहा था। मेरी हथेलियों से कच्चा महसूस होने पर यह एक प्रकार का कड़ा था। उसने मेरे सिर को अपने हाथों से पकड़ लिया और मुझे पीछे से अपनी गर्दन और थोड़ा सा चूमने के लिए मजबूर करना शुरू कर दिया। मैं उसकी चूत को छूने के लिए अपनी उँगलियों को बाएँ और दाएँ दोनों दिशाओं से पैंटी के क्रॉच क्षेत्र की ओर ले जाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन जैसे ही मैं अपनी उँगलियाँ हिलाता था, वह मेरे लंड और मेरी हथेली पर अपने आप को और गधे को जोर से दबाती थी। मुझे लगा कि मेरा प्रीकम रिलीज हो गया है। वह गर्मी और बहुत सारे एक्शन से बहुत पसीना बहा रही थी जो हम कर रहे थे। फिर मैंने अपनी जीभ बाहर निकाली और उसकी गर्दन पर बन रही पसीने की बूंद को पोंछा, उसे अच्छा लगा। उसने अपना मुँह मेरे कानों के पास लाया और कहा - भाभी: वो डिक इतना सख्त क्यों है रोहित? रोहित: भाभी, तुम मेरे लंड को अपनी कोमल गांड से कुचल रही हो। इतना कहकर उसने मेरे कान काट लिए। भाभी: रोहित, मेरे पास कभी कोई नौकर नहीं था, व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए (मेरे कानों में चुप आवाज)। रोहित: हम्म… भाभी। भाभी: रोहित, क्या तुम मेरे गुलाम बनोगे? इतना कहकर उसने अपनी मोटी गांड को मेरे लंड पर जोर से दबाया और मैं ज्यादा कुछ नहीं कर पाई। रोहित: उम्म्म भाभी (दर्द में)। भाभी: हाँ रोहित, क्या कह रहे थे? रोहित: हाँ, भाभी। भाभी: क्या 'हाँ', रोहित? रोहित: हां भाभी, मैं तुम्हारा गुलाम बनूंगा। यह सुनते ही वह मेरे शरीर से मुक्त होकर उठ खड़ी हुई और मेरे सामने खड़ी हो गई। भाभी: भाड़ में जाओ यहाँ से (कठोर स्वर में), मेरे शरारती रोहित (मीठा स्वर)। जो कुछ हुआ था ��ससे मेरी सांसें थमने से मैं हैरान था। भाभी: बाथरूम से बाहर निकलो और किचन में जाकर मेरे लिए कुछ नाश्ता तैयार करो। आपकी भाभी को कुछ अच्छे गर्म पानी से नहाना है। रोहित (कांपते हुए): हाँ भाभी। फिर मैं बाथरूम से बाहर आया और विश्लेषण कर रहा था कि बाथरूम में क्या हुआ था और कैसे उसने मुझे अपना प्रभुत्व स्वीकार कर लिया और मुझे अपना गुलाम बना लिया। मैंने हम दोनों के लिए ककड़ी और टमाटर और चाय के साथ कुछ कच्ची सब्जी सैंडविच बनाने की कोशिश की। तभी मैंने उसे बाथरूम से बाहर आते और अपने कमरे में जाते हुए सुना। वह 15 मिनट में वापस आ गई थी। फिर उसने मुझे खाने की मेज पर नाश्ता लाने को कहा। वह हाथ जोड़कर टेबल के किनारे खड़ी थी। भाभी : अब इस कुर्सी पर बैठो। जैसे ही मैं कुर्सी पर बैठा, वह बस आई और मेरी गोद में बग़ल में बैठ गई, अपने पैरों को मेरी दाहिनी ओर और अपना सिर मेरे बाएँ कंधे पर रख दिया। फिर उसने अपनी बाहें मेरे गले में लपेट लीं। भाभी: सैंडविच लो, मुझे भूख लग रही है। रोहित: ठीक है भाभी। भाभी : भाभी ? मुझे मीनाक्षी मैडम बुलाओ। रोहित : हां मैडम। मैं उसे अपने हाथों से खिला रहा था। वह बहुत धीरे-धीरे खा रहा था और सीधे मेरी आँखों में देख रहा था। कभी-कभी, मुझे उसके होंठ पोंछने पड़ते थे क्योंकि होठों के सिरे से कुछ टमाटर की चटनी रिस रही थी। फिर वो मेरे सीने पर अपने कील ठोकने लगी और कभी-कभी मेरे निप्पल में अपने नाखून खोदने लगी। मेरे नंगे सीने पर उसके नुकीले नाखूनों को महसूस करते हुए थोड़ा दर्द हो रहा था। जब वह ऐसा कर रही थी, तो मुझे एहसास हुआ कि उसने कोई पैंटी नहीं पहनी हुई थी और उसकी नंगी गांड मेरे डिक पर बैठी थी। उसकी गांड और मेरे लंड के बीच सिर्फ एक पतली सलवार है। डिंग डोंग डिंग डोंग…. मैंने दरवाजे की घंटी की घंटी सुनी और मुझे जो अद्भुत अहसास हो रहा था, उससे वापस लाया गया। भाभी अपने चेहरे पर गुस्से के साथ दरवाजे की तरफ दौड़ी। मैंने सोचा था कि दरवाजे पर खड़ा आदमी भाभी द्वारा डांटा जा रहा था। लेकिन जैसे ही मैं दरवाजे पर पहुंचा, मैंने भाभी को पार्सल के साथ दरवाजा बंद करते देखा उसका हाथ। यह अमेज़ॅन से था। भाभी पार्सल लेकर अपने कमरे के अंदर चली गई। मैं अभी भी भोजन कक्ष में था जब मैंने भाभी को अपने कमरे से मुझे बुलाते हुए सुना। जैसे ही मैं उनके कमरे में पहुँचा, भाभी ने आईने के सामने तीन भारतीय शैली के कुर्ते और फूलों के प्रिंट वाले सलवार पकड़े हुए थे। वह जाँच कर रही थी कि वे उसे कैसे देखेंगे। रोहित: क्या आपको अपनी गुलाम मीनाक्षी मैडम की पसंद पसंद आई? भाभी: हाँ, यह प्यारा है। रोहित: और वो दो जोड़े? भाभी शरमा गई और मेरे कानों के पास आ गई। भाभी: मैं उन्हें प्यार करता हूँ (चुपचाप आवाज)। रोहित: खुशी मेरी है, मीनाक्षी मैडम। भाभी: मैं उनसे इतना प्यार करती हूं कि अब उन्हें पहनना चाहती हूं. लेकिन मैं थक गया हूँ, तुम्हें पता है कि अब तुम्हें क्या करना है। रोहित: हां मैडम। फिर मैं उसकी सलवार निकालने के लिए अपने घुटनों पर चला गया। लेकिन जैसे ही मैंने अपनी उँगलियाँ उसकी कमर पर रखीं, वह अपने बिस्तर की ओर मुड़ी। उसने अपनी तर्जनी मेरी ठुड्डी के नीचे रख दी और चलने लगी और बिस्तर के किनारे पर बैठ गई। मैं अपनी ठुड्डी के नीचे उसकी उँगली लेकर उसके पीछे चल रहा था। मुझे भाग 6 यहाँ समाप्त करना चाहिए क्योंकि बाथरूम में एपिसोड के साथ यह पहले से ही बहुत लंबा है और बेडरूम में अगले भाग को एक विस्तृत स्पष्टीकरण की आवश्यकता है क्योंकि कुछ अप्रत्याशित भाभी पर हावी हो जाता है। बने रहें। मुझे इस भाग के बारे में आपके विचार और समीक्षा सुनना अच्छा लगेगा, चाहे आप लोगों को एक लंबी और धीमी कहानी की आवश्यकता हो या नहीं। इसलिए, कृपया ईमेल भेजें, और दूसरे व्यक्ति की निजता का सम्मान करें। Read the full article
#Desisexstory#hindisexstories#indiansexstory#SexStories#sexstory#चुदाईकीकहानी#डोमिनेटिंगभाभी#सेक्सकीकहानी
0 notes
Text
ToneOp Eats The Buzz Among The Fitness Enthusiasts In Bhopal, Indore & Bangalore!
क्या आप भी हेल्थी, रेडी तो ईट खाने की तलाश में हैं जो न केवल हेल्दी हो बल्कि खाने में भी मज़ेदार हो? अगर हाँ तो ToneOp Eats आपकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए है एकदम बेस्ट! ToneOp Eats एक ऐसा क्लाउड किचन एप्लीकेशन जो आपकी ज़रूरतों और आदतों के अनुसार आपकी मील को प्लान करता है। ToneOp के CEO पार्थ बंसल के द्वारा भोपाल में करीब दो साल पहले शुरू किया गया ये हेल्द किचन आपको प्रदान करता है पूर्ण रूप से हेल्दी और टेस्टी मील वो भी आपके लाइफस्टाइल के अनुसार।
ToneOp Eats आपके डोर स्टेप पे हेल्दी मील्स और बेवरेजेज़ डिलीवर करता है। यहाँ के सारे मील्स, एक्सपर्ट्स के मार्गदर्शन और कैलोरीज़ काउंट के अनुसार बनाए जाते है, जो आपकी हेल्थ के साथ आपके टेस्ट का भी ख्याल रखते हैं। आप यहाँ पा सकते हैं कई विकल्पों के साथ बिल्कुल फ्रेश और आवश्यकतानुसार पर्सनलाइज्ड मील्स।
ToneOp Eats, अब बैंगलोर में भी!
आपको ये जान कर बेहद ख़ुशी होगी की अब ToneOp Eats भोपाल और इंदौर के अलावा अब बैंगलोर में भी अपनी सर्विस शुरू कर चुका है। आप मील से संबंधित सारी जानकारी ToneOp Eats की वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं। आप Swiggy और Zomato से भी इसे ऑर्डर कर सकते हैं। तो अब, ToneOp Eats आपके स्वास्थ्य का ख्याल रखेगा!
आपको ToneOp Eats क्यों चुनना चाहिए?
क्या आपने कभी ऐसा सोचा की सुबह उठते ही एनर्जी और जोश के साथ पूरे दिन की परेशानियों का सामना करना इतना आसान हो सकता है? आप ऐसा कर सकते हैं अगर आप अपने स्वास्थ्य और मेडिकल कंडीशन के अनुसार अपने डाइट प्लान को कस्टमाइज़ कर लें।
जी हाँ, ToneOp Eats आपको सारी हेल्थ कंडीशन से लड़ने और फिटनेस गोल्स को हासिल करने में आपकी मदद करेगा।
1. कस्टमाइज़्ड मील
अपनी आवश्यकता और डाइटरी आदतों का ख्याल रखते हुए आप यहाँ अपने मील्स को कस्टमाइज़ करवा सकते है। इसका मतलब ये है की आप अपनी पसंद, आदत और ज़रूरतों के अनुसार अपनी मील्स को तैयार करवा सकते हैं। चाहे आपको वेज, वीगन या हाई प्रोटीन मील्स चाहिए, आप पा सकते हैं किसी भी प्रकार के हेल्दी विकल्प।
2. 100% ���ेल्दी मील्स
ToneOp Eats न ही केवल टेस्टी लेकिन हेल्दी मील्स की आवश्यकताओं को भी पूरा करता है। यदि आप फिटनेस प्रेमी है और हेल्दी खाना पसंद करते है. तो यह आपके लिए सबसे उम्दा विकल्प है। यहाँ की हर एक मील कैलोरी कॉउंटेड और नुट्रिशन में प्रचुर होती है।
3. स्वच्छ एवं सर्वोत्तम क्वालिटी
ToneOp Eats ये सुनिश्चित करता है की उनका हर एक मील हेल्दी हो और पूरी स्वच्छता के साथ बनाया जाये। सफाई के साथ-साथ इन्हे एक नियंत्रित तापमान पर पकाया जाता है जिससे इनके पोषक तत्त्व बरक़रार रहें। ToneOp Eats में शेफ और सारे कर्मचारी सफाई और सुरक्षा का पूर्ण ध्यान रखने के लिए PPE किट का इस्तेमाल करते हैं।
4. डायटिशियन सपोर्ट
ToneOp Eats की हर मील की रेसिपी डाइट एक्सपर्ट के मार्गदर्शन से तैयार की जाती। इसके साथ ही ToneOp Eats आपको फ्री डायटिशियन कंसल्टेशन भी उपलब्ध करवाता है जो आपकी सारी जरूरतों को समझकर आपको सबसे फायदेमंद मील का सुझाव देंगे।
5. व्यापक किस्मों में मील्स उपलब्ध
ToneOp Eats के मेन्यू में आपको मिलेंगे आपके टेस्ट के अनुसार बेस्ट मील्स। आप चुन सकते हैं सलाद, ग्रिल्स, जूस और प्रोटीन मील्स के काउंटलेस विकल्प। इसके साथ ही अगर आप चाहते हैं एक हेल्दी चीट मील तो आर्डर करें सैंडविच और बिरयानी।
6. 3 स्वास्थ्य लक्ष्यों पर आधारित गोल-ड्रिवन मील्स
चाहे आप वेट लॉस करना चाहते हैं, मसल बिल्डिंग का लक्ष्य रखते हैं या सिर्फ बैलेंस्ड डाइट चाहते हैं, ToneOp Eats आपके सभी हेल्थ गोल्स के लिए मील्स प्रदान करता है। और साथ ही आपको मिलता है आपके हर हेल्थ गोल के लिए आवश्यकतानुसार अपने मील को कस्टमाइज़ करने का ऑप्शन।
ToneOp Eats क्यों है सबसे बेहतर?
ToneOp Eats सुनिश्चित करता है की आप तक हेल्दी कैलोरी काउंट के साथ और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन पहुंचाया जाए। ये अपने मील्स और अन्य विकल्पों के साथ आपकी आहार संबंधी हर एक ज़रूरत को पूरा करता है -
1. अला-कार्टे प्रिपरेशन (Ala-Carte Preparation)
अपनी क्वालिटी को बरक़रार रखते हुए यहाँ मील्स की कोई भी तयारी रात को नहीं की जाती बल्कि आर्डर के अनुसार सारे मील्स ताज़ा और तुरंत तैयार किये जाते हैं।
2. कोल्ड-प्रेस्ड जूस
आपकी हेल्थ और नुट्रिशन का ध्यान रखते हुए हर जूस मिक्सर ग्राइंडर से नहीं बल्कि कोल्ड प्रेस्ड प्रक्रिया से बनाया जाता है। इसका ख़ास ध्यान रखा जाता है की पोषण के बिना किसी समझौते के आप तक सर्वोत्तम क्वालिटी पहुंचाई जाए।
3. ओट्स- बेस्ड ग्रेवी
पारंपरिक रेसिपी को अनोखे रूप से परिवर्तित करते हुए, ग्रिल्स की ग्रेवी ओट्स के साथ तैयार की जाती है ताकि एक स्वस्थ और पोषण से भरपूर विकल्प प्रदान किया जा सके।
4. लो फैट लीन मीट
ToneOp Eats मीट से फैट्स को हटाकर केवल लीन मीट का इस्तेमाल करता है ताकि आपका हर ग्रिल, सलाद, और मील बौल फैट फ्री और हेल्दी हो।
5 प्राकृतिक मिठास का उपयोग
कैलोरीज़ का ख्याल रखते हुए स्मूदी में मिठास के लिए चीनी के जगह हनी और खजूर का उपयोग किया जाता है। इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है की किसी भी मील में कोई भी आर्टिफीशीयल मिठास न मिले जाये और कम से कम कैलोरीज़ के साथ टेस्टी मील्स को आप तक पहुंचाया जाए।
6. ऑलिव ऑयल
आप तक हेल्दी खाना पहुंचाने की कोशिश को बरक़रार रखते हुए यहाँ के शेफ किसी भी मील में ओलिव आयल के अलावा कोई भी और तेल का उपयोग नहीं करते। आपकी किसी भी मील में 5 ग्राम से ज़्यादा ओलिव आयल या जैतून तेल का उपयोग नहीं किया जाता।
7. इको-फ्रेंडली कंटेनर
यहाँ पैकिंग के लिए प्लास्टिक कंटेनर का नहीं बल्कि इको-फ्रेंडली बम्बू कंटेनर और कांच की बॉटल्स का उपयोग किया जाता है जो आपके स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए सम्पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं।
8. इन हाउस डिलीवरी टीम
ToneOP Eats की इन-हाउस डिलीवरी टीम हर मील की सुरक्षा और समय पर डिलीवरी को सुनिश्चित करती है। सभी डिलीवरी एक्सेक्यूटिव के नियमित मेडिकल चेकअप किये जाते हैं और समय से डिलीवरी के लिए इन्हें बराबर मॉनिटर किया जाता है।
9. वीगन, वेज और नॉनवेज मील्स के भरपूर विकल्प
ToneOp Eats ने आपकी विभिन्न पसंद और ज़रूरतों की आवश्यताओं का ख्याल रखते हुए अपने क्लाउड किचन में वेज, नॉनवेज और वीगन मील्स के कई सरे विकल उपलब्ध करवाए हैं।
10. चीट मील भी उपलब्ध
आपके लिए ToneOp Eats कुछ ख़ास मौको पर चीट मील जैसे बिरयानी और सैंडविच भी प्रदान करता है। अगर आप बिना कैलोरी इन्टेक के अपने टेस्ट बड्स को खुश करना चाहते है, तो ये आपके लिए हेल्दी विकल्प उपलब्ध हैं।
ToneOp Eats के मेन्यू में क्या है?
ToneOp Eats वीगन, वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन विकल्पों के साथ विस्तृत मेनू प्रदान करता है, सभी सबसे स्वादिष्ट और पौष्टिक सामग्री के साथ तैयार किए जाते हैं
1. सलाद
आपने ये सोचा नहीं होगा की सलाद भी कभी टेस्टी हो सकता है, जो आपके सारे पोषण ज़रूरतों को पूरा करे। वज़न घटाने और संतुलित आहार बनाए रखने के लिए यहाँ आपके लिए हेल्दी लेट्यूस, सुपर सीड्स, और ताज़ी सब्जियों से बने सलाद के विकल्प मौजूद हैं।
2. ग्रिल्स
वेज में पनीर और टोफू ग्रिल तो वही नॉनवेज में चिकन और फिश ग्रिल अपने स्वाद से आपका दिल जीत लेंगे। ये टेस्टी ग्रिल्स आपको 300-400 ग्राम में उपलब्ध हैं जो कस्टमर के आवश्यकतानुसार कस्टमाइज़ हो जाते हैं।
3. मील बाउल
ToneOp Eats का मानना है कि चावल में सोडियम और फैट्स की मात्रा कम होती है और इसे पचाना आसान होता है। इसलिए आपकी हेल्थ को ध्यान में रखते हुए यहाँ रोटी नहीं बल्कि ब्राउन राइस, वाइट राइस और क्विनोआ के विकल्पों के साथ मील्स उपलब्ध हैं। चाहे आप कभी मलाई पनीर चाहते हो या थाई करी, आपके खाने की हर लालसा को ToneOp Eats समझता है और हेल्दी तरीके से पूरा करता है।
4. स्मूदी
यहाँ स्मूदी कई फ्लेवर और टेस्ट में उपलब्ध हैं। और तो और उन्हें एक्स्ट्रा हेल्दी और टेस्टी बनाने के लिए स्मूदी में सीड्स, ओट्स और एक्सोटिक फलों का भी इस्तेमाल किया जाता है।
5. प्रोटीन
यहाँ कई प्रोटीन मील्स जैसे प्रोटीन 30, 40 और 50 भी उपलब्ध हैं। इसमें प्रोटीन 30 और 40 आपके लिए दोनों (वेज और नॉनवेज) विकल्प में मौजूद हैं और प्रोटीन 50 में नॉनवेज मील्स उपलब्ध हैं। ये आम तौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है जो वर्कआउट करते हैं और अपनी प्रोटीन की ज़रूरतों का खास ख्याल रखते हैं।
6. जूस
हेल्दी और टेस्टी मील्स के साथ-साथ ToneOp Eats आपको फ्रेश बनाए गए जूस भी प्रदान करता है। ये जूस मिक्सर से नहीं बल्कि कोल्ड प्रेस्ड प्रोसेस से बनाये जाते हैं, जिससे इनके पोषण में कोई कमी नहीं आती।
आपकी हेल्दी मील कौन बनाते है?
ToneOp Eats के अनुभवी, सर्टिफाइड और एक्सपर्ट शेफ और डायटिशियन आपके मेडिकल कंडीशन के आवश्यकतानुसार हेल्दी और टेस्टी मील्स प्लान करते हैं। आपके हेल्थ को बिना कम्प्रोमाइज़ किये आपकी हर मील को आपकी हर एक ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए प्लान करते हैं।
आप ऑर्डर कैसे कर सकते हैं?
toneopeats.com पर इनके प्लान को सब्सक्राइब कर के आप यहाँ से कुछ भी आर्डर कर सकते हैं। सबसे पहले आप अपनी आवश्यकतानुसार मील के प्रकार और टाइम को चुन लें। सब्सक्राइब करने के 24 घंटे के अंदर आपका प्लान एक्टिवेट हो जाएगा। इसके अलावा आप Zomato और Swiggy से भी अपनी मील को ऑर्डर कर सकते हैं।
तो, जल्द से जल्द ToneOp Eats का सब्सक्रिप्शन प्लान लें और अपने डाइट को हेल्दी और आसान बनायें।
📞7400989898
Visit- https://toneopeats.com/
0 notes
Photo
शहीदे आजम भगत सिंह और 23 मार्च 1931 -
शहीदे आजम भगत सिंह एक ऐसा नाम जो बहुत ही आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है।अब के समय के बच्चे जो उस उम्र में कुछ सोच -समझ नहीं पाते उस उम्र भगत सिंह देश के लिए फांसी के फंदे पर झूल गये। लाहौर सेंट्रल जेल में 23 मार्च, 1931 की शुरुआत किसी और दिन की तरह ही हुई थी। फर्क सिर्फ इतना सा था कि सुबह-सुबह जोर की आँधी आई थी। लेकिन जेल के कैदियों को थोड़ा अजीब सा लगा जब चार बजे ही वॉर्डेन चरत सिंह ने उनसे आकर कहा कि वो अपनी-अपनी कोठरियों में चले जाएं।उन्होंने कारण नहीं बताया। उनके मुंह से सिर्फ ये निकला कि आदेश ऊपर से है।अभी कैदी सोच ही रहे थे कि माजरा क्या है,जेल का नाई बरकत हर कमरे के सामने से फुसफुसाते हुए गुजरा कि आज रात भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी जाने वाली है।उस क्षण की निश्चिंतता ने उनको झकझोर कर रख दिया। कैदियों ने बरकत से मनुहार की कि वो फांसी के बाद भगत सिंह की कोई भी चीज जैसे पेन, कंघा या घड़ी उन्हें लाकर दें ताकि वो अपने पोते-पोतियों को बता सकें कि कभी वो भी भगत सिंह के साथ जेल में बंद थे। बरकत भगत सिंह की कोठरी में गया और वहाँ से उनका पेन और कंघा ले आया। सारे कैदियों में होड़ लग गई कि किसका उस पर अधिकार हो।आखिर में ड्रॉ निकाला गया।
भगत सिंह ने क्यों कहा -इन्कलाबियों को मरना ही होता है-
अब सब कैदी चुप हो चले थे। उनकी निगाहें उनकी कोठरी से गुजरने वाले रास्ते पर लगी हुई थी। भगत सिंह और उनके साथी फाँसी पर लटकाए जाने के लिए उसी रास्ते से गुजरने वाले थे।एक बार पहले जब भगत सिंह उसी रास्ते से ले जाए जा रहे थे तो पंजाब कांग्रेस के नेता भीमसेन सच्चर ने आवाज ऊँची कर उनसे पूछा था, "आप और आपके साथियों ने लाहौर कॉन्सपिरेसी केस में अपना बचाव क्यो��� नहीं किया। " भगत सिंह का जवाब था,"इन्कलाबियों को मरना ही होता है, क्योंकि उनके मरने से ही उनका अभियान मजबूत होता है,अदालत में अपील से नहीं।" वॉर्डेन चरत सिंह भगत सिंह के खैरख्वाह थे और अपनी तरफ से जो कुछ बन पड़ता था उनके लिए करते थे। उनकी वजह से ही लाहौर की द्वारकादास लाइब्रेरी से भगत सिंह के लिए किताबें निकल कर जेल के अंदर आ पाती थीं।भगत सिंह को किताबें पढ़ने का इतना शौक था कि एक बार उन्होंने अपने स्कूल के साथी जयदेव कपूर को लिखा था कि वो उनके लिए कार्ल लीबनेख की 'मिलिट्रिजम', लेनिन की 'लेफ्ट विंग कम्युनिजम' और अपटन सिनक्लेयर का उपन्यास 'द स्पाई' कुलबीर के जरिए भिजवा दें।
भगत सिंह अपने जेल की कोठरी में शेर की तरह चक्कर लगा रहे थे-
भगत सिंह जेल की कठिन जिंदगी के आदी हो चले थे। उनकी कोठरी नंबर 14 का फर्श पक्का नहीं था। उस पर घास उगी हुई थी। कोठरी में बस इतनी ही जगह थी कि उनका पाँच फिट, दस इंच का शरीर बमुश्किल उसमें लेट पाए।भगत सिंह को फांसी दिए जाने से दो घंटे पहले उनके वकील प्राण नाथ मेहता उनसे मिलने पहुंचे। मेहता ने बाद में लिखा कि भगत सिंह अपनी छोटी सी कोठरी में पिंजड़े में बंद शेर की तरह चक्कर लगा रहे थे।उन्होंने मुस्करा कर मेहता को स्वागत किया और पूछा कि आप मेरी किताब 'रिवॉल्युशनरी लेनिन' लाए या नहीं? जब मेहता ने उन्हे किताब दी तो वो उसे उसी समय पढ़ने लगे मानो उनके पास अब ज्यादा समय न बचा हो।मेहता ने उनसे पूछा कि क्या आप देश को कोई संदेश देना चाहेंगे?भगत सिंह ने किताब से अपना मुंह हटाए बगैर कहा, "सिर्फ दो संदेश... साम्राज्यवाद मुर्दाबाद और 'इंकलाब जिदाबाद!" इसके बाद भगत सिंह ने मेहता से कहा कि वो पंडित नेहरू और सुभाष बोस को मेरा धन्यवाद पहुंचा दें,जिन्होंने मेरे केस में गहरी रुचि ली थी।
वक़्त से 12 घंटे पहले ही फांसी दी गयी -
भगत सिंह से मिलने के बाद मेहता राजगुरु से मिलने उनकी कोठरी पहुंचे। राजगुरु के अंतिम शब्द थे, "हम लोग जल्द मिलेंगे।" सुखदेव ने मेहता को याद दिलाया कि वो उनकी मौत के बाद जेलर से वो कैरम बोर्ड ले लें जो उन्होंने उन्हें कुछ महीने पहले दिया था।मेहता के जाने के थोड़ी देर बाद जेल अधिकारियों ने तीनों क्रांतिकारियों को बता दिया कि उनको वक़्त से 12 घंटे पहले ही फांसी दी जा रही है। अगले दिन सुबह छह बजे की बजाय उन्हें उसी शाम सात बजे फांसी पर चढ़ा दिया जाएगा।भगत सिंह मेहता द्वारा दी गई किताब के कुछ पन्ने ही पढ़ पाए थे। उनके मुंह से निकला, "क्या आप मुझे इस किताब का एक अध्याय भी खत्म नहीं करने देंगे?" भगत सिंह ने जेल के मुस्लिम सफाई कर्मचारी बेबे से अनुरोध किया था कि वो उनके लिए उनको फांसी दिए जाने से एक दिन पहले शाम को अपने घर से खाना लाएं।लेकिन बेबे भगत सिंह की ये इच्छा पूरी नहीं कर सके, क्योंकि भगत सिंह को बारह घंटे पहले फांसी देने का फैसला ले लिया गया और बेबे जेल के गेट के अंदर ही नहीं घुस पाया।
तीनों क्रांतिकारियों अंतिम क्षण -
थोड़ी देर बाद तीनों क्रांतिकारियों को फांसी की तैयारी के लिए उनकी कोठरियों से बाहर निकाला गया। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने अपने हाथ जोड़े और अपना प्रिय आजादी गीत गाने लगे- कभी वो दिन भी आएगा कि जब आजाद हम होंगें ये अपनी ही जमीं होगी ये अपना आसमाँ होगा।
फिर इन तीनों का एक-एक करके वजन लिया गया।सब के वजन बढ़ गए थे। इन सबसे कहा गया कि अपना आखिरी स्नान करें। फिर उनको काले कपड़े पहनाए गए। लेकिन उनके चेहरे खुले रहने दिए गए।चरत सिंह ने भगत सिंह के कान में फुसफुसा कर कहा कि वाहे गुरु को याद करो।
भगत सिंह बोले, "पूरी जिदगी मैंने ईश्वर को याद नहीं किया। असल में मैंने कई बार गरीबों के क्लेश के लिए ईश्वर को कोसा भी है। अगर मैं अब उनसे माफी मांगू तो वो कहेंगे कि इससे बड़ा डरपोक कोई नहीं है। इसका अंत नजदीक आ रहा है। इसलिए ये माफी मांगने आया है।" जैसे ही जेल की घड़ी ने 6 बजाय, कैदियों ने दूर से आती कुछ पदचापें सुनीं।उनके साथ भारी बूटों के जमीन पर पड़ने की आवाजे भी आ रही थीं। साथ में एक गाने का भी दबा स्वर सुनाई दे रहा था, "सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।।।" सभी को अचानक जोर-जोर से 'इंकलाब जिंदाबाद' और 'हिंदुस्तान आजाद हो' के नारे सुनाई देने लगे।फांसी का तख्ता पुराना था लेकिन फांसी देने वाला काफी तंदुरुस्त। फांसी देने के लिए मसीह जल्लाद को लाहौर के पास शाहदरा से बुलवाया गया था।भगत सिंह इन तीनों के बीच में खड़े थे। भगत सिंह अपनी माँ को दिया गया वो वचन पूरा करना चाहते थे कि वो फाँसी के तख्ते से 'इंकलाब जिदाबाद' का नारा लगाएंगे।
भगत सिंह ने अपने माँ से किया वादा निभाया और फांसी के फंदे को चूमकर -इंकलाब जिंदाबाद नारा लगाया -
लाहौर जिला कांग्रेस के सचिव पिंडी दास सोंधी का घर लाहौर सेंट्रल जेल से बिल्कुल लगा हुआ था। भगत सिंह ने इतनी जोर से 'इंकलाब जिंदाबाद' का नारा लगाया कि उनकी आवाज सोंधी के घर तक सुनाई दी। उनकी आवाज सुनते ही जेल के दूसरे कैदी भी नारे लगाने लगे। तीनों युवा क्रांतिकारियों के गले में फांसी की रस्सी डाल दी गई।उनके हाथ और पैर बांध दिए गए। तभी जल्लाद ने पूछा, सबसे पहले कौन जाएगा? सुखदेव ने सबसे पहले फांसी पर लटकने की हामी भरी। जल्लाद ने एक-एक कर रस्सी खींची और उनके पैरों के नीचे लगे तख्तों को पैर मार कर हटा दिया।काफी देर तक उनके शव तख्तों से लटकते रहे।अंत में उन्हें नीचे उतारा गया और वहाँ मौजूद डॉक्टरों लेफ्टिनेंट कर्नल जेजे नेल्सन और लेफ्टिनेंट कर्नल एनएस सोधी ने उन्हें मृत घोषित किया।
क्यों मृतकों की पहचान करने से एक अधिकारी ने मना किया -
एक जेल अधिकारी पर इस फांसी का इतना असर हुआ कि जब उससे कहा गया कि वो मृतकों की पहचान करें तो उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया। उसे उसी जगह पर निलंबित कर दिया गया। एक जूनियर अफसर ने ये काम अंजाम दिया।पहले योजना थी कि इन सबका अंतिम संस्कार जेल के अंदर ही किया जाएगा, लेकिन फिर ये विचार त्यागना पड़ा जब अधिकारियों को आभास हुआ कि जेल से धुआँ उठते देख बाहर खड़ी भीड़ जेल पर हमला कर सकती है। इसलिए जेल की पिछली दीवार तोड़ी गई।उसी रास्ते से एक ट्रक जेल के अंदर लाया गया और उस पर बहुत अपमानजनक तरीके से उन शवों को एक सामान की तरह डाल दिया गया। पहले तय हुआ था कि उनका अंतिम संस्कार रावी के तट पर किया जाएगा, लेकिन रावी में पानी बहुत ही कम था, इसलिए सतलज के किनारे शवों को जलाने का फैसला लिया गया।उनके पार्थिव शरीर को फिरोजपुर के पास सतलज के किनारे लाया गया। तब तक रात के 10 बज चुके थे। इस बीच उप पुलिस अधीक्षक कसूर सुदर्शन सिंह कसूर गाँव से एक पुजारी जगदीश अचरज को बुला लाए। अभी उनमें आग लगाई ही गई थी कि लोगों को इसके बारे में पता चल गया।जैसे ही ब्रितानी सैनिकों ने लोगों को अपनी तरफ आते देखा, वो शवों को वहीं छोड़ कर अपने वाहनों की तरफ भागे। सारी रात गाँव के लोगों ने उन शवों के चारों ओर पहरा दिया।अगले दिन दोपहर के आसपास जिला मैजिस्ट्रेट के दस्तखत के साथ लाहौर के कई इलाकों में नोटिस चिपकाए गए जिसमें बताया गया कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का सतलज के किनारे हिंदू और सिख रीति से अंतिम संस्कार कर दिया गया।इस खबर पर लोगों की कड़ी प्रतिक्रिया आई और लोगों ने कहा कि इनका अंतिम संस्कार करना तो दूर, उन्हें पूरी तरह जलाया भी नहीं गया। जिला मैजिस्ट्रेट ने इसका खंडन किया लेकिन किसी ने उस पर विश्वास नहीं किया।
वॉर्डेन चरत सिंह फूट-फूट कर रोने लगे -
इस तीनों के सम्मान में तीन मील लंबा शोक जुलूस नीला ���ुंबद से शुरू हुआ। पुरुषों ने विरोधस्वरूप अपनी बाहों पर काली पट्टियाँ बांध रखी थीं और महिलाओं ने काली साड़ियाँ पहन रखी थीं। लगभग सब लोगों के हाथ में काले झंडे थे।लाहौर के मॉल से गुजरता हुआ जुलूस अनारकली बाजार के बीचोबीच रूका। अचानक पूरी भीड़ में उस समय सन्नाटा छा गया जब घोषणा की गई कि भगत सिंह का परिवार तीनों शहीदों के बचे हुए अवशेषों के साथ फिरोजपुर से वहाँ पहुंच गया है। जैसे ही तीन फूलों से ढ़के ताबूतों में उनके शव वहाँ पहुंचे, भीड़ भावुक हो गई। लोग अपने आँसू नहीं रोक पाए।उधर, वॉर्डेन चरत सिंह सुस्त कदमों से अपने कमरे में पहुंचे और फूट-फूट कर रोने लगे। अपने 30 साल के करियर में उन्होंने सैकड़ों फांसियां देखी थीं, लेकिन किसी ने मौत को इतनी बहादुरी से गले नहीं लगाया था जितना भगत सिंह और उनके दो कॉमरेडों ने।किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि16 साल बाद उनकी शहादत भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के अंत का एक कारण साबित होगी और भारत की जमीन से सभी ब्रिटिश सैनिक हमेशा के लिए चले जाएंगे।
शहीद-ए-आजम का भगत सिंह नाम कैसे पड़ा -
भारत माँ के इस महान सपूत का नाम उनकी दादी के मुँह से निकले लफ्जों के आधार पर रखा गया था।जिस दिन भगतसिंह का जन्म हुआ, उसी दिन उनके पिता सरदार किशनसिंह और चाचा अजीतसिंह की जेल से रिहाई हुई थी। इस पर उनकी दादी जय कौर के मुँह से निकला 'ए मुंडा ते बड़ा भागाँवाला ए' (यह लड़का तो बड़ा सौभाग्यशाली है)।शहीद-ए-आजम के पौत्र (भतीजे बाबरसिंह संधु के पुत्र) यादविंदरसिंह संधु ने बताया कि दादी के मुँह से निकले इन अल्फाज के आधार पर घरवालों ने फैसला किया कि भागाँवाला (भाग्यशाली) होने की वजह से लड़के का नाम इन्हीं शब्दों से मिलता-जुलता होना चाहिए, लिहाजा उनका नाम भगतसिंह रख दिया गया।
शहीद-ए-आजम का नाम भगतसिंह रखे जाने के साथ ही नामकरण संस्कार के समय किए गए यज्ञ में उनके दादा सरदार अर्जुनसिंह ने यह संकल्प भी लिया कि वे अपने इस पोते को देश के लिए समर्पित कर देंगे। भगतसिंह का परिवार आर्य समाजी था, इसलिए नामकरण के समय यज्ञ किया गया।यादविंदर ने बताया कि उन्होंने घर के बड़े-बुजुर्गों से सुना है कि भगतसिंह बचपन से ही देशभक्ति और आजादी की बातें किया करते थे। यह गुण उन्हें विरासत में मिला था, क्योंकि उनके घर के सभी सदस्य उन दिनों आजादी की लड़ाई में शामिल थे।हमारा उद्देश्य हमेशा रहता है की अपने इतिहास के चुनिंदा घटनाओं से आपको अवगत कराते रहे है। हमारे आर्टिकल आपको अगर पसंद आते है तो हमे अपना समर्थन दे।
#इंकलाबजिदाबाद#12घंटेपहलेहीफांसीदीगयी#अपटनसिनक्लेयरकाउपन्यास#आजादीगीतगाने#इन्कलाबियोंकोमरनाहीहोताहै#एकक्रांतिकारीकेआखिर24घंटे#चाचाअजीतसिंह#तीनोंक्रांतिकारियोंअंतिमक्षण#दस्पाई#पंडितनेहरू#पितासरदारकिशनसिंह#फिरोजपुरकपाससतलज#भगतसिंह#भगतसिंहऔर23मार्च1931#भगतसिंहकोकिताबेंपढ़नेकाइतनाशौक#भगतसिंहदेशकेलिएफांसीकेफंदेपरझूल#भगतसिंहनेअपनेमाँसेकियावादानिभाया#भीमसेनसच्चर#मिलिट्रिजम#मुस्लिमसफाईकर्मचारी#राजगुरु#लाहौरकीद्वारकादासलाइब्रेरी#लाहौरकॉन्सपिरेसीकेस#लाहौरसेंट्रलजेल#लेफ्टविंगकम्युनिजम#वॉर्डेनचरतसिंह#वॉर्डेनचरतसिंहफूटफूटकररोनेलगे#शहीदएआजमकाभगतसिंहनामकैसेपड़ा#शहीदेआजमभगतसिंह#सरफरोशीकीतमन्नाअबहमारेदिलमेंहै
1 note
·
View note
Text
1 दिन में शरीर की सारी गंदगी बाहर निकालकर बॉडी को करें फुल डिटॉक्स, जानें सुबह से लेकर रात तक क्या कैसे खाएं?
डिटॉक्स का मतलब होता है टॉक्सिन्स (गंदगी, अपशिष्ट पदार्थ, मल) को बाहर निकालना। हम जो कुछ भी रोज खाते हैं ��समें से पोषक तत्व तो शरीर पाचन के दौरान ही अलग कर लेता है, बाकी बची गंदगी को मल और मूत्र के रूप में शरीर से बाहर कर देता है। लेकिन कुछ तत्व ऐसे रह जाते हैं, जो शरीर में ही यहां-वहां जमा हो जाते हैं। तुरंत तो इनका पता नहीं चलता है, लेकिन लंबे समय में यही गंदे तत्व (टॉक्सिन्स) गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं। इसलिए शरीर को समय-समय पर डिटॉक्स करते रहना जरूरी है। आपको हर 15 दिन में कम से कम 1 बार तो अपनी बॉडी को डिटॉक्स करना ही चाहिए।
अक्सर लोग बॉडी डिटॉक्स 3 कारणों से नहीं करते हैं- पहला यह कि बहुत सारे लोगों को बॉडी डिटॉक्स करने का महत्व और तरीका नहीं पता होता है। दूसरा यह कि जिन्हें पता होता है उन्हें लगता है कि डिटॉक्स करने में भूख बहुत लगती है और उनसे भूख बर्दाश्त नहीं है और तीसरा यह कि उन्हें लगता है बॉडी डिटॉक्स करने में कई दिन का समय लगत है, इसलिए वो इसके लिए समय नहीं निकाल सकते हैं। लेकिन आज हम आपको जो डिटॉक्स का डाइट प्लान बता रहे हैं, वो सिर्फ 1 दिन का है। यानी 24 घंटे में ही आपकी बॉडी पूरी तरह डिटॉक्स हो जाएगी और आपको भूख भी नहीं लगेगी। आइए बताते हैं इस डिटॉक्स के दौरान सुबह से लेकर रात तक आपको क्या कैसे खाना है।
सुबह उठते ही पिएं गर्म पानी और नींबू
आप सुबह जैसे ही उठें, सबसे पहला काम यह करें कि आधा लीटर पानी गुनगुना करें और इसमें 1 नींबू का रस निचोड़ कर डालें। इसके बाद इसे गुनगुना ही पी जाएं। खाली पेट पिया गया ये नींबू पानी आपके शरीर के मेटाबॉलिज्म को तेजी से बढ़ा देगा, पाचन की गति तेज कर देगा और शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करेगा। आप चाहें तो इसे रोज भी पी सकते हैं। इसे पीने के बाद फ्रेश हों, ब्रश करें और थोड़ी देर वॉक करें या एक्सरसाइज करें। इसके बाद 15 मिनच रेस्ट कर लें ताकि एक्सरसाइज से गर्म हुआ शरीर नॉर्मल हो जाए, इसके बाद नहाएं और फिर ब्रेकफास्ट करें।
ब्रेकफास्ट में लें ग्रीन स्मूदी
डिटॉक्स वाले दिन आपको ब्रेकफास्ट में ग्रीन स्मूदी पीनी है। ग्रीन स्मूदी हरी सब्जियों और पत्ते वाली सब्जियों को मिलाकर बनाई जाती है। इसलिए इस स्मूदी में फाइबर, मिनरल्स, विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होते हैं। ये स्मूदी आपको दिनभर एनर्जी से भरपूर रखेगी और आपके पेट को भरा रखेगी। अगर आप सप्ताह में 2-3 दिन इस स्मूदी का रेगुलर सेवन करते रहें तो आपकी त्वचा का ग्लो भी बढ़ जाएगा।
स्मूदी बनाने के लिए ब्लेंडर में 1 कप पालक के पत्ते, 1 कप ब्रोकली, एक छोटा टुकड़ा अदरक, एलोवेरा जेल (ताजा पत्ती से निकला हुआ) 2 चम्मच, और भी जो हरी सब्जियां आप डालना चाहें डाल लें, इसके साथ 2 कप ग्रीन टी डालें और इन्हें ब्लेंड कर लें। इस स्मूदी को ग्लास में निकालें और 1 नींबू का रस तथा थोड़ा सा काला नमक डालें और मिक्स करके पी लें। आप डेढ़ से 2 ग्लास तक स्मूदी पी सकते हैं।
दिन के बीच में ग्रीन टी पिएं
अक्सर लोग नाश्ते और खाने के बीच में कुछ हल्के-फुल्के स्नैक्स खाते हैं या कॉफी-चाय पीते हैं। मगर आपको डिटॉक्स वाले दिन इन सबके बजाय खास तरीके से बनाई गई ग्रीन टी पीनी है। इसे बनाने के लिए एक पैन में पानी उबालें और इसम���ं थोड़ा सा अदरक कूटकर डाल दें। अदरक के साथ उबाल आ जाने के बाद इसे आंच से उतार लें और थोड़ा तापमान कम होने दें। इसके बाद इसे कप में छानें और ग्रीन टी बैग डाल दें। 3-4 मिनट बाद ग्रीन टी बैग निकाल लें और इसमें आधा नींबू का रस निचोड़ें, 1 चुटकी काली मिर्च पाउडर डालें और पी लें। पीने में समस्या हो तो थोड़ा सा शहद डाल कर घोल लें। ये चाय आपके शरीर में जमा म्यूकस को तोड़ेगी और बैक्टीरिया आदि के साथ टॉक्सिन्स को बाहर निकाल देगी।
लंच में सिर्फ सलाद खाएं
आपको लंच में कच्ची सब्जियों से बना सलाद खाना है, जिसमें ज्यादातर हरी पत्तेदार सब्जियां, खीरा, ककड़ी, टमाटर, मूली, ब्रोकली, पत्ता गोभी आदि जो कुछ भी आप मिलाना चाहें, मिलाकर खाएं। सभी सब्जियां हेल्दी और पौष्टिक होती हैं।
शाम को फल
लंच और डिनर के बीच भी अक्सर लोगों को भूख लगती है। इसलिए इस दौरान शाम को आप 1 बाउल फ्रूट्स और वेजिटेबल्स को मिक्स करके या सिर्फ फ्रूट्स खा सकते हैं। ये हेल्दी स्नैक आपको एनर्जी से भरा रखेगा और आपका मूड भी अच्छा रखेगा।
रात का खाना
रात का खाना सोने से 2 घंटे पहले जरूर खा लें। डिटॉक्स वाले दिन आप रात के खाने में उबली हुई सब्जियां (बिना फ्राई की हुई) या फिर सूप आदि ले सकते हैं। ध्यान रखें इस दौरान मीट या ऑयली चीज न खाएं।
इन बातों का रखें ध्यान
डिटॉक्स के लिए अक्सर लोग छुट्टी का दिन चुनते हैं, जबकि इसके लिए सबसे अच्छा दिन वो है जब आप बिजी होते हैं, यानी काम वाला दिन। इसका कारण यह है कि काम के दिन काम के कारण आपका ध्यान बार-बार टेस्टी फूड्स और भूख के बारे में नहीं सोचता है, जबकि छुट्टी के दिन आपको बार-बार इन चीजों की याद सताएगी इसलिए डिटॉक्स करना मुश्किल हो सकता है।
पूरे दिन पानी पीते रहें। आप चाहें तो बॉटल में पानी भरकर इसमें 1 नींबू का टुकड़ा, कुछ पुदीने की पत्तियां और खीरे के टुकड़े डाल लें और इस पानी को दिनभर पिएं।
रात में कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद जरूर लें।
इस डाइट को फॉलो करने के बाद अगले दिन आप बिल्कुल हल्का और रिलैक्स महसूस करेंगे क्योंकि आपकी बॉडी के सभी टॉक्सिन्स बाहर निकल चुके होंगे।
0 notes