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#सिंधू
marathicelebscom · 1 year
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‘सिंधूताई माझी माई - चिंधी बनली सिंधू’ ! चिंधीच्या चरित्रगाथेचा नवा अध्याय होतोय सुरू
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lok-shakti · 2 years
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किस मशहूर गायक ने सिंधू मौसेवाला की हत्या पर सरकार की आलोचना की, जानिए कौन है वो सिंगर
किस मशहूर गायक ने सिंधू मौसेवाला की हत्या पर सरकार की आलोचना की, जानिए कौन है वो सिंगर
दिलजीत दोसांझ ने सरकार की आलोचना की: इसी साल प्रसिद्ध पंजाबी गायक सिंधू मूसेवाला (सिद्धू मूस वाला) की बेरहमी से हुई हत्या (हत्या) ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। किशोरी की मर्डर पर हर एक ने अपनी-अपनी राय दी थी। अब इसी बीच एक बार फिर से उनकी हत्या की चर्चा में आ गया है। दरअसल एक और मशहूर सिंगर दिलजीत दोसांझ (दिलजीत दोसांझ) ने सिंधू माउसेवाला की हत्या पर सरकार (सरकार) पर निशाना साध दिया है। इसी…
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airnews-arngbad · 2 months
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 Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date: 26 July 2024
Time: 01.00 to 01.05 PM
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक: २६ ��ूलै २०२४ दुपारी १.०० वा.
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२५ वा कारगिल विजय दिवस आज साजरा होत आहे. या निमित्त राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू यांनी तिन्ही सैन्यदलाचे आभार व्यक्त करत हुतात्मा सैनिकांना अभिवादन केलं. समाज माध्यमांवरील आपल्या संदेशात त्यांनी, कारगील युध्दात धारातीर्थी पडलेल्या सैनिकांचं बलिदान देशाच्या प्रत्येक नागरिकाला राष्ट्रभक्तीची प्रेरणा देईल असं म्हटलं आहे.
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कारगिलमध्ये २५ वर्षांपूर्वी आपण केवळ युद्धच जिंकलं नाही तर सत्य, संयम आणि सामर्थ्याचं अद्भुत दर्शन घडवल्याचं पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी म्हटलं आहे. पंतप्रधानांनी आज कारगिल मधल्या द्रास इथं युद्ध स्मारकाला भेट देऊन, हुतात्मा सैनिकांना आदरांजली अर्पण केली, त्यानंतर ते बोलत होते. भारत शांततेसाठी प्रयत्न करत होता, मात्र पाकिस्ताननं आपला अविश्वासी चेहरा समोर आणला, असं ते म्हणाले. विकासापुढे येणारी आव्हानं मोडून काढली जातील, असा इशारा पंतप्रधानांनी दिला.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांनीही कारगिल युद्धातील वीरांना अभिवादन करत आपण त्यांचे शौर्य कायम आठवणीत ठेऊन कोणत्या ना कोणत्या स्वरूपात देशाची सेवा केली पाहिजे असं म्हटलं आहे. २५ व्या कारगिल विजय दिवसानिमित्त आज त्यांनी या युद्धात शहीद झालेल्या महाराष्ट्रातल्या सहा जवानांचं स्मरण केलं. त्यावेळी ते मुंबईत बोलत होते. माजी सैनिक आणि त्यांच्या परिवारासाठी राज्य शासन कटिबद्ध असल्याचं सांगितलं.
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केंद्र सरकारने अनेक पिकांच्या किमान हमीभावात मोठ्या प्रमाणात वाढ केल्याचं, केंद्रीय कृषीमंत्री शिवराजसिंह चौहान यांनी सांगितलं आहे. ते आज राज्यसभेत प्रश्नोत्तराच्या तासात बोलत होते. केंद्र सरकार सातत्याने शेतकऱ्यांच्या लाभासाठी निर्णय घेत असल्याचं त्यांनी नमूद केलं. गेल्या अनेक वर्षात गव्हासह इतर पिकांचं सरकारकडून खरेदीचं प्रमाण वाढलं असून, खतांवरच्या अनुदानातही भरघोस वाढ केल्याचं चौहान यांनी नमूद केलं.
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राज्यसभेत शून्य काळात खासदार सुधा मूर्ती यांनी, हॉटेल व्यावसायिकांकडून अन्नपदार्थात वापरल्या जाणाऱ्या सिन्थेटिक रंग, सिन्थेटिक व्हिनेगर तसंच टेस्टिंग पावडरच्या दुष्परिणामांकडे लक्ष वेधलं.
यासंदर्भात नियंत्रणासाठी देशभरात शंभरावर अन्न परीक्षण प्रयोगशाळा स्थापन करण्याचा निर्णय सरकारने घेतल्याचं, अन्न प्रक्रिया मंत्री चिराग पासवान यांनी सांगितलं.
खासदार रजनी पाटील यांनी कृषी प्रक्रिया उद्योग उभारणीत होणाऱ्या विलंबाकडे सदनाचं लक्ष वेधलं. पासवान यांनी यावर उत्तर देतांना, तांत्रिक कारणांमुळे ही प्रक्रिया लांबत असल्याचं सांगत, सरकार या संदर्भात सातत्याने पाठपुरावा करून सदर प्रक्रिया लवकर पूर्ण करण्याच्या प्रयत्नात असल्याचं सांगितलं.
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सर्वसामान्य नागरिकांना सरकारकडून आरोग्य सुविधा मोठ्या प्रमाणावर सहज सुलभरित्या उपलब्ध करून दिल्या जात असल्याचं, केंद्रीय आरोग्यमंत्री जे पी नड्डा यांनी सांगितलं आहे. ते आज लोकसभेत याबाबतच्या प्रश्नाच्या उत्तरात बोलत होते. प्राथमिक आरोग्य केंद्रातल्या सुविधांबाबत खासदार प्रणिती शिंदे यांनी प्रश्न विचारला होता. प्राथमिक आरोग्य केंद्रात ६३ प्रकारच्या तर जिल्हा रुग्णालयात १३४ प्रकारच्या चाचण्या मोफत केल्या जात असून, विविध आजारांसाठीच्या औषधांचं मोफत वितरण केलं जात असल्याचं नड्डा यांनी सांगितलं. जिल्हा रुग्णालयात डायलिसीसची सुविधा दिली जात असल्याचं नड्डा यांनी नमूद केलं.
दरम्यान, शून्य प्रहराच्या प्रारंभी, कर्नाटकच्या मुद्यावरून विरोधक आणि सत्ताधारी सदस्यांमध्ये आरोप प्रत्यारोप होऊन, गदारोळ सुरू झाल्यानं, अध्यक्ष ओम बिर्ला यांनी सदनाचं कामकाज अर्ध्या तासासाठी तहकूब केलं.
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मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजनेसंदर्भात नांदेड शहर आणि ग्रामीण भागामध्ये आत्तापर्यंत तीन लाख ७० हजार अर्ज दाखल झाले आहे. जिल्हा यंत्रणेने पात्र उमेदवारांची निवड पुढील काही दिवसात पूर्ण करावी, आणि चावडी वाचनाला गती द्यावी, असे निर्देश जिल्हाधिकारी अभिजीत राऊत यांनी दिले आहेत.
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पॅरिस ऑलिम्पिकचं आज औपचारिक उद्घाटन होणार आहे. भारतीय प्रमाण वेळेनुसार आज रात्री ११ वाजता हा सोहळा सुरु होणार आहे. या स्पर्धेच्या इतिहासात पहिल्यांदाच उद्घाटन समारंभ मैदानाच्या बाहेर होत असून, अंदाजे दहा हजारावर खेळाडू संचलनात सहभागी होणार आहेत. आयफेल टॉवर परिसरात संचलनाची सांगता होऊन ऑलिंपिक ज्योत प्रज्वलित केली जाईल. या संचलनात भारतीय पथकाचं नेतृत्व शरथ कमल आणि पी. व्ही. सिंधू करणार आहेत.
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महिला आशिया चषक क्रिकेट स्पर्धेत आज भारत आणि बांग्लादेश यांच्यात उपांत्य सामना होणार आहे. भारतीय प्रमाण वेळेनुसार दुपारी दोन वाजता या सामन्याला सुरुवात होईल. या स्पर्धेतले आतापर्यंतचे सर्व सामने जिंकून भारतीय संघ अ गटात अव्वल स्थानावर आहे.
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सातारा जिल्ह्यातल्या कोयना धरणातून होणारा विसर्ग १० हजार घनफूट प्रतिस��कंद वेगानं वाढवून ४० हजार घनफूट प्रतिसेकंद करण्यात येणार आहे. यामुळे नदीकाठी असणारी मंदिर पाण्याखाली जाण्यास सुरुवात झाल्याचं आमच्या वार्ताहरानं कळवलं आहे.
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rightnewshindi · 7 months
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England Badminton Championships: भारत की शीर्ष खिलाड़ी पीवी सिंधु दूसरे दौर में हारी, क्वार्टर फाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन
England Badminton Championships: भारत की शीर्ष खिलाड़ी पीवी सिंधु दूसरे दौर में हारी, क्वार्टर फाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन
All England Badminton Championships: भारत के लक्ष्य सेन दुनिया के नंबर तीन खिलाड़ी एंडर्स एंटोनसेन पर तीन गेम तक चले मुकाबले में शानदार जीत दर्ज कर गुरुवार को ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए लेकिन देश की शीर्ष महिला एकल खिलाड़ी पीवी सिंधू को दूसरे दौर में हार का सामना करना पड़ा। दुनिया के 18वें नंबर खिलाड़ी सेन दूसरा गेम गंवाने के बाद तीसरे गेम में 2-8 से पिछड़ रहे थे। साल…
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fitsportsindia · 8 months
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arjunpanchariya · 8 months
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अर्जुन पंचारिया के जीवन मूल्य
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अर्जुन पंचारिया: प्रसिद्ध व्यक्ति के एक प्रमुख नाम के बारे में जानेंअर्जुन पंचारिया: प्रसिद्ध व्यक्ति के एक प्रमुख नाम के बारे में जानें विश्व भर में बहुत से लोग हैं जिनका नाम अर्जुन पंचारिया है। यह नाम एक प्रमुख और प्रसिद्ध व्यक्ति की याद दिलाता है, जिसने अपनी मेहनत और साहसिकता से दुनिया को प्रभावित किया है। इस लेख में हम अर्जुन पंचारिया के बारे में और उनके जीवन के बारे में थोड़ी जानकारी प्राप्त करेंगे। यहां हम उनकी प्रमुख योग्यताओं, कार्यों और उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जिनसे वे पूरे विश्व में मशहूर हुए हैं। आइए इस लेख के माध्यम से अर्जुन पंचारिया के बार��� में और उनके जीवन के बारे में और अधिक जानते हैं।अर्जुन पंचारिया का जन्म 04 अक्टूबर 2005 में राजस्थान के बीकानेर जिले के सिंधु मोरखाना गांव में हुआ था।अर्जुन पंचारिया राजस्थान के बीकानेर जिले के लोकमान्य पत्रकार रह चुके है। हालांकि वह अभी पत्रकार नहीं हैं। अभी वह राष्ट्रीय परशुराम सेना के कार्यकर्त्ता के रूप मे कार्य कर रहे हैं। इन्होने समाज के लिए बहुत योगदान दिया हैं। साथ ही विश्व हिंदू परिषद के भी सदस्य रह चुके है। इनका जन्म बीकानेर जिले के छोटे से छोटे गांव सिंधू मोरखाना में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। इन्होने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव में ही की थी। हालांकि जिन परिस्थियो से गुजरे थे उनको अपने क्षेत्र में सफ़लता भी मिली थीं। इन्होने अपने गांव तथा तहसील में भरपूर समाज कार्य किया जितना की उनसे हो सकता था उतना मन लगाकर अपने कार्य को अंजाम देते थे। जिस प्रकार उन्होंने अपने समाज के लिए कार्य किया उनसे काफी लोगो के बीच लोकप्रिय होने का मोका मिला।
1. अर्जुन पंचारिया: एक परिचयअर्जुन पंचारिया एक प्रमुख नाम है जिसका भारतीय सांस्कृतिक और व्यापारिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान है। वे एक सफल व्यवसायी और ईंधन उद्योग के अग्रणी व्यक्तित्व के रूप में मान्यता प्राप्त हैं। उनके व्यापारिक मामलों में निवेश, वित्तीय प्रबंधन और नीति निर्माण की विशेष जानकारी है।अर्जुन पंचारिया का जन्म [वर्ष] में हुआ था। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा [शिक्षा का प्राप्त स्थान] से पूरी की थी और उन्हें बिजनेस और वित्तीय प्रबंधन की समझ के लिए तत्परता थी। उनकी योग्यता और प्रतिभा ने उन्हें बड़ी संगठनों में उच्च स्तरीय पदों की प्राप्ति करने में मदद की।अर्जुन पंचारिया के प्रमुख योगदानों में से एक है उनके व्यवसायिक नेतृत्व की क्षमता। वे अपनी कार्यरत अवधि में अनेक सफल व्यापारी और बड़े संगठनों के साथ काम कर चुके हैं और उन्हें अपने योगदान के लिए सराहा गया है। वे एक प्रेरणा स्रोत हैं और अपने उद्यमी और मनोबल के लिए जाने जाते हैं।अर्जुन पंचारिया के व्यापारिक सफलता के पीछे उनकी कार्य एवं जीवन दर्शन का महत्वपूर्ण योगदान है। वे एक सामरिक और उच्च नैतिक मूल्यों पर आधारित जीवन जीने के पक्षधर हैं और अपने कर्मठ और समर्पित2. अर्जुन पंचारिया की प्रमुख योग्यताएंअर्जुन पंचारिया एक प्रसिद्ध व्यक्ति हैं जिनका नाम देश और विदेश में चर्चा में रहता है। उनकी कई प्रमुख योग्यताएं हैं जो उन्हें एक विशेष व्यक्ति बनाती हैं।एक प्रमुख योग्यता है उनकी व्यवसायिक निपुणता। अर्जुन पंचारिया व्यापार और निवेश क्षेत्र में एक अग्रणी नाम हैं। उनकी समझ, निपुणता और सतर्कता के कारण उन्हें व्यापारिक दुनिया में आदर्श माना जाता है। उनके कारोबारी नजरिये और निर्णय लेने की क्षमता भी उन्हें अन्य के सामान्य बनती हैं।अर्जुन पंचारिया की एक और महत्वपूर्ण योग्यता हैं उनका सामरिक दमखम और सहनशीलता। उन्होंने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया हैं और इन्हें धैर्य और संघर्ष के साथ पार किया हैं। उनकी इस योग्यता ने उन्हें मंदिर के ऊपर ले जाया हैं और उन्हें एक प्रमुख व्यक्ति बनाया हैं।अर्जुन पंचारिया की तीसरी प्रमुख योग्यता हैं उनकी सामाजिक जवानी और लोगों के प्रति उनकी सेवा भावना। वे सामाजिक कार्यों में अधिक शामिल होने के लिए प्रेरित करते हैं और जीवन में दूसरों की मदद करने का अवसर ढ़़ढ़कते हैं। उनकी सेवा भावना और सामाजिक संपर्क क्षमता ने उन्हें अपने व्यापार के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र में भी मशहूर3. अर्जुन पंचारिया के सामाजिक कार्यअर्जुन पंचारिया एक प्रसिद्ध व्यक्ति हैं जिनके नाम का खुलासा करवाना अनिवार्य है। यहां हम अर्जुन पंचारिया के सामाजिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे और उनके इन कार्यों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। अर्जुन पंचारिया को भारतीय सामाजिक क्षेत्र में एक प्रमुख नेता के रूप में पहचाना जाता है। उन्होंने अपनी अनगिनत सामाजिक सेवाएं द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों की सहायता की है।अर्जुन पंचारिया ने गरीबों के लिए आवास योजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए अपार प्रयासों को किया है। उन्होंने कई गरीब परिवारों को घर प्रदान किए हैं जो अपने बुनियादी आवासों की आवश्यकता से पीड़ित थे। उनके इस कार्य के बारे में अन्य लोगों को प्रेरित करने के लिए एक प्रेरणादायक सामाजिक अभियान चलाया गया है।अर्जुन पंचारिया के द्वारा शिक्षा क्षेत्र में किए गए योगदान का भी उल्लेखनीय है। उन्होंने अनगिनत छात्रों की मदद करने के लिए शिक्षा संस्थानों का समर्थन किया है। उनके प्रमुख योगदानों में पढ़ाई के लिए स्कालरशिप्स प्रदान करना, शिक्षा संस्थानों की सुविधाओं का विकास करना और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में आर्थिक सहायता प्रदान करना शामिल है।इनके अलावा, अर्जुन पंचारिया ने सामाजिक अध
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gop-al · 10 months
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स्त्री जन्मा तुझी कहाणी..
स्त्री जन्मा तुझी कहाणी आता ही जन्म घेते जिजाऊ, भीमाई...
स्वप्न पाहिलं ते प्रत्येक्षात उतरवल
पोटच पोरग तीन देशाला वाहल
केला अर्पण आपलाही प्राण
शतकोटी नमन त्याना ज्या जाहल्या जहाल
स्त्री जन्मा तुझी कहाणी आजही जन्म घेते जिजाऊ भीमाई
आजही आहेत अशा माता
ज्यांच्या आहेत यशो गाथा
ज्यांच्या चरणी टेकतो माथा
झाली सिंधू अनाथाची माता
स्त्री जन्मा तुझी कहाणी आजही जन्म घेते जिजाऊ भीमाई..
सर्वं गोष्टी चा विरोध होऊन
नाही कधी डगमगनार
ती सत्या साठी लढणार
ती नाही कुणाला भिनार
स्त्री जन्मा तुझी कहाणी आजही जन्म घेते जिजाऊ भीमाई..
मोठी शिकली पायलट झाली
तर कधी इस्रो ची वैज्ञानिक झाली
कधी डॉक्टर तर राष्ट्रपती झाली
एवढं त काय वीर रत्नाची माता झाली
स्त��री जन्मा तुझी कहाणी आजही जन्म घेते जिजाऊ भीमाई..
कोणी म्हणती स्त्री कोमल
कोणी म्हणती स्त्री नाजूक
कोणी म्हणती झांसी ची राणी
कोणी म्हणती रंणचंडीका आपसूक
स्त्री जन्मा तुझी कहाणी आजही जन्म घेते जिजाऊ भीमाई..
स्त्री मुळे उद्धार दोन्ही कुळाचा
स्त्री मुळे जन्म आहे सर्वांचा
म्हणून तिचा जन्म मोलाचा
ती सन्मान आहे मानव जातीचा
स्त्री जन्मा तुझी कहाणी आजही जन्म घेते जिजाऊ भीमाई..
-गोपाल मुकुंदे
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sanjaylodh · 1 year
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Which caste is the first Indian in the Indus Valley? Aryans
Which caste is the first Indian in the Indus Valley? Aryans According to traditional theories, the Indian caste system originated with the arrival of the Aryans in the Indus Valley. Thus, this social stratification system was a product of the Aryan people's desire to isolate themselves from and subjugate the local population.
The Indus Valley Civilization, also known as the Indus Valley Civilization or Harappan Civilization, is the earliest known urban culture of the Indian subcontinent. Nuclear dates for the civilization appear to be around 2500–1700 BC, although the southern sites may date as late as the 2nd millennium BC. one of the world's three earliest civilizations See the full list at britannica.com Author: Frank Raymond Allchin
Indus River Valley Civilizations (article) | Khan Academy Ancient India Indus River Valley Civilizations Google Classroom Overview The Indus River Valley Civilization, 3300–1300 BCE, also known as the Harappan Civilization, extended from modern-day northeast Afghanistan to Pakistan and northwest India.
Indus Valley Civilization - Wikipedia The southernmost site of the Indus Valley Civilization is Daimabad in Maharashtra. Indus Valley sites have been found mostly on rivers, but also on ancient seashores, for example, Balakot, and on islands, for example, Dholavira. Discovery and history of excavation After: Painted Gray Ware Culture Predecessor:Mehargarh Period: Bronze Age South Asia
Dravidian people - Wikipedia Pashupati seal from the Dravidian identity of the Indus Valley Civilization. The Indus Valley Civilization (2,600–1,900 BCE), located in the northwest of the Indian subcontinent, is sometimes identified as the Dravidian Civilization. Subdivisions: Northern, Central, Southern Proto-language: Proto-Dravidian
What was the Indus River Valley Civilization? The Indus River Valley Civilization, 3300–1300 BCE, also known as the Harappan Civilization, extended from modern-day north-east Afghanistan to Pakistan and north-west India. Important innovations of this civilization include standardized weights and measures, seal carvings, and metallurgy with copper, bronze, lead, and tin.
Which was the earliest civilization in India? The Indus Valley Civilization was the earliest known urban culture of the Indian subcontinent – one of the world's three earliest civilizations, along with Mesopotamia and Ancient Egypt. Where did the Indus Valley Civilization begin?
What is the connection between the Indus Valley and Mesopotamia? India – Indus Valley, Harappan, Bronze Age: While the Indus (or Harappan) civilization can be considered the culmination of a long process indigenous to the Indus Valley, many parallels exist between the development on the Indus River and the rise of civilization. Mesopotamia.
After all I have proved that my ancestors were Aryans. Friends, tomorrow you will definitely call this NASA's effort Mars as a new world. Do you think I am something in this new another world this Mars You decide whether I am something or not Till then let me think of something new. Iya Devi Sarvabhuteshu Matri Rupen Sansthita
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कौन जाति सिंधू उपत्यका में प्रथम भारतीय है आर्यों पारंपरिक सिद्धांतों के अनुसार, भारतीय जाति व्यवस्था की उत्पत्ति सिंधु घाटी में आर्यों के आगमन से हुई है। इस प्रकार, यह सामाजिक स्तरीकरण प्रणाली आर्य लोगों की खुद को स्थानीय आबादी से अलग करने और अपने अधीन करने की इच्छा का उत्पाद थी।
सिंधु सभ्यता, जिसे सिंधु घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे प्रारंभिक ज्ञात शहरी संस्कृति है। सभ्यता की परमाणु तिथियाँ लगभग 2500-1700 ईसा पूर्व प्रतीत होती हैं, हालाँकि दक्षिणी स्थल बाद में दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व तक रहे होंगे। विश्व की तीन आरंभिक सभ्यताओं में से एक पूरी सूचीbritannica.com पर देखें लेखक: फ्रैंक रेमंड ऑलचिन
सिन्धु नदी घाटी सभ्यताएँ (लेख) | खान अकादमी प्राचीन भारत सिंधु नदी घाटी सभ्यताएँ Google कक्षा अवलोकन सिंधु नदी घाटी सभ्यता, 3300-1300 ईसा पूर्व, जिसे हड़प्पा सभ्यता के रूप में भी जाना जाता है, आधुनिक उत्तर-पूर्व अफगानिस्तान से लेकर पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिम भारत तक फैली हुई थी।
सिंधु घाटी सभ्यता - विकिपीडिया सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे दक्षिणी स्थल महाराष्ट्र में दैमाबाद है। सिंधु घाटी स्थल अधिकतर नदियों पर पाए गए हैं, बल्कि प्राचीन समुद्री तट पर भी पाए गए हैं, उदाहरण के लिए, बालाकोट, और द्वीपों पर, उदाहरण के लिए, धोलावीरा। उत्खनन की खोज और इतिहास इसके बाद: चित्रित धूसर मृदभांड संस्कृति पूर्ववर्ती: मेहरगढ़ अवधि: कांस्य युग दक्षिण एशिया
द्रविड़ लोग - विकिपीडिया सिंधु घाटी सभ्यता की द्रविड़ पहचान से प्राप्त पशुपति मुहर। भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिम में स्थित सिंधु घाटी सभ्यता (2,600-1,900 ईसा पूर्व) को कभी-कभी द्रविड़ सभ्यता के रूप में पहचाना जाता है। उपविभाग: उत्तरी, मध्य, दक्षिणी प्रोटो-भाषा: प्रोटो-द्रविड़ियन
सिंधु नदी घाटी सभ्यता क्या थी? सिंधु नदी घाटी सभ्यता, 3300-1300 ईसा पूर्व, जिसे हड़प्पा सभ्यता के रूप में भी जाना जाता है, आधुनिक उत्तर-पूर्व अफगानिस्तान से लेकर पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिम भारत तक फैली हुई थी। इस सभ्यता के महत्वपूर्ण नवाचारों में मानकीकृत वजन और माप, सील नक्काशी और तांबा, कांस्य, सीसा और टिन के साथ धातु विज्ञान शामिल हैं।
भारत में सबसे प्रारंभिक सभ्यता कौन सी थी? सिंधु सभ्यता भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे प्रारंभिक ज्ञात शहरी संस्कृति थी - मेसोपोटामिया और प्राचीन मिस्र के साथ-साथ दुनिया की तीन प्रारंभिक सभ्यताओं में से एक। सिन्धु सभ्यता की शुरुआत कहाँ से हुई?
सिंधु घाटी और मेसोपोटामिया के बीच क्या संबंध है? भारत - सिंधु घाटी, हड़प्पा, कांस्य युग: जबकि सिंधु (या हड���प्पा) सभ्यता को सिंधु घाटी की स्वदेशी लंबी प्रक्रिया की परिणति माना जा सकता है, सिंधु नदी पर विकास और सभ्यता के उदय के बीच कई समानताएं मौजूद हैं। मेसोपोटामिया.
आखिरकार मैं साबित किया हूँ मेरा पूर्वज आर्यों ही थे दोस्तों कल आप नासा की प्रयास इस मंगल को नया एक और दुनिया कहोगे जरूर क्या आपको लगता है यह नया एक और दुनिया यह मंगल में मैं कुछ हूँ मैं कुछ हूँ या नहीं हूँ यह आप सोचिए तबतक मैं एक और नई कुछ के बारे में सचूं इजाजत दीजिए इया देवी सर्वभूतेषू मातृ रूपेन संस्थिता
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dainiksamachar · 1 year
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फाइनल में हार भी बैडमिंटन टीम ने रचा इतिहास, 37 साल बाद भारत ने जीता मेडल
हांगझाऊ: चोटिल एच एस प्रणय की कमी भारत को खली और शुरूआती दो मैच जीतने के बाद चीन के हाथों फाइनल 2-3 से हारने के कारण उसे एशियाई खेलों में पुरूष टीम चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी प्रणय कमर की चोट के कारण नहीं खेल सके। लक्ष्य सेन ने पहला सिंगल और सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने युगल मैच जीतकर भारत को 2-0 की बढत दिलाई थी। इसके बाद दारोमदार किदाम्बी श्रीकांत पर था जिन्होंने दक्षिण कोरिया के खिलाफ सेमीफाइनल में उम्दा प्रदर्शन किया था। इस बार वह उस लय को कायम नहीं रख सके और हार गए। चीन ने बाकी दोनों मैच जीतकर अपना दबदबा बरकरार रखा। लक्ष्य सेन ने दुनिया के छठे नंबर के खिलाफ शि युकी के खिलाफ पहला मैच 22-20, 14- 21, 21-18 से जीता। इसके बाद दुनिया की तीसरे नंबर की जोड़ी सात्विक और चिराग ने दुनिया की दूसरे नंबर की जोड़ी लियांग वेइ केंग और वांग चांग को 21-15 ,21-18 से हराया। श्रीकांत को आल इंग्लैंड चैम्पियन लि शिफेंग ने 24-22, 21-9 से हराया। दूसरे युगल मुकाबले में ध्रुव कपिला और साइ प्रतीक कृष्णा प्रसाद को दुनिया की आठवें नंबर की जोड़ी लियू यू चेन और यू शुआन यि ने 21-6, 21-15 से मात दी। वहीं प्रणय की जगह खेल रहे मिथुन मंजूनाथ को वेंग होंग यांग ने 21-12, 21- 4 से हराया। इस हार के बावजूद भारतीय टीम का प्रदर्शन शानदार रहा जिसने बैडमिंटन में दूसरा सिल्वर मेडल दिलाया। इससे पहले 2018 में पी वी सिंधू ने महिला सिंगल में सिल्वर मेडल जीता था। भारतीय बैडमिंटन पुरूष टीम ने इससे पहले 1986 में सियोल में मेडल जीता था जब प्रकाश पादुकोण और विमल कुमार टीम का हिस्सा थे। http://dlvr.it/SwrvzC
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jagdishgarg · 1 year
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#Kabir is supreme God
गरीब,
ऐसा सतगुरु हमें मिला, सुरति सिंधू के नाल।
ज्ञान योग और भक्ति सब, दिन्ही नजर निहाल।।
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rajbala001 · 1 year
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#GodMorningSaturday
संत गरीबदास जी की वाणी में वर्णन है कि सतलोक में कितना सुख है।
मन तु चल रे सुख के सागर, जहाँ शब्द सिंधू रत्नागर।।
जहां संखो लहर महर की उपजे, कहर नहीं जहाँ कोई।
दास गरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।।
जानने के लिए अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।
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airnews-arngbad · 7 months
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date: 18 February 2024
Time: 01.00 to 01.05 PM
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक: १८ फेब्रुवारी २०२४ दुपारी १.०० वा.
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माजी राष्ट्रपीत रामनाथ कोविंद यांच्या अध्यतेखालील एक देश एक निवडणूक समितीनं काल नवी दिल्लीत राजनैतिक पक्ष आणि अन्य संबंधित घटकासोबत चर्चा केली. या बैठकीत जनता दल संयुक्तच्या वतीनं राजीव रंजन सिंह आणि पक्षाचे महासचिव संजय कुमार झा यांनी देशात एक निवडणूक घेण्यासाठी समर्थन दर्शवलं. अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषदेच्या शिष्टमंडळातल्या श्रीहरी बोरीकर, डॉक्टर सीमा सिंह आदींनी देखील यासाठी सहमती दर्शवली.
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राज्याचा सर्वोच्च नागरी सन्मान महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार यासह अन्य पुरस्कार येत्या २२ फेब्रुवारीला मुंबईत वरळी इथं होणाऱ्या कार्यक्रमात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांच्या हस्ते प्रदान करण्यात येणार आहेत. ज्येष्ठ अभिनेते अशोक सराफ यांना महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार, गानसम्राज्ञी लता मंगेशकर पुरस्कार ज्येष्ठ पार्श्वगायक सुरेश वाडकर यांना प्रदान करण्यात येईल. यासोबतचं राजकपूर जीवनगौरव आणि विशेष योगदान पुरस्कार, चित्रपती व्ही. शांताराम जीवनगौरव आणि विशेष योगदान पुरस्कारही यावेळी प्रदान करण्यात येणार असल्याची माहिती सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार यांनी दिली.
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विशाखापट्टणम इथं उद्यापासून पन्नास हून अधिक देशांच्या नौदलांचा सांघिक अभ्यास - `मिलन`  सुरु होणार आहे. २७ फेब्रुवारी पर्यंत हा अभ्यास सुरु असेल. मजबूत नौदल, सुरक्षित सागरी वाहतूक हा यावर्षीचा विषय असून या अंतर्गत पानबुडी सुरक्षा, हवाई सुरक्षा, युद्ध कौशल्य आदींचा अभ्यास केला जाणार आहे. यामध्ये भारतीय नौदलाच्या २० युद्धनौका आणि ५० विमानं सहभागी होतील, असं नौदलानं म्हटलं आहे. 
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आशिया चषक सांघिक बॅडमिंटन स्पर्धेमध्ये भारतीय महिला संघानं आज प्रथमच विजेतेपद मिळवलं आहे. मलेशियामधे या स्पर्धेच्या विजेतेपदासाठी झालेल्या सामन्यात भारतीय संघानं थायलंडचा तीन- दोन असा पराभव केला. आघाडीची खेळाडू पी. व्ही. सिंधू हिनं पहिल्या एकेरीच्या सामन्यामध्ये प्रतिस्पर्धी खेळाडूवर सहज विजय नोंदवत संघाला एक-शून्य अशी आघाडी मिळवून दिली होती. ट्रेसा जॉली आणि गायत्री पुलेला यांनी नंतर दुहेरीची लढत जिंकून संघाला दोन-शून्य अशी आघाडी मिळवून दिली होती. भारतीय संघाला त्या नंतरच्या दोन सामन्यांत मात्र पराभव स्वीकारावा लागला होता. अनमोल खरब हिनं पाचव्या निर्णायक सामन्यात प्रतिस्पर्धी खे‍ळाडूवर मात करत भारतीय महिला संघाचा विजय निश्चित केला.
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भारतानं इंग्लंडविरुद्धच्या तिसऱ्या कसोटी क्रिकेट सामन्यात आज चौथ्या दिवशी राजकोट इथं चार बाद ३७४ धावा केल्या असून भारताकडे सध्या ५०० धावांची आघाडी आहे. यशस्वी जैस्वाल १९३ धावांवर खेळत आहे. तत्पूर्वी, उपाहाराला खेळ थांबला तेंव्हा भारताच्या चार बाद ३१४ धावा झाल्या होत्या. दरम्यान, घरगुती कारणामुळं या सामन्यातून बाहेर पडलेला फिरकीपटू आर. अश्विन आता पुन्हा खेळण्यासाठी सज्ज असल्याचं क्रिकेट मंडळानं म्हटलं आहे. 
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दक्षिण काशी अशी ओळख असलेल्या नाशिक इथल्या गोदावरी नदीची ‘गोदा आरती’ आता कायमस्वरूपी होणार आहे. या उपक्रमाच्या पायाभूत सुविधांसाठी ११ कोटी ७७ लाख रुपयांचा निधी सांस्कृतिक खात्यामार्फत जिल्हा प्रशासनाला देण्यात आला आहे. याबद्दलची कार्यवाही जलद होण्यासाठी स्थानिक पातळीवर समिती स्थापन करण्यात आली आहे. या गोदा आरतीसाठी अकरा ठिकाणं तयार करण्यात येणार आहेत. भाविकांना बसण्याची व्यवस्था,  तसंच दिवे आणि विद्युतीकरणाची अन्य कामं इथं वेगानं करण्यात येतील, असं जिल्हा प्रशासनानं म्हटलं आहे.
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शिवजयंतीनिमित्त महासंस्कृती महोत्सवात नांदेड इथं नंदगिरी किल्ल्यावर कालपासून सुरू छायाचित्र प्रदर्शनाला नागरिक मोठ्या संख्येनं भेट देत आहेत. या प्रदर्शनात नांदेड जिल्ह्यातली प्रेक्षणीय स्थळं, जीवनशैली, निसर्ग, स्थापत्यकला, पर्यटन विषयांवरची छायाचित्र ठेवण्यात आली आहेत. या उपक्रमांतर्गत उद्या  आयटीआय इथं रांगोळी स्पर्धा आणि प्रदर्शन होणार आहे.
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गृहनिर्माण सहकारी संस्थांच्या विविध प्रश्नांच्या पार्श्वभूमीवर सहकार भारतीत��्फे उद्या मुंबईतल्या चेंबूर इथं एक दिवसीय राष्ट्रीय महाअधिवेशन होत आहे. देशाचे गृहनिर्माण मंत्री हरिदीपसिंग पुरी, केंद्रीय सहकार राज्यमंत्री बी. एल. वर्मा, मुंबईचे पालकमंत्री मंगल प्रभात लोढा हे या अधिवेशनासाठी उपस्थित राहणार आहेत. या अधिवेशनात देशभरातील प्रतिनीधी सहभागी होतील तसंच सहकार भारतीचे राष्ट्रीय स्तरावरील आणि राज्य स्तरावरील प्रमुख पदाधिकारी सहभागी होणार असून त्यांचं मार्गदर्शन देखील आयोजित करण्यात आलं आहे. 
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नंदुरबार जिल्ह्यात नवापूर तालुक्यातील कोंडाईबारी घाटात ट्रक अनियंत्रित होऊन दुभाजकाला धडकल्यानं आज अपघात झाला. या अपघातात ट्रक चालकाचा मृत्यु झाला आहे.
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fitsportsindia · 1 year
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arjunpanchariya · 8 months
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अर्जुन पंचारिया की जीवनी
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अर्जुन पंचारिया का जन्म 04 अक्टूबर 2005 में राजस्थान के बीकानेर जिले के सिंधु मोरखाना गांव में हुआ था।अर्जुन पंचारिया राजस्थान के बीकानेर जिले के लोकमान्य पत्रकार रह चुके है। हालांकि वह अभी पत्रकार नहीं हैं। अभी वह राष्ट्रीय परशुराम सेना के कार्यकर्त्ता के रूप मे कार्य कर रहे हैं। इन्होने समाज के लिए बहुत योगदान दिया हैं। साथ ही विश्व हिंदू परिषद के भी सदस्य रह चुके है। इनका जन्म बीकानेर जिले के छोटे से छोटे गांव सिंधू मोरखाना में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। इन्होने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव में ही की थी। हालांकि जिन परिस्थियो से गुजरे थे उनको अपने क्षेत्र में सफ़लता भी मिली थीं। इन्होने अपने गांव तथा तहसील में भरपूर समाज कार्य किया जितना की उनसे हो सकता था उतना मन लगाकर अपने कार्य को अंजाम देते थे। जिस प्रकार उन्होंने अपने समाज के लिए कार्य किया उनसे काफी लोगो के बीच लोकप्रिय होने का मोका मिला।
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sanjaylodh · 1 year
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an environment or an atmosphere this red planet has finally become
an environment or an atmosphere this red planet has finally become Which is the result of NASA's dream and my inexhaustible intelligence. This red planet Mars will become the most advanced ideal place tomorrow which was going to happen tomorrow we have made it today Today Mars has become a progressive civilized world. The progressive civilized world begins there where water is stored I can give an unprecedented example about this progressive civilized world Our India of the Earth is what it is The India which was established around the Indus River Valley This means that this progressive civilized world happens only by the proximity of water facilities. What is the role of water resources in becoming this progressive civilized world? Role of water resources in the modern world. springerlink July 14, 2020 · 1 Introduction For many centuries water resources determined the places people chose to live. Water resources and the geography of their distribution on the planet and their quantity available to humans have also controlled industrial and agricultural development. Author: Sergey S. Ziltsov, Sergei S. Ziltsov, Sergei S. Ziltsov, Igor S. Zone, Alexander V. Semenov, Oleg… Publication Year: 2020
Water Resources - Insights water resources. Water is one of the most precious natural resources and a key element in the socio-economic development of a country. Water is used for drinking, bathing, washing clothes, irrigation, industries and many other purposes. Therefore, it is an essential part of life.
Environmental Studies: Lesson 3. Water Resources 3.2.1 Fresh water crisis. Availability of water at the global level is not a problem in itself, but its availability in the right form, at the right time and at the right place is a problem. Irregularities in the duration and intensity of rainfall cause floods and droughts. Of the world's total water reserves, about 97% is salt water (marine) and only 3% is fresh…
Water resources prospects for the next 50 years… Water resources management is a logistical challenge that has been an integral part of human existence since the beginning of civilization. The availability of potable surface water was the primary determinant of where human settlements could develop, with effective flow of waste water being the essential counterpoint.
Hydrology and Water Resources Management in Ancient India Oct 5, 2020 · The historical footprint of hydrological knowledge in India spans several millennia through the Harappan civilization (∼3000 –1500 BCE) and the Vedic period (∼1500 –500 BCE). Like other ancient civilizations around the world, the need for water management drove the development of the science of hydrology in ancient India.
The birth story of our India had become my ideal, which gave shape to today's Mars. india story aryan civilization
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एक परिवेश या एक माहौल यह लाल ग्रह आखिरकार बन गया है जो नासा की सपना और मेरी इतने अक्लांत इंटेलिजेंसी की फल है यह लाल ग्रह मंगल कल बनेगा सबसे ज्यादा उन्नत आदर्श स्थान जो कल बनने वाला था वो हम आज बना चुके है आज ही यह मंगल एक प्रगतिशील सभ्य जगत हो चुका है प्रगतिशील सभ्य जगत वहाँ शुरू होता है जहाँ पानी का भांडार होता है मैं इस प्रगतिशील सभ्य जगत के बारे में एक अभूतपूर्व उदाहरण दे सकता हूँ जो है वो पृथ्वी वाली हमारी इंडिया जिस इंडिया का स्थापना ही हुआ था सिंधू नद उपत्यका के आस पास होकर मतलब यह प्रगतिशील सभ्य जगत पानी की सुविधा की अगलबगल में से ही घटता है यह प्रगतिशील सभ्य जगत बनने में जलाधार का क्या भूमिका है आधुनिक विश्व में जल संसाधनों की भूमिका | स्प्रिंगरलिंक 14 जुलाई, 2020 · 1 परिचय कई शताब्दियों तक जल संसाधनों ने उन स्थानों को निर्धारित किया जहां लोग रहना चुनते हैं। जल संसाधन और ग्रह पर उनके वितरण का भूगोल और मनुष्य के लिए उपलब्ध उनकी मात्रा ने औद्योगिक और कृषि विकास को भी नियंत्रित किया है। लेखक: सर्गेई एस. ज़िल्टसोव, सर्गेई एस. ज़िल्टसोव, सर्गेई एस. ज़िल्टसोव, इगोर एस. ज़ोन, अलेक्जेंडर वी. सेमेनोव, ओलेग… प्रकाशन वर्ष: 2020
जल संसाधन - अंतर्दृष्टि जल संसाधन। पानी सबसे कीमती प्राकृतिक संसाधनों में से एक है और किसी देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में एक प्रमुख तत्व है। पानी का उपयोग पीने, नहाने, कपड़े धोने, सिंचाई, उद्योगों और कई अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इसलिए, यह जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है।
पर्यावरण अध्ययन: पाठ 3. जल संसाधन 3.2.1 मीठे पानी का संकट। वैश्विक स्तर पर जल की उपलब्धता अपने आप में कोई समस्या नहीं है, बल्कि इसका सही रूप, सही समय और सही स्थान पर उपलब्धता एक समस्या है। वर्षा की अवधि और तीव्रता में अनियमितता बाढ़ और सूखे का कारण बनती है। विश्व के कुल जल भंडार में से लगभग 97% खारा पानी (समुद्री) है और केवल 3% ताज़ा है…
जल पर अगले 50 वर्षों के लिए जल संसाधन की संभावनाएँ… जल संसाधन प्रबंधन एक तार्किक चुनौती है जो सभ्यता की शुरुआत से ही मानव अस्तित्व का अभिन्न अंग रही है। पीने योग्य सतही जल की उपलब्धता प्राथमिक निर्धारक थी जहां मानव बस्तियां विकसित हो सकती थीं, अपशिष्ट जल का प्रभावी प्रवाह आवश्यक प्रतिबिंदु था।
प्राचीन भारत में जल विज्ञान और जल संसाधन प्रबंधन 5 अक्टूबर, 2020 · भारत में जलविज्ञान संबंधी ज्ञान का ऐतिहासिक पदचिह्न हड़प्पा सभ्यता (∼3000 –1500 ईसा पूर्व) और वैदिक काल (∼1500 –500 ईसा पूर्व) के माध्यम से कई सहस्राब्दियों तक फैला हुआ है। दुनिया भर की अन्य प्राचीन सभ्यताओं की तरह, जल प्रबंधन की आवश्यकता ने प्राचीन भारत में जलविज्ञान विज्ञान के विकास को प्रेरित किया।
हमारी इंडिया की जन्म कथा ही मेरा आदर्श बन गया था जिसका रूप दान आज की यह मंगल भारतकथा आर्यों सभ्यता
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rajendersahab8 · 2 years
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#GodMorningSaturday
संत गरीबदास जी की वाणी में वर्णन है कि सतलोक में कितना सुख है।
मन तु चल रे सुख के सागर, जहाँ शब्द सिंधू रत्नागर।।
जहां संखो लहर महर की उपजे, कहर नहीं जहाँ कोई।
दास गरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।।
जानने के लिए अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।
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