#सावन शनिवार
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सनातन हिंदु धर्म में पीपल का महत्व समझिये
पीपल को वृक्षों का राजा कहते है। इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए:-
मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु,
सखा शंकरमेवच ।
पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम,
वृक्षराज नमोस्तुते ।।
हिदु धर्म में पीपल के पेड़ का बहुत महत्व माना गया है। शास्त्रों के अनुसार इस वृक्ष में सभी देवी-देवताओं और हमारे पितरों का वास भी माना गया है।
पीपल वस्तुत: भगवान विष्णु का जीवन्त और पूर्णत:मूर्तिमान स्वरूप ही है। भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा है की वृक्षों में मैं पीपल हूँ।
पुराणो में उल्लेखित है कि
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मूलतः ब्रह्म रूपाय मध्यतो विष्णु रुपिणः।
अग्रतः शिव रुपाय अश्वत्त्थाय नमो नमः।।
अर्थात इसके मूल में भगवान ब्रह्म, मध्य में भगवान श्री विष्णु तथा अग्रभाग में भगवान शिव का वास होता है।
शास्त्रों के अनुसार पीपल की विधि पूर्वक पूजा-अर्चना करने से समस्त देवता स्वयं ही पूजित हो जाते हैं।
कहते है पीपल से बड़ा मित्र कोई भी नहीं है, जब आपके सभी रास्ते बंद हो जाएँ, आप चारो ओर से अपने को परेशानियों से घिरा हुआ समझे, आपकी परछांई भी आपका साथ ना दे, हर काम बिगड़ रहे हो तो
आप पीपल के शरण में चले जाएँ, उनकी पूजा अर्चना करे , उनसे मदद की याचना करें निसंदेह कुछ ही समय में आपके घोर से घोर कष्ट दूर जो जायेंगे।
धर्म शास्त्रों के अनुसार हर व्यक्ति को जीवन में पीपल का पेड़ अवश्य ही लगाना चाहिए । पीपल का पौधा लगाने वाले व्यक्ति को जीवन में किसी भी प्रकार संकट नहीं रहता है। पीपल का पौधा लगाने के बाद उसे रविवार को छोड़कर नियमित रूप से जल भी अवश्य ही अर्पित करना चाहिए। जै��े-जैसे यह वृक्ष बढ़ेगा आपके घर में सुख-समृद्धि भी बढ़ती जाएगी। पीपल का पेड़ लगाने के बाद बड़े होने तक इसका पूरा ध्यान भी अवश्य ही रखना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे कि पीपल को आप अपने घर से दूर लगाएं, घर पर पीपल की छाया भी नहीं पड़नी चाहिए।
मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति पीपल के वृक्ष के नीचे शिवलिंग स्थापित करता है तो उसके जीवन से बड़ी से बड़ी परेशानियां भी दूर हो जाती है। पीपल के नीचे शिवलिंग स्थापित करके उसकी नित्य पूजा भी अवश्य ही करनी चाहिए। इस उपाय से जातक को सभी भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
सावन मास की अमवस्या की समाप्ति और सावन के सभी शनिवार को पीपल की विधि पूर्वक पूजा करके इसके नीचे भगवान हनुमान जी की पूजा अर्चना / आराधना करने से घोर से घोर संकट भी दूर हो जाते है।
यदि पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर रविवार को छोड़कर नित्य हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो यह चमत्कारी फल प्रदान करने वाला उपाय है।
पीपल के नीचे बैठकर पीपल के 11 पत्ते तोड़ें और उन पर चन्दन से भगवान श्रीराम का नाम लिखें। फिर इन पत्तों की माला बनाकर उसे प्रभु हनुमानजी को अर्पित करें, सारे संकटो से रक्षा होगी।
पीपल के चमत्कारी उपाय
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शास्त्रानुसार प्रत्येक पूर्णिमा पर प्रातः 10 बजे पीपल वृक्ष पर मां लक्ष्मी का फेरा लगता है। इसलिए जो व्यक्ति आर्थिक रूप से मजबूत होना चाहते है वो इस समय पीपल के वृक्ष पर फल, फूल, मिष्ठान चढ़ाते हुए धूप अगरबती जलाकर मां लक्ष्मी की उपासना करें, और माता लक्ष्मी के किसी भी मंत्र की एक माला भी जपे । इससे जातक को अपने किये गए कार्यों के सर्वश्रेष्ठ फल मिलते है और वह धीरे धीरे आर्थिक रूप से सक्षम हो जाता है ।
पीपल को विष्णु भगवान से वरदान प्राप्त है कि जो व्यक्ति शनिवार को पीपल की पूजा करेगा, उस पर लक्ष्मी की अपार कृपा रहेगी और उसके घर का ऐश्वर्य कभी नष्ट नहीं होगा।
व्यापार में वृद्धि हेतु प्रत्येक शनिवार को एक पीपल का पत्ता लेकर उस पर चन्दन से स्वस्तिक बना कर उसे अपने व्यापारिक स्थल की अपनी गद्दी / बैठने के स्थान के नीचे रखे । इसे हर शनिवार को बदल कर अलग रखते रहे । ऐसा 7 शनिवार तक लगातार करें फिर 8वें शनिवार को इन सभी पत्तों को किसी सुनसान जगह पर डाल दें और मन ही मन अपनी आर्थिक समृद्धि के लिए प्रार्थना करते रहे, शीघ्र पीपल की कृपा से आपके व्यापार में बरकत होनी शुरू हो जाएगी ।
जो मनुष्य पीपल के वृक्ष को देखकर प्रणाम करता है, उसकी आयु बढ़ती है
जो इसके नीचे बैठकर धर्म-कर्म करता है, उसका कार्य पूर्ण हो जाता है।
पीपल के वृक्ष को काटना
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जो मूर्ख मनुष्य पीपल के वृक्ष को काटता है, उसे इससे होने वाले पाप से छूटने का कोई उपाय नहीं है। (पद्म पुराण, खंड 7 अ 12)
हर रविवार पीपल के नीचे देवताओं का वास न होकर दरिद्रा का वास होता है। अत: इस दिन पीपल की पूजा वर्जित मानी जाती है
यदि पीपल के वृक्ष को काटना बहुत जरूरी हो तो उसे रविवार को ही काटा जा सकता है।
शनि दोष में पीपल
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शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के बुरे प्रभावों को दूर कर,शुभ प्रभावों को प्राप्त करने के लिए हर जातक को प्रति शनिवार को पीपल की पूजा करना श्रेष्ठ उपाय है।
यदि रोज (रविवार को छोड़कर) पीपल पर पश्चिममुखी होकर जल चढ़ाया जाए तो शनि दोष की शांति होती है l
शनिवार की सुबह गुड़, मिश्रित जल चढ़ाकर, धूप अगरबत्ती जलाकर उसकी सात परिक्रमा करनी चाहिए, एवं संध्या के समय पीपल के वृक्ष के नीचे कड़वे तेल का दीपक भी अवश्य ही जलाना चाहिए। इस नियम का पालन करने से पीपल की अदृश्य शक्तियां उस जातक की सदैव मदद करती है।
ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।'
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है।
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।
ग्रहों के दोषों में पीपल
ज्योतिष शास्त्र में पीपल से जुड़े हुए कई आसान किन्तु अचूक उपाय बताए गए हैं, जो हमारे समस्त ग्रहों के दोषों को दूर करते हैं। जो किसी भी राशि के लोग आसानी से कर सकते हैं। इन उपायों को करने के लिए हमको अपनी किसी ज्योतिष से कुंडली का अध्ययन करवाने की भी आवश्यकता नहीं है।
पीपल का पेड़ रोपने और उसकी सेवा करने से पितृ दोष में कमी होती है । शास्त्रों के अनुसार पीपल के पेड़ की सेवा मात्र से ही न केवल पितृ दोष वरन जीवन के सभी परेशानियाँ स्वत: कम होती जाती है
पीपल में प्रतिदिन (रविवार को छोड़कर) जल अर्पित करने से कुंडली के समस्त अशुभ ग्रह योगों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। पीपल की परिक्रमा से कालसर्प जैसे ग्रह योग के बुरे प्रभावों से भी छुटकारा मिल जाता है। (पद्म पुराण)
असाध्य रोगो में पीपल
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पीपल की सेवा से असाध्य से असाध्य रोगो में भी चमत्कारी लाभ होता देखा गया है ।
यदि कोई व्यक्ति किसी भी रोग से ग्रसित है
वह नित्य पीपल की सेवा करके अपने बाएं हाथ से उसकी जड़ छूकर उनसे अपने रोगो को दूर करने की प्रार्थना करें तो जातक के रोग शीघ्र ही दूर होते है। उस पर दवाइयों का जल्दी / तेज असर होता है ।
यदि किसी बीमार व्यक्ति का रोग ठीक ना हो रहा हो तो उसके तकिये के नीचे पीपल की जड़ रखने से बीमारी जल्दी ठीक होती है ।
निसंतान दंपती संतान प्राप्ति हेतु प��पल के एक पत्ते को प्रतिदिन सुबह लगभग एक घंटे पानी में रखे, बाद में उस पत्ते को पानी से निकालकर किसी पेड़ के नीचे रख दें और पति पत्नी उस जल का सेवन करें तो शीघ्र संतान प्राप्त होती है ऐसा लगभग 2-3 माह तक लगातार करना चाहिये।
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jamshedpur sawan mahotsav- परसुडीह में महिलाओं ने मनाया सावन महोत्सव, जमकर की मस्ती
जमशेदपुर : जमशेदपुर के परसुडीह के सोपोडेरा महावीर उत्सव भवन में शनिवार को सावन महोत्सव गीता साहू के द्वारा मनाया गया, जिसमें बढ़ चढ़कर महिलाओं ने हिस्सा लिया. महिलाओं द्वारा म्यूजिकल चेयर एवं बैलून फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं ने बढ़- चढ़कर हिस्सा लिया. उन्होंने बताया कि सावन के महीने को हमें पूरे हर्षोल्लास के साथ महोत्सव के रुप में मनाना चाहिए. इस महोत्सव में परसुडीह की बहुत…
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सावन का शनिवार आज, अपनी राशि अनुसार जरूर करें ये उपाय। Sawan Shaniwar Remedies, Sawan 2024
सावन के सोमवार की ही तरह सावन का शनिवार भी बेहद चमत्कारी होता है
https://www.youtube.com/watch?v=9SXTsRBm5uU
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Kalki Jayanti 2024 Kab Hai: सावन के महीने में कब है कल्कि जयंती? जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्तKalki Jayanti 2024 Kab Hai: कल्कि जयंती 10 अगस्त 2024 शनिवार को रखा जाएगा कल्कि अवतार कल्कि जयंती के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से जीवन के सारे संकट खत्म हो जाते हैं
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जय श्री कृष्णा सुप्रभात दर्शन संदेश विडियोज
जन जागृति संगम 9302003334 दर्शन उज्जैन महांकाल जागनाथ महादेव जावरा जय भोलानाथ जय सांवरिया सेठ मंगला आरती दर्शन 🙏🏻।। शुभप्रभात🌹जयमातादी ।।🙏🏻👏🏻….जय हो, भादवा कि राणी….👏🏻👏🏻….अमृत है, मैया थारो पाणी….👏🏻🚩जुलाई 27 शनिवार प्रातःकालिन समयके माँ भादवा भवानी के दर्शन कीजिये🚩🌲। माह सावन बुदी सप्तमी ��🌲===================== आज के दर्शन श्री चारभुजानाथ कंजाडा प्रे. सरपंच भुरालाल खाती आज के दर्शन श्री…
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26 अगस्त 2023, आज का राशिफल (Aaj Ka Rashifal): सावन के आखिरी शनिवार पर आज मिथुन वालों के आय के स्रोत बढ़ेंगे, जानें सभी राशियों का हाल - Daily horoscope dainik rashifal 26 august 2023 saturday 2023 tlifdg
मेष- भाग्यबल में वृद्धि बनी रहेगी. चहुंओर से शुभ सूचनाएं प्राप्त होंगी. साहस पराक्रम को बल मिलेगा. दीर्घकालिक योजनाएं बढ़ाएंगे. बंधु बांधवों से मदद मिलेगी. तेज सुधार के संकेत रहेंगे. कार्य अवरोध दूर होंगे. लंबी दूरी की यात्रा संभव है. लंबित योजनाओं में गति आएगी. अनुकूलता बढ़त पर रहेगी. आस्था अध्यात्म को बल मिलेगा. पेशेवर मामले सधेंगे. संकल्प पूरा करें. निसंकोच आगे बढेंगे. संसाधनों में वृद्धि होगी.…
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महिलाओं ने तीज पर की शिव-पार्वती की पूजा, नाचकूद कर उठाया आनंद
बागपत, उत्तर प्रदेश। जिले में शनिवार को हरियाली तीज का पर्व परम्परागत तरीके के साथ सौउल्लास मनाया गया। महिलाओं ने मंदिरों में शिव- पार्वती की पूजा की और नाचकूद कर हरियाली तीज का जमकर आनंद उठाया। हरियाली तीज पर जगह-जगह पेड़ों ��र झूले डाले गये थे। मनोरमा श्रोती, अनुपम शर्मा, रंजना शर्मा, नीलू श्रीवास्तव, ज्योति यादव आदि समेत मोहल्ले-पड़ौस की महिलाएं इकट्ठा हुई और उन्होंने लोक गीतों के साथ झूला झूलकर हरियाली तीज का जमकर लुफ्त उठाया। उनके द्वारा कच्चे नीम की निंबौली सावन जल्दी आईयो रे, बाबा मेरे दूर मत ब्याहियो-दादी नहीं बुलाने की, बेटी दूर ब्याहूंगा सिर पे गठरी लाऊंगा, रेल चले सरकारी-बेटी झटपट बुलाऊंगा, कच्चे नीम की निंबौली सावन जल्दी आईयो रे आदि सावन के गीत गाये। इसके अलावा हरियाली तीज पर महिलाओं में सजने संवरने का काफी शौक रहता है। इसको लेकर ब्यूटी पार्लर पर दिनभर महिलाओं की भीड़ लगी रही। किसी ने हाथों पर मेहंदी रचवाई तो किसी ने फैशियल कराई। सुबह से लेकर शाम तक यहां पर महिलाओं का आना-जाना लगा रहा। ब्यूटी पार्लर संचालिकाएं भी इतनी व्यस्त हो गई थी कि उन्हें खाना खाने तक का समय नहीं मिल पाया। Read the full article
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🚩✨️🙏🏻 श्रावण मास की पवित्र सावन शिवरात्रि, शुभ शनिवार और प्रदोष व्रत की हार्दिक बधाई और शुभेच्छाए!! 🙏🏻✨️🌷
🙏🏻🌷 *ऋतु कोहली - विनय बृजलाल कोहली*
✨️🪔 *संस्कृति व संस्कार संस्थान ट्रस्ट, रजि: नं: 2.253*
✨️🪔 *ACME HOUSE 🏠 INDIA* 🇮🇳 LOAN_INSURANCE_SOLAR_ MultiBrand Car 🚗 Workshop 9873568188_9811179276
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संध्या भक्ति - सावन शनिवार स्पेशल - शनिदेव हनुमान ही जी के भजन - Shanide...
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श्रावण मास में शिव जलाभिषेक का कारण
श्रावण मास में शिव जलाभिषेक का कारण
इतिहास महत्व और करने योग्य उपाय
पौराणिक कथाओं और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब समुद्र मंथन से हलाहल धरती पर प्रकट हुआ था और समस्त मानव और अन्य जीव जंतुओं के प्राणों पर संकट घिर आया था तब देवों के देव, महादेव ने सम्पूर्ण सृष्टि को जीवनदान दिया था। उन्होंने हलाहल विष को अपने कंठ में धारण किया था। कहा जाता है की यह घटना सावन के महीने में घटित हुई थी। महादेव के विष पान से उनका शरीर गर्म हो गया था और उन्हें परेशानी हो रही थी। अपने प्रभु को परेशानी में देख समस्त देवताओं ने महादेव पर जल अर्पित किया था और इंद्र देव ने ज़ोरों की वर्षा की थी। तब से यह चलन बन गया और हर वर्ष सावन के महीने में भगवान शिव के शरीर में विष की गर्मी से उत्पन्न हुई ज्वाला को शांत करने के लिए भक्तगण अपने भोलेनाथ पर जलाभिषेक करते हैं।
सावन का पावन महीना अर्थात् शिव की भक्ति व मनचाहा वरदान पाने का सर्वोत्तम समय है। कैलाशपति शिव जी को कंठ में विष होने के कारण शीतलता अत्यन्त प्रिय है, जिससे उन्हें राहत मिलती है। हरियाली और शीतलता होने के कारण भोलेनाथ को सावन का माह अत्यधिक प्रिय है। अब सावन है तो बारिश होना स्वाभाविक है। वर्षा का जल शुद्ध और ताज़ा होता है, इसलिए वर्षा जल से अभिषेक करने का फल भी अधिक है। हम बताने जा रहे हैं दिनों के अनुसार किसका अभिषेक करने से आपकी इच्छा शीघ्र और सरलता से पूरी हो जाएगी।
रविवार- शत्रुओं पर विजय
सूर्य देव को समर्पित रविवार के दिन सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की ओर वर्षा जल से अर्घ्य दें और श्रीआदित्यहृदयस्तोत्र का पाठ करें। इस उपाय से आपको आपके शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी और आपके घर में सकारात्मकता का संचार होगा।
सोमवार- हर मनोकामना पूर्ण
चंद्र देव को समर्पित दिन सोमवार को शिवलिंग पर द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति पढ़ते हुए अभिषेक करने से सच्चे मन से की गई हर प्रार्थना भोलेनाथ पूर्ण करते हैं और मन व परिवार में सुख-शांति का संचार होता है।
मंगलवार- रोग व कष्टों का नाश
मंगलवार को शिवलिंग या हनुमान जी पर शुद्ध तन व पवित्र मन से “ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय नम:” बोलते हुए अभिषेक करने से व्यक्ति के समस्त कष्टों का नाश होता है तथा उसके असाध्य रोग भी समाप्त हो जाते हैं।
बुधवार- सद् बुद्धि एवं शादी-विवाह हेतु
बुद्धि में वृद्धि हेतु या शादी-विवाह में आ रही अड़चन को दूर करने के लिए बुधवार को प्रथम पूज्य गणेश जी का “ॐ गं गणपतये नम:” मंत्र केसाथ अभिषेक करने से शीघ्र लाभ मिलता है। परीक्षा की तैयारी करनी हो या विवाह हेतु अच्छे रिश्ते की कामना हो, गणपति की कृपा से सब निर्विघ्न हो जाता है।
गुरुवार- सुख-समृद्धि की प्राप्ति
बृहस्पति देव को समर्पित दिन गुरुवार या एकादशी को वर्षा जल से श्री विष्णु जी का अभिषेक करना चाहिए और श्रीविष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिये। जिससे श्री हरि प्रसन्न होकर व्यक्ति को सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।
शुक्रवार- धन-धान्य की वर्षा
सावन में शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी का भाव पूर्वक लक्ष्मी मंत्र के साथ अभिषेक करने उनकी कृपा से आपके पास शीघ्र ही धन लक्ष्मी का शुभागमन होता है। अभिषेक करने वाले भक्त के ऊपर माँ लक्ष्मी की कृपा से धन की वर्षा होती है।
शनिवार- वाद-विवाद में सफलता
कर्मफल दाता शनिदेव को समर्पित शनिवार के दिन प्रात: पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाने व महादेव का अभिषेक और शाम को शनिदेव का तेल और ��र्षा जल से अभिषेक करने से क़ानूनी मामलों, वाद-विवाद व नौकरी में सफलता मिलती है। रुके हुए काम बनने शुरू हो जाते हैं। पीपल पर जल चढ़ाते समय “ॐ नमो भगवते शनैश्चराय” मंत्र का ग्यारह बार जप करना चाहिए।
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jamshedpur sindhara mahotsav- परसुडीह सोसाइटी कॉलोनी की महिलाओं ने मनाया सावन सिंधारा महोत्सव
जमशेदपुर: जमशेदपुर के परसुडीह थाना अंतर्गत चर्च रोड़ स्थित को-ऑपरेटिव सोसाइटी कॉलोनी की महिलाओं द्धारा श्री शिव हनुमान दुर्गा मंदिर परिसर में शनिवार की शाम को सावन सिंधारा महोत्सव का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में महिलाओं नें हरे रंग समेत रंग-बिरंगे परिधानों में सज-धजकर कर खूब मौज मस्ती की. (नीचे भी पढ़े) इस दौरान महिलाओं ने गीत-संगीत पर झूमते हुए अ��ने हुनर को दिखाया. अंत में सभी ने स्वादिष्ट…
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आज है सावन का शनिवार, भोलेनाथ की करें पूजा, होगा शुभ, जानें आज का पंचांग
आज है सावन का शनिवार, भोलेनाथ की करें पूजा, होगा शुभ, जानें आज का पंचांग
सावन का मौसम आज, उपाय से लें भोलेनाथ को प्रसन्ना, दूर का प्रभाव इस प्रकार है। Source link
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#आज का पंचांग#आज का राहुकाल#गोशिव#डिशशूल#मुहूर्त#राहुकाल#शनि दोष#शनि पूजा#शनिदेव#शनिवार उपाय#शनिवार के उपाए#सावन 2021
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Shani Bhajan : Shani Amritwani Album: Shani Amritwani 2021 Label: Ganga Cassette
-- सावन शनिवार स्पेशल भजन - आज हनुमानजी और शनिदेव के भजन सुनने से सभी संकट और कष्टों से मुक्ति मिलती है (via Jai Shri Ram Bhakti)
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जय श्री कृष्णा सुप्रभात दर्शन संदेश विडियोज
जन जागृति संगम 9302003334 दर्शन उज्जैन महांकाल जागनाथ महादेव जावरा जय भोलानाथ जय सांवरिया सेठ मंगला आरती दर्शन 🙏🏻।। शुभप्रभात🌹जयमातादी ।।🙏🏻👏🏻….जय हो, भादवा कि राणी….👏🏻👏🏻….अमृत है, मैया थारो पाणी….👏🏻🚩जुलाई 27 शनिवार प्रातःकालिन समयके माँ भादवा भवानी के दर्शन कीजिये🚩🌲। माह सावन बुदी सप्तमी ।🌲===================== आज के दर्शन श्री चारभुजानाथ कंजाडा प्रे. सरपं��� भुरालाल खाती आज के दर्शन श्री…
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कोकिला व्रत 2020: इस व्रत को करने से मिलता है मनचाहा जीवनसाथी
आषाढ़ मास अपने अंतिम चरण में है और इसका समापन पूर्णिमा यानि कि कल शनिवार 04 जुलाई को होगा। यह दिन बेहद खास है, क्योंकि इस दिन कोकिला व्रत आरंभ होता है। शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी से शुरू होने वाला यह व्रत सावन मास की पूर्णिमा तक रखा जाता है। इस व्रत में आदिशक्ति मां भगवती की कोयल रूप में पूजा की जाती है।
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मां करणी के दरबार में सावन भादो कढ़ाई महाप्रसाद का आयोजन.....
मां करणी के दरबार में सावन भादो कढ़ाई महाप्रसाद का आयोजन…..
देशनोक28 अक्टूबर देशनोक के करनी माता क�� मंदिर मे सावन भादो कढ़ाई महाप्रसाद का आयोजन शनिवार को होगा श्री करणी माता मंदिर निजी प्रयास अध्यक्ष बादल सिंह चारण ने बताया कि कलकत्ता निवासी जयकुमार कल्याणी परिवार द्वारा महाप्रसाद मनाया जा रहा है महाप्रसाद में इस बार सिरा हलवा बनाया जा रहा है महाप्रसाद का कार्य गुरुवार को शुरू हो गया शुक्रवार शाम तक पूरा हो गया शनिवार को सुबह करनी माता मंदिर विशेष पूजा…
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