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#समाजमिति का महत्व
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समाजमिति क्या है? Sociometry
प्रस्तावना :- आम तौर पर, समाजमिति पैमाना एक छोटे समूह के पारस्परिक संबंधों, समूह संरचना और समूह में व्यक्तियों की प्रस्थिति को मापने की एक विधि है। संस्थागत और सामाजिक व्यवहार को मापने के लिए समाजमितीय पैमाने बनाए गए हैं। समाजमिति का अर्थ :- समाजमिति एक छोटे समूह के अंतर-संबंध, समूह संरचना और समूह में व्यक्तियों की स्थिति को मापने की एक विधि है। इस पद्धति में, समूह के प्रत्येक व्यक्ति को यह…
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100 History Important GK Questions PDF HTET-CTET-REET Daily GK Questions Quiz Politics Basic GK Questions 20 Hindi Grammar Most Important Questions 100 Important Haryana HSSC Group D Questions Psychology Notes for HTET, CTET, REET, UP TET & TET Exams 100 Most Important Indian History GK Questions for Haryana HSSC Group D CTET-HTET-REET English Vocab Science Gk Questions Science 100 Most Important Questions General Knowledge 200 Important Questions CTET HTET REET UPTET Pedagogy Important Questions HTET CTET REET TET UPTET 101-200 Child Development Questions Most Important Current Affairs 100 Mix GK Questions Current Affairs Jan, Feb, March 2018 for Haryana HSSC Group D Exam Previous Year HTET-CTET-REET-UPTET-DSSSB Teacher Exam Child Development Questions Ancient Indian National Movements Ancient History Single Liner Questions Indian History Important Questions 300 Haryana GK Questions for HSSC Group D Exams Current Affairs September 2018 49 Most Important GK Questions 300 Haryana Police Constable & Haryana Group D GK Questions 50 Most Most Important Child Development GK Questions 601.” व्यवहार के सामाजिक नियमो से विचलित होने वाले बालक को अपराधी कहते है। ” उक्त कथन है – एडलर का 602. मनोनाटकीय विधि के प्रवर्तक कौन हैं – ट्रो 603. ” वह हर बच्चा जो अपनी आयु स्तर के बच्चो में किसी योग्यता में अधिक हो और जो 604. हमारे समाज के लिए कुछ महत्वपूर्ण नई देन दे , प्रतिभाशाली बालक है। ” उक्त कथन है – कॉलेसनिक का 605. निरीक्षण और मापन पर विशेष बल देने वाला सम्प्रदाय है – व्यवहारवाद 606. शिक्षा में संवेगों का क्या महत्व है – बालक के सम्पूर्ण व्यक्तित्व पर प्रभाव पड़ता है। 607.” मूल प्रवृत्तियां चरित्र निर्माण करने के लिए कच्ची सामग्री है। शिक्षक को अपने सब कार्यों में उनके प्रति ध्यान देना आवश्यक है। ” यह कथन है – रॉस का 608. मूल प्रवृति क्रिया करने का बिना सीखा स्वरूप है। जैसे-मूल प्रवृत्ति है – काम 609. ” आदत एक सामान्य प्रवृति है। इस प्रवृत्ति का शिक्षा में सफलतापूर्वक उपयोग किया जा सकता है। ” यह कथन है – रॉस का 610. मैकडूगल ने अनुकरण के कई प्रकार बताए हैं। निम्न में से कौन-सा उनमें से नहीं है – अचेतन अनुकरण 611. बालक चेतन रूप से सीखने का प्रयास करता है – अनुकरण द्वारा 612. समंजन दूषित होता है – कुण्ठा से एवं संघर्ष से 613. अधिगम में उन्नति पूर्ण सम्भव है – सिद्धान्त रूप में 614. ‘An Introduction to Social Psychology’ नामक पुस्तक में ‘ मूल प्रवृत्तियो के 615. सिद्धान्त ’ का प्रतिपादन सन् 1908 में किसने किया था – मैक्डूगल ने 616. चिन्तन शक्ति का प्रयोग देने का अवसर देते है – तर्क , वाद-विवाद , समस्या-समाधान 617. बालक का समाजीकरण निम्नलिखित तकलीक से निर्धारित होता है – समाजमिति तकनीक 618. मूल प्रवृत्तियों में जिसका वर्गीकरण मौलिक और सर्वमान्य है , वह है – मैक्डूगल 619. समायोजन की विधियां है – उदात्तीकराण् , प्रक्षेपण , प्रतिगमन 620. समायोजन दूषित होता है – कुण्ठा से व संघर्ष से 621. एक समायोजित व्यक्ति की विशेषता नहीं है – वैयक्तिक उद्देश्यों का प्रदर्शन 622. बालक के लिए मानसिक स्वास्थ्य के विकास के लिए पाठ्यक्रम होना चाहिए – रुचियों के अनुकूल 623. वैयक्तिक विभिन्नता का मुख्य कारण निम्नलिखित में से है – आयु एवं बुद्धि का प्रभाव 624. बालक को सीखने के समय ही जिस क्रिया को सीखना होता है , टेपरिकॉर्डर पर रिकॉर्ड करके उसका सम्बन्ध मस्तिष्क से कर दिया जाता है। यह कथन है – सुप्त अधिगम 625. निम्न में से अधिगम की विधियां है – ये विधि 626. ” अपनी स्वाभाविक त्रुटियों के कारण वैज्ञानिक विधि के रूप में निरीक्ष्ाण विधि अविश्वसनीय है। ” यह कथन है – डगलस एवं हालैण्ड का 627. साक्षात्कार को माना जाता है – आत्मनिष्ठ विधि 628. साक्षात्कार मे कम-से-कम व्यक्तियों की संख्या होती है – दो 629. किसी उद्देश्य से किया गया गम्भीर वार्तालाप ही साक्षात्कार है। यह कथन है – गुड एवं हैट का 630. साक्षात्कार को समस्या समाधान के रूप में किस विद्वान ने परिभाषित किया है – जे. सी. अग्रवाल ने 631. साक्षात्कार का स्वरूप होता है – विभिन्न प्रकार का 632. नैदानिक साक्षात्कार का प्रमुख उद्देश्य होता है – समस्या के कारणों की खोज, घटना के कारणों की खोज 633. व्यक्तिय��ं को रोजगार प्रदान करने से पूर्व किया गया साक्षात्कार कहलाता हैं – नैदानिक साक्षात्कार 634. शोध साक्षातकार का उद्देश्य होता है – शोधकर्ता के ज्ञान की परीक्षा 635. एक बालक को शिक्षक के द्वारा पढ़ने के लिए सलाह दी जाती है तथा पढ़ाई में आने वाली विभिन्न समस्याओं का समाधान किया जाता है। इस प्रकार के साक्षात्कार को माना जायेगा – परामर्श साक्षात्कार 636. निम्नलिखित में कौन-सी प्रविधि साक्षात्कार से सम्बन्धित है – निर्देशात्मक प्रविधि , अनिर्देशात्मक प्रविधि साक्षात्कार का प्रथम सोपान है – समस्या की जानकारी प्राप्त करना। 637. क्रो एण्ड क्रो के अनुसार साक्षात्कार का प्रयोग किया जाता है – निर्देशन में 638. किस विद्वान ने साक्षात्कार को परामर्श की प्रक्रिया माना है – रूथ स्ट्रैंग ने 639. निम्नलिखित में कौन-सा तथ्य साक्षात्कार की दशाओं से सम्बन्धित है – उचित वातावरण , आत्मीय व्यवहार , पर्याप्त समय 640. ग्रीनवुड के अनुसार प्रयोग प्रभाव होता है – उपकल्पना का 641. उपकल्पना का निर्माण प्रयोग का सोपान है – द्वितीय 642.” चर वह लक्षण या गुण है जो विभिन्न प्रकार के मूल्य ग्रहण कर लेता है। ” यह कथन है – पोस्टमैन का तथा ईगन का 643. प्रयोग के परिणाम में जांच होती है – उपकल्पना की 644. विवरणात्मक विधि में तथ्य या घटनाओं को एकत्रित किया जाता है – विवरणात्मक रूप में 645. विकासात्मक पद्धति का द्वितीय नाम है – उत्पत्तिमूलक विधि 646. गर्भावस्था से किशोरावस्था तक बालकों की वृद्धि एवं विकास का अध्ययन सम्बन्धित है – विकासात्मक विधि से 647. मानसिक उपचारों एवं बौद्धिक अवनति से सम्बन्धित तथ्यों का अध्ययन करने वाली विधि को किस नाम से जाना जाता है – उपचारात्मक विधि 648. गिलफोर्ड द्वारा चिन्तन का माना गया है – प्रतीकात्मक व्यवहार 649. वैलेन्टाइन ने चिन्तन को स्वीकार किया है – श्रृंखलाबद्ध विचारों के रूप में 650. गैरेट के अनुसार चिन्तन है – रहस्यपूर्ण व्यवहार 651. गैरेट चिन्तन में प्रतीकों के अन्तर्गत सम्मिलित करता है – बिम्बों को , विचारों को , प्रत्ययों को 652. चिन्तन है – संज्ञानात्मक क्रिया 653. चिन्तन की आवश्यकता होती है – समस्या समाधान के लिए 654. एक बालक कक्षा में अमर्यादित व्यवहार करता है तो शिक्षक को उसकी गतिविधि के 655. आधार पर उसके बारे में करना चाहिए – चिन्तन एवं विचार 656. परीक्षा में सही प्रश्न का उत्तर याद करने के लिए छात्रों द्वारा की जाती है – चिन्तन 657. निम्नलिखित में कौन-सा तथ्य चिन्तन के साधनों से सम्बन्धित है – प्रतिमा , प्रत्यय , प्रतीक 658. निम्नलिखित में कौन-सा तथ्य चिन्तन के साधनों से सम्बन्धित नहीं है – प्रतीक 659. कक्षा में बालक शहीद भगत सिंह की प्रतिमा को देखकर चिन्तन करता है तो वह चिन्तन के किस साधन का प्रयोग करता है – प्रतिमा 660. शिक्षक द्वारा क से कलम तथा अ से अनार बताया जाता है तो छात्र कलम एवं अनार के 661. बारे में चिन्तन करता है। शिक्षक द्वारा चिन्तन की प्रक्रिया में चिन्तन के किस साधन का प्रयोग किया गया – प्रत्यय 662. + के चिन्ह को देखकर छात्र इसके विभिन्न पक्षों पर चिन्तन प्रारम्भ कर देता है। इसका 663. यह प्रयास चिन्तन के किस साधन का प्रयोग माना जायेगा – प्रतीक एवं चिन्ह 664. एक छात्र अपने शिक्षक को देखकर उसके गुण एवं व्यवहार के बारे में चिन्तन करने लगता है , चिन्तन का यह स्वरूप कहलायेगा – प्रत्यक्ष चिन्तन 665. एक बालक कक्षा अध्यापक को देखकर कहता है कि सर आ गये बालक के चिन्तन का यह स्वरूप कहलायेगा – प्रत्यक्षात्मक चिन्तन 666. किस शिक्षा शास्त्री ने विचारात्मक चिन्तन को ही प्रमुख रूप से स्वीकार किया है – फ्रॉबेल ने 667. एक शिक्षक गृहकार्य न करने वाले छात्रों के बारे में पूर्ण चिन्तन करने के बाद उनको गृहकार्य करके लाने में प्रेरित करते हुए इस समस्या का समाधान करता है उसका यह चिन्तन माना जायेगा – विचारात्मक चिन्तन 668. विभिन्न प्रकार के शैक्षिक अनुसन्धान एक आविष्कार से सम्बन्धित चिन्तन को सम्मिलित किया जा सकता है – सृजनात्मक चिन्तन 669. चित्त की योग्यता निर्भर करती है – बुद्धि पर 670. चिन्तन की योग्यता सर्वाधिक पायी जाती है – प्रतिभाशाली बालक में 671. जिस बालक में ज्ञान के प्रति रुचि होगी उसका चिन्तन स्तर होगा – सर्वोत्तम 672. चिन्तन के विकास हेतु बालक को किस विधि से शिक्षण करना चाहिए – समस्या समाधान विधि 673. बालक के समक्ष समस्या प्रस्तुत करने से बालक में विकास होगा – चिन्तन का 674. जो छात्र तार्किक दृष्टि से कमजोर होते हैं अर्थात् तर्क का स्तर सामान्य से कम होता है उनका चिन्तन होता है – सामान्य से कम 675. निम्नलिखित में किस तथ्य का चिन्तन में महत्वपूर्ण योगदान होता है – रुचि , तर्क , बुद्धि 676. गैरेट के अनुसार तर्क का सम्बन्ध होता है – क्रमानुसार चिन्तन से 677. बुडवर्थ के अनुसार तर्क है – तथ्य एवं सिद्धान्तों का मिश्रण 678. स्किनर के अनुसार तर्क का आशय है – कारण एवं प्रभावों के सम्बन्धों की मानसिक स्वीकृति से 679. तर्क द्वारा प्राप्त किया जा सकता है – निश्चित लक्ष्य 680. तर्क में किसी घटना के बारे में खोजा जाता है – घटना का कारण 681. तर्क में प्रमुख भूमिका होती है – पूर्व ज्ञान की , पूर्व अनुभव की , पूर्व अनुभूतियों की 682. तर्क में प्रमुख प्रकार माने जाते हैं – दो 683. वे बालक जो सामाजिक, भावनात्मक, बौद्धि , शैक्षिक किसी भी या सभी पक्षों में औसत बालकों से भिन्न होते हैं तथा सामान्य विद्यालयी कार्यक्रम उनके लिए पर्याप्त नहीं होते हैं , कहलाते हैं – असामान्य बालक 684. व्यक्ति के मानसिक तनाव को कम करने की प्रत्यक्ष विधि है – बाधा दूर करना 685. बाल अपराध के लिए बुरी संगति को उत्तरदायी किसने माना है – ही��ी व ब्रोनर ने 686. पिछड़े बालकों को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रसर करने के लिए क्या करना चाहिए – घर तथा स्कूल में बालकों के समायोजन में सहायता, विशेष स्कूलों की व्यवस्था , पाठान्तर क्रियाओं की व्यवस्था 687. मानसिक रूप से पिछड़े बालकों की समस्या निम्न में से नहीं है – परिवार में समायोजित होते हैं। 688. बाल अपराध को दूर करने के लिए क्या करना चाहिए – परिवार के वातावरण में सुधार , स्कूल के वातावरण में सुधार , समाज के वातावरण में सुधार 689. बालापराध की वह विधि जिसमें बालक की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर सामाजिक वातावरण में परिवर्तन लाया जाता है , वह है – वातावरणात्मक विधि 690.” सृजनात्मकता मुख्यत: नवीन रचना या उत्पादन में होती है। ” यह कथन है – ड्यूबी का 691. गिलफोर्ड ने सृजनात्मकता के अनेक परीक्षण बताये हैं , जिनमें प्रमुख है – चित्रपूर्ति परीक्षण , प्रोडक्ट इम्प्रूवमैन्ट टास्क 692. टोरेन्स ने सृजनात्मक व्यक्ति की कितनी व्यक्तित्व विशेषताओं की सूची तैयार की है – 84 693. ” सृजनात्मकता का एक गुण है जिसमें किसी नवीन तथा इच्छित वस्तु का निर्माण किया जाता है। ” यह कथन है – इन्द्रेकर का 694. बालक के मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण है – विद्यालय का वातावरण , सामाजिक वातावरण , पारिवारिक वातावरण 695.” वह बालक जो अपने अध्ययन के मध्यकाल में अपनी कक्षा का कार्य जो उसकी आयु के अनुसार सामान्य है , करने में असमर्थ रहता है। ” वह कौन-सा बालक है – पिछड़ा बालक 696. कोई भी व्यवहार जो सामाजिक नियमों या कानूनों के विरुद्ध बालकों द्वारा किया जाता है , तो वह कहलाता है – बालापराध 697. निम्नलिखित में से कौन-सा कारक जटिल बालकों की जटिलताओं को जन्म नहीं देता है – अच्छी संगत 698. बालापराध के कारण है – वंशानुक्रमीय वातावरण , समाज व पारिवारिक वातावरण , विद्यालय का वातावरण 699. निम्न में से बालापराध का कारण नहीं है – वंशानुक्रम, मन्दबुद्धिता , निर्धनता 700. विकलांक बालकों से ��म – समझते हैं , जो शारीरिक दोष रखते हैं। Join Whats App Group
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CTET-HTET-REET Child Development Pedagogy Questions 701-800
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HTET-CTET-REET-UPTET Special
Sr. No. Download Link 1Child Development 101-200 Questions 2HTET-CTET-REET-UPTET Child Development 200-300 Questions 3Psychology Questions 4Child Development Questions Answers 5Important CTET-HTET-REET 6Child Development 120 Questions 7CTET-HTET-REET-UPTET & Other TET Child Development Questions 101-200 8CTET-HTET-REET-UPTET & Other TET Child Development Questions 201-300 9CTET-HTET-REET-UPTET & Other TET Child Development Questions 301-400 10CTET-HTET-REET-UPTET & Other TET Child Development Questions 401-500 11CTET-HTET-REET-UPTET & Other TET Child Development Questions 501-600 12 We are providing HTET-CTET-REET-UPTET Special GK Questions Links at here. 701वैयक्तिक भिन्नता का प्रमुख आधार है –वंशानुक्रम तथा पर्यावरण 702. निम्नलिखित कारण व्यक्तिगत भेद के हैं , सिवाय – शिक्षा व्यवस्था 703. व्यक्तिगत भेद के कारण है – वंशानुक्रम और वातावरण 704. वैयक्तिक विभिन्नता का कारण है – वंशानुक्रम 705. व्यक्तिगत भेद का यह कारण नहीं है – जनसंख्या वृद्धि 706.” व्यक्तिगत विभिन्नता में सम्पूर्ण व्यक्तित्व का कोई भी ऐसा पहलू सम्मिलित हो सकता है , 707. ” अन्य बालकों की विभिन्नताओं के मुख्य कारणों को प्रेरणा , बुद्धि , परपिक्वता, पर्यावरण सम्बन्धी उद्दीपन की विभिन्नताओं द्वारा व्यक्त किया जा सकता है। ” यह कथन किसका है – गैरिसन व अन्य का 708. जिसका माप किया जा सकता है। ” यह कथन किसका है ? – स्किनर का 709.” विद्यालय का यह कर्तव्य है कि वह प्रत्येक बालक के लिए उपयुक्त शिक्षा की व्यवस्था करे , भले ही वह अन्य सब बालकों से कितना ही भिन्न क्यों न हो। ” किसने लिखा है ? – क्रो एवं क्रो ने 710.” भय अनेक बालकों की झूठी बातों का मूल कारण होता है। ” यह कथन किस मनोवैज्ञानिक का है – स्ट्रैंग का 711. प्रतिभाशाली बालकों की बुद्धिलब्धि होती है – 130 से अधिक 712. असामान्य व्यक्तित्व वाले बालक होते हैं – प्रतिभाशाली 713. पिछड़े बालक वे हैं – जो किसी बात को बार-बार समझाने पर भी नहीं समझते हैं। 714.” शैक्षिक पिछड़ापन अनेक कारणों का परिणाम है। अधिगम में मन्दता उत्पन्न करने के लिए अनेक कारण एक साथ मिल जाते हैं। यह कथन किसने दिया है – कुप्पूस्वामी ने 715.” कोई भी बालक , जिसका व्यवहार सामान्य सामाजिक व्यवहार से इतना भिन्न हो जाए कि उसे समाज विरोधी कहा जा सके , बाल-अपराधी है। ” यह कथन किसका है – गुड का 716. प्रतिभाशाली बालक की विशेषता इनमें से कौन-सी है ? – साहसी जीवन पसन्द करते हैं , खेल में अधिक रुचि लेते है , अमूर्त विषयों में रुचि लेते हैं, 717. बाल-अपराध के प्रमुख कारण है – आनुवंशिक कारण , शारीरिक कारण , मनोवैज्ञानिक कारण 718. समस्यात्मक बालकोंके प्रमुख प्रकारों में किसको सम्मिलित नहीं करेंगे? – अनुशासन में रहने वाले बालक को 719. मन्दबुद्धि बालक की स्किनर के अनुसार कौन-सी विशेषता है ? – दूसरों को मित्र बनाने की अधिक इच्छा , आत्मविश्वास का अभाव , संवेगात्मक और सामाजिक असमायोजन 720. प्रतिशाली बालकों की समस्या है – गिरोहों में शामिल होना , अध्यापन विधियां , स्कूल विषयों और व्यवसायों के चयन की समस्या 721. निम्नलिखित में समस्यात्मक बालक कौन है – चोरी करने वाले बालक 722. बालकों के समस्यात्मक व्यवहार का कारण नहीं है – मनोरंजन की सुविधा 723. वंचित वर्ग के बालकों के अन्तर्गत बालक आते हैं – अन्ध व अपंग बालक , मन्द-बुद्धि व हकलाने वाले बालक , पूर्ण बधिर या आंशिक बधिर 724. प्रतिभावान बालकों की पहचान किस प्रकार की जा सकती है – बुद्धि परीक्षा द्वारा, अभिरूचि परीक्षण द्वारा, उपलब्धि परीक्षण द्वारा 725. पिछड़ा बालक वह है जो – ” अपने अध्ययन के मध्यकाल में अपनी कक्षा कार्य , जो अपनी आयु के अनुसार एक कक्षा नीचे का है , करने में असमर्थ रहता है। ” उक्त कथन है – बर्ट का 726.” कुशाग्र अथवा प्रतिभावान बालक वे हैं जो लगातार किसी भी कार्य क्षेत्रमें अपनी कार्यकुशलता का परिचय देता है। ” उक्त कथन है – टरमन का 727. प्रतिभाशाली बालकों की समस्या निम्न में से नहीं है – समाज में समायोजन 728. प्रतिभाशाली बालक होते हैं – जन्मजात 729. विकलांग बालकों के अन्तर्गत आते हैं – नेत्रहीन बालक , शारीरिक-विकलांग बालक , गूंगे तथा बहरे बालक 730. प्रतिभावान बालकों में किस अवस्था के लक्षण शीघ्र दिखाई देते हैं – बाल्यावस्था के 731. विद्यालय में बालकों के मानसिक स्वास्थ्य को कौन-सा कारक प्रभावित करता है ? – मित्रता 732. मानसिक रूप से पिछड़े बालकों की विशेषता होती है – संवेगात्मक रूप से अस्थिर , रुचियां सीमित होती है , निरन्तर अवयवस्था का होना। 733. ” वह बालक जो व्यवहार के सामाजिक मापदण्ड से विचलित हो जाता है या भटक जाता है बाल अपराधी कहलाता है। ” उक्त कथन है – हीली का 734. शारीरिक रूप से विकलांग बालक निम्न में से नहीं होते हैं – स्वस्थ 735. सृजनशील बालकों का लक्षण है – जिज्ञासा 736. मन्द-बुद्धि बालक की विशेषता नहीं होती है , जो कि – बुद्धि-लब्धि 105 से 110 के बीच होना। 737. मानसिक रूप से पिछड़े बालकों की पहचान निम्न में से कर सकते हैं – बुद्धि परीक्षण , उपलब्धि परीक्षण , मन्द बुद्धि बालकों की विशेषताओं को कसौटी मानकर 738.” परामर्श का उद्देश्य है छात्र को अपनी विशिष्ट योजनाओं और उचित दृष्टिकोण का विकास करने के समाधान में सहायता देना। ” यह कथन है – जे . सी. अग्रवाल का 739. समायोजन मुख्य रूप से – व्यक्ति की आन्तरिक शकितयों पर निर्भर होता है , पर्यावरण की अनुकूलता पर निर्भर होता है। 740.” सृजनात्मक नई वस्तु का सृजन करने की योग्यता है। व्यापक अर्थ में , सृजनात्मक से तात्पर्य,नए विचारों एवं प्रतिभाओं के योग की कल्पना से है तथा (जब स्वयं प्रेरित हों, देसरे का अनुकरण न करें) विचारों का संश्लेषण हो और जहां मानसिक कार्य केवल दूसरों के विचार का योग न हो। ” उपर्युक्त कथन है – जेम्स ड्रेवर का 742. समस्यात्मक बालक के लक्षण है – विशेष प्रकार की शारीरिक रचना 743. सृजनात्मक योग्यता वाले बालकों की बुद्धि – प्रखर होती है 744. प्रतिभावान बालकों की पहचान किस प्रकार की जा सकती है – बुद्धि परीक्षा द्वारा, अभिरूचि परीक्षण द्वारा, उपलब्धि परीक्षण द्वारा 745. निम्नलिखित में से विशिष्ट योग्यता की मुख्य विशेषता है – विशिष्ट योग्यता व्यक्ति में भिन्न-भिन्न मात्रा पाई जाती है , इस योग्यता को प्रयास द्वारा अर्जित किया जा सकता है। 746. ” किसी व्यक्ति को कौन-से विषय पढ़ने चाहिए, कौन-से व्यवसाय करने चाहिए, किस क्षेत्र में उसे अधिक सफलता मिल सकती है। अभिरुचि निर्देशन करने के लिए अभिरुचियों के मापन की आवश्यकता पड़ती है। अभिरुचि परीक्षण का मुख्य अभिप्राय मानवीय पदार्थ का उत्तम प्रयोग करना है और अतिशय को रोकनाहै। ” उपर्युक्त कथन है – एन. तिवारी का 747. प्रतिभाशाली बालकों की समस्या है – गिरोहों में शामिल होना , अध्यापन विधियां , स्कूल विषयों और व्यवसायों के चयन की समस्या 748. अन्धे बालकों को शिक्षण दिया जाता है – ब्रैल पद्धति द्वारा 749. निम्नलिखित में समस्यात्मक बालककौन है – चोरी करने वाले बालक 750. ब्रोन फ्रेन बेनर ने समाजमिति विधि किस तथ्य का विवरण एवं मूल्यांकन माना है – सामाजिक स्थिति , सामाजिक ढांचा, सामाजिक चेष्टा 751. जेविंग्स के अनुसार समाजमिति विधि है – सामाजिक ढांचे की सरलतम प्रस्तुति, सामाजिक ढांचे की रेखीय प्रस्तुति 752. समाजमिति विधि में तथ्यों के प्रस्तुतीकरण एवं व्यवस्था के लिये प्रयोग की जाने वाली पद्धति है – समाज चित्र , समाज सारणी 753. बालकों के समस्यात्मक व्यवहार का कारण नहीं है – मनोरंजन की सुविधा 754. समाजमिति विधि के जन्मदाता है – मौरेनो 755. Who Shall Sevive पुस्तक के लेखक हैं – मौरेनो 756. वी.वी.अकोलकर के अनुसार सामाजिक प्रविधि है – समूह की संरचना की अध्ययन प्रविधि , समूह का स्तर मापने की प्रविधि 757. रेटिंग एंगल एवं प्रश्नावली किस प्रविधि से सम्बन्धित है – मूल्यांकन विधि से 758. व्यक्ति अध्ययन विधि में प्रमुख भूमिका होती है – सूचना की 759. ” व्यक्ति अध्ययन विधि का मुख्य उद्देश्य किसी कारण का निदान है। ” यह कथन है – क्रो एण्ड क्रो 760. ‘ एक बालक प्रतिदिन कक्षा से भाग जाता है। ‘ वह बालक है – पिछड़ा बालक 761. व्यक्ति अध्ययन विधि में किस प्रकार की सूचनाओं की आवश्यकता होती है – पारिवारिक, सामाजिक, सामान्य एवं शारीरिक 762. प्रतिभाशाली बालकों की शिक्षण विधि है – गतिवर्द्धन , सम्पन्नीकरण , विशिष्ट कक्षाएं 763. निम्न में से पलायनशीलता के कारण हैं – कल्पना की अधिकता , कुसमायोजन , दोषपूर्ण शिक्षण पद्धति 764. ” बालकों में सृजनाशीलता के विकास हेतु सकारात्मक अभिवृत्ति के निर्माण में विद्यालय 765. की महत्वपूर्ण भूमिका है। ” उक्त कथन है – डॉ. एस. एस. चौहान का 766. विद्यालयों में तीव्र एवं मन्द-बुद्धि बालकों के लिए निम्न में से शैक्षणिक व्यवस्था होनी चाहिए – अवसर की समानता , पाठ्यक्रम में समृद्धि , अहमन्यता को रोकना 767. ” सृजनात्मक से आशय पूर्ण अथवा आंशिक रूप से तीन वस्तु के उत्पादन से है। ” उक्त कथन है – रूसो का 768. विशिष्ट बालक में प्रमुख विशेषता है – साधारण बालकों से भिन्न गुण एवं व्यवहार वाला बालक 769. प्र���िभाशाली बालक की विशेषता है – तर्क , स्मृति , कल्पना, आदि मानसिक तत्वों का विकास। उदार एवं हॅसमुख प्रवृत्ति के होते है , दूसरों का सम्मान करते हैं , चिढ़ाते नहीं हैं 770. विशिष्ट बालकों की श्रेणी में आते हैं केवल – प्रतिभाशाली बालक , पिछड़े बालक , समस्यात्मक बालक 771.” एक व्यक्ति जिसमें कोई इस प्रकार का शारीरिक दोष होता है जो किसी भी रूप में उसे सामान्य क्रियाओं में भाग लेने से रोकता है या उसे सीमित रखता है , उसको हम विकलांग कह सकते हैं। ” यह कथन है – क्रो एवं क्रो का 772.” प्रतिभाशाली बालक 80 प्रतिशत धैर्य नहीं खोते , 96 प्रतिशत अनुशासित होते हैं तथा 58 प्रतिशत मित्र बनाने की इच्छा रखते हैं। ” यह कथन है – विटी का 773. समस्यात्मक बालकों की शिक्षा के समय निम्न बातें ध्यान में रखनी चाहिए – बालकों को मनोरंजन के उचित अवसर दिये जाएं। शिक्षकों का मधुर व सहायोगात्मक व्यवहार 774. ‘Survey of the Education of Gifted Children’ नामक पुस्तक लिखी है – ��ैविंगहर्स्ट ने 775. ‘The Causes and Treatment of Backwardness’ नामक पुस्तक लिखी है – बर्ट ने 776. प्रतिभाशाली बच्चों की पहचान की जा सकती है – विधिवत अवलोकन द्वारा , प्रमापीकृत परीक्षणों द्वारा 777. ‘Introduction of Psychology’ नामक पुस्तक लिखी है – हिलगार्ड व अटकिंसन ने 778. प्रतिभाशाली बालकों को कहा जाता है – श्रेष्ठ बालक , तीव्र सीखने वाले, निपुण बालक 779. जिस सहानुभूति में क्रियाशीलता होती है , वह है – निष्क्रिय 780. बालक को सामाजिक व्यवहार की शिक्षा दी जा सकती है – शारीरिक गतियों से 781.” निर्देशन वह सहायता है जो एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को विकल्प चुनने एवं समायोजन प्राप्त करने तथा समस्या हल करने के लिए दी जाती है। ” उक्त कथन है – जोन्स का 782. दूसरे व्यक्तियों में संवेग देखकर हम उसका करने लगते है – घृणा 783. निष्क्रिय सहानुभूति होती है – मौखिक व कृत्रिम 784. प्रतिभावान बालकों की पहचान करने के लिए हमें सबसे अधिक महत्व – वस्तुनिष्ठ परीक्षणों को देना चाहिए। 785. ” कक्षा में जो सम्बन्धों के प्रतिमान अथवा समूह परिस्थिति होती है वह सीखने पर प्रभाव डालती है। ” उक्त कथन है – बोवार्ड का 786.” कक्षा-शिक्षण में जो सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव हैं ; वह दूसरों के साथ अन्त:क्रिया करना है। ” उक्त कथन है – रिट का 787. निम्न में से निर्देशन दिया जा सकता है – अध्यापक को , डॉक्टरों को छात्रों को 788.” ऐसे व्यक्ति जिनमें ऐसा शारीरिक दोष होता है जो किसी भी रूप में उसे साधारण क्रियाओं में भाग लेने से रोकता है या उसे सीमित रखता है , ऐसे व्यक्ति को हम विकलांग व्यक्ति कह सकते हैं। ” उक्त कथन है – क्रो एवं क्रो का 789. जो निर्देशन एक व्यक्ति को उसकी व्यावसायिक तथा जीविका में उननति सम्बन्धी समस्याओं को हल करने के लिए उसकी व्यक्तिगत विशेषताओं को उसके जीविका सम्बन्धी अवसरों के सम्बन्ध में ध्यान रखते हुए दिया जाता है , वह कहलाता है – व्यावसायिक निर्देशन 790. ” प्रभावशाली बालक वे होते हैं जिनका नाड़ी संस्थान श्रेष्ठ होता है। ” उक्त कथन है – सिम्पसन का , तयूकिंग का 791. गम्भीर मन्दितमना वाले बालकों की शिक्षा-लब्धि होती है – 19 से कम 792. सृजनात्मक बालक की प्रकृति होती है – सृजनात्मक बालक सदैव सफलता की ओर उन्मुख रहते हैं। 793. मन्दगति से सीखने वाले बालकों की शिक्षा के लिए क्या कदम उठाना चाहिए – आवासीय विद्यालय , विशेष विद्यालय , विशेष कक्षा 794. ” विशिष्ट बालक वह है जो मानसिक , शारीरिक व सामाजिक विशेषताओं से युक्त होते हैं ”, उक्त कथन है – क्रिक का 795. बालापराध का कारण दूषित वातावरण भी होता है। दूषित वातावरण से आशय है – वेश्यालय, शराबखाना , जुआघर 796. निम्न में से पिछड़े बालक की समस्या है – स्कूल सम्बन्धी समस्याएं, संवेगात्मक समस्याएं, सामाजिक समस्याएं 797. शारीरिक रूप से अक्षम बालकों को किस श्रेणी में रखते हैं – विकलांग 798. ” प्रतिभाशाली बालक शारीरिक गठन , सामाजिक समायोजन , व्यक्तित्व के गुणों , विद्यालय उपलब्धि , खेल की सूचनाओं और रुचियों की विविधता में औसत बालकों से श्रेष्ठ होते हैं। ” यह कथन है – टरमन एवं ओडम का 799. निम्नलिखित में कौन-सा तथ्य सांख्यिाकीय विधि से सम्बन्धित है – संकलन , वर्गीकरण , विश्लेषण 800. टरमन के अनुसार प्रतिभाशाली बालक की बुद्धि-लब्धि कितने से अधिक होती है – 140   Join Whats App Group
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500+ CTET HTET PSYCHOLOGY QUESTIONS ANSWERS
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शिक्षा मनोविज्ञान की संपूर्ण तैयारी एक ही पोस्ट मे 1)मनोविज्ञान के जनक= विलियम जेम्स 2)आधुनिक मनोविज्ञान के जनक= विलियम जेम्स 3)प्रकार्यवाद साम्प्रदाय के जनक= विलियम जेम्स 4)आत्म सम्प्रत्यय की अवधारणा= विलियम जेम्स 5)शिक्षा मनोविज्ञान के जनक= थार्नडाइक 6)प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत= थार्नडाइक 7)प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत= थार्नडाइक 8)संयोजनवाद का सिद्धांत= थार्नडाइक 9)उद्दीपन-अनुक्रिया का सिद्धांत= थार्नडाइक 10) S-R थ्योरी के जन्मदाता= थार्नडाइक 11)अधिगम का बन्ध सिद्धांत= थार्नडाइक 12) संबंधवाद का सिद्धांत= थार्नडाइक 13) प्रशिक्षण अंतरण का सर्वसम अवयव का सिद्धांत= थार्नडाइक 14)बहु खंड बुद्धि का सिद्धांत= थार्नडाइक 15)बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक= बिने एवं साइमन 16) बुद्धि परीक्षणों के जन्मदाता= बिने 17) एक खंड बुद्धि का सिद्धांत= बिने 18) दो खंड बुद्धि का सिद्धांत= स्पीयरमैन 19) तीन खंड बुद्धि का सिद्धांत= स्पीयरमैन 20)सामान्य व विशिष्ट तत्वों के सिद्धांत के प्रतिपादक= स्पीयरमैन 21) बुद्धि का द्वय शक्ति का सिद्धांत= स्पीयरमैन 22) त्रि-आयाम बुद्धि का सिद्धांत= गिलफोर्ड 23)बुद्धि संरचना का सिद्धांत= गिलफोर्ड 24) समूह खंड बुद्धि का सिद्धांत= थर्स्टन 25) युग्म तुलनात्मक निर्णय विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन 26) क्रमबद्ध अंतराल विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन 27) समदृष्टि अन्तर विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन व चेव 28)न्यादर्श या प्रतिदर्श(वर्ग घटक) बुद्धि का सिद्धांत= थॉमसन 29) पदानुक्रमिक(क्रमिक महत्व) बुद्धि का सिद्धांत= बर्ट एवं वर्नन 30) तरल-ठोस बुद्धि का सिद्धांत= आर. बी. केटल 31) प्रतिकारक (विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक= आर. बी. केटल 32) बुद्धि ‘क’ और बुद्धि ‘ख’ का सिद्धांत= हैब 33) बुद्धि इकाई का सिद्धांत= स्टर्न एवं जॉनसन 34)बुद्धि लब्धि ज्ञात करने के सुत्र के प्रतिपादक= विलियम स्टर्न 35) संरचनावाद साम्प्रदाय के जनक= विलियम वुण्ट 36) प्रयोगात्मक मनोविज्ञान के जनक= विलियम वुण्ट 37) विकासात्मक मनोविज्ञान के प्रतिपादक= जीन पियाजे 38)संज्ञानात्मकविकास का सिद्धांत= जीन पियाजे 39) मूलप्रवृत्तियोंके सिद्धांत के जन्मदाता= विलियम मैक्डूगल 40)हार्मिक का सिध्दान्त= विलियम मैक्डूगल 41) मनोविज्ञान को मन मस्तिष्क का विज्ञान= पोंपोलॉजी 42) क्रिया प्रसूत अनुबंधन का सिध्दान्त= स्किनर 43)सक्रिय अनुबंधन का सिध्दान्त= स्किनर 44) अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव 45) संबंध प्रत्यावर्तन का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव 46) शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव 47)प्रतिस्थापक का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव 48) प्रबलन(पुनर्बलन) का सिद्धांत= सी. एल. हल 49) व्यवस्थित व्यवहार का सिद्धांत= सी. एल. हल 50)सबलीकरण का सिद्धांत= सी. एल. हल 51) संपोषक का सिद्धांत= सी. एल. हल 52) चालक /अंतर्नोद(प्रणोद) का सिद्धांत= सी. एल. हल53) अधिगम का सूक्ष्म सिद्धान्त= कोहलर 54) सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धांत= कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का 55)गेस्टाल्टवादसम्प्रदाय के जनक= कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का 56) क्षेत्रीय सिद्धांत= लेविन 57) तलरूप का सिद्धांत= लेविन 58) समूह गतिशीलता सम्प्रत्यय के प्रतिपादक= लेविन 59)सामीप्य संबंधवाद का सिद्धांत= गुथरी 60) साईन(चिह्न) का सिद्धांत= टॉलमैन 61> सम्भावना सिद्धांत के प्रतिपादक= टॉलमैन 62> अग्रिम संगठक प्रतिमान के प्रतिपादक= डेविड आसुबेल 63> भाषायी सापेक्षता प्राक्कल्पना के प्रतिपादक= व्हार्फ 64> मनोविज्ञान के व्यवहारवादी सम्प्रदाय के जनक= जोहन बी. वाटसन 65> अधिगम या व्यव्हार सिद्धांत के प्रतिपादक= क्लार्क 66> सामाजिक अधिगम सिद्धांत के प्रतिपादक= अल्बर्ट बाण्डूरा 67> पुनरावृत्ति का सिद्धांत= स्टेनले हॉल 68> अधिगम सोपानकी के प्रतिपादक= गेने 69> विकास के सामाजिक प्रवर्तक= एरिक्सन 70> प्रोजेक्ट प्रणाली से करके सीखना का सिद्धांत= जान ड्यूवी 71> अधिगम मनोविज्ञान का जनक= एविग हास 72> अधिगम अवस्थाओं के प्रतिपादक= जेरोम ब्रूनर 73> संरचनात्मक अधिगम का सिद्धांत= जेरोम ब्रूनर 74> सामान्यीकरण का सिद्धांत= सी. एच. जड 75> शक्ति मनोविज्ञान का जनक= वॉल्फ 76> अधिगम अंतरण का मूल्यों के अभिज्ञान का सिद्धांत= बगले 77> भाषा विकास का सिद्धांत= चोमस्की 78> माँग-पूर्ति(आवश्यकता पदानुक्रम) का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो) 79> स्व-यथार्थीकरण अभिप्रेरणा का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो) 80> आत्मज्ञान का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो) 81> उपलब्धि अभिप्रेरणा का सिद्धांत= डेविड सी.मेक्लिएंड 82> प्रोत्साहन का सिद्धांत= बोल्स व काफमैन 83> शील गुण(विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक= आलपोर्ट 84> व्यक्तित्व मापन का माँग का सिद्धांत= हेनरी मुरे 85> कथानक बोध परीक्षण विधि के प्रतिपादक= मोर्गन व मुरे 1.Psychology शब्द का सबसे पहले प्रयोग किया – रुडोल्फ गॉलकाय द्वारा 1590 में 2. Psychology की प्रथम पुस्तक Psychologia लिखी - रुडोल्फ गॉलकाय ने 3. Psychology शब्द की उत्पत्ति हुई है – Psyche +Logos यूनानी भाषा के दो शब्दों से 4. विश्व की प्रथम Psychology Lab – 1879 में विलियम वुंट द्वारा जर्मनी में स्थापित 5. विश्व का प्रथम बुद्धि परीक्षण – 1905 में बिने व साइमन द्वारा * भारत का प्रथम बुद्धि परीक्षण – 1922 में सी. एच. राईस द्वारा 6. आधुनिक मनोविज्ञान का जनक – विलियम जेम्स 7. आधुनिक मनोविज्ञान के प्रथम मनोवैज्ञानिक – डेकार्टे 8. किन्डरगार्टन विधि के प्रतिपादक – फ्रोबेल 9. डाल्टन विधि के प्रत��पादक – मिस हेलेन पार्कहर्स्ट 10. मांटेसरी विधि के प्रतिपादक – मैडम मारिया मांटेसरी 11. संज्ञानात्मक आन्दोलन के जनक – अल्बर्ट बांडूरा 12. मनोविज्ञान के विभिन्न सिद्धांत/संप्रदाय और उनके जनक – गेस्टाल्टवाद (1912) – कोहलर, कोफ्का, वर्दीमर व लेविन संरचनावाद (1879)– विलियम वुंट व्यवहारवाद (1912) – जे. बी. वाटसन मनोविश्लेशणवाद (1900) – सिगमंड फ्रायड विकासात्मक/संज्ञानात्मक – जीन पियाजे संरचनात्मक अधिगम की अवधारणा – जेरोम ब्रूनर सामाजिक अधिगम सिद्धांत (1986) – अल्बर्ट बांडूरा संबंधवाद (1913) – थार्नडाईक अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धांत (1904) – पावलव क्रियाप्रसूत अनुबंधन सिद्धांत (1938) – स्किनर प्रबलन/पुनर्बलन सिद्धांत (1915) – हल अन्तर्दृष्टि/सूझ सिद्धांत (1912) - कोहलर 13. व्यक्तितत्व मापन की प्रमुख प्रक्षेपी विधियाँ प्रासंगिक अंतर्बोध परीक्षण (T.A.T.) बाल अंतर्बोध परीक्षण (C.A.T.) स्याही धब्बा परीक्षण (I.B.T.) वाक्य पूर्ति परीक्षण (S.C.T.) 14. व्यक्तितत्व मापन की प्रमुख अप्रक्षेपी विधियाँ अनुसूची प्रश्नावली साक्षात्कार आत्मकथा विधि व्यक्ति इतिहास विधि निरीक्षण समाजमिति शारीरिक परीक्षण स्वप्न विश्लेषण मानदंड मूल्यांकन विधि स्वंतत्र साहचर्य परीक्षण (F.W.A.T.) 15. बुद्धि के सिद्धांत और उनके प्रतिपादक – एक खण्ड का /निरंकुशवादी सिद्धांत (1911) – बिने, टरमन व स्टर्न द्वि खण्ड का सिद्धांत (1904) – स्पीयरमैन तीन खण्ड का सिद्धांत – स्पीयरमैन बहु खण्ड का सिद्धांत – थार्नडाईक समूह कारक सिद्धांत – थर्स्टन व कैली 16. बुद्धि लब्धि (I.Q.) ज्ञात करने का सूत्र – बुद्धि लब्धि (I.Q.) = मानसिक आयु (M.A.)/ वास्तविक आयु (C.A.)×100 17. बुद्धि लब्धि (I.Q.) ज्ञात करने के सूत्र का प्रतिपादक – विलियम स्टर्न (1912) 18. बुद्धि लब्धि (I.Q.) ज्ञात करने के सूत्र का सर्वप्रथम प्रयोग – (1916) 19. बुद्धि लब्धि (Intelligent Quotient) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग – टरमन 20. मानसिक आयु (Mental Age) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग – बिने (1908) 21. वैयक्तिक भाषात्मक बुद्धि परीक्षण/ परीक्षाएँ – बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण – बिने & थियोडर साइमन (1905,1908,1911) स्टेनफोर्ड-बिने स्केल – स्टेनफोर्ड वि.वि. में बिने द्वारा (1916,1937,1960) 22. वैयक्तिक क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण/ परीक्षाएँ – पोर्टियस भूल-भूलैया परीक्षण – एस. डी. पोर्टियस (1924) वैश्लर-वैल्यूब बुद्धि परीक्षण – डी. वैश्लवर (1944,1955) 23. सामूहिक भाषात्मक बुद्धि परीक्षण/ परीक्षाएँ – आर्मी अल्फ़ा परीक्षण – आर्थर एस. ओटिस (1917) सेना सामान्य वर्गीकरण (A.G.C.T.) - (1945) 24. सामूहिक क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण/ परीक्षाएँ – आर्मी बीटा परीक्षण - आर्थर एस. ओटिस (1919) शिकागो क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण – 6 वर्ष से वयस्कों की बुद्धि का मापन 25. ‘ हिन्दुस्तानी क्रिया परीक्षण’ - (1922) सी. एच. राईस शिक्षा मनोविज्ञान नोट्स 1)मनोविज्ञान के जनक= विलियम जेम्स 2)आधुनिक मनोविज्ञान के जनक= विलियम जेम्स 3)प्रकार्यवाद साम्प्रदाय के जनक= विलियम जेम्स 4)आत्म सम्प्रत्यय की अवधारणा= विलियम जेम्स 5)शिक्षा मनोविज्ञान के जनक= थार्नडाइक 6)प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत= थार्नडाइक 7)प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत= थार्नडाइक 8)संयोजनवाद का सिद्धांत= थार्नडाइक 9)उद्दीपन-अनुक्रिया का सिद्धांत= थार्नडाइक 10) S-R थ्योरी के जन्मदाता= थार्नडाइक 11)अधिगम का बन्ध सिद्धांत= थार्नडाइक 12) संबंधवाद का सिद्धांत= थार्नडाइक 13) प्रशिक्षण अंतरण का सर्वसम अवयव का सिद्धांत= थार्नडाइक 14)बहु खंड बुद्धि का सिद्धांत= थार्नडाइक 15)बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक= बिने एवं साइमन 16) बुद्धि परीक्षणों के जन्मदाता= बिने 17) एक खंड बुद्धि का सिद्धांत= बिने 18) दो खंड बुद्धि का सिद्धांत= स्पीयरमैन 19) तीन खंड बुद्धि का सिद्धांत= स्पीयरमैन 20)सामान्य व विशिष्ट तत्वों के सिद्धांत के प्रतिपादक= स्पीयरमैन 21) बुद्धि का द्वय शक्ति का सिद्धांत= स्पीयरमैन 22) त्रि-आयाम बुद्धि का सिद्धांत= गिलफोर्ड 23)बुद्धि संरचना का सिद्धांत= गिलफोर्ड 24) समूह खंड बुद्धि का सिद्धांत= थर्स्टन 25) युग्म तुलनात्मक निर्णय विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन 26) क्रमबद्ध अंतराल विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन 27) समदृष्टि अन्तर विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन व चेव 28)न्यादर्श या प्रतिदर्श(वर्ग घटक) बुद्धि का सिद्धांत= थॉमसन 29) पदानुक्रमिक(क्रमिक महत्व) बुद्धि का सिद्धांत= बर्ट एवं वर्नन 30) तरल-ठोस बुद्धि का सिद्धांत= आर. बी. केटल 31) प्रतिकारक (विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक= आर. बी. केटल 32) बुद्धि ‘क’ और बुद्धि ‘ख’ का सिद्धांत= हैब 33) बुद्धि इकाई का सिद्धांत= स्टर्न एवं जॉनसन 34)बुद्धि लब्धि ज्ञात करने के सुत्र के प्रतिपादक= विलियम स्टर्न 35) संरचनावाद साम्प्रदाय के जनक= विलियम वुण्ट 36) प्रयोगात्मक मनोविज्ञान के जनक= विलियम वुण्ट 37) विकासात्मक मनोविज्ञान के प्रतिपादक= जीन पियाजे 38)संज्ञानात्मकविकास का सिद्धांत= जीन पियाजे 39) मूलप्रवृत्तियोंके सिद्धांत के जन्मदाता= विलियम मैक्डूगल 40)हार्मिक का सिध्दान्त= विलियम मैक्डूगल 41) मनोविज्ञान को मन मस्तिष्क का विज्ञान= पोंपोलॉजी 42) क्रिया प्रसूत अनुबंधन का सिध्दान्त= स्किनर 43)सक्रिय अनुबंधन का सिध्दान्त= स्किनर 44) अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव 45) संबंध प्रत्यावर्तन का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव 46) शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव 47)प्रतिस्थापक का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव 48) प्रबलन(पुनर्बलन) का सिद्धांत= सी. एल. हल 49) व्यवस्थित व्यवहार का सिद्धांत= सी. एल. हल 50)सबलीकरण का सिद्धांत= सी. एल. हल 51) संपोषक का सिद्धांत= सी. एल. हल 52) चालक /अंतर्नोद(प्रणोद) का सिद्धांत= सी. एल. हल 53) अधिगम का सूक्ष्म सिद्धान्त= कोहलर 54) सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धांत= कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का 55)गेस्टाल्टवाद सम्प्रदाय के जनक= कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का 56) क्षेत्रीय सिद्धांत= लेविन 57) तलरूप का सिद्धांत= लेविन 58) समूह गतिशीलता सम्प्रत्यय के प्रतिपादक= लेविन 59)सामीप्य संबंधवाद का सिद्धांत= गुथरी 60) साईन(चिह्न) का सिद्धांत= टॉलमैन 61> सम्भावना सिद्धांत के प्रतिपादक= टॉलमैन 62> अग्रिम संगठक प्रतिमान के प्रतिपादक= डेविड आसुबेल 63> भाषायी सापेक्षता प्राक्कल्पना के प्रतिपादक= व्हार्फ 64> मनोविज्ञान के व्यवहारवादी सम्प्रदाय के जनक= जोहन बी. वाटसन 65> अधिगम या व्यव्हार सिद्धांत के प्रतिपादक= क्लार्क 66> सामाजिक अधिगम सिद्धांत के प्रतिपादक= अल्बर्ट बाण्डूरा 67> पुनरावृत्ति का सिद्धांत= स्टेनले हॉल 68> अधिगम सोपानकी के प्रतिपादक= गेने 69> विकास के सामाजिक प्रवर्तक= एरिक्सन 70> प्रोजेक्ट प्रणाली से करके सीखना का सिद्धांत= जान ड्यूवी 71> अधिगम मनोविज्ञान का जनक= एविग हास 72> अधिगम अवस्थाओं के प्रतिपादक= जेरोम ब्रूनर 73> संरचनात्मक अधिगम का सिद्धांत= जेरोम ब्रूनर 74> सामान्यीकरण का सिद्धांत= सी. एच. जड 75> शक्ति मनोविज्ञान का जनक= वॉल्फ 76> अधिगम अंतरण का मूल्यों के अभिज्ञान का सिद्धांत= बगले 77> भाषा विकास का सिद्धांत= चोमस्की 78> माँग-पूर्ति(आवश्यकता पदानुक्रम) का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो) 79> स्व-यथार्थीकरण अभिप्रेरणा का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो) 80> आत्मज्ञान का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो) 81> उपलब्धि अभिप्रेरणा का सिद्धांत= डेविड सी.मेक्लिएंड 82> प्रोत्साहन का सिद्धांत= बोल्स व काफमैन 83> शील गुण(विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक= आलपोर्ट 84> व्यक्तित्व मापन का माँग का सिद्धांत= हेनरी मुरे 85> कथानक बोध परीक्षण विधि के प्रतिपादक= मोर्गन व मुरे 86> प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण (T.A.T.) विधिकेप्रतिपादक = मोर्गन व मुरे87> बाल -अन्तर्बोध परीक्षण (C.A.T.) विधि के प्रतिपादक= लियोपोल्ड बै���क 88> रोर्शा स्याही ध्ब्बा परीक्षण (I.B.T.) विधिकेप्रतिपादक = हरमन रोर्शा 89> वाक्य पूर्ति परीक्षण (S.C.T.) विधि के प्रतिपादक= पाईन व टेंडलर 90> व्यवहार परीक्षण विधि के प्रतिपादक= मे एवं हार्टशार्न 91> किंडरगार्टन(बालोद्यान ) विधि के प्रतिपादक= फ्रोबेल 92> खेल प्रणाली के जन्मदाता= फ्रोबेल 93> मनोविश्लेषण विधि के जन्मदाता= सिगमंड फ्रायड 94> स्वप्न विश्लेषण विधि के प्रतिपादक= सिगमंड फ्रायड 95> प्रोजेक्ट विधि के प्रतिपादक= विलियम हेनरी क्लिपेट्रि 96> मापनी भेदक विधि के प्रतिपादक= एडवर्ड्स व क्लिपेट्रिक 97> डाल्टन विधि की प्रतिपादक= मिस हेलेन पार्कहर्स्ट 98> मांटेसरी विधि की प्रतिपादक= मेडम मारिया मांटेसरी 99> डेक्रोली विधि के प्रतिपादक= ओविड डेक्रोली 100> विनेटिका(इकाई) विधि के प्रतिपादक= कार्लटन वाशबर्न 101>ह्यूरिस्टिक विधि के प्रतिपादक= एच. ई. आर्मस्ट्रांग 102> समाजमिति विधि के प्रतिपादक= जे. एल. मोरेनो 103> योग निर्धारण विधि के प्रतिपादक= लिकर्ट 104> स्केलोग्राम विधि के प्रतिपादक= गटमैन 105> विभेद शाब्दिक विधि के प्रतिपादक= आसगुड 106> स्वतंत्र शब्द साहचर्य परीक्षण विधि के प्रतिपादक= फ़्रांसिस गाल्टन 107> स्टेनफोर्ड- बिने स्केल परीक्षण के प्रतिपादक= टरमन 108> पोरटियस भूल-भुलैया परीक्षण के प्रतिपादक= एस.डी. पोरटियस 109> वेश्लर-वेल्यूब बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक= डी.वेश्लवर 110> आर्मी अल्फा परीक्षण के प्रतिपादक= आर्थर एस. ओटिस 111> आर्मी बिटा परीक्षण के प्रतिपादक= आर्थर एस. ओटिस 112> हिन्दुस्तानी बिने क्रिया परीक्षण के प्रतिपादक= सी.एच.राइस 113> प्राथमिक वर्गीकरण परीक्षण के प्रतिपादक= जे. मनरो 114> बाल अपराध विज्ञान का जनक= सीजर लोम्ब्रसो 115> वंश सुत्र के नियम के प्रतिपादक= मैंडल 116> ब्रेल लिपि के प्रतिपादक= लुई ब्रेल 117> साहचर्य सिद्धांत के प्रतिपादक= एलेक्जेंडर बैन 118> “सीखने के लिए सीखना” सिद्धांत के प्रतिपादक= हर्लो 119> शरीर रचना का सिद्धांत= शैल्डन 120>व्यक्तित्व मापन के जीव सिद्धांत के प्रतिपादक-गोल्डस्टीन। : प्रतिपादक => मनोविज्ञान के जनक = विलियम जेम्स => आधुनिक मनोविज्ञान के जनक = विलियम जेम्स => प्रकार्यवाद साम्प्रदाय के जनक = विलियम जेम्स => आत्म सम्प्रत्यय की अवधारणा = विलियम जेम्स => शिक्षा मनोविज्ञान के जनक = थार्नडाइक => प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत = थार्नडाइक => प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत = थार्नडाइक => संयोजनवाद का सिद्धांत = थार्नडाइक => उद्दीपन-अनुक्रिया का सिद्धांत = थार्नडाइक => S-R थ्योरी के जन्मदाता = थार्नडाइक => अधिगम का बन्ध सिद्धांत = थार्नडाइक => संबंधवाद का सिद्धांत = थार्नडाइक => प्रशिक्षण अंतरण का सर्वसम अवयव का सिद्धांत = थार्नडाइक => बहु खंड बुद्धि का सिद्धांत = थार्नडाइक => बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक = बिने एवं साइमन => बुद्धि परीक्षणों के जन्मदाता = बिने => एक खंड बुद्धि का सिद्धांत = बिने => दो खंड बुद्धि का सिद्धांत = स्पीयरमैन => तीन खंड बुद्धि का सिद्धांत = स्पीयरमैन => सामान्य व विशिष्ट तत्वों के सिद्धांत के प्रतिपादक = स्पीयरमैन => बुद्धि का द्वय शक्ति का सिद्धांत = स्पीयरमैन => त्रि-आयाम बुद्धि का सिद्धांत = गिलफोर्ड => बुद्धि संरचना का सिद्धांत = गिलफोर्ड => समूह खंड बुद्धि का सिद्धांत = थर्स्टन => युग्म तुलनात्मक निर्णय विधि के प्रतिपादक = थर्स्टन => क्रमबद्ध अंतराल विधि के प्रतिपादक = थर्स्टन => समदृष्टि अन्तर विधि के प्रतिपादक = थर्स्टन व चेव => न्यादर्श या प्रतिदर्श(वर्ग घटक) बुद्धि का सिद्धांत = थॉमसन => पदानुक्रमिक(क्रमिक महत्व) बुद्धि का सिद्धांत = बर्ट एवं वर्नन => तरल-ठोस बुद्धि का सिद्धांत = आर. बी. केटल => प्रतिकारक (विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक = आर. बी. केटल => बुद्धि ‘क’ और बुद्धि ‘ख’ का सिद्धांत = हैब => बुद्धि इकाई का सिद्धांत = स्टर्न एवं जॉनसन => बुद्धि लब्धि ज्ञात करने के सुत्र के प्रतिपादक = विलियम स्टर्न => संरचनावाद साम्प्रदाय के जनक = विलियम वुण्ट => प्रयोगात्मक मनोविज्ञान के जनक = विलियम वुण्ट => विकासात्मक मनोविज्ञान के प्रतिपादक = जीन पियाजे => संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत = जीन पियाजे => मूलप्रवृत्तियों के सिद्धांत के जन्मदाता = विलियम मैक्डूगल => हार्मिक का सिध्दान्त = विलियम मैक्डूगल => मनोविज्ञान को मन मस्तिष्क का विज्ञान = पोंपोलॉजी => क्रिया प्रसूत अनुबंधन का सिध्दान्त = स्किनर => सक्रिय अनुबंधन का सिध्दान्त = स्किनर => अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत = इवान पेट्रोविच पावलव => संबंध प्रत्यावर्तन का सिद्धांत = इवान पेट्रोविच पावलव => शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत = इवान पेट्रोविच पावलव => प्रतिस्थापक का सिद्धांत = इवान पेट्रोविच पावलव => प्रबलन(पुनर्बलन) का सिद्धांत = सी. एल. हल => व्यवस्थित व्यवहार का सिद्धांत = सी. एल. हल => सबलीकरण का सिद्धांत = सी. एल. हल => संपोषक का सिद्धांत = सी. एल. हल => चालक / अंतर्नोद(प्रणोद) का सिद्धांत = सी. एल. हल => अधिगम का सूक्ष्म सिद्धान्त = कोहलर => सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धांत = कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का => गेस्टाल्टवाद सम्प्रदाय के जनक = कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का => क्षेत्रीय सिद्धांत = लेविन => तलरूप का सिद्धांत = लेविन => समूह गतिशीलता सम्प्रत्यय के प्रतिपादक = लेविन => सामीप्य संबंधवाद का सिद्धांत = गुथरी => साईन(चिह्न) का सिद्धांत = टॉलमैन => सम्भावना सिद्धांत के प्रतिपादक = टॉलमैन => अग्रिम संगठक प्रतिमान के प्रतिपादक = डेविड आसुबेल => भाषायी सापेक्षता प्राक्कल्पना के प्रतिपादक = व्हार्फ => मनोविज्ञान के व्यवहारवादी सम्प्रदाय के जनक = जोहन बी. वाटसन => अधिगम या व्यव्हार सिद्धांत के प्रतिपादक = क्लार्क => सामाजिक अधिगम सिद्धांत के प्रतिपादक = अल्बर्ट बाण्डूरा => पुनरावृत्ति का सिद्धांत = स्टेनले हॉल => अधिगम सोपानकी के प्रतिपादक = गेने => विकास के सामाजिक प्रवर्तक = एरिक्सन => प्रोजेक्ट प्रणाली से करके सीखना का सिद्धांत = जान ड्यूवी => अधिगम मनोविज्ञान का जनक = एविग हास => अधिगम अवस्थाओं के प्रतिपादक = जेरोम ब्रूनर => संरचनात्मक अधिगम का सिद्धांत = जेरोम ब्रूनर => सामान्यीकरण का सिद्धांत = सी. एच. जड => शक्ति मनोविज्ञान का जनक = वॉल्फ => अधिगम अंतरण का मूल्यों के अभिज्ञान का सिद्धांत = बगले => भाषा विकास का सिद्धांत = चोमस्की => माँग-पूर्ति(आवश्यकता पदानुक्रम) का सिद्धांत = मैस्लो (मास्लो) => स्व-यथार्थीकरण अभिप्रेरणा का सिद्धांत = मैस्लो (मास्लो) => आत्मज्ञान का सिद्धांत = मैस्लो (मास्लो) => उपलब्धि अभिप्रेरणा का सिद्धांत = डेविड सी.मेक्लिएंड => प्रोत्साहन का सिद्धांत = बोल्स व काफमैन => शील गुण(विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक = आलपोर्ट => व्यक्तित्व मापन का माँग का सिद्धांत = हेनरी मुरे => कथानक बोध परीक्षण विधि के प्रतिपादक = मोर्गन व मुरे => प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण (T.A.T.) विधि के प्रतिपादक = मोर्गन व मुरे => बाल -अन्तर्बोध परीक्षण (C.A.T.) विधि के प्रतिपादक = लियोपोल्ड बैलक => रोर्शा स्याही ध्ब्बा परीक्षण (I.B.T.) विधि के प्रतिपादक = हरमन रोर्शा => वाक्य पूर्ति परीक्षण (S.C.T.) विधि के प्रतिपादक = पाईन व टेंडलर => व्यवहार परीक्षण विधि के प्रतिपादक = मे एवं हार्टशार्न => किंडरगार्टन(बालोद्यान ) विधि के प्रतिपादक = फ्रोबेल => खेल प्रणाली के जन्मदाता = फ्रोबेल => मनोविश्लेषण विधि के जन्मदाता = सिगमंड फ्रायड => स्वप्न विश्लेषण विधि के प्रतिपादक = सिगमंड फ्रायड => प्रोजेक्ट विधि के प्रतिपादक = विलियम हेनरी क्लिपेट्रिक => मापनी भेदक विधि के प्रतिपादक = एडवर्ड्स व क्लिपेट्रिक => डाल्टन विधि की प्रतिपादक = मिस हेलेन पार्कहर्स्ट => मांटेसरी विधि की प्रतिपादक = मेडम मारिया मांटेसरी => डेक्रोली विधि के प्रतिपादक = ओविड डेक्रोली => विनेटिका(इकाई) विधि के प्रतिपादक = कार्लटन वाशबर्न => ह्यूरिस्टिक विधि के प्रतिपादक = एच. ई. आर्मस्ट्रांग => समाजमिति विधि के प्रतिपादक = जे. एल. मोरेनो => योग निर्धारण विधि के प्रतिपादक = लिकर्ट => स्केलोग्राम विधि के प्रतिपादक = गटमैन => विभेद शाब्दिक विधि के प्रतिपादक = आसगुड => स्वतंत्र शब्द साहचर्य परीक्षण विधि के प्रतिपादक = फ़्रांसिस गाल्टन => स्टेनफोर्ड- बिने स्केल परीक्षण के प्रतिपादक = टरमन => पोरटियस भूल-भुलैया परीक्षण के प्रतिपादक = एस.डी. पोरटियस => वेश्लर-वेल्यूब बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक = डी.वेश्लवर => आर्मी अल्फा परीक्षण के प्रतिपादक = आर्थर एस. ओटिस => आर्मी बिटा परीक्षण के प्रतिपादक = आर्थर एस. ओटिस => हिन्दुस्तानी बिने क्रिया परीक्षण के प्रतिपादक = सी.एच.राइस => प्राथमिक वर्गीकरण परीक्षण के प्रतिपादक = जे. मनरो => बाल अपराध विज्ञान का जनक = सीजर लोम्ब्रसो => वंश सुत्र के नियम के प्रतिपादक = मैंडल => ब्रेल लिपि के प्रतिपादक = लुई ब्रेल => साहचर्य सिद्धांत के प्रतिपादक = एलेक्जेंडर बैन => “सीखने के लिए सीखना” सिद्धांत के प्रतिपादक = हर्लो => शरीर रचना का सिद्धांत = शैल्डन => व्यक्तित्व मापन के जीव सिद्धांत के प्रतिपादक = गोल्डस्टीन : शिक्षा मनोविज्ञान भाग- 1 याद करने की (TRICK) †******************LG********* *********† शिक्षा मनोविज्ञान (Educational Psychology) :"मनोविज्ञान सीखने से सम्बंधित मानव विकास के 'कैसे सीखा जाए' की व्याख्या करती है, शिक्षा सीखने के 'क्या सिखा जाए' को प्रदान करने की चेष्टा करती है।" -क्रो व क्रो मनोविज्ञान मानव व्यवहार का अध्ययन करता है और शिक्षा मानव व्यवहार में परिवर्तन करती है, अतः शिक्षा और मनोविज्ञान में गहन सम्बन्ध है। शिक्षा क्या है? शिक्षा शब्द संस्कृत के 'शिक्ष्' धातु से बना है, जिसका अर्थ है : सीखना अंग्रेजी शब्द एजुकेशन (Education) लैटिन भाषा के एडुकेयर (Educare) एवं एडुसीयर (Educere) से बना है, जिसका अर्थ है 'नेतृत्व देना, बाहर लाना' TRICK : MEL (Motivation & Education both are origin from Latin word) भारतीय मनीषियों ने 'सा विद्या या विमुक्तये' कहकर शिक्षा को मुक्ति का साधन माना है। गाँधीजी ने शिक्षा सर्वांगीण विकास (आत्मा, शरीर और मस्तिष्क के विकास) की प्रक्रिया माना है। शिक्षा बालक में अन्तर्निहित शक्तियों को उभारकर उन्हें पूर्ण विकसित करती है। शिक्षा का अर्थ : (A). संकुचित सन्दर्भ में (प्राचीन दृष्टिकोण) : 1. 19वीं सदी के उत्तरार्द्ध (1879) तक 2. औपचारिक शिक्षा (किताबी ज्ञान) 3. शिक्षा विद्यालय तक सीमित 4. ज्ञानात्मक पक्ष पर बल 5. सैद्धान्तिक पक्ष पर बल (B). व्यापक सन्दर्भ में (नवीन दृष्टिकोण) : 1. 1879 से अब तक (20वीं सदी) 2. अनौपचारिक शिक्षा 3. शिक्षा जीवन पर्यन्त 4. सर्वांगीण विकास पर बल 5. व्यावहारिक पक्ष पर बल मनोविज्ञान क्या है? मनोविज्ञान के अंग्रेजी पर्याय साइकोलॉजी (Psychology) शब्द की उत्पत्ति यूनानी (ग्रीक) भाषा केसाइकी (Psyche) और लोगस (Logos) से हुई है।साइकी का अर्थ है 'आत्मा' और लोगस का अर्थ है 'अध्ययन'। अतः मनोविज्ञान का शाब्दिक अर्थ है 'आत्मा का अध्ययन'। अमरीकी विद्वान विलियम जेम्स (1842-1910) ने मनोविज्ञान को दर्शनशास्त्र के शिकंजे से मुक्त कर एक स्वतंत्र विद्या का रूप दिया। इसलिए इन्हे मनोविज्ञान का जनकमाना जाता है। मनोविज्ञान की उत्पत्ति दर्शनशास्त्र के अंग के रूप में हुई। कालान्तर में मनोविज्ञान के अर्थ में परिवर्तन होता गया। जो इस प्रकार है : 1. आत्मा का विज्ञान : अरस्तू, प्लेटो, अरिस्टोटल औरडेकोर्टे आदि यूनानी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान माना, किन्तु आत्मा की प्रकृति की अस्पष्टता के कारण 16वीं शताब्दी में मनोविज्ञान का यह अर्थ अस्वीकृत कर दिया गया। TRICK-"आत्मा से आप यू अड़े" 1. आत्मा से-इन सभी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान माना 2. आ-अरस्तू (दार्शनिक) 3. प-प्लेटो (दार्शनिक) 4. यू-यूनानी दार्शनिक थे सभी 5. अ-अरिस्टोटल (दार्शनिक) 6. डे-डेकार्टे (दार्शनिक) 2. मस्तिष्क का विज्ञान : 17वीं शताब्दी में दर्शनीको ने मनोविज्ञान को मन या मस्तिष्क का विज्ञान कहा। इनमे इटली के प्रसिद्ध दार्शनिक पॉम्पोनॉजी के अलावा लॉक और बर्कली भी प्रमुख है। कोई भी विद्वान मन की प्रकृति तथा स्वरुप का निर्धारण नही कर सका, अतः यह परिभाषा भी मान्यता नही पा सकी। TRICK-"पलक की बाई मस्ति में" 1. प-पॉम्पोनॉजी (दार्शनिक) 2. लक-लॉक (दार्शनिक) की-silent 3. बा-बर्कली (दार्शनिक) 4. इटली-यह इटली के प्रसिद्ध दार्शनिक थे 5. मस्ति-इन सभी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को मस्तिष्क का विज्ञान माना 3. चेतना का विज्ञान : 19वीं शताब्दी के मनोविज्ञानकोंविलियम वुन्ट, विलियम जेम्स, वाइव्स और जेम्स सल्लीआदि ने मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान माना। इनका मानना था, कि मनोविज्ञान मनुष्य की चेतन क्रियाओ का अध्ययन करता है। मनोविज्ञान केवल चेतन मन का ही नही, बल्कि अचेतन और अवचेतन आदि प्रक्रियाओ का अध्ययन भी करता है। मनोविज्ञान का यह अर्थ सीमित होने के कारण सर्वमान्य न हो सका। मैक्डूगल ने अपनी पुस्तक 'आउटलाइन साइकोलॉजी' में चेतना शब्द की कड़ी आलोचना की। TRICK-"चेतना को विलियम ने सजवाइ" 1. चेतना-इन सभी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान माना को-silent 2. विलियम-विलियम वुन्ट ने-silent 3. स-सल्ली अर्थात जेम्स सल्ली (दार्शनिक) 4. ज-जेम्स अर्थात विलियम जेम्स (दार्शनिक) 5. वाइ-वाइव्स (दार्शनिक) 4. व्यवहार का विज्ञान : 20वीं शताब्दी के प्रारम्भिक दौर में मनोविज्ञान के अनेक अर्थ सुझाए गए, इनमे से "मनोविज्ञान व्यवहार का विज्ञान है।" अर्थ सर्वाधिक मान्य रहा। इस सम्बन्ध में कुछ महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ निम्नलिखित है : 1. वाटसन : मनोविज्ञान, व्यवहार का निश्चित विज्ञान है। 2. वुडवर्थ : मनोविज्ञान वातावरण के सम्बन्ध में व्यक्ति की क्रियाओ का वैज्ञानिक अध्ययन है। 3. स्किनर : मनोविज्ञान, जीवन की सभी प्रकार की परिस्थितियों में प्राणी की प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है। or मनोविज्ञान, व्यवहार और अनुभव का विज्ञान है। 4. मन : आधुनिक मनोविज्ञान का सम्बन्ध व्यवहार की वैज्ञानिक खोज से है। 5. क्रो व क्रो : मनोविज्ञान मानव व्यवहार और मानव सम्बन्धो का अध्ययन है। 6. मैक्डूगल : मनोविज्ञान जीवित वस्तुओ के व्यवहार का विधायक विज्ञान है। उपर्युक्त तथ्यों के आधार पर हम वुडवर्थ के शब्दों में इस निष्कर्ष पर पहुँचते है : "सबसे पहले मनोविज्ञान ने अपनी आत्मा का त्याग किया। फिर उसने अपने मन या मस्तिष्क का त्याग किया। उसके बाद उसने चेतना का त्याग किया। अब वह व्यवहार की विधि को स्वीकार करता है।" TRICK-सिवम (शिवम) व्यवहार में वुड (लकड़ी/wood सा कठौर) के जैसा" 1. सि-स्किनर (दार्शनिक) 2. व-वाटसन (दार्शनिक) 3. म-मन (दार्शनिक) 4. व्यवहार-इन सभी ने मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान माना 5. में-मैक्डूगल (दार्शनिक) 6. वुड-वुडवर्थ (दार्शनिक) 7. के-क्रो व क्रो (दार्शनिक) जैसा-silent शिक्षा मनोविज्ञान भाग-II शिक्षा मनोविज्ञान का शाब्दिक अर्थ है : शिक्षा सम्बन्धी मनोविज्ञान अर्थात यह शिक्षा की प्रक्रिया में मानव व्यवहार का अध्ययन करने वाला विज्ञान है। शिक्षा मनोविज्ञान के अर्थ का विश्लेषण करने के लिए स्किनर ने निम्नलिखित तथ्य प्रस्तुत किए है : 1. शिक्षा मनोविज्ञान का केंद्र मानव व्यवहार है। 2. शिक्षा मनोविज्ञान खोज और निरिक्षण से प्राप्त तथ्यों का संग्रह करता है। 3. शिक्षा मनोविज्ञान संगृहीत ज्ञान को सिद्धान्त रूप देता है। 4. शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा की समस्याओ के समाधान के लिए पद्धतियों का प्रतिपादन करता है। शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषाएँ : 1. स्किनर : शिक्षा मनोविज्ञान के अंतर्गत शिक्षा से सम्बन्धित सम्पूर्ण व्यवहार और व्यक्तित्व आ जाता है। 2. क्रो व क्रो : शिक्षा मनोविज्ञान, व्यक्ति के जन्म से वृद्धावस्था तक सिखाने के अनुभवों का वर्णन और व्याख्या करता है। 3. कॉलसनिक : शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान के सिद्धान्तों और अनुसन्धान का शिक्षा में प्रयोग है। 4. स्टीफन : शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षणिक विकास का क्रमिक अध्ययन है। 5. सॉरे व टेलफ़ोर्ड : शिक्षा मनोविज्ञान का मुख्य सम्बन्ध सिखने से है। यह मनोविज्ञान का वह अंग है, जो शिक्षा के मनोवैज्ञानिक पहलुओ की वैज्ञानिक खोज से विशेष रूप से सम्बन्धित है। उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है, की : 1. शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों में मानव व्यवहार का अध्ययन करता है। 2. शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया को अधिक सरल व सुगम बनाता है। 3. शिक्षा मनोविज्ञान की प्रकृति वैज्ञानिक है, क्योंकि इसके अध्ययन में वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग होता है। 4. शिक्षा मनोविज्ञान में मनोविज्ञान के सिद्धांतो व विधियों का प्रयोग होता है। शिक्षा मनोविज्ञान के उद्देश्य : स्किनर ने शिक्षा मनोविज्ञान के उद्देश्यों को दो भागो में विभाजित किया है- 1. सामान्य उद्देश्य : (i). सिद्धांतो की खोज तथा तथ्यों का संग्रह करना। (ii). बालक के व्यक्तित्व का विकास करना । Krish Krishशिक्षा मनोविज्ञान की संपूर्ण तैयारी एक ही पोस्ट मे 1)मनोविज्ञान के जनक= विलियम जेम्स 2)आधुनिक मनोविज्ञान के जनक= विलियम जेम्स 3)प्रकार्यवाद साम्प्रदाय के जनक= विलियम जेम्स 4)आत्म सम्प्रत्यय की अवधारणा= विलियम जेम्स 5)शिक्षा मनोविज्ञान के जनक= थार्नडाइक 6)प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत= थार्नडाइक 7)प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत= थार्नडाइक 8)संयोजनवाद का सिद्धांत= थार्नडाइक 9)उद्दीपन-अनुक्रिया का सिद्धांत= थार्नडाइक 10) S-R थ्योरी के जन्मदाता= थार्नडाइक 11)अधिगम का बन्ध सिद्धांत= थार्नडाइक 12) संबंधवाद का सिद्धांत= थार्नडाइक 13) प्रशिक्षण अंतरण का सर्वसम अवयव का सिद्धांत= थार्नडाइक 14)बहु खंड बुद्धि का सिद्धांत= थार्नडाइक 15)बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक= बिने एवं साइमन 16) बुद्धि परीक्षणों के जन्मदाता= बिने 17) एक खंड बुद्धि का सिद्धांत= बिने 18) दो खंड बुद्धि का सिद्धांत= स्पीयरमैन 19) तीन खंड बुद्धि का सिद्धांत= स्पीयरमैन 20)सामान्य व विशिष्ट तत्वों के सिद्धांत के प्रतिपादक= स्पीयरमैन 21) बुद्धि का द्वय शक्ति का सिद्धांत= स्पीयरमैन 22) त्रि-आयाम बुद्धि का सिद्धांत= गिलफोर्ड 23)बुद्धि संरचना का सिद्धांत= गिलफोर्ड 24) समूह खंड बुद्धि का सिद्धांत= थर्स्टन 25) युग्म तुलनात्मक निर्णय विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन 26) क्रमबद्ध अंतराल विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन 27) समदृष्टि अन्तर विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन व चेव 28)न्यादर्श या प्रतिदर्श(वर्ग घटक) बुद्धि का सिद्धांत= थॉमसन 29) पदानुक्रमिक(क्रमिक महत्व) बुद्धि का सिद्धांत= बर्ट एवं वर्नन 30) तरल-ठोस बुद्धि का सिद्धांत= आर. बी. केटल 31) प्रतिकारक (विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक= आर. बी. केटल 32) बुद्धि ‘क’ और बुद्धि ‘ख’ का सिद्धांत= हैब 33) बुद्धि इकाई का सिद्धांत= स्टर्न एवं जॉनसन 34)बुद्धि लब्धि ज्ञात करने के सुत्र के प्रतिपादक= विलियम स्टर्न 35) संरचनावाद साम्प्रदाय के जनक= विलियम वुण्ट 36) प्रयोगात्मक मनोविज्ञान के जनक= विलियम वुण्ट 37) विकासात्मक मनोविज्ञान के प्रतिपादक= जीन पियाजे 38)संज्ञानात्मकविकास का सिद्धांत= जीन पियाजे 39) मूलप्रवृत्तियोंके सिद्धांत के जन्मदाता= विलियम मैक्डूगल 40)हार्मिक का सिध्दान्त= विलियम मैक्डूगल 41) मनोविज्ञान को मन मस्तिष्क का विज्ञान= पोंपोलॉजी 42) क्रिया प्रसूत अनुबंधन का सिध्दान्त= स्किनर 43)सक्रिय अनुबंधन का सिध्दान्त= स्किनर 44) अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव 45) संबंध प्रत्यावर्तन का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव 46) शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव 47)प्रतिस्थापक का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव 48) प्रबलन(पुनर्बलन) का सिद्धांत= सी. एल. हल 49) व्यवस्थित व्यवहार का सिद्धांत= सी. एल. हल 50)सबलीकरण का सिद्धांत= सी. एल. हल 51) संपोषक का सिद्धांत= सी. एल. हल 52) चालक /अंतर्नोद(प्रणोद) का सिद्धांत= सी. एल. हल53) अधिगम का सूक्ष्म सिद्धान्त= कोहलर 54) सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धांत= कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का 55)गेस्टाल्टवादसम्प्रदाय के जनक= कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का 56) क्षेत्रीय सिद्धांत= लेविन 57) तलरूप का सिद्धांत= लेविन 58) समूह गतिशीलता सम्प्रत्यय के प्रतिपादक= लेविन 59)सामीप्य संबंधवाद का सिद्धांत= गुथरी 60) साईन(चिह्न) का सिद्धांत= टॉलमैन 61> सम्भावना सिद्धांत के प्रतिपादक= टॉलमैन 62> अग्रिम संगठक प्रतिमान के प्रतिपादक= डेविड आसुबेल 63> भाषायी सापेक्षता प्राक्कल्पना के प्रतिपादक= व्हार्फ 64> मनोविज्ञान के व्यवहारवादी सम्प्रदाय के जनक= जोहन बी. वाटसन 65> अधिगम या व्यव्हार सिद्धांत के प्रतिपादक= क्लार्क 66> सामाजिक अधिगम सिद्धांत के प्रतिपादक= अल्बर्ट बाण्डूरा 67> पुनरावृत्ति का सिद्धांत= स्टेनले हॉल 68> अधिगम सोपानकी के प्रतिपादक= गेने 69> विकास के सामाजिक प्रवर्तक= एरिक्सन 70> प्रोजेक्ट प्रणाली से करके सीखना का सिद्धांत= जान ड्यूवी 71> अधिगम मनोविज्ञान का जनक= एविग हास 72> अधिगम अवस्थाओं के प्रतिपादक= जेरोम ब्रूनर 73> संरचनात्मक अधिगम का सिद्धांत= जेरोम ब्रूनर 74> सामान्यीकरण का सिद्धांत= सी. एच. जड 75> शक्ति मनोविज्ञान का जनक= वॉल्फ 76> अधिगम अंतरण का मूल्यों के अभिज्ञान का सिद्धांत= बगले 77> भाषा विकास का सिद्धांत= चोमस्की 78> माँग-पूर्ति(आवश्यकता पदानुक्रम) का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो) 79> स्व-यथार्थीकरण अभिप्रेरणा का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो) 80> आत्मज्ञान का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो) 81> उपलब्धि अभिप्रेरणा का सिद्धांत= डेविड सी.मेक्लिएंड 82> प्रोत्साहन का सिद्धांत= बोल्स व काफमैन 83> शील गुण(विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक= आलपोर्ट 84> व्यक्तित्व मापन का माँग का सिद्धांत= हेनरी मुरे 85> कथानक बोध परीक्षण विधि के प्रतिपादक= मोर्गन व मुरे 1.Psychology शब्द का सबसे पहले प्रयोग किया – रुडोल्फ गॉलकाय द्वारा 1590 में 2. Psychology की प्रथम पुस्तक Psychologia लिखी - रुडोल्फ गॉलकाय ने 3. Psychology शब्द की उत्पत्ति हुई है – Psyche +Logos यूनानी भाषा के दो शब्दों से 4. विश्व की प्रथम Psychology Lab – 1879 में विलियम वुंट द्वारा जर्मनी में स्थापित 5. विश्व का प्रथम बुद्धि परीक्षण – 1905 में बिने व साइमन द्वारा * भारत का प्रथम बुद्धि परीक्षण – 1922 में सी. एच. राईस द्वारा 6. आधुनिक मनोविज्ञान का जनक – विलियम जेम्स 7. आधुनिक मनोविज्ञान के प्रथम मनोवैज्ञानिक – डेकार्टे 8. किन्डरगार्टन विधि के प्रतिपादक – फ्रोबेल 9. डाल्टन विधि के प्रतिपादक – मिस हेलेन पार्कहर्स्ट 10. मांटेसरी विधि के प्रतिपादक – मैडम मारिया मांटेसरी 11. संज्ञानात्मक आन्दोलन के जनक – अल्बर्ट बांडूरा 12. मनोविज्ञान के विभिन्न सिद्धांत/संप्रदाय और उनके जनक – गेस्टाल्टवाद (1912) – कोहलर, कोफ्का, वर्दीमर व लेविन संरचनावाद (1879)– विलियम वुंट व्यवहारवाद (1912) – जे. बी. वाटसन मनोविश्लेशणवाद (1900) – सिगमंड फ्रायड विकासात्मक/संज्ञानात्मक – जीन पियाजे संरचनात्मक अधिगम की अवधारणा – जेरोम ब्रूनर सामाजिक अधिगम सिद्धांत (1986) – अल्बर्ट बांडूरा संबंधवाद (1913) – थार्नडाईक अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धांत (1904) – पावलव क्रियाप्रसूत अनुबंधन सिद्धांत (1938) – स्किनर प्रबलन/पुनर्बलन सिद्धांत (1915) – हल अन्तर्दृष्टि/सूझ सिद्धांत (1912) - कोहलर 13. व्यक्तितत्व मापन की प्रमुख प्र���्षेपी विधियाँ प्रासंगिक अंतर्बोध परीक्षण (T.A.T.) बाल अंतर्बोध परीक्षण (C.A.T.) स्याही धब्बा परीक्षण (I.B.T.) वाक्य पूर्ति परीक्षण (S.C.T.) 14. व्यक्तितत्व मापन की प्रमुख अप्रक्षेपी विधियाँ अनुसूची प्रश्नावली साक्षात्कार आत्मकथा विधि व्यक्ति इतिहास विधि निरीक्षण समाजमिति शारीरिक परीक्षण स्वप्न विश्लेषण मानदंड मूल्यांकन विधि स्वंतत्र साहचर्य परीक्षण (F.W.A.T.) 15. बुद्धि के सिद्धांत और उनके प्रतिपादक – एक खण्ड का /निरंकुशवादी सिद्धांत (1911) – बिने, टरमन व स्टर्न द्वि खण्ड का सिद्धांत (1904) – स्पीयरमैन तीन खण्ड का सिद्धांत – स्पीयरमैन बहु खण्ड का सिद्धांत – थार्नडाईक समूह कारक सिद्धांत – थर्स्टन व कैली 16. बुद्धि लब्धि (I.Q.) ज्ञात करने का सूत्र – बुद्धि लब्धि (I.Q.) = मानसिक आयु (M.A.)/ वास्तविक आयु (C.A.)×100 17. बुद्धि लब्धि (I.Q.) ज्ञात करने के सूत्र का प्रतिपादक – विलियम स्टर्न (1912) 18. बुद्धि लब्धि (I.Q.) ज्ञात करने के सूत्र का सर्वप्रथम प्रयोग – (1916) 19. बुद्धि लब्धि (Intelligent Quotient) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग – टरमन 20. मानसिक आयु (Mental Age) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग – बिने (1908) 21. वैयक्तिक भाषात्मक बुद्धि परीक्षण/ परीक्षाएँ – बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण – बिने & थियोडर साइमन (1905,1908,1911) स्टेनफोर्ड-बिने स्केल – स्टेनफोर्ड वि.वि. में बिने द्वारा (1916,1937,1960) 22. वैयक्तिक क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण/ परीक्षाएँ – पोर्टियस भूल-भूलैया परीक्षण – एस. डी. पोर्टियस (1924) वैश्लर-वैल्यूब बुद्धि परीक्षण – डी. वैश्लवर (1944,1955) 23. सामूहिक भाषात्मक बुद्धि परीक्षण/ परीक्षाएँ – आर्मी अल्फ़ा परीक्षण – आर्थर एस. ओटिस (1917) सेना सामान्य वर्गीकरण (A.G.C.T.) - (1945) 24. सामूहिक क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण/ परीक्षाएँ – आर्मी बीटा परीक्षण - आर्थर एस. ओटिस (1919) शिकागो क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण – 6 वर्ष से वयस्कों की बुद्धि का मापन 25. ‘ हिन्दुस्तानी क्रिया परीक्षण’ - (1922) सी. एच. राईस शिक्षा मनोविज्ञान नोट्स 1)मनोविज्ञान के जनक= विलियम जेम्स 2)आधुनिक मनोविज्ञान के जनक= विलियम जेम्स 3)प्रकार्यवाद साम्प्रदाय के जनक= विलियम जेम्स 4)आत्म सम्प्रत्यय की अवधारणा= विलियम जेम्स 5)शिक्षा मनोविज्ञान के जनक= थार्नडाइक 6)प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत= थार्नडाइक 7)प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत= थार्नडाइक 8)संयोजनवाद का सिद्धांत= थार्नडाइक 9)उद्दीपन-अनुक्रिया का सिद्धांत= थार्नडाइक 10) S-R थ्योरी के जन्मदाता= थार्नडाइक 11)अधिगम का बन्ध सिद्धांत= थार्नडाइक 12) संबंधवाद का सिद्धांत= थार्नडाइक 13) प्रशिक्षण अंतरण का सर्वसम अवयव का सिद्धांत= थार्नडाइक 14)बहु खंड बुद्धि का सिद्धांत= थार्नडाइक 15)बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक= बिने एवं साइमन 16) बुद्धि परीक्षणों के जन्मदाता= बिने 17) एक खंड बुद्धि का सिद्धांत= बिने 18) दो खंड बुद्धि का सिद्धांत= स्पीयरमैन 19) तीन खंड बुद्धि का सिद्धांत= स्पीयरमैन 20)सामान्य व विशिष्ट तत्वों के सिद्धांत के प्रतिपादक= स्पीयरमैन 21) बुद्धि का द्वय शक्ति का सिद्धांत= स्पीयरमैन 22) त्रि-आयाम बुद्धि का सिद्धांत= गिलफोर्ड 23)बुद्धि संरचना का सिद्धांत= गिलफोर्ड 24) समूह खंड बुद्धि का सिद्धांत= थर्स्टन 25) युग्म तुलनात्मक निर्णय विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन 26) क्रमबद्ध अंतराल विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन 27) समदृष्टि अन्तर विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन व चेव 28)न्यादर्श या प्रतिदर्श(वर्ग घटक) बुद्धि का सिद्धांत= थॉमसन 29) पदानुक्रमिक(क्रमिक महत्व) बुद्धि का सिद्धांत= बर्ट एवं वर्नन 30) तरल-ठोस बुद्धि का सिद्धांत= आर. बी. केटल 31) प्रतिकारक (विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक= आर. बी. केटल 32) बुद्धि ‘क’ और बुद्धि ‘ख’ का सिद्धांत= हैब 33) बुद्धि इकाई का सिद्धांत= स्टर्न एवं जॉनसन 34)बुद्धि लब्धि ज्ञात करने के सुत्र के प्रतिपादक= विलियम स्टर्न 35) संरचनावाद साम्प्रदाय के जनक= विलियम वुण्ट 36) प्रयोगात्मक मनोविज्ञान के जनक= विलियम वुण्ट 37) विकासात्मक मनोविज्ञान के प्रतिपादक= जीन पियाजे 38)संज्ञानात्मकविकास का सिद्धांत= जीन पियाजे 39) मूलप्रवृत्तियोंके सिद्धांत के जन्मदाता= विलियम मैक्डूगल 40)हार्मिक का सिध्दान्त= विलियम मैक्डूगल 41) मनोविज्ञान को मन मस्तिष्क का विज्ञान= पोंपोलॉजी 42) क्रिया प्रसूत अनुबंधन का सिध्दान्त= स्किनर 43)सक्रिय अनुबंधन का सिध्दान्त= स्किनर 44) अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव 45) संबंध प्रत्यावर्तन का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव 46) शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव 47)प्रतिस्थापक का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव 48) प्रबलन(पुनर्बलन) का सिद्धांत= सी. एल. हल 49) व्यवस्थित व्यवहार का सिद्धांत= सी. एल. हल 50)सबलीकरण का सिद्धांत= सी. एल. हल 51) संपोषक का सिद्धांत= सी. एल. हल 52) चालक /अंतर्नोद(प्रणोद) का सिद्धांत= सी. एल. हल 53) अधिगम का सूक्ष्म सिद्धान्त= कोहलर 54) सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धांत= कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का 55)गेस्टाल्टवाद सम्प्रदाय के जनक= कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का 56) क्षेत्रीय सिद्धांत= लेविन 57) तलरूप का सिद्धांत= लेविन 58) समूह गतिशीलता सम्प्रत्यय के प्रतिपादक= लेविन 59)सामीप्य संबंधवाद का सिद्धांत= गुथरी 60) साईन(चिह्न) का सिद्धांत= टॉलमैन 61> सम्भावना सिद्धांत के प्रतिपादक= टॉलमैन 62> अग्रिम संगठक प्रतिमान के प्रतिपादक= डेविड आसुबेल 63> भाषायी सापेक्षता प्राक्कल्पना के प्रतिपादक= व्हार्फ 64> मनोविज्ञान के व्यवहारवादी सम्प्रदाय के जनक= जोहन बी. वाटसन 65> अधिगम या व्यव्हार सिद्धांत के प्रतिपादक= क्लार्क 66> सामाजिक अधिगम सिद्धांत के प्रतिपादक= अल्बर्ट बाण्डूरा 67> पुनरावृत्ति का सिद्धांत= स्टेनले हॉल 68> अधिगम सोपानकी के प्रतिपादक= गेने 69> विकास के सामाजिक प्रवर्तक= एरिक्सन 70> प्रोजेक्ट प्रणाली से करके सीखना का सिद्धांत= जान ड्यूवी 71> अधिगम मनोविज्ञान का जनक= एविग हास 72> अधिगम अवस्थाओं के प्रतिपादक= जेरोम ब्रूनर 73> संरचनात्मक अधिगम का सिद्धांत= जेरोम ब्रूनर 74> सामान्यीकरण का सिद्धांत= सी. एच. जड 75> शक्ति मनोविज्ञान का जनक= वॉल्फ 76> अधिगम अंतरण का मूल्यों के अभिज्ञान का सिद्धांत= बगले 77> भाषा विकास का सिद्धांत= चोमस्की 78> माँग-पूर्ति(आवश्यकता पदानुक्रम) का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो) 79> स्व-यथार्थीकरण अभिप्रेरणा का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो) 80> आत्मज्ञान का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो) 81> उपलब्धि अभिप्रेरणा का सिद्धांत= डेविड सी.मेक्लिएंड 82> प्रोत्साहन का सिद्धांत= बोल्स व काफमैन 83> शील गुण(विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक= आलपोर्ट 84> व्यक्तित्व मापन का माँग का सिद्धांत= हेनरी मुरे 85> कथानक बोध परीक्षण विधि के प्रतिपादक= मोर्गन व मुरे 86> प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण (T.A.T.) विधिकेप्रतिपादक = मोर्गन व मुरे87> बाल -अन्तर्बोध परीक्षण (C.A.T.) विधि के प्रतिपादक= लियोपोल्ड बैलक 88> रोर्शा स्याही ध्ब्बा परीक्षण (I.B.T.) विधिकेप्रतिपादक = हरमन रोर्शा 89> वाक्य पूर्ति परीक्षण (S.C.T.) विधि के प्रतिपादक= पाईन व टेंडलर 90> व्यवहार परीक्षण विधि के प्रतिपादक= मे एवं हार्टशार्न 91> किंडरगार्टन(बालोद्यान ) विधि के प्रतिपादक= फ्रोबेल 92> खेल प्रणाली के जन्मदाता= फ्रोबेल 93> मनोविश्लेषण विधि के जन्मदाता= सिगमंड फ्रायड 94> स्वप्न विश्लेषण विधि के प्रतिपादक= सिगमंड फ्रायड 95> प्रोजेक्ट विधि के प्रतिपादक= विलियम हेनरी क्लिपेट्रि 96> मापनी भेदक विधि के प्रतिपादक= एडवर्ड्स व क्लिपेट्रिक 97> डाल्टन विधि की प्रतिपादक= मिस हेलेन पार्कहर्स्ट 98> मांटेसरी विधि की प्रतिपादक= मेडम मारिया मांटेसरी 99> डेक्रोली विधि के प्रतिपादक= ओविड डेक्रोली 100> विनेटिका(इकाई) विधि के प्रतिपादक= कार्लटन वाशबर्न 101>ह्यूरिस्टिक विधि के प्रतिपादक= एच. ई. आर्मस्ट्रांग 102> समाजमिति विधि के प्रतिपादक= जे. एल. मोरेनो 103> योग निर्धारण विधि के प्रतिपादक= लिकर्ट 104> स्केलोग्राम विधि के प्रतिपादक= गटमैन 105> विभेद शाब्दिक विधि के प्रतिपादक= आसगुड 106> स्वतंत्र शब्द साहचर्य परीक्षण विधि के प्रतिपादक= फ़्रांसिस गाल्टन 107> स्टेनफोर्ड- बिने स्केल परीक्षण के प्रतिपादक= टरमन 108> पोरटियस भूल-भुलैया परीक्षण के प्रतिपादक= एस.डी. पोरटियस 109> वेश्लर-वेल्यूब बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक= डी.वेश्लवर 110> आर्मी अल्फा परीक्षण के प्रतिपादक= आर्थर एस. ओटिस 111> आर्मी बिटा परीक्षण के प्रतिपादक= आर्थर एस. ओटिस 112> हिन्दुस्तानी बिने क्रिया परीक्षण के प्रतिपादक= सी.एच.राइस 113> प्राथमिक वर्गीकरण परीक्षण के प्रतिपादक= जे. मनरो 114> बाल अपराध विज्ञान का जनक= सीजर लोम्ब्रसो 115> वंश सुत्र के नियम के प्रतिपादक= मैंडल 116> ब्रेल लिपि के प्रतिपादक= लुई ब्रेल 117> साहचर्य सिद्धांत के प्रतिपादक= एलेक्जेंडर बैन 118> “सीखने के लिए सीखना” सिद्धांत के प्रतिपादक= हर्लो 119> शरीर रचना का सिद्धांत= शैल्डन 120>व्यक्तित्व मापन के जीव सिद्धांत के प्रतिपादक-गोल्डस्टीन। : प्रतिपादक => मनोविज्ञान के जनक = विलियम जेम्स => आधुनिक मनोविज्ञान के जनक = विलियम जेम्स => प्रकार्यवाद साम्प्रदाय के जनक = विलियम जेम्स => आत्म सम्प्रत्यय की अवधारणा = विलियम जेम्स => शिक्षा मनोविज्ञान के जनक = थार्नडाइक => प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत = थार्नडाइक => प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत = थार्नडाइक => संयोजनवाद का सिद्धांत = थार्नडाइक => उद्दीपन-अनुक्रिया का सिद्धांत = थार्नडाइक => S-R थ्योरी के जन्मदाता = थार्नडाइक => अधिगम का बन्ध सिद्धांत = थार्नडाइक => संबंधवाद का सिद्धांत = थार्नडाइक => प्रशिक्षण अंतरण का सर्वसम अवयव का सिद्धांत = थार्नडाइक => बहु खंड बुद्धि का सिद्धांत = थार्नडाइक => बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक = बिने एवं साइमन => बुद्धि परीक्षणों के जन्मदाता = बिने => एक खंड बुद्धि का सिद्धांत = बिने => दो खंड बुद्धि का सिद्धांत = स्पीयरमैन => तीन खंड बुद्धि का सिद्धांत = स्पीयरमैन => सामान्य व विशिष्ट तत्वों के सिद्धांत के प्रतिपादक = स्पीयरमैन => बुद्धि का द्वय शक्ति का सिद्धांत = स्पीयरमैन => त्रि-आयाम बुद्धि का सिद्धांत = गिलफोर्ड => बुद्धि संरचना का सिद्धांत = गिलफोर्ड => समूह खंड बुद्धि का सिद्धांत = थर्स्टन => युग्म तुलनात्मक निर्णय विधि के प्रतिपादक = थर्स्टन => क्रमबद्ध अंतराल विधि के प्रतिपादक = थर्स्टन => समदृष्टि अन्तर विधि के प्रतिपादक = थर्स्टन व चेव => न्यादर्श या प्रतिदर्श(वर्ग घटक) बुद्धि का सिद्धांत = थॉमसन => पदानुक्रमिक(क्रमिक महत्व) बुद्धि का सिद्धांत = बर्ट एवं वर्नन => तरल-ठोस बुद्धि का सिद्धांत = आर. बी. केटल => प्रतिकारक (विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक = आर. बी. केटल => बुद्धि ‘क’ और बुद्धि ‘ख’ का सिद्धांत = हैब => बुद्धि इकाई का सिद्धांत = स्टर्न एवं जॉनसन => बुद्धि लब्धि ज्ञात करने के सुत्र के प्रतिपादक = विलियम स्टर्न => संरचनावाद साम्प्रदाय के जनक = विलियम वुण्ट => प्रयोगात्मक मनोविज्ञान के जनक = विलियम वुण्ट => विकासात्मक मनोविज्ञान के प्रतिपादक = जीन पियाजे => संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत = जीन पियाजे => मूलप्रवृत्तियों के सिद्धांत के जन्मदाता = विलियम मैक्डूगल => हार्मिक का सिध्दान्त = विलियम मैक्डूगल => मनोविज्ञान को मन मस्तिष्क का विज्ञान = पोंपोलॉजी => क्रिया प्रसूत अनुबंधन का सिध्दान्त = स्किनर => सक्रिय अनुबंधन का सिध्दान्त = स्किनर => अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत = इवान पेट्रोविच पावलव => संबंध प्रत्यावर्तन का सिद्धांत = इवान पेट्रोविच पावलव => शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत = इवान पेट्रोविच पावलव => प्रतिस्थापक का सिद्धांत = इवान पेट्रोविच पावलव => प्रबलन(पुनर्बलन) का सिद्धांत = सी. एल. हल => व्यवस्थित व्यवहार का सिद्धांत = सी. एल. हल => सबलीकरण का सिद्धांत = सी. एल. हल => संपोषक का सिद्धांत = सी. एल. हल => चालक / अंतर्नोद(प्रणोद) का सिद्धांत = सी. एल. हल => अधिगम का सूक्ष्म सिद्धान्त = कोहलर => सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धांत = कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का => गेस्टाल्टवाद सम्प्रदाय के जनक = कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का => क्षेत्रीय सिद्धांत = लेविन => तलरूप का सिद्धांत = लेविन => समूह गतिशीलता सम्प्रत्यय के प्रतिपादक = लेविन => सामीप्य संबंधवाद का सिद्धांत = गुथरी => साईन(चिह्न) का सिद्धांत = टॉलमैन => सम्भावना सिद्धांत के प्रतिपादक = टॉलमैन => अग्रिम संगठक प्रतिमान के प्रतिपादक = डेविड आसुबेल => भाषायी सापेक्षता प्राक्कल्पना के प्रतिपादक = व्हार्फ => मनोविज्ञान के व्यवहारवादी सम्प्रदाय के जनक = जोहन बी. वाटसन => अधिगम या व्यव्हार सिद्धांत के प्रतिपादक = क्लार्क => सामाजिक अधिगम सिद्धांत के प्रतिपादक = अल्बर्ट बाण्डूरा => पुनरावृत्ति का सिद्धांत = स्टेनले हॉल => अधिगम सोपानकी के प्रतिपादक = गेने => विकास के सामाजिक प्रवर्तक = एरिक्सन => प्रोजेक्ट प्रणाली से करके सीखना का सिद्धांत = जान ड्यूवी => अधिगम मनोविज्ञान का जनक = एविग हास => अधिगम अवस्थाओं के प्रतिपादक = जेरोम ब्रूनर => संरचनात्मक अधिगम का सिद्धांत = जेरोम ब्रूनर => सामान्यीकरण का सिद्धांत = सी. एच. जड => शक्ति मनोविज्ञान का जनक = वॉल्फ => अधिगम अंतरण का मूल्यों के अभिज्ञान का सिद्धांत = बगले => भाषा विकास का सिद्धांत = चोमस्की => माँग-पूर्ति(आवश्यकता पदानुक्रम) का सिद्धांत = मैस्लो (मास्लो) => स्व-यथार्थीकरण अभिप्रेरणा का सिद्धांत = मैस्लो (मास्लो) => आत्मज्ञान का सिद्धांत = मैस्लो (मास्लो) => उपलब्धि अभिप्रेरणा का सिद्धांत = डेविड सी.मेक्लिएंड => प्रोत्साहन का सिद्धांत = बोल्स व काफमैन => शील गुण(विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक = आलपोर्ट => व्यक्तित्व मापन का माँग का सिद्धांत = हेनरी मुरे => कथानक बोध परीक्षण विधि के प्रतिपादक = मोर्गन व मुरे => प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण (T.A.T.) विधि के प्रतिपादक = मोर्गन व मुरे => बाल -अन्तर्बोध परीक्षण (C.A.T.) विधि के प्रतिपादक = लियोपोल्ड बैलक => रोर्शा स्याही ध्ब्बा परीक्षण (I.B.T.) विधि के प्रतिपादक = हरमन रोर्शा => वाक्य पूर्ति परीक्षण (S.C.T.) विधि के प्रतिपादक = पाईन व टेंडलर => व्यवहार परीक्षण विधि के प्रतिपादक = मे एवं हार्टशार्न => किंडरगार्टन(बालोद्यान ) विधि के प्रतिपादक = फ्रोबेल => खेल प्रणाली के जन्मदाता = फ्रोबेल => मनोविश्लेषण विधि के जन्मदाता = सिगमंड फ्रायड => स्वप्न विश्लेषण विधि के प्रतिपादक = सिगमंड फ्रायड => प्रोजेक्ट विधि के प्रतिपादक = विलियम हेनरी क्लिपेट्रिक => मापनी भेदक विधि के प्रतिपादक = एडवर्ड्स व क्लिपेट्रिक => डाल्टन विधि की प्रतिपादक = मिस हेलेन पार्कहर्स्ट => मांटेसरी विधि की प्रतिपादक = मेडम मारिया मांटेसरी => डेक्रोली विधि के प्रतिपादक = ओविड डेक्रोली => विनेटिका(इकाई) विधि के प्रतिपादक = कार्लटन वाशबर्न => ह्यूरिस्टिक विधि के प्रतिपादक = एच. ई. आर्मस्ट्रांग => समाजमिति विधि के प्रतिपादक = जे. एल. मोरेनो => योग निर्धारण विधि के प्रतिपादक = लिकर्ट => स्केलोग्राम विधि के प्रतिपादक = गटमैन => विभेद शाब्दिक विधि के प्रतिपादक = आसगुड => स्वतंत्र शब्द साहचर्य परीक्षण विधि के प्रतिपादक = फ़्रांसिस गाल्टन => स्टेनफोर्ड- बिने स्केल परीक्षण के प्रतिपादक = टरमन => पोरटियस भूल-भुलैया परीक्षण के प्रतिपादक = एस.डी. पोरटियस => वेश्लर-वेल्यूब बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक = डी.वेश्लवर => आर्मी अल्फा परीक्षण के प्रतिपादक = आर्थर एस. ओटिस => आर्मी बिटा परीक्षण के प्रतिपादक = आर्थर एस. ओटिस => हिन्दुस्तानी बिने क्रिया परीक्षण के प्रतिपादक = सी.एच.राइस => प्राथमिक वर्गीकरण परीक्षण के प्रतिपादक = जे. मनरो => बाल अपराध विज्ञान का जनक = सीजर लोम्ब्रसो => वंश सुत्र के नियम के प्रतिपादक = मैंडल => ब्रेल लिपि के प्रतिपादक = लुई ब्रेल => साहचर्य सिद्धांत के प्रतिपादक = एलेक्जेंडर बैन => “सीखने के लिए सीखना” सिद्धांत के प्रतिपादक = हर्लो => शरीर रचना का सिद्धांत = शैल्डन => व्यक्तित्व मापन के जीव सिद्धांत के प्रतिपादक = गोल्डस्टीन : शिक्षा मनोविज्ञान भाग- 1 याद करने की (TRICK) †******************LG********* *********† शिक्षा मनोविज्ञान (Educational Psychology) :"मनोविज्ञान सीखने से सम्बंधित मानव विकास के 'कैसे सीखा जाए' की व्याख्या करती है, शिक्षा सीखने के 'क्या सिखा जाए' को प्रदान करने की चेष्टा करती है।" -क्रो व क्रो मनोविज्ञान मानव व्यवहार का अध्ययन करता है और शिक्षा मानव व्यवहार में परिवर्तन करती है, अतः शिक्षा और मनोविज्ञान में गहन सम्बन्ध है। शिक्षा क्या है? शिक्षा शब्द संस्कृत के 'शिक्ष्' धातु से बना है, जिसका अर्थ है : सीखना अंग्रेजी शब्द एजुकेशन (Education) लैटिन भाषा के एडुकेयर (Educare) एवं एडुसीयर (Educere) से बना है, जिसका अर्थ है 'नेतृत्व देना, बाहर लाना' TRICK : MEL (Motivation & Education both are origin from Latin word) भारतीय मनीषियों ने 'सा विद्या या विमुक्तये' कहकर शिक्षा को मुक्ति का साधन माना है। गाँधीजी ने शिक्षा सर्वांगीण विकास (आत्मा, शरीर और मस्तिष्क के विकास) की प्रक्रिया माना है। शिक्षा बालक में अन्तर्निहित शक्तियों को उभारकर उन्हें पूर्ण विकसित करती है। शिक्षा का अर्थ : (A). संकुचित सन्दर्भ में (प्राचीन दृष्टिकोण) : 1. 19वीं सदी के उत्तरार्द्ध (1879) तक 2. औपचारिक शिक्षा (किताबी ज्ञान) 3. शिक्षा विद्यालय तक सीमित 4. ज्ञानात्मक पक्ष पर बल 5. सैद्धान्तिक पक्ष पर बल (B). व्यापक सन्दर्भ में (नवीन दृष्टिकोण) : 1. 1879 से अब तक (20वीं सदी) 2. अनौपचारिक शिक्षा 3. शिक्षा जीवन पर्यन्त 4. सर्वांगीण विकास पर बल 5. व्यावहारिक पक्ष पर बल मनोविज्ञान क्या है? मनोविज्ञान के अंग्रेजी पर्याय साइकोलॉजी (Psychology) शब्द की उत्पत्ति यूनानी (ग्रीक) भाषा केसाइकी (Psyche) और लोगस (Logos) से हुई है।साइकी का अर्थ है 'आत्मा' और लोगस का अर्थ है 'अध्ययन'। अतः मनोविज्ञान का शाब्दिक अर्थ है 'आत्मा का अध्ययन'। अमरीकी विद्वान विलियम जेम्स (1842-1910) ने मनोविज्ञान को दर्शनशास्त्र के शिकंजे से मुक्त कर एक स्वतंत्र विद्या का रूप दिया। इसलिए इन्हे मनोविज्ञान का जनकमाना जाता है। मनोविज्ञान की उत्पत्ति दर्शनशास्त्र के अंग के रूप में हुई। कालान्तर में मनोविज्ञान के अर्थ में परिवर्तन होता गया। जो इस प्रकार है : 1. आत्मा का विज्ञान : अरस्तू, प्लेटो, अरिस्टोटल औरडेकोर्टे आदि यूनानी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान माना, किन्तु आत्मा की प्रकृति की अस्पष्टता के कारण 16वीं शताब्दी में मनोविज्ञान का यह अर्थ अस्वीकृत कर दिया गया। TRICK-"आत्मा से आप यू अड़े" 1. आत्मा से-इन सभी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान माना 2. आ-अरस्तू (दार्शनिक) 3. प-प्लेटो (दार्शनिक) 4. यू-यूनानी दार्शनिक थे सभी 5. अ-अरिस्टोटल (दार्शनिक) 6. डे-डेकार्टे (दार्शनिक) 2. मस्तिष्क का विज्ञान : 17वीं शताब्दी में दर्शनीको ने मनोविज्ञान को मन या मस्तिष्क का विज्ञान कहा। इनमे इटली के प्रसिद्ध दार्शनिक पॉम्पोनॉजी के अलावा लॉक और बर्कली भी प्रमुख है। कोई भी विद्वान मन की प्रकृति तथा स्वरुप का निर्धारण नही कर सका, अतः यह परिभाषा भी मान्यता नही पा सकी। TRICK-"पलक की बाई मस्ति में" 1. प-पॉम्पोनॉजी (दार्शनिक) 2. लक-लॉक (दार्शनिक) की-silent 3. बा-बर्कली (दार्शनिक) 4. इटली-यह इटली के प्रसिद्ध दार्शनिक थे 5. मस्ति-इन सभी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को मस्तिष्क का विज्ञान माना 3. चेतना का विज्ञान : 19वीं शताब्दी के मनोविज्ञानकोंविलियम वुन्ट, विलियम जेम्स, वाइव्स और जेम्स सल्लीआदि ने मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान माना। इनका मानना था, कि मनोविज्ञान मनुष्य की चेतन क्रियाओ का अध्ययन करता है। मनोविज्ञान केवल चेतन मन का ही नही, बल्कि अचेतन और अवचेतन आदि प्रक्रियाओ का अध्ययन भी करता है। मनोविज्ञान का यह अर्थ सीमित होने के कारण सर्वमान्य न हो सका। मैक्डूगल ने अपनी पुस्तक 'आउटलाइन साइकोलॉजी' में चेतना शब्द की कड़ी आलोचना की। TRICK-"चेतना को विलियम ने सजवाइ" 1. चेतना-इन सभी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान माना को-silent 2. विलियम-विलियम वुन्ट ने-silent 3. स-सल्ली अर्थात जेम्स सल्ली (दार्शनिक) 4. ज-जेम्स अर्थात विलियम जेम्स (दार्शनिक) 5. वाइ-वाइव्स (दार्शनिक) 4. व्यवहार का विज्ञान : 20वीं शताब्दी के प्रारम्भिक दौर में मनोविज्ञान के अनेक अर्थ सुझाए गए, इनमे से "मनोविज्ञान व्यवहार का विज्ञान है।" अर्थ सर्वाधिक मान्य रहा। इस सम्बन्ध में कुछ महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ निम्नलिखित है : 1. वाटसन : मनोविज्ञान, व्यवहार का निश्चित विज्ञान है। 2. वुडवर्थ : मनोविज्ञान वातावरण के सम्बन्ध में व्यक्ति की क्रियाओ का वैज्ञानिक अध्ययन है। 3. स्किनर : मनोविज्ञान, जीवन की सभी प्रकार की परिस्थितियों में प्राणी की प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है। or मनोविज्ञान, व्यवहार और अनुभव का विज्ञान है। 4. मन : आधुनिक मनोविज्ञान का सम्बन्ध व्यवहार की वैज्ञानिक खोज से है। 5. क्रो व क्रो : मनोविज्ञान मानव व्यवहार और मानव सम्बन्धो का अध्ययन है। 6. मैक्डूगल : मनोविज्ञान जीवित वस्तुओ के व्यवहार का विधायक विज्ञान है। उपर्युक्त तथ्यों के आधार पर हम वुडवर्थ के शब्दों में इस निष्कर्ष पर पहुँचते है : "सबसे पहले मनोविज्ञान ने अपनी आत्मा का त्याग किया। फिर उसने अपने मन या मस्तिष्क का त्याग किया। उसके बाद उसने चेतना का त्याग किया। अब वह व्यवहार की विधि को स्वीकार करता है।" TRICK-सिवम (शिवम) व्यवहार में वुड (लकड़ी/wood सा कठौर) के जैसा" 1. सि-स्किनर (दार्शनिक) 2. व-वाटसन (दार्शनिक) 3. म-मन (दार्शनिक) 4. व्यवहार-इन सभी ने मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान माना 5. में-मैक्डूगल (दार्शनिक) 6. वुड-वुडवर्थ (दार्शनिक) 7. के-क्रो व क्रो (दार्शनिक) जैसा-silent शिक्षा मनोविज्ञान भाग-II शिक्षा मनोविज्ञान का शाब्दिक अर्थ है : शिक्षा सम्बन्धी मनोविज्ञान अर्थात यह शिक्षा की प्रक्रिया में मानव व्यवहार का अध्ययन करने वाला विज्ञान है। शिक्षा मनोविज्ञान के अर्थ का विश्लेषण करने के लिए स्किनर ने निम्नलिखित तथ्य प्रस्तुत किए है : 1. शिक्षा मनोविज्ञान का केंद्र मानव व्यवहार है। 2. शिक्षा मनोविज्ञान खोज और निरिक्षण से प्राप्त तथ्यों का संग्रह करता है। 3. शिक्षा मनोविज्ञान संगृहीत ज्ञान को सिद्धान्त रूप देता है। 4. शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा की समस्याओ के समाधान के लिए पद्धतियों का प्रतिपादन करता है। शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषाएँ : 1. स्किनर : शिक्षा मनोविज्ञान के अंतर्गत शिक्षा से सम्बन्धित सम्पूर्ण व्यवहार और व्यक्तित्व आ जाता है। 2. क्रो व क्रो : शिक्षा मनोविज्ञान, व्यक्ति के जन्म से वृद्धावस्था तक सिखाने के अनुभवों का वर्णन और व्याख्या करता है। 3. कॉलसनिक : शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान के सिद्धान्तों और अनुसन्धान का शिक्षा में प्रयोग है। 4. स्टीफन : शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षणिक विकास का क्रमिक अध्ययन है। 5. सॉरे व टेलफ़ोर्ड : शिक्षा मनोविज्ञान का मुख्य सम्बन्ध सिखने से है। यह मनोविज्ञान का वह अंग है, जो शिक्षा के मनोवैज्ञानिक पहलुओ की वैज्ञानिक खोज से विशेष रूप से सम्बन्धित है। उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है, की : 1. शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों में मानव व्यवहार का अध्ययन करता है। 2. श���क्षा मनोविज्ञान शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया को अधिक सरल व सुगम बनाता है। 3. शिक्षा मनोविज्ञान की प्रकृति वैज्ञानिक है, क्योंकि इसके अध्ययन में वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग होता है। 4. शिक्षा मनोविज्ञान में मनोविज्ञान के सिद्धांतो व विधियों का प्रयोग होता है। शिक्षा मनोविज्ञान के उद्देश्य : स्किनर ने शिक्षा मनोविज्ञान के उद्देश्यों को दो भागो में विभाजित किया है- 1. सामान्य उद्देश्य : (i). सिद्धांतो की खोज तथा तथ्यों का संग्रह करना। (ii). बालक के व्यक्तित्व का विकास करना । Read the full article
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HTET-CTET-REET Child Development Psychology Notes & GK Quesions, Study Material. Get HTET-CTET-REET Child Development Psychology Notes GK, Study Material from here. Click on given URL to download HTET-CTET-REET Child Development Psychology Notes & GK Quesions, Study Material. Get HTET-CTET-REET Child Development Psychology Notes GK.. किसको ‘बीसवीं शताब्दी को बालक की शताब्दी कहा जाता है? – एडलर   शिक्षा का शाब्दिक अर्थ क्या है? – नेतृत्व देना   प्लेटो के अनुसार शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य किस तरह का विकास था? – व्यक्तित्व विकास   सतत् श्रेणी में आंकड़ों का व्यवस्थापन करने के लिए कौन-सा वर्गीकरण उपयोग में लाया जाता है? – संख्यात्मक   शिक्षण के क्रियात्मक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पाठ्यक्रम में किस पर जोर दिया जाता है? – क्रिया एवं प्रयोग   बालक की कमजोरी के क्षेत्रों का पता लगाने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है? – निदानात्मक परीक्षण   मनोविज्ञान को आरम्भ में क्या कहा जाता था? – आत्मा का विज्ञान   थॉर्नडाइक ने अधिगम के कितने गौण नियम बताए हैं? – 5   किस नियम के अनुसार प्रतिभाशाली माता-पिता की सन्तान निम्न कोटि की होती है? – प्रत्यागमन का नियम   ‘बालकों के प्रयास की इच्छा जीवित रखिए।’ यह किसका कथन है? – जेम्स का
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बाल्यावस्था कौनसे वर्ष तक होती है? – 5-12 वर्ष तक   जीवन इतिहास विधि का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया था? – टाइडमैन ने   शिक्षा क्या है? – जीवनपर्यन्त चलने वाली एक प्र​क्रिया   ‘Statistics’ शब्द की उत्पत्ति किस भाषा से मानी जाती है? – लैटिन, जर्मन और इटैलियन   पाठ्यक्रम कैसा होना चाहिए? – शिक्षा-व्यवस्था, परीक्षा-प्रणाली और समाज एवं परिवेश के अनुरूप   संक्रिया-उत्पाद, त्रि-आयामी और प्रज्ञा-संरचना इनमें से गिलफार्ड ने कौन-सा बुद्धि सिद्धान्त किया? – उपरोक्त सभी   मनोविज्ञान के अन्तर्गत किसका अध्ययन किया जाता है? – अभिवृत्तियों, रुचियों और अभिक्षमताओं का   वुडवर्थ के अनुसार स्मृति के कितने अंग होते हैं? – 4   बालक के लिए खेल का महत्व क्या है? – शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास   ‘सीखना, विकास की प्रक्रिया है।’ यह किसका कथन है? – वुडवर्थ की
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किण्डरगार्टन शिक्षण पद्धति का विकास किसने किया? – फ्रोबेल ने   ‘शिक्षा’ और ‘मनोविज्ञान’ को जोड़ने वाली कड़ी कौन-सी है? – मानव व्यवहार   राष्ट्रीय जीवन में शिक्षा का कार्य क्या है? – राष्ट्रीय एकता का विकास करना   ‘शिक्षा को मनुष्य और सम्पूर्ण समाज का निर्माण करना चाहिए।’ यह किसका कथन है? – डॉ. राधाकृष्णन   बालकों के स्वभाव को समझने के लिए शिक्षकों को किसका अध्ययन करना चाहिए? – बाल मनोविज्ञान   बुद्धि-परीक्षणों का जनक किसको कहा जाता है? – बिने को   मनोविश्लेषण सम्प्रदाय की स्थापना करने का श्रेय किसका है? – सिगमण्ड फ्रॉयड   चिन्हों द्वारा सीखना सिद्धान्त किसके प्रतिपादक है? – टॉलमैन   खेल के पूर्व अभिनय सिद्धान्त का प्रतिपादन किसने किया था? – मालब्रेन्स   गेस्टाल्टवादियों ने अधिगम का कौन-सा सिद्धान्त दिया? – अन्तर्दृष्टि का सिद्धान्त
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‘परिवर्तन की अवस्था’ किसको कहा गया है? – किशोरावस्था को मनोविज्ञान की प्रथम प्रयोगशाला कब स्थापित हुई थी? – 1879-जर्मनी   ‘शिक्षा ही राष्ट्रीय एकता का आधार है’ यह कथन किसका है? – जवाहरलाल नेहरू   प्रतिभाशाली बालकों में किस अवस्था के लक्षण शीघ्र दृष्टिगोचर होते हैं? – ​किशोरावस्था के   बाल मनोविज्ञान में किसका अध्ययन किया जाता है? – बालक के जन्म के पूर्व गर्भावस्था से लेकर किशोरावस्था तक का   टर्मन के अनुसार सामान्य बुद्धि कितनी होती है? – 90-110   कार्ल सी. गैरीसन ने किस विधि का अध्ययन किया था? – लम्बात्मक विधि   ‘प्रेरणा’ शब्द का मनोवैज्ञानिक अर्थ क्या है? – आन्तरिक उत्तेजना   ‘खेल-खेल’ में ज्ञान प्रदान करने की पद्धति कौन-सी है? – मॉण्टेसरी   ‘सीखने के सफल अनुभव अधिक सीखने की प्रेरणा देते हैं’ किसका कथन है? – फ्रैंडसन
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जीवन के किस काल को तूफान तथा संघर्ष की अवस्था कहा जाता है? – किशोरावस्था को   बुद्धि की अवधारणा को समझाने हेतु गिलफोर्ड ने किस अवधारणा का प्रयोग किया था? – कन्टेन्ट, प्रॉडक्ट और ऑपरेशन   राष्ट्रीय एकता का प्रमुख आधार क्या है? – शिक्षा   अन्धे बालक किस लिपि के द्वारा पढ़ सकते हैं? – ब्रेल लिपि   बालक के सामाजिकता का परीक्षण किस विधि द्वारा किया जाता है? – समा��मिति ​विधि   बुद्धि का द्वि-तत्व सिद्धान्त किसने दिया? – स्पीयरमैन   शिक्षक की सफलता का रहस्य क्या है? – मनोविज्ञान का ज्ञान   ‘बुद्धि, कार्य करने की एक विधि है।’ यह किसका कथन है? – वुडवर्थ   ‘खेल प्रणाली’ का जन्मदाता कौन है? – फ्रोबेल   ‘करके सीखना’ किस अवस्था के लिए उपयुक्त होता है? – शैशवावस्था, बाल्यावस्था और किशोरावस्था   जीवन की किस अवस्था को सुखद वर्षा तथा प्रकाश की अवस्था कहा जाता है? – किशोरावस्था को   Join Whats App Group
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