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Rajasthan's Evolving Geopolitical Landscape: A Look at the State's New Map
परिचय
क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जीवंत परंपराओं और विविध भूगोल के लिए जाना जाता है। यह राजसी राज्य पूरे इतिहास में कई साम्राज्यों और राजवंशों का उद्गम स्थल रहा है, जो अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गया है जो इसकी पहचान को आकार देती रहती है। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान की भौगोलिक सीमाओं में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे गए हैं, और हाल के दिनों में, एक नया मानचित्र सामने आया है, जो राज्य के भू-राजनीतिक परिदृश्य को फिर से परिभाषित करता है। इस लेख में, हम राजस्थान के विकसित होते मानचित्र और इन परिवर्तनों में योगदान देने वाले कारकों का पता लगाएंगे।
ऐतिहासिक सीमाएँ
नए मानचित्र पर गौर करने से पहले राजस्थान की ऐतिहासिक सीमाओं को समझना जरूरी है। राज्य का भूगोल हमेशा वैसा नहीं रहा जैसा हम आज जानते हैं। राजस्थान का इतिहास विभिन्न राजवंशों के उत्थान और पतन के कारण क्षेत्रीय विस्तार और संकुचन के उदाहरणों से भरा पड़ा है। राजस्थान के क्षेत्र ने राजपूत वंशों, मुगलों, मराठों और अंग्रेजों का शासन देखा है, जिनमें से प्रत्येक ने राज्य की सीमाओं पर अपनी छाप छोड़ी है।
आधुनिक राजस्थान का निर्माण
आधुनिक राजस्थान राज्य, जैसा कि हम आज इसे पहचानते हैं, का गठन 30 मार्च, 1949 को हुआ था, जब राजस्थान की रियासतें एक एकीकृत इकाई बनाने के लिए एक साथ आईं। इस एकीकरण से पहले, राजस्थान रियासतों का एक समूह था, जिनमें से प्रत्येक का अपना शासक और प्रशासन था। इन रियासतों के एकीकरण ने राजस्थान के लिए एक नए युग की शुरुआत की, जिसमें विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं को एक बैनर के नीचे एक साथ लाया गया।
राजस्थान का नया मानचित्र
हाल के वर्षों में, राजस्थान के मानचित्र में ऐसे परिवर्तन देखे गए हैं, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों का ध्यान आकर्षित किया है। ये परिवर्तन मुख्य रूप से प्रशासनिक सीमाओं के पुनर्गठन और नए जिलों के निर्माण के इर्द-गिर्द घूमते हैं। यहां कुछ उल्लेखनीय विकास हैं:
नये जिलों का निर्माण: राजस्थान के मानचित्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव नए जिलों का निर्माण है। राज्य सरकार ने प्रशासनिक दक्षता में सुधार और शासन को लोगों के करीब लाने के लिए यह पहल की है। उदाहरण के लिए, 2018 में, राज्य सरकार ने सात नए जिलों, अर्थात् प्रतापगढ़, चूरू, सीकर, झुंझुनू, उदयपुरवाटी, दौसा और नागौर के निर्माण की घोषणा की। इन परिवर्तनों का उद्देश्य नागरिकों को बेहतर प्रशासन और सेवा वितरण करना था।
सीमा विवाद: राजस्थान की सीमाएँ गुजरात, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश सहित कई पड़ोसी राज्यों के साथ लगती हैं। सीमा विवाद एक लंबे समय से चला आ रहा मुद्दा रहा है, जो अक्सर क्षेत्र और संसाधनों पर विवादों का कारण बन��ा है। इन विवादों के परिणामस्वरूप कभी-कभी राजस्थान के मानचित्र में परिवर्तन होता है क्योंकि संघर्षों को हल करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों को फिर से तैयार किया जाता है। ऐसे विवादों के समाधान में अक्सर राज्य सरकारों और केंद्रीय अधिकारियों के बीच बातचीत शामिल होती है।
बुनियादी ढांचे का विकास: बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाएं राजस्थान के मानचित्र को भी प्रभावित कर सकती हैं। नई सड़कों, राजमार्गों और रेलवे का निर्माण राज्य के भीतर विभिन्न क्षेत्रों की पहुंच और कनेक्टिविटी को बदल सकता है। ऐसी परियोजनाओं से भौगोलिक सीमाओं की धारणा में बदलाव के साथ-साथ कुछ क्षेत्रों में आर्थिक विकास भी हो सकता है।
शहरीकरण: राजस्थान में हाल के वर्षों में तेजी से शहरीकरण हो रहा है। जैसे-जैसे शहरों और कस्बों का विस्तार होता है, उनकी सीमाएँ अक्सर आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को घेरती हुई बढ़ती हैं। इस शहरी फैलाव के परिणामस्वरूप जिलों और नगरपालिका क्षेत्रों की प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव हो सकता है, जो राज्य के मानचित्र में परिलक्षित हो सकता है।
प्रभाव और निहितार्थ
राजस्थान के मानचित्र में बदलाव के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव हैं। सकारात्मक पक्ष पर, नए जिलों के निर्माण और प्रशासनिक सुधारों से अधिक प्रभावी शासन, बेहतर सेवा वितरण और बेहतर स्थानीय विकास हो सकता है। यह निर्णय लेने की प्रक्रिया में नागरिकों के बेहतर प्रतिनिधित्व और भागीदारी को भी सुविधाजनक बना सकता है।
हालाँकि, इन परिवर्तनों के साथ चुनौतियाँ भी जुड़ी हुई हैं। सीमा विवाद कभी-कभी पड़ोसी राज्यों के बीच तनाव का कारण बन सकते हैं और ऐसे विवादों के समाधान के लिए राजनयिक प्रयासों और बातचीत की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, जबकि शहरीकरण और बुनियादी ढांचे का विकास आर्थिक अवसर ला सकता है, वे पर्यावरण संरक्षण, भूमि उपयोग और संसाधन प्रबंधन से संबंधित चुनौतियां भी पैदा करते हैं।
निष्कर्ष
राजस्थान का नया नक्शा इसके भू-राजनीतिक परिदृश्य की गतिशील प्रकृति को दर्शाता है। राज्य में क्षेत्रीय परिवर्तनों का एक समृद्ध इतिहास है, और इसकी सीमाएँ ऐतिहासिक, प्रशासनिक और विकासात्मक कारकों के कारण समय के साथ विकसित हुई हैं। हालाँकि इन परिवर्तनों का शासन, सीमा विवाद और शहरीकरण पर प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन ये बेहतर प्रशासन और विकास के अवसर भी प्रदान करते हैं।
जैसे-जैसे राजस्थान का विकास और विकास जारी है, नीति निर्माताओं, प्रशासकों और नागरिकों के लिए यह आवश्यक है कि वे इन परिवर्तनों के निहितार्थों पर विचार करें और यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करें।
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मणिपुर के जिरीबाम में तीन शव मिला, इंफाल में तनाव बढ़ा
मणिपुर-असम सीमा पर बहने वाली जिरी नदी और बराक नदी के संगम पर तीन शव तैरते मिले हैं. अधिकारियों ने जानकारी दी कि शवों को बरामद करने के बाद पोस्मार्टम के लिए भेज दिया गया है. पुलिस को संदेह है कि बरामद हुए ये तीन शव जिरीबाम जिले से लापता छह लोगों में से ही हैं. इलाके में हुई हिंसा के बाद सोमवार को एक ही परिवार के 6 लोग, जिनमें तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं, जिरोबाम के बोरोबकरा से लापता हो गए…
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एक बार पढ़ने पर होगा आपको याद, अपनायें ये टिप्स
क्या आपको भी पढ़ा हुआ याद नहीं रहता है ? क्या आप एक बार में पढ़कर याद करना चाहते हैं, तो आजमाएं ये बेहतरीन तरीके:
क्या आप जानते हैं कि हमारा मस्तिष्क एक मेमोरी चिप की तरह है, जिसके डाटा स्टोर करने की क्षमता असीमित है। इसके बावजूद जब हम कुछ पढ़ते हैं, तो याद क्यों नहीं रख पाते ? मुद्दा केवल विद्यार्थियों का नहीं है, यह हर उम्र का सच है। सवाल यही उठता है कि आखि़र हम भूल क्यों जाते हैं ? इसका सीधा-सा जवाब है पढ़ने का तरीक़ा। पढ़ने की आदत में बदलाव करेंगे, तो पढ़ा हुआ याद रखना या याद करना दोनों आसान हो जाएगा।
क्या आपको भी पढ़ा हुआ याद नहीं रहता है ? क्या आप एक बार में पढ़कर याद करना चाहते हैं, तो आजमाएं ये बेहतरीन तरीके:
1. पढ़ाई करने के लिए शान्त माहौल का चुनाव करें:
पढ़ाई करते समय मोबाइल, टीवी, रेडियो या अन्य डिस्टर्ब करने वाले साधन आपके पास नहीं होने चाहिए। याद करने के लिए एकान्त में किसी शान्त जगह पर बैठना चाहिए। याद करते समय दिमाग पूरी तरह से शांत रखें।
2. सोते समय याद न करें:
सोते समय कभी याद नहीं करना चाहिए, सोकर पढने से तुरंत नीद आ जाती है। पढ़ते समय नीद आ रही हो तो सबसे पहले अपना मुहँ पानी से धो लेना चाहिए और कुछ समय टहलना चाहिए फिर इसके बाद पढना चाहिए।
3. वैज्ञानिक विधि से याद करें:
वैज्ञानिक तरीके से याद करने के लिये अपने उत्तर को धीरे-धीरे, रुक-रुक कर, समझ-समझ कर एक बार में शुरू से अन्त तक पूरा एक साथ ही पढ़िए। उसके बाद अपनी नोट-बुक को ��न्द कर के ऊपर आसमान में देखते हुए पूरे उत्तर को एक सिरे से दूसरे सिरे तक अपने दिमाग में घुमाइए। इससे पूरे उत्तर की मोटी-मोटी रूप-रेखा पर दिमाग की पकड़ बन जायेगी।
4. रटकर याद न करें:
आपको जिस उत्तर को याद करना है, उसे रटना नहीं चाहिए। रटने से उत्तर दिमाग में गहराई से बैठ नहीं पाता और जल्दी ही भूल जाता है। याद करने की यह परम्परागत पद्धति गलत और अवैज्ञानिक है।
5. पढ़ने की सीमा तय करें:
पढ़ने की सीमा तय करना है लेकिन किताबों की नहीं बल्कि ध्यान से पढ़ने की सीमा तय करें। यदि तय कर लिया है कि एक हफ्ते के अंदर पूरी किताब पढ़नी है, तो आप उसे केवल पढ़ पाएंगे, सीख या याद नहीं रख पाएंगे। इसके बजाय रोज़ पांच या सात पन्ने या भाग पढ़ेंगे, तो ध्यान से पढ़ेंगे। पढ़ने की कोई जल्दी नहीं है। इसलिए हर पंक्ति और शब्द को ध्यान से पढ़ें और समझें। तभी उसे याद रखने में आसानी होगी।
6. नोट्स हमेशा स्वयं बनाऐं:
आप अपने विषय के नोट्स हमेशा पुस्तकों, विभिन्न स्रोतों के माध्यम से स्वयं तैयार करें। यदि आप स्वयं नोट्स बनायेंगे तो नोट्स बनाते समय ही आपको बहुत कुछ याद हो जायेगा। अक्सर देखा जाता है कि समय कम होने पर स्टूडेंट्स अपनी कक्षा के साथियों के नोट्स की फोटोकॉपी करवा लेते हैं, जोकि बहुत गलत तरीका होता है। दूसरों के नोट्स समझने में समय भी अधिक लगता है।
7. नोट्स में छोटे-छोटे प्वाइन्ट्स बनायें:
लंबी पंक्तियों या पैराग्रॉफ में लिखने के बजाय छोटे-छोटे प्वाइंट्स में लिखना है। साथ में चित्र बनाएंगे, तो बेहतर तरीक़े से याद रख पाएंगे क्योंकि शोध के मुताबिक़ चित्र से याद रख पाना ज्यादा आसान होता है।
8. पढ़ाई करते समय हाथ में लकड़ी की पेंसिल या हाईलाइटर अवश्य लें:
जब भी आप पढ़ाई करने बैठें तो अपने हाथ में एक लकड़ी की पेंसिल या हाईलाइटर जरूर लेकर बैठें। इसका फायदा यह होगा कि पढ़ते समय कोई खास टर्म या डेफिनेशन दिखेगी तो आप उसे तुरंत अंडरलाइन कर पाएंगे। इस तरह न केवल आपको सब जल्दी याद होगा, बल्कि ज्यादा दिनों तक भी यकीनन रहेगा रहेगा।
9. पढ़ाई के दौरान ब्रेक लेते रहें:
कभी भी लगातार बैठ कर बहुत सारा न पढ़ें। इससे दिमाग थक जाता है और तनाव भी होने लगता है। इसलिए पढ़ाई के दौरान बीच-बीच में ब्रेक लेते रहना चाहिए। इससे कंसंट्रेशन भी बना रहता है, साथ ही याद रखने की कैपिसिटी भी बढ़ती है।
10. पढ़े हुए चैप्टर के हाइलाइट को पुनः
दोरायें: जो भी पढ़ रहे हैं, उसके हाइलाटल को अन्त में लगातार दोहराते रहें। दोहराने से यह समझ में आ जाता है कि आप जो कुछ भी पढ़ रहे हैं, वह आपको ��ाद हो भी रहा है या फिर ��हीं। इसलिए हमेशा पढ़ी हुई चीजों के हाइलाइट को दोहराते रहें।
11. साप्ताहिक रिविजन जरूर करें:
आप जो भी पढ़ रहे हैं, उसका साप्ताहिक रिविजन करना नहीं भूलें। साप्ताहिक रिविजन करने से आप जो पढ़ रहे हैं, वह आपको याद रहेगा। आप जो भी पढ़े, उसका अगले हफ्ते रिविजन जरूर करें। साप्ताहिक रिविजन बहुत महत्वपूर्ण है, क्यूँकि इससे आपको अपनी रिकॉल करने की क्षमता पता चलेगी।
12. ग्रुप स्टडी करें:
अगर आपको या आपके दोस्तों को एक साथ बैठकर पढ़ाई करने में दिक्कत नहीं है तो ग्रुप डिस्कशन एक बेहतरीन तरीका है। अच्छा पढ़ने और सब कुछ याद रखने के लिए ग्रुप डिस्कशन में जब चर्चा करते समय आपका दूसरा साथी अपने पॉइंट्स रखता है तो डिस्कस की गई बातें ज्यादा याद रहती हैं।
13. गहरी नींद, ध्यान, दिमाग वाले खेल, शारीरिक व्यायाम और मस्तिष्क विकसित करने वाले आहार जरूर लें:
शतरंज, सुडोकू इत्यादि कुछ ऐसे खेल हैं जो आपकी एकाग्रता शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं। जैसे लगातार व्यायाम करने से व्यक्ति की मांसपेशियां मजबूत बन जाती हैं। इसी प्रकार हम मस्तिष्क को भी मांसपेशी मान सकते है और शतरंज और क्रॉसवर्ड पजल्स जैसी पहेलियों को बारदृ बार खेल कर लंबे समय के लिए उच्च एकाग्रता शक्ति प्राप्त की जा सकती है। एकाग्रता में सुधार लाने के लिए शारीरिक व्यायाम और स्वस्थ आहार बहुत जरूरी है। जंपिंग जैक्स, दौड़ लगाना इत्यादि जैसे एरोबिक व्यायाम आपके मस्तिष्क में ऑक्सीजन की सांद्रता बढ़ाते हैं। व्यायाम के अलावा स्वस्थ आहार भी एकाग्रता के स्तर में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण है। कुछ ऐसे भोजन हैं जिनका व्यक्ति के मन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बेर, ब्रोकली, एवाकाडो कुछ ऐसे भोजनों के उदाहरण हैं। जैसे-जैसे आपकी एकाग्रता शक्ति बढ़ेगी, वैसे-वैसे आपके याद करने की क्षमता बढ़ेगी।
14. विषय को अपनी जिंदगी के साथ जोड़कर समझने का प्रयास करें:
अगर आप इस तरीके से पढ़ाई कर सकते हैं तो ही आप महसूस कर सकते हैं कि याद रखना कितना आसान होगा। इसके साथ ही मज़ेदार हिस्से को याद करने की बजाय बस कल्पनाशील बनने की कोशिश करें और अपने परिवेश के साथ अध्ययन को एक मनोरंजक तरीके से जोड़ने की कोशिश करें। यह विधि बहुत सहायक है क्योंकि दैनिक जीवन के उदाहरणों को याद करना इतना कठिन नहीं है और जो कुछ भी मज़े से सीखा जाता है वह आसानी से और जल्दी याद हो जाता है।
निष्कर्ष: उम्मीद है जल्दी याद करने के ये बेहतरीन तरीके आपको सीखने में मदद करेंगे और आप लंबे समय तक सब कुछ याद रखेंगे। इसी तरह के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिए हमारे ब्लाग मेरा स्कूल के साथ।
जयदेव स��ंह
बी.एस.सी. (कृषि)
बी.एड., बी़.टी.सी. यू.पी. टी.ई.टी.
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भारत चीन सीमा पर चार साल से चला आ रहा तनाव हुआ खत्म, दोनों सेनाएं हटी पीछे; दिवाली के मौके पर देंगें मिठाई
India News: भारत और चीन की सेनाएं लद्दाख में मोर्चे से पीछे हट गई हैं। अब दोनों देशों की सेनाएं अपनी उन परंपरागत चौंकियों पर ही तैनात रहेंगी, जहां 2020 में हुई झड़प से पहले होती थीं। सेना के सूत्रों ने कहा कि अब सीमा पर नियमित पेट्रोलिंग ही होगी। यह कदम दोनों देशों के बीच शांति काल की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। सैन्य सूत्रों ने कहा कि दोनों सेनाएं गुरुवार को दिवाली के मौके पर एक-दूसरे को…
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ताइवान की सीमा में घुसे 14 युद्धपोत और 153 विमान, मध्य रेखा के साथ ही चीन ने पार की हद
चीन और ताइवान के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। बीजिंग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक बार फिर चीनी सेना ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ की कोशिश की। हालांकि, ताइवान की सेना ने भी इसका जवाब दिया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीन के विमान, नौसैनिक पोत और जहाज ताइवान की सीमा के करीब देखे गए। इतने विमान दिखाई दिएताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने बताया कि मंगलवार सुबह छह…
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Top Breaking News Highlights सितंबर 2024
Top Breaking News Highlights September 2024
सितंबर 2024 को भारत और विश्व से जुड़ी ताज़ा ब्रेकिंग न्यूज़ के साथ अपडेट रहें। यहाँ आपको जानने योग्य प्रमुख कहानियाँ हैं: - Modi Congratulates Manmohan Singh प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम Manmohan Singh को उनके 9वें Jan Diwas पर सराहा, भारत के आर्थिक सुधारों में उनके महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता दी। कांग्रेस नेता Rahul Gandhi ने भी Singh की विनम्रता और बुद्धिमत्ता की प्रशंसा की। - Aishwarya Rai Bachchan Addresses Rift Rumors अभिनेत्री Aishwarya Rai ने अपने पति Abhishek Bachchan के साथ विवाद की अफवाहों पर प्रतिक्रिया दी, जब उन्होंने Anant Ambani की शादी में अकेले शिरकत की। SIIMA 2024 पुरस्कार प्राप्त करने के बाद, उन्हें Simi Garewal का समर्थन मिला, जिन्होंने लोगों से अटकलें लगाना बंद करने की अपील की। - Vinesh Phogat Critiques BJP Support ओलंपिक पहलवान Vinesh Phogat ने BJP पर समर्थन की कमी का आरोप लगाया, और खिलाड़ियों के भविष्य के लिए राजनीति में प्रवेश करने का निर्णय लिया। - India-China Relations Discussed विदेश ��ंत्री S. Jaishankar ने वैश्विक स्थिरता के लिए India-China संबंधों के महत्व पर जोर दिया, सीमा तनाव और शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता को संबोधित किया। - Stree 2 Breaks Box Office Records Stree 2, जिसमें Shraddha Kapoor और Rajkummar Rao हैं, ने केवल 42 दिनों में ₹581 करोड़ की कमाई की है, जो एक प्रमुख हिट बन गई है। प्रशंसक इसके Amazon Prime पर सितंबर की शुरुआत में रिलीज का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। - Caution: Scammers Target Amazon Sale 27 सितंबर से Amazon की त्योहारों की बिक्री शुरू होने के साथ, खरीदारों को धोखाधड़ी के बारे में चेतावनी दी गई है। फर्जी वेबसाइटों और फ़िशिंग ईमेलों की संख्या बढ़ रही है—धोखाधड़ी से बचने के लिए आधिकारिक साइटों पर ही खरीदारी करें। - CDSCO Investigates Counterfeit Medicines Central Drugs Standard Control Organization (CDSCO) ने कई आवश्यक दवाओं को गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में असफल पाया है, जो गंभीर स्वास्थ्य चिंताओं को उठाता है क्योंकि जांच जारी है। - Support for India's UN Security Council Bid फ्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron ने आम सभा के दौरान UN सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट के लिए समर्थन दिया, जिसमें अमेरिका और अन्य देशों का समर्थन भी शामिल है। - Uber India's YouTube Channels Hacked Uber India के दो YouTube चैनल हैक कर लिए गए, जो साइबर सुरक्षा कमजोरियों को उजागर करते हैं। हैकर ने चैनल का नाम "RateTesla.SVS" में बदल दिया। - GST Reduction Talks for Insurance Premiums एक मंत्रिस्तरीय समिति 19 अक्टूबर को स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर GST को 18% से कम करने पर चर्चा करने के लिए मिलेगी, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ हो सकता है। - Indian Army Showcases Innovations Leh में Himtech Symposium के दौरान, भारतीय सेना ने नए तकनीकों का परिचय दिया, जिसमें Amphibious UGV Mine Clearance System और रात के अभियानों के लिए AI उपकरण शामिल हैं। - Train Derailment in Bokaro झारखंड के Bokaro में एक मालगाड़ी का पटरी से उतरना सेवाओं को बाधित कर रहा है। भारतीय रेलवे इस घटना की जांच कर रहा है, जिसने 15 ट्रेन रूटों को प्रभावित किया है। - AFSPA Extended in Nagaland and Arunachal Pradesh Armed Forces Special Powers Act (AFSPA) को नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के कुछ जिलों में छह महीने के लिए बढ़ाया गया है, जहां सुरक्षा एक चिंता का विषय है। - Government Blocks Cyber Fraud Numbers साइबर धोखाधड़ी से निपटने के प्रयास में, भारतीय सरकार ने कई शिकायतों के बाद 3 लाख फोन नंबर और मोबाइल हैंडसेट्स को ब्लॉक किया है। - Tips for Diabetes Management स्वास्थ्य विश��षज्ञों का कहना है कि डायबिटीज प्रबंधन के लिए पोषणयुक्त आहार लेना जरूरी है। हरी सब्जियाँ और फल खाने की सलाह दी जाती है, जबकि मीठे और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी जाती है। - Salman Khan’s New Film Announcement सलमान खान फिल्म Sikander में नजर आएंगे, जो ईद 2025 पर रिलीज होने वाली है। AR Murugadoss द्वारा निर्देशित, इस फिल्म के बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड तोड़ने की संभावना है। - Satvik Solar's Major Investment Satvik Solar ने 2025 तक सौर मॉड्यूल उत्पादन बढ़ाने के लिए ₹1,000 करोड़ का निवेश करने की घोषणा की है, जिससे हजारों नई नौकरियाँ पैदा होंगी। - Dengue Awareness Rising डेंगू के मामलों में वृद्धि के साथ, विशेषज्ञों का सुझाव है कि प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए पपीता और अनार जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें। - Byju’s Bankruptcy Case Update सुप्रीम कोर्ट ने Byju's के खिलाफ दिवालियापन कार्यवाही के संबंध में अपना निर्णय सुरक्षित रखा है, और NCLT द्वारा लिए गए पूर्व निर्णयों की समीक्षा करने का आदेश दिया है। - Central Bank of India Job Vacancies Central Bank of India ने अपने Financial Literacy और Credit Counselling केंद्रों में निदेशक और सलाहकार पदों के लिए 15 अक्टूबर तक आवेदन आमंत्रित किए हैं। - Canada Tightens Visa Rules for Foreign Workers कनाडा के Temporary Foreign Worker Program में हाल के बदलाव भारतीय कामकाजी प्रक्रियाओं को जटिल बना सकते हैं, विशेषकर कम-skilled नौकरियों में। - Manu Bhakar Campaigns for Elections ओलंपिक शूटर Manu Bhakar हरियाणा में सक्रिय रूप से चुनाव प्रचार कर रही हैं, नागरिकों से आगामी चुनावों में भाग लेने की अपील कर रही हैं। - Decline in Indian Tourists to Maldives भारत और मालदीव के बीच संबंधों के बिगड़ने से भारतीय पर्यटकों की संख्या में महत्वपूर्ण गिरावट आई है। - India’s Growing Global Role भारत की उभरती हुई भूमिका वैश्विक क्षेत्र में UNGA सप्ताह के दौरान एक प्रमुख विषय रही, जिसमें आर्थिक सुधारों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर चर्चा की गई। - Vinesh Phogat’s Political Aspirations Vinesh Phogat ने राजनीति में प्रवेश करने की घोषणा की है, उनका लक्ष्य भारत में खिलाड़ियों के लिए स्थितियों में सुधार करना है। - Makhana: The Superfood Makhana (फॉक्स नट्स) एक वैश्विक सुपरफूड के रूप में लोकप्रिय हो रहा है, यह कैल्शियम और पोटेशियम से भरपूर है लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। - Kangana Ranaut’s Film Delay Kangana Ranaut की फिल्म Emergency को सेंसर बोर्ड की सिफारिशों के बाद स्थगित कर दिया गया है, जिसकी सुनवाई 30 सितंबर को होगी। - Sanjay Manjrekar Criticizes BCCI’s Favoritism पूर्व क्रिकेटर Sanjay Manjrekar ने BCCI पर Virat Kohli और Rohit Sharma जैसे खिलाड़ियों के प्रति पक्षपात का आरोप लगाया। - Cybersecurity Alert for Uber Users Uber India के YouTube चैनलों के हैक होने की घटना साइबर सुरक्षा उपायों को सख्त करने की याद दिलाती है। - Global Support for India in Security Council अमेरिका सहित कई देशों ने UN सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट के लिए समर्थन व्यक्त किया है। ALSO READ: India Reports First Suspected Mpox Infection – क्या यह एक Outbreak की शुरुआत हो सकती है? 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अपने हृदय प्रणाली की देखभाल कैसे करें
लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए अपने दिल की देखभाल करना ज़रूरी है। अपने हृदय प्रणाली को दुरुस्त रखने के लिए आप कुछ ज़रूरी कदम उठा सकते हैं:
दिल को स्वस्थ रखने वाला आहार लें: अपने खाने में भरपूर मात्रा में फल, सब्ज़ियाँ, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट शामिल करें। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे मछली और अलसी, दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
नियमित रूप से व्यायाम करें: हर हफ़्ते कम से कम 150 मिनट मध्यम एरोबिक गतिविधि या 75 मिनट जोरदार गतिविधि करने का लक्ष्य रखें। नियमित व्यायाम दिल को मज़बूत बनाता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है।
स्वस्थ वज़न बनाए रखें: स्वस्थ वज़न बनाए रखने से दिल की बीमारी का जोखिम कम होता है। अपने बीएमआई और कमर की परिधि पर नज़र रखें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप स्वस्थ सीमा में हैं।
धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचाता है और दिल की बीमारी का जोखिम बढ़ाता है। अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो धूम्रपान छोड़ने से आपके दिल की सेहत में काफ़ी सुधार हो सकता है।
शराब का सेवन सीमित करें: हालांकि मध्यम मात्रा में शराब का सेवन दिल के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन अत्यधिक शराब पीने से उच्च रक्तचाप और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। अनुशंसित सीमाओं का पालन करें।
तनाव को नियंत्रित करें: पुराना तनाव हृदय रोग में योगदान दे सकता है। तनाव के स्तर को नियंत्रित करने में मदद के लिए गहरी साँस लेना, ध्यान या योग जैसी विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें।
नियमित जाँच करवाएँ: नियमित स्वास्थ्य जाँच से संभावित हृदय संबंधी समस्याओं का जल्द पता लगाने में मदद मिलती है। अपने कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप और समग्र हृदय स्वास्थ्य की नियमित रूप से निगरानी करना महत्वपूर्ण है।
स्वस्थ हृदय को बनाए रखने के बारे में अधिक मार्गदर्शन के लिए, Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology) से सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मेन रोड, रांची, झारखंड: 834001 पर परामर्श लें। आप उनके क्लिनिक पर 6200784486 पर पहुँच सकते हैं या अधिक जानकारी के लिए drfarhancardiologist.com पर जा सकते हैं।
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छात्र क्लबों में शामिल होने के लाभ: पाठ्येतर गतिविधियां कैसे सफलता बढ़ाती हैं कॉलेज अनुप्रयोगों को बढ़ावा देने के लिए हाई स्कूल के छात्रों के लिए सर्वोत्तम पाठ्येतर गतिविधियाँ
कॉलेज अनुप्रयोगों को बढ़ावा देने के लिए हाई स्कूल के छात्रों के लिए सर्वोत्तम पाठ्येतर गतिविधियाँपाठ्येतर गतिविधियाँ छात्रों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जो शैक्षिक गतिविधियों से दूर रहने के अलावा और भी बहुत कुछ प्रदान करती हैं। इन खेलों में खेल गतिविधियों और मानविकी से लेकर क्लबों और सामुदायिक प्रदाताओं तक व्यापक प्रकार की रुचियां शामिल हैं, प्रत्येक छात्र के विकास में विशिष्ट योगदान देता है। यह संपूर्ण मार्गदर्शिका पाठ्येतर खेलों में सहयोग करने के असंख्य लाभों की पड़ताल करती है और यह जानकारी देती है कि छात्र व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए अपनी भागीदारी को अधिकतम कैसे कर सकते हैं।
व्यापक क्षितिज विविध अनुभवों का मूल्य पाठ्येतर खेलों के नंबर एक लाभों में से एक पारंपरिक शैक्षिक पाठ्यक्रम से परे गतिविधियों की खोज करने की संभावना है। चाहे वह वाद-विवाद क्लब में शामिल होना हो, रोबोटिक्स समूह में भाग लेना हो, या पर्यावरण की वकालत में शामिल होना हो, ये गतिविधियाँ कॉलेज के छात्रों को अपने जुनून का पता लगाने और उसे विकसित करने की अनुमति देती हैं। यह अन्वेषण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह छात्रों को उनकी ताकत, विकल्प और क्षमता वाले करियर पथ खोजने में मदद करता है।उदाहरण के लिए, वाद-विवाद सदस्यता में भाग लेने वाला एक छात्र अतिरिक्त रूप से उन्नत सार्वजनिक भाषण और आलोचनात्मक सोचने की क्षमताओं को बढ़ा सकता है, जो किसी भी विशेषज्ञ क्षेत्र में मूल्यवान हैं। इसी तरह, ट्रैक समूह में शामिल होने से रचनात्मकता और टीम सहयोग बढ़ सकता है। ये अध्ययन विद्यार्थी के भाग्य, पेश�� और व्यक्तिगत विकास को आकार देने में सहायक होते हैं।
कौशल विकास: कक्षा से परे
पाठ्येतर गतिविधियाँ कॉलेज के छात��रों को उन क्षमताओं की एक श्रृंखला का विस्तार करने का मौका देती हैं जिन पर अक्सर पारंपरिक अध्ययन कक्ष सेटिंग्स में जोर नहीं दिया जाता है। इसमे शामिल है
नेतृत्व कौशल कई पाठ्येतर खेल, जिनमें छात्र सरकार या गतिविधियों का आयोजन शामिल है, में कॉलेज के छात्रों को नेतृत्व की भूमिका निभाने की आवश्यकता होती है। ये अध्ययन टीमों का नेतृत्व करने, कार्यों का प्रबंधन करने और विकल्प चुनने के तरीके का अध्ययन करने के लिए सार्थक हैं।
समय प्रबंधन शैक्षिक दायित्वों के साथ पाठ्येतर प्रतिबद्धताओं को संतुलित करना कॉलेज के छात्रों को कर्तव्यों को प्राथमिकता देने, अपने समय को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और समय सीमा को पूरा करने का तरीका सिखाता है।
टीम वर्क और सहयोग खेल टीमों, थिएटर एजेंसियों और शैक्षिक क्लबों के साथ गतिविधियाँ एक सामान्य उद्देश्य की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने के महत्व पर जोर देती हैं। ये समीक्षाएँ टीम वर्क, संचार और पारस्परिक क्षमताओं को बढ़ावा देती हैं। समस्या-समाधान क्षमताएँ कोडिंग क्लब या तकनीकी ज्ञान समारोह जैसे खेलों में भागीदारी छात्रों को जटिल समस्याओं से निपटने और रचनात्मक तरीके से सोचने के लिए प्रोत्साहित करती है। ये समस्या-समाधान दक्षताएँ निर्देशात्मक और व्यावसायिक दोनों सेटिंग्स में महत्वपूर्ण हैं।
भावनात्मक और सामाजिक विकास: आत्मविश्वास और मित्रता का निर्माण पाठ्येतर गतिविधियाँ कॉलेज के बच्चों को आत्म-विश्वास बनाने और सार्थक रिश्ते बनाने के लिए एक मंच प्रदान करती हैं। स्कूल के बाहर की गतिविधियों में शामिल होने से कॉलेज के छात्रों को मदद मिल सकती है
आत्म-सम्मान बनाएँ किसी संग्रह या मिशन में सफलतापूर्वक सहयोग करना और योगदान देना एक छात्र के आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास को काफी हद तक बढ़ा सकता है। यह नया आत्म-आश्वासन नियमित रूप से बेहतर शैक्षिक समग्र प्रदर्शन और निजी बातचीत में तब्दील होता है।सामाजिक कौशल विकसित करेंपाठ्येतर खेल समान समय बिताने वाले साथियों से मिलने, नई दोस्ती को बढ़ावा देने और सामाजिक कौशल में सुधार करने के कई अवसर प्रदान करते हैं। इन अंतःक्रियाओं के परिणामस्वरूप एक अतिरिक्त समावेशी और सहायक सामाजिक वातावरण बन सकता है।
तनाव का प्रबंधन करें मनोरंजन या खेल-कूद में संलग्न होना एक प्रभावी तनाव-निवारक के रूप में काम कर सकता है। इन गतिविधियों से प्राप्त उपलब्धि और अवकाश की भावना छात्रों को निर्देशात्मक दबावों से निपटने और स्वस्थ स्थिरता बनाए रखने ��ें मदद कर सकती है। कॉलेज और कैरियर की संभावनाओं को बढ़ाना: एक मजबूत छाप छोड़ना कॉलेज और नियोक्ता अधिक से अधिक उम्मीदवारों की दयालुता को महत्व देते हैं। पाठ्येतर गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी कई प्रकार के गुणों का प्रदर्शन करके छात्र की उपयोगिता को बढ़ा सकती है प्रतिबद्धता और समर्पण किसी चयनित गतिविधि में दीर्घकालिक भागीदारी प्रतिबद्धता और एक मजबूत कार्य नीति का सुझाव देती है। इस इच्छाशक्ति को प्रवेश समितियों और नियोक्ताओं द्वारा अत्यधिक महत्व दिया जाता है।
पाठ्येतर गतिविधियाँ एक छात्र के कई अतीत और दक्षताओं को प्रदर्शित करती हैं, जिससे उनका अनुप्रयोग विशिष्ट हो जाता है। उदाहरण के लिए, प्रत्येक बहस और नेटवर्क वाहक में अनुभव वाला एक छात्र बहुमुखी प्रतिभा और एक पूर्ण चरित्र का प्रदर्शन करता है।
वास्तविक दुनिया का अनुभव छात्र एजेंसियों में इंटर्नशिप, स्वयंसेवा, या प्रबंधन भूमिकाओं से युक्त गतिविधियाँ व्यावहारिक आनंद प्रदान करती हैं जो सीधे नियति कैरियर की इच्छाओं पर लागू हो सकती हैं। ये अध्ययन अतिरिक्त रूप से मूल्यवान नेटवर्किंग संभावनाएं प्रदान करते हैं।
#कॉलेज अनुप्रयोगों को बढ़ावा देने के लिए हाई स्कूल के छात्रों के लिए सर्वोत्तम पाठ्येतर गतिविध#पाठ्येतर गतिविधियाँ जो छात्रों को वास्तविक दुनिया का अनुभव बनाने में मदद करती हैं पाठ्येतर गत
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ऑफिस में तनाव : समस्या और समाधान (Stress in office)
क्या आप भी नौकरीपेशा हैं ? क्या आप भी अपने ऑफिस में बढ़ते काम के दबाव और तनाव (स्ट्रेस) से जूझ रहे हैं ? आज के तेज़-तर्रार जीवन में, कार्यस्थल पर तनाव होना एक आम समस्या बन गई है। इस लेख में हम आपको ऑफिस (कार्यस्थल) में तनाव के कारणों और उनके समाधानों के बारे में बताएंगे।
ऑफिस में तनाव एक ऐसी स्थिति है जब कर्मचारी अपने काम के दबाव, खराब कार्य प्रबंधन (वर्क मैनेजमेंट) और अपेक्षाओं के कारण चिंतित और अधिक तनावग्रस्त महसूस करते हैं। यह लंबे समय तक काम करने, उच्च प्रदर्शन की उम्मीदों, और प्रदर्शन के दबाव से उत्पन्न हो सकता है, जिससे परफॉर्मेंस या उत्पादकता में कमी आ सकती है और यही नहीं, कर्मचारियों के निजी जीवन में भी इसका बड़ा असर पड़ सकता है, साथ ही उनके स्वास्थ्य और खुशी पर भी।
ऑफिस में तनाव के कारण ऑफिस में तनाव के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि काम का दबाव,अपने काम को सही से मैनेज ना करना, समय प्रबंधन में कमी, करियर संबंधी चिंताएं, शोर-शराबे वाले कार्यस्थल या गोपनीयता की कमी आदि। इन कारणों को समझना और उनका प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है ताकि ऑफिस में अपने लिए एक स्वस्थ और सकारात्मक माहौल बनाया जा सके।
यदि आपको अपने ऑफिस में तनाव का सामना करना पड़ रहा है, तो आप व्यायाम, ध्यान, या अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकों का उपयोग करके इसे कम कर सकते हैं। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और पर्याप्त नींद लेना आपके तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।
1.समय प्रबंधन: ऑफिस में काम करते हुए अपने समय को प्रबंधित करना बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ सुझाव हैं:
सूची बनाएं: दिन की शुरुआत में या पिछले दिन के अंत में, आपको करने वाले कामों की सूची बनाएं। प्राथमिकता तय करें: सूची में से सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी कामों को पहले करें। समय सीमा निर्धारित करें: हर काम के लिए एक समय सीमा निर्धारित करें और उसे पूरा करने की कोशिश करें। ब्रेक लें: लंबे समय तक काम करने के बाद छोटे ब्रेक लेना जरूरी है ताकि आप तरोताजा रहें। सहायता मांगें: जरूरत पड़ने पर सहकर्मियों से सहायता मांगने में संकोच न करें।
2.स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: स्वस्थ जीवनशैली में नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और पर्याप्त नींद शामिल है।
रोज़ाना कम से कम 20–30 मिनट पैदल चलें। खाने में फल, सब्ज़ियों और प्रोटीन युक्त आहार शामिल करें। जंक फ़ूड को बहुत कम करें। ऑफिस के बाद परिवार के साथ समय बिताएं । पर्याप्त नींद लें। कम से कम 7–9 घंटे की नींद लें और सोने से पहले मोबाइल फोन या टीवी ना देखें। 3.संवाद करें: सहकर्मियों और प्रबंधन (मैनेजमेंट) के साथ खुलकर बातचीत करने से आपसी समझ और सहयोग बढ़ता है। यह तनाव को कम करने में मदद करता है और काम के माहौल को सुधारता है।
4.रिलैक्सेशन तकनीकें: ध्यान, योग और श्वास व्यायाम जैसी तकनीकें मन को शांत करती हैं और तनाव को कम करती हैं।
गहरी साँस लेना (डीप ब्रीदिंग): एक शांत और आरामदायक जगह पर बैठ रोज़ाना 5–10 मिनट डीप ब्रीदिंग करें। माइंडफुलनेस मेडिटेशन (माइंडफुलनेस ध्यान): एक शांत और आरामदायक जगह पर बैठ रोज़ाना अपनी आँखें बंद कर ध्यान केंद्रित करें। इस प्रक्रिया को 5–10 मिनट करें।
5.पेशेवर सहायता: यदि तनाव अधिक हो और आपको लगता है कि आप इसे अकेले संभाल नहीं सकते, तो मनोचिकित्सक या काउंसलर से सहायता लेना उचित होता है।6.प्रोटीन युक्त: विटामिन और खाद्य सप्लीमेंट्स: आपके तनाव को कम करने में मदद करने वाले कुछ विटामिन और खाद्य सप्लीमेंट्स जिनमे प्रोटीन, EPA, DHA, अश्वगंधा आदि हो, हेल्थ एक्सपर्ट की राय से लिए जा सकते हैं ।
निष्कर्ष
ऑफिस में तनाव से निपटना एक चुनौती हो सकती है, लेकिन उपरोक्त उपायों को अपनाकर हम इसे कम कर सकते हैं। अपने स्वास्थ्य और खुशी को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है। तनाव को दूर करने के लिए सकारा��्मक कदम उठाएं और एक स्वस्थ, संतुलित जीवनशैली की ओर अग्रसर हों।
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How to Get Relief from Body Pain Through Yoga: Effective Yoga Poses
योग के माध्यम से शरीर के दर्द से राहत कैसे पाएं: दर्द प्रबंधन के लिए प्रभावी योग आसन
दर्द से राहत के लिए योग की महत्ता
Importance of yoga for pain relief
योग, एक अभ्यास जिसे हज़ारों सालों से परिष्कृत किया गया है, शरीर के दर्द के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में तेजी से पहचाना जा रहा है। नियमित योग सत्रों में शामिल होने से कई शारीरिक लाभ मिल सकते हैं, जिसमें लचीलापन बढ़ाना, मांसपेशियों की ताकत में सुधार और मानसिक विश्राम में वृद्धि शामिल है। ये गुण सामूहिक रूप से विभिन्न प्रकार के शरीर के दर्द, जैसे पीठ दर्द, गर्दन दर्द और जोड़ों के दर्द को कम करने में योगदान करते हैं। योग के मूल सिद्धांतों में से एक शरीर और मन का सामंजस्यपूर्ण एकीकरण है, जो संतुलन और कल्याण की स्थिति को बढ़ावा देता है। लगातार योग अभ्यास के माध्यम से प्राप्त लचीलापन कठोरता को कम करने और जोड़ों में गति की सीमा को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। यह विशेष रूप से पुराने दर्द की स्थिति से पीड़ित व्यक्तियों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह आसान आंदोलन की सुविधा देता है और चोट के जोखिम को कम करता है। मांसपेशियों की ताकत में सुधार योग का एक और महत्वपूर्ण लाभ है। मजबूत मांसपेशियां कंकाल प्रणाली को बेहतर समर्थन प्रदान करती हैं, जिससे जोड़ों पर दबाव कम होता है और दर्द कम होता है। उदाहरण के लिए, वॉरियर सीरीज़ और प्लैंक जैसे आसन न केवल कई मांसपेशी समूहों को सक्रिय करते हैं, बल्कि कोर ताकत बनाने में भी योगदान देते हैं, जो उचित मुद्रा बनाए रखने और पीठ दर्द को रोकने के लिए आवश्यक है। योग के माध्यम से प्राप्त मानसिक विश्राम दर्द को प्रबंधित कर��े में भी उतना ही महत्वपूर्ण है। गहरी साँस लेने और ध्यान जैसी तकनीकें तनाव और चिंता को कम करने में मदद करती हैं, जो अक्सर दर्द के लिए कारक होते हैं। योग का ध्यानपूर्ण पहलू व्यक्तियों को अपने शरीर के बारे में अधिक जागरूक बनने, तनाव के क्षेत्रों को पहचानने और विशिष्ट मुद्राओं और श्वास अभ्यासों के माध्यम से उन्हें संबोधित करने के लिए प्रोत्साहित करता है। वैज्ञानिक अध्ययन दर्द प्रबंधन के लिए योग की प्रभावशीलता का समर्थन करते हैं। प्रतिष्ठित चिकित्सा पत्रिकाओं में प्रकाशित शोध से संकेत मिलता है कि योग ��र्द के स्तर को काफी कम कर सकता है और विभिन्न पुरानी दर्द स्थितियों से पीड़ित व्यक्तियों के जीवन की ��ुणवत्ता में सुधार कर सकता है। उदाहरण के लिए, जर्नल ऑफ़ पेन रिसर्च/Journal of Pain Research में एक अध्ययन में पाया गया कि योग हस्तक्षेपों से पुरानी पीठ दर्द से पीड़ित प्रतिभागियों में दर्द की धारणा और कार्यात्मक परिणामों में काफी सुधार हुआ। संक्षेप में, योग शारीरिक लचीलापन बढ़ाकर, मांसपेशियों की ताकत बढ़ाकर और मानसिक विश्राम को बढ़ावा देकर दर्द से राहत के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है। यह बहुआयामी दृष्टिकोण योग को विभिन्न प्रकार के शारीरिक दर्द को प्रबंधित करने और कम करने में एक मूल्यवान उपकरण बनाता है। Personal Care for Lung Health: Avoiding Cancer
शरीर के दर्द के विभिन्न प्रकारों को समझना
Understanding Different Types of Body Pain
शरीर का दर्द विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकता है, जिनमें से प्रत्येक के अलग-अलग कारण और विशेषताएं होती हैं। प्रभावी राहत के लिए उपयुक्त योग मुद्राओं का चयन करने के लिए दर्द के प्रकार को पहचानना आवश्यक है। शरीर के दर्द की प्राथमिक श्रेणियों में पुराना दर्द, तीव्र दर्द, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों का दर्द शामिल हैं। क्रोनिक दर्द/Chronic pain, एक लगातार होने वाली परेशानी है जो हफ्तों, महीनों या सालों तक बनी रहती है। यह अक्सर गठिया, फाइब्रोमायल्जिया या तंत्रिका क्षति जैसी अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों से उत्पन्न होता है। तीव्र दर्द के विपरीत, जो चोट या बीमारी की सीधी प्रतिक्रिया है, क्रोनिक दर्द सामान्य रिकवरी अवधि से परे बना रहता है। इस प्रकार का दर्द किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है, जिससे दैनिक गतिविधियाँ करना ��ुश्किल हो जाता है। Acute pain, on the other hand, is sudden and usually sharp, acting as a warning signal from the body. It results from specific injuries like fractures, cuts, or surgical procedures. Acute pain is typically short-term and subsides once the underlying cause is treated. Timely intervention is crucial to prevent it from evolving into chronic pain. तीव्र दर्द/Acute pain, दूसरी ओर, तीव्र दर्द अचानक और आमतौर पर तेज होता है, जो शरीर से चेतावनी संकेत के रूप में कार्य करता है। यह फ्रैक्चर, कट या शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसी विशिष्ट चोटों के परिणामस्वरूप होता है। तीव्र दर्द आमतौर पर अल्पकालिक होता है और अंतर्निहित कारण का इलाज होने के बाद कम हो जाता है। इसे क्रोनिक दर्द में बदलने से रोकने के लिए समय पर हस्तक्षेप महत्वपूर्ण है। मांसपेशियों में दर्द/Muscle soreness, मांसपेशियों में दर्द शारीरिक परिश्रम या असामान्य गतिविधियों के बाद होने वाला दर्द का एक सामान्य रूप है। विलंबित शुरुआत मांसपेशी दर्द/delayed onset muscle soreness (DOMS) के रूप में जाना जाता है, इस प्रकार का दर्द तब होता है जब मांसपेशियों को उनकी सामान्य क्षमता से अधिक तनाव दिया जाता है, जिससे मांसपेशी तंतुओं में सूक्ष्म दरारें पड़ जाती हैं। आम तौर पर अस्थायी होने पर, मांसपेशियों में दर्द असुविधाजनक हो सकता है और आंदोलन में बाधा उत्पन्न कर सकता है। जोड़ों का दर्द/Joint pain, जो अक्सर ऑस्टियोआर्थराइटिस या रुमेटीइड गठिया/osteoarthritis or rheumatoid arthritis जैसी स्थितियों से जुड़ा होता है, इसमें जोड़ों में असुविधा, सूजन या अकड़न शामिल होती है। यह घिसाव, ऑटोइम्यून प्रतिक्रियाओं या संक्रमण के कारण हो सकता है। जोड़ों का दर्द गतिशीलता को सीमित कर सकता है और व्यक्ति की रोज़मर्रा के काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। दर्द के विशिष्ट प्रकार की पहचान करना प्रभावी प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है। विभिन्न योग आसन दर्द के विभिन्न रूपों को लक्षित करते हैं, लचीलापन, शक्ति और विश्राम को बढ़ावा देकर राहत प्रदान करते हैं। अपने दर्द की प्रकृति को समझना आपको असुविधा को कम करने और समग्र कल्याण को बढ़ाने के लिए सबसे फायदेमंद योग अभ्यास चुनने में मार्गदर्शन करेगा।
योग दर्द प्रबंधन में कैसे मदद करता है
How Yoga Helps in Pain Management
योग को लंबे समय से ��रीर के दर्द को प्रबंधित करने के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों तरह के लाभ प्रदान करता है। योग दर्द को कम करने के प्राथमिक तरीकों में से एक है एंडोर्फिन का स्राव, जो शरीर के प्राकृतिक दर्द निवारक हैं। जब आप योग मुद्राएँ करते हैं, तो आपका शरीर इन रसायनों को छोड़ता है, जो दर्द की अनुभूति को कम करने और तंदुरुस्ती की भावना को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त, सूजन को कम करने में योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीर्ण सूजन अक्सर जोड़ों और मांसपेशियों की तकलीफ सहित विभिन्न प्रकार के दर्द का मूल कारण होती है। विशिष्ट मुद्राओं और कोमल स्ट्रेचिंग के माध्यम से, योग शरीर में सूजन के मार्करों को कम करने में मदद करता है, जिससे दर्द कम होता है। बेहतर रक्त परिसंचरण योग का अभ्यास करने का एक और महत्वपूर्ण लाभ है। बेहतर परिसंचरण सुनिश्चित करता है कि ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्व ऊतकों और अंगों तक कुशलतापूर्वक पहुँचाए जाते हैं, जिससे मरम्मत और पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया में सहायता मिलती है। माइंडफुलनेस और सांस लेने की तकनीक योग के अभिन्न अंग हैं जो दर्द प्रबंधन में काफी हद तक योगदान देते हैं। माइंडफुलनेस में बिना किसी निर्णय के वर्तमान क्षण पर पूरा ध्यान देना शामिल है। यह अभ्यास व्यक्तियों को उनके दर्द के बारे में अधिक जागरूक होने और इसे अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना सीखने में मदद कर सकता है। सांस पर ध्यान केंद्रित करके और वर्तमान में रहकर, व्यक्ति मानसिक और भावनात्मक तनाव को कम कर सकता है जो अक्सर शारीरिक दर्द को बढ़ा देता है। योग में दर्द से राहत के लिए सांस लेने के व्यायाम या प्राणायाम भी ज़रूरी हैं। उचित साँस लेने की तकनीक तंत्रिका तंत्र को शांत करने और कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन को कम करने में मदद कर सकती है। तनाव के कम स्तर से मांसपेशियों में तनाव और समग्र दर्द में कमी आ सकती है। इसके अलावा, नियंत्रित साँस लेने से ऑक्सीजन का सेवन बढ़ता है, जो मांसपेशियों को आराम देने और दर्द की अनुभूति को कम करने में मदद कर सकता है। कुल मिलाकर, योग दर्द प्रबंधन के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण प्रदान करता है, जो असुविधा के शारीरिक और मानसिक दोनों पहलुओं को संबोधित करता है। एंडोर्फिन रिलीज को शामिल करके, सूजन को कम करके, रक्त परिसंचरण को बढ़ाकर, और माइंडफुलनेस और श्वास तकनीकों को अपनाकर, योग शरीर के दर्द को कम करने के लिए एक समग्र और प्रभावी समाधान प्रदान करता है।
1. पीठ दर्द से राहत के लिए योग आसन
Yoga Poses for Back Pain Relief
योग के माध्यम से पीठ दर्द का प्रबंधन अत्यधिक प्रभावी हो सकता है, जिससे तत्काल राहत और दीर्घकालिक लाभ दोनों मिलते हैं। यहाँ, हम कई योग आसनों के बारे में बता रहे हैं जो पीठ दर्द को लक्षित करते हैं, और अधिकतम लाभ के लिए उचित निष्पादन सुनिश्चित करते हैं।
Child’s Pose/बालासन चाइल्ड पोज़ पीठ, कूल्हों, जांघों और टखनों के लिए एक हल्का खिंचाव है। इस मुद्रा को करने के लिए, फर्श पर घुटने टेकें, अपने बड़े पैर की उंगलियों को एक साथ स्पर्श करें और अपनी एड़ी पर बैठें। अपने घुटनों को कूल्हे की चौड़ाई के बराबर अलग रखें और अपने धड़ को अपनी जांघों के बीच में रखें। अपनी बाहों को आगे की ओर फैलाएँ और हथेलियाँ फर्श की ओर रखें। यह मुद्रा पीठ के निचले हिस्से को लंबा करने और तनाव को दूर करने में मदद करती है। Cat-Cow Pose/Chakravakasana(चक्रवाकासन) कैट और काउ पोज़ के बीच यह गतिशील मूवमेंट लचीलेपन को बेहतर बनाता है और रीढ़ की हड्डी में तनाव को कम करता है। टेबलटॉप पोज़िशन में अपने हाथों और घुटनों के बल पर शुरुआत करें। जैसे ही आप साँस लेते हैं, अपने पेट को चटाई की ओर गिराएँ और अपने सिर और टेलबोन को ऊपर उठाएँ, जिससे आपकी पीठ में एक आर्च बने (काउ पोज़)। जैसे ही आप साँस छोड़ते हैं, अपनी रीढ़ को छत की ओर गोल करें और अपनी ठुड्डी को अपनी छाती से सटाएँ (कैट पोज़)। रीढ़ की हड्डी की गतिशीलता को बढ़ाने के लिए अपनी सांस के साथ तालमेल बिठाते हुए इस प्रवाह को कई बार दोहराएँ। Downward-Facing Dog/अधोमुख श्वानासन अधोमुख श्वानासन पूरे शरीर का खिंचाव है जो खास तौर पर रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों को लाभ पहुंचाता है। अपने हाथों और घुटनों पर शुरू करें, अपने पैर की उंगलियों को मोड़ें और अपने कूल्हों को छत की ओर उठाएं, एक उल्टा वी-आकार बनाएं। अपने हाथों को कंधे की चौड़ाई से अलग रखें और पैरों को कूल्हे की चौड़ाई से अलग रखें, जमीन पर मजबूती से दबाएं। यह आसन रीढ़, कंधों, हैमस्ट्रिंग और पिंडलियों को खींचता है, पीठ दर्द को कम करता है और पूरे शरीर के संरेखण को बढ़ावा देता है। Cobra Pose/भुजंगासन(Bhujangasana) कोबरा मुद्रा रीढ़ को मजबूत करती है और छाती को खोल��ी है, जो पीठ दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। अपने पैरों को फैलाकर और अपने पैरों के ऊपरी हिस्से को चटाई पर दबाकर चेहरा नीचे करके लेट जाएँ। अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखें और साँस लेते हुए, अपनी छाती को धीरे से ज़मीन से ऊपर उठाएँ, अपनी कोहनी को अपने शरीर के पास रखें। वापस नीचे आने से पहले कुछ साँसों के लिए मुद्रा में रहें। यह मुद्रा रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बढ़ाती है और पीठ के निचले हिस्से की अकड़न को कम करती है। इन योगासनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पीठ दर्द से काफी राहत मिल सकती है और आपकी रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। इनका पूरा लाभ उठाने के लिए नियमित रूप से और ध्यानपूर्वक इन आसनों का अभ्यास करना सुनिश्चित करें।
गर्दन और कंधे के दर्द से राहत के लिए योग आसन
Yoga Poses for Neck and Shoulder Pain Relief
गर्दन और कंधे का दर्द दुर्बल करने वाला हो सकता है, जो अक्सर खराब मुद्रा, तनाव या लंबे समय तक बैठे रहने के कारण होता है। योग कई आसन प्रदान करता है जो प्रभावित क्षेत्रों में मांसपेशियों को खींचकर और मजबूत करके इस असुविधा को कम करने में मदद कर सकते हैं। नीचे कुछ प्रभावी योग आसन दिए गए हैं जो विशेष रूप से गर्दन और कंधे के दर्द से राहत के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। Shoulder Stand/सर्वांगासन(Sarvangasana) शोल्डर स्टैंड एक शक्तिशाली मुद्रा ��ै जो पूरे शरीर को शामिल करती है, लेकिन यह विशेष रूप से गर्दन और कंधों में तनाव को दूर करने में मदद करती है। इस मुद्रा को करने के लिए, अपनी पीठ के बल लेटें और अपने पैरों को छत की ओर उठाएँ। अपने हाथों से अपनी पीठ के निचले हिस्से को सहारा दें, और अपने कंधों, कूल्हों और पैरों को एक सीधी रेखा में संरेखित करने का लक्ष्य रखें। इस मुद्रा को 30 सेकंड से एक मिनट तक रखें, सुनिश्चित करें कि आप गहरी सांस लें और एक स्थिर संतुलन बनाए रखें। यह उलटा ग्रीवा रीढ़ को कम करने में मदद करता है और मांसपेशियों के तनाव को काफी कम कर सकता है। Bridge Pose/सेतु बंधासन(Setu Bandhasana) ब्रिज पोज़ गर्दन और कंधे के दर्द को कम करने के लिए एक और प्रभावी योग आसन है। अपने घुटनों को मोड़कर और पैरों को ज़मीन पर सपाट रखकर, कूल्हों की चौड़ाई के बराबर दूरी पर अपनी पीठ के बल लेटकर शुरुआत करें। अपनी बाहों को अपने शरीर के साथ रखें और हथेलियाँ नीचे की ओर रखें। साँस लेते समय, अपने कूल्हों को छत की ओर उठाएँ, अपने ग्लूट्स को सिकोड़ें और अपने कोर को शामिल करें। 10-15 साँसों तक रुकें और साँस छोड़ते हुए अपने कूल्हों को धीरे से ज़मीन पर वापस लाएँ। यह आसन न केवल छाती और कंधों को फैलाता है बल्कि रीढ़ के आस-पास की मांसपेशियों को भी मज़बूत करता है, जिससे बेहतर मुद्रा को बढ़ावा मिलता है। Seated Forward Bend/बैठकर आगे की ओर झुकना (पश्चिमोत्तानासन) (Paschimottanasana) बैठकर आगे की ओर झुकना में, अपने पैरों को अपने सामने सीधा फैलाकर फर्श पर बैठकर शुरुआत करें। गहरी सांस लें और अपनी रीढ़ को लंबा करें। जैसे ही आप सांस छोड़ते हैं, अपने कूल्हों को आगे की ओर झुकाएं और अपने पैरों या पिंडलियों को पकड़ें। अपनी पीठ को जितना संभव हो उतना सपाट रखें और अपने कंधों को गोल करने से बचें। इस स्ट्रेच को 30 सेकंड से एक मिनट तक रखें, इस मुद्रा में आराम से आने के लिए गहरी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। यह आगे की ओर झुकना गर्दन और कंधों सहित पूरी पीठ को खींचता है, जिससे अकड़न और तनाव को कम करने में मदद मिलती है। Thread the Needle Pose (Parsva Balasana)/सुई पिरोने की मुद्रा (पार्श्व बालासन) सुई पिरोने की मुद्रा कंधों और पीठ के ऊपरी हिस्से में तनाव को दूर करने के लिए बहुत बढ़िया है। टेबलटॉप स्थिति में अपने हाथों और घुटनों के बल पर शुरू करें। अपने दाहिने हाथ को अपने बाएं हाथ के नीचे स्लाइड करें, अपने दाहिने कंधे और कान को चटाई पर टिकाएं। खिंचाव को गहरा करने में मदद करने के लिए अपने बाएं हाथ को फर्श पर दबाए रखें। 30 सेकंड तक रुकें और फिर साइड बदलें। यह मुद्रा ऊपरी पीठ और कंधों की मांसपेशियों को धीरे-धीरे खींचती है, जिससे जकड़न और बेचैनी से राहत मिलती है। इन योगासनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से गर्दन और कंधे के दर्द को नियंत्रित करने और कम करने में काफी मदद मिल सकती है। इन्हें ध्यान से अभ्यास करना याद रखें और अपने शरीर के संकेतों पर ध्यान दें ताकि ज़्यादा खिंचाव न हो।
जोड़ों के दर्द से राहत के लिए योग आसन
Yoga Poses for Joint Pain Relief
जोड़ों का दर्द, खास तौर पर घुटनों, कूल्हों और कलाई में, किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है। अपनी दिनचर्या में कुछ खास योग आसन शामिल करने से इस दर्द को कम करने, जोड़ों के लचीलेपन को बढ़ावा देने और समग्र गतिशीलता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। जोड़ों के दर्द से राहत के लिए कुछ प्रभावी योग आसन, शुरुआती लोगों के लिए उनके संशोधन और असुविधा को कम करने में उनके लाभ नीचे दिए गए हैं। Warrior Pose (Virabhadrasana) Warrior Pose/विर्भाद्रासन घुटनों और कूल्हों के आस-पास की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए बहुत बढ़िया है। इस मुद्रा को करने के लिए, अपने पैरों को चौड़ा करके खड़े हो जाएँ। अपने बाएँ पैर को थोड़ा अंदर रखते हुए अपने दाएँ पैर को 90 डिग्री पर मोड़ें। अपने दाएँ घुटने को अपने दाएँ टखने के ऊपर मोड़ें, यह सुनिश्चित करते हुए कि घुटना टखने से आगे न बढ़े। अपनी भुजाओं को कंधे की ऊँचाई पर फैलाएँ, हथेलियाँ नीचे की ओर हों। इस स्थिति में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहें, फिर करवट बदलें। शुरुआती लोगों के लिए, संशोधनों में सहारे के लिए कुर्सी का उपयोग करना या घुटने को बहुत ज़्यादा न मोड़ना शामिल है। यह मुद्रा जोड़ों की स्थिरता को बढ़ाने और घुटनों और कूल्हों में अकड़न को कम करने में मदद करती है। Read the full article
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चीन को उसी के घर में घेरने की तैयारी, भारत की इस देश से दोस्ती देख टेंशन में ड्रैगन, पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने बताया गेम चेंजर
हनोई: वियतनाम के पीएम फाम मिन्ह भारत के दौरे पर आए हैं। इस दौरान भारत और वियतनाम के संबंध मजबूत होते दिख रहे हैं। भारत ने वियतनाम को 300 मिलियन डॉलर का ऋण देने की पेशकश की है, ताकि वियतनाम अपनी समुद्री सुरक्षा बेहतर कर सके। यह हिंद प्रशआंत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए जरूरी है। भारत ने 300 मिलियन डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट दिया है। यानी वियतनाम इस धन के जरिए भारत से हथियार खरीद सकता है। संभव है कि ब्रह्मोस मिसाइल वह खरीदे। हालांकि भारत और वियतनाम की करीबी से चीन परेशान होने वाला है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके वियतनामी समकक्ष फाम मिन्ह चिन्ह के बीच नई दिल्ली में गुरुवार को हुई मीटिंग में लाइन ऑफ क्रेडिट देने का ऐलान किया गया। वियतनाम चीन का पड़ोसी है। इसके अलावा दोनों एक युद्ध भी लड़ चुके हैं। इसकी एक बड़ी सीमा दक्षिण चीन सागर के साथ जुड़ती है, जहां चीन की आक्रामकता किसी से छिपी नहीं है। फिलीपींस के साथ चीन दक्षिणी चीन सागर में तनाव बढ़ाता रहता है। आए दिन दोनों के बीच झड़प होती रहती है। फिलीपींस ने चीन से मुकाबला करने के लिए भारत की ब्रह्मोस मिसाइल खरीदी है। भारत का क्या है प्लान? वियतनाम के प्रधानमंत्री के सामने पीएम मोदी ने चीन पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि भारत विकासवाद का पक्षधर है, विस्तारवाद का नहीं। दरअसल चीन लगातार समुद्री सीमा को लेकर अपने पड़ोसियों से विवाद करता रहता है। वियतनाम इससे अछूता नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि रक्षा और सुरक्षा संबंधों को बढ़ावा देने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें तटीय शहर न्हा ट्रांग में एक सेना सॉफ्टवेयर पार्क का उद्घाटन शामिल है। भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिहाज से वियतनाम काफी महत्वपूर्ण है। भारत के पड़ोसियों के साथ जिस तरह चीन अपने संबंध मजबूत कर रहा है। उसी तरह भारत के लिए भी जरूरी है कि दक्षिण चीन सागर में सहयोगियों के साथ रिश्ते बेहतर हों। पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स ने गिनाए फायदे पाकिस्तानी पत्रकार कमर चीमा ने कहा कि चीन के करीब के देशों को भारत लड़ने के लिहाज से तैयार कर रहा है। चीमा ने कहा, 'भारत के पास फायदा है कि वह गुटनिरपेक्ष रहा है। यह छोटे देशों को ताकत देता है कि वह किसी वैश्विक ताकत के दबाव में आए बिना अपनी मर्जी से काम कर सकें।' उन्होंने भारत की ओर से वियतनाम को लाइन ऑफ क्रेडिट लाइन देने के फायदे गिनाए। चीमा ने कहा, 'लाइन ऑफ क्रेडिट से भारत को बड़े फायदे हैं। एक तो भारत को सपोर्ट मिलेगा। दूसरी इनकी मैन्युफैक्चरिंग की ताकत बढ़ेगी। तीसरा पश्चिमी देशों की तुलना में भारत सस्ता हथियार मुहैया कराएगा।' उन्होंने कहा कि भारत चीन के सभी करीबियों को मजबूत कर अपना दोस्त बना रहा है। http://dlvr.it/TBP3pm
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लद्दाख सीमा विवाद पर चीन ने दबा रखी है जुबान! पीएम मोदी ने खुलकर बता दिए अपने इरादे
भारत और चीन के बीच करीब चार साल से जारी तनाव अब खत्म होने को है. लद्दाख में LAC पर हालात अब सामान्य हो रहे हैं. दोनों देशों की सेनाओं की तरफ से डिसइंगेजमेंट (विवादित स्थल से पीछे हटने) की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. चीन ने 22 अक्टूबर को सीमा विवाद को लेकर हुए समझौते की पुष्टि की थी लेकिन अपने ताजा बयान में बीजिंग ने इन रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग…
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तुर्की के एर्दोगान ने दी हमले की धमकी, इजरायल ने कहा 'यह सद्दाम हुसैन जैसा होगा'
इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग के बीच मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया है। अब तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने इजराइल पर सैन्य हमले की चेतावनी दी है। हालांकि इजराइल ने इस धमकी का करारा जवाब दिया है। इजराइल और हमास के बीच पिछले साल अक्टूबर से युद्ध चल रहा है। हमास ने इजराइल की सीमा में घुसकर कत्लेआम मचाया था। इसमें करीब 1200 इजराइली लोग मारे गए थे। इसके बाद इजराइल ने गाजा पट्टी पर भीषण हमला किया…
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Join Best Sexologist in Patna, Bihar to get Permanent Solution of Sexual Disorder | Dr. Sunil Dubey
दुबे क्लिनिक की ओर से आप सभी को नमस्कार!
गुप्त व यौन समस्याएं एक सामान्य घटना है:-
आज का विषय उन सभी लोगों के लिए बहुत भावनात्मकप्रद्ध ��ै जो कि गुप्त या यौन समस्याओं से पीड़ित हैं और अपनी समस्याओं का उचित उपचार नहीं करवा पा रहे। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि गुप्त व यौन समस्या एक व्यक्तिगत मुद्दा है जिसे हर किसी के साथ या कही भी साझा नहीं किया जा सकता है। यहाँ तक कि अधिकांश लोग अपनी समस्याओं को अपने माता-पिता और भागीदारों से भी छिपाते हैं। कुछ बीमारियाँ संस्कृति से भी जुड़ी हैं जहाँ व्यक्ति के स्वास्थ्य का महत्व और भी बढ़ जाता है।
सच कहे तो कोई भी बीमारी होना कोई बड़ी बात नहीं है, यह बड़ी बात तब बन जाती है जब इसका सही तरीके से इलाज न करवाया जाए। सबसे पहले, लोगों को गुप्त या यौन समस्याओं के मामले में अपने स्वतंत्र व खुले दिमाग से यह सोचना चाहिए कि यह सामान्य बात है। उन्हें अपनी गुप्त व यौन समस्याओं को सामान्य तरीके से लेना चाहिए जैसे कि हम शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं। उसी तरह से अपनी गुप्त व यौन समस्याओं को सुधारने के लिए सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के क्लिनिक जाने में भी नहीं शर्माना चाहिए। लोग क्या सोचते हैं, यह हमेशा मायने नहीं रखता। गुप्त या यौन रोग एक बीमारी है और कोई भी इससे पीड़ित हो सकता है।
हर दस में से एक व्यक्ति गुप्त या यौन रोग से पीड़ित:-
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे जो कि पटना, बिहार के सर्वश्रेठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर है, बताते हैं कि आज हर दस में से एक व्यक्ति गुप्त या यौन समस्या से पीड़ित है। किसी व्यक्ति को यौन समस्या होने की कोई उम्र सीमा निर्धारित नहीं होती, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ गुप्त व यौन रोग की बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है। आज के समय में, पुरुषों में कई गुप्त व यौन समस्याएं होती हैं, जैसे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, श��घ्रपतन, प्रतिगामी स्खलन, विलम्बित स्खलन आदि। किसी व्यक्ति में यौन रोग होने के कई कारण होते हैं जैसे शारीरिक कारण, मधुमेह, हृदय संबंधी समस्याएं, दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं; अत्यधिक शराब का सेवन, दवा का अत्यधिक उपयोग, उपचार के दुष्प्रभाव, चिंता, अवसाद, रिश्ते की समस्याएं, टेस्टोस्टेरोन में कमी आदि प्रमुख कारण हैं।
यदि कोई व्यक्ति बहुत अधिक तनाव में रहता है, तो उसका दोनों सामान्य व यौन जीवन प्रभावित होता है और उसके यौन प्रदर्शन में कमी आने की संभावना बढ़ जाती है। यह पुरुषों में यौन हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन के स्तर को भी कम करता है, जिसके कारण व्यक्ति को जीवन में मधुमेह और पुरानी बीमारियों जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अध्ययनों के अनुसार, अवसाद यौन गतिविधि को विकृत व कम कर देता है। यह असामान्य हृदय गति का कारण भी बन सकता है, जिसके कारण व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित होने लगता है। डिप्रेशन और हाई ब्लड प्रेशर दोनों ही व्यक्ति की यौन क्रिया को हमेशा प्रभावित करते हैं। यह व्यक्ति को मानसिक रूप से कमजोर बना देता है।
सही सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर का चयन कैसे करें:-
आज के विषय का मुख्य बिंदु यही है कि कोई व्यक्ति अपनी गुप्त व यौन समस्याओं से कैसे निपट सकता है। भारत के गोल्ड मेडलिस्ट सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि ज़्यादातर लोग यौन उपचार तो करवाते हैं, लेकिन अपनी समस्याओं से पूरी तरह से निपट नहीं पाते। दरअसल, उनकी समस्याओं के पीछे मुख्य कारण रोगी द्वारा अधूरा कोर्स या सेक्सोलॉजिस्ट द्वारा अधूरा उपचार ही जिम्मेवार है। तीसरी कोई अन्य बात नहीं होती। आयुर्वेदिक चिकित्सा व पद्धति को समझने में सेक्सोलॉजिस्ट को सालो-साल लग जाते है और उसके बाद सेक्सोलोजी चिकित्सा विज्ञान के माध्यम से रोगियों की अवस्था का पता लगाने में अनुभव का महत्वपूर्ण रोल होता है।
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य और भारत गौरव पुरस्कार से सम्मानित डॉ. सुनील दुबे, बिहार राज्य के सर्वश्रेठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर कहते हैं कि एक क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट गुप्त व यौन रोगी के उपचार में अहम भूमिका निभाता है। लोग उन पर भरोसा करके अपना इलाज करवाते हैं, ऐसे में सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर की जिम्मेदारी होती है कि वह सटीक उपचार प्रदान कर उनके भरोस��� को पूरा करे व उनके रोगो से मुक्ति दिलाये।
उनका कहना है कि पुरुषों या महिलाओं में किसी भी गुप्त या यौन समस्या के उपचार के लिए आयुर्वेदिक दवा और उपचार सबसे प्रभावपूर्ण पद्धति में से एक है। यहां, सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर को आयुर्वेद चिकित्सा और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान दोनों में कुशल होना अति आवश्यक है। वास्तव में, गुप्त या यौन रोगी अपने यौन जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याओं से पीड़ित होता है जैसे कि शारीरिक समस्या, मानसिक स्थिति, मनोवैज्ञानिक समस्या, रिश्ते की समस्या, अवसाद, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और चिकित्सा की स्थितियां।
एक प्रामाणिक अनुभवी विशेषज्ञ क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर जो प्रैक्टिस में हैं और लोगों को अपना चिकित्सा व उपचार प्रदान कर रहा हैं। वे अपने पेशे में विशेषज्ञ होते हैं और विभिन्न प्रकार के गुप्त व यौन रोगियों को अपना उपचार प्रदान करते हैं। यहाँ, लोगों को अपने यौन स्वास्थ्य देखभाल डॉक्टर को चुनने में अपनी समझदारी दिखानी चाहिए। निम्नलिखित चरणों का पालन करें:-
अपने उपचार के लिए अनुभवी सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर चुनें
उच्चतम डिग्री धारक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर चुनें जो विशेषज्ञ हो
आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी मेडिकल साइंस सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर चुनें
सेक्सोलॉजिस्ट की प्रतिक्रिया, प्रतिष्ठा और साख का निरीक्षण करें
एक प्रतिष्ठित आयुर्वेदिक क्लिनिक या अस्पताल में कार्यरत होना आवश्यक
अपने पेशे के लिए उपलब्धियाँ, विशेषताएँ और समर्पण की भावना हो
उत्तरदायी और अच्छा व्यवहार करने वाला जो लोगों के साथ विनम्रता से पेश आता है
दवा के दौरान, वह उत्कृष्टता के लिए आपके स्वास्थ्य की उचित प्रतिक्रिया लेता है
यौन स्वास्थ्य देखभाल डॉक्टरों को चुनते समय, भ्रमित न हों। यह आपका जीवन है और आपको अपने सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के बारे में भली-भांति पता होना चाहिए जहाँ आप सबसे सुरक्षित उपचार और दवा प्राप्त कर सकते हैं। चिकित्सा के हर दृष्टिकोण से, अनुभव हमेशा मायने रखता है जबकि गुणवत्ता पूर्णता प्रदान करती है। सेक्सोलॉजिस्ट जितना ज्यादा अनुभवी होगा, उपचार में सुरक्षा उतना ही ज्यादा होगी।
हार्दिक सम्मान के साथ
डॉ. सुनील दुबे, सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच. (लंदन) | आयुर्वेद में पी.एच.डी. (यू.एस.ए.)
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 925486
वेन्यू: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना, बिहार
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यूक्रेन के दरवाजे पर पहुंचे किम जोंग के 10 हजार सैनिक, जानें क्या चुप रहेगा अमेरिका या मचेगा बवाल
World News: यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर लगातार कई अहम मोड़ सामने आ हो रहे हैं। अब इस युद्ध में उत्तर कोरिया ने भी अपनी सैनिकों को झोंक दिया है। उत्तर कोरिया ने यूक्रेन के दरवाजे पर अपनी सेनाएं तैनात कर दी हैं, जिससे क्षेत्रीय तनाव में इजाफा हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार, किम जोंग उन की सेना अब केवल कुछ मील की दूरी पर है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या वे यूक्रेन की सीमा में प्रवेश करेंगे। इसी बीच…
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चीन नहीं आ रहा अपनी हरकतों से बाज, एक बार फिर ताइवान की सीमा के पास भेजे 17 सैन्य विमान
चीन और ताइवान के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। बीजिंग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक बार फिर चीनी ��ेना ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ की कोशिश की। हालांकि, ताइवान की सेना ने भी इसका जवाब दिया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीन के विमान, नौसैनिक पोत और जहाज ताइवान की सीमा के करीब देखे गए। इतने विमान दिखाई दिएताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने बताया कि सोमवार सुबह छह बजे…
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