गुरू सोई सत्य शब्द बतावै। और गुरू कोई काम न आवै।।
गुरू भी वही पूर्ण है जो सत्य मंत्र देता है, अन्य गुरू कुछ काम नहीं आता। गुरू को पल-पल देखो और प्रणाम करो
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नाम सुमरले सुकर्म करले, कौन जाने कल की । खबर नही पल की ॥
परमात्मा कबीर जी ने बताया है कि हे भोले मानव (स्त्री/पुरुष)!
परमात्मा का नाम जाप कर, शुभ कर्म कर।
पता नहीं कल यानि भविष्य में क्या दुर्घटना हो जाएगी। एक पल का भी ज्ञान नहीं है।
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संत रामपाल जी ने अपना पूरा जीवन मानव समाज तक सतभक्ति और सत्यज्ञान पहुँचने के लिए न्योछावर कर दिया। इसी कड़ी में उन्होंने सर्वप्रथम अपनी नौकरी से त्यागपत्र दिया व उसके बाद दिन-रात संघर्ष कर घर-घर जाकर सत्यज्ञान की अलख जगाई। वास्तव में संत रामपाल जी महाराज का जीवन मानव कल्याण के लिए संघर्ष का पर्याय बन गया।
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संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है कि सारा विश्व बुराइयों से मुक्त हो, जिससे विश्व में शांति स्थापित हो सके। आपसी भाईचारा कायम हो, धरती स्वर्ग समान बने, हर इंसान सुखी हो। इसके लिए संत रामपाल जी महाराज दिन-रात संघर्ष कर रहे हैं
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आज देश दुनिया में जाति मजहब को लगातार लड़ाई झगड़े देखने को मिल रहे हैं लेकिन संत रामपाल जी पूरी दुनिया में शांति हो, जाति मजहब की दीवार समाप्त हो, भाईचारे की कोपले पुनः लोगों के अंदर प्रफुल्लित हों इसके लिए दिन रात संघर्ष कर रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज का नारा है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
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