#सिग्नल
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hi-avathisside · 3 months ago
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Trigger Warning: Mental health, indications of suıcıde
Sept aa gaya aur pata bhi nahi chala, aaj teachers day hai aur pichla teacher's day mujhe bakhoobi yaad hai. yaar yeh samay bhi na kitni ajeeb cheez hai jitni upma se upma karu kam hai, kahu ki yeh samay inn ghirte- hatte baadlon ki tarah hai aur inn patton ke girne ki tarah hai aur iss toofan ke jaane ki tarah hai. yeh samay woh pighalti ice-cream ki tarah hai, woh signal badalne ki tarah hai, achaanak aane waali modoslaadhar baarish ki tarah hai aur aasmaan mai. ek indradhanush ki tarah hai toh bhi shayad kam hoga. Yeh saal kaise beeta pata hi nahinchala, yoon bhadrapad aa gaya aur keval kuch mahine hi bache hain yeh saal khatam hone main. yeh samay bhi na bohot kamaal hai. Pichle septmeber mujhe laga tha, ki shayad nahi ho paayega. Yeh zindagi, mujhse nahi ho paayegi, kyonki yaar mushkil hota hai, har din hospital jaana aur phir kaam, kaam aur hospital, lekin humne kiya. September guzra, ek ek din gine the humne ungliyon par zaroor, lekin kab december aa gaya pata hi nahi chala. Naye saal ki kuch zyada khushi nahi thi, bas yahi dua thi ki yeh sal khishiyaan laaye. January, fervary ek aisi hawa ka jhonka laaye jisse hum aaj tak waakif hi nahi the. Aur yeh hawa ka jhonka jis dhara se aaya tha humari zulfe udane ke liye, waise hi chala gaya, shayad kuch bikhri zulfe chhod gaya. Yeh saal guzar toh raha tha, lekin aisa lag raha tha ki hum sthir haim kuch badal nahi raha tha. Jitni bhi koshish kar lo yeh patthar hil hi nahi raha, yeh dhakkan khul hi nahi raha. Phir kya, socha aise rote hue raatein guzaarna thik nahi hai, yoon ghar main band rehna thik nahi hai, kuch toh galat hai. Madad li, shayad kuch behtar hua, shayad nahi. lekin inn sab ke beech, maine bohot yaadein banayi. Woh ek baarish, woh ek sunset, aur na jaane kitne saari hassi joh shayad nahi hoti agar maine zindagi ka haath chhod diya hota. Kuch din aise bhi the jinmein mujhe laga ki isse khush toh main nahi jo sakti, kuch raatein iss kadar thi ki mujhe laga ki mujhse dukhi koi nahi ho sakta. Ho sakta ho ki aapka samay itna achha na chal raha ho, lekin phir bhi, samay kaisa bhi ho, yeh chhoti chhoti khudhiyaan zaroor laata hain. September aa gaya aaj aur pata bhi nahi chala. Shayad, woh dhakkan thoda dheela ho gaya.
सितंबर आ गया और पता भी नहीं चला, आज टीचर्स दे है और इससे पिछला शिक्षक दिवस मुझे याद है। यार ये समय भी ना कितनी अजीब चीज़ है, जितनी उपमा से उपमा कम है, कहू की ये समय इन घिरते-हटते बादलों की तरह है और इन पत्तों के गिरने की तरह है और इस तूफ़ान के जाने की तरह है। ये समय वो पिगलती आइसक्रीम की तरह है, वो सिग्नल बदलने की तरह है, अचानक आने वाली मूसलाधार बारिश की तरह है और आसमान में एक इंद्रधनुष की तरह है तो शायद काम होगा। ये साल कैसे बीता पता ही नहीं, यूं भाद्रपद आ गया और केवल कुछ महीने ही बचे हैं ये साल खत्म होने में। ये समय भी ना बहुत कमाल है। पिछले सितंबर मुझे लगा था, शायद नहीं हो पाएगा। ये जिंदगी, मुझसे नहीं हो पाएगी, क्योंकि यार मुश्किल होता है, हर दिन हॉस्पिटल जाना और फिर काम, काम और हॉस्पिटल, लेकिन हमने किया। सितंबर गुजरा, एक एक दिन गिनें थे हमने उंगलियों पर जरूर, लेकिन दिसंबर कब आ गया पता ही नहीं चला। नए साल की कुछ ज्यादा खुशी नहीं थी, बस यहीं दुआ थी कि ये साल खुशियां लाए। जनवरी, फरवरी एक ऐसी हवा का झोंका लाए जिसे हम आज तक वाकिफ ही नहीं थे। और ये हवा का झोंका जिस धारा से आया था हमारी जुल्फे उड़ान के लिए, वैसे ही चला गया, शायद कुछ बिखरी जुल्फे छोड़ गया। ये साल गुजर तो रहा था, लेकिन ऐसा लग रहा था कि हम स्थिर हैं, कुछ बदल नहीं रहा था। जितनी भी कोशिश कर लो ये पत्थर हिल ही नहीं रहा, ये धक्कन खुल ही नहीं रहा। फिर क्या, सोचा ऐसे रोते हुए रातें गुज़ारना ठीक नहीं है, यूं घर में बंद रहना ठीक नहीं है, कुछ तो गलत है। मदद ली, शायद कुछ बेहतर हुआ, शायद नहीं। लेकिन इन सब के बीच, मैंने बहुत यादें बनाईं। वो एक बारिश, वो एक सनसैट, और ना जाने कितनी सारी हंसी जो शायद नहीं होती अगर मैंने जिंदगी का हाथ छोड़ दिया होता। कुछ दिन ऐसे भी थे जिनमें मुझे लगा कि मुझसे ज्यादा खुश कोई नहीं है, कुछ रातें इस कदर थी कि मुझे लगा कि मुझसे दुखी कोई नहीं हो सकता। हो सकता है कि आपका समय इतना अच्छा न चल रहा हो, लेकिन फिर भी, समय कैसा भी हो, ये छोटी-छोटी खुशियां जरूर लाता है। सितंबर आ गया आज और पता भी नहीं चला। शायद, वो धक्कन थोड़ा ढीला हो गया।
wrote this at 8:30 am, first thought in the morning. It's because I never thought I could make it to September. I'm glad. Life throws shit at you, but please remember to breathe, and it'll pass on. Sept-Dec patch was very rough for me, but it passed and I'm glad it did. This is your reminder that it'll pass.
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helputrust · 3 months ago
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लखनऊ, 07.09.2024 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा "सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान" के अंतर्गत प्रकाश बाल विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, विशाल खंड, गोमती नगर, लखनऊ में जागरूकता कार्यक्रम "सावधानी हटी, दुर्घटना घटी" का आयोजन किया गया |
कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने विद्यालय के लगभग 80 छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि, “थोड़ी सी लापरवाही बड़े हादसों का कारण बन सकती है । जब हम सड़क पर होते हैं, चाहे हम वाहन चला रहे हों या पैदल चल रहे हों, सतर्कता और सावधानी सबसे महत्वपूर्ण होती है । हमारी एक छोटी सी गलती किसी बड़े हादसे का रूप ले सकती है । हेलमेट न पहनना, सीट बेल्ट न लगाना, ट्रैफिक सिग्नल का उल्लंघन करना या ओवरस्पीडिंग करना, ये सब दुर्घटनाओं को निमंत्रण देते है । इसलिए, सड़क पर हर कदम ध्यानपूर्वक उठाएं और यातायात नियमों का पालन करें । याद रखें, एक पल की सावधानी आपको और दूसरों को सुरक्षित रख सकती हैं, जबकि थोड़ी सी असावधानी जीवनभर का पछतावा बन सकती है । सुरक्षित रहें, सतर्क रहें, क्योंकि "सावधानी हटी, दुर्घटना घटी ।"
स्वयंसेवकों ने जोर दिया कि, "सावधानी हटी, दुर्घटना घटी" केवल एक कहावत नहीं, बल्कि एक गहरा संदेश है जो हमें जीवनभर याद रखना चाहिए । सड़क पर हर क्षण सतर्कता ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है । जब हम हर कदम सोच-समझकर और सावधानी से उठाते हैं, तो अनचाही दुर्घटनाओं से बच सकते है । इसलिए, हर व्यक्ति को अपनी सुरक्षा और दूसरों की भलाई के लिए सड़क पर चलते समय पूरी जिम्मेदारी और सतर्कता का पालन करना चाहिए, ताकि हम सभी सुरक्षित रह सकें ।“
जागरूकता कार्यक्रम “सावधानी हटी, दुर्घटना घटी" मे हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों सुश्री आयुषी मिश्रा, श्री सायक सान्याल, श्री सौरभ सिंह, सुश्री श्रेया सिंह (एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी) ने सहभागिता की तथा जागरूकता अभियान को सफल बनाया |
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shanti-ashant-hai · 2 years ago
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सिग्नल मुझको नजर ना आये 
वाह
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danzer91 · 2 days ago
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26/11 बुध देव का रेड सिग्नल, घट सकती हैं कौन सी घटनाएं? तीन ग्रहों का सं...
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indlivebulletin · 19 days ago
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क्या हुंडई की तरह ही होगी स्विगी के आईपीओ की लिस्टिंग? ग्रे मार्केट में दिख गया सिग्नल
स्विगी के पब्लिक इश्यू ने आखिरी दिन निवेशकों का मजबूत समर्थन हासिल किया, लेकिन फिर भी निवेशकों की टेंशन कम नहीं हुई. 11,327 करोड़ रुपए के आईपीओ को कुल 3.59 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, हालांकि शुरुआती दो दिनों में निवेशकों की प्रतिक्रिया हल्की ��ही. पहले दिन आईपीओ सिर्फ 0.12 गुना और दूसरे दिन 0.35 गुना ही सब्सक्राइब हुआ था. आईपीओ का प्राइस बैंड 371 से 390 रुपए तय किया गया है और इसके 13 नवंबर को बीएसई…
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sharpbharat · 23 days ago
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jamshedpur jam@street : इस रविवार को पारिवारिक गंतव्य जैम@स्ट्रीट का करेगा आयोजन, पहला जैम@स्ट्रीट बिष्टुपुर में होगा
जमशेदपुर : टाटा स्टील यूआइएसएल, टाटा स्टील और टाटा स्टील फाउंडेशन के सहयोग से, कई तरह की गतिविधियों वाले रोमांचक और विविधतापूर्ण जैम@स्ट्रीट कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है. यह कार्यक्रम 10 नवंबर रविवार को सुबह 6:30 बजे बिष्टुपुर (बिष्टुपुर राउंडअबाउट से ट्रैफिक सिग्नल तक) में शुरू होगा. इस रविवार को बिष्टुपुर मुख्य सड़क पर बैडमिंटन खेलने, ज़ुम्बा के साथ कसरत करने और स्वस्थ व्यंजनों का आनंद लेने…
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manvadhikarabhivyakti · 2 months ago
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मेन लाइन छोड़कर लूप लाइन में चली गई थी ट्रेन, डाटा लॉगर वीडियो में सामने आया चौंकाने वाला सच
चेन्नई के पास हुए बागमती एक्सप्रेस हादसे में चौंकाने वाला सच सामने आया है। डाटा लॉगर वीडियो के मुताबिक मैसूर-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस को कावरापेट्टई स्टेशन से मेन लाइन से गुजरने के लिए हरा सिग्नल दिया गया था, मगर ट्रेन लूप लाइन में चली गई और वहां पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। हादसे के बाद रेलवे ने जांच शुरू कर दी है। वहीं रेलवे के यूनियन नेताओं और विशेषज्ञों ने इसे बालासोर हादसे की पुनरावृत्ति…
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imranjalna · 2 months ago
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Baba Siddique: अजित पवार गुट के NCP नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या, जानें कौन हैं वो
Baba Siddique: Ajit Pawar faction’s NCP leader Baba Siddique shot dead, know who he is Baba Siddique News: अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के नेता बाबा सिद्दीकी को शनिवार देर रात बांद्रा पूर्व में खेरवाड़ी सिग्नल के पास तीन लोगों ने गोली मार दी। इसके बाद उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बाबा सिद्दीकी ने इसी साल कांग्रेस छोड़कर एनसीपी ज्वाइन…
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umakant171991-blog · 2 months ago
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तमिलनाडु ट्रेन हादसे का कारण क्या था? रेलवे अधिकारी बताते हैं...
दुर्घटना में 12 डिब्बे पटरी से उतरे, 19 लोग घायल तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले में एक यात्री ट्रेन (मैसूरु-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस) के एक स्थिर मालगाड़ी से टकराने के कारण रेल पटरी से डिब्बे उतरने की घटना हुई। यह टक्कर उस समय हुई जब यात्री ट्रेन 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक आरएन सिंह ने शनिवार सुबह एनडीटीवी को बताया कि दुर्घटना का कारण “सिग्नल और रूट के…
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imnitishverma · 2 months ago
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RankBrain: Google का शक्तिशाली रैंकिंग सिग्नल
Google के सर्च एल्गोरिथ्म में कई सिग्नल्स काम करते हैं, जो यह तय करते हैं कि कौन-सी वेबसाइट्स और पेजेज सर्च रिजल्ट्स में ऊपर आएंगे। इन रैंकिंग सिग्नल्स में से एक महत्वपूर्ण सिग्नल है RankBrain। RankBrain एक मशीन लर्निंग (machine learning) आधारित एआई (AI) सिस्टम है, जो Google को यह समझने में मदद करता है कि यूजर की सर्च क्वेरी के पीछे का इरादा (user intent) क्या है, और उसे सबसे प्रासंगिक परिणाम…
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pniindia · 2 months ago
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Swatantrata Senani Express Stoning: स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस पर हुआ पथराव, बोगियों के शीशे टूटे; हादसे में कई यात्री घायल
Swatantrata Senani Express Stoning: स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस ट्रेन पर बिहार के समस्तीपुर में पथराव होने का मामला सामने आया है. दरअसल यह मामला समस्तीपुर के पास का है जहां गुरुवार की रात को आउटर सिग्नल पर पथराव किया गया है. पथराव के कारण ट्रेन की बहुत सी बोगियों के शीशे टूट चुके हैं. वहीं इसमें पेंट्रीकार के साथ ही उसके बगल की कोच B1 और B2 के शीशे टूटे हुए बताए जा रहे हैं. इसके अलावा स्लीपर कोच में भी पथराव हुआ है, जिसकी वजह से बहुत से यात्री घायल हो चुके हैं, जिनका इलाज समस्तीपुर में ही चल रहा है. आपको बता दें कि ट्रेन 45 मिनट की देरी से इस घटना के बाद मुजफ्फरपुर स्टेशन पर पहुंची.
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helputrust · 3 months ago
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लखनऊ, 31.08.2024 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा "सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान" के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय, गाजीपुर, बस्तौली, लखनऊ में जागरूकता कार्यक्रम "सावधानी हटी, दुर्घटना घटी" का आयोजन किया गया |
कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने विद्यालय के लगभग 60 छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि, “सड़क सुरक्षा केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं हैं, बल्कि यह हर नागरिक की जिम्मेदारी हैं । सभी को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए जैसे: हेलमेट पहनना, सीट बेल्ट लगाना, सिग्नल का ध्यान रखना और सही दिशा में चलना ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके । सड़क पर सभी लोग-चाहे वे चालक हों, पैदल यात्री हों या साइकिल सवार हों, सड़क सुरक्षा में समान भागीदार हैं । हमें यातायात नियमों का पालन करना चाहिए, इससे न केवल हम खुद को सुरक्षित रखते हैं बल्कि दूसरों की सुरक्षा में भी योगदान देते हैं ।"
स्वयंसेवकों ने जोर दिया कि, "सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने और इसे अपनाने के लिए सामुदायिक भागीदारी जरूरी हैं । सड़क सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी हैं और सभी को मिलकर एक सुरक्षित यातायात व्यवस्था का निर्माण करना चाहिए ।“
जागरूकता कार्यक्रम “सावधानी हटी, दुर्घटना घटी" मे हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों सुश्री आयुषी मिश्रा, श्री सायक सान्याल, श्री सौरभ सिंह, सुश्री श्रेया सिंह (एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी) ने सहभागिता की तथा जागरूकता अभियान को सफल बनाया |
#सावधानी_हटी_दुर्घटना_घटी #Roadsafety #Safedriving #Trafficrules #Roadawareness #Safetyfirst #Drivingtips #Roadtraffic #Drivingrules #Safetydriving #Drivingeducation
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news-34 · 2 months ago
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danzer91 · 4 days ago
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यूनिवर्स के वो सि��्नल जो बताते हैं कि यूनिवर्स आपसे कुछ कहना चाहता है।
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rightnewshindi · 2 months ago
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Jio Down; यूजर्स को नहीं मिल रहा मोबाइल सिग्नल, इंटरनेट सेवा भी हुई ठप; फाइबर चलाने में भी हो रही दिक्कत
Jio Down: रिलायंस जियो की सर्विस ठप हो गई है। ज्यादातर यूजर्स के मोबाइल में सिग्नल नहीं आ रहे हैं। 20 प्रतिशत लोगों ने इंटरनेट कनेक्टिविटी ��ें बाधा होने की रिपोर्ट डाउनडिटेक्टर पर की है। 14 प्रतिशत लोगों को जियो फाइबर चलाने में दिक्कतें आ रही हैं। रिलायंस जियो की वेबसाइट भी सही तरह से काम नहीं कर रही और न ही यूजर्स जियो ऐप को एक्सेस कर पा रहे हैं। डाउनडिटेक्टर पर 12 बजे के करीब 10 हजार से अधिक…
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indlivebulletin · 27 days ago
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ऑटोमैटिक या मैनुअल, शहरी सड़कों के लिए कौन सी कार है सबसे बेहतर विकल्प
ऑटोमैटिक बनाम मैनुअल कार: शहर की सड़कों पर कार चलाने के लिए ऑटोमैटिक और मैनुअल दोनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं। शहरी इलाकों में अक्सर ट्रैफिक जाम, सिग्नल और बार-बार रुकने का सामना करना पड़ता है, इसलिए सही विकल्प चुनना आपकी ड्राइविंग प्राथमिकताओं और परिस्थितियों पर निर्भर करता है। आइए दोनों विकल्पों की तुलना करें: 1. स्वचालित ट्रांसमिशन लाभ: सुविधा: शहर के ट्रैफ़िक में बार-बार क्लच और गियर…
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