#साढ़ेसाती का उपाय
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मेरी शादी कब होगी? कुंडली के माध्यम से पता करें विवाह का सही समय
शादी हर व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण और खास हिस्सा होती है। लेकिन यह सवाल कि मेरी शादी कब होगी? कई युवाओं और उनके परिवारों के मन में गूंजता रहता है। वैदिक ज्योतिष में इस प्रश्न का उत्तर कुंडली के माध्यम से पाया जा सकता है। कुंडली में विवाह योग और अन्य ग्रहों की स्थिति देखकर यह समझा जा सकता है कि शादी का सही समय कब आएगा और ��िवाह का जीवन कैसा होगा।
कुंडली में विवाह योग कैसे पहचाने?
कुंडली में विवाह योग का निर्धारण मुख्य रूप से सप्तम भाव (7th House) के माध्यम से किया जाता है। सप्तम भाव विवाह, जीवनसाथी और वैवाहिक जीवन का प्रतिनिधित्व करता है। यदि इस भाव में शुभ ग्रह जैसे शुक्र, गुरु या चंद्रमा स्थित हों, तो यह शुभ विवाह योग का संकेत देता है।
विवाह योग को प्रभावित करने वाले कुछ प्रमुख कारक:
1. शुक्र ग्रह की स्थिति: शुक्र को प्रेम और विवाह का कारक ग्रह माना जाता है। यदि शुक्र मजबूत हो और शुभ ग्रहों के साथ हो, तो व्यक्ति को जल्दी और सुखद विवाह प्राप्त होता है।
2. सप्तमेश की स्थिति: कुंडली का सप्तम भाव और उसका स्वामी (सप्तमेश) यदि शुभ ग्रहों के प्रभाव में हो, तो विवाह योग प्रबल होता है।
3. गुरु ग्रह की दृष्टि: गुरु की दृष्टि सप्तम भाव पर हो तो यह विवाह के लिए शुभ संकेत देता है।
मांगलिक दोष और उसका प्रभाव
कुंडली में कई बार मांगलिक दोष के कारण शादी में देरी होती है या वैवाहिक जीवन में समस्याएं आ सकती हैं। मंगल दोष तब बनता है जब मंगल ग्रह 1, 4, 7, 8, या 12वें भाव में स्थित हो। लेकिन मंगल दोष के उपाय और कुंडली मिलान के माध्यम से इसे कम किया जा सकता है।
कुंडली मिलान का महत्व
कुंडली मिलान शादी से पहले भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा है। यह न केवल सही समय का पता लगाता है जिसमें शादी हो सकती है, बल्कि यह यह भी सुनिश्चित करता है कि दोनों पक्षों की कुंडलियों के बीच सामंजस्य है या नहीं। कुंडली मिलान के दौरान मुख्य रूप से इन बिंदुओं पर ध्यान दिया जाता है:
1. गुण मिलान: 36 गुणों की गणना के आधार पर जोड़ी की अनुकूलता देखी जाती है।
2. दोषों का समाधान: किसी भी प्रकार के दोष जैसे मांगलिक दोष, पितृ दोष, या कालसर्प दोष की पहचान और उनके उपाय किए जाते हैं।
3. दाम्पत्य जीवन की भविष्यवाणी: विवाह के बाद का जीवन कैसा रहेगा, इसका भी आकलन किया जाता है।
और पढ़े : कब बनते है तलाक के योग
विवाह में देरी के कारण और समाधान
कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति कारण विवाह में देरी होती है। मैं आपका उदाहरण स्वीकार करता हूं:
शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती: शनि की प्रतिकूल स्थिति से विवाह में बाधा आती है।
राहु और केतु का प्रभाव: राहु और केतु का सप्तम भाव में होना भी शादी में देरी कर सकता है।
इन बाधाओं को दूर करने के लिए उपाय जैसे कि मंत्र जाप, पूजा-पाठ, रत्न धारण, और दान करना लाभकारी हो सकता है।
मेरी शादी कब होगी? इस प्रश्न का सटीक उत्तर कुंडली के माध्यम से दिया जा सकता है। विवाह योग, कुंडली मिलान, और दोषों के समाधान के माध्यम से न केवल शादी के सही समय का पता लगाया जा सकता है, बल्कि एक सुखद वैवाहिक जीवन की नींव भी रखी जा सकती है। ज्योतिषीय परामर्श के साथ सकारात्मक दृष्टिकोण और विश्वास बनाए रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
Source URL: https://medium.com/@latemarriage/meri-shaadi-kab-hogi-kundali-ke-maadhyam-se-pata-karen-vivaah-ka-sahi-samay-b623bbcefe15
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सनातन हिंदु धर्म में पीपल का महत्व समझिये
पीपल को वृक्षों का राजा कहते है। इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए:-
मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु,
सखा शंकरमेवच ।
पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम,
वृक्षराज नमोस्तुते ।।
हिदु धर्म में पीपल के पेड़ का बहुत महत्व माना गया है। शास्त्रों के अनुसार इस वृक्ष में सभी देवी-देवताओं और हमारे पितरों का वास भी माना गया है।
पीपल वस्तुत: भगवान विष्णु का जीवन्त और पूर्णत:मूर्तिमान स्वरूप ही है। भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा है की वृक्षों में मैं पीपल हूँ।
पुराणो में उल्लेखित है कि
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मूलतः ब्रह्म रूपाय मध्यतो विष्णु रुपिणः।
अग्रतः शिव रुपाय अश्वत्त्थाय नमो नमः।।
अर्थात इसके मूल में भगवान ब्रह्म, मध्य में भगवान श्री विष्णु तथा अग्रभाग में भगवान शिव का वास होता है।
शास्त्रों के अनुसार पीपल की विधि पूर्वक पूजा-अर्चना करने से समस्त देवता स्वयं ही पूजित हो जाते हैं।
कहते है पीपल से बड़ा मित्र कोई भी नहीं है, जब आपके सभी रास्ते बंद हो जाएँ, आप चारो ओर से अपने को परेशानियों से घिरा हुआ समझे, आपकी परछांई भी आपका साथ ना ��े, हर काम बिगड़ रहे हो तो
आप पीपल के शरण में चले जाएँ, उनकी पूजा अर्चना करे , उनसे मदद की याचना करें निसंदेह कुछ ही समय में आपके घोर से घोर कष्ट दूर जो जायेंगे।
धर्म शास्त्रों के अनुसार हर व्यक्ति को जीवन में पीपल का पेड़ अवश्य ही लगाना चाहिए । पीपल का पौधा लगाने वाले व्यक्ति को जीवन में किसी भी प्रकार संकट नहीं रहता है। पीपल का पौधा लगाने के बाद उसे रविवार को छोड़कर नियमित रूप से जल भी अवश्य ही अर्पित करना चाहिए। जैसे-जैसे यह वृक्ष बढ़ेगा आपके घर में सुख-समृद्धि भी बढ़ती जाएगी। पीपल का पेड़ लगाने के बाद बड़े होने तक इसका पूरा ध्यान भी अवश्य ही रखना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे कि पीपल को आप अपने घर से दूर लगाएं, घर पर पीपल की छाया भी नहीं पड़नी चाहिए।
मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति पीपल के वृक्ष के नीचे शिवलिंग स्थापित करता है तो उसके जीवन से बड़ी से बड़ी परेशानियां भी दूर हो जाती है। पीपल के नीचे शिवलिंग स्थापित करके उसकी नित्य पूजा भी अवश्य ही करनी चाहिए। इस उपाय से जातक को सभी भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
सावन मास की अमवस्या की समाप्ति और सावन के सभी शनिवार को पीपल की विधि पूर्वक पूजा करके इसके नीचे भगवान हनुमान जी की पूजा अर्चना / आराधना करने से घोर से घोर संकट भी दूर हो जाते है।
यदि पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर रविवार को छोड़कर नित्य हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो यह चमत्कारी फल प्रदान करने वाला उपाय है।
पीपल के नीचे बैठकर पीपल के 11 पत्ते तोड़ें और उन पर चन्दन से भगवान श्रीराम का नाम लिखें। फिर इन पत्तों की माला बनाकर उसे प्रभु हनुमानजी को अर्पित करें, सारे संकटो से रक्षा होगी।
पीपल के चमत्कारी उपाय
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शास्त्रानुसार प्रत्येक पूर्णिमा पर प्रातः 10 बजे पीपल वृक्ष पर मां लक्ष्मी का फेरा लगता है। इसलिए जो व्यक्ति आर्थिक रूप से मजबूत होना चाहते है वो इस समय पीपल के वृक्ष पर फल, फूल, मिष्ठान चढ़ाते हुए धूप अगरबती जलाकर मां लक्ष्मी की उपासना करें, और माता लक्ष्मी के किसी भी मंत्र की एक माला भी जपे । इससे जातक को अपने किये गए कार्यों के सर्वश्रेष्ठ फल मिलते है और वह धीरे धीरे आर्थिक रूप से सक्षम हो जाता है ।
पीपल को विष्णु भगवान से वरदान प्राप्त है कि जो व्यक्ति शनिवार को पीपल की पूजा करेगा, उस पर लक्ष्मी की अपार कृपा रहेगी और उसके घर का ऐश्वर्य कभी नष्ट नहीं होगा।
व्यापार में वृद्धि हेतु प्रत्येक शनिवार को एक पीपल का पत्ता लेकर उस पर चन्दन से स्वस्तिक बना कर उसे अपने व्यापारिक स्थल की अपनी गद्दी / बैठने के स्थान के नीचे रखे । इसे हर शनिवार को बदल कर अलग रखते रहे । ऐसा 7 शनिवार ��क लगातार करें फिर 8वें शनिवार को इन सभी पत्तों को किसी सुनसान जगह पर डाल दें और मन ही मन अपनी आर्थिक समृद्धि के लिए प्रार्थना करते रहे, शीघ्र पीपल की कृपा से आपके व्यापार में बरकत होनी शुरू हो जाएगी ।
जो मनुष्य पीपल के वृक्ष को देखकर प्रणाम करता है, उसकी आयु बढ़ती है
जो इसके नीचे बैठकर धर्म-कर्म करता है, उसका कार्य पूर्ण हो जाता है।
पीपल के वृक्ष को काटना
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जो मूर्ख मनुष्य पीपल के वृक्ष को काटता है, उसे इससे होने वाले पाप से छूटने का कोई उपाय नहीं है। (पद्म पुराण, खंड 7 अ 12)
हर रविवार पीपल के नीचे देवताओं का वास न होकर दरिद्रा का वास होता है। अत: इस दिन पीपल की पूजा वर्जित मानी जाती है
यदि पीपल के वृक्ष को काटना बहुत जरूरी हो तो उसे रविवार को ही काटा जा सकता है।
शनि दोष में पीपल
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शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के बुरे प्रभावों को दूर कर,शुभ प्रभावों को प्राप्त करने के लिए हर जातक को प्रति शनिवार को पीपल की पूजा करना श्रेष्ठ उपाय है।
यदि रोज (रविवार को छोड़कर) पीपल पर पश्चिममुखी होकर जल चढ़ाया जाए तो शनि दोष की शांति होती है l
शनिवार की सुबह गुड़, मिश्रित जल चढ़ाकर, धूप अगरबत्ती जलाकर उसकी सात परिक्रमा करनी चाहिए, एवं संध्या के समय पीपल के वृक्ष के नीचे कड़व��� तेल का दीपक भी अवश्य ही जलाना चाहिए। इस नियम का पालन करने से पीपल की अदृश्य शक्तियां उस जातक की सदैव मदद करती है।
ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।'
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है।
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।
ग्रहों के दोषों में पीपल
ज्योतिष शास्त्र में पीपल से जुड़े हुए कई आसान किन्तु अचूक उपाय बताए गए हैं, जो हमारे समस्त ग्रहों के दोषों को दूर करते हैं। जो किसी भी राशि के लोग आसानी से कर सकते हैं। इन उपायों को करने के लिए हमको अपनी किसी ज्योतिष से कुंडली का अध्ययन करवाने की भी आवश्यकता नहीं है।
पीपल का पेड़ रोपने और उसकी सेवा करने से पितृ दोष में कमी होती है । शास्त्रों के अनुसार पीपल के पेड़ की सेवा मात्र से ही न केवल पितृ दोष वरन जीवन के सभी परेशानियाँ स्वत: कम होती जाती है
पीपल में प्रतिदिन (रविवार को छोड़कर) जल अर्पित करने से कुंडली के समस्त अशुभ ग्रह योगों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। पीपल की परिक्रमा से कालसर्प जैसे ग्रह योग के बुरे प्रभावों से भी छुटकारा मिल जाता है। (पद्म पुराण)
असाध्य रोगो में पीपल
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पीपल की सेवा से असाध्य से असाध्य रोगो में भी चमत्कारी लाभ होता देखा गया है ।
यदि कोई व्यक्ति किसी भी रोग से ग्रसित है
वह नित्य पीपल की सेवा करके अपने बाएं हाथ से उसकी जड़ छूकर उनसे अपने रोगो को दूर करने की प्रार्थना करें तो जातक के रोग शीघ्र ही दूर होते है। उस पर दवाइयों का जल्दी / तेज असर होता है ।
यदि किसी बीमार व्यक्ति का रोग ठीक ना हो रहा हो तो उसके तकिये के नीचे पीपल की जड़ रखने से बीमारी जल्दी ठीक होती है ।
निसंतान दंपती संतान प्राप्ति हेतु पीपल के एक पत्ते को प्रतिदिन सुबह लगभग एक घंटे पानी में रखे, बाद में उस पत्ते को पानी से निकालकर किसी पेड़ के नीचे रख दें और पति पत्नी उस जल का सेवन करें तो शीघ्र संतान प्राप्त होती है ऐसा लगभग 2-3 माह तक लगातार करना चाहिये।
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Shani Jayanti 2024 Ke Upay: शनि जयंती के ये उपाय दूर करेंगे शनि साढ़ेसाती और शनि ढैय्या का डरShani Jayanti 2024: इस साल शनि जयंती 6 जून 2024 को गुरुवार के दिन मनाई जाएगी। शनि जयंती का समय शनि के दोषों को दूर कर देने वाला होता है। शनि जयंती का पर्व हर प्रकार के शनि दोषों को दूर कर देने वाला होता है।
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इस दिन माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या का उद्यापन किया जाएगा, इस विधि को करने से शनि की कुदृष्टि से मुक्ति मिल जाएगी
माघ महीना भी मार्गशीर्ष महीने की तरह एक पवित्र महीना है। माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या भी कहा जाता है। इस बार अमावस्या पड़ने के कारण मौनी अमावस्या 9 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन शनिदेव की विशेष पूजा की जाती है। कुंडली में शनि की साढ़ेसाती है और कर्क और वृश्चिक राशि भी शनिदेव के प्रभाव में है। इन सभी कुंडली के जातक मौनी अमावस्या के दिन कुछ विशेष उपाय करें तो , तो सभी परेशानियां दूर हो…
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| ॐ शं शनैश्चराय नमः । । 🙏🏻🕉️
शनि की साढ़ेसाती और ढय्या से मुक्ति के उपाय
शनिवार के दिन शाम के समय पीपल वृक्ष के नीचे तिल के तेल के सात दीपक जलाएं, इसके बाद वृक्ष की सात बार परिक्रमा करें, ऐसा करने से बाधाएँ दूर होगी और कार्य सफल होगें। यदि कोई असाध्य रोग हो, तो इकतालीस दिन तक पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
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धन की हानि क्यों होती है ? शनि ढैय्या, साढ़ेसाती और शनि दोष लगने पर धन और निवेश के मामले में व्यक्ति गलत निर्णय लेने लगता है इससे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति खराब होती है। ज्योतिष परामर्श से वास्तुशास्त्र, ग्रहदोष तथा विभिन्न ज्योतिष पद्धितियों से अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाने के लिए Astrologer Parduman जी से आज ही संपर्क करें। कॉल : 07876999199 Sahaj Upay- सहज उपाय Astro Parduman Key of Your Desire Also Follow: Facebook, Instagram, Youtube, Linkedin,Twitter
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आज का पंचांग, राशिफल 4 फरवरी 2023, शनिवार
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
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#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
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#योगी_जी
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिशाशूल पूर्व दिशा में रहेगा। इसलिए पूर्व की ओर यात्रा करना टालें। आवश्यक हो तो उड़द की दाल खाकर खाकर घर से निकलें। हनुमानजी के दर्शन अवश्य करें।
आज चतुर्दशी तिथि और दिन शनिवार है। आज के दिन मकर, कुंभ, मीन और कर्क, वृश्चिक राशि के जातक शनि मंदिर में जाकर दर्शन करें। काला कपड़ा, उड़द, काले तिल, तेल और लोहा भेंट करें। शनिदेव के चरणों में देखते हुए दर्शन करें। मंदिर के बाहर बैठे हुए भिखारियों को नमकीन पुलाव और इमरती खिलाएं। शनि की साढ़ेसाती और ढैया से मुक्ति मिलेगी। यहां पेश है आज का पंचांग, जिसमें शुभ-अशुभ योग देखकर पूरे दिन की प्लानिंग कर लीजिए।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
आज का पंचांग विक्रम संवत : 2079 शालिवाहन शके : 1944 मास : माघ शुक्ल पक्ष ऋतु : शिशिर अयन : उत्तरायण तिथि : चतुर्दशी रात्रि 9.29 तक नक्षत्र : पुनर्वसु प्रात: 9.15 तक, पश्चात पुष्य योग : प्रीति दोपहर 1.50 तक करण : गर प्रात: 8.13 तक सूर्योदय : 7.06.10 सूर्यास्त : 6.15.11 दिनकाल : 11 घंटे 09 मिनट 01 सेकंड रात्रिकाल : 12 घंटे 50 मिनट 31 सेकंड चंद्रोदय : सायं 5.04 चंद्रास्त : दूसरे दिन प्रात: 6.56
आज की ग्रह स्थिति सूर्य राशि : मकर में चंद्र राशि : कर्क मंगल : वृषभ में बुध : धनु में गुरु : मीन में शुक्र : कुंभ में शनि : कुंभ में अस्त राहु : मेष में केतु : तुला में
शुभ समय दिन के शुभ : प्रात: 8.30 से 9.53 चर : दोप 12.41 से 2.04 अमृत : दोप 3.28 से सायं 4.52 अभिजित : दोप 12.18 से 1.03 शुभ समय रात्रि के लाभ : सायं 6.15 से 7.52 शुभ : रात्रि 9.28 से 11.04 त्याज्य समय राहु काल : प्रात: 9.53 से 11.17 यम घंट : दोप. 2.04 से 3.28
आज विशेष : आज का शुभ रंग : नीला, काला आज के पूज्य देव : शनिदेव, हनुमानजी आज का मंत्र : हनुमान बाहुअष्टक का पाठ दिशाशूल दिशाशूल पूर्व दिशा में रहेगा। इसलिए पूर्व की ओर यात्रा करना टालें। आवश्यक हो तो उड़द की दाल खाकर खाकर घर से निकलें। हनुमानजी के दर्शन अवश्य करें।
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आज का विशेष उपाय
1. आज के दिन मकर, कुंभ, मीन और कर्क, वृश्चिक राशि के जातक शनि मंदिर में जाकर दर्शन करें। काला कपड़ा, उड़द, काले तिल, तेल और लोहा भेंट करें। शनिदेव के चरणों में देखते हुए दर्शन करें। मंदिर के बाहर बैठे हुए भिखारियों को नमकीन पुलाव और इमरती खिलाएं। शनि की साढ़ेसाती और ढैया से मुक्ति मिलेगी।
2. हनुमान मंदिर में श्रीफल, गुड़-चना का भोग लगाएं। वहीं बैठकर हनुमान बाहुअष्टक का पाठ करें। इससे शनि की पीड़ा से तो मुक्ति मिलेगी ही, आर्थिक, पारिवारिक, सामाजिक संकट भी दूर होंगे।
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दैनिक राशिफल 04 फरवरी 2023
माघ महीने में गंगा स्नान करने से इंसान के सारे कष्टों का अंत हो जाता है,वो पापमुक्त हो जाता है। माघ में लोग कल्पवास और दान-पुण्य करते है,जिससे घर में शांति बन�� रहती है।
मेष राशि : आज का दिन बढ़िया रहेगा शनिदेव की कृपा से आज का दिन बढ़िया रहने वाला है, आज आप अपने पार्टनर के साथ कहीं घूमने जा सकते हैं। आज आप दिल-दिमाग दोने से ही काफी खुश रहेंगे।
वृषभ राशि :आपका दिन सकारात्मक रहेगा शनिदेव की कृपा से आज आपका दिन सकारात्मक रहेगा, आज आपको अपनी मेहनत का पूरा फल मिलेगा। अटके हुए सारे काम पूरे होंगे, परिवार वाले भी खुश रहेंगे।
मिथुन राशि : दिन बहुत ही खुशनुमा रहने वाला हुआ प्यार, मांग में सिंदूर भरते ही हुआ ख़त्म शनिदेव की कृपा से आज आपका दिन बहुत ही खुशनुमा रहने वाला है। आज आपको अपनी मेहनत का पूरा फल मिलेगा। रुका हुआ कोई काम आज पूरा होगा।
कर्क राशि : करियर में सफलता मिलेगी शनिदेव की कृपा से आज आपको काफी कुछ हासिल होगा, नौकरी वालों के लिए दिन काफी बढ़िया है, करियर में सफलता मिलेगी। परिवार में शांति रहेगी।
सिंह राशि : सेहत के लिहाज से दिन बढ़िया शनिदेव की कृपा से आज का दिन आपके लिए बहुत कुछ लेकर आएगा, थोड़ा सेहत के लिहाज से दिन बढ़िया है। कहीं से अचानक धन लाभ भी हो सकता है।
कन्या राशि : करियर में सफलता मिलेगी शनिदेव की कृपा से आज का दिन आपके लिए आनंदमय रहेगा, बिजनेस वालों के लिए दिन लाभदायक रहेगा।करियर में सफलता मिलेगी। फैमिली वाले प्रसन्न रहेंगे।
तुला राशि : दिन आपके लिए आनंदमय रहेगा शनिदेव की कृपा से आज का दिन आपके लिए आनंदमय रहेगा, बिजनेस वालों के लिए दिन लाभदायक रहेगा।करियर में सफलता मिलेगी। फैमिली वाले प्रसन्न रहेंगे।
वृश्चिक राशि : सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा शनिदेव की कृपा से आज का दिन आपके लिए गुड है, कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा जिससे आप काफी खुश रहेंगे, छात्रों के लिए भी आज का दिन काफी अच्छा रहेगा।
धनु राशि : आज का दिन आपके लिए खुशियों भरा रहेगा शनिदेव की कृपा से आज का दिन आपके लिए खुशियों भरा रहेगा, आज आपको कहीं से अचानक धन लाभ हो सकता है। थोड़ा खुद की वाणी पर आज कंट्रोल रखें।
मकर राशि: आज लाभ के योग शनिदेव की कृपा से आज आप जो चाहते हैं वो हासिल होगा, व्यापार की बात करें तो उसमें भी सुखद परिणाम मिलेंगे। आर्थिक दृष्टिकोण से आज लाभ के योग हैं।
कुंभ राशि : आज आपके लिए लाभ का दिन शनिदेव की कृपा से आज आपके लिए लाभ का दिन है, आर्थिक रूप से तो आपको फायदा तो होगा ही साथ ही आपको आज बड़ों से कुछ सिखने को मिलेगा।
मीन राशि : आज का दिन ठीक ठाक रहेगा शनिदेव की कृपा से आज का दिन ठीक ठाक रहेगा, परिवार में सब ठीक रहेगा, लोगों के बीच मनमुटाव कम होगा आपकी सेहत बढ़िया रहेगी, कुछ नया करने की सोचेंगे।
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शनि अमावस्या - मौनी अमावस्या, खास योग में शनि की साढ़े साती- ढैय्या औऱ शनि दोष को कम करने के उपाय करना होगा फलदायी
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शनि अमावस्या - मौनी अमावस्या, खास योग में शनि की साढ़े साती- ढैय्या औऱ शनि दोष को कम करने के उपाय करना होगा फलदायी
पंचांग के अनुसार माघ मास की अमावस्या तिथि 21 जनवरी 2023, शनिवार के दिन पड़ रही है। इसी अमावस्या को शनि अमावस्या के साथ मौनी अमावस्या भी है।
मौनी अमावस्या 21 जनवरी को सुबह 6 बजकर 17 मिनट से आरंभ होगी और जो कि 22 जनवरी को सुबह 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि की मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या 21 जनवरी को मनाई जाएगी।
मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर गंगा, यमुनी और शिप्रा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करन की मान्यता है। इस दिन साधू-संत और धार्मिक कार्यों में रुचि रखने वाले प्रयागराज में संगम में डुबकी लगाते हैं। इसके अलावा इस दिन साधु संत मौन व्रत भी धारण करते हैं। स्नान के बाद सूर्य देवता को अर्घ्य देकर पूजन किया जाता है। इस पूजन से पितरों की आत्मा प्रसन्न होती है। इसके साथ ही इस दिन जरूरतमंदों को दान भी जरूर करना चाहिए। इस दिन गरम कपड़े, कंबल, फल और अन्न का दान करना भी शुभ माना जाता है। इस बार यह अमावस्या शनिवार को होने की वजह से यदि आप शनि से जुड़ी वस्तुओं का दान करेंगे तो यह विशेष फल प्रदान करने वाला माना जाएगा।
पंचांग के अनुसार, इस साल माघ माह में पड़ने वाली अमावस्या पर काफी दुर्लभ संयोग बन रहा है।शास्त्रों के अनुसार, इस बार खास संयोग यह है कि 21 जनवरी 2023 को मौनीअमावस्या- शनिश्चरी अमावस्या पर शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहेंगे। इसके साथ ही इस बार शनिश्चरी अमावस्या पर खप्पर योग, चतुरग्रही योग, षडाष्टक योग और समसप्तक योग रहने से यह बहुत खास मानी जा रही है।
ज्योतिषियों की माने तो जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती व ढैया का प्रभाव है उनके लिए यह अमावस्या बहुत ही लाभ देने वाली होगी। शनिदेव को प्रसन्न और प्रायश्चित करने के लिए इस बार की शनिश्चरी अमावस्या सबसे खास होगी। मान्यता है कि इस दिन शनि की प्रिय वस्तुओं का दान करके आप उनकी कृपा के पात्र बन सकते हैं। इस दिन काले कंबल, काले जूते, काले तिल, काली उड़द का दान करना सबसे उत्तम माना गया है।
शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन सरसों के तेल से शनि महाराज का अभिषेक करने से शनि��ेव आपको शुभता प्रदान करते हैं। इसके साथ शनि मंदिर में जाकर दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करें।शनि अमावस्या के दिन स्नान-दान के साथ भगवान शनि की पूजा करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण करने का भी शुभ फल प्राप्त होगा।शनिवार को हनुमान पूजन, शिव पूजन, पीपल वृक्ष पूजा कल्याणकारी होती है।
ज्योतिषिय सलाह संपर्क करे – 9105886840
जाने- आज शनि का कुंभ राशि में होगा प्रवेश, धनु राशि होगी साढ़ेसाती से मुक्त, मिथुन राशि को मिलेगी राहत http://www.lokkesari.com/?p=17889
डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित है।लोक केसरी इसकी पुष्टि नहीं करता है।संबंधित जानकारो से सलाह कर ही अमल में लाये।
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Yearly Predictions Shani Ka Rashi Parivartan Predictions For World Bhavishyavani In 2023 | क्या 2020 की तरह शनि साल 2023 में भी मचाएंगे तबाही? पढ़ें ज्योतिषीय विश्लेषण
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जब 24 जनवरी 2020 को 30 वर्ष बाद शनि ग्रह ने अपनी स्वराशि मकर में प्रवेश किया, तभी से दुनिया में महामारी, युद्ध और कई प्राकृतिक आपदाएं आईं। नए साल पर इस राशि पर रहेगा शनि साढ़ेसाती का सबसे कष्टदायक दौर, जानें उपाय वार्षिक भविष्यफल 2023: कुछ दिनों बाद साल 2022 इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा। फिर सभी को 2023 का इंतजार करना होगा। सभी के मन में एक सवाल है कि आने वाला साल कैसा रहेगा। दुनिया में…
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Jyotish Upay : आपकी गरीबी को दूर करेगी उड़द की दाल का ये महाउपाय
Jyotish Upay : आपकी गरीबी को दूर करेगी उड़द की दाल का ये महाउपाय
Jyotish Upay – हमारे हिन्दू धर्म में शनिदेव को नयन के देवता के रूप में पूजा जाता है। शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मो के अनुसार फल देते है। वहीं कुंडली में कोई दोष, शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या होने पर भी शनिदेव का प्रकोप झेलना पड़ता है। लेकिन आप कुछ खास उपाय कर शनिदेव को प्रसन्न कर सकते हैं। ऐसा ही एक उपाय है उड़द दाल। आमतौर पर हम उड़द दाल का इस्तेमाल खाने के लिए करते हैं, लेकिन इसके कुछ खास उपाय कर…
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शनि देव की कृप्या को पाने के लिए करे कुछ खास ✆ +91-9872114288
शनि देव जी को प्रसन्न करने से वह मनोवांछित फल आपको देते है। जिनके जीवन में शनि की बहुत बुरी दशा हो उनको खास तोर पर शनिदेव जी प्रसन्न करना चाहिए। आपको इस बात का भरपूर ख्याल रखना है कि शनि की कृप्या आपके जीवन में सदैव बनी रहे। हर रोज पूजा करते समय महामृत्युंजय मंत्र ॐ नम: शिवाय का जप करते रहे। इससे शनि के पड़े वाले दुष्प्रभावों से आप बच सकते है। कुछ उपाय को करके आप शनिदेव के बुरे प्रभाव से बच सकते है। कुछ काम होते है जो आपको कभी भी शनिवार के दिन नहीं करने चाहिए। जिन महिलाओ की शादी नहीं हो पति है उनको खास तोर पर शनिवार के दिन कुछ कार्य को करने की सख्त मनाही होती है।
शनि के कुछ प्रभाव आपके ऊपर बहुत ही अधिक मात्रा में नकारात्म होते है। आपको खास तोर पर ध्यान देना चाहिए कि आपके ऊपर किसी भी तरह का दबाव न हो। जिससे आपके जीवन में किसी तरह का बड़ा भूचाल ही आ जाये। शनिवार के दिन नारियल के लड्डू चढ़ाये और हर शनिवा�� को शनिदेव के दर्शन करने जरूर जाए जो लोग मांगलिक होते है उनको तो खास तोर पर शनिदेव के मंदिर में जाना चाहिए।
शनिदेव को प्रसन्न करने के कुछ उपाय :
काले रंग की गाये की सेवा करे, उसे सिंदूर का तिलक लगाए और सबसे पहली रोटी उसे ही खिलाये।
एक बड़ा काले रंग का धागा अपने गले में बांधे।
अगर आप साढ़ेसाती से परेशान है तो शनिवार को रात को पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर दीपक जलाये और शनि चालीसा का पाठ भी करे।
शनिवार को वट और पीपल के पेड़ के नीचे दिन में कड़वे तेल का दीपक जलाकर शुद्ध दूध और धूप अर्पित करे।
शनि के बुरे प्रभाव को हमेशा के लिए दूर करे और अपने जीवन की दशा को सुधरे। यह जरूरी नहीं है कि आप अपने जीवन में कभी किसी मुसीबत में फसे ही न हो। आप हर संभव गतिविदियों को करने की कोशिश जरूर करे।
वेबसाइट पर जाए और मौलवी बाबा जी से जाने इसके बारे में ज्यादा सलाह।
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एक बार फिर बदलेगी शनि की चाल, इन 5 राशियों पर पड़ेगा सबसे अधिक प्रभाव, रोजाना करें ये खास उपाय
एक बार फिर बदलेगी शनि की चाल, इन 5 राशियों पर पड़ेगा सबसे अधिक प्रभाव, रोजाना करें ये खास उपाय
12 जुलाई को शनिदेव मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शनि के मकर राशि में प्रवेश करते ही एक बार फिर धनु, मकर, कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की वजह से जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की वजह से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि के अशुभ प्रभावों से…
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Shani Sadesati: क्या होती है शनि की साढ़ेसाती, जानिए उपायShani Sadesati: जब शनिदेव किसी राशि के दूसरे और बारहवें भाव में रहता है तो उस राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाती है। इसी प्रकार साढ़े साती का प्रभाव तीन चरणों का होता है, जो ढाई-ढाई वर्ष के तीन चरण होते हैं।
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| ॐ शं शनैश्चराय नमः । । 🙏🏻🕉️
शनिवार के ज्योतिषीय उपाय
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के चारों ओर सात बार कच्चा सूत लपेटें इस दौरान शनि मंत्र का जाप करते रहना चाहिए, यह आपकी साढ़ेसाती की सभी परेशानियों को दूर ले जाता है। धागा लपेटने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा और दीपक जलाना अनिवार्य है।
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शनि महाराज कुंभ में वक्री | वक्री शनि का राशिफल | २३ अक्टूबर तक का राशिफल | शनि साढ़ेसाती/ढ़ैया उपाय
शनि महाराज के वक्री होने के negative impact से बचने के लिये, आप MyPandit के जरिये ये वैदिक पूजा भी आयोजित करवा सकते हैं: Get Consult with Free best astrologer in India.
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