#संचार मोबाइल और स्मार्ट स्मार्ट इंडिया
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गेमर्स के लिए OnePlus वॉच का साइबरपंक 2077 लिमिटेड एडिशन 24 को देखें, देखें
गेमर्स के लिए OnePlus वॉच का साइबरपंक 2077 लिमिटेड एडिशन 24 को देखें, देखें
असोसिएट्स: गेमर्स को यह स्मार्ट स्मार्ट पसंद है 9 मोबाइल्स के साथ आई घड़ी थी उत्पाद के उत्पादों की भारत में बंपर बिक्री नई दिल्ली।वनप्लस ने अपनी जांच रिपोर्ट की है वनप्लस वॉच विशेष रूप से तैयार किए जाने वाले विशेषांक वाले व्यक्ति को विशेष रूप से तैयार किया जाता है। वनप्लस वॉच साइबरपंक 2077 लिमिटेड एडिशन देखने की दृष्टि से भी, यह दृष्टिहीन भी होगा। की लिमिटेड किया है है है है है । इस तरह के वैक…
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#चैवाच साउबरपंक 2077 लिमिटेड#ताजा खबर#मुख्य बातें#वनप्लस 9 सीरीज के मोबाइल की कीमत#वनप्लस घड़ी#वनप्लस बैंड और वनप्लस वॉच की कीमत भारत#वनप्लस वॉच लॉन्च प्राइस इंडिया#वनप्लस वॉच साइबरपंक 2077 एडिशन की कीमत#वनप्लस वॉच साइबरपंक 2077 लिमिटेड एडिशन#वनप्लस वॉच साइबरपंक 2077 संस्करण स्ट्रैप लीक लॉन्च वनप्लस वॉच के पास हो सकता है#वैचवैच वैभव इंडिया#संचार मोबाइल और स्मार्ट स्मार्ट इंडिया#समाचार#समाचार समाचार#हिन्दी में समाचार
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अपनी प्रेस रिलीज़ के लिए M360 मीडिया वायर इस्तेमाल करने के 10 कारण Divya Sandesh
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अपनी प्रेस रिलीज़ के लिए M360 मीडिया वायर इस्तेमाल करने के 10 कारण
एक प्रेस रिलीज लोगों, संगठनों या संस्थानों के दृश्यता, विश्वसनीयता, प्रतिष्ठा, प्रतिष्ठा (और अप्रत्यक्ष रूप से) राजस्व में सुधार के साथ जुड़ा हुआ है। हालाँकि, समाचार मीडिया नेटवर्क को अपनी प्रेस रिलीज़ वितरित करना एक थकाऊ, समय लेने वाला कार्य हो सकता है, और इसके अलावा, यदि कोई इसे कवर नहीं करता है, तो इसे लिखने और जारी करने में क्या बात है !?
यह वह जगह है जहाँ मीडियावायर आपकी मदद करने के लिए कदम रख सकता है। मीडियावायर टाइम्स ऑफ़ इंडिया ग्रुप द्वारा लॉन्च किया गया एक अनूठा उत्पाद है, जो भारत का सबसे बड़ा डिजिटल मीडिया हाउस है; वह आपको टाइम्स समूह के डिजिटल प्लेटफॉर्म या उनके साथी प्रकाशकों के उपयोग से अपने दर्शकों के साथ संवाद करने में सक्षम बनाता है।
मीडियावायर एक स्व-प्रकाशन, भविष्य के लिए तैयार, डिजिटल पीआर प्लेटफॉर्म है जो आपकी रिहाई के अनुकूलन के लिए उपकरणों का एक बड़ा शस्त्रागार प्रदान करता है। यह आपको न केवल आपकी स्टोरी ’प्रकाशित करने का अधिकार देता है, बल्कि एक विपणन उपकरण के रूप में भी कार्य करता है, जो एक निश्चित और औसत दर्जे का कवरेज प्रदान करता है।
M360 कई प्लेटफार्मों पर सामग्री बनाने, संलग्न करने और मुद्रीकृत करने के लिए एक स्मार्ट प्रकाशक मंच है। पृष्ठों पर एक लॉगिन और कम टैग के तहत सब कुछ के साथ, प्रकाशक एआई-इंजन संचालित विजेट और लिस्टिंग पृष्ठों के माध्यम से सामग्री निर्माण, विमुद्रीकरण और पृष्ठ सामग्री सुविधाओं पर नियंत्रण के साथ तेज, उत्तरदायी और आकर्षक मोबाइल वेब पोर्टल और अनुप्रयोगों को सुनिश्चित कर सकते हैं।
यहाँ कुछ बेमिसाल फ़ायदे हैं जो मीडियावायर ने किसी अन्य भुगतान किए गए PR प्लेटफ़ॉर्म से ऊपर हैं:
1. Guaranteed Coverage : जिस संचार को आप लेने के लिए भेजते हैं और कुछ अस्पष्ट प्रकाशन के पत्रका��� द्वारा कवर किया जाता है, उसके लिए आपको अब और चिंता या प्रतीक्षा नहीं करनी होगी। मीडियावायर आपको अपनी पसंद के किसी भी प्रीमियम समाचार पोर्टल (ओं) पर अपनी प्रेस रिलीज़ की गारंटीकृत कवरेज देता है।
न केवल आपका लेख आपकी पसंद के मंच पर दिखाई देगा, यह उस अनुभाग में भी घोंसला करेगा जो आप चाहते हैं, अपनी कहानी की संभावना को अधिकतम रूप से उन दर्शकों द्वारा प्रभावी रूप से पढ़ा जा सकता है जिन्हें आप लक्षित करना चाहते हैं।
2. Communication carried verbatim : आपको अपने संचार के विकृत होने के बारे में भी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, या बस इसका एक हिस्सा किया जाता है, या यह अनुवाद में खो जाता है। मीडियावायर यह सुनिश्चित करता है कि आपकी प्रेस रिलीज़ को बिना किसी विकृति के शब्दशः किया जाए, यह सुनिश्चित करते हुए कि Story योर स्टोरी ’आपके शब्दों में संप्रेषित है।
3. Lend Credibility to your story : मीडियावायर आपकी स्टोरी ’को विश्वसनीयता प्रदान करता है क्योंकि यह आपको प्रासंगिक श्रेणी के तहत भारत के कुछ सबसे प्रीमियम डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपना संचार प्रकाशित करने में सक्षम बनाता है।
4. Wide range of Language publications available : डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ने भारतीय उपभोक्ताओं के बीच प्रौद्योगिकी अपनाने को बढ़ावा दिया है।
मैकिन्से की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में दस में से नौ नए इंटरनेट ग्राहक अंग्रेजी नहीं बोलते हैं और वे मौखिक सामग्री का उपभोग करेंगे। उन विज्ञापनदाताओं की मदद करने के लिए जो अपने लक्षित दर्शकों के खानपान के महत्व को महसूस करते हैं, जिस भाषा में वे पसंद करते हैं, मीडियावायर आपको हिंदी, मराठी, बंगाली, गुजराती, मलयालम, तमिल, कन्नड़, पंज��बी, आदि सहित सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में अपनी कहानी जारी कर सकता है।
5. Search Engine Optimization : मीडियावायर के पास एक समर्पित टीम है जो मीडियावायर के माध्यम से प्रकाशित सभी लेखों को एसईओ अनुकूलित करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आपके लेख गूगल, याहू या बिंग जैसे सभी खोज इंजनों पर समाचार अनुभाग में आपके प्रतिस्पर्धियों के ऊपर रैंक करते हैं।
6. Specific Targeting : यदि आपके ग्राहक या हितधारक केवल टियर II शहरों में स्थित हैं, तो टियर I शहर के दर्शकों द्वारा आपके लेख का कोई मतलब नहीं है। ताकि आपको अधिकतम आरओआई मिले, मीडियावायर आपको अपने लेखों के विशिष्ट भू-लक्ष्यीकरण करने में सक्षम बनाता है।
7. Your press release is available till perpetuity : प्रिंट के विपरीत, मीडियावायर के माध्यम से प्रकाशित आपकी प्रेस विज्ञप्ति कभी भी बासी खबर नहीं बनती। एक बार मीडियावायर के माध्यम से जारी होने के बाद, लेख लिंक जो उत्पन्न होता है वह प्रकाशन सर्वर पर स्थायीता तक रहता है। आप इसे संदर्भित करने या अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया हैंडल और वेबसाइट के माध्यम से प्रसारित करने के लिए कभी भी वापस जा सकते हैं।
8. Content writing Services : यदि आपके पास एक एजेंसी या इन-हाउस टीम नहीं है जिसमें प्रेस विज्ञप्ति लिखने की विशेषज्ञता है, तो Mediawire की संपादकीय टीम आपकी प्रेस विज्ञप्ति को तैयार करने में मदद कर सकती है या आपकी मार्केटिंग / संचार टीम के परामर्श से उनका अनुवाद कर सकती है।
9. Rich Multimedia Format : प्रिंट कहानियों की अपनी सीमाएँ हैं। हालाँकि, अपने लेख को डिजिटल रूप से जारी करने के कई फायदे हैं, जिसमें आपको अपने लक्षित दर्शकों के लिए रोचक और इंटरैक्टिव बनाने के लिए एक समृद्ध इमर्सिव प्रारूप में ऑडियो, वीडियो, एनिमेटेड इमेज, सोशल मीडिया एम्बेड, हाइपरलिंक को सम्मिश्रण देने सहित कई फायदे हैं।
10. Measure the impact of your story : आपके अभियान के अंत में, मीडियावायर टीम उन आँकड़ों को साझा करेगी जो दिखाते हैं, कि कितने लोगों ने आपकी रिलीज़ देखी, जहाँ यह ऑनलाइन दिखाई दिया, विचारों की संख्या आदि, ताकि आप अपनी कहानी की पहुँच को माप सकें। यदि आवश्यक हो तो लीड पीढ़ी के फॉर्म भी आपके लेखों में एम्बेड किए जा सकते हैं।
प्रेस रिलीज़ वितरण एक महत्वपूर्ण गतिविधि है जो आपके व्यवसाय या संगठन की ब्रांड छवि और प्रतिष्ठा में योगदान देता है। अपने जी को प्राप्त करने के लिए एक प्रेस विज्ञप्ति के लिए।
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‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2018’ का दूसरा संस्करण दिल्ली में शुरू
भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन मार्केट है।
डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने में मोबाइल फोन के ज़रिए सूचना क्रांति का महत्वपूर्ण योगदान होगा। इससे जुड़��� मसलों और चुनौतियो�� पर मंथन करने के लिए ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2018’ का दूसरा संस्करण गुरूवार से दिल्ली में शुरू हुआ। भारत दूरसंचार और सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन विभाग द्वारा आयोजित ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2018’ का दूसरा संस्करण दिल्ली में शुरू हुआ। 27 अक्टूबर तक चलने वाले टेक्नोलॉजी के इस महाकुंभ में 5 जी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स ,क्लाउड कम्प्युटिंग और सॉफ्टवेयर पर चर्चा हो रही है। इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2018 का थीम न्यू डिजिटल होराइजंस: कनेक्ट, क्रिएट और इनोवेट है। इस अवसर पर केंद्रीय टेलिकॉम मंत्री मनोज सिन्हा ने टेलिकॉम क्रांति में आम जन को केंद्र में रखने का आह्ववान किया तो वहीं केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सूचना क्रांति के साथ ही डेटा की सुरक्षा को लेकर भी सरकार गंभीर है.
इस मोबाइल कांग्रेस के पहले दिन टेलिकॉम क्षेत्र की दिग्गज हस्तियों ने भविष्य की तकनीक और मौजूदा चुनौतियों को लेकर अपने विचार साझा किए. टेलिकॉम सेवाओं को गाँव गाँव तक पहुँचाने के संकल्प के साथ बेहतर तकनीक के प्रयोग पर भी चर्चा की गई.. 5जी नेटवर्क की ओर बढ़ने से पहले संचार के क्षेत्र में ढ़ाचागत सुविधाओं के विकास और विस्तार मे बड़े निवेश की जरुरत पर जोर दिया। लेकिन उद्योग जगत इस बात को लेकर भी सतर्क दिखा की नयी तकनीक के दाम उपभोक्ताओं की पहुँच से बाहर ना हों.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क��� कहना है की तकनीक ही देश की तकदीर है. देश में स्मार्ट फोन यूज़र्स की बढ़ती संख्या ये साबित करती है की डिजिटल तकनीक के ज़रिए न्यू इंडिया के निर्माण में टेलिकॉम सेक्टर की भूमिका अहम है. इंडिया मोबाइल कांग्रेस इन्ही से जुड़े अहम मसलों पर मंथन करने का अहम मौका दे रहा है
Hindi News Latest Hindi News
Hindi News ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2018’ का दूसरा संस्करण दिल्ली में शुरू Read Latest Hindi News on Kranti Bhaskar.
source http://hindi-news.krantibhaskar.com/latest-news/hindi-news/38658/
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‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2018’ का दूसरा संस्करण दिल्ली में शुरू
भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन मार्केट है।
डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने में मोबाइल फोन के ज़रिए सूचना क्रांति का महत्वपूर्ण योगदान होगा। इससे जुड़े मसलों और चुनौतियों पर मंथन करने के लिए ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2018’ का दूसरा संस्करण गुरूवार से दिल्ली में शुरू हुआ। भारत दूरसंचार और सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन विभाग द्वारा आयोजित ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2018’ का दूसरा संस्करण दिल्ली में शुरू हुआ। 27 अक्टूबर तक चलने वाले टेक्नोलॉजी के इस महाकुंभ में 5 जी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स ,क्लाउड कम्प्युटिंग और सॉफ्टवेयर पर चर्चा हो रही है। इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2018 का थीम न्यू डिजिटल होराइजंस: कनेक्ट, क्रिएट और इनोवेट है। इस अवसर पर केंद्रीय टेलिकॉम मंत्री मनोज सिन्हा ने टेलिकॉम क्रांति में आम जन को केंद्र में रखने का आह्ववान किया तो वहीं केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सूचना क्रांति के साथ ही डेटा की सुरक्षा को लेकर भी सरकार गंभीर है.
इस मोबाइल कांग्रेस के पहले दिन टेलिकॉम क्षेत्र की दिग्गज हस्तियों ने भविष्य की तकनीक और मौजूदा चुनौतियों को लेकर अपने विचार साझा किए. टेलिकॉम सेवाओं को गाँव गाँव तक पहुँचाने के संकल्प के साथ बेहतर तकनीक के प्रयोग पर भी चर्चा की गई.. 5जी नेटवर्क की ओर बढ़ने से पहले संचार के क्षेत्र में ढ़ाचागत सुविधाओं के विकास और विस्तार मे बड़े निवेश की जरुरत पर जोर दिया। लेकिन उद्योग जगत इस बात को लेकर भी सतर्क दिखा की नयी तकनीक के दाम उपभोक्ताओं की पहुँच से बाहर ना हों.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है की तकनीक ही देश की तकदीर है. देश में स्मार्ट फोन यूज़र्स की बढ़ती संख्या ये साबित करती है की डिजिटल तकनीक के ज़रिए न्यू इंडिया के निर्माण में टेलिकॉम सेक्टर की भूमिका अहम है. इंडिया मोबाइल कांग्रेस इन्ही से जुड़े अहम मसलों पर मंथन करने का अहम मौका दे रहा है
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Hindi News ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2018’ का दूसरा संस्करण दिल्ली में शुरू Read Latest Hindi News on Kranti Bhaskar.
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प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, संचार मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री, वित्त मंत्री जनहित में ऐसी व्यवस्था करें थानेदार से डीजीपी तक एवं डीएम से लेकर चीफ सेकेटरी तक सब खुले रखे फोन, और व्हाटस एप मैसेज का दे जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 2014 में अपने सहयोगियों की मदद से लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया का उपयोग कर भाजपा को पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के लिये दिलाए गए जन संदेश के बाद सबको यह समझ गया कि बिना प्रचार पर पैसा खर्च किये सोशल मीडिया के माध्यम से घर घर तक पहुंचकर आम मतदाता से कम पैसों में ज्यादा संवाद कायम किया जा सकता है। इसके बाद मोदी जी और केंद्र सरकार के अन्य मंत्रियों व बड़े नेताओं ने जब सोशल मीडिया का उपयोग करना शुरू किया तो विपक्षी दलों में भी जागरूकता आयी और वो सक्रिय हुए तो पूरे देश में मोबाइल एप, व्हाटस ग्रुप, मेल और मैसेज के माध्यम से सोशल मीडिया का जो वर्चस्व बनना शुरू हुआ वो कुछ व्यक्तिगत स्वार्थांे वाले उन व्यक्तियों को जिनकी इसके कारण पहचान और आमदनी दोनों समाप्त होने लगी उनके द्वारा किये गए विरोध को छोड़कर मेरे जैसे अनपढ़ के अलावा हर स्तर पर जो जरा सा भी इल���क्ट्रिोनक माध्यमों से का जानकार है उसने सोशल मीडिया का उपयोग हर क्षेत्र में शुरू किया। जब केंद्र सरकार के तमाम मंत्रालय सोशल मीडिया को अपनाने लगे तो प्रदेश की सरकारें भी पीछे नहीं रहीं। तथा तमाम नेता, मंत्री व अधिकारी इस व्यवस्था का लाभ उठाने लगें और इसके माध्यम से जो फायदे विभिन्न प्रकार के मिलने शुरू हुए उसने करिशमाई अंदाज में सरकार के हर विभाग में सोशल मीडिया की पैंठ आज की तारीख में मजबूत कर दी। हो सकता है कि मेरी जानकारी गलत हो लेकिन जहां तक मुझे पता है और समय समय पर पढ़ने को मिला उसके हिसाब से पुलिस विभाग सहित सभी विभागों में व्हाटस एप ग्रु्रप तैयार करने और विभाग मुखियाओं को इस मामले में पूरी तौर पर अपडेट रहने के निर्देश देने के साथ साथ सरकारी विभागों के अफसरों को पुलिस विभाग सहित सीओजी नंबर उपलब्ध कराए गए और इससे संबंध स्मार्ट फोन में व्हाटस एप गु्रप और एप आदि संचालन की व्यवस्था दी गई। बताया जाता है कि इस पर सरकार का काफी बजट भी खर्च हुआ। लेकिन हर आदमी जो दूर दराज के कौने से अपने मोबाइल फोन से व्हाटस एप तथा मैसेज व मेल के माध्यम से अफसर जनप्रतिनिधियों मंत्री व मुखियमंत्रियों को अपनी व जन समस्याओं को बाहुबलियों धन बलियों या निरंकुश अधिकारियांे के द्वारा कोई ज्यादती जा रही है अथवा कोई ऐसी घटना हो रही है जिसे ठीक नहीं कहा जा सकता उसकी सूचना सब जिम्मेदारों को देने की व्यवस्था हुई। पीएम मोदी जी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जी तमाम प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने अपने अपने कार्य क्षेत्र में आने वाले अफसरों व अपने पार्टी के प्रतिनिधियों को व्हाटस पर सक्रिय होने और सोशल मीडिया पर जुड़कर जनता तक पहुंचने की हिदायत दी गईं लेकिन कुछ अफसर विभिन्न बाहनों से अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिये व्हाटस एप व्यवस्था का उपयोग नहीं कर रहे और सीओजी नंबर पर आने वाले मोबाइल फोन भी सुनने को तैयार नहीं हैं। अगर कोई उठा लेता है तो तुरंत समस्या सुने बिना ही कनेक्शन काट देता है। पीएम मोदी जी इस कारण सोशल मीडिया का उपयोग कर दूर दराज के उन क्षेत्रों जहां का आदमी चलकर आसानी से जिला मुख्यालयों अथवा प्रदेश की राजधानी या केंद्र सरकार के मंत्रालयों विभागों तक नहीं पहुंच सकता। उसकी परेशानी अभी बरकरार हैं क्योंकि अफसर सुनने को तैयार नहीं हैं। पीएम नरेंद्र मोदी जी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह जी वित्त मंत्री अरूण जेटली साहब संचार मंत्री रवि शंकर मंत्री तथा केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी जी और राज्यवर्धन राठौर जी आपसे अनुरोध है कि अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर देश के आम नागरिकों को कम परेशानी के बिना ज्यादा पैसा खर्च किये सरकार और सरकारी विभागों से संबंध स���स्याओं के समाधान के लिये प्रदेश की सभी सरकारों को निर्देाश् दिए जाए। की वो अपने यहां के सभी विभागों के जिलों में बैठने वाले प्रदेश स्तर के विभागीय अधिकारियों तक को यह निर्देश दें कि एक तो वो अपने सीओजी नंबर खुले रखे और अगर मीटिंग में हैं तो उन्हे साइलेंट पर कर दे लेकिन फोन को हर हाल में खुला रखे जिससे पीडित व्यक्ति चाहे वो किसी भ प्रकार से हो अपनी बात व्हाटस एप के माध्यम से उन तक पहुंचा सकें। और फिर आए व्हाटस एप पर सूचना का ब्यौरा भी रखवाया जाए जिससे कोई भी अफपर चाहे थानेदार हो या डीजीपी किसी भी जिले का कलक्टेªट हो या चीफ सेकेटरी। सब अपने फोन पर व्हाटस एप मेल और मैसेज व्यवस्था को ख्ुाला रखे। जन समस्याओं के समाधान और सरकार की जनहित की योजनाओं का और शांति व्यवस्था व भाईचारा बनाए रखने कानून की जानकारी आम आदमी तक पहुंचाने के लिये उपर दी गई तीनों सोशल मीडिया की सुविधाओं का उपयोग करें। लेकिन अपने फोन को जरूर खुला रखे और अगर किसी वजह से सुनन नहीं पा रहे हैं तो बाद में अपने पीए के माध्यम से उस नंबर पर टेलीफोन मिलाकर या मैसेज बेचकर यह पता कराए कि उसे कोई परेशानी तो नहीं अगर है तो क्या है और किसससे संबंध है और फिर उसका समाधान प्राथमिकता से कराया जाए।
– रवि कुमार विश्नोईराष्ट्रीय अध्यक्ष – आॅल इंडिया न्यूज पेपर्स एसोसिएशन आईनासम्पादक – दैनिक केसर खुशबू टाईम्सMD –
www.tazzakhabar.com
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