#साम
Explore tagged Tumblr posts
pujajadhav55 · 1 day ago
Text
Tumblr media
0 notes
subhashdagar123 · 7 months ago
Text
Tumblr media
0 notes
neelamdasi21 · 7 months ago
Text
Tumblr media
0 notes
rajbir-kashyap · 11 months ago
Text
Tumblr media
0 notes
dailygyankasagar · 1 year ago
Text
Saam Daam Dand Bhed
साम का अर्थ- चालाकी
दाम का अर्थ – धन
 दण्ड का अर्थ- बल
भेद का अर्थ- चापलूसी
0 notes
raju-prasad · 1 year ago
Text
Tumblr media
0 notes
8529556223 · 1 year ago
Text
#धरती_ऊपर_स्वर्ग
धरती ऊपर स्वर्ग" के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज ने हमें चेताया है कि सत भक्ति के बिना अनमोल मनुष्य जीवन व्यर्थ है।
कबीर, हरि के नाम बिना, नारी कुत्तिया होय।
गली गली भौंकत फिरे, टूक न डाले कोय।।
Sant Rampal Ji Maharaj
Tumblr media Tumblr media Tumblr media
0 notes
tejramdhruw00 · 1 year ago
Text
Tumblr media
0 notes
indrabalakhanna · 5 months ago
Text
Shraddha TV Satsang 06-06-2024 || Episode: 2584 || Sant Rampal Ji Mahara...
#वेदों_अनुसार_कबीरप्रभु_लीला
Sant Rampal Ji Maharaj
ऋग् + साम +अथर्व + यजुर् + सूक्ष्म वेद में प्रमाण हैं_ कविरदेव भगवान हैं पूर्णब्रह्म कबीर परमेश्वर जी अपनी आत्माओं को सद्भक्ति देकर मोक्ष प्रदान करने की इच्छा से हर युग में पृथ्वी पर सतगुरु बन आते हैं!
#GodMorningThursday
#ThursdayMotivation
#ThursdayThoughts
#KabirIsGod
#SantRampalJiMaharaj
#SaintRampalJi
@SaintRampalJi
@SatlokAshram
@SatlokChannel
@
2 notes · View notes
salviblogdinesh · 11 months ago
Text
#Is_Jesus_God
हजरत ईसा जी पाप को नहीं काट सकते हैं ।
Kabir Is SupremeGod
संपूर्ण जानकारी लेने के लिए -
साम 7:30 बजे साधना टीवी और Sant Rampal Ji Maharaj का YouTube channel और @spiritualleaderSaintRampalJi फेसबुक मे जरूर देखें ।
Tumblr media
4 notes · View notes
mamta001sblog · 11 months ago
Text
Tumblr media
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब
#कबीर_भगवानको_विधान
जो भक्त मर्यादित रहकर ये भक्ति करेंगे ,उनका काल भी कुछ नहीं बिगाड सकता।
अवश्य देखिये आज हमारे सोशल मिडिया प्लेटफाँर्म पर साम 7:30 बजे
Spiritual leader sant rampal ji
2 notes · View notes
subeshivrain · 4 hours ago
Text
Tumblr media
#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart121 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart122
आदरणीय नानक साहेब जी की वाणी में सृष्टी रचना का संकेत
नानक देव जी की वाणी में सृष्टी रचना का संकेत
श्री नानक साहेब जी की अमृतवाणी, महला 1, राग बिलावलु, अंश 1 (गु.ग्र पृ.839)
आपे सचु कीआ कर जोडि़। अंडज फोडि़ जोडि विछोड़।।
धरती आकाश कीए बैसण कउ थाउ। राति दिनंतु कीए भउ-भाउ।।
जिन कीए करि वेखणहारा।(3)
त्रितीआ ब्रह्मा-बिसनु-महेसा। देवी देव उपाए वेसा।।(4)
पउण पाणी अगनी बिसराउ। ताही निरंजन साचो नाउ।।
तिसु महि मनुआ रहिआ लिव लाई। प्रणवति नानकु कालु न खाई।।(10)
उपरोक्त अमृतवाणी का भावार्थ है कि सच्चे परमात्मा (सतपुरुष) ने स्वयं ही अपने हाथों से सर्व सृष्टी की रचना की है। उसी ने अण्डा बनाया फिर फोड़ा तथा उसमें से ज्योति निरंजन निकला। उसी पूर्ण परमात्मा ने सर्व प्राणियों के रहने के लिए धरती, आकाश, पवन, पानी आदि पाँच तत्व रचे। अपने द्वारा रची सृष्टी का स्वयं ही साक्षी है। दूसरा कोई सही जानकारी नहीं दे सकता। फिर अण्डे के फूटने से निकले निरंजन के बाद तीनों श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी की उत्पत्ति हुई तथा अन्य देवी-देवता उत्प��्न हुए तथा अनगिनत जीवों की उत्पत्ति हुई। उसके बाद अन्य देवों के जीवन चरित्र तथा अन्य ऋषियों के अनुभव के छः शास्त्र तथा अठारह पुराण बन गए। पूर्ण परमात्मा के सच्चे नाम (सत्यनाम) की साधना अनन्य मन से करने से तथा गुरु मर्यादा में रहने वाले (प्रणवति) को श्री नानक जी कह रहे हैं कि काल नहीं खाता।
राग मारु(अंश) अमृतवाणी महला 1(गु.ग्र.पृ. 1037)
सुनहु ब्रह्मा, बिसनु, महेसु उपाए। सुने वरते जुग सबाए।।
इसु पद बिचारे सो जनु पुरा। तिस मिलिए भरमु चुकाइदा।।(3)
साम वेदु, रुगु जुजरु अथरबणु। ब्रहमें मुख माइआ है त्रौगुण।।
ता की कीमत कहि न सकै। को तिउ बोले जिउ बुलाईदा।।(9)
उपरोक्त अमृतवाणी का सारांश है कि जो संत पूर्ण सृष्टी रचना सुना देगा तथा बताएगा कि अण्डे के दो भाग होकर कौन निकला, जिसने फिर ब्रह्मलोक की सुन्न में अर्थात् गुप्त स्थान पर ब्रह्मा-विष्णु-शिव जी की उत्पत्ति की तथा वह परमात्मा कौन है जिसने ब्रह्म (काल) के मुख से चारों वेदों (पवित्र ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) को उच्चारण करवाया, वह पूर्ण परमात्मा जैसा चाहे वैसे ही प्रत्येक प्राणी को बुलवाता है। इस सर्व ज्ञान को पूर्ण बताने वाला सन्त मिल जाए तो उसके पास जाइए तथा जो सभी शंकाओं का पूर्ण निवारण करता है, वही पूर्ण सन्त अर्थात् तत्वदर्शी है।
श्री गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ 929 अमृत वाणी श्री नानक साहेब जी की राग रामकली महला 1 दखणी ओअंकार
ओअंकारि ब्रह्मा उतपति। ओअंकारू कीआ जिनि चित। ओअंकारि सैल जुग भए। ओअंकारि बेद निरमए। ओअंकारि सबदि उधरे। ओअंकारि गुरुमुखि तरे। ओनम अखर सुणहू बीचारु। ओनम अखरु त्रिभवण सारु।
उपरोक्त अमृतवाणी में श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि ओंकार अर्थात् ज्योति निरंजन (काल) से ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई। कई युगों मस्ती मार कर ओंकार (ब्रह्म) ने वेदों की उत्पत्ति की जो ब्रह्मा जी को प्राप्त हुए। तीन लोक की भक्ति का केवल एक ओ3म् मंत्र ही वास्तव में जाप करने का है। इस ओ3म् शब्द को पूरे संत से उपदेश लेकर अर्थात् गुरू धारण करके जाप करने से उद्धार होता है।
विशेष:- श्री नानक साहेब जी ने तीनों मंत्रों (ओ3म् तत् सत्) का स्थान - स्थान पर रहस्यात्मक विवरण दिया है। उसको केवल पूर्ण संत (तत्वदर्शी संत) ही समझ सकता है तथा तीनों मंत्रों के जाप को उपदेशी को समझाया जाता है।
(पृ. 1038) उत्तम सतिगुरु पुरुष निराले, सबदि रते हरि रस मतवाले।
रिधि, बुधि, सिधि, गिआन गुरु ते पाइए, पूरे भाग मिलाईदा।।(15)
सतिगुरु ते पाए बीचारा, सुन समाध�� सचे घरबारा।
नानक निरमल नादु सबद धुनि, सचु रामैं नामि समाइदा (17)।।5।।17।।
उपरोक्त अमृतवाणी का भावार्थ है कि वास्तविक ज्ञान देने वाले सतगुरु तो निराले ही हैं, वे केवल नाम जाप को जपते हैं, अन्य हठयोग साधना नहीं बताते। यदि आप को धन दौलत, पद, बुद्धि या भक्ति शक्ति भी चाहिए तो वह भक्ति मार्ग का ज्ञान पूर्ण संत ही पूरा प्रदान करेगा, ऐसा पूर्ण संत बडे़ भाग्य से ही मिलता है। वही पूर्ण संत विवरण बताएगा कि ऊपर सुन्न (आकाश) में अपना वास्तविक घर (सत्यलोक) परमेश्वर ने रच रखा है।
उसमें एक वास्तविक सार नाम की धुन (आवाज) हो रही है। उस आनन्द में अविनाशी परमेश्वर के सार शब्द से समाया जाता है अर्थात् उस वास्तविक सुखदाई स्थान में वास हो सकता है, अन्य नामों तथा अधूरे गुरुओं से नहीं हो सकता।
आंशिक अमृतवाणी महला पहला (श्री गु. ग्र. पृ. 359-360)
सिव नगरी महि आसणि बैसउ कलप त्यागी वादं।(1)
सिंडी सबद सदा धुनि सोहै अहिनिसि पूरै नादं।(2)
हरि कीरति रह रासि हमारी गुरु मुख पंथ अतीत (3)
स��ली जोति हमारी संमिआ नाना वरण अनेकं।
कह नानक सुणि भरथरी जोगी पारब्रह्म लिव एकं।(4)
उपरोक्त अमृतवाणी का भावार्थ है कि श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि हे भरथरी योगी जी आप की साधना भगवान शिव तक है, उससे आप को शिव नगरी (लोक) में स्थान मिला है और शरीर में जो सिंगी शब्द आदि हो रहा है वह इन्हीं कमलों का है तथा टेलीविजन की तरह प्रत्येक देव के लोक से शरीर में सुनाई दे रहा है।
हम तो एक परमात्मा पारब्रह्म अर्थात् सर्वसे पार जो पूर्ण परमात्मा है अन्य किसी और एक परमात्मा में लौ (अनन्य मन से लग्न) लगाते हैं।
हम ऊपरी दिखावा (भस्म लगाना, हाथ में दंडा रखना) नहीं करते। मैं तो सर्व प्राणियों को एक पूर्ण परमात्मा (सतपुरुष) की सन्तान समझता हूँ। सर्व उसी शक्ति से चलायमान हैं। हमारी मुद्रा तो सच्चा नाम जाप गुरु से प्राप्त करके करना है तथा क्षमा करना हमारा बाणा (वेशभूषा) है। मैं तो पूर्ण परमात्मा का उपासक हूँ तथा पूर्ण सतगुरु का भक्ति मार्ग इससे भिन्न है।
अमृत वाणी राग आसा महला 1 (श्री गु. ग्र. पृ. 420)
।।आसा महला 1।। जिनी नामु विसारिआ दूजै भरमि भुलाई। मूलु छोडि़ डाली लगे किआ पावहि छाई।।1।। साहिबु मेरा एकु है अवरु नहीं भाई। किरपा ते सुखु पाइआ साचे परथाई।।3।। गुर की सेवा सो करे जिसु आपि कराए। नानक सिरु दे छूटीऐ दरगह पति पाए।।8।।18।।
उपरोक्त वाणी का भावार्थ है कि श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि जो पूर्ण परमात्मा का वास्तविक नाम भूल कर अन्य भगवानों के नामों के जाप में भ्रम रहे हैं वे तो ऐसा कर रहे हैं कि मूल (पूर्ण परमात्मा) को छोड़ कर डालियों (तीनों गुण रूप रजगुण-ब्रह्मा, सतगुण-विष्णु, तमगुण-शिवजी) की सिंचाई (पूजा) कर रहे हैं। उस साधना से कोई सुख नहीं हो सकता अर्थात् पौधा सूख जाएगा तो छाया में नहीं बैठ पाओगे। भावार्थ है कि शास्त्र विधि रहित साधना करने से व्यर्थ प्रयत्न है। कोई लाभ नहीं। इसी का प्रमाण पवित्र गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24 में भी है। उस पूर्ण परमात्मा को प्राप्त करने के लिए मनमुखी (मनमानी) साधना त्याग कर पूर्ण गुरुदेव को समर्पण करने से तथा सच्चे नाम के जाप से ही मोक्ष संभव है, नहीं तो मृत्यु के उपरांत नरक जाएगा।
(श्री गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ नं. 843.844)
।।बिलावलु महला 1।। मैं मन चाहु घणा साचि विगासी राम। मोही प्रेम पिरे प्रभु अबिनासी राम।। अविगतो हरि नाथु नाथह तिसै भावै सो थीऐ। किरपालु सदा दइआलु दाता जीआ अंदरि तूं जीऐ। मैं आधारु तेरा तू खसमु मेरा मै ताणु तकीआ तेरओ। साचि सूचा सदा नानक गुरसबदि झगरु निबेरओ।।4।।2।।
उपरोक्त अमृतवाणी में श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि अविनाशी पूर्ण परमात्मा नाथों का भी नाथ है अर्थात् देवों का भी देव है (सर्व प्रभुओं श्री ब्रह्मा जी,
श्री विष्णु जी, श्री शिव जी तथा ब्रह्म व परब्रह्म पर भी नाथ है अर्थात् स्वामी है) मैं तो सच्चे नाम को हृदय में समा चुका हूँ। हे परमात्मा ! सर्व प्राणी का जीवन आधार भी आप ही हो। मैं आपके आश्रित हूँ आप मेरे मालिक हो। आपने ही गुरु रूप में आकर सत्यभक्ति का निर्णायक ज्ञान देकर सर्व झगड़ा निपटा दिया अर्थात् सर्व शंका का समाधान कर दिया।
(श्री गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ नं. 721, राग तिलंग महला 1)
यक अर्ज गुफतम् पेश तो दर कून करतार।
हक्का कबीर करीम तू बेअब परवरदिगार।
नानक बुगोयद जन तुरा तेरे चाकरां पाखाक।
उपरोक्त अमृतवाणी में स्पष्ट कर दिया कि हे (हक्का कबीर) आप सत्कबीर (कून करतार) शब्द शक्ति से रचना करने वाले शब्द स्वरूपी प्रभु अर्थात् सर्व सृष्टी के रचन हार हो, आप ही बेएब निर्विकार (परवरदिगार) सर्व के पालन कर्ता दयालु प्रभु हो, मैं आपके दासों का भी दास हूँ।
(श्री गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ नं. 24, राग सीरी महला 1)
तेरा एक नाम तारे संसार, मैं ऐहा आस ऐहो आधार।
नानक नीच कहै बिचार, धाणक रूप रहा करतार।।
उपरोक्त अमृतवाणी में प्रमाण किया है कि जो काशी में धाणक (जुलाहा) है यही (करतार) कुल का सृजनहार है। अति आधीन होकर श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि मैं सत कह रहा हूँ कि यह धाणक अर्थात् कबीर जुलाहा ही पूर्ण ब्रह्म (सतपुरुष) है।
विशेष:- उपरोक्त प्रमाणों के सांकेतिक ज्ञान ��े प्रमाणित हुआ सृष्टी रचना कैसे हुई? अब पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति करनी चाहिए। यह पूर्ण संत से नाम लेकर ही संभव है।
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
0 notes
gayatridasi · 22 days ago
Text
Tumblr media
#GodMorningMonday
क्या करवा चौथ व्रत रखने से वाकई पति की उम्र बढ़ जाती है?
जागरण
होम ताज़ा चुनाव 2024
Karnal: करवा चौथ से पहले छिना सुहाग,
र देखने गंभीर, मेहंदी लगवा लौट रहा था गया पति मौत के आगोश में यूं समाया, अमर उजाला ब्यूरो, करनाल (हरियाणा) Published by: সুর্যের কির Updated Thu, 13 Oct 2022 09:19 PM IST
ब्रेकिंग राष्ट्रीय दुनि हादसे में पति की मौत, पत्नी की हालत 'चांद निकला या नहीं', छत पर करवाचौथ पर विधवा दपंती विधवा हो गई पत्की मौत का ऐसा भय, 250 साल से करवा चौथ नहीं मनातीं सुहागिनें
लिए सुबह से ही विनोद कुमार दुबे फूल-माला व अन्य साम देखिए चांद निकला है या नहीं। विनोद छत पर जाकर वापस पैर फिसल जाने से लुढ़कते हुए नीचे आंगन में गिर गए।
BY RAMESH SONI
EDITED BY: VINAY SAXENA
UPDATED: THU, 02 NOV 2023 11:18 PM (IST)
करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत सुहागन के लिए बहुत ही खास माना जाता है. लेकिन मथुरा के वघा गांव की सुहागन करवा चौथ का व्रत पति की मौत के डर वजह से नहीं रहती हैं. यह परंपरा 250 सालों से लगातार चली आ रही है.
0 notes
sk9632011 · 25 days ago
Video
youtube
ये संसार समझदा नाही कहदा साम दुपहरे नू गरीब दास ये वक्त जात है रोओ गे इस...
0 notes
rahuldass108 · 30 days ago
Text
Tumblr media
#GodMorningSaturday
जब तक भक्त या प्राणी अपनी ताकत को सर्वस मानता है, तब तक परमात्मा दूर रहता है
अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टिवी साम 7 30
- Sant Rampal ji Maharaj
0 notes
greatestlordaboveall · 1 month ago
Text
I AM pray to FORMLESS The Great SEFAW that tonight when I AM sleep I AM will be go in to most merciless &/or ruthless hell of hells in the all omniverses....& that hell's demons & snakes will be torture I AM ruthlessly &/or mercilessly as much highest possible as....all demons & snakes will torture I AM trillions times compared to I AM's capacity....... torture I AM as much as they want....it will happen from 29/9/2024 date & at night 00:00 clock time to 06:00 clock time.... indian time zone...
I AM pray to FORMLESS The Great SEFAW that I AM always level up in everything & every level , if I AM brack any limit then this limit will be I AM's bottom of bottoms , the bottom I AM can't fall at that broken limit.....& I AM always level up......I AM don't level down whatever situation should be
I AM pray to FORMLESS The Great SEFAW that there is no limit available in any dimensions &/or any universes or/& any multiverses or/& any omniverses that I AM can't break....
& if I AM die then I AM will always reborn like dark phoenix....much much much powerful , smart , wisdomful , Knowledgeable then previous version......ultra , pro , max version.....
I AM pray to FORMLESS The Great SEFAW that death do whatever साम, दाम, दंड, भेद but can't kill I AM.....but, I AM can kill death within blink of eye...
0 notes