देश की सुरक्षा से ज्यादा महत्व पर्यावरण को दिया जाना चाहिए? भारत-चीन सीमा विवाद का जिक्र कर SC ने कहा
देश की सुरक्षा से ज्यादा महत्व पर्यावरण को दिया जाना चाहिए? भारत-चीन सीमा विवाद का जिक्र कर SC ने कहा
नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि यह सवाल विचार योग्य है कि एक संवैधानिक कोर्ट देश की सुरक्षा को प्रभाव डालने वाले मामलों में पर्यावरण संबंधित मसलों के आधार पर कितना दखल दे सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि क्या सेना की जरूरत के मुताबिक रणनीतिक बुनियादी स्ट्रक्चर के विकास के रास्ते में संवैधानिक अदालत को आना चाहिए? सुप्रीम कोर्ट में चार धाम परियोजना…
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नवीनतम समाचार लाइव अपडेट: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को आज से टीका लगाया जाना है
नवीनतम समाचार लाइव अपडेट: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को आज से टीका लगाया जाना है
नवीनतम समाचार लाइव अपडेट: भारत का COVID-19 टैली 1,11,12,241 पर है। (फाइल)
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट के जजों को आज से COVID-19 वैक्सीन शॉट्स मिलेंगे। आज से शुरू होने वाले अभियान में वैक्सीन के लिए पात्र लोगों में न्यायाधीशों और सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के परिवार भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने अदालत परिसर में एक टीकाकरण सुविधा की व्यवस्था की है।
न्यायाधीशों और उनके परिवारों के पास सर्वोच्च…
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सुप्रीम कोर्ट में 'अग्निपथ' योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर अगले हफ्ते होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में ‘अग्निपथ’ योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर अगले हफ्ते होगी सुनवाई
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई के लिए राजी हो गया है.
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FIRST PUBLISHED : July 04, 2022, 11:28 IST
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today news: dr kafeel khan: sanjiv bhatt: लोकतंत्र में जनता?
डॉक्टर कफील ने किया बेनक़ाब-जेल से आकर पहली बार लाइव
न्यूज़ विद आज़ाद ख़ालिद में आपका स्वागत है। आज हम आपको दो वीडियो दिखा रहे हैं...आप ख़ुद फैसला करें कि इसमें से कौन आप हैं और किस वीडियो का आप और हम जैसे लोगों का संबध है...वीडियो दिखाने से पहले आपको ये भी बताते चलें कि मथुरा में एक पाकिस्तानी नागरिक द्वारा यूक्रेन की एक महिला के साथ रेप की घटना सामने आई है। पुलिस के मुताबिक यूक्रेन की एक महिला दो काफी समय से मथुरा में रह रही थी, जिसके साथ उसके संगीत के गुरु ने रेप की शर्मनाक घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने पाकिस्तान के निवासी आंनद नाम के आरोपी को गिरफ्तार करने का दावा किया है। इसके अलावा कल इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश पर डॉक्टर कफील की रिहाई के बाद सोशल मीडिया पर गुजरात के आईपीएस संजीव भट्ट की रिहाई की मांग उठने लगी है। कहा जाता है कि गुजरात दंगो के बाद जांच आयोग के सामने कथिततौर पर राज्य की तत्कालीन मोदी सरकार की पोल खोलने और गुजरात दंगो का सच बताने के आरोप में आईपीएस संजीव भट्ट से सरकार नाराज हो गई थी। जिसके बाद संजीव भट्ट को हिरासत में मौत के कथित मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था। बहरहाल मामला अदालत का है इसलिए इस पर कुछ टिप्पणी करना ठीक नहीं है लेकिन फिलहाल कई माह से नेश्नल सिक्यूरिटी एक्ट जैसे कई गंभीर मामलों मे बंद डॉक्टर कफील की रिहाई की रिहाई के बाद संजीव भट्ट को लेकर भी सोशल मीडिया पर चर्चा छिड़ जाना खुद चर्चा का विषय बना हुआ है। हम आपको याद दिला दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यानाथ के कई बार के संसदीय क्षेत्र व कर्मभूमि माने जाने वाले गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में 60 बच्चों की आक्सीजन की कमी के चलते मौत के बाद डॉक्टर कफील ने कथिततौर पर बाकी बचे हुए बच्चों को बचाने में काफी अहम रोल किया था। जिसके बाद जनता के नज़र मे हीरो बन चुके डॉक्टर कफील कथिततौर पर कुछ लोगों की आंख की किरकिरी बने हुए थे। इसके बाद पिछले ही साल सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान अलीगढ़ में कथिततौर उनके भड़काऊ बयान के कुछ महीने बाद उनको गिरफ्तार कर उनके खिलाफ एनएसए लगा दिया गया था। इस गिरफ्तारी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस और सरकार की कार्रवाई को गलत बताते हुए डॉक्टर को तुरंत रिहा करने के आदेश दिये थे। बहरहाल डॉक्टर कफील ख़ान के मामले प्रशासन की कथित मनमानी के खिलाफ मिले इंसाफ के बाद अब आईपीएस संजीव भट्ट को लेकर सोशल मीडिया पर मुहिम शुरु की दा रही है।
दोस्तो जैसा कि हमने प्रोग्राम के शुरु में आपसे दो वीडियो दिखाने का वादा किया था। पहले आप वीडियो देखिए एक वीडियो के उत्तर प्रदेश के एक विधायक के गनर का जिनका गुस्सा सातवें आसामने पर इसलिए है कि सड़क पर भीड़ की वजह से माननीय विधायक जी का काफला वहां फंस गया है। बस फिर क्या था। सड़क पर ट्रेफिक की व्यवस्था को सुचारु करवाने या जनता को राहत देने के बजाय. विधायक जी के इशारे पर गनर ने राहगीरों और वहां से गुजरने वाले वाहन चालकों के साथ क्या किया आप भी देखें।
तो जनाब आपने देखा कि आम जनता हर रोज सड़क पर यातायात की नाकाम व्यवस्था की वजह से भले ही हर रोज जाम में फंसती रहे लेकिन जनता की समस्याओं को दूर करने के नाम पर विधानसभा मे पहुंचने वाले किसी जनसेवक का जाम मे फंसना भी उल्टा जनता के लिए ही मुसीबत बनता जा रहा है। यानि भले ही सुप्रीम कोर्ट ने वाहनों से हूटर और लाल बत्ती हटाने के आदेश कर दिये हों लेकिन जैसे किसी जनसेवा के नाम पर माननीय बनने वाले किसी नेता की गा़ड़ी के हूटर की आवाज आपके कानों मे आए तो फौरन रास्ते से हट जाएं। नहीं तो आपके साथ कुछ भी हो सकता है।
अब हम आपको दिखाते हैं दूसरा वीडियो इसको जो कि डॉक्टर कफील का है। आप उनकी ज़ुबानी उनकी दर्दनाक कहानी सुने। और समझने की कोशिश करें कि आखिर आप हम और आम जनता कहां है और जनता के भलाई और उसके हितों की रक्षा के लिए बनाए दुनियां के सबसे लोकतंत्र के तंत्र में जनता कहां है।
इस जुल्म के दौर में जुबा खोलेगा कौन...अगर हम चुप रहेगें तो बोलेगा कौन। आज फिलहाल न्यूज विद आजाद खालिद मे इतना ही।
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